Book Title: Jeevvichar
Author(s): J R Shah
Publisher: J R Shah
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Page #1 -------------------------------------------------------------------------- ________________ જીવ વિચાર ** ****** ****** *** *****> ***************** Page #2 --------------------------------------------------------------------------  Page #3 -------------------------------------------------------------------------- ________________ INDEX. विषय પાના નંબર जुप वियार डेन्द्रिय (स्थाप) नुपी : (a) पृथ्वीडाय (b) अपडाय (C) तेडाय (d) वाडाय (e) पनस्पतिडाय : (१) प्रत्येऽ पनस्पतिडाय मा साधारण वनस्पतिडाय ८० १०3 ૧૧) ११८ १४४ १५८ १८० 238 रघुप विडटोन्द्रिय (नस) भुवो : (a) बेन्द्रिय (b) तेन्द्रिय (c) यठरिन्द्रिय पंथेन्द्रिय (प्रस) जपो : (a) हेप (b) तिर्थंथ पंथेन्द्रिय (c) नार वा मनुष्य २१८ रा २८८ 3२८ 332 ]ि जपनां पद लेह संबंधी पद्वार : (a) शरीर- नवगाहना द्वार (b) खायुष्य द्वार (૯) સ્વકીયસ્થિતિ દ્વાર (d) प्राए। हार (e) योनि द्वार उपद 34 3६४ 39४ 39 390 लि सिख - भुत्त यो 3८५ KOKUYO W-N62804 Page #4 --------------------------------------------------------------------------  Page #5 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. Date જવ - વિચાર ગ્રંથનું સ૨ળ વિવેચન - કીડી હોય કે હાથી, માણસ હોય કે દેવ , ચૌદ રાજલોકનાં તમામે તમામ જીવો હમણાં સુધીનાં પોતાનાં ભૂતકાળનાં દરેક ભવોમાં સુખ મેળવવાં જ ઈચ્છે છે, સુખ મેળવવાના જ પ્રયત્નો દુરે છે. એક પણ જીવ દુઃખને ઈચ્છતું નથી. પરંતુ, સુખના સાચા સ્વરૂપની સમજ ન હોવાનેં લીધે, સુખ મેળવવાની લાખ ઈચ્છા તથા प्रयत्नो . होयाँ छतांय सुजने पहले जति सने धर्मतिनां શિક મોટાં ભાગનાં સંસારી જવોને બનવું પડે છે. તો ચાલો , gવે સુખની સાચી સમજ મેળવી તે સુખને મેળવવા માટેનાં પ્રયત્નો આજથી જ શરૂ કરીએ. સુખનાં ૨ પ્રકાર સાંસારિક સુખ • નાશવંત, ક્ષણિક સુખદાયી, શાશ્વત , અનંત, સુખદાયી, દુઃખદાયક , આત્મપાપકારી, આત્મ સુખદાયક, આત્મમલિનકા૨ક , અભાસિક સુખ, પ્રયકારી , વાસ્તવિક સુખ, ईन्द्रियनत्य सुज આત્મજન્ય સુખ મોક્ષનું સાચું સુખ મેળવવા માટેના કુલ બે મુખ્ય ઉપાયો સંસાર માર્ગ છોડવો પડે મો માળ પકડવો પડે સંસાર મ = મોક્ષ માર્ગ = - સાંસારિક જ્ઞાન + સાંસારિક ક્રિયાનું સેવન ધાર્મિક-આત્મિક જ્ઞાન + ધાર્મિક ક્રિયાનું भीम सुज સાંસારિક જ્ઞાન , . - ધાર્મિક જ્ઞાન = C.A. ડૉક્ટર વગેરેની ડીગ્રી મેળવવી | જૈન શાસ્ત્રોનો અભ્યાસ કરવો, સાંસારિક ક્રિયા = ધાદિ ક્રિયા લગન કરવા , પૈસા કમાવવા વગેરે | સામાયિક, પૂજાદિ ધર્મક્રિયા KOKUYO W-NB230V Page #6 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. Date 2 तेभक सांसारिक ज्ञान + सांसारि किया = । धार्मिक ज्ञान + धार्मिङ क्रिया संसार मार्ग मोक्ष मार्ग ગોક્ષ મંઝિલ 2 મોક્ષ માર્ગ धार्मिक धार्मिङ डिया धार्मिक ज्ञान આપણે તહ + (103) (निर्यय *● मनुष्य સાસારિક જ્ઞાન સાંસારિક ક્રિયા સંસાર માર્ગ खेटले, उपरना चित्र अनुसार, सांसारिक ज्ञान + सांसारिङ दिया 24 संसार मार्गे यासपाथी સ્વરૂપે ૫ ફળ यार गतिनो संसार खायागने भने छे. ज्ञान + धार्मिङ क्रिया ५ मोक्ष मार्गे यासपाथी · ફળ સ્વરૂપ मोक्ष-मुक्ति-सिद्धगति खापराने मणे छे. खेटले, तमाभे तमाम प्रडारनां सांसारिङ मिथ्याज्ञान (Doctor, C.A. वगेरेनी degree) तथा सांसारिङ डियाजो (पैसा दुमापपा, लग्न डरखा कोरे) ना सेवनथी खात्मानो लवत्रमहाश्य यार गतिनो संसार पधे छे. तेथी नेमनेम सांसारिक ज्ञान + सांसारिक हियाखो छूटती भय अथवा तो खोछी धती भय, तथा बेम-म तेमना प्रत्येनो रस घटतो भय खने उहासीनता वधती भय, तथा जीभ जाउ, केम-प्रेम धार्मिङ ज्ञान + धार्मिङ कियाखोमां पधारो यतो भय, तेम तेम खायागो खात्मा ञडपथी विङास साधीने सद्गति + परमगति (मोक्ष) ३पी मंजिल-प्राप्तिनी जाऊमां न्तो भय हो. मोक्षइपी मंत्रिल मेणवपी होय तो खा उपायने समसमां सापवो न पडशे, शवशे ने ??? Page #7 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. Date . . प्रम्मा भी भेगवया भाटे मेढुंतान होयं मेऽसी जिया होय, तोशुंग्याले ? नवाला मोद भेगदपा भाटे, खेऽखं धार्भिऽ ज्ञान होय तो पानथालेमने खेती धार्मि छियानोर्नु सेवन होय तो भएनयाले. परंतु, धार्मिष्ठ ज्ञान+ धार्मिऽ डियाने सेवन लुपनमा प्यवस्थित यात्रुहोय तोरसशति+परमगति मोहानी प्राप्ति याय. हात.:डयो सांधणो सथपा सेङलो बंगडो हंगलने पार नहीं उतरी शहे . परंतु, जने मे लेगांयर्थ नय,तो ढंगलने पार उतरी शडे से र रीते, मात्र धार्मिऽ ज्ञान मधपा भाप्त धार्मिड लियाथी भोदु नभणे. परंतु, जंने लेगां थवाधीश सशति सने परमगतिमोक्षणभणे छे , भेटले है यार गतिश्प संसार गलने पार उतरी शहाय छे. ज्ञान क्रियाभ्यां मोक्षः । प्रश्न : धार्मिङ जिया सने धार्मिड ज्ञानमांधी पधु महत्व शेर्नुशाभाटे? हवाला धार्मि किया उरताय धार्मिड ज्ञान- महुत्य पषुछ, कारएपडे, ज्ञान साधेनी मल्प धर्म मियामा पाखात्माने विशेष इण सपाये छे, ब्यारे, ज्ञान विनानी घी मधी धर्म मियाखा पखाल्माने इस्त सामान्य श्ण अपापे छे. हात. मरने सगी महेनत मारी रपा छतांय .A. साहिना सभा लागनी उभाएगी पए मांडभाड याय छे. न्यारे, वीनुषा, जुनीयर, डडर, c.A. पगेरे तो भरनी सपेदारमे समा ४ लागनी महेनतज्रया छतांय भकूर उरतां तो सगी हुमाएगी हरी से छे. कारण, मजूर पासे महेनत या स्परप पैसा उभाषपानी झियाधी होया छतांयव्यापहारिक ज्ञान तेनी पासे नी. संसारना क्षेत्रे मा डायही छे तो धर्भलेने पहुए मार डायो खागु पडे छे. तमाशं संसारभां पएा धंधाडीय संपूर्ण ज्ञान, समता, सापडत,होशियारी भेगव्यां षा न तमे तमारां पुनने तमारा धंधानी पेटी सोंपा छो. परंतु, धंधा ज्ञान भेगप्यां पगर तमे तमारी छाननी पेढी पूनने नसोंपो. जेन रीते, समता-ज्ञान भेगवीने धर्मनी डियाखोभांगडापवायी, खापएने विशेष वाल थाय छे. डाराडे, ज्ञानसाथेनी थती सल्प धर्ममारपिना, पण खनेड गए वधी नवं होयायी , मारमाने धर्म निरा उप विरोध इण भगे छे. KOKUYO W-NB290U Page #8 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. Date "/પંચાચારમાં જ્ઞાનાચાર પ્રથમ : - ज्ञानायार सहितनां, पाछणनां यार खायारोन सेवन, नेमल्प प्रभाएगभां હોય, તો પણ આત્માને વિરોષ ફળ મળે છે. જ્યારે, કીજી બાજુ , જ્ઞાનાચાર રહિતનાં ,. પાછળનાં ચાર આચારોનું સેવન , વિરોષ પ્રમાણમાં હોવા છતાંય આપણને ફક્ત સામાન્ય ફળ મળે. એટલે કે, જ્ઞાન (સમજણ) સાથેની પ્રભુભક્તિ, સામાયિક , પfષધ , તપશ્ચર્યાદિ હુય તો જ વિશેષ ફળ મળે છે. આપણે સહુ , ક્રિયાઓ તો ઘણી કરીએ છીએ, પણ , हपे समनताना सायेनी हिया धाय, ते माटे मा 'नुप-वियार' ગ્રંથના અભ્યાસનાં માધ્યમે જ્ઞાનનાં માર્ગ વિકાસ સાધવાનો કાંઈક પ્રયત્ન કરીએ. ' , , ; ; . . . . ( જવાબ: પ્રશ્ન : પંચાચાર કયા કયા છે ? પંચાચાર જ્ઞાનાપરે દર્શનાચાર ચારિત્રાચાર તપાઇ વીચાર (૧) જ્ઞાનાચાર ? ગાથા , સ્વાધ્યાયાદિ કરવું -કરાવવું रणदृर्शनायार : प्रलुलस्ति संबंधी पून, स्नानाहि मायार (3) ચાઆિચાર : સામાયિક , પૌષધ આદિ (૪) તપાચાર : તપમાં જોડવું . (૫) વીચાર ? ઉપરનાં ચાર આચારોમાં વિરોષ સત્વ ફોરવવું, શક્તિ ના છુપાવવી. શ્રાવકો માટે પાયાનું જ્ઞાન (જરૂરી જ્ઞાન) કયું ? ૬ કર્મગ્રંથ ૪ પ્રકરણ • જીવ-વિચા૨ • નવ તત્વ • દેડક • લધુ સંગ્રહણી 3 ભાગ્ય • ત્યવંદન ભાષ્ય • ગુરુવંદન ભાષ્ય • પચ્ચક્ખાણ ભાગ Page #9 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. Date . . - प्रश्नःाखा ग्रंथर्नु जयनपियार' नामं शा मारेर क्वाजा सा ग्रंथां, नुय गंगे विशेषथी पियारए। डरपानी छे. तेथी,मा ग्रंथY नाम पडायुं छे, 'शुप-वियार'. .4 + विया२ = नववियार प्रश्नः मल्यासकभमां सौ प्रथम नुव-वियार शा माटेर नवाल: लूताणनां सनंता लयो तथा सा लयभां पा, हुमागां सुधी मापी जधांसे, सनुप पहार्थोनी तथा मन्यन्नुयोनी पियारएांडरी छे. परंतु, स्वन्नुपनो पियार प्राय: हरीने नथी ?. सेना सीधे ४, खाप यार गतितुं लपलमा हल याटुं छे. सेलेखनाहिडागधी, नातनी चिंता- सुधारणां-पधारण माटेनी थामती सापही लूलतुं पुनरावर्तन महापया सने स्प यात्म-अप प्यनी चिंता-सुधारानी शश्यात डरया मार्ट ...... प्रश्नः नव-विथार मां शु लाशो ? रवाना न्योना प्रहार , उयार्छ, सायुष्य, हिंसाधी जयपानां उपायो माटि. प्रमः पपियार नां माध्यमे अपत्या पाणवायी शंटालर रुपामा नैसी उरनी वैसी लरनी, जोयेगा पही पायेगा, युं पायो तेयुं खो, नेयुं मापी तेषू भणे, युं को तेयुं मापो. " सा नियमो अनुसारे, खापही साता, सुप, शांति, समता, समाधि, साति सने परभगति (मोक्ष) र्नु Reservation हरीझर्वेशन) डशपयां माटे सन्यने पा सुज, शांति, शाता, समता, समाधि सापपी गरी छे. न्नुपध्या पागनार बीनने शाता, समाधि सापपाने दीधे , पोते पए सशाता रोगनो शिकार नही न बने. रोगना उध्यमा पा, समलापे पीडाने सहन हुरी रा. मृत्यु समाधिमय मणे, परसोड सहगतिमय बने सने समयमा परमगति भगे.हात. पोतानी शाता- समाधि भाटे र डुलाइ नील भुषोने सशाता, यसमाथि मापीने शुयन लुपनारां संसारीयोने, प्रायः हरीने, यसमाधि भृत्यु भणे छे. तेसोने समाधि भरा हुर्मल छे.जी KOKUYO W-NB2BOU Page #10 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. Date ५ मृत्यु જ जानु, साधु-साध्वीन लगवंताने तो प्रायः ङरीने समाधि भजे छे. डाग डे, तेजो योपीसे डलाङ, अवध्या पाणवानां माध्यमे, सन्यने शाता, समाधि खापनाएं होय हे. पोतानां समग्र भुवन हरमियान जीभं भुवोने शाता, समाधि खायनारनं संपूर्ण भवन या समाधिमय पसार थाय + भरा समाधिमय मजे + परसोड पए। सद्गतिमय भने छे. शाता, शुं डर्खु छे ११ शुं भेजे छ ?? (B) लूतडाणमां रोगोनी जने रोगीखोंनी संख्या खोछी हती जने खाने, वधु पडती हिंसा खने जीभं भवोने खशाता भजे खेवी भुवनशैली थपाने अराएगे, रोगोनी रखने रोगी खोनी संख्या धगी पधी छे. खा वस्तु खाने स्पष्टपणे खायाने भेवा भने छे. खेटले, निरोगी जने स्वस्थ भुवन भवपानी मे ईच्छा होय, तो वधुमां वधु भुवया पानवानां माध्यमे, जीभं भवाने पधुमां वधु शाता-समाधि खायतां रहें अत्यंत श्री छे. भवध्यानां प्रलावे तमारुं संपूर्ण भुवन खारोग्य स्वस्थता पूर्वक पूरं धरो, तेनी जातरी हुँ नहीं परंतु ज्ञानी लगवंतो खाये छे. हवे शुं डयुं छे ??? (२) खाने डोम्प्युटर, ईन्टरनेट, लेपटोप खने मोबाईलनां यंत्र युगमां डहोर धर्ध गोल खापणां हृहयनी लूमिने डोमण ऽरयां माटे अवध्या पाजवी ४३री छे. हृदय हहोर होय तो मजेल उयामां उँथी तरवानी सामग्री पहुए निष्ण साजित थाय. जीभ जाबु, हृदय प्रेमण होय तो भजेल सामान्य सामग्री पए। खात्माने विशेष लाल दुरावे छे. El.cl. खेडूत जंगर लुमिमां सारामां सारां जीवनी पापणी उरवा छतांय ते निष्ण भय रखने डोमण, इजद्रुप लूमियां सामान्य जीवनी पावली डरे तो पए। विशेष इन पामे. खेभ रीते, डहोर हृदयथी डरेल यामां ऊँयो धर्म पए। निष्ण साजित थाय अथवा सामान्य इज खाये. खने डोमन हृध्यथी डरेल नानांयां नानो धर्म या सइज साजित थाय खने विशेष इज खपावे. घ.त.: डोमन हहयथी डरेल नागडेतूनी पून तेभने डेवणज्ञान खयाये रखने "समुत्तामुनिनी पए। डोमन हयथी डरेल हरियापही तेमने डेवण - Page #11 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. Date ज्ञाननुं इन खपावे छे. संगममुं मात्र खेड ४ वजतनुं डरेस सुपाप्रधान पएा, डोमण ह्रध्यथी डरेल होवाथी, तेने पहा इन स्वइये शासिलदनो लव + खनासक्त लाव + संयम भवन विगेरे उत्तम इजोनी प्राप्ति उरावे छे. जीभ जावु, पर्षोथी धूम, र्धरियावड़ी खने सुपात्रहाननो धर्म, हयनी डोमणता पगर डरवाने सीधे, खापाने भेर्धखे तेंयुं इज हुन् सुधी मण्युं नथी. तेथी, उयामां उंची तरपानी सामग्री खोने या निष्ण दूरी नांजनार खामगां उहोर हृह्यने, भुवयाना प्रलावे डोमण जनाववां माटे ४ खायो खा भुव-विचार ग्रंथ लगी. शवशे ने ??? (3) अवध्यानां परिणामोनी हाकरीमां उहाय खभगतांमां थोडी भुप विराधना धर्ध भय तो पए, हिंसा निमित्ते अस्य दुर्ग जंध थाय छे. जीभ जाबु, भुवध्याना लायोना जलावे, भुवहिंसा न थवा छतांय डर्मबंध तो सतत यासु न रहे छे. आरएए है, दुर्मबंधनं मुख्य अराए। प्रवृत्ति नथी परंतु आंतरिक परिणामो छे. तेथी, मात्र बाह्य प्रवृत्तिता आधारे न जाল हे नुकसान नथी धतुं. परंतु, खापली खांतरिङ परिएातीनां खधारे ४, खात्माने मुख्य साल डे नुङसान थाय छे. घ. तु.: बिलाडीने 23 दुलाडनी भुवहिंसा (उँहर ने भारपानी) न होवा छतां पड़ा, परिणाममां हिंसा होपाने अरो, अयाना स्तरे हिंसा न थपा छतां या, दुर्मबंध २४ डसाइ मारे सतत यालु न रहे छे. सने ते डाणे, डायाना स्तरे भुवहिंसानो त्याग होवां छतां पहा, ते भुवया निमित्ते, जिलाडीने अर्घ ४ लाल थतो नथी. अरए डे, उहरना खलावे, बाह्य दृष्टिखे जिलाडी डोमण - निर्दोष रखने शांत हेजावया छतांय, उंहरने पडडीने जलास उरखानां दूर परिणामो खेनां हयमां योपीसे डलाङ मारे सतत रमतां होय छे. तेथी, भुवहिंसा निमित्ते कर्मबंध तो योपीसे उसाङ जिलाडीने यालु न रहे छे. खेन रीते, सांसारिङ व्याजहारीने सीधे, जा द्रष्टिखे थोडी भुवहिंसा थपा छतांय, भुवध्यानां परिणामोथी योधीसे डसाई हहय लीं राजनारने हिंसा निमित्ते खस्य उर्मबंध धाय रखने भुवया निमित्ते सतत दुर्म निर्भरा यालु જ रहे छे. हेरासरथी घरे ती वखते, डोर्घ श्रापड नीये भेया विना मे थाले जने खेडपए। डीडी भे न भरे, तो पएा, भुवध्यानां परिश्रामो हृदयमां KOKUYO W-NB280U Page #12 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Date न होपाथी, उर्भप थाय छे. न्यारे,षीनुषा, डाणा शमीने , नगृतिपूर्वक, नीये मेने यासवां छतां पए,मलाताभां हाय होडि डीडी भरी नय, तो पए, मल्प...