Book Title: Agamsaddakoso Part 4
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agamdip Prakashan
View full book text
________________
(सुत्तंकसहिओ)
૪૨ ૧
सिप्पारिय शिल्पायमानो मेह-शिल्पने | थी ८८४.८८९,८९१,८९४.९१५,९३५, આશ્રિને
९४७,९५३: पन्न. १६६,१७५:
जीवा. १४.२९,३४,९२,१६३: सिप्पि [शिल्पिन्] शिल्पी, रीगर
पन्न. ८२.३०८,३१०,३११,३१५,३२०. उवा. २१; उव. १:
३२४.३२५,३५१,३६५,३७२,३७३.३७५, उत्त. ५०३:
४०१,४०४,४२८,४३७,४५९,४६३,४६९. सिप्पि [शुक्ति] छी५, बेन्द्रिय विशेष, ५२२,५२८ थी ५३०,५३३,५५४, ५५९थी ભાજન-વિશેષ
५६५,५७१,६०२ थी ६०६,६१३; जीवा. २२२: उत्त. १५९२;
जंबू. ३६२; उत्त. ११३५; सिप्पित्थी शिल्पीस्त्री शिल्पीनी स्त्री
अनुओ. २९९,३१० महानि. ३८२;
सियकमल [सितकमल) श्वेतम सिप्पिय [दे.पास-तृए विशेष
पण्हा. १९:
संथा. १५; भग.८१९;
सियरत्त [सितरक्त स३६-दास, स्त्री पुहिमi सिप्पिय [शिल्पिक]
આસક્ત जीवा. १८५;
उव. २२; सिप्पिया शिल्पिकारीगरी
सिया [स्यात्] एसोसिय(स्यात्) पन्न.६९;
आया. ५३७ थी ५३९; सिप्पिसंपुड [शुक्तिसम्पुट] छीपनु रोई
सूय. ६६७.६७०,६७१; पन्न. १४९;
सम. १०९; सिबिया [शिबिका] पासपी-विशेष, शिलि भग.२४,२५,४८,५०,५१,६९,७१,७७,८१, દેવની રાજધાની
८३,८६,८७,९०,१००,१०२,१०७,१०८, भग. ५२२: नाया. १८०
११०,१११,११३,१४३,१४४,१५२,१६०, . उब. २७; जंबू. ४६;
१८१,१८९,२२०,२२१,२२३,२३०,२४१,२४५, सिब्भ [श्लेष्मन्] ७, पणो, सीट
२४८,२५३ थी २५५,२६२,२७३,२८४, भग. ३६०
२८६,३२१,३२७,३३७,३३९,३४४,३४७, सिमिण स्वप्न स्वप्न
३४८,३५०,३५५,३६४,४०९,४३३,४३५, महानि. १३२;
४३६,४९८,५१२,५३३,५३६,५५३,५६० सिय [श्रित माश्रित, सम्बद्ध
थी ५६२,५६४,५६७,५७८ थी ५८०,६०७ आया. ४८;
थी ६१०,६४९,७००,७०६,७२२,७२४, सिय [सित स्त्री-पुत्र थी बंधाये, श्वेत. ७३४,७४१,७५३; आया. १७४; सूय. १०३:
नाया. १७५; जीवा. ९८,१६४; नाया. ८७,११८; पण्हा. ३४:
जंबू. २१७;
बुह.५४,५५; उव. २१; . दस. ४४;
वव. १५ थी १८; दसा. ४,३५; सिय [स्यात् हयित, ओ मे अपेक्षा
दस. ९,१०३; उत्त. २७६; आया. ४२१; सम. २५२; सियाल [श्रृगाल] शिया भग.६६७,६९७,७०६,७६१,७६५,७८०, आया. ३६१,४६४; सूय. ३५०; ७८६,८६४,८६८,८६९,८७३,८७५,८८१ ।। नाया. ३७.८७; पण्हा. ७,१६,
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org

Page Navigation
1 ... 420 421 422 423 424 425 426 427 428 429 430 431 432 433 434 435 436 437 438 439 440 441 442 443 444 445 446 447 448 449 450 451 452 453 454 455 456 457 458 459 460 461 462 463 464 465 466 467 468 469 470 471 472 473 474 475 476 477 478 479 480 481 482 483 484 485 486 487 488 489 490 491 492 493 494 495 496 497 498 499 500 501 502 503 504 505 506 507 508 509 510 511 512 513 514 515 516 517 518 519 520 521 522 523 524 525 526 527 528 529 530