Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 10 Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

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Page 648
________________ प्रमेयचन्द्रिका टीका श० १३ उ०४ सू०९ द्वि० पु.) स्पर्शनाद्वारनिरूपणम् ६३३ पएसा०? जहन्नपदे चोदसहिं, उक्कोसपदे बत्तीसाए। सत्त पोग्गलत्थिकायपएसा०? जहन्नेणं सोलसहिं० उकोसेणं सत्ततीसाए। अट्र पोग्गलत्थिकायपएसा०? जहन्नेणं अटारसहि उक्कोसेणं बायालीसाए । नव पोग्गलत्थिकायपएसा०? जहण्णेणं वीसाए, उक्कोसेणं सीयालीसाए । दस पोग्गलत्थिकायपएसा०? जहणेणं बावीसाए, उक्कोसेणं बावन्नाए, आगासत्थिकायस्त सम्वत्थ उक्कोसगं भाणियव्वं । संखेजा भंते ! पोग्गलस्थिकाय. पएसा केवइएहिं धम्मत्थिकायपएसेहिं पुटा? जहन्नपए तेणेव संखेजएणं दुगुणेणं दुरूवाहिएणं, उक्कोसपए तेणेव संखेजएणं पंचगुणेणं दुरूवाहिएणं । केवइएहि अधम्मत्थिकायपएसेहि, एवं चेव। केवइएहिं आगासस्थिकायपएसोहिं पुट्ठा ? तेणेव संखेजएणं पंचगुणेणं दुरूवाहिएणं। केवइएहिं जीवस्थिकायपएसेहिं पुट्टा ? अणंतेहिं, केवइएहिं पोग्गलत्थिकायपएसेहिं पुढा? अणतेहिं, केवइएहिं अद्धासमएहिं? सिय पुटे, सिय णो पुढे, जाव अणंतेहिं । असंखेजा भंते ! पोग्गलत्थिकायप्पएसा केवइएहिं धम्मत्थिकायपएसेहिं पुट्ठा ? जहण्णपए तेणेव असंखेजएणं दुगुणणं दुरूवाहिएणं, उक्कोसेणं तेणेव असंखेजएणं पंचगुणेणं दुरूवाहिएणं, सेसं जहा संखेजाणं, जाव नियम अणंतेहिं । अणंता भंते ! पोग्गलस्थिकायपएसा केवइएहिं धम्मस्थिकायपएसेहिं पुट्ठा? एवं जहा असंखे जा तहा अणंता वि निरवसेसं। एगे भंते! अद्धासमए केवइएहिं धम्मस्थिकायपएसेहिं पुढे ? भ० ८० શ્રી ભગવતી સૂત્ર : ૧૦

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