Book Title: Agam ke Anmol Ratna
Author(s): Hastimal Maharaj
Publisher: Lakshmi Pustak Bhandar Ahmedabad

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Page 10
________________ इङ्ग से गुंफित-कर मुनिजी ने एक प्रशंसनीय कार्य किया है। यह एकऐसी कमी की पूर्ति है जो तीवता-से अनुभव - की जा रही थी। उन की लेखन-शैली संक्षिप्त और सार-पूर्ण है । बाल पण्डित सर्वगम्य सामान्य शुद्ध भाषा में इतना सब कुछ लिखा जाना यह एक मुनीजी की विशेषता है। वाक्य छोटे छोटे और प्रवाहपूर्ण हैं। सब मिलाकर विषय का प्रतिपादन और · निर्वाह भच्छा हुआ है। ऐसी सर्वोपयोगी अच्छी कृति के लिए मैं लेखक मुनिजी को साधुवाद तो देता ही हूँ। साथ. ही पाठकों से भी यह आशा करता हूँ कि वे आगम के अनमोल रत्नों की सात्विक मंगलमयी आभा से अपन जीवन को ज्योतिर्मय बनाते हुए भवचक्र के विकराल अन्धकार आवर्ती शे समाप्त करते हुए निरन्तर आगे बढ़ते जाएँ और यह क्रम तब तक चलता रहे जब तक कि ज्योति ही जीवन न बन जाए । प्रवर्तक मुनि अम्बालाल शांति भवन (भूपाल गंज) कार्तिकी पूर्णिमा

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