________________
११८ ३५ मीठा नींब-दाल और खटीया याने कढीमें आठ महिना तक नहि डालना. शियाले में भी हर एक भाजीपाला बराबर ध्यान लगा के काममें लेना चाहिए.
२ आर्द्रा नक्षत्रसें त्याग करने लायक वनस्पतिऑपक्की केरी (आम) और पक्कीरायण-आर्द्रा नक्षत्र में पके हुवे आमका जरुर त्याग करना. यह चीज बहुत प्रिय होने से कीतनेक लोग आर्द्रा नक्षत्र होजाने के बाद भी वापरतें है. उन्हों को ज्यादा क्या कहना? "भगवंतकी आज्ञाका इन्कार करके अपनी इच्छाओ तृप्त करना । क्यों की जिंदगीभरमें कभी ऐसी चीज देखी न हो, वास्ते खाओ, पीओ, और वापर लो, फीर ऐसी चीज मीलेगी नहि." ऐसा सोचके युवक कन्धुओ तो क्या? लेकीन जिनका बुढापन आया है वैसे कीतनेक वृद्धों भी इन चीज के स्वादमें लुब्ध हो के खूब आनंदसें उनका स्वाद लेते है. अफसोस तो यह है की, असंख्य जीवोंका संहार करने से जरा भी खेद नहि होता! विचार करना हि दूर रहा, अपना मन रंजन करने के लीए महान् अनर्थोंका सेवन कर के दुर्गति में पडनेका रस्ता शोधतें है.
अब यह ममता रूपी दासीका त्याग करना चाहिए. नहिं तो वो ही लहझत के कडवे विपाक अनुभवते वख्त "हाय! हाय ! कोइ छुडाओ! कोइ बचाओ!" ऐसे त्रासदायक पोकार करते भी कोइ छुडाने को समर्थ नहि होंगा. वास्ते अब
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org