Book Title: Agamsaddakoso Part 3
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agamdip Prakashan
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(सुत्तंकसहिओ)
४33
ओह. ५६८;
मइम [मतिमत् बुद्धिमान, विही
आया. ४०,९६,११३,११४,२८७; मअ/मृग] १२ए।
सूय. ४७३,५०५; नाया. ६१; ओह. १३६;
मइमंत /मतिमत्] ओ. 6५२' मअ [मृत भरे
आया. २४०; ओह. ५३०; भत्त. ८१:
पिंड. ४१३; मइ [मति भति, बुद्धि, धा२९u, निश्चय, मनन, ।। मइय [दे. ती भाटेनम 6५४२९॥ જ્ઞાનનો પ્રથમ ભેદ, ઇન્દ્રિય અને મનથી ઉત્પન્ન पण्हा. ७;
दस. ३२१; થનાર જ્ઞાન
मइय [मतिक] तिरस्कृत आया. १८४; सूय. २७९,६६८; पण्हा. १३,१६; सम. २१६,२२१,२२२,२२६,२२७; मइरा [मदिरा], शराब नाया. १०,६३,१३४; अंत. ३;
भत्त. १२०; गच्छा . १८; पण्हा. ४५; उव. २१,३०;
अनुओ. ३०३; जंबू. ६९; दस. १५१,४५४; || मइल [मलिन मलिन, भेलु नंदी. ९३,१२६; अनुओ. ४५,३०९; सम. २१६; भग. ३५९; मइअनाण [मत्यज्ञान माति-मशान
पण्हा. १६;
जंबू. ४९; भग. १४४,२८६,३९१,३९३ थी ३९६, पुष्फि . ८;
संथा. ३५; ५७७,७९२,८८४; नंदी. ९४;
पिंड. ३२७ मइअन्नाणलद्धि [मत्यज्ञानलब्धि] मतिमशान३५ मइल [मलिनयमसिन શક્તિ
पण्हा. ११; अनुओ. १६१
मइल्लिय [मलिनितमलिन थयेj मइअन्नाणि [मत्यज्ञानिन्] भति मानवाणो ___ भग. २८० भग. २८४,३९१ थी ३९६,५६४,७२२, मई [मति] ठुमो ‘मइ' ८३८,८४३,९७७,९७८;
तंदु. ४६; जीवा. १४,३६,४०,३९३ः
मईम [मतिमत्] बुद्धिमान् पन्न. २७२,४८२,५६६:
आया. २१३,३०३,३१७,३३४; मइंद [मृगेन्द्र सिंह
सूय. ४३७,४९७; __ भत्त. ५६,१५०; नंदी. १४; मईय [मतिमत्] बुद्धिमान् मइनाण [मतिज्ञान] इन्द्रिय अने भनथी थतो संथा. ४१ બોધ, જ્ઞાનનો પ્રથમ ભેદ
मईय [मदित] महामो नंदी. ९४;
__ आउ. ३७; मइपुव्व [मतिपूर्व) बुद्धिपूर्व
मउ [मृदुभूटु, ओभण महाप. ८८: नंदी. ९३:
आया. १८४, राय. २३,३१; मइबुद्धि [मतिबुद्धि] मात-बुद्धि
गच्छा. ७३; आउ. ५३:
मउंदमह [मुकुन्दमहाव-विशेषनो महोत्सव राय. ५४;
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