Book Title: Abhinav Prakrit Vyakaran
Author(s): N C Shastri
Publisher: Tara Publications

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Page 13
________________ १५५ १५६ १५७ १५८ १५९ १६० १६० १६२ १६३ १६४ १६५ १६६ अभिनव प्राकृत-व्याकरण इकारान्त-उकारान्त विभक्ति चिह्न हरि : रूपावली गिरि, णरवइ, इसी : रूपावली अग्गि, भाणु : रूपावली . वाउ : रूपावली पही, गामणी, खलपू : रूपावली सयंभू : रूपावली अकारान्त शब्दों में विभक्ति चिह्न जोड़ने के नियम • कत्तार, रूपावली भत्तार, भायर, : रूपावली पिउ, दाउ : रूपावली सुरेअ : रूपावली गिलोअ : रूपावली स्वरान्त स्त्रीलिङ्ग शब्दों की व्यवस्था आकारान्त स्त्रीलिङ्ग शब्दों में जोड़े जानेवाले विभक्ति चिह्न लदा, माला : रूपावली छिहा, हलिद्दा, मट्टिा : रूपावली इकारान्त स्त्रीलिङ्ग शब्दों के विभक्ति चिह्न मई : रूपावली मुत्ति, राइ : रूपावली इकारान्त स्त्रीलिङ्ग शब्दों के विभक्ति चिह्न लच्छी, रुपिगी : रूपावली बहिणी, धेगु : रूपावली तणु, रज्जू, बहू : रूपावली सासू , चमू : रूपावली • माआ, ससा, नणन्दा : रूपावली माउसिआ, धूआ , गावी, नावा नपुंसकलिङ्ग के विभक्ति चिह्न वग, धण : रूपावली दहि, वारि, सुरहि, महु : रूपावली जाणु, अंसु : रूपावली १६७ १६९ १६९ १७० 4 Momorrow on MMMMMMMMMMM 0 r ur 9 9 १७२ १७९

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