Book Title: Agam 12 Upang 01 Auppatik Sutra Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
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वर्षिणी-टीका स्र. ५४ भगवद्दर्शनार्थ कूणिकस्य गमनम्
मूलम् — तए णं से कूणिए राया भंभसारपुत्ते नयणमालासहस्सेहिं पेच्छिजमाणे पेच्छिनमाणे, हिययमालासहस्से हिं कानि, ‘भोगभोगाई' भोगभोगान् 'भुंजमाणे विहराहित्ति कट्टु ' भुञ्जन् विहर इति कृत्वा = इत्युक्त्वा, 'जय जय सद्दं परंजंति ' जयजयशब्दं प्रयुञ्जते-उ -जय जयेति शब्दानुच्चारयन्ति ॥ सू. ५३ ॥
टीका- ' तर णं से' इत्यादि । 'तए णं से कूणिए राया भंभंसारपुत्ते ततः खलु स कूणिको राजा भंभसारपुत्रः ' नयणमालासहस्सेहिं पेच्छिजमाणे पेच्छिजमाणे ' नयनमालासहस्रैः प्रेक्ष्यमाणः प्रक्ष्यमाणः बहुविधदर्शकजननयनपङ्क्तिभिर्वारं वारं निरीक्ष्यमाणः, 'हिययमालासहस्सेहिं अभिगंदिज्जमाणे अभिनंदिज्जमाणे ! हृदयमालासहस्रैरभिनन्दयमानः अभिनन्द्यमानः- धन्योऽयं कृतपुण्योऽयं सफलजन्माऽयमित्यादिहोते हुए (विउलाई भोग भोगाई भुंजमाणे विहराहि) विपुल - अत्यधिक भोगभोगों को भोगते. हुए अपना समय निर्विघ्नरीति से व्यतीत करें, (त्तिकट्टु) इस प्रकार ( जय जय सई परंजंति) वे पूर्वोक्त अर्थाभिलाषी आदि समस्त जय जय शब्द बोलते थे ॥ सू० ५३ ॥ तणं से' इत्यादि ।
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(re i) इसके बाद (भंभसारपुत्ते) भंभसार के पुत्र (से) वे (कूणिए) कूणिक (राया) राजा (णयणमालासहस्सेहिं पेच्छिज्जमाणे पेच्छिज्जमाणे) हजारों दर्शकजनों की हजारों नयनपंक्तियों द्वारा निरीक्षित होते हुए, (हियमालासहस्सेहिं अभिनंदिज्जमाणे अभिनंदिज्जमाणे) हजारों मनुष्यों के हृदयसहस्रों द्वारा अभिनंदित होते हुए, अर्थात् -" इस राजा को धन्यवाद है, यह बड़ा पुण्यशाली है, इसका जन्म सफल है" इत्यादि - रीति से बार(विलाई भोग भोगाई भुंजमाणे विहराहि) विपुस - अतिशय लोग लोगोने लोगવતા આપને સમય નિવિશ્ર્વ રીતે व्यतीत ४२. (त्ति कट्टु ) या अरे (जय जय स पउंजंति ) ते उपर ऐसा अर्थालियाषी आदि अधा भ्य भ्य शब्द मोदता हुता. (सू. ५३ )
' तए णं से' छत्याहि.
(तए णं) त्यार पछी ( भंभसारपुते ) लभसारना पुत्र (से) ते ( कूणिए) ईडि (रायां) शब्न ( णयणमालासहस्सेहिं पेच्छिज्जमाणे पेच्छिज्जमाणे ) इन्नरो लेनारा बोडोनी डुलरो मांगो द्वारा लेवाता, (हिययमालासहस्सेहिं अभिनंदिज्जमाणे अभिनंदिज्जमाणे) हुन्न। मनुष्योनां डुलरो हृदय द्वारा मलिनहित थवा, અર્થાત્—“આ રાજાને ધન્યવાદ છે. તેએ બહુ અહુ પુણ્યશાલી છે. તેમના જન્મ સફલ છે.' ઇત્યાદિ રીતથી વાર વાર હજારા લેાકેા દ્વારા હાર્દિક ભાવના
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