Book Title: Agam ke Anmol Ratna Author(s): Hastimal Maharaj Publisher: Lakshmi Pustak Bhandar Ahmedabad View full book textPage 7
________________ - स्मृतियों का विशाल खजामा - जो बुद्धि में सुरक्षित है उसे कहीं दफना नहीं सकते, क्योंकि स्मृति ही हमारी बुद्धि का प्राणवान्. तत्य. है जो इसकी महत्त्वपूर्ण उपयोगिता को सिद्ध करता है। .. - स्मृति और अनुभव की उपयोगिता सिद्ध होने पर यह भी मानना होगा कि ये किसी एक जीवन से ही अनुबन्धित नहीं हैं। विराद विश्व के प्रागण में अनन्त जीवन भठखेलियाँ कर रहे हैं । सस्कार और पुरुषार्थ के आधार से अनन्त प्रवृत्तियां संचालित हो रही हैं। उनमें हम यह भी देख रहे हैं कि कुछ जीवन प्रकृष्ट तेजस्विता प्रकट कर विश्व को प्रकाशमय बना रहे हैं तो कुछ अन्धकार की काली घटाएं उभड़ाकर कालुष्य का निर्माण कर रहे हैं। किसी उर्दू शायर ने ठीक ही कहा है :कुछ गुल तो दिखला के वहार अपनी हैं जाते कुछ सूखके कीटों की तरह हैं नज़र आते, कुछ गुल हैं कि फूले नहीं जामे में समाते, कुछ गुल ऐसे हैं जो खिलने भी नहीं पाते। यदि एक बार और प्रकारान्तर से सोचे तो संसति के अविरल कम से गुजरनेवाले व्यक्तियों को सामान्यतया तीन उपमाओं से विभाजित कर सकते हैं । हम देखते है गगनगामी ग्रहों के तीन प्रकार हैं। ८ (१) चन्द्र और सूर्य जो स्वयं देदीप्यमान हैं, साथ ही अन्य को भी प्रकाशित करने की क्षमता रखते हैं । (२) सितारे, जो स्वयं दमकते अवश्य हैं, किन्तुं निशाजनित विकराल अन्धकार को छिन्न- . भिन्न करने की क्षमता उनमें नहीं होती। न वे अन्य पदार्थों को प्रकाशित ही कर पाते हैं । (३) राहु, केतु स्वयं तो अन्धकार-पूर्ण हैं ही। यदि ये चन्द्र सूर्य से किसी तरह सम्वन्धित भी हो जाये तो उनकी प्रभा को भी भवरुद्ध कर देंगे।।...Page Navigation
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