Book Title: Agamsaddakoso Part 3
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agamdip Prakashan
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(सुत्तंकसहिओ)
४४१
मंदार [मन्दार] पारितनुंवृक्ष
मंसकच्छभ [मांसकच्छप मांसना सतावी दसा. ५३;
पन्न. १५८; मंदारयणी [मन्दरत्ना] मध्यम ग्रामनी जी || मंसखल [मांसखल भांस रामानुं स्थ મૂર્ચ્છના
आया. ३५६: निसी. ७३४; अनुओ. १२८;
मंसखाय [मांसखादाभांसमक्ष मंदावाय मिन्दावात] धीमो पवन
| निसी. ५८९; नाया. १४२:
मंसग [मांसका मांस, जनो न मंदिय [मन्दका भंड स्वरथी गवायते
आया. ३९२; उत्त. २१३;
मंसचक्खु /मांसचा यया मंदिर [मन्दिर घर, महिर, अनामनोद्वीप -
सम. ११० એક સમુદ્ર, મેરુપર્વત
मंसपेसि [मांसपेशी]नो पुष्टान पण्हा. १९ सूर. ३८;
पिंड. २१५; भत्त. १६८; उत्त. २१३; मंसप्पसंगि [मांसप्रसङ्गिन] भांस पावनोलोलुपी मंदुक्क [मन्दुक] हेहो
नाया. ७९: पण्हा . ७;
मंसल [मांसल] भांसथी मरेडं, पुष्ट मंदुच्छाह [मन्दुत्साह भंह-Gत्सा
पण्हा. १९; उव. १० . महानि. १३८८;
जीवा. १८५: जंबू. ३४,३४४; मंदुय [मन्दुक देओ, ४५४तु विशेष
मंसवुट्टि [मांसवृष्टिाभांसनीवृष्टिरी मतावानी पण्हा . ७:
વિદ્યા मंधादय [मन्धादका धेटो, मेंढो
सूय. ६६२, सूय. २३५;
मंससुह [मांससुख मांसने सुषमापनार मंस [मांस] भांस, जिनो गम
उव. ३१;
दसा. ९९: आया. ५४.१५०.१९९.२४८.३१४: मंससोणिय [मांसशोणित/भांस अनेसोही सूय. २६७,३२२.३९३,६४१,६५०;
भग. ११४; ठा. ७५,२२३,२८८,८३०.९०१:
मंससोल्ल [मांसशूल्यमांसनोटो सम. ११०,२३४,२३७: ।
उवा. ३०,३३,३५.३६,४७; भग. २२,११४,१८८,३६०,
मंसाणुसारि [मांसानुसारिन्] भांसमव्यायवाथी नाया. १५.४४.६२,८७,१४३.१७०;
ઝેર ચડેતે उवा. ३०,३३,३५,४७,५०,५१:
टा. ५८४; अनुत्त. १०; पण्हा. ७.११,१५:
मंसादिय [मांसादिक मांस ठेमा प्रधान३५ ते विवा. ४.१२,२४,३१ थी ३३:
आया. ३५६: निसी. ७३४; उव. ४४ राय. ५६:
मंसासि [मांसाशिन] मांसाहारी पन्न. १३१.१९५,१९६:
पिंड. १९२; सूर. ७०: निर. १० थी १२:
मंसाहार [मांसाहार]भांसनो मार तंदु. १०.२०,२३.२९;
जंबू. ४९: दसा. ३५,१०६; उत्त. ६०,१३७: ।
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