र्भपघाय छे. कारण डे, ध्यभा परिणाम तथा प्रयत्न तो नुषध्या पाणवानो न छ. शुल-नशुल उर्मबंध मुज्य डारए- बाह्य प्रवृत्ति नधी, परंतु, शांतरित परिणामो छे. तेथी, ने राज्यजने तो, मापी पार प्रवृत्ति + सांतरित परिहती , जनेने जाडपा नहे. तेची भोर भाणे १३रथी विकास साधी राहारो. धर्म संयोगे, माह प्रवृत्ति हाय अगाडपी पडे, त्यारे पहले सांतरित परिहातिने माया न मे तो , भीषु भार्गे सापणी पिहासयाना, धीरे-धीरे डरीने पायालुन रहेशे. सतत जुषध्यानां परिणामोथी ध्य लापित इरपानो मा मोटो साल योपीसे हुला भाटे आप मेणवीशडी. जव + अनुपना सभानाडामर्थी शटो : • नव = मात्मा : येतन = प्राएगी • सप - सनात्मा = सयेतन = 85 कि मनी प्याघ्या : नीये सापेल 'जय' नी व्याघ्याची विरुद्ध तमाम व्यायामो अनुष भाटे समनलेवी. अयनां नहा-दुध नाभीना साधारे दुही-कुही प्याघ्यायो: । न्नयन नवे तेने 'लव' हेवाय. • यतन : नानां येतना होय तेने येतन' हेवाय. (हा.त. रेखलने हृयोडो भारवा छतांय यीसन पाडे. द्वारा, तेनामां येतना नयी. न्यारे सापाने सहे। याणे तो पए मापो यीस पाडीयो. डारण, मापामां यैतन्य येतना) छे.) • प्राट्री : नानां प्राए होय तेने प्रष्टी ध्याय. प्रश्नः प्रागाने धारणा रनारना आधारे मापो 'प्राली' नी व्याघ्या तो डरी , परं, घरेनर "प्राणा' मेरो \? Page #13 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. Date જ્યાબ? | લોકિક માન્યતા મુજબ (અજેનોમાં પ્રાણT = વાચ્છોશ્વાસ તરીકે મનાય છે. દી.ત. (૧) શ્વાસ અટકે ત્યારે કહૈવાય કે “પ્રાણ નીકળી ગયાં” અથવા “પ્રાણ પંખેરું ઉડી ગયું.” (૨) પ્રાણ (શ્વાચ્છોશ્વાસ)ને આયામ (કબૂમાં રાખવાની પ્રક્રિયા = પ્રાણાયામ વાય (રામદેશ્વબાબા મુજબ) . અહીં પણ “પ્રાણ' નો અર્થ ધારછોશ્વાસ તરીકે જ કરાયેલ છે. પરંતુ, આપણી માન્યતા મુજબ માત્ર ‘શ્વાચ્છોશ્વાસ' તે જ પ્રાણ तरी नथी मनातुं. परंतु, ते सिपाय जी वस्तुमाने पए। प्राए તરીકે જૈન શાસન સ્વીકારે છે. તે નીચે મુજબ છે. લોકોત્તર માન્યતા મુજબ (જેના શાસનમાં) પ્રાણ = શ્વાચ્છોશ્વાસ +૯ | = કુલ ૧૦ પ્રાણા મનાય છે. જ કુલ ૧૦ પ્રાણા : ૫ ઈન્દ્રિય (ચામડી, જીભ, નાક , આંખ ,કાન) - + ૩ બળ (મનબળ , વચનબળ , કાયદળ) + &ાચ્છોશ્વાસ + આયુષ્ય - 10 પ્રાણ • મનબળ = મળેલ મન દ્રારા વિચારવાનું બળ • વચનબળ = મળેલ જાવ દ્વારા બોલવાનું બળ * કાચબળ = મળેલ પોતાના શરીર દ્વારા પ્રવૃત્તિ કરવાનું બળ . આ પ્રાણી ! આ પ્રાણો તેની પાસે હોય તેને જ “પ્રાણી” અથવા “જીવ કહેવાય. + + + પ્રશ્ન : જન્મ , જીવન અને મરણ એટલે શું ? જવાબ: • જન્મ : પ્રાણોની પ્રાપ્તિ થવી. • જીવન ઃ મળેલા પ્રાણોને ટકાવવા • મ૨ણ : પ્રાણોથી રહિત થવું , પ્રાણોને છોડી દેવું , મળેલા પ્રાણથી આત્માનું છૂટાં ઘવું કે છૂટાં પડવું કિ બધાં જાવોનો ૫ (પાંચ) ભેદોમાં સમાવેશ જુવ (પ) ભેદ KOKUYO W-NB2800 એન્દ્રિય બેઈન્દ્રિય ઈન્દ્રિય થઉન્દ્રિય પāન્દ્રિય Page #14 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. Date १० वनस्पति विगेरें : खेडेन्द्रिय बेर्धन्द्रिय : तेन्द्रिय डीडी, मंडोडा खाहि यरिन्द्रिय माजी, लमरो विगेरे शंख, खणसियां खाहि : : पंयेन्द्रिय : नारङ, हेव, प्रश्नः दया भुवो पासे प्राए। डेटला ? नवाज: जास नोंध : संसारी मनुष्य, पशु-पंजी डेटला प्राए। होय ? अथवा हरेक भुवोने · हरे हरेड भुव पासे खोछामां सोछा यार प्राए। तो होय : १ धन्द्रिय + १ जण + धारछोधास + खायुष्य खेडेन्द्रियथी यरिन्द्रिय भवोमां, तमामे तमाम भवो, संमूर्खिम तथा खसंज्ञी (मन विनाना ) ४ होय. हरेक भुवोना प्राए। नीये मुन्ज होय छे : (यामडी, डायंजण, श्वाच्छोश्वास, खायुष्या (यामडी, भूल, डायजण, वयनजण, धारछोश्वास, खायुष्या (यामंडी, भूल, नाङ, डायजण, क्यनवण, धारछोश्वास, खायुष्य) (१) खेडेन्द्रिय भुवो : ४ प्राए। (२) जेर्धन्द्रिय भयो : ५ प्राए। (3) तेर्धन्द्रिय भयो : १ प्राग (४) यरिन्द्रिय भुवो : [ प्राए। (4) जसंज्ञी (मन विनानां ) (यामडी, भुल, नाङ, खांज, डायबण, वयनजन, धाय्छोश्वास, खायुष्य) पंयेन्द्रिय भुवो : ( प्राएा (यामडी, भुल, नाङ, खांज, छान, डायजण, पयनजण, श्वाच्छोश्वास, आयुष्य ) (खेरले इश्त मनजण न (4) संज्ञी (मन वाणा) पंचेन्द्रिय पो होया : १० प्राए। (यामडी, भूल, नाड, खांज, , छान, डायजण, पयनजण, मनजण, श्वाच्छोश्वास रखने खायुष्य) प्रश्न: सिद्धनां भवो 'भव' छेड़े 'समृद्ध' ? न्वाजः सिद्धनां भवो 'खभव' तरीके नथी परंतु 'भव' ' हेवाय. જ प्रश्नः जगर सिद्धोने भव तरीके मानशो तो 'प्राणी'नी व्याख्या मुक्त सिद्धो पासे पा प्राएा तो होपा न भेर्धने, तो ४ तेमने भुव दुहेपार्थ Page #15 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. Date शहाय. तो पछी सिद्धना क्षुयोने डुल प्राएाभाथी डेटलांसने इयां ज्यां प्राए होय? नोंधनपाम भापतां पे, प्राणानां बे प्रडारो समशुझे. प्राए। [जे प्रहारे) द्रव्य प्राए लाव प्राए। • ५ इन्द्रिय, . ज्ञान , शन, यारित बिगर उला, आत्माना मनता गुएरो ख्याछाश्चास,... .. सायुष्य • दुल १० हपाल: सिद्धनां शुषो पासे उपर मतावेल 10 अप्य प्रागोमांथी खेड पए। द्रव्य प्राए नहोय. परंतु, मापने मात्र, खात्माना मनंता गुए। स्पश्प लाप प्राए । होय छे. संसारी एमेडेन्द्रियथी पंयेन्द्रिय क्षुषोप नुयो पासे द्रव्य प्राए + लापप्राए, जंने होय छे. परंतु, सिद्वमुस्त) न्नुयो पाले मात्र लाय प्राए होय मने द्रव्य प्राए तो होय नहीं. डाराडे, शरीरधारी मषस्थामां, डर्भने सीधे, क द्रव्य प्राणो मणे छे. |सने सिवनां अपोखे तो दुर्भनो ड्यरो पूरेपूरो नारा रेस होपायी, तेमने शरीरधारी मवस्था पषु न मगे. न्यारे द्रव्यमाएगे तो शरीरधारी सवस्यामां ? होय. मेटले, सिहोने सेड पए। द्रप्य प्राए न होय. परंतु, भात्र ने मात्र लापप्राएल होय छे. B. द्रव्य प्राए - ५न्द्रिय + 3 100 + धा७श्यास + आयुष्य = कुल १० लाव प्रा = र्शन , ज्ञान, यात्रि, सरलता, नम्रता આત્માનાં ગ્રહો = કુલ અનંતા प्रश्न: सही पासे तो भान लाप प्राए होय च्यारे नापी पासे तो द्रव्य, लाप प्राएा, हार होचायी, आपो सिद्धोती सपेक्षामे पधु मागण, पधुश्रीमंत न हुहेवाईयो? याप्पा सिद्ध लगपंती पासे भाप्र लापप्राएल होय छे मने खापणी (संसारी) पासे तो ट्रव्य प्रागलाप प्रणाने होय छे. छतांय मापा season Page #16 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. (१२)..... Date सिद्धो ऽरतां आगणन रहेपाई. डाराडे, संसारीने भणेसध्यप्राएो तो घरघान पे न उहेपाया परंतु, लंड ३पे हुँचाय छे. भनी गुलामीनां सीधे न शरीरधारी अवस्था भणे छे तथा केन्द्रियोने धारणा रयूं पडे छे, तेनी सार-संलाण लेवी पड़े छे. व्यारे, सिद्धनां वो तो,मा गुलामीधी डायम माटे मुात थी गयां छे. मापणी पासे रहेल लापप्राएो उरतांय सिद्धना जुवोना - लाय प्राए तो बuantity. + qualth (योन्टीटी पोलीटी) बने अपेमारी घान्द्यां यहीयातां छे. सापाने मोल लाप प्रायो प्रश्तांय सिद्धानां लापप्राणेने यदियात दुर्छ रीते हेवाय ते नीये मापस तापत'नो डोहो पायी खापोमाप प्याल नापी शे. wo तावत संसारी (मापए लायग्राहा। सिद्धनां लापप्राए डर्भनो संपूर्ण नाश ा विना । () डर्भनी संपूर्ण नाश प्राप्त घाय. श्याची प्राप्त थाय. क्षयोपशम लापनां गुटो हेपाय (सायिह लापनां शुएो उठेवाय. () जाप्यां पछी नगृति न राणो मण्यां बाह, डायम भाट तो स्याना थर्ड शडे. साये रहे, काय नहीं. ( लाडानां महान तुल्य ल) सोनरशीपनां भान तुट्य| Temporary गुठो छे. डायम रहनाश गुठो छ. (पाइडी. रवीने ड्यरो साडेल पाड्यशे जाणीने योjऽरेख निर्मण पण तुल्य गुटो माया तद्दन निर्माण तुल्य छ. सेटले, उर्भपी ज्यरो सिद्धनां गुठो सेटले , मात्र मानछे परंड हुनु योजणी गयेल होयाधी, पुरेपूर नाश नधी ज्यों પાણી હલવા છાંયે પાણી भेद्यं यवानुं नधी.डाघात. आपला नम्रता, सुमाहात. सुमा, नम्रताना गुणो माटि मुडो ध्यारेऽ होय भने । डायम भाटे रहे. सिहो तो ख्यारेउ न पए होय. सारे छे ज्यारेय पए होपोने धारण તો કાલે નથી. આપણે ક્યારેક हरनार नबने , डायम माटे ક્ષમાવાળાં થઈએ તો ક્યારેક गुएशोना धारा ३पेन्द्र रहे। लोधीपा घर्ष मे. Page #17 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. Date -: विश्वनां मात्र से पस्तु : अप संसारी नुप मुत्तासिहानुय (भापो बधांग समग्र विश्वमा मात्र पस्तुमो छ : 'नुप' सने 'माय'. सापो गमे त्यारे मांज उघाडीने शेने तो, आपने में पए नकर सभा हेपारो, ते तो 'ब्लुप हो, तो 'मनुष' हुशे . मालेपहार्य सियायनी नीलडोईपए पस्तु मापाने नहेमाय. साबे वस्तुस्रोमांथी , या ग्रंथनां तो सापाने 'भुप' मंग विशेषयी माहिती भेगवधी छ, परंतु 'सलवासंगे नहीं. तेधी, 'नुप' सोनी पियारएप हुये मापो श३ उरीगुं. अपना मुध्य प्रकार छ : 'संसारी' सने 'मुन्त'. तमाथी 'भूत'ना यात्मामो तो भोसे पधारे होवाधी, तेमने पए। डॉde मां राजीने, 'संसारी' योना लेहो भएापा, आप मागणी इये, संसारी' लुपनां पहले प्रहार : "स्थापर' खने 'प्रस'. स्थापर (मेडेन्द्रिय) जुयोनी दुनियानी वियारए। र्या जाE, माघ उस लयोनी दुनिया अंगे मसर वियारशुं हये सौ प्रथम जवनां ने प्रारी : 'संसारी' मने 'भूत' जुयो संग डि पियारी. संसारी नुपनी प्याज्या : मनो खात्मा, मेथी हा बंधायेसो उथपा दुर्मना पाहणोथी हल टंडायट छे + रेमनां यात्मानां मनंता गुएरो हड रेप प्राट थयां नधी हर्मइपी पाहणोथी ढंडायेस होपाथी) + रेखो सिद्धपह-भोक्षने पाभ्या नधी + यार गति उप संसारमा भर्नु रजडवार्नु परित्नमए) हुन् या छे, ते अपोने "संसारी न्नुयो हेपाय. भुक्त्त जपनी प्याघ्या: - "संसारी लपा उरतां तद्दन उलटी प्याल्या. जेटले डे, हे योगे डायम माटे सर्व हर्मोनो नाश डरी नाम छे अथवा Page #18 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. Date ૧૪ मनो खात्मा उर्मनां वाहनथी 'नराय ढंडायेलो नथी + नेमना खात्मानां जनंता गुएगो पूरेपूरा प्रगट थर्ध गया छे (दुर्मइपी पाहणाखो नाश थपाने डारो) देखो सिद्धपह- मोक्षने पाम्यां छे + यार गति उप संसारनी रजडपट्टीथी हुपे डायम माटे देखो छूटी गयां छे, ते भुवोने 'मुक्त भुवो' उहेवाय. यालो, हुवे उपर हरेल प्याख्याखोना अनुसारे 'संसारी' खने 'मुक्त' भुवो पय्येनो तझवत खापएंगे वियारीखे. : तझवत : संसारी भुव (9) के लूताणमां खनंतोडा यार गतिनां संसारमां राजड्यां छे, वर्तमानमा पए। केभनं रजडवानुं यालु छे जने लविष्यमा पए। मोक्ष न यामे त्यां सुधी राजडशे. (२) ने भुवो मोक्षने पाम्यां नथी. (3) खात्मानां जनंता गुणोनो संपूर्ण (यूरेपूरो) प्राश, बेमनो हुनु प्रगट थयो नथी. (४) दुर्मनो ऽयरो हुनु पूरेपूरो नेमनो जयो नथी. (4) हा.स. पाहणथी दंडायलां " सूर्यनो खल्य प्रकाश जाएामांथी नीडजेल भाटीथी मिश्रीत + जशुद्ध सोनुं, अहपथी मेलुं थयेल मलिन वस्त्र, उपरथी डायी नांखेल जावणनां वृक्ष (वे दूरी उगी राडे), तेनां समान-तुल्य 'संसारी खात्मा' हेवाय. मुक्त भुव (1) के लूतडाणमां जनंतोडान यार गतिनां संसारमां राजड्डयां छे परंतु डर्मोनो नाश उरवाने सीधे हुपे रोमने रखडवानुं नथी खने लविष्यमा पए। रजडशे नहीं. (२) के भुवो मोक्षने पाम्यां छे. (3) खात्मानां खनंता गुएलोनो संपूर्ण प्रकाश नेमनो प्रगट थर्ध गयेल छे. (४) अर्मनो ऽयरो पूरेपूरो जाणी नांखेल छे. प्रकाश, (4) घन्त. वाहन विनाना सूर्यनो पूर्णा माटी विनानुं २४ डेरेटनुं शुद्ध सोनुं, डाहप-मेल विनानुं वनिर्मण वस्त, भूजधी जाणी नांखेल जावणनां वृक्ष (बे दूरी पाछां ज्यारेय नहीं उगी राडे) तेनां समान- तुल्य 'मुक्त खात्मा' उपाय. Page #19 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. Date गर्भनां बंधनीमाथी छूटपाना भूज्य उपाय इसने छे: नां जो न जंघाय तेनी पूर्ण जगणनगृति : | राग-द्वेष न डरपा द्वारा राप्नपी) र) जूनां Gधायेमां हर्मोने जाणपा भाटे : (खारापना , सापनामा विशेषथी डाj) हा.