Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 10 Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

View full book text
Previous | Next

Page 665
________________ ६५० भगवतीसूत्रे भवन्ति । गौतमः पृच्छति-'अट्ठ पोग्गलस्थिकायपएसा केवइएहिं धम्मस्थिकाय. पएसेहिं पुट्ठा ? ' हे भदन्त ! अष्टपुद्गलास्तिकायप्रदेशाः कियभिः धर्मास्तिकायप्रदेशैः स्पृष्टा भवन्ति ? भगवानाह-'जहण्णेणं अट्ठारसहिं उक्कोसेणं बयालीसाए' जघन्येन अष्टादशभिः धर्मास्तिकायपदेशः, उत्कृष्टेन द्वाचत्वारिंशता धर्मास्तिकायप्रदेशैः अष्टपुद्गलास्तिकायप्रदेशाः स्पृष्टा भवन्ति । गौतमः पृच्छति-'नवपोग्गलस्थिकायपएसा केवइएहि धम्मत्यिकायपएसेहिं पुट्ठा ?' हे भदन्त ! नवपुद्गलास्तिकायप्रदेशाः कियद्भिः धर्मास्तिकायपदेशैः स्पृष्टाः भवन्ति ? भगवानाह-'जहगणेणं वीसाए, उकोसेणं सीयालीसाए' हे गौतम ! जघन्येन विंशत्या धर्मास्तिहैं-'अट्ठपोग्गलस्थिकायपएसा केवइएहिं धम्मस्थिकायपएसेहिं पुट्ठा' हे भदन्त ! पुद्गलास्तिकाय के आठ प्रदेश धर्मास्तिकाय के कितने प्रदेशों द्वारा स्पृष्ट होते है ? इसके उत्तर में प्रभु कहते हैं-'जहण्णेणं अट्ठारसहि, उकोसेणं बायालीसाए' हे गौतम ! पुद्गलास्तिकाय के आठ प्रदेश जघन्यपद में धर्मास्तिकाय के १९ प्रदेशों द्वारा और उत्कृष्ट पद में धर्मास्तिकाय के ४२ प्रदेशों द्वारा स्पृष्ट होते हैं । अव गौतम प्रभु से ऐसा पूछते हैं-'नव पोग्गलस्थिकायपएसा केवइएहिं धम्मस्थिकायपएसेहि पुट्ठा' हे भदन्त ! पुद्गलास्तिकाय के नौ प्रदेश धर्मास्तिकाय के कितने प्रदेशों द्वारा स्पृष्ट होते हैं ? उत्तर में प्रभु कहते हैं--'जहण्णेणं बीसाए, उकोसेणं सीयालीसाए' हे गौतम ! पुद्लास्तिकाय के नौ प्रदेश जघन्य पद में धर्मास्तिकाय के २० प्रदेशों द्वारा और उत्कृष्ट पद में धर्मास्ति गौतम स्वामीन. YA-" अट्ट पोग्गलत्थिकायपएसा केवइएहि धम्मस्थिकायपएसेहि पुट्ठा ?' 8 मापन ! Y eastern 218 प्रदेश पारित. યના કેટલા પ્રદેશો વડે પૃષ્ટ થાય છે? मापार प्रभुने। उत्त२-" जहण्णेणं अद्वारसहि, उक्कोसेणं षायालीसाए" હે ગૌતમ! પુદ્ગલાસ્તિકાયના આઠ પ્રદેશ ધર્માસ્તિકાયના ઓછામાં ઓછા ૧૮ પ્રદેશો વડે અને વધારેમાં વધારે ૪૨ પ્રદેશે વડે પૃષ્ટ થાય છે. गौतम स्वाभाना -“नव पोग्गलस्थिकायपएसा केवइएहि धम्मत्थि. कायपएसेहिं पुट्ठा ?" ३ मावन् ! पुरातास्तियना नव प्रश! यति યના કેટલા પ્રદેશ વડે પૃષ્ટ થાય છે? मडावीर प्रमुन। उत्त२-"जहण्णेणं बीमाए, उक्कोसेणं सीयालीसाए" હે ગૌતમ! પગલાસ્તિકાયના નવ પ્રદેશો ધર્માસ્તિકાયના ઓછામાં ઓછા ૨ પ્રદેશ વડે અને વધારેમાં વધારે ક૭ પ્રદેશ વડે પૃષ્ટ થાય છે, શ્રી ભગવતી સૂત્ર : ૧૦

Loading...

Page Navigation
1 ... 663 664 665 666 667 668 669 670 671 672 673 674 675 676 677 678 679 680 681 682 683 684 685 686 687 688 689 690 691 692 693 694 695 696 697 698 699 700 701 702 703 704 705 706 707 708 709 710 711 712 713 714 715 716 717 718 719 720 721 722 723 724 725 726 727 728 729 730 731 732 733 734 735