Book Title: Agamsaddakoso Part 3
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agamdip Prakashan
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४४८
आगमसद्दकोसो
मजार [मारिलिust, अनामनी वनस्पति ।।
अंत. १३
अनुत्त. १०; भग. ८२० नाया. ८५,८७,१८४: पण्हा. १५,१६,१९,३४,३६,४३; पण्हा. ७,८,१६,४५; विवा. ६;
विवा. २७;
उव. ७.१०.३१ः जीवा. ९८ः पन्न. ७४
राय. २७,३६,३७,४२,४९,७२, पिंड. २१४:
जीवा. १४.९०.९२.९७.१६२.१७३,१८५, मजारकडय [माजरिकृतक] भार नाम १८९,१९१,२०२,२०५; વનસ્પતિનું ઔષધ
पन्न. १४७,१९६.२०५,२१८,२२८,२३५, भग. ६५५;
३९१,५५२,५५५; मजाव [मजय] स्नान उरावj
सूर. १०६,१९७; चंद. ११०,२०१: जंबू, २२६;
जंबू. ४,५६,१२८,२२६,२६४; मज्जावय /मजापकानावनार
आउ. १४;
महाप. ११; निसी. ६०५:
भत्त. ३८;
गणि. १७; मजावित्ता /मजयित्वा स्नान उरावीने
निसी. ५७०; दसा. ४९ आया. ५२०:
जीय. ३३
आव. ३५, मजावेत्ता [मज्जयित्वा सो 6५२'
दस. ३४८,४२८: उत्त. ४१८; ठा. १४३, नाया. १४८; मत्झंतित मध्यन्तिक मध्यान विवा. ३३; जंबू. २२६; __ गणि. ५१; मञ्जिय [मजित स्नान इस
मज्झंतिय [मध्यन्तिक] मध्यान नाया. १५,१६९: उव. ३१;
भग. ४२०,४२१; जंबू. २६३ः जंबू. ५६,१२५: दसा. ९९:
मज्झमज्झ [मध्यामध्य) वयोवम्य मजिया मार्जिता) मा विशेष, श्री
आया. ४२६,४९२,५३२; पण्हा. ४५;
भग.११२,१६०.२५४,४६०,४८२,५०८, मज्झ मध्यभाय, वय्ये, मध्यमा, पेट, क्य ५३१,५८७,६०३,६३९,६७६;
आया. १५२,४४१,४९७,५१३,५१८; नाया. १५,४६,५७,६४,७५,८६,१२४, सूय. ७७,३३८,३६४,३६६,६३३,६६४, १४५,१४८,१५७,१५९,२१४: ७३९,७४१:
उवा. ५,११,१४,२०,२९,३२.३४,३७,३८. ठा. २०९,५१४,६०७,८७५,९६१;
४३,४९,५२,५७,५८; सम. ३९,६५.७७,९२,९९.१११.२३४. अंत. १३,२०, विवा. ६,१३,२०; २३७,२३८.२४१
उव. ११,२७,३१ थी ३३; भग.६९,७६.१४०,१९४,२०८,२२५, राय. ८.१०.१७,४२,५२,५४.५६:
२५०,२५५.२६२,२६७,२९५,३२९,३६०. जीवा. १७९.१८०, सूर. १९५; ३७६,४९०,५०६,५१०,५१८,५४९, जंबू. ४३,६१,२२९; निर. ७; ५७३,५८३.६७९,७०८,७४४;
पुष्फि .५,
पुष्फ.३: नाया. ११,१२,१५,२१,३३,३६,३७,४३, पण्हि . ३:
बुह. ३२,३३; ६८,१०९,१५४,१६७,२२०;
दसा. ९५,१०१: अनुओ. २५१;
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