तः जंधायेला 20 होरडामोथी मुस्त धपा भाटे जे शरतोर्नु पालन | री छे, के नीये मुरुम छ । पण नयां होरखां बांधता सापयां मने नूनां लंधायेला होरडांग्मोने धीरे-धीरे पुरीने घटाइयां- छोऽपां. | भेटले, मा रीते, परनी जे शरतोनुं पालन ऽरयायी, टै समयमांन उर्मोनां बंधनोमांयी धूटीने, यात्मा पूतिया मुस्त थर्ण नशे. सापएो मात्मा, संसारी अवस्थामांधी छूटीने, परमात्मा इपे घर्छ नशे. बोलो, थर्पु छे ने र प्रश्न: पू. साधु-साध्वीने 'संसारी' हेपाय : 'संसारना त्यागी' उपाय? नवाला संसारी पुन, परिवार , पैसो, पार्थ माहि जाह्य पहार्यो इप द्रव्य संसारनो त्याग रेल होवाधी, व्यवहारथी तेमने 'संसारना त्यागी उपाय सने राग-द्वेष-विषय-दुघायाहि उप लाय संसारनो नाश उपायुं हुकु लाठी होवाधी, निश्चयथी 'संसारी' हेवाय. अथवा धर्मग्रंथमा प प्रडारनां संसार = भिध्यात्प, सपिति, उपाय, योग मने प्रमाए डीयां छे. संयम संगीडार रेटा साधु-साप्पी मिष्टयात्य + अविरति इप संसारनो त्याग रेल होपानी मपेक्षा : व्यवहारथी 'संसारना त्यागी' तरी हेवाय सने दुधाय + योग + प्रभा उप संसारनो त्याग ह पूरेपूरी न घपानी सपेक्षा : निश्चयधी 'संसारी' तरी हेवाय. प्रश्नः मात्माने यधु नुसानहार द्रप्य संसार डे लावसंसार ? वाल: द्रष्य संसार डरतांय लाप संसारयी खात्माने पथु नुडसान थाय. डारणाडे, अय्य संसारनी हारी होया छतांय उवज्ञान शड्य छे. परंतु, लाय संसारनां नारा विना, डेवणतान मने मोक्ष तो 'प्राठा डाणमां पाए भेगवयु शय 'नथी. KOKUYO W-N82800 Page #20 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Date हात: संसारमा रहेख लरत यवतीनो द्रव्य संसार उलो होघां छताय, संरथी खलिप्त रहेवा द्वारा, लाप संसारनो नारा हरीने, तेस्रो डेवगतान पाभ्यां , मोतु पाम्यां. प्रश्न: तो पछी अप्य संसार छोऽपानी र शुंछ संसारनो त्याग डा विना पए, गृहसंसारमा रहीनेष विषय-घायाहि लाप संसारथी छूटवानो प्रयत्न मात्र उरीखे तो याले ने? हवामलाप संसारथी मात्माने पधु नुकसान होवा छत्तांय, सौ प्रथम तो द्रव्य संसार छूछे छे सने पछी, लाप-संसारथी छूटाय. प्रप्याजाह्या संसारथी या पिना, लाप (सल्यंतर)संसारथी छूटयूं तो मति तल छ, प्राय: सराध्य छे. तेथी, प्य-जाघ संसारनी त्यागइपी संयम पननो स्पीडार यो सत्यंत बरी छ, अनिवार्य छे. हा.तः दूलतां मालासने जयापपा भाटे, सौ प्रथम तेने पाएगीमाथी लहार ढाय. त्यारजाह, संहर शरीरमा घूसी गयेम पाजीने डढाय, तो न डूबतो भाएास लयी राडे माडी सामानुर्भारहेल नाह्य पाणीथी जतां माएसने छूटा डा पिना तेना पेटती संहरमा घूसी गयेलपाीने छापामां सइणता मणी नराळे. नहारन पाए = द्रव्य (जाह्या संसार संहर घूसी गयेट पाएी = लाप (सल्यंतर) संसार लरत यवती वा द्रष्टांतो तो शेडोमाथी सेडाह અપવાદ રૂપે જોવા મળે છે કે જેઓ દ્રવ્ય સંસારનો ત્યાગ डा पिनां पाए डेपणज्ञान पामी गया. परंतु, उत्सर्गमार्गे तो, द्रव्य संसार छोड्यां जाट ,लाप संसारथी छूटपामा सहणता मणी शडे. लरत यावतीने डेवगलान थया बाह पए तेस्रो च्या सूधी द्रव्य संसारना त्याग ३प संयम अपन न स्वीडारे त्या सुधी ईन्द्र महाराज माहि हेवो तेमने पंहन पोनरे. लुतडाणनां लपोमा पछा, लरत यहपतीसे अप्य संसारना त्याग ३प संयम न्नुपननी साधना तो मनेऽ यार डरेली | छे. Page #21 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Date न ' : 'अवनी सिहि - 'प' नी तिहि दुखी री शा भाटे ? नुपनो (मात्मानो) हार्ट स्पीडार भ्यां सुधी नधाय त्यां सुधी, नुपध्यानां चालन भाटे, विशेष उत्साह न नगी शडे. मात्मा छे, मात्मा शरीरथी हो छे, शरीर नारा पामे सने खात्मा परस्पडमां भय छे , परलोडमाँ नपुं शरीर मणे छे, त्याहि श्रद्धा खेडवार द्रढ घया बाE , नुपध्या पागवा यने लुपहिंसाधी जयवानो प्रयत्न थाय. डाराडे, जय कुं। मेषु समच्या बाह, मारां समान अव खात्मा) तो गणतना बीन सर्व भुवोनो पए। होयाधी , मारे जीनं पीने , जुपहिंसाना माध्यमयी खशाता, असमाधि हपे नथी सापपी से रीते महयान थई राई भने जपध्या घाणयानो उत्साह सापोखाप लगी राडे, तेथी 'अप'नी सिद्धि नपरी छे. ॐ'लुप'नी सिद्धि माटे, रायपणी ग्रंथमां मापतुं प्रदेशी रागर्नु अष्टांत अत्यंत , हिंसा सने नास्ति शिरोमणी सेवा प्रदेशी शन, प्येतांजिहा नगरीनो रान तो. सारालमे, नयां नयां इत? उरीने, पोतानी संपूर्ण प्रन्नने पएा, धर्मघी चिमुजमने नास्ति जनापी हीधी. राजना भित्र थिन'सारथी, प्रलु पार्श्वनाथनां प्रथम गएधर श्री उशी गएाधर पासे जो पामीने पर प्रत यर्या हुता. खेड्यार चित्र सारथी पोताना भित्र प्रदेशी शनने प्रतिमोथ पमाऽषा भाटे, प्.डेशी गएधर पासे याप्या. त्यार ना , प्रदेशी राजनी शंजसो स्वरपे प्छायेटलां सपायोनां तईबह न्वालो पू. डेशी गाधरे साप्यां. साधेनां समुह सवाल-जवाबो नीये डूंडमां ताप्यां छे. सा सवाल- न्वाजनां माध्यमे, जप- परसोड साहिसंबंधी सापही हा पएा डोससाङ द्रट थर्ड शेः प्रम-: जेन माय तेने भानी न राहाय. 'आत्मा' नामनी षस्तु तो आ દુનિયામાં છે જ નહીં કારણ કે, તે દેખાતો નથી. ન દેખાતી KOKUYo W-Ne2800 Page #22 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Date वस्तुने पए को भानो तो पछी, या दुनियामा गधेडाना शिंगडासिने पारा वापन सस्तित्प पए, न पापा छतांय,मानपुं घडशे. यालरो ने परंतु, ते तो ईष्ट नथी, मान्य नधी. सवाल-4: पोताने नहेमाती घी पस्तुसोने माटे हुनिया माने छे. ता महेल, हिव्ही, साल श्वान, कुतुबमिनाराहि स्थगोने हम सुधी न लेपा छताय, सने हालां न हेलावा छाय, ने सापो भानीये छीमे, तो पछी, मपी मेवा खात्माने, न हेमाया छांय, मानपानां शुं पांधी छे? खापएने मात्मा लले प्रत्यदु नधी हेजातो , परंतु, सिलगपंतो, डेयणीलगपंतो, अनुल्ति संपन्न मात्मामाने तो मात्मा प्रत्यक्षपो सासात अनुलपाय छे. प्रश्न-र: मापनी मान्यता मुरुष,सत्यंतर, हिंसामने पापी नेपा भारा पहा, मरीने ने नरशमां गयां होय मने त्यांनी ती वना ने सही रयां होय, तो तेस्रो मही यापीने , शामाटे भने समनपता नथीरमाश उपर मेमनो अतिशय स्नेह होयाथी, भाश सत्यो-पापो मडापपानी प्रेरणा उरपा भाटे, हुतु सुधी. महीं शा माटे नथी साप्यार मेरसे, शरीर भने मात्मा कुटान्नुहां नथी पए मेऽ छे आने परसोड रेपी डोई पस्तु नधी, नरडलोड रेपी छोई दुनिया र नथी. ले होय तो हम सालित हरीने जतायो. नपान सहींची भरीने, नरभां गयेल मात्मा, सही रहेस पोतानां पूर्वलपना स्नेहीनो पासे न सावधानां डाएगेनीये मुरुम छे: नरामा रहेलो नुव, मा पृथ्वीसोऽभा सापपा ठग्छे, तो पए यापी न रा . डारण डे, तेने देश मात्र पए स्वतंत्रता न होय, रेप्रो परतंत्र होय. सतत प्रास मापनारा त्यांना डडोर संप्रीमो एपश्माधामी यो एवार भाटे पए नारहना जुयोने छूटो न भूडे. स नरहनी नयहरहना तेने खति विवण डरी गांजे छ. घां | रोगोती सतत हानीनां सीधे, शरीर भने मनथी सत्यंत प्रस्त, मेयां नारने शुसूछे नहीं. पेहनीय धर्म रेप न लोगवाय त्यां सुधी, नारनो तुप पोतानी ध्रछा मुरज ध्याय पहुए नई न राडे. Page #23 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Date : . लानरामायुध्यनो पा क्षय थयेख नथी. तेथी, तमाश घार्नु सही न खापयानुंडारए नरऽगतिनो मलाप नथी परंतु, नारऽ अयोनी परतंत्र अवस्था- मे हारा छे. मेरले, नरहलोडनां नार अपोर्नु, मही पृथ्वीलोऽनी पर सामात् सागमन न थवा भाप्रथी नरहनी दुनियानां मस्तित्वनो मिलाप न मानी शहाय, तेथी 'परसोड' मेषी पस्तु तो थोडसपी / प्रश्न-उमाशं पर खत्यंत स्नेह धरापतां मारा हाहीमा, धर्मना प्रलापे हवलोडमां गया होय तो, भने प्रतिरोध ज्या भाटे सही शा माटे न मापे मार सूयपे छ हेपसोड नामनी डोई दुनिया छे४ नहीं. सरे, सासोऽ सिपायनी परलोड नामनी दुनिया छे र नहीं ले होय तो समने सिद्ध ऽरी जतापो. स्पाज- अहेवलोऽमाथी सही न खापपानां डारो नीये मुरम छ: का स्वर्णयालोऽनी सरजामहीमा, खा मनुष्यलोड घणो हो छे. आपणां मनुष्यतोऽथी 300 -प०० योन्हन हर होपां छांय, महीनी पिने तेसो सही न श . भाटे, सहीं न मापे. सहिष्य डामलोगोा जूज मशगूल बनी भयछे सने मानवीय सुप्रोमां तेभनी इयि रहेती नथी. भाटे, सही न सापे. असे हेपनो , मनुष्य सायेनो नो संबंध ही गयो होय छे मने बील-बापु, हेपाहेपीमो सायेतो नवो गाढ प्रेम संहभेटी होय छे. नयां पात्रो साथेनी सतिशय गाढ लागी बंधार्यवाथी, नूना भनुध्योऽनां स्नेहीनो सानां संबंधोनुं पूरेपूरे विस्मरा प्रायः दुरीने थर्थ तय छे. - का नावना अणमां पए, हेयतामो साक्षात् लले नहेमाय परंतु, घणीपार परमात्मानां प्रमाप सने प्रलुलतिथी जैयाईने, खा पृथ्वीटोऽ उपर खाप छ. मातनां जयोना हृध्यमां, प्रल प्रत्येनो लहितलाष, सहोलाप सने श्रद्धा पधे ते भाटे, हेयो द्वारा किनालयमां सनीठरएगा, सर छोरए, छप्रनु एमपोर यमत्डारी मा पए थाय छे, रे मापी सहमे खनुमपेज- नेयेस अथवा सालगेल पण हिशे. तेथी, ना हेवतामोनू निवासस्थान सेवा हेवाड' नामनी दुनियाj अस्तित्प साना द्वारा स्पष्टपो सिद्ध थाय छे..mono wammu Page #24 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No.120 Date रपा हिप्य सुजमा पडेटो से रेप, 'जस, हुभएां घोडी पारमा ई गाउ छु, जस एमएन नछु। म पियारे छेसने त्यां तो डेरसोय सांजो डाण यही जय मने भनुध्यलोना अल्पायुषी संबंधीयो तथा स्नेहीकनो मेलामां तो मरी अने डोह मन्य गतिमां पहोंयी जय छे. तेथी, तमारा हाही स्वर्गमायीसही न खापपाणु अारए, हेपलोऽनां मस्तित्पनो सलापनी परंतु, स्वर्गीय सुनोनी तीव्र नासन्ति छ. - प्रश्न-४ : सेड्वार रोड योरने हार राषीने, समग्र प्रभकनो समक्ष , ते योरना शरीश्नां नाना-नानां टुडासो राप्या. रानां डाएगां रेटला नाना-नानां डायो शपयां छताय, तभाशे मनायेलो सात्मा ध्याय मण्यो नहीं, हेमायो नहीं. सेटले निश्चय यो है, अपने शरीर द्यां नधी पए से छे. होय तो मभने सिद्ध डरीने हमान नए ४ तमे जतायो. श्वाव-४: जाहिराना पत्थरमा सजि विद्यमान होवा छतांय, तेना नाना-नानां टुडडामा रया छतांय, हेप्नाय नहीं. मेरीते, माणासमां बुद्धि विद्यमान होपा छतांय, जुपतां माहुासनां डे-करडां ज्यां छतांय, जुडिप्राय नहीं खेल रीते , झूलमा सुगंध होपा छतांय, झूलनी सेह-जे पांनडीयो यूटी रीने, ध्यानधी शोधयानो प्रयत्न ऊरपाछतांय, सुगंध डोछने पएा न हेप्नाय, जस, मेक रीते, शरीरमांविद्यभान होपा छतांय, शरीरना टडे-उटडां ऊरयायी, अपी मेयो खात्मा नहेमाया छतांय, 'मात्मा'नो मलायमानी न शहाय. प्रश्न-पासेड वतां योरने खोटानी खुलीमां पूरीने, संपूर्ण मुलीने यारेलायी सीस-पेड राप्यां वाह,सहवाडियाने खंते, मुलीने उघाडीने नेयं तो, पेलो योर लियाये मराठा पाभेलो हतो. परंतु, तपास डरया छतांय, ईलीभां डोर्ड थामे नानी तिराऽ नार्नु सरह पए पडेलु नतुं. जय शरीरथी घो होय मने ते शरीर छोडीने , याख्यो गयो होय, तो दुलीनां डोई स्थगे तो तिशऽ डे डाए अवश्य पडघुले, परंतु, तेयुंथतुं नथी. तेथी, अब मने शरीर नुहां नयी पा सेडर छे. होय तो सालित डरी बतायो. Page #25 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २१ नवाजन्यः प्रश्न-द: No. यारेजाबुथी सील-पेड डरायेल सेवा खेड मडानमां अथवा पेटरीमां, पात्रो वगाडयामां खावे खने छतांय, जवान बहार संलणाय छे. अर्धया स्थणे डाएणं हे तिराड पाड्यां पिना, सील-पेड मअन डे पेटीमांथी, इसी सेवा शन्होनां पुद्‌गलो मे बहार नीडजी राहतां होय तो पछी, खइयी खेवो खात्मा तो, तिराड के डाएं पाड्या विना सहेलार्धथी बहार नीडजी ४ राडे छे. खेमां होर्ध नवार्धनी बात नथी. इपी सेवा खवान्नां (शब्होनां) पुह्गलो मे पेटीने लेहीने नीडजी राडे तो पछी, खइपी खेवो 'खात्मा' शा माटे न नीडजी राडे ? खुशीधी नीडजी राडे (अएं हे तिराड पाड्यां विना) . Date खेडवार भवतां योरनुं वक्न दुर्या जाह, तुरंत तालपुर और जवडावीने, थोरने सला समक्ष मारी नंजाप्यो . त्यार जाह, दूरी वन्न यु, भे खात्मा नामनी वस्तु शरीरमांथी नीडजी गधे होय तो, दुर्धड अंशे, थोडु-धाएं पड़ा वन तो खोढुं धं ४ भेर्धजे. परंतु, पक्न सरजेसरजं थाय छे खने भ्राय घटाडो न थाय. तेथी, भुव खने शरीर कहां-कहां नथी. परंतु, खेड ४ छे. खने परसोड ठेवी डोर्ध वस्तुनथी. भे होय तो सिद्ध डरीने जतावो . ४वाल- दु: खरे! पन्न तो पुद्‌गल - भ्ड पहार्थनो गुणधर्म छे. क्यारे, જીવ (આત્મા तो यु‌गसथी लिन्न खेदो खइपी पहार्थ होवाथी, खात्मा नीडजपा छता? पश्नमां लेश पए। घटाडो न थाय. खा रीते, भुव खने परलोड संबंधी शंडाजो विषे समाधान भजतां, प्रदेशी राम नास्तिक महीने जास्तिङ थया; धर्मनो जोध पामी, १२ प्रतधारी श्रापड बनीने, हुवे पछी 'हुं भयुं त्यां सुधी डायम माटे, छहूनां पारएो छहु रजने पारगे खेडासएगा डरवानी' सलिग्रह स्पीअरीने मोक्षमार्गे विशेषथी जागण पध्यां. तेथी, सामान्यथी खा सवाल- ग्वाजो द्वारा 'भव - खात्मा', नामनी वस्तुनी सिद्धि स्पष्ट्यो यर्ध भय छे. विशेषधी खा संगे भे भएापानी भुज्ञासा होय तो, 'गएधिरवाह' नामना ग्रंथमांथी, भुपनी सिद्धि माटेनं विस्तृत विवेचन मेजपीने, पांयी शाशे . KOKUYO W-N8280U Page #26 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. Date हुपे, लुपमात्मानी सिद्धियां माह, प्रजुने मान्य यां नयोनां प्रडारो मा गतमा उँटलां छे। मने ज्या ज्या छ? ते समजुरां. डाराडे, योनां प्रडारोनी समलए भेगप्यां पिना, ते पोनी हिंसाथी जयपा माटेनां प्रयत्नो ऽरयां, ते आप माटे राज्य नथी. पे, सौ प्रथम तो लगतनां सर्प लपोनी समावेश, सामान्यथीमात्र पाय प्रकारमा मापो डरीगुं. त्यारणा, मापए 'शुपनपियार ग्रंथ' मुष्ठम मेन्द्रियाहि सर्प पोना लेह विधे विस्तारथी हुमसर समनु[. शप (सामान्यथी म प्रहार) डेन्द्रिय- बेन्द्रिय ठन्द्रिय यरिन्द्रिय येन्द्रिय नि दुलईन्द्रिय पाय छे : यामडी, शुल, नाऊ, माण,डान . मेन्द्रिय जपो : रेमने यामडी (स्पर्शेन्द्रिय) नाभनी भाप्रसे ििन्द्रय होय, ते मुषोने खेडेन्द्रिय गुपो' हेपाय. .