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अध्ययन १२
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मन में भी विचार न करे। इसी प्रकार जैसे ग्यारहवें अध्ययन में शब्द संबंधी प्रतिमा का वर्णन किया गया है वैसे ही यहां सभी वाद्यों को छोड़ कर रूप प्रतिमा के विषय में भी जानना चाहिए। _ विवेचन - प्रस्तुत सूत्र में साधु साध्वी को विभिन्न प्रकार के रूपों को उत्सुकता पूर्वक देखने का निषेध किया गया है।
"एवं णेयव्वं...........सूत्र के द्वारा आगमकार ने उन सभी पदार्थों के रूपों को उत्कंठा पूर्वक देखने का निषेध किया है जो ग्यारहवें शब्द सप्तक अध्ययन में शब्द श्रवण निषेध के रूप में वर्णित है सिर्फ चार प्रकार के वाद्य शब्दों को छोड़ा गया है।
॥पंचम सप्तिका समाप्त।।
-ॐ रूप सप्तक नामक बारहवां अध्ययन समाप्त ॐ
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