Book Title: Agam ke Anmol Ratna
Author(s): Hastimal Maharaj
Publisher: Lakshmi Pustak Bhandar Ahmedabad

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Page 9
________________ में जब कि जीवन का प्रत्येक भंग विरोधाभास से कुण्ठित है, जीवननिर्माण की मौलिक प्रक्रिया की गवेषणा करनी होगी । हूँढ़ने होंगे वे मार्ग और समस्याओं के वे समाधान जो जीवन को निश्चित भौर विश्वास-पूर्ण दिशा प्रदान कर सकें । कहते हैं 'चोर की दिशा एक किन्तु खोजी की अनेक' ऐसे ही समस्या एक होती है किन्तु उसके समाधान भनेक हो सकते हैं। उनमें कुछ उचित तो कुछ अनुचित होंगे कुछ पूर्ण तो कुछ भपूर्ण । यों हम अपने निर्णय को पूर्ण सत्य कह भी नहीं सकते, क्योंकि वह तो पूर्ण निर्मल ज्योतिर्मयी बुद्धि'द्वारा ही संभव है। वैसी स्थिति हमारी कहाँ ? अतः अपने निर्णय की प्रामाणिकता को जानने के लिए भी हमें उसे महापुरुषों के अनुभवों की कसौटी पर कसना होगा । जो जज अपने न्याय को अधिक से अधिक प्राचीन प्रमाणों से सिद्ध कर प्रस्तुत करता है वह उतना ही अधिक ठीक समझा जाता है। ठीक ऐसा ही सिद्धांत जीवन में प्रश्न-चिह्नित प्रवृत्तियों के लिए दोना आवश्यक है। इस तरह हम सोचते हैं तो ज्ञात होता है कि विगत आदर्श व्यक्तियों के जीवन-चित्र हमारे लिए कई तरह से उपयोगी और आवश्यक है। यह सौभाग्य का विषय है कि हमारा अतीत बहुत दूर तक गौरवमय रहा है। उसे गौरवान्वित करने का श्रेय अनेकानेक नर-रत्नों और भादर्श नारियों को है जो भिन्न देश, काल और परिस्थितियों में होकर भी हमारी गौरवशाली परंपरा में अनुस्यूत हो गये हैं। प्रस्तुत ग्रन्थ को जो कि आपके हाथ में है, उपर्युक्त सम्पूर्ण विवेचना के सन्दर्भ में रख कर पढ़े और समझे तो आपको इसका महत्त्व और उपयोगिता अनायास ही समझ में आजायगी। भनमोल महापुरुषों के जीवन-वृत्त का विशाल खजाना जो-यत्र तत्र विशृङ्खलित, असंग्रहित था उसे एक साथ क्रमशः कलात्मक

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