त. : पृथ्वीडाय थी पनस्पतिाय. सिजेन्द्रिय अपो: के पोने यामडी (स्पर्शेन्द्रियासने शुल सिनेन्द्रिया, सेलेन्द्रियो होम, ते 'मेन्द्रिय जुयो' ऽहेयाय. तेना शंण, शंमला, डोडा, गंडोल, नमो, मरिया, असियां, सानियां , भि, पोरा, यूडेख पगेरे सने लेटो छे. तेन्द्रिय यो: शुपाने नेन्द्रिय गुपो ऽरतां मेड नाऽ घ्राएगेन्द्रिया धिट होय, ते तेन्द्रिय अषो' उठेवाय. तेना अनपरा , मांड, सीणा, डीडी, उघर्ष, मंडोडा, धान्यमा उत्पन्न थती ध्यण, घीभेस, सापा, भींगोडानी Page #27 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 23 नोध: जनेड भतो, गधैयां, थोरडींडां, छागनां डीडां, धान्यनां डीडा, डंथवा, गोलावा, गोज - जांडमां यती धेयणो, गोडजगाय विगेरे खनेड लेहो छे. : 3 यरिन्द्रिय भुवो के भवाने तेथेन्द्रिय भुवो डरतां खेड खांज (यक्षुरिन्द्रिय) अधिङ होय, ते 'यरिन्द्रिय भयो' दुहेवाय. तेनां पींछी, जगा, लभरा, लभरी, तीड, मांजी, डांस, भरछर, इंसारी, जडमांडडी वगेरे खनेड लेहो छे. : पंयेन्द्रिय भुवो के भवाने यउरिन्द्रिय भुवो डरतां जेड डान (श्रीतेन्द्रिय) अधिक होय, ते 'पंयेन्द्रिय भुवो' उहेवाय. पंयेन्द्रिय भुवोनां मुख्य ४ प्रकार छे : (1) नारङ (२) तिर्यय (पशु-पंजी), (3) मनुष्य, (४) हेव 2 સંસારી विडसेन्द्रिय भवो : जेर्धन्द्रिय, तेन्द्रिय खते यरिन्द्रिय भुवने खेडी साथै 'विङलेन्द्रिय' या उडेवामां खावे छे. કારણ हे, तेमने पाय र्धन्द्रियों डरतां खोछी र्धन्द्रियो होय. छे. विडल = खोछी प डरतां खोछी र्धन्द्रियोवाणा भुवोने विकलेन्द्रिय भुवो उहेवाय. .. भुव No. Date खा रीते, सामान्यथी भवानां पांथ प्रडारो तथा तेनां द्रष्टांतो भएयां. त्यारजाह, सालो हुवे, खामगां' 'भुव-विचार ग्रंथ' मां खावतां, भवानां लेह भगवा मारेनी साथी शइखात उरीशु. विश्व मुक्त (सिद्ध) → स्थापर प्रस (मात्र से केन्द्रिय भयो) (जेन्द्रियूथी पंचेन्द्रिय) અનુવ KOKUYO W-N8280U Page #28 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ૨૪ स्थावर (स्थीर) भयो : पोताने हंडी, गरमी खाहि त्रास पडवां छतांय, पोतानी रिछा मुन्न, खेड स्थानेथी जीभ स्थाने, हुलनयलन न डरी राडे, सेवां स्थिर भवाने 'स्थावर' उहेवाय. EL.CL.: पृथ्वीद्वाय थी वनस्पतिडायनां भुवो (तमाम खेडेन्द्रिय भुवो) प्रस भवो : पोताने ठंडी, गरमी जाहि त्रास पडे त्यारे पोतानी ईच्छा मुन्ज, खेड स्थानेथी जीभ स्थाने ने कर्ध डे, हुसन यलन झरी राडे, तेवां भवाने 'प्रस' डेपाय, ध.त: तमारां संघना श्रापड़ो, हाथी, डीडी, घोडो साहि (जेर्धन्द्रिय थी पंथेन्द्रिय सुधीनां बधां भुवो ) स्थावर भवानी दुनियामां, , मात्र खेडेन्द्रिय भुवोनो ४ समावेश थाय. परंतु प्रसनी दुनियामां तो जेर्धन्द्रिय थी पंथेन्द्रिय भवोनो समावेश थाय छे. तेथी, हवे सौ प्रथम केनी दुनिया नानी छे खेपा स्थापर (खेडेन्द्रिय) भुवोनी विचाएगा सौ प्रथम ङीशु. (3) स्थावर (खेडेन्द्रिय) भुषोः स्थावर भवानी प्याच्या तो खायो उपर पियारी गया. हुवे सौ प्रथम, खेडेन्द्रिय भवोनां दुस २२ (जावीस) लेहो अर्ध रीते थाय रखने ते ज्यां ड्यां छे, ते खायो सामान्यथी मात्र नामोनां उल्लेख द्वारा भागीशुं. त्यारजाह, हरेड लेह संगे कुमसर विस्तारथी पियारीशुं. Page #29 -------------------------------------------------------------------------- ________________ એકેન્દ્રિય ર સ્થાવર જીવોનો યંત્ર નીચે મુજબ નાણાવ સંસારી જીવ | સ્થાવર જીવ (તમામ એકેન્દ્રિય જીવો) રસ જીવ (બેઈન્દ્રિય થી પંચેન્દ્રિય જવો) તે પૃથ્વીકાય અપકાય તેઉકાય . વાઉકાય વનસ્પતિકાય સૂક્ષ્મ | બાદ. | સૂક્ષ્મ | બાદ સૂક્ષ્મ બાદ૨. સૂક્ષ્મ | બાદ પ્રત્યેક સાધારણ પ. અપર્યા. પર્યા. અપર્યા. | | | | પથઇ. અપર્યાપથ અપાયો. | પર્યા. અપર્યા. પર્યા. અપર્યા. પર્યા. અપર્યા. પ. અપર્ણા પથર, અપથ. સૂક્ષ્મ | બાદ | પર્યા. અપથી પર્યા. અપર્યા | પથ : પર્યાપ્તા અપથ = અપર્યાપ્તા Date KOKUYO W-NB2804 Page #30 -------------------------------------------------------------------------- ________________ यालो हुपे, स्थावरनां भेडेन्द्रियना) र लेहोभायी हरेक पृथ्वीडाय, खपडायाहि पोनां कुल लेटो डेटलां मने ज्या यां, ते मटाराधी भएपीने, पृथ्वीडाय (कुल लेह ४) : () पर्याप्ता सूक्ष्म पृथ्वीडाय (२) सपप्तिा सूक्ष्म पृथ्वीडाय ग पर्याप्ता. बाहर पृथ्वीडाय ४) अपर्याप्ता जाहर पृथ्वीजय 63 सपहाय (इल लेह ४): (१) पर्याप्ता सूक्ष्म सपाय एमपर्याप्ता सूझ सपहाय (3) पर्याप्ता जाहर सपाय (ह) अपर्याप्ता जाहर मपठाय । तेडाय (दुख ले ४): पा पर्याप्ता सम्म तेडाय एर अपर्याप्ता सूक्ष्म तेडाय (3) पर्याप्ता नाहर तेडाय 3) सपर्याप्ता बाहर तेउडाय पाउडाय डुल लेह ४): (C) पर्याप्ता सम्म वाय र) अपर्याप्ता सूहम पाउडाय (3) पर्याप्ता नाहर पाडाय (छ) अपर्याप्ता बाहर पाडाय छि प्रत्येक पनस्यतिहाय (डुलले): (૧) પર્યાપ્તા બાદ૨ પ્રત્યેક વનસ્પતિકાય (૨) અપર્યાપ્યા બાદ પ્રત્યેક વનસ્પતિકાય Page #31 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. Date साधारण पनस्पतिद्वाय राहुल ले ४):मा पर्याप्ता सम्म साधारए पनस्पतिडाय (२) अपर्याप्ता सूम साधारए पनस्पत्तिकाय ७ पर्याप्त बाहर साधारह वनस्पतिडाय (8) सपर्याप्ता बाहर साधारए पनस्पतिछाय. माम इल लेह र यथा : मेमां पर्याप्ता : रामपर्याप्ता : पर बाहर = पर सूक्ष्म = १० प्रत्येड पनस्पतिहाय = र मने जाडीनां ४-४ छे. मा हरेनी व्याघ्या यगेरे विशेष समन्ती तो मागम मायरो. हमां तो दुख लेडोना नामो जने तेनी संज्या मात्र या राजीर. साम, पृथ्योडायनां (लेह) + अपडायनां (४ लेह) + तेडायनां (ले) + पाडायनां (४ लेह) + पनस्यतिठायनां (र+४= ए लेह) = कुल २२ ले मेडेन्द्रियनां थयां. હુવે આ કુલ ૨૨ ભેદોને એક સાથે નીચે મુજબ લખી am: स्थावरना २२ लेहोनां नाम : (प) पर्या. सूहम पृथ्वीडाय () सपर्या. सूक्ष्म पृथ्वीडाय 1) पर्या. बाहर पृथ्पीडायल) सपर्या. बाहर पृथ्वीडाय रय) पर्या. सूक्ष्म पहाय (3) सपर्या. सूक्ष्म अपडाय छ पर्या. बाहर नपडाय (ए) अपर्या, नाहर मपठाय हटा पर्या. सूक्ष्म तेडाय (७) अपर्या. सूहम तेडाय सा पर्या. बाहर तडाय- (तर) अपर्या. बाहर तेडाय (3) पर्या. सूक्ष्म पाउडाय (१४) सपर्या. सूहम पाउडाय लपा पर्या. नाहर पाउठाया खपर्या. बाहर पाउडाय पर्या. जाहर प्रत्येऽ पनस्पतिहाथ () अपर्या. जाहर प्रत्येऽ वनस्पतिदाय (बलपर्या. सूक्ष्म साधारण वनस्पतिडायरिण) सपर्या. -.-..सूमसाधारए। (स) पर्या. बाहर साधारह पनस्पतिद्वायरयासपर्या. जाघर साधारण पनस्पति કાય KOKUYO W-N82300 Page #32 -------------------------------------------------------------------------- ________________ हुये, भेडेन्द्रिय अयोनां मार लेटोने नहर साभे रानीने , मापणीलुछिनी थोडी इसोटी पायते माटे दुल बाधीस लेहोभांधी प्रत्येऽनां, सुष्मना, पर्याप्ता पोरेनां छुब लेटो डेटलां छप ते पियारीनेलायशो . या सपालोनां ज्वालमाटे, मेहेन्द्रिय अपोन'यंत्र-टेलल' सतत प्रगतमा उपस्थित रामनरी छे. ना सवाटोनां सायां नवामो या पिना) तमने सापडी भय तो सिद्ध घरो के नानपाएमां स्टूलमा तमे डीपी या॑ पगर पास थयां छो भने तमारामां थोडी घणी पहा बुद्धि नहीं -- तेनी पट परीक्षा हुपे यशे. स्थावर अवानां कुल लेहो २२ मांधी नवीनां नाम दुल ले | नुवोनां नाम, डुलले 1) साधारह लुपना -४ सा पर्या. प्रत्ये? अयोरासपर्या सुम निगोह- १ पनस्यतिछाय - 2 या प्रत्येक प - पर म पर्याः प्रत्येड निगो - 0 जसपर्या. हम प्रत्येऽयनस्पतिप्राय-र) पर्या बाहर प्रत्येक शुवो - प पा सूक्ष्म अव - 0 रमा पर्या. पाठिठाय - २ आजार साधारहा नुव - र खा पर्या. मेटेन्द्रिय वो - १ जाहर नुप - परसाखपर्या. वाउदाय - र टासपर्या, सम वनस्पतिछाय- १ ) पर्या. सूक्ष्म अपडाय-एहा पर्याप्ता लुप - पप ख) बाहर प्रत्येङ भुयो - 20पण अपर्या. बाहर प्रत्ये? अयो- ५ ) पर्याप्त वार तेडाय-पपण पर्या. जाहर निगोह - १ उसपर्या. मार प्रत्येपन - १) अपर्याप्ता न्नुप - पप उसपर्याप्ता सम्म न्यो - प पासपर्या. साधारण पनस्पतिडाय-र ) पर्या. सूहम पनस्पतिजय) पृथ्वीडाय - - न) निगाह -४ या पर्या. जार मेन्द्रिय- दु- उप) अपर्या. बाहर गयो - ५१ अपडाय 3) खनिगोह .. - १८ , ए) पर्या. सूझ वनस्पतिद्वाय- ापर्धासूक्ष्म प्रत्येऽ वी-४ .... तेउडाय असून प्रत्येऽ पनस्पतिमयअपर्या. मार पनस्पतिशाय र खा अपर्या. बाहर खेडेन्द्रिय- र पाउडाय -र ण सनिगोह - ८ Page #33 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No Date नुयोनां नाम उद्योग ब्योनां नाम कुखलेट पर्या. सूक्ष्म प्रत्येड गुपो - ४ | | पहाणार प्रत्येक वनस्पतिद्वय-र राहम प्रत्येऊ पनस्पतिडाय-० | |पणमूहम प्रत्येक अयो-ट४) अपर्याः बाहर. मेडेन्द्रिय- 5 पट)स्टम अपडाय - र४) सूक्ष्म साधारहा पनस्पतिमय- रपटा पर्या. हम पृथ्वीडाय- १ सपा अपर्या. सूहमा सेडेन्द्रियन प ण पर्याः सहम प्रत्ये पनस्प.-0 7) लार साधारण पनस्पतिडाय-रासपर्या. बाहर उठाय-१ ) बाहर प्रत्येऽ जयो- १०. दश अपर्या. प्रत्येक नवी४) पर्या. पनस्पतिडाय- 3 ) पर्याप्ता सुमलपो-प रासपर्या. समसाधारणपन.- पडछा पर्याप्ता बाहर नुयो- दु पण) सपर्या. वनस्पतिहाय- उ पा पर्या. सूहम निगोह - ५ प) पर्या. प्रत्येङ निगोह - सपर्या. बाहर नयो -दु पर) समवनस्पतिवाय- र णजपर्या. मुहम प्रत्येष्ट जुयो- ४ प3) पर्या. सूक्ष्म खेडेन्द्रिय- प . पह) लार वनस्पतिडाय- ४ पपा साधारण वनस्पतिहाथ-४ स्थापर खेडेन्द्रिय जपा जपडाय पृथ्वीडाय अपहायताय पाउआय वनस्पतिदाय पृथ्वीडायनां जुयोरन्ट्रियनो पहेलो प्रहार) ॐ पृथ्वी (माटी) + डाय शरीर) = पृथ्वीडाय व्याघ्या : पृथ्वीथी- माटीयो मर्नु शरीर अनेकुं होय, यां नुवाने "पृथ्वीजय' हेपाय. लाल-डाणी-पीणी- लूज पोरे गु-हां रंगनी रेऽजतनी भाटी, सारस-ओटा साही- नाईट फोरे हरेड भतनां पत्थरो, रेड सतनां धातुओ (मुज्य : सोमु,यांही, लोपंड, ताप्लु, पित्तण, सीतुं, सता, डोलासा, रत्नो, हरेऽ तनां worovo wascu हा.त. Page #34 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पनीर पदार्थो, डायुं भीहुं, शीटा, पर्वतो , डामर पोरे. पृथ्वीडायनां समा विशेष ट्रष्टांतो टिड (crystal equartz), यंद्रडांतमणि, सूर्यढांतमहिए, नीलम, भाड , पन्ना , पोजशष्ट, पश्याणा (लाल रंग)एमाणा, पीही नंग खने औषधिमण, (जेट = Grg डीमध टापुः coral Island - ezz ellos Hi Gullmolloiì z1y), (red coral) ; हिंगलोड (सौलाग्यपान स्त्रीनो सेंथो) लाल पनी परमार्थीघोगो शेर मारी), पारो (mercury, जडी (धोगो रंग-स्लेट), पापडियो जार, सरभो संहन) पोरे पगेरे.. हुये, हलनन्यसन नारा लेन्द्रियथी पंयेन्द्रिय पोमां, नियंत मने भरहा अवस्थामा रहेख नुवो भाटे, शष्ट प्रयोग थशे न तुपे छे' मने 'मरी गयो छे' (हा.त. डीडी भरी गई, भानी पे थे, माणुस भरी गयो , हायी ये छे वगैरे....). परंतु, हलनन्यसन नहीं उश्नारां मने मेऽस्थले स्थिर रहेनारा मेडेन्द्रिय यो भाटे शप्रयोग नहो थाय छ. गुपंत सपस्थामा रहेल खेडेन्द्रिय तुपो भाटे, राष्ट्र प्रयोग धाय छ : 'सयित्त' मन मृत सपस्थामा रहेल डेन्द्रिय ग्नुपो भाटे, 'सयित्त' तरीडे नो शप्रयोग थशे. सम्सहित , चित्तः नुप स+यित्त = सथित्त૧. સચિત = જાવ સહિત અવસ્થા જ્યારે હોય અચિત્ત = જીવ રહિત અવસ્થા જ્યારે હોય (मही 'अ' = अलापन मर्यमा समरवी) सयित्त पृथ्वीडाय: Gधर मताडेस तमाम भाटीस्रो, पत्थरी, धातुमो पगेरे. प्रथ्वीडायनां रेड प्रडारो ग्यारे पृथ्वीना पेटागना, मामा, કાચી અવસ્થામાં હોય ત્યારે તેમને “સચિત્ત પૃથ્વીકાય” તરીકે કહેવાય. માટીની બાબતમાં તો, આપણે જે ભૂમિ ઉપર પાબીબે Page #35 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 31 No. Date छीने, ते लुमियां, उपरनी यार खांगण माटीने छोडीने, नीयेनी माटीने 'संयित्त पृथ्वीद्वाय' तरीडे डहुवाय. उपरनां यार खांगजनी भाटी भाटे, सोडोनी अवर-वर + सूर्यनो ताप तो, सथित्तमांधी जथित इथे जनाववा माटे, शस्त्रनुं डाम हरे छे. तेथी, भुव नीडजी गयेस होय, खेपी भुव रहित खवस्थापाजी भाटीने 'खथित पृथ्वीद्वाय' उहेवाय. हरेक जनीक पहार्थो, पत्थरो, धातुजो कोरे जाएगमां होय (ा.