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१५२ हर एक अभक्ष्य पदार्थे
महा सचित्त है धनीआ जीरा
कूटने से या अग्नि का प्रयोग सौफ
करने में। अजवान बडी सोंफ
सुकी को भी मूंजना चाहिए नीमक
कुंभारकी भट्टीमें या खूब 'सिंघालुन
अग्नि की भट्टीमें पकानेसें चाक खडी
पानीमें उकाळने से अचित्त कॅम्फर चोक
होती है। चलित रसमें कहलाती चीजें } महा सचित्त है। बोलअचार
महा सचित्त है। १ छांछ में या करंबादि में डाला हो, तो भी जीरा अचित्त होता
नहि ( हीर प्रश्न में ) २ सफेद सिंधव सचित्त है।
३ दंतमंजन में वापरते हैं, लेकीन अचित्त कीये बीना वापरा हुआ सचित्त के त्यागीओ को काममें न आवे । कॅम्फर चोंक की बनावट भी अपन लोग नहि पैछानते, जीसे सचित्त त्यागीओंने नहि वापरना।
४ इनमें दो इन्द्रिय जीवों को भी उत्पत्ति होती है। वास्ते महा
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