Book Title: Agamsaddakoso Part 3
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agamdip Prakashan
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૪૯૨
आगमसद्दकोसो
सूय. ६९१: ठा. ४०७,९०१; भग. १९४; जीवा. १८,१८५; पन्न. ३०
दस. ४२,८३ः उत्त. १५४९; अनुओ. १६१: महिला [महिला] स्त्री, नारी
ठा. ८१९: नाया. ४६,४७; पहा. १९,२०,२३,४३: विवा. २१,३१, जंबू. ३४,४३,१०१,१०९; भत्त. ११४ थी ११७,१२५,१२८; संथा. ५;
अनुओ. ३०३; महिलापसंगसेवी /महिलाप्रसङ्गसेविन] स्त्रीनोसंग કરનાર
भत्त. १४३, महिलिय [महिलिय] नारी, स्त्री
तंदु. १३; महिलिया [महिलिका] नारी, स्त्री जंबू. ९३: भत्त. ११९; तंदु. १४३: अनुओ. २३५,३०३; महिवइ [महीपति] पृथ्वी पति-शी
जंबू. ८५; महिवइमह [महीपतिमथ] महारा
उव. १: महिस [महिष/ust, जीवनानुथिन्
आया. ३६१,४६३,४६४.४७२; सूय. ६६३,६६७,७९४: ठा. ७०२: भग. १३०,३९८: । नाया. ४३,६४,८५.८७.११३,१७६: उवा. ५:
अनुत्त. १०; पण्हा. ७,११.१९.२१.२४; विवा. ६,२४,२९,३१,३२: उव. १,६.१०.२६.४८,५०ः राय. १५,२३,४८,७५,८२; जीवा. ९८,१६४,१८५.३२४;
पन्न. १६१,२२६,३७८ः जंबू. ६२,८०: दसा. ३५,४९: उत्त. ६७१,१३२२; नंदी. ४६;
अनुओ. २४९,३०३: महिसकरण [महिषकरण] ५सी ने पो બનાવવો તે
आया. ५००: निसी. ७६९,१२५३; महिसजुद्ध [महिषयुद्ध/ नु युद्ध
आया. ५०३,५०५; निसी. ७७०,१२५४; महिसट्ठाणकरण [महिषस्थानकरण] ५।। माटे
સ્થાન કરવું તે
आया. ५०३,५०५; महिसत्त [महिषत्व] 431५९j
विवा. १७; महिसपोसय [महिषपोषक] पाने पाणनार
निसी. ६०१; महिसाणिय [महिषानीक] पानी सेना
टा. ४३८,६८२; महिसाणियाधिपति [महिपानीकाधिपति] પાડાની સેનાનોઅધિપતિ
ठा. ४३८; महिसाणियाधिवति [महिपानीकाधिपति]
ठा. ४३८,६८२ महिसाणियाहिवइ [महिपानीकाधिपति]
टा. ४३८; महिसी [महिषी] 4151, सेंस, राए। जीवा. १८५: . पन्न. ३७८ः जंबू. ३७,३३५: पिंड. १३२ः
अनुओ. २३८: महिस्सर [महेश्वर] पृथ्वीनोस्वामी ठा. ९८;
देविं. ७१; मही [मही] पृथ्वी, धरती
सूय. ३६४; टा. ४५०,५१३: निसी. ७८८: बुह. १३७;
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