त. डायुं सोनं) त्यारे तेखोने सयित्त इथे भगवा. परंतु, जाएामांधी जहार नीडण्यां जाह भ्यारे तेमनां उपर शस्त्रांनी किया थाय, अग्निमांधी पसार दुराय, भतभतना यंत्रोमांथी पसार दुराय वगेरे कोरे processing थाय, त्यारे ते तमाम पृथ्वी अयनां प्रडारो, सयित्तमांथी खयित्त तरीडे धर्ध भय छे. खेटले डे, तेमनामा रहेस असंज्य - असंख्य पृथ्वी डायनां भुवो खय्यपी भय छे, नाश यामी भय छे. खेने ४ शास्त्री परिभाषा મુજબ 'खयित्त पृथ्वीडाय' श्ये उद्देवाय छे. पृथ्वीद्वाय भवोमां भवनी सिद्धि : (१) खा भगतमा खसत्य वयन (3हुँ) नोलवा माटेनां समुङ डारगो, नीचे प्रभाो छे.: छोध, मान, माया, लोल, लयथी, हास्यमां, अथवा तो राग-द्वेषने सीधे, भगतमां भाएास जोटु जोले छे. सर्वज्ञ परमात्मा मां तो खामांनी खेडया डारएा न होवाथी, जोटु बोलवानुं अर्ध प्रयोजन नथी. तेथी, आपण प्रलुखे के दुह्युं छे, ते तद्दन सायुं ४ छे, विश्वसनीय छे. प्रलुनां खेडयला वयन उपर शंडा डरनारने, सम्यङ्हर्शन न मणी राडे खने डहाय मण्युं होय तो, शंडा घतानी साथे ४ ते यास्युं भय छे. हमरो वर्षो पूर्वे, प्रलुखे ठेवलज्ञाननां माध्यमथी भेर्धने उन्हेल रखने वातोमांथी, खमुङ वातोनो स्वीकार खाने वैज्ञानिओ हरे छे. वैज्ञानिओ पासे, प्रलुनी नेम डोर्ध पूर्ण ज्ञान नथी. परंतु, भतभतनां साधनो, सामग्री खोजने प्रयोगोना माध्यमयी, धागी महेनत दुर्या जाह, थोडी धागी सिद्धि पायी राडे क्यारे प्रलु तो, अर्धपाए। साधन-सामग्रीनी पिना, सहाय ४, प्रगट थयेस संपूर्ण ज्ञानथी बघु उहे छे. प्रलुनी समुद्र जाजतो, खाने विज्ञाननी दुनियामां साथी हरी छे. खेन सूथपे छे डे, खाने न मनाती खेवी प्रलुनी जीभ घागी जधी જ KOKUYO W-NB290U Page #36 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नयाती पहा सत्य र छे. इडरमा भानो सेड घाएो सीठी नय तो जी हामी तपासपानी पर न पडे. पिशेष साधन-सामग्रीमो तथा पूर्ण ज्ञाननां सलाये, वेज्ञानिडोने, प्रलुझे डीधेत तमामे तमाम मालतोनी. सिद्धि राज्य न होपा भात्री , प्रत्लुझे हेल वातोमा संडा न ऽशय. काहीशयंद्र मोठे तो यहां-धए प्रयोगो ा जाट, यनस्पतिमा अप तरीडेनी सिद्धिभेणपीने, दुनिया समसु. स्तू ज्यु त्यारंबा मा दुनिया स्वीडारे छे. व्यारे , हुलशे प| पूर्षे, खेड पए। प्रयोग पिना, प्रथम तिर्थ र पलहेय प्रलुझे तो, पोतानां ज्ञाननां मने खा पात उहील हुती. काहीशयंद्र जोठनां रन्म घयां बा, तेमनां द्वारा प्रयोगो थयां मा, पनस्पतिमां अप मापी गयो मने तेमना बन्म पूर्ये यनस्पतिमांनुपन हुतो मापुंनथी. परंतु, तेमनां जन्म प्पे पछा पनस्पतिमां तो हुतो. डोई वैज्ञानि सिह नहोतुं डर्यु ते माटे मा हुनिया स्वीकारती न हुती,: सनो हाटतान्यावतां जेन्द्रियाहि नुपोने जय तरी माने छे. परंतु, स्थिर रहेदा मेडेन्द्रिय अयोने 'न्नुप' तरी नयी मानता. च्यारे, माधएप प्रलुझे तो पृथ्वीडाय, सपहायाहि मेन्द्रिय पोने पए 'नुप' तरीके खोगनापेल छे. शास्त्रमा ते संगे पुशपायो पामले छे. तेथी, सर्वत-पितरागी खेयां मारा परमात्मामे पोतानी पासे रहेल पणतान इपी eectron microscope (सूक्ष्म हरी यंत्र) नां माध्यमे, पृथ्वीाय, अपडायाहि तमाम मेहेन्द्रियोभा पनी मस्तित्वनी पात डरतां होवाची , घृथ्वीय,अपहाय, तेहाय,पाठिठाय, वनस्पतिमाय आदि જીવોમાં તો, જવની સિદ્ધિ કર્યા વગર જ આપોઆપ સિદ્ધ થઈ જશે. पोतानो जोराङ भगवायी पोतानी आयामां पधारो थयो मने तेना अलापे घटाडो घपो साघु सप्तछा तो अपना र नेवा भणे छे. अजय पहार्योमां, खा लसए हापि नेपा न भगे. पृथ्वीडायां तो जुपर्नु આ લક્ષણ સ્પષ્ટપણે જોવા મળે છે. हात. डोटलमानी जाा परेप्री पाली ऽर्या माE, थोsi ! तां, री, पाछी लश भय छे. ते ईरीते? शा भाटेग छ भाराष्ट्रांनी सारमनी माहो, हुक्तगिरि तीर्थनां विस्तारमा रहेल सारसनी समुड जालोमां तो, मात्र १५-२० पर्धनां ट्रंडा गाणामांग, Page #37 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. Date . . | जाली ययेल मारसनी जाए, शरी पाछी लशई तां कोया भणे छे, त्यरसाहनुं पाएगी पोरे पोरा इपे मणतां). धूण स्परपे रहेल पृथ्वीडाय, समय पसार थतां, धृगमायी धीरे-धीरे डीने टेझं स्वश्पे थाय सने त्यारमा, इंडी-गरमी-परसााहि पातापरामांधी जोर भणतां, खाण रतां घए वर्षे, मोटी शीला स्परपे (नकर अवस्थामा यतां लेवा भणे छ डे ने यहवा माटे, १०-१प भाएातो पए मोछां पडे छे. - जोराउना साधारे खापा घटाडी पधारो तो टेलसाहि सनुप पार्थोमां ज्यारेय पा लेया ननणे. तेथी पृथ्वीडायमां अप छि, मेघु सिह घy. सयित्त पृथ्वीडाय स्पपे रहेस अायां भीडानां नानाडां पियानां, भेटु | नानी यपटीमा पए, सोछामां सोछां ससंध्य पृथ्वीडायनां जपो रहेस होवाधी, पृथ्वीडायनी हिंसा थाय त्यारे, खोछामां खो जसंज्य भुवोनी विराधना थाय. तेथी, जयहिंसानी मारली मोटी संज्या (Guantitu)ने नार साने राजीने, पृथ्वीडायनां योनी हिंसाची जयवा भाटेनां राष्ट्रय मेटसा प्रयत्नो डरयां. मात्म-तत्य तो रेड ब्यमांड सरमा न होय छे. पछी लसेने ते मेडेन्द्रिय होय जेन्द्रिय होय पंयेन्द्रिय अप होय. तेथी, डागनुजगतिपूर्व, पृथ्वीठायनी विराधनाधी जयवानो प्रयत्न उरयो. अपिए जपने भरपुं पसंह नधी. सापाने पए ले पीडांसने मृत्युपसंह नहोय, तो पछी, नील निधनपोने पीडां मृत्युखापवानो सापएने \अथितार छे? जीनं गुयोने नपुं गुपन मापी राहीसे तो सारंगछे, पण ने से शयन जने तो पए हाय यातशे. परंतु, आपएी शारीरिs शाता माटे हे प्रनाथी, लीन ससज्य निर्दोष जुयोने हिसामना पहायाडवी, ते तो राय अथित नथी. KOKUYO W-NB2BOU Page #38 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जायारंग सूत्रना प्रश्न - न्वाल मेन सागम 'ग्री मायाशंगसूत्र'नां प्रथम श्रुतस्थ'नां प्रथम अध्ययनना बील देसामां, प्रलुपीरनां गएधर श्री सुधर्मास्वानीने छायेल समूह प्रश्नो सने पून्य गाधर लायंत पडे सपायेल तेना वालो, नीये प्रभारी छ: प्रश्न- पृथ्वीडायनां शुषोनी हिंसा रनारने उर्छ तुझानी पेठवी पडे छ? वाल-प: पोतानां डार्योमा मातहत घर्छ, सनेड प्रहारना शस्तो द्वारा, पृथ्वी धर्म समारंली ससंज्य निर्दोष पृथ्वीडायना योनी ने हिंसा डोछे, ते पृथ्वीने मानित अन्य अनेक प्रडारनां पनस्पतिहाथ साहि योनी हिंसा पाने पोते डरे छे, शटो छे मघवा हिंसानी शिनुमोहना ने खात्मा डरे छे, तेने .या लपा तथा परलपमां मनेड नसानीमा पेहवी पडे छे. डारपुडे, पृथ्वीडायनी जिनपरी हिंसा, जे उर्मबंधनुंडारा छे, मोहन डारणा छ, मरहामुंडारए छसने नरगतिमां न्वातुंडारा छे." -मायुंमु प्रलुवीरे श्री सुधर्मास्यानीने व्हएाप्युं तुं मने गाधर श्री सुधर्मास्वाभीसे पोतानां शिष्य श्री स्पाभीगे मायारंग सूतमा नगापेल छे. तेथी, मात्मा भाटेसहितहारी त्या मोधिनीनो नाश डरनारी, लिनरी पृथ्वीडायना मसंध्य योनी हिंसाधी मापुं. प्रश्न: पृथ्वीडायना नुयो तो हेजता नधी, संघता नथी, सालणता पा नधी, तो पछी तेमने पेहनानो मनुलव ठेवी रीते थाय छ। व्याज- रसूधर्मास्वामी हे 23,-"वी रीते डो सेड माएास, सन्मधी र सांधणो, अहेरो मने मूंगो होय, तेने डोर्थ लामाथी लेटे, तलवाराहिथी छे?, अॅर्ड पाने लेटे-छे, धुंटीने, पिंडीने, घुटाने, लंघन, इमरने, नालिने, पेटने , पांसगीने, पीहने, छातीने, हायने, स्तनने, मलाने, बाहुने, हायने, सांगलीने, नमने, गणाने , हादीने, होहने, हांतने , जलने, तागपाने, गालने, लमाणाने , डानने , नाहने, मांजने, लमरने, ललाटने सने मस्त ईत्यादि अवयवोने छेटे-लेटे, तेने भूर्छित रे, भारी नां त्यारे तेने पेहना धाय छे. परंतु, ते Page #39 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (34 3 (ल पेहनाने प्रगट दूरी शड़तो नथी. तेवी ४ रीते, पृथ्वीजयनां भुव पा खव्यस्त उपथी बेहनानो अनुलव उरे छे. परंतु, तेने प्रगट करी शडलां नथी. खायो नवाज ५.. गए।धर श्री सुधर्मास्वामी द्वारा 'खायारांग सूत्र' ना 'शस्त्र परिज्ञा' नामनां प्रथम अध्ययनमां पोतानां शिष्य श्री कंजुस्वामीने खायेल छे. + पृथ्वीहाय भयोनी हिंसाथी जयवानां सरल उपायो : (1) जेतीमां भेडापाथी, खसंख्य पृथ्वीहायनी direct विराधना थाय छे. तेथी, खेतीमा भेडावुं नहीं. (२) जेतरमां खेडाए। थाय, त्यारे उपरनी यार जांगणथी नीयेनी भाटी उपर खाये छे जने उपरनी माटी नीये भय छे. तेथी, यार सांगण नीयेनी माटी सचित्त होवाथी, खेडायेल जेतरनी खावी भारी उपर यालयानं राजपुं. खावी सचित्त भाटीने सडवा मात्रची या, असंख्य पृथ्वी डायनां भुवोनी विराधनानो होष लागे छे . (3) ज्यारेड गामडामाथी पसार थतां, जोहायेस जाडाखोनी सचित्त भारी उपर अथवा तो शहरमा पए। डोर्घवार टेलिननां पायरनां समाराम निमित्ते अथवा जिल्डींगना बांधडामाहि माटे, जोहायेस जाडारजोनी जाबुमां, रस्ता उधर रहेल सचित्त भाटीनां ढगलां उपर यासवानुं दूरथी ४ राजपुं. रजा सयित्त भाटीने जडवा मात्रथी पए।, जसंज्य पृथ्वीजयनां भुवोनी डिसामना थाय छे. तेथी, रस्ता उपर यासती वेणाखे, खापी माटीनो स्पर्श लूलथी पए। न धर्ध भय, तेनी पूर्ण डाग राजपी. जिल्डींग इंस्ट्रक्शननी सार्धनमां राज्य होय तो, direct डे indirect रीते पड़ा, भेडावानं राजवं. डाग है, बिल्डींग उली डरतां पूर्वे, जिल्डींगनां पाया माटे, उँडा जाडाजो जोहाय छे. तेथी, खा जोहायला ठंडा जाडा निमित्ते खसंख्य-खसंज्य सचित्त पृथ्वी अयनां भवानी हिंसानो दंड लागे छे. (4) सुरंग शेडवाहि डार्योगां न भेडावं. डारएग डे, पृथ्वीनां यार खांगण नीयेनी माटी सचित्त होय छे. () # रसोडा खाहि निमित्ते पथरातां मीठानां माध्यमे यती जिनकी संजय पृथ्वी डायनां भपोनी हिंसाना हंडथी पए। जायगा समग्र No. , Date KOKUYO W-NB280U Page #40 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Date परिवारहनोने अयापवा भाटे हुये 'पहेली : 'Taka , captoto cook' कोरे सयित्त मीहानो त्याग ऽरयो. मने रसोई साहिमा पेपछी, सइ सिंघालए मीठा'नो पपराश शरडरी नामो, झपशे ने। तभेने तपास कुरो तो, सह सिंधावा भीडु-गमे ते डरियाएसनातनी आनधी मनी राम्रो. संसारमा रहीने मीठांनो पपराश तो डश्यो । परो. परंतु, सहे सिंधाए। भीडं पापरवाधी, लिनन्दरी ससंध्य पृथ्वीडायनां योनी हिंसाधी ने नयी राहातुं होय तो पछी ते विठल्प स्वीहारवामां- मनलमा सेवा भाटे, पोटो प्रभाह शामाटे ऽरयो? मापए शरीश्नां मारोग्यमाटे पहा सई सिंधायूए मीडांनो पपशरा तो अतिशय हितकारी छ. मारोश्यनी रिसे तो, सिधालए भीडांनी रेली प्रशंसा रीजे, तेली सोछी छे. छा भात्र, शुलनां स्वाहने पोषपा माटे, डोपिएा माध पदार्थोमा उपरथीद्वायुं भी ललरावपुं नहीं. द्वाराडे, मेऽ यत्रयी आयु भीडं ललरापवा भातपी, मोछामां मोछ मसंज्य पृथ्वीमायना न्योनी विराधना घई नया "सई सिंधापू भी तो स्वालाविडपो अयित्त तरी मणतुं होवाने सीधे, ३र पडे त्यारे, डोईपए जाध पहार्योमा पुशीधी यापरी राहाय छे. तेभा सचित्तनी विराधनानो घोध नहीं लागे, जने घरमां रोपनी यासती असंध्य पृथ्वीडायनां पोनी मिनरी विराधनायी जयपानो धो मोटो लाल सापए। समग्र परिवार नोने भणी शहरो.(C) डायुं भीतुं न पापरता, पाकुंभीई (जलपापापरवायी असंज्य પૃથ્વીકાયની ધrect વિરાધનાથી બચી રાકાય. રસોઈ આદિમાં બલવણपापरवाने बहले 'लाल संयर' मी अथवा 'सई सिंघालूएए' मीहुंयापरवानां माल घो पधारे छे. डारए, जलपए। भीई मनाया। भारे तो, डायां भीडांने अजिमा तपापीने, पाई (खयित्ता रघु पडे. परंतु, सह सिंघामूएा मी सिंधप भी पहुंचाया तो स्वालाविङपो, पहेलाथी खयित्तश्पे बलरमां तैयार भणतुं होपाधी, सजिडायनीपिराधिना उरपानी पर न पडे. माथुर्येहनी द्रष्टिने पएा सिंघालूघु વાપરવાથી આરોગ્ય વધે છે. એટલે, શરીર અને આત્મા બંને સચવાઈ तय. 8.P., cholesterol , heart , kidneyनां सो माटे तो, सिंघालूए भीडांनो पपरारा अतिशय सालडारी भने छे. जीनुवादु, Page #41 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. Date . . नामकारमा भगतां मीन रियाई भीडयो तो, यापटपं शरीरना मारोग्य भाटे अत्यंत हानिकार जने छे. खा. डायमंड रहीशमन्नर) लोनड भरमा डे सोनी जनारमा लेडानाशं पए, ससंज्य पृथ्वीडायनी हिंसानी अनुमोहनानां माध्यमथी, मोटी हिंसाना लागीहार भने छे. पासएगानो धंधो डरयो पहा राणपो; हाय ast 7 गया होय तो.पहेली तडे, छूटयानो प्रयत्न डरयो मने नछुटाय त्यां सुपी ध्यमां तेना माटे सतत ध्या-पश्चातापनां परिणामी रामपा. नियमीतपये थोडा-योst हिवसे सालोयना - प्रायश्चित र्शने मात्म-पिशुहिरी देवी, पापोतुं प्रवादात पहेली तडे जरी लेपुं. (प), सारस, ग्रेनाईट नाहि पत्थरोनो direct Indirect व्यापार पाएर राज्य होयतो टाणी हेयो.