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५ लकडेमें भी कीसी ही जातके अंदर बडे जीव होते है, जो लकडेमसे आटे जैसा भूसा नीकालते है। तो उस परसें लकडेमें वैसे जीवोंकी उत्पत्ति है एसी खात्री होती है, फीर भी वो झाटकनेसें नहि नीकल सकते है। जीसे वो जीव अग्निमें जलके भस्म होते है । तो वैसे लकडे एक बाजू रख देना और वो बाबतका बहुत उपयोग रखना।
६ जलाउ चीजोंमें जीवजंतु कम भरा रहे वैसा खरीदना और वैसी तरह रखना व यतनापूर्वक वापरना।
७ रसोडे के बरतन और मसाला, घी, तेल, दूध, दहि, फुलके, बाटी और पानी, जूठका बरतनादिका उपयोग रखके बीलकुल खूला रखना नहि।
८ जूठन दोघडी पहिले जनावरों को पीला देना या धूप पडता हो वैसी जगहमें छांट डालना । ऐसा नहि करनेसे उसमें असंख्य समुच्छिम जीव पैदा हो जाते है ।
९ नमक, मीरची, वगैरह मसाला रखनेका साधन स्वच्छ रखना और ढांकना ।
१० प्रस्तुत चीजें लकड़ें के खाने बनवा के उसमें कीतनेक लोग रखतें है। उसे भी मजबूत बूच वाली बाटली या सीसेमें रखना युक्त है। कारण यह है कि-चोमासेमें हवा लगनेसें उसमें तद्वर्णी लाल सूक्ष्म कीडे पडतें है और कुंथु, लील, फुग होती है। और लकड़े के खाने में भी त्रस जीव चड जातें है । बाद
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