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लील फुग, कुंथु आदिकी उत्पत्ति होने के सबब नहि खाना । चुनेकी फाकमें रखनेसें सड़ते नहि. दवाइ प्रमुखमें वापरना हो, तो उनको अच्छी तरह देखके वापरना युक्त है । बने वहांतक तरकारी वगैरह नोकरोंसे नहि खरीद करवाना, स्वयं खरीदके उनको स्वयं ही समारना याने सुधारना । जीसें यतना का अच्छा उपयोग रहता है।
प्रकरण ८ वां सचित्त त्यागी, द्वादश व्रतधारी, और चौदह नियम धारनेवालों को सचित्त के बारे में ध्यान में रखने योग्य केईक खुलासे।
सचित्तका बील्कुल त्याग कीया हो, उन्हें कौन कौन चीजें सर्वथा याने सचित्त रहे वहांतक वो छोडना ? और कौन कौन सचित्त पदार्थ है ? केसे अचित्त बने ?
गेहूँ
आटा करनेसे और मूंजनेसे या पकानेसें अचित्त होता है।
बाजरी जुवार मेथी कठोळ वगैरह अनाज, भुजा हुआ चना जुवार की धानी
भरडने से, दाल या आटा करने से और रेतीमें भंजने से अचित्त होता है।
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