Book Title: Agamsaddakoso Part 3
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agamdip Prakashan

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Page 428
________________ (सुत्तंकसहिओ) ૪૨૭ भूयाभिसंकण [भूताभिसङ्कणपाने:पहेनार || पुष्फि. ५; दस. ३६३ थी ३६५; भग. ९६५ भे[युष्माकम् तमे भूयाहिगरण [भूताधिकरण] प्राशिमोनेमधि:२५ || दसा. ९५,९६,१०३; आव. १०; -શસ્ત્રરૂપ उत्त. ३८२,७६७; दस. ४०१, भे/भवत् ५ भूयोवधाइणी [भूतोपघातिनी] पाएगीने हुः || नाया. ८७; पण्हा. ११ ઉપજાવનારી ભાષા भेउर [भिदुर] छिनछिनथनार दस. ३२२; आया. ८६,१६०,२३५,२३९,२६२; भूरि [भूरि प्रयु२, अत्यंत भेज [भिद्यतनो ४२ सूय. ३६४; विवा. ७; भूसण भूषण] सानो, घरेणु भेत्ता [भित्वामहीने आया. ५२०, भग. ४६४; सूय. ६५०,६६३,६६४; नाया. ३१,१३४ अंत. १३; जीवा. ३०७; पण्हा. १९,२३,३९,४३,४५; भेत्तु /भेत मेहनरनार उवा. १२,२८,३०, राय. २३; आया. ६७,९७; सम. १०९: जीवा. १८५: पन्न. २०५,२१७; भग. ४०३, दसा. ३; जंबू. ७६,१२१,३४४; उत्त. ५३४; भेत्तुं भेत्तुम् मेवा माटे भूसणधर [भूषणधर] धरेए परनार भग. ३०८; दस. ४२२; राय. ५,५९; जंबू. ५६,२२७; अनुओ. २६५; भूसणसद्द [भूषणशब्द/२isuRev भेतूण [भेतृन्] मेहनार ठा. ८१ __ महाप. ६६: भूसा [भूषा शोभा, हीति भेत्तूणं [भित्वामहीने ओह. २०२: उत्त. २५० भूसित भूषिता शोभायमान भेद [भेद] मेह, २, ४९ पा3g, तिथj, दसा. १०२,१०३; રાજનીતિ-દુશ્મનના પક્ષમાં ફુટ પાડી તેનું બળ भूसितांगी [भूषिताङ्गी] मत्स्त्री તોડવું, ચારિત્રભેદ, આયુક્ષય दसा. १०२; आया. १९५,५३९,५४० भूसिय [भूषित/शोभायमान ठा. १९८.२३७,३४७,४३२.९०० नाया. १८,६१: उव. ३१; भग. ३७,४५,११२,२६८,३८३.३८६, राय. १६,६५: जंबू. ६७,७३: ३८९,३९१,४२४ थी ४२६.४६७.५०८ दसा. १००,१०१: पिंड. १२७; ५२८,५३९,५५५.६१८.७७०,८४६.८५६ भूसियंगि भूषिताङ्गी महत्खी ८५९,८६०.१०१८ थी १०२०,१०२२ भग. ४६५ः १०२५,१०२६,१०३३ थी १०३६,१०३८: भे[भोस्] संबोधन पण्हा. १३,१६,१७,२०,३७; भग. २६७: नाया. ६८; उवा. १६: जीवा. ४६,४७,४९. अंत. १३; पण्हा . ११. ५०,६०,६६.१३०,१५३,१६४: Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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