निल्डींग, इंस्ट्रशन लाईनमा खाटी कोरे पए न रखी. जसंध्य पृथ्वीडायना पोनी Indirect पिराधिनानो मनुभोहनानां माध्यमे प्यापार उरनारनां भाये हवाली उरनारनां भाधे पाश होपाधी) ( घरासरनां जांघडाम भाटे, मोयं प्रभाएमा सारसनी र होय अने प्रेप्री पाए जरीपा तां,घj सस्तुं पडतुंडोवा छतांय, सारसनी मानी जाए न जरीहाय. डाराडे, पुंडवानां, द्यां मोटा प्रभाएाभां थती सयित्त पृथ्वीडायनां योनी direct पिशधनामां सापाने directोडा पडे मने खा पिराधिना तो special मापणां हेरासर निमित्त र थती होपाधी, मोटो होषबागे. न्यारे बीनुला बजारमांधी सचित्त पृथ्पीडाय पे मग तैयार सारस जरीवानां, चाय पैसानी द्रष्टिये लले भोंधु पडशे, परंतु , सयित्त पृथ्वीडायनी पिशधनामां arrect न कोडापाधी + खापा निमित्ते spedब पिराधना उश्यानी मोटी नुइंसानीधी बयी न्याधी, नुपध्यानी द्रष्टिये, आपण खात्मा भाटे तो खा. विठटप स्वीडारपुंसतिशय हितकारी छे. : (1) afuel yectstzolt azi yalgiai.direct qua indirect विराधना घती होय, मेवां जनी पहोनी इंपनीसोनminesशेरो, परीहाय नहीं. अनेने मेड शेर पए। परीहया गयां तो, माजी इंपनीन, मोटा पाये यती, असंख्य पृथ्वीडायनी विराधिनाना आपये सर-सरमा लागीहर घर्षसे छीने (अनुमोहनानां माध्यमे ___(13) मुंबई- ममहापानी टीसी सड CExpress Highavay) उपर KOKUYO W-NB2800 Page #42 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 3L full speed थी तमारी गाडी होडी कती होय त्यारे, भे मनथी गमाडीखे ड़े जोलीखे हे 'रस्तो बहु सरस छे', तो खा रस्ताखो जनावती बेणाखे डोलसा विगेरे सयित्त पृथ्वीजयनी मोटां पाये ध्येस विराधनामां, खापो सरजे-सरजां लागीहार जनी नईखे ( अनुमोहनाने सीधे ). खेटले, ने पाय, पोते डरेल नथी अथवा दुखानां पाएग नथी, छतांय अनुमोहना श्वा द्वारा, पाय न डरवा छतांय तेनो हंड योतानां माथे सर्धने, डगलेने पगले, दुर्मग्रंथाहि पायाना ग्रंथांना खल्यासनां माध्यमे न्यागाहिनी सूक्ष्म समभाग नेहो भेजवी नथी, सेवा खज्ञानीने तो ऽशुं जोसवानी हे विद्यारपानी छूट नथी. खज्ञानीखे तो मौन रहेयुं, खेन वधारे ४३री छे, खायुं प्रमुखे उहेल छे. खाया खज्ञानीने तो रसोई खाहि गृहुअर्थोमा अथवा धंधाहि अयमां अथवा लग्न भवनमा पए। भेडावानो खधिद्वार नथी. खज्ञानी पासे सूक्ष्म विवेक बुद्धि न होपाथी, योपीसे उलाइ पोतानां मन द्वारा न विचारवानुं वियारपाथी, पयन द्वारा न जोलवानुं जोलपाथी खने पोतानी डाया द्वारा न डरवानुं डीधे राजवाची, सतत नवा-नवां डर्मबंध यालु न रहेशे . खेटले ४ धुं छे डे, 'विएए जाघां लोगव्यां, झेगर दुर्म बंधाय.' मनधी (ট) संजय पृथ्वी डायनी विराधनाथी जनेस नवा मानने, गाडवा तां रजथवा पालीथी प्रशंसा ९रपा ग्लां, थयेल तमाम भयोनी विराधनानो होष, अनुमोहनानां माध्यमधी जायगने लागे छे. (थ्यां तैयार थयेल पोतानां नवा (building, बंगलो, mall खाहि) माननां बांधाम संबंधी प्रश्न अथवा खलिप्राय भे तमारा मित्र तरथी पृछाय तो डां तो मौन रहेतुं रखने डां तो राजी हेयुं, अंतो लघुतापूर्वक स्पीडारी लेवं डे भारा नवां खजुधने खायां शुं जजर पडे, अथवा डही हेयुं डे, 'खा भारां विषयनी वात न होवाथी भने शुं जजर पडे.' खथवा डडेवाय डे 'मारां डरतांय तुं वधु होशियार खारीते, जोलवायां अजभु-भगृति राजपायी, असंख्य भुवोनी विराधनाना नुडसानथी पए। जयी न्याय खने पूछनारने खोटुं पए, for cust. t (95) असंज्य पृथ्वीजयनी हिंसा द्वारा जनेस सोना-यांहीना हागीनां तथा पासगोने मनथी गभाडाय नहीं, पाणीथी प्रशंसा पाएन राय Page #43 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 36 No. Date हागीनां जेटले, प्रलु पुनहि झर्यो सिवाय; भे राज्य होय तो, पहेरवानी सहंतर त्याग दुरखो. खाने भेजमनां सीधे, लूंटाई भवानां लयथी हागीनां पहुंरखानो त्याग दुरखाथी खात्माने साल नथी. परंतु, भवध्यानो खाशय होवो भेर्धखे, तो खात्माने लाल थाय. (19) भे पायरवा ४ पड़े खेभ होय तो, हागीनाखोनुं प्रभाग वधारयुं नहीं. शोख खातर design वारंवार जहलाववी नहीं. (12) जहारथी ललडाहार जने खाकर्षक बनावेल हागीनानी हुडाननी जानुमांथी पसार थतां, हागीनाखोने गमाडवानी लूल न दुराय. अन्य डोर्घउने हागीनानी खरीही माटे न्युं होय त्यारे पए। तेमनी साधे भ्वानुं राज. डारगडे, हागीनानी हुडाने गया जाह, मनथी गमाडवानुं खथवा पालीथी हागीनानी प्रशंसा डरखानुं मे यर्ध भय तो ते घगीना बनावतां पूर्वे थल असंख्य पृथ्वीजयनां भुवोनी विराधनानी अनुमोहनानां माध्यमे खायाने दंड जागे छे. खाने तो समभुगना जलावे, डोर्धईना हागीनानी जरीही भाटे साधे खाववा जन्यने खामंत्र। मजे सने भे तमने खामंत्रा नमजे, तो राम थपाने जहले जोतुं सागी भय छे, दुःखी थर्छ भ्वाय छे. डोई न बोलावे तो राम थवानुं डे, 'सारं थयुं, मने न बोलाव्या, हुं जयी गयो, डारग डे, भे भने जोलाप्यां होत, तो जिनन्दरी खसंज्य पृथ्वी डायनां भवानी विराधनानो दंड मारे माथे लागी भत (खनुमोहना द्वारा).' (95) रस्ता उपरथी पसार थतां, रस्तानी जादुमां रहेल, जेतरोमां तैयार धयेल सरस मभनो पाङ तथा लीली हरियाणी भेर्धने, लूसची प तेनी प्रशंसा न दुराय. भे तमे प्रशंसा डरखा गयां अथवा तेने मनथी गयाडयां गया तो, खेतर खेडती वजते अथवा पाए तैयार डरवा माटे थयेल जसंजय पृथ्वीद्वायनी भुवहिंसांनी अनुमोहनानो दंड तमाश माथे सागी भय. डारगडे, जसंच्य पृथ्वीअयनी हिंसा थया जाह ४, जेतरमां खा पाए तैयार थयेल छे. (20) जिनकपुरी सजाएवाणां जगजो अथवा लग्ननी दूनी पत्रिडाखोना संग्रहनो निडास दुर्ध रीते डरपो ? समय राजो डे, पहेला नंजरमतो, डागण इडायन नहीं. परंतु, जिनभरी डागलोना ढगलाखोनो निहाल डरपो ४ होय खने लोडी विगेरेनां पग नीथे न इयडाय ते भाटेनो उपाय दुरवो होय तो, नयागापूर्वक, जगणनां नानां-नानां टूडडारजो उरीने, स्वालाविपणे रस्तानी जानुमा रहेल दूना जाडामां परवीने, KOKUYO W-N8280U Page #44 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. Date (४० तेनी उपर भारी नांजीने ने ढांडी हेपाय तो, होष खोछो लागे. परंतु, नवो जाडो जोहीने न परडवाय. डारएग डे, नवो जाडो जोहवा क्तां, यार खांगजनी कमीन नीयेनी मारी सयित होवाथी असंख्य पृथ्वी डायनां भुवोनी विराधनानो दंड लागे छे. खा वधेलां अगणीने रद्दी -पस्तीमा पए। न खयाय हे पछी पाएगीमां मा न नजाय. કારણ डे, पाएगी सचित्त होवाथी खसंज्य अपडायनां भवानी हिंसानो दंड लागे.. (22) (20). खापली मालिडीनी, जाप हाहानी होर्ध ४मीन, गामडाहिमां भे खायली पासे होय खने डोर्घउने लाडा उपर खायेल खा भीन उपर खायो पोते तो जेती जाहि न डरीखे परंतु, अन्य द्वारा ते कमीन उपर मे खेती थाय तो ते जेती निमित्ते थयेल, असंज्य पृथ्वीभयनां भुवोनी विराधनानो दंड खायलाने पएग लागे छे. आरए। के, नेयां उपरनी खायगी मालिडी उली होय, ते स्थळे धनार तमाम विधिनाना लागीहार, खायाने पए। थयुं पडे छे. ( अनुमोहनाना माध्यमे ). तेथी, खापली मालिडीनी क्या उपर जेती डरवा माटे जन्यने समाय नहीं. संसारी भवने गृहस्थ भवनमां जसंजय पृथ्वीद्वाय भवोनी विराधना दुरीने जनेस खारस, ग्रेनाईट, नाही कोरे पोतानां धरमां, ना छूटडे जेसाडवी पडे छे. परंतु, जाने धगां लोओ, पधु पडतां पैसानी छूटनां सीधे, मात्र हेजाहेजीथी अथवा शोज खातर अथवा ललड़ाहार घर जनावीने दुनिया समक्ष मोटो हेखाडो डरवा माटे, थोडा थोडा समये, वारंवार धरनी बनी साहीखो डाढीने, नपी साहीखो मात्र Show off जातर बेसावडावे छे. खायुं न दुराय. खायुं डरवाथी, जिनकदूरी जसंजय पृथ्वीजयनां भुवोनी विराधनानी अनुमोहनानो छेड धरनां तमाम सहस्योनां माथे लागे छे. डारग डे, जाए मां सथित्त स्वश्ये रहेल जसंजय पृथ्वी डायनां भवोनी विराधना थया जाह ४, खा लाहीजो तैयार थाय छे. तेथी, विशेष डारए। बिना, धरनी साहीखे जहलवी नहीं, धरना Renovation जाहि डार्यो दुरापयां नहीं. (22) हेवला मां घणां हेवताजो, हेपलोडनां पोतानां विमानानां रत्नो उपरनी तीव्र खासहित धरावनार होय छे. पोतानुं छ महिनानुं खायुष्य मात्र बाडी होय त्यारे, खा हेवताखो पियारे छे डे, ' छ महिन जाह, खा लवनं खायुष्य पूर्ण थशे त्यारे खा प्रिय रत्नोने छोडीने Page #45 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ૪૧ No. Date हुँ दुर्ध रीते कर्ध शडीश' वारंवारं खा वियारोधी तीव्र सार्तध्यान डरीने, हेव लव पूरो डरे छे. लय पूरो थतां, तीव्र खासकितना सीधे, पृथ्वी डायमा ४ खेडेन्द्रिय तरीडे उत्पन्न थाय छे. तेथी, भगृतिनां जलाये, पृथ्वी डायनां भवोनी विराधिनाथी बनेल वस्तुखोनी उपर मे खायो खासड़ित राजीशुं तो हेपनी ने खायाने पण पृथ्वी डायनुं जायुष्य जांधीने, लपांतरमां त्यां उत्पन्न थयुं पडशे. यालशे ने ? झपशेने? घरे वनस्पतिनां छोड़ डे हुंडा न राजवा, डारा के, डुंडानी साल भाटी सचित्त होवाथी, रो-रो जसंज्य पृथ्वी डायनां भयोनी विराधना थाय छे. सचित्त भाटीयां तो निगोह पए। थर्ध भय छे (सतत लीनी रहेवाथी). तेथी, खावी सयित भाटीने तो खडाय पड़ा नहीं. (23) (२४) जसंजय पृथ्वीडायनां निर्दोष भवोनी विराधना दुरीने जनेसां हागीनाखोने पहेरीने, डोमण ह्रदयी जने भवध्या प्रेमी, सेवा प्रभुशासननां श्रापड - श्राविकारजो तो राभु दुर्ध रीते यर्ध शडे ? तेनी प्रशंसा दुर्ध रीते डरी राडे ? खेटले डे, राम न ४ थाय. खने प्रशंसा पत्र न ४ रे. तो ४, प्रलु शासनने मान्य, भुवध्या प्रेमी 'मैन श्रावक' नुं जि३६ मणीराडे. शुं डरपुं छे? साधु लले न थवाय परंतु, श्रावड थयुं तो खापलां हाथमां छे, थपुं छे ने ? (24) डोलसा, भी, भारी, पत्थर, जनिभे, धातुख, रत्नो कोरे पृथ्वी डायनां शरीरो छे. गमनागमन, पाहन व्यवहार खने शस्त्रसंस्कार वगैरेथी पृथ्वीडाय खयित्त बने छे. भुवन व्यवहारमा, निरर्थङ सयित्त पृथ्वी डायनी विराधना न थाय, તેની डाजम राजवी भेर्धखे. मीहुँ, जारो वगेरे सयित्त द्वार छे. दुलारनी डे होर्धनी बडीयां पडावेलूं भीहूँ जथित्त थाय छे रखने हीर्घद्वान सुधी ते खयित रहे छे. घरमा तावडी हे लोढी पर व्यवस्थित रोडेलुं मीढुं खयित्त थाय छे, परंतु ते लाजो समय खयित्त रहेतुं नथी. तेनुं अन मात्र त्राण हिवसनुं ४ भागयुं. त्यारजाह, ते मीठाने सयित्त भीहां तरीके गशीने व्यवहार डरपो. सदेह सिंधालू डाग हे, ते खयित्त ३ये न होय छे. भीहूं तो विना संडोये, डायम भाटे, पापरी शडाय (25) यूसा उपर यडतां हाण - शाङ्मां नांजेतुं मीढुं तो अयित्त थर्ध भय छे. परंतु, अथाएगामां, मसालामां, मुजवासमां ; औौषधाहिमां, ले यूला पर संस्कार न थवानो होय तो, खयित्त मीहु ४ वाय. KOKUYO W-NB280U Page #46 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ओर्ड पर जा पार्यमां, नम्रती बघते, उपश्यी सयित्त भीडं न नांपर्यु. सेडासणं, लियासणु, सायंमिल पोरेमां सयित्तनो त्याग होय छे. पू. साधु-साध्वीजुने पए सयित्त भीडं पहोशवी न शहाय. का महानिशीय सूत्रमा मतापेसां श्री परमार्यरिस सयित्त पृथ्वीनी विराधना श्याने जले, सिंहना लय मनपार्नु मान्य राजी, पृथ्वीडायनी सा डरी. पोतानां उन्मार्गगामी शिघ्योने हेडाऐयायपा, से मायार्य लापंत, सेमनी पाछण-पाछण गया. शिघ्यो तो सयित्त-सचित्त माटीनी परवा • पिना घोडतां हुतां. आयार्यलायंत तो पृथ्वीडायनी हिंसा नथाय भाटे, नया राणीने तां हुतां. सेना सयाना साथी सिंह खाप्यो. ने सयित्त पृथ्वी पर फा महीने लागी नत, तो जयी नात. पए, पृथ्वीडायनी हिंसान थायखेभारे, खायार्थ लगते कालागी पाना जसे, त्यांन मनशन स्वीडारी सीधुं, सिंहना लस्य जनी गया. पण त्या विशुद्ध मध्यपसाय पारामां यठतांन्यढतां, श्रपट प्रेही मांडीने, डेवगज्ञान पाम्यां सने मोक्षे गया. सावां मरणांत उपसर्गनां प्रसंग पए, पोतानां प्राणानां लोगे पछु, पृथ्वीडायना अवोनी हिंसाधीजययानो प्रयत्न ने महात्मा उरे तो , मापणे पए नुपया शा माटे न पाणी शडीखे। मापाने तो निर्दोष लयोने जयापया भाटे प्राएगीनो अलिान तो नथी सापपो पडवानो . मात्र थोडी मनुगता छोडीमे तो अपघ्या पाणी राडारो. झपरी ने? (रोमां पृथ्वीने मोहवी पड़ती होय, तेयो व्यवसाय न उश्यो. भवाप, पा, तगाय कोरे पोटावया, हुणयी भीन मेऽधी, पर्वतो जीएोमांधी पत्थरो टापया, पत्थरो घडवा, सोनान्याहीनहीरा-डोससा-पत्थर-त्राटी पोरेनी पाए मोहापवी, डेरोसिन पोरेना या, मोरिंग, पंपो कोरे मोहावया, मानो मनापपा पाया माटे जमीन मोहावी - मा बधामा पृथ्वीमाय, पनस्पतिहायसने नसहायनी लयानहु हिंसा घती होवाधी, तेवा व्यवसाय नोहरी, डरया नहीं. यधावां मनरा, तगेलो येवडा, डेगा पेर माहि डोपिया इरसाए। जनापती पणते यूला उपर से डायं सयित्तनी नपायतो Page #47 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. Date . . . . हुनु यांधो नथी. डारा, थूला पर यटी च्याने सीधे,ते मी अयित्त थई भय छे. परंतु, तगेला इरसाएाहि जाध पार्यो, गेस उपरथी नीये उतार्या माले तेमां डायूं भीषु छांयानां साये तो, डायुं भी यित्तश्पे न थपाथी, ते इस्साएहि सयित्तनात्याशीसोने अथपा रोडासां-बेस रनारां प्राप-प्राविडासोने जपे नहीं. पू. साधु-साध्वीनुने पग ते वस्तुमा पहोरापी नराहाय. घणां घरोमां, सपारे नास्तामां, जाजरां उपर ललरापपास आयतुं अशणंडे सींगनी सूट्टी यनी, सींगनो-भेथीनो-राईनो मनसालो योरे पए न अपेको तेमां नंजायेल डायुं भी यूले नयट्युडोय. मुजयास, याट मसालाहि छायां भीडांपाली रेड वस्तुसोभा खाक रीते समन्न देवानु घरमा डायुं भीडं पापश्यायी मा मधी डाणशु-जगृति राजपी पडे छे. परंतु, 'सझे सिंघासूए। मीई पापरयाना सापेतो, छोई चिंता नहे. सझे सिंधायूए मी, यूला पर छायडे पछी यूटानी नीये छाय, तेभां डोईर पांधो नथी. खसंध्य सचित्त | पृथ्वीडायनां योनी हिंसाधी पए जयी हवाय. सौटिड इगतमा प्यवहारमा), मारे गुनो ऽरनार + ऽशवनारने एवंने प्यतिखोने), मापनी पोलिस (गपरमेन्ट) तरझ्यी सन इरडाशय छे. परंतु, मन्यसे रेल गुनानी प्रशंसा ले पाणीधी राय अथवा मनधी गमाडाय तो माहनी सरहार तरन्यी डोईड नम. परंतु, प्रलुशासन तो मेड डाटुंखाणनी पात उरे छे. प्रलुर्नु शासन छठे छे , पाप हरे, ते तो लरेर छे. परंतु, भाएसमनधी पापने परे छे, ते पए। तेनां हंऽने लरे छे. (मनधी माउनारने पए दागे छे).' डारण डे, डरएए, शपए सने अनुमोदन, नरोयनां सरजां इण उह्यां छे. हा.