Book Title: Agamsaddakoso Part 3
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agamdip Prakashan
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४४२
आगमसद्दकोसो
मंसुश्मश्रुटी, भुंछ
आया. ४९७; ठा. २२३; सम. ११०
भग.८३,१८८; उवा. २१;
पाहा. १६,१९ उव. १०;
जीवा. १७७,१८५: जंबू. ४९;
निसी. १६३; मंसुंडुग [मांसादुक] नुसक्ष, wias
ओह. १८०; पिंड. १६०; मंसुय श्मश्रुका ६ळी, मुंछ
नाया. ११२,१२५; मंसुरोम श्मश्रुरोमन्] Eढी भुंछनावाण निसी. १६३,२८०,४४६,५१३,६९५,
९४७,१०३३,११५३,१२०६; मंसोपचिय [मांसोपचित] मांसथी पुष्ट, पुष्ट
શરીરવાળું नाया. २०८; मकर मिकर] भगर, पवन कुमार विनुथिन्छ, राहुनु
અપર નામ, જળચર વિશેષ
आया. ५२०: मकरंडक [मकरण्डक) मगरना
जीवा. १६४; मकरज्झय [मकरध्वज महेव
पण्हा. १९ मकरमुह [मकरमुख भानु भोदूं
सम. ५९ मकरिया [मकरिका] साम२९ विशेष, तनुं વાદ્ય निसी. ८२५; मक्कड [मर्कट]रोणीयो, वरो आया. ३३५.३५६,३६०.३६८,३६९, ३७६,३९२,३९८,४१०.४३३.४३८,४३९, ४४५,४४७.४८१,४८२.४८६.४९२,४९४,
४९७ थी ५०१: मक्कडगसंताणग [मर्कटकसन्तानक] रोणीया
જા निसी. ५४३;
मकडजुद्ध [मर्कटयुद्ध] 'भईट'मुंयुद्ध
आया. ५०४,५०५: मक्कडट्ठाणकरण [मर्कटस्थानकरण] रोडीयानु
સ્થાન બનાવવું તે
आया. ५०४,५०५ मक्कडय [मर्कटक] रोणीयो
भत्त. ८४ मक्कडासंताणग मर्कटसन्तानक] रोडीयानुाणु आया. ३५६,३९८,४३३,४३८,४३९,
४४५,४४७,४८१,४९४,४९७; निसी. ७९६,८८९,१३१८; मक्कडासंताणय [मर्कटसन्तानक] 6५२' आया. २३५, २३९,३३५,३६०,३६८; ३७६,३९२,३९८,४१०,४८१,४८६,४९२, ४९७,४९९,५०१ सम. ५१
निसी. ११०४: बुह. १३९ थी १४२; दसा. ३; मक्कडासंताणा [मर्कटसन्तानक] 'पर'
आव. १६; मक्कडिया [मर्कटिका]in
नाया. ९२: मक्कार [माकार निषेधार्थवाणी नीति
ठा. ६५६; जंबू. ४२ मक्कोडअ [मर्कोटक भो
ओह. ५५८: मक्ख [म्रक्षमसg,eousj
आया. ४०१,४२८,४८६,४९२; मक्खाव [म्रक्षय भसावg, घसावयु
निसी. ९३९: मक्खावेत म्रक्षयत् भसावतो निसी. ९३९,९५३,९६२,११२५.११३१, ११३७,११५९,११६७,११७८.११८४,
११९०.११९८: मक्खावेत्ता [म्रक्षयित्वा मसावीने निसी. ९४०
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