Book Title: Agamsaddakoso Part 3
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agamdip Prakashan
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(सुत्तंकसहिओ)
भग. ५१,२२५, २४१, २८८, ३६३, ४२५,
४३५, ८४२,८६०, ९७८;
नाया. ९३, १४४;
पण्हा. ४१, ४४; जीवा. ३९३ थी ३९८;
उव. १:
पन्न. ३३८,३४०, ४२६, ४३७,४४१, ४४८, ४५०,४७०, ४७३,४९८ थी ५०५,५१०, ५२२.५३८,५४६, ५४८;
जंबू. १४०, २५८;
सूर. ३३;
उत्त. ११७;
मनूसखेत्त [मनुष्यक्षेत्र ] मनुष्य क्षेत्र
पन्न. ५२१;
मनूसत्त (मनुष्यत्व ] मनुष्यप पन्न. ४३७, ६०४ थी ६०६: मनूसपरिसा [मनुष्यपर्षदा] भाए|सोनी सभा
उव. ४१;
मनूसाउय [मनुष्यायुष्क] मनुष्यनुं खायुष्य
पन्न. ५४१;
मनूसी [ मानुषी ] मनुष्य स्त्री जीवा. ३९४;
मनो [मनस्] भन, यित्त
ठा. ६५८, ६९०,८७२,८७५१ मनोगम [मनोगम] खेड हेव विमान
उव. २६;
मनोगय [ मनोगत ] मनमा रहेस
आया. ५३५;
भग. ११२, १६०, १७२, २२९,३९५,४६३,
५०६,५२८,५३१,५८७,६३९,६५२,६५५,
जंबू. ३४४;
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सम. १४;
६७४,७५६;
नाया. २०,४६, ६७, ७५, ८७, १४४, १४५,
१४९,१५७,१५९,२२०:
उवा. १४, २०, २९, ३२, ३४, ४०, ४२; अंत. ५, १०, १३, ३४, ३८, ४०, ४९; अनुत्त. १०, १३; विवा. ६,९,१३,२०, ३० थी ३३,३७,
राय. ७,४१,५४, ६२ थी ६४,८१,
जीवा. १७९;
निर. ७;
वहि. ३;
नंदी. ८२;
मनोगुलिया [मनोगुलिका ] पीडिडा
जंबू. ६७, २२७: पुप्फि. ५:
दसा. १०२,१०३:
राय. २९,३६,३९,४२,
जीवा. १६९,१७३, १७५, २९४, जंबू. १४३ :
मनोज [मनोज] गुमखेड वनस्पति जंबू. ३२; मनोगुम्म [ मनोगुल्म] मो 'उपर '
पन्न. ५३;
जीवा. १८५;
मनोजा [मनोज] सुंध्र, मनोहर
भग. ८२७;
मनोदव्ववग्गणा [मनोद्रव्यवर्गणा ] मनना पुछ्गल દ્રવ્યનો સમૂહ
भग. २३६,६१९;
मनोनुकूल [मनोनुकूल] भनगम
जीवा. १८५; मनोमय [ मनोमय ] मानसि
सूर. १९७
૪૬૩
पण्हा. १६;
मनोमानसिय [मनोमानसिकj मनमा रहेतुं
( मानसिङ) हु:भ
आया. ५३५;
भग. ५८८, ३५५; अंत. १३:
नाया. २०, ३१;
निर. १५:
राय. ८४;
मनोरम [ मनोरम] मनोहर, सुंदर, खेड हेवविभान, આઠમા દેવલોકના ઇંદ્રના યાનનો દેવતા, એક શિબિકા, પક્ષના બીજા દિવસનું નામ, રૂચક દ્વીપનો દેવતા
सूय. ३६४; भग. ३९१,४४०, ४४३, ५०६ ;
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नाया. १०३, १०६; विवा. ३७; जीवा. २९९;
सूर. ३६;
सम. ११, १८;
पन्न. ५९०,५९२; जंबू. २०३,२३४;
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