त.: जपलद्र मुनि तो गोयरी पहोरी रह्यां हुतां (डरए), डहियारो तो सुपानहाननो लालवां द्वारा गोयरी पहोरापी रखी हुती (रापए) सने हरण तो सादृश्य ने रागुनो रेड थर्छ नायी रह्यो हुतो सिनुमोहना). सऽधी उपायेली , पृष्नी मोटी परनहार डाणी, परधी नीये तेमनां मस्त पडतां, से माथे पोय (महात्मा, उहियारो मने हुरण) मृत्यु पाभीने सहगति स्वरपे, पांथमा हेवमोऽj सेड सरjण पाने छे. KOKUYO W-N8250U Page #48 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. Date ૪૪ जेटले डरा, डरावा, जने अनुमोहननुं सरखुं इण मणे . छे. मात्र खाराधनानी बाजतमां नहीं, परंतु, विराधनानी जजतमां पा, खा ४ नियम लागु पडे. छे. तेथी भुवहिंसा डरनार, डरावनार, खने तेनी अनुमोहना (मनथी अथवा वाणीथी) डरनार, प्रोयने भुवहिंसा निमित्ते समान हंड जागे छे. ६) पृथ्वी डाय भोनी अनुमोहना संगे दृष्टांत : रु धर्मनी समय जने पिवेद खोछा होय खेवा खेड शेठ, खतिशय जाएापूर्वक खाग्रह दुरीने, पू. खायार्य म. सा. ने पोतानो नवो तैयार थयेल खालिशान जंगलो हेजाडवा सर्व खाप्या. सारामां सारा पहार्थोथी जनापेल पोतानां जंगलानी प्रशंसा ९रतां डरतां ते शेड ५. खायार्य म. सा. ने खाखुं महान जताडे छे. हुमगां ५. खायार्य म.सा. मारा जंगलानी प्रशंसा डरशे खेवी खाशा जने खपेक्षा साथै १५ मिनीट सुधी पोतानो बंगलो जताडयां छतांय, ५. खायार्थ म. सा. तो प्रशंसानो खेड खक्षर पाए। जोलतां नथी. खधीरा थयेला रोडे ५. खायार्य म.सा. साथे खापेस जालमुनिने प्रश्न पूछयो त्यारे जजर पडी हे खसंख्य पृथ्वीजयनी विराधना ङरीने भारां सांसारिक कार्य माटे तैयार थयेल जा मडाननी प्रशंसाना माध्यमे थयेस, खसंज्य पृथ्वी डायनां भवोनी हिंसानी अनुमोहनानो होष लागे. त्यारजाह, शेडे ५. खायार्य म. सा. पासे महेरात हरी डे, 'खा खाखुं महान हुँ खाने श्री संघने उपाश्रय भाटे लेटमां खाएं छु.' ख सालणतांनी साथै ४, हुमगां सुधी मौन रहेलां ५. खायार्य म.. . साहेजे, शेडनी उहारतानी लरपेट प्रशंसा डरी. खा, रीते, खायएगां रोहा भवनमां शासती, पृथ्वी डायनां असंख्य भवानी जिन३री विराधनाथी, (direct- indirect), जयपानो राज्य खेटलो वधुमां वधु प्रयत्न वो शवशे ने? पृथ्वीद्वाय भवनो विलाग समाप्त ( THE END ) : Page #49 -------------------------------------------------------------------------- ________________ અપકાય (એકેન્દ્રિય જીવનો બીજો પ્રકાર) Date . . વ્યાખ્યા આપ = વાણી અને કાય શરીર અપ કય = અપકાય. એટલે, પાણીથી જેમનું શરીર બનેલું હોય અથવા પાણી જ જેમનાં શરીર રૂપે હોયએવાં જીવીને “અપકાય' કહેવાય . દા.ત.: સરોવરનું પાણી, બરફ , કરાં, લીલી વનસ્પતિ ઉપર ફૂટી નીકળતું (પાણી, નદીનું પાણી , દરિયાનું પાણી, ઝરણાંનું પાણી, ફીજનું પાણી , ધુમ્મસ , ઝાકળ , બરફનું પાણી વગેરે ... રિ | શકા - સમાધાન ? प्रश्न- सपडायमां पाएीमां) पप छे डे नहीं। જવાબ- કંપન સ્કોર્સબીએ સૂફમદશક યંત્રના માધ્યમથી જોઈને સાબિત કર્યું છે કે, પાણીનાં એક નાનકડાં ટીપામાં ૩૬,૪પ૦ જુવો રહેલાં છે, જેને વિજ્ઞાન “બેક્ટરિયા (acteria) ના નામે ઓળખાવે છે. જ્યારે પ્રહને તો કોઈ સાધન સામગ્રીની જરૂર જ નથી. પોતાના કેવળજ્ઞાનરૂપી સૂક્ષ્મદર્શકમાં જોઈને પ્રમુખે કહ્યું છે કે, “પાણીનાં એક ટીપામાં માત્ર ગણતરીનાં જીવો નથી. પરંતુ, અસંખ્ય જુવો પાણીનાં ઍક ટીપામાં રહેલાં છે. પ્રભુ તો કહે છે કે, “પાણીમાં તો જુવો છે જ, પરંત, પાણી પોતે પણ જુવ રૂપે છે.” પ્રશ્ન-૨ અમુક લોકોનું એવું માનવું છે કે, પ્રવાહી રૂપે રહેલાં પાણીમાં, गया तो डर्छ रीते होर्ड राडे? જવાબ- પ્રવહી રૂપે રહેલ પાણીમાં જવ શા માટે ન હોઈ શકે ? કારણ કે, ઈડામાં પણ પ્રવાહી રૂપે રહેલ રસમાં , જીવનું અસ્તિત્વ તો જોવાંમળે જ છે. ઈંડાના રસમાં જે જીવ ન હોય, તો આગળ જતાં, ઈંડાના રસમાંથી મધીની ઉત્પત્તિ કઈ રીતે થઈ શકે ? હાથીનું બચ્યું પણ શરૂઆતમાં, ગર્ભમાં તો પ્રવાહી સ્વરૂપે જ હોય છે, જેને ‘કુલલ તરીકે કહેવાય છે. આપણે બધાં મનુષ્યો પણ શરૂઆતમાં માતાના ગર્ભમાં તો પ્રવાહી રૂપે જ હુર્તા. એટલે, પ્રવાહી રૂપે રહેલ પાણીમાં જીવનું અસ્તિત્વ હોઈ શકે છે, ઐમાં કોઈ જ વાંધો આવતો નથી. પ્રાક અમુક લોકોનું એવું માનવું છે કે, પાણી (140) તો ફુઈડ્રોજન(H) KOKUYO W-N82300 Page #50 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Date -- અને ઍકિસજન (O) , આ બૈ વસ્તુઓનાં સંયોજનથી બનેલું - હોવાથી, તેમાં જીવ કઈ રીતે હોઈ શકે ? . જવાબ-૩ અમુક વસ્તુઓનાં સંયોજનથી ઉત્પન થયેલ પદાર્થમાં જીવ 1 | શા માટે ન હોઈ શકે ? કારણ કે, છાણામાં પણ અમુક સમય'. - બાદ, અમુક ટ્રણ ક્ષેત્રફળાદિનું સંયોજન થતાં, તેમાં આપોઆપ વીંછી તથા કીડાઓની ઉત્પત્તિ જોવા મળે છેવરસાદને લીધે, અમુક વાતાવરણના સંયોજન થતાં, આપોઆપ, અળસિયાંસાંપોલિયાં – દેડકાં વગેરેની ઉત્પત્તિ. (ગર્ભ કે ઈડા વિના) સ્પષ્ટપણે નોવાં મળે છે જ. એ જ રીતે, હાઈડ્રોજન અને ઓક્સિજનનું મિશ્રણા-સંયોજન થતાં, તેમાં અસંખ્ય પાણીનાં જાવોની ઉત્પત્તિ થઈ શકે છે. એમાં કોઈ વાંધો નથી..!! " : ' ' ', ' + છે. =' Hવ (પાણી:'': , ' ' ' . ' પ્રશ્ન-૪ પાણીનાં એક ટીપામાં અપકાયનાં કેટલાં જવો રહેલાં છે ? જવાબ-૪ પાણીનાં એક નાનામાં નાના ટીપામાં, ઓછામાં ઓછા “અસંખ્ય જુવો રહેલાં છે. એક ટીપામાં રહેલાં આ જીવોનું કદ જો કબૂતરજેટલું (કલ્પનાથી કરવામાં આવે, તો આખી પૃથ્વી પૂરેપૂરી ખીચો-- ખીચ ભરાઈ જાય , એટલી મોટી સંખ્યાનાં જુવો માનું એક ટીપામાંહેલાં છે. તૈથી, પાણીનાં જાવોની વિરાધનાથી બચવાનો પ્રયતા, વધુમાં વધુ, રાક્ય હોય એટલો કરવો. " પર પાણીમાં જાવ છે - જવાબ-૫ મૈંન દર્શનમાં જે જીવવિજ્ઞાન દર્શાવાયું છે, એમાં પાણીને પણ જીવ સ્વરૂપ માનવામાં આવ્યું છે. આજનું વિજ્ઞાન, પાણીમાં જવમાને છે, પણ પાણીને જીવ તરીકે માનતું નથી. જેમ, વનસ્પતિ પોતે જાવ સ્વરૂપ છે, તેમાં પાણી પણ પોતે જાવ સ્વરૂપ છે. શાકભાજીને સમારીને રાંધવાથી , તે અવરહિત બને છે, તેમ, પાણીને પpદ ઉકાળવાથી તે જવરત બને છે. એટલે કે, અજિાનું શાસ્ત્ર લાગવાથી, તે પાણી સચિત્તમાંથી ચત્તરૂપે થઈ જાય છે. Page #51 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. Date अनन्दा मायां प्राणीने. ठिाणयाथी मनेj पाउँ पाणी शुंनुपरहित बने छ। उर्छ रीते? गरम गरीने जनापेला उठाणेj पाएगी पापरपामांशु शुपहिसानो होष न मागे? ). क्यान-दायां पाएगीमां, खानसामसष्य जपो पोतानी भेणे भरेछे सो सेटप्लान पाछापोतानी भेगेनपांडनां पे यतांक रहे छे. पाएगीने यांऽसुधी गरमना रवामांगमायो त्यसुधीरमा हन्ममरानी सायरल सततच्याल्यांक उरे छे. परंतु पाणीने पार गरमा उरीलेपामांसावेतो पछीजामगेन्सी, खसंज्या योनां - मन्ममरणानी सायात यातीहती, ते स्टोपा (SP नय छे, सही नया छे. पाणीने उठाणयानंतां, खेडयार , तो ससंज्य योनी हिंसा, मयूडपो थायरछे, परंतु, मेने माले, ने आयुं पाणी पी देवानां भाषे, तो पहा, शरीरमा हाजल घयां जा पहुए, पोनी हिंसा थवानी न्ह छे. शरीरनी गरमीथी पा तेनुयो हाय छे. सेटले, पाशी हायु पीपाभांजे गरम अरीने पीयामा, घनेमा हिंसा तो भवानी। छपरंतु जंने परिस्थितिमा समेटलो. पडे छेडे, सीधुंडायुं पाएगी पीपालुपताजपोने सीधेसीधा ना भुजमां पधरापपानी पृष्टता- ठोरता डरपी पडे छे., क्यारे, उडाणेतुं पाही पीपाथीभुजभानुपत्त नहीं पा नि प प्रार्थोनो प्रवेश थाय छे. तथी घडो सोझोष साय पधु विस्तारथी नीयेप्रमाएर समृनुशहाय छः A सलमानमान नियां मने शाहजमान भियां, ते महमध्सटी शेऽ परथी पसार थतां इतां. रोडनी झूटपाया पर खेड हटाने, लुपती भरपीसो पेयाती हती. जंतेनियांसोमेसेडेड (जेड रोड) मरची पेयाती टीधी. सलमानमाने, भरधीने थेवीभांडी हीधी, घरे ने मेड शूटानां तेने हुयाल उशीने पछी ते मांस पहावीने जाई. व्यारे, शाहपमाने तो, पणनीय विलंबा पिना, लर रस्ता पय्यर, मरधीनी पांजो यी नाजी मने भरधीनां शरीर पर या भारीने, मांसना सोयेलोयां डाटीने, आयांने डायान्ह नापानी राश्यात जरी हीधी. पाय न मिनिटमा सानी भरघीनो | इससो पुरी हीमो __शुपहिंसा पाप तो मेने मान्थु ते छतां पए, KOKUYO W-NB280U Page #52 -------------------------------------------------------------------------- ________________ / प्रियामाप्रसंगमा सलमानजाम भार स्रता मोही छे, ग्यारे जील्ला प्रशामाशाहमापानमा लयंडर दूरता पाय तेथी डमां एो मोटो ईरहार थाय छे... 18 डायुं पाणी सीधुं मुजभां नाज माने उडागेj मागी मुममां जननांन जंने सभयोगमननां परिणामोमांजरा पड छे.. डायुं पागी पीतीपषमते, "सानुपछे, सयित्तछे खेयो जियाट होपां छताय, भाएास र जनीने पाएी पेटमा पपिशवछे. व्यारे हागेषु पाणी पीतां माएास मनभां समठे छेडे, मा ठसा निर्बपञ्छ, सयित्त छ' भाश भुजमानुपने मारतो नीला सचित्त सरीने पछील्म हसनो उपयोग यो छ."हुए, गरम जरयां द्वारा सही पाहिंसा तोपर थर्ष छे, यए। ते हिंसामन्यूला परथी छ, मोटामा नयी थर्णपणी डाया पाणीभां क्षुहोरो सन्म-मराशनीमायहरयासती हुती, ते हुये पाणी हपारा उहणी गयां पछी, नियत समयामाटे, Stop-स्टोपा घर्छ नया छे. हुप्रोग्याटी न्यां सुधी भयित्त रहेरो त्यांसुधीभां छोई नयी जुयोत्पत्ति थंवानी नथी. खेरखे, होघ धोमोछो मागशे. मास म उपरनीन्यात घई हिंसासहिंसामने मापए यित्तनां परिहरामोनी. हुये जीनपात डीजे डायुं पाणी, खाहनीदृष्टि, विट्ठारह छ. डायंपाशी पीपाथी, भाएासनां मना विहारलाप पधुप्रभाएामा नगृत थाय छे. भाटे, प्रलयर्थना परिपालन माटे तथा वीर्यरक्षार्थ पण, डायुं पाणी ट्यनुयुं हितावह छे. या सारा : शस्त्रना 3 प्रकार का काम સ્વકાયશસ્ત્ર પકાયશાસ્ત્ર 'ઉભયકાયશાસ્ત્ર Page #53 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ४e > No. शस्त्र : शस्त्रनो उपयोग डरीने, भुवंत भारासने, कम भारी नजाय छे, तेम, समुद्र शस्त्रोनां माध्यमथी, पृथ्वीद्वाय, जपाय खाहि खेडेन्द्रिय भुवो, सयित्तमांथी (भव - सहित अवस्थामांथी) खयित (भव-रहित अवस्था) उसे थाय छे सयित्त खेडेन्द्रिय भवाने खयित्त डरवां माटेनां शस्त्रो उ प्रानां छे: (१) स्वहायशस्त्र (२) परद्वायशस्त्र जने (3) उलयडायशस्त्र. 15 Date Bre ...' स्वडाय शस्त्र' (१) स्वडाय शस्त्र: पोतानो लार्ध (स्व) भ्यारे पोताने भारपा मारे शस्त्रश्ये जने छे, त्यारे ते लार्धने 'स्वङाय शस्त्र' श्ये दुहेवाय. (तभारी लोड लाषायां, सरणताथी सम४ पड़े, ते मारे जावी उपरछल्ली व्याख्या छुरी छे.) खेटले, खेड़ पृथ्वीद्वाय ग्यारे जीभं प्रकारनी सयित्त पृथ्वी डायने खयित्त इथे जनाववां माटे शस्त्रनुं अभ दुरे, त्यारे सयित्तने खयित्त, श्ये जनावना पृथ्वी डायने उहेवाय छे, सेटले, पृथ्वीडायमा न्यारे पृथ्वीडाय, अपडाय भारे + क्यारे जीभे खपडाय, तेउडाय माटे भ्यारे तेराय, पाउिडाय भाटे ......भ्यारे पाउडाय शस्त्र श्ये जने, त्यारे तेने 'स्वडाय शस्त्र' इये दुहेवाय छे. छ. त.: [A] खेड खेतरनी सचित्त भाटी (जेडायेली माटी) जीभ खेतरनी: सयित्त माटी साधे भे लेगी तो बने मारीखो परस्पर खेड, जीभं माटे स्वप्रायशस्त्र ३ये जनता होवाथी, जने भाटीमा रहेल असंख्य पृथ्वीडायनां भवाने हिलाभना पहोंये छे. थाय, जे हां-हां डूवानां पाएगी लेगां डरता, जंने पाली परस्पर खंड जीभ माटे, शस्त्र इथे जनवायी, जंने पाएगीयां रहेल असंख्य रायडायनां भयोनी विराधना थाय छे. जेटले ४, हां हां मछलीघरमा रहेल माछलीखोने, ले लेगी डरवामां खाये तो जने नुहां-कहां पाएगीखो परस्पर स्वडाय शस्त्र ३ये जनवायी, ते पाएगीमां, नवी उमेरायेली माछलीनी विराधना धर्ध शडे छे. [C] 'खे ४ रीते, यात्री मांथी पोरां नीडको तो, नेवानां माशीमांथी खा पोरां नीडण्यां होय, ते ४ दूवानां पाएगीयां भे खा पोरांने याशी सहित नांजी हेवामां जाये, तो ४ ते पोरांनां भयोनी विराधनाथी जयी शडाय. दुहां दूवानां पाशमां पोरानांव KOKUYO W-N8280U Page #54 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ) .... का नामोतो, तेयो थोडीवारमांकालं मरा यामी : मारण परमायशस्मा डोर्छ पारोमाठास पोताने मारयां मारे न्यारे शस्त्र पे मनेात्यारे ते पारड माणुसने "परडायशस्म' साइपेडपाय छे.. या 'हा.त.: सयित्ताहायुं पाएगीने अग्निमां तपाधीने ग्यारे सथित्त डराय, त्यारे: सस्जिडायः परछायशस्न हेपाय. नसथिता पाएकीनेजसयित्त इफे मनापा माटेपाल सचिन्तटापाणीभां मायनिताता ८ मिनीट मा, ते पाणी अथित्ताधाया छेपसेटले, सथित्त पाणीने सथित्त उपे.मनापयां माटेपथ्वीडायः परहायशस्मज मनेन्छे. साका. हकेगष्यवहारमाणमा परहायशस्नासंगे नापायी यतो साला पाडायां पाएीमा अनापेक सार पाएगी., मीठानुं पाएशोण, भाएपरियाणीनुं पाएगी, छाश, सींन पाएीफोरेभांडायुं पाणी होबां छताया, मेमा मिश्रीत थनार त्साहर-गोणाटि पहार्थो, परसायशस्म इपे मनीने , सयित्त पाएीनेट मिनीटमा, अयित्त डरी नांगे छे. तेथी, सेडासां-लियासहिमा पर मा पार्थों यापरी शहाय छे, सने साधु-साध्वीने पा. १00 . पहोरापी शहाया छे, तेमा डोर्ड होपान सोडा शाना साधु-साध्धीने सधपार पौषधमा अापडोने, सूर्यास्त माद, हाथ-पशाहि शुद्धि माटेगले चाही वापरयुं होय, तो उडाणेसा पाएीमां थोडो यूना नजायाराजा, उहिपसरला) सुधी ते नो पाएीने सथित्तपातो. नथीतेथीलपधेसांउडागेसांडपीवाना पाएगीमांन्यूनो नांजी हेयायी, 3 हिपस भाटे ते पाणी अथित्तश्पन्न रहेतं होवाधी, हाथ-पगाह मय शुद्धि भाटे यापरी राहाय. या पाएी.