Book Title: Agam Sutra Satik 10 Prashnavyakarana AngSutra 10
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan
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४१४
प्रश्नव्याकरणदशाङ्गसूत्रम् १/३/१६
दिसोदिसिं मरणभयुब्बिग्गा आधायणपडिदुचारसंपाविया अधन्ना सूलग्गविलग्गभिन्नदेहा,
-तेयतत्थ कीरति परिकप्पियंगमंगा उल्लंबिजंति रुक्खसालासु केइ कलुणाईविलवमाणा अवरे चउरंगधणियबद्धा पव्ययकडगा पमुच्चंतेदूरपातबहुविसमपत्थरसहाअत्रेयगयचलणमलणवनिम्मदिया कीरंति पावकारी अट्ठारसखंडिया य कीरंति मुंडपरसूहि केइ उक्त्तकन्नोडनासा उप्पाडियनयणदसणवसणा जिब्भिदियछिया छिन्नकनसिरा पणिजंते छिज्जन्ते यअसिणा निब्बिसया छिन्त्रहत्थपाया पमुचंते जावजीवबंधणायकीरंति केइपरदव्वहरणलुद्धा कारग्गलनियलजुयलरुद्धा चारगावहतसारा सयणविप्पमुक्का मित्तजणनिरिक्खिया निरासा बहुजणधिक्कारसद्दलज्जायिता अलजाअणुबद्धखुहा पारद्धसीउण्हतण्हवेयणदुग्धघट्टिया विवन्नमुहविच्छवियाविहलमतिलदुब्बला किलंता कासंता वाहिया य आमाभिभूय गत्ता परूढनहकेसमंसुरोमा छगमुत्तमि णियगंमि खुत्ता तत्थेवमयाअकामकाबंधिऊण पादेसुकड्डियाखाइयाए छूढा तत्थ य बगसुणगसियालकोलमजारचंडसंदंसगतुंडपक्खिगणविविहमुहसयलविलुत्तगत्ता कयविहंगा केइ किमिणा यकुहियदेहा अणिट्टवयणेहिं सप्पमाणा सुट्ट कयं जं मउत्ति पावो तुटेणं जणेण हम्ममाणा लज्जावणका य होति सयणस्सविय दीहकालं मया संता, पुणो परलोगसमावना नरए गच्छंति निरभिरामे अंगारपलित्तककप्पअच्छत्थसीतवेदणअस्साउदिनसयतदुक्खसयसमभिद्रुते ततोवि उव्वट्टिया समाणा पुणोवि पवजंति तिरियजोणिं हिंपि निरयोवमं अणुहवंति वेयणं, ते अनंतकालेण जति नाम कहिंवि मणुयभावं लभंति नेगेहिं निरयगतिगमणतिरियभवसयसहस्सपारय हिं तत्थविय भवंतऽणनरिया नीचकुलसमुप्पण्णा आरियजणेविलोगवज्झा तिरिक्खभूता यअकुसला कामभोगतिसिया जहिं निबंधंति निरयवत्तणिभवप्पवंचकरणपणोलिं पुणोवि संसार वत्तनेममूले धम्मसुतिविवजिया अणज्जा कुरा मिच्छत्तसुतिपवन्ना य होति एगंतदंडरुइणो वेढेंता कोसिकारकीडोव्व अप्पगं अट्टकम्मतंतुघणबंधणेणं एवं नरगतिरियनरअमरगमणपेरंतचक्कवालं जम्मजरामरणकरणगम्मभीरदुक्खपखुभियपटरसलिलं संजोगविओगवीचीचिंतापसंगपसरियवहबंधमहल्लविपुलकल्लोलकलुणविलवितलोभकलकलिंतबोलबहुलं अवमाणणफेणं तिव्वखिंसणपुलंपुलप्पभूयरोगवेयणपराभव विणिवातफरुसरिसणसमावडियकठिणकम्मपत्थरतरंगरंगतनिचमच्चुभयतोयपटुंकसायपायालसंकुलं भवसयसहस्सजलसंचयं अनतं उब्वेवणयं अनोरपारं महन्भयं भयंकरं पइभ यंअपरिमियमहिच्छकलुसमतिवाउवेगउद्धम्ममाणआसापिवासपायालकामरतिरागदोसंबंधणबहुविहसंकप्पविरुलदगरयरयंधकारं।
मोहमहावत्तभोगभममाणगुप्पमाणुच्छलतबहुगब्भवासपञ्चोणियत्तपाणियं पधावितवसणसमावन्नरुनचंडमारुयसमाहयामणुनवीचीवाकुलितभग्गफुट्टतनिट्ठकल्लोलसंकुलजलंपमातबहुचंडदुट्ठसावयसमाहयउद्धायमाणगपूरघोरविद्धसणत्थबहुलं अन्नाणभमंतमच्छपरिहत्थं अनिहुतिंदियमहामगरतुरियचरियखोखुब्भमाणसंतावनिच यचलंतचवलचंचलअत्ताणऽसरणपुवकयकम्मसंचयोदिन्नवजवेइज्जमाणदुहसयविपाकधुनंत जलसमूहं इहिरसायगारवोहारगहियकम्मपडिबद्धसत्तकड्डिजमाणनिरयतलहुत्तसन्नविसन्नबहुला अरइरइभयविसायसोगमिच्छत्तसेलसंकडं अणातिसंताणकम्मबंधणकिलेसचिखिल्लसुदुत्तारं अमरनरतिरियनिरयगतिगमणकुडिलपरियत्तविपुलवेलं हिंसालिय अदत्तादानमेहुनपरिग्गहारंभकरण
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