Book Title: Agamsaddakoso Part 3
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agamdip Prakashan
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પ૨૦
आगमसद्दकोसो
विवा. २३,३३,३७; उव. ३१; मुंजइ [मौजकिन्] श्य५ गोत्रनी में , राय. ५,११,१५,२३,४४,५८,७५;
તેનો પુરુષ जीवा. १६४,१७२,१७९,१८१,१८५; ठा. ६०२ पन्न. २०३,२०५,२१७,२२६,५८२; मुंजकार [मुञ्जकार] घासनी छोरी जनावना२ सूर. १२६,१९२; चंद. १३०,१९६; अनुओ. २५१: जंबू. १५,६०,६७,७३ थी ७६,१०३,१२० || मुंजपाउयार [मुजपादुकाकार] घासनी पाहु।
थी १२२,२१२,२१४,२२७,२६७.२६८ः બનાવનાર निसी. १२४३; दसा. १०१,१०३;
पन्न. १७५; मुइंगपुक्खर [मृदङ्गपुष्कर] ढोल 6५२ मढेडुंयाई मुंजपासय [मुजपाशक पासनोइको जंबू. ४८;
निसी. ७४७,७४८,११०९,१११०; मुइंगमत्थय [मृदङ्गमस्तका ढोनोमाथानोमाग
मुंजमालिया /मुजमालिकाघासनीभाग। अंत. २०;
निसी. ४७० थी ४७२,११११ थी १११३; मुइत्ता [मुक्त्वा छोरीन, भुडीने
मुंजापिच्चिय दि.टीने पीछालावेस घासनुं भग. ७६; राय. ४३;
રજોહરણ
टा. ४८४ ५वरहित मुइय [मुदितास
बुह. ८०;
मुंड [मुण्ड] द्रव्यथी मस्तनो भने माथी उव. ६; राय. ४८
કષાયાદિનો ત્યાગ કરનાર, ખુંટો, કુંઠિત उत्त. ६०३,६१६;
आया. १९६,५०९; मुएता [मुक्त्वा भुडीने, छोड़ने
सूय. १७४,८००,८०३,८०४; जीवा. १८०;
ठा. ६४ थी ६६.१०२.१६३,२२४,२३७, मुंच [मुच्] छोऽj, Yg
२४३,२४९,३४७.४४५,४४९,४८१, आया. १३३,५१२; सूर. २,६७०;
५१४,५७१,५८२.६६४,७३२,७३७. ठा. २५०,८७१: सम. २२७
७३८,८७२,९०७.९५४: भग. २४,३५९; नाया. ४१,८७;
सम. ४९,१२५,१३७,१४१,१४३, १४९. उवा. १९; अंत. २०.२७;
१५३,१५६,१६२,१७६,१८३.१८८,२०८: अनुत्त. १२; पण्हा . १२,२४,
भग. ११२,१६०,१७२.४४५,४६३ थी विवा. १०; उव. ३४,५०;
४६५,५०६,५२३,५२६.५३३.५८७,५८८. राय. ४४; जीवा. ४९;
६३९,६५८,६७२.७२७.७४४,७५७: जंबू. ४९; संथा. २७:
नाया. ३१ थी ३४.३६ थी ३८,५२,५४.६० दसा. १०३.१११: जीय. ९२:
थी ६२.६५ थी ६८.७५.७६,९५,१०३. दस. ३३८: उत्त. १५०.२१०: १०६,१३५.१४० थी १४२.१४४,१५२. मुंचमाण [मुञ्चत् भुते
१५५ थी १५७,१६७,१८०,१८५.१८६, नाया. ६१:
२११,२१२.२१४,२१५.२१७,२१८,२२०: मुंज [मुजारनुंघास
उवा. ७,११,१२.२०.२९,३२,३४,३७,४५. सूय. ६४१;
४९.५७.५८;
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