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हरे दांतन नागरवेल के पान
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सुके होजाने से अचित्त. घी शुद्ध करने में वापरने सें अचित्त हुआ हो, तो वो वापर सकतें.
नीम के पत्ते
कढ़ी में डाला हुआ हो, तो वापर सके.
तुलसी के पान, ईलाची के पान - गरम उकाळा वगैरह में बाफ लीआ हो, तो वापर सकते हैं ।
नीम के महोर, आंबा के महोर- नहि वापरना । गुलाब के फुल - मीठाइ वगैरह में डाला हो, और अचित्त हुआ हो, तो वापर सकतें ।
चटनी - हरा धनीआकी, फोदीनेकी— उनमें नीमक सचित पडता है, ऐसे दोनो सचित्त हो तो भी उनको खूब घुटने से परस्पर शस्त्र लगने से दोनो दो घडी बाद अचित्त हो जाता है ।
गुवार के अचार – इनमें बीज है, वो दो घडी बाद अचित्त होता नहीं ।
दाडम - बीजसहित होनेसें दो घडी बाद भी अचित्त होता नहिं, रस नीकाला हो तो, वो दो घडी बाद अचित्त होता है ।
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१ त्याग के दो भेद है। फक्त सचित्त सर्वथा त्याग और दूसरा - वस्तु सर्वथा त्याग, याने जिनको सचित्तका सर्वथा त्याग है, उनको अनि आदिसें अचित्त कीया हो, तो वापर सकते है। परंतु जिनको दाडम, जमरुख,
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