डपुं पा न पडे खने तेनो सडिपयोग घर्छ नय. (3) न्यारेट ट्रेननीमलामीभुसारीमानलेवर्षीलपनो उपपास होय सने ताज प्रयत्नो दुश्वां छत्ताय, जे पाणी उडाणपानी मनुणता न घाय, तो छेस्ले , अपवाद मार्गे, डायां पाणीमा नेऊ नानडी यपटी लारी निला पावडर, यनो अथवा राज Page #55 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. Date नांनी हेवाया तो, उट मिनीट जा, ते डायुं पाएगी अचित्त इपे थई भय छे. आयुं पाएी, उपपासमा अथवा सहिमां, भाषां योइंटीन सयसरे वापरी शहाय. परंतु, सखा बिस्पनीष्ट, सामान्य संन्नेगोमां नमणे. प्रयत्लो उश्यां छतांयामाहीडाणपानी छोई सनुशता न चाय, तो न खारीते, डरी राहाय, माडी नहीं ले भिषायां को छूटुमामोहोय मने उहाणेj पाणी वापरपानो नियमाहोया, तो उडाणेसुंगपाणी न भगतांक रोडीनां सपसरे, द्वाय पाणीभांराण मधपापत्यूनोल्मघवा त्रिया याद मथया सार अथवा भी नाणीनेगपएट भिनीट जाह, अयित्त थर्ड स्वाधी, सा-पाणीसुशीधी-पापरी शहाय छे. उपवासाहिनां सपसरे, साइरन पाएीसीमुनपाएगी डेमीहार्नु थाही पोरे आहारी तरी थर्छ नवाधी, उडाणेला पाहीनां जले नयाले. परंतु, त्यारे भान राणथूनापापंग तिङ्लापाणुं पाणी, टोडीभां थाली राडे. मंडा मोटी मोटसाहत्यांना पाहीमा मात्रा मेड यपटी भिसा डेशमादि नामो तो याची शडे. परंतु, मुहोबरीने मनानपार्नु गथी. छाशनी मानी ठेभ डायां पाहीना मान माछोरिंग महलायतो याले (3) उलयठाय शस्त्र: पोतानो माई+पारो भाएप्स,मनोमणीने न्यारे पोतान भारयां. माटे रास्न पेजने,त्यारे ते उलयायशास्त्र' इपे हेवाय छे.महात.: डाहप : सपहाय पाएy + पृथ्वीडाय एभारी) नु मिश्रा ये होवाधी, तेने उिलयहायतरीडे उपाय. हवेसा उिलयडायस्परहेला हापा ने डायां पाएीभारासयित्तसपडाय) साये गलगेगातोडायांपापीने सयित्तमांधी, सयित्तश्पे पतापयां भाटे, डाध्या उलयद्वाय शस्त्रा३पेजने छे. तेधी, खा लायां जा, योमासामा ज्यारे लीनां रस्तामो उपर यालपान थाय सने सापए छित स्थापो पहोयपाना लेजे रस्ताखो होय, मेड डायां पाएीनां प्याजोगीयांवाणामने जीज-हाहषपामोलो. डाध्यायात रस्ते । थालयामां सोणे होष वागवानी संलापना छ, डाराडे, यरसा डायुंचायी, आध्य साये लणीने, मथित्त घर्छ भय छे. KOKUYO W-N82800 Page #56 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (42) (1) खपडायनां भवोनी विराधनाथी जयवानां उपायो : पाएगीनां खेड टीयामां असंख्य भषो होवां छतांय, आएगीनां वयराश विना, खाप खायागुं भुवन रहावी राडीजे नहीं खेटले, पाणीनां भुवोनी विराधना तो दुखी व पडशे, थपानी ४. छे. पाएगीनां भवोनी विराधनाथी पूरेपूरा लले न अयाय, छताय, डाजम राजीखे तो, भुवनमां यालती जिन३री पाएगीनी विराधनाथी तो १००% जयी शाय छे. तरस छीपावयां भाटे, अयां पालीनी विराधना डरवाने बहले, उझोलुं पाएगी वापरवानां घएां सालो नीये प्रभाएगे छे : [A] तरस छीपाववानं अर्थ पए। सिद्ध थर्ध भय खने भुव विराधनानो दंड पए। खोछो जागे छे. अराग डे, अयां पाएगीमां, सतत, नवां- नवां भपोनी उत्पत्ति यासु ४ रहे छे. भ्यारे पाडां पाएगीयां तो खेड वखत उडानी तीघां पंछी, सतत ने सतत यालती भुषोत्पत्ति खरडी भट भय छे. नवी भूषोत्पत्ति थती नथी. [6] डायुं याली, भुव सहित अवस्थापाएं पाएगी होवाथी, ते वायरवामां हयनां परिणामी पधु डहोर जने छे. उडालेलं पाणी वापरपाथी, हृदय ओमण जने छे, खेवो अनुलव या घर्ध शडे, उडानेतुं पाएगी शर य जाह, १५-२० हिवसे, सूक्ष्म दृष्टिसे मे नोंध सेवाय तो ज्याल खावशे डे, पहुंलां डरतां हुवे विचारो वधु सारां खावे छे (वं खन्न तेंयुं मन. प्रेम जोराउनी खसर खायगां पियारो पर पडे छे, तेम पालीनी खसर पाए। खापएगां वियारो उपर पडे छे. पाएगी या खेड प्रहारनो खाहा छे.) कोधाहितां नज परिणामो पाड़ा, उडानेलं पाएगी यालु दर्यां जाह धीरे-धीरे डरीने घरी तां भेवा मजरी. खेटले ४ उपाय छेडे, भेवो खाहार तेपो खोडडार' हा.तु.: 4 माछसीखोनी विराधना डरनारा जे ... मुसलमान लार्थ: खेड लाई, भरमांधी यांथमरेली मछली साये रखने रांधे भ्यारे जीने लाई, जभरमांधी यांय भवतीतरइडती माछसीखो सापे, तेने मारे जने पछी रांधे. जनने भुवहिंसाना पाय तो लागे ४. परंतु, जीभ लाईने पहेला लाई Page #57 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No, 3 Date कि डरतां वधु दंड दागे डाराडे,ते अयंत माछलीने वापीने तेने મારીને પછી રાંધે છે, તેથી તે વધુ કઠોર બને છે. બસ, આ જ રીતે, - કાચાં પાણી અને ઉકાળેલાં પાણીમાં સમજવું. એટલે , આપણાં હૃદયમાં ૨હેલ કોમળતા- સંવેદનશીલતાદિ ગુણોને જો ટકાવવા હોય , તો આજથી જ પીવામાં કાચાં પાણીને છોડીને , ઉકાળેલું પાણી વાપરવાનું શરૂ કરી નાખીએ , ફળશે ને ? ,7' ]; .. કુલ કરે સો આજ, આજ કરે સો અબ (અભીy” c, આરોગ્યની દૃષ્ટિએ, ઉકાળેલું પાણી પચવામાં વધુ હળવું પડે છે. તેથી, આમ પણ સચવાય અને શરીર પણ સચવાય. આજે, ઘણાં s , ઈક્કાન વગેરેથી બચવાં માટે, આરોગ્ય માટે, ઉકાળેલું પાણી હoiled udator) વાપરવાની સૂચના આપે છે, એટલે, પ્રભુની પાળવાં જતાં , ડૉક્ટરની આડુ પણ આપોઆ૫ પળાઈ જરી. પરંતુ ડૉક્ટરના કહેવાથી ઉકાળેલું પાણી પીવાનું શરૂ કરો, તો પ્રભુની આજ્ઞા પાળવાનો લાભ ન મળે, કંઈ નિર્જરા ન થાય. ઉલટું , , : - દેહાધ્યાસ ( શરીર માટેની પોષવા નીમિત્તે, કર્મબંધ થાય . એટલે, સમજુ માણસે , વહેલી તકે, પીવામાં ઉકાળેલું પાણી વાપરવાનું ફારૂ''1', કરી દેવું જોઈએ, કદાચ, પૂરો દિવસ ઉકાળેલું પાણી વાપરવાની - અનુકૂળતા ના હોય તો ૨રૂઆતમાં જેટલું શક્ય હોય , ધરાદિ સ્થળોમાં - જ્યાં જ્યાં શક્ય હોય, ત્યાં ત્યાં ૩-૪-૬ કલાક માટે પણ ચાલુ કરી શકાય છે . ફાવશે ને ? (૨) પીવામાં ઉકાળેલું પાણી વાપરવાથી , જીવહિંસા ઓછી થાય છે. પરંતુ, સ્નાન માટે તો, કાચાં (દંડ) પાણીથી સ્નાન કરવામાં ઓછામાં ઓછી જવ વિરાધના કીધી છે. તે અંગે લાભ-નુકસાનો નીચે પ્રમાણે છે: ગરમ પાણીથી કે ગરમ-ઠંડુ mix દંડી (કાચાં) પાણીથી પાણીથી સ્નાન કરવાથી થતાં 1 સ્નાન કરવાથી થતાં ''1'' નુકસાન ઃ '' '' . શરૂઆતમાં અનના માધ્યમે ગમ ન “કરેલ હોવાથી અગ્નિ તે પાણીને ગરમ કરવાથી, અગ્નિ-રૂપી | નીમિત્તે થતી પાણીનાં જાવોની -ઘરકાય- શાસ્ત્ર દ્વારા પાણીમાં રહેલ વિરાધના થતી નથી, તેનાથી જીવોની વિરાધના થાય છે. બચી જવાય. લાભો KOKUYO W-NB2BOU Page #58 -------------------------------------------------------------------------- ________________ मानामगरभपातीथी सीधे-सीgioगरम पाणी mix न उरघु। स्नान हरपुंशष्य न बने..मेरो पड़े. मेरने, साभेलतायेल तेमां नपुं पाएी उमेशयातेथी, विराधना यती नवीन्मने गरमपाएगी स्पडायशप स्पेखनीने मापाने जप विराधना नीभित्ते | नपा उमेशयेलांडायां पाएगीताजयोनेकर्मधापाथगनथी. डिलामना पहोंया छ..याबीन नुसानी खापराने थर्ड पाथा.. | lal मा गरमFmix रेट्नवसेगा साने बतापेस गरश्नां पाहीनां मेट् पाठीमागण गटरमा लय लयोनी विराधना यती नथी. त्यारे त्यागरमा रहेला डायल्से रले सापालने जपविराधना पाएीनां शुषो भाटेशा इपेखने नीभित्ते गर्भधाय नथी. छे. भेटले, गटरमा रहेलायांज|पाएगीनांपोनी विराधनानो इंड लागे- मातील नुकसानी धर्म. साभे जतायेम डायां पाणीथी पपशयेमा डायां पाशीमांधी दुस स्नान इरपानां ले लालो छोते पण पाएगीनानुषोनी विराधना वालो गरम पाणीथी स्नानचाक डाराडे मनापां शरीरने डरनारने न मणी शडे . अराडे, व्यवस्थित डीने लतां पण. अनिद्वारा पाणी गरम थायरल पाएगीनांनुपान, मापणा भेटले पूरेपूरा 200. पाणीनां शरीरनी परभीनां सीधा डिसामना पोनी पिराधना थर्छ नय. थाय. जाडीना पण पाएगीनां यो तेथी, ठंडानायां पाएीधी स्नानबियी भय छे. डाराडे, पण दुश्पामांजावां टलां सालो.पाणी सरही तुं होपाधी तेमांव न्याया छेतेषांतेटलां सालोपोनीमा विराधनाथतीरनधी.हा, गरम पाएीधी स्नान उरवाभांसमुह पाने हाय थोडी मार मागे भणे नहीं...... परंतु, पूरेप्री विराधना तो नर थाय. सागण पयारे गररमांलगायजा त्यारे पए, पोतानान्तट्या मेमां-डायां पाएीभां लगे रखे चिराधना न घाय. डा(डाया) પાણીથી સ્નાન કરનારને જ આ लाल मणी शछे छे. Page #59 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. D. स्नान माटेम पाहीले गरम होयां हंडा पाएीधी स्नान इनार, तो लेंसनी मामऽधो डसाठ; पाएगी महोपाधी, सरपटपडसामने रविवाराहि रक्षा होया याट स्नान करीने झडपधी तोर- उमाऽ सुपी माहीमा नजाधइभामाधीशलाहारामीणी लय पड़ी रहेगा- मन थाय, अटो, छ. तेथील्ममूख्य समयनो गरम पाणी वापरनारने स्नान गाडी न थाय, मने सोछा डरपामां समय या पधारे मागसमयमा स्नान डार्य सिद्ध सायमा रीते हिंमती सभयनो नयादा जाडोकायाया ...| गरम पाणीधी स्नानारनारने, डा पाएगीथी स्नान डरनार, |पाणी पषधापपराय छे. थोडांपाणीथी स्नान जरी झडपथी| पाएगीनां घरे टीपानां मसंज्या महार नीणीनय छे. मेटले | जपो रहेस होपाधी , पहिंसा पाएगी सोछु पपशयन्जुषहिंसा |पए पधारे थाय सने उर्मबंध मोछी थाया अर्भमंध पा जमएर पधु. थायामोछो घाय. गरम पाएगीथीस्नान उरनारनी ) डंडा पाएगीथी स्नएन डरनारनी| रोगप्रतिकारक शन्ति नवधे. रोग प्रतिकार शहिता पधे छे. तेथी माशेश्यनी अपेक्षा या तेथी मारोग्यनी दृष्टिले शरीर डंडा पाएगीथी स्नान डरपामांपए सयवाया साने नुवघ्या घगो. खालाछे.. का घमाती होवाथी मात्मा गएर | सयपायार पाणी गरमाहुरपांगशीकर परेडापायी अनान ऽरवायी यापश्याथीरलाईट-जीलपधारे साये मीर शेस वापरयानी र अनेसपाघरपाधीज गेसनांबाला पडती नयी मेरले लाईटजीस पधारे सेयां पडे. तेथी, स्नान-गेसना वारसा वयशतां नयी भाटे गरम पाणी वापरपाधी सने ना रीते साडि नुपुतानीची मार्थिदृष्टिमेनुहसानी पधारे छेजयी नवाय. गरमापाएगीपापरषाधीनामसंध्या हंडा पाएीधी स्नान करवायी सनिडाया (तेडाया ना गुयोनी । मसंध्य अग्निहायातेडाया | हिंसानो पाड लागे छे. ना योनी विराधनायी जयी पाय. . KOKUYO W-NB2800 Page #60 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (૫૬ (3) जरइ, आईसक्रीम खने ड्रीग्नुं डंडु पाशी वापश्वाथी, खसंज्य खपडायनां भवोनी हिंसा थती होवाथी, श्रापडोसें तेनो राशन डरपोक ज्ञानी लगवंत दुहे छे डे, श्रापोखे तो, उडाजेतुं पाएगी वापरयां छतांय, संहरथी राम नथी थवानुं. उडाणेसुं याशी प, हृदयमां इंज- पश्चाताय जने बेहना साधे पापश्वानुं छे.. डारा डे, उडाणेलं पाली लले खयित्तइये थे, परंतु, खग्निना माध्यमे तेने खयित्त दुखां माटे, असंख्य खग्निडाय तथा खपडायना भुवोनी हिंसा तो थाय ४ छे. हुवे, ज्ञानी लगवंत प्रमाएो, उडालेला पालीनां वयराशमां यहा मे डंज राजवानी पात होय, तो पछी, राभुना रेड थर्धने, मात्र भुलनी खासहित माटे, डायुं पाएगी डेड्रीभ्नुं पाएगी के जरझहि तो दुर्ध रीते पायरी शडाय? ते श्रापडोखे भते वियारी तेयुं भेजे, Bislert, cold drinks खाहि पायरवामां खागगण पालीनां पथराशनो भोटो हंड लागे छे तेथी, भें होटलमां भ्युं ४ होय, खने त्यां cold drinks वगेरे पायरयुं ४ होय, तो घरेथी गरां सर्व वर्धने, cold drinks कोरेने पूरेपूर व्यवस्थित गाणीने ४ वापरपानी छूट! शवशे ने ?? खेरले ४, ठंडा पीएगां, खार्धसठ्ठीम खाहिनो पपराश पहेली तडे छोडी हेवो. पाणी पीवानुं मारलं भे घरे रातनां लरातुं होय, तो सवारे ते पालीने परे पूरं गाण्यां जाह ४ पायरी शडाय. १८ देशना राभ कुमारयाण, रो योतानां ११ लाख घोडाजोने तथा ११०० हाथीखोने पाए। इरनुयाता पाली : पीवामां पथरावतां हुतां. हाथी रखने घोडाखोने गाणेसुं पाणी पपरापवानी पात क्या हो, यलो, उभ-से-दुम, तमे खने तमाशे परिवार १००% गाणे ४ पाणी पापरे, खेनी थोडडसपरो खातरी शुं तमे खायी शउशो ? पा क (দ गरजांथी डायां पाएगीने गाण्यां जाह . ते गरगांने होरी उपर सूडावाय नहीं खने गरजांने हाथथी नीयोपाय पए। नहीं. भे गरागांने सूडपीजे अथवा नीयोपीजे तो राजांना उपरना लागमां गजार्धने खावी गयेलां सूक्ष्म नावुड प्रस भवो तो दंड समयमा ४ योतानुं खायुष्य पूरं डरी नांजरी. डारएा डे, ते नाक भुवो तो पाएशीमा ४ उत्पन्न थाय छे रखने पानीमा ४ योतानुं Page #61 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. Date . . नवनाकावी शडे. तेथी,ते नाडा सहोमण प्रसनुयोने जयापा भाटे, गरएन उपरना जे छेडानां लागे,जे हाथनी जे मांगनी द्वारा धीरेधी पडीने, जीनं त्यां पाएीनी डोलभां नाजीने हुलापाय,तो ते नाणु यो धीरे रहीने सरगताधी नीये सरी पडे छे. पोतार्नु मायुष्योटपुं होय सेटयां समय भाटे, ते डायां यापीमा पोतान मा सस्तित्पराये छे. परंतु तेनी विशधनानो ड मापाने वागतो नथी. डाउनाणामां जारो घणो होया छताय, र-उपार स्नान नपुं. मान रमेड ४ वाजत स्नान डराय, ते पए, शरीरनी शुद्धिनां साशयथी तोन डरी शहाय. मनो माधोहनी शुद्धिने स्नान' तरी भाने छे. परंतु, प्रलु टोडोत्तर शासनात्तो रहेछ , माघ हशुद्धि प्यास्नाना छेाडोई पास्तविठ स्नाना नथी. ज्ञानीलगवंतनीगदृष्टिमे, तत्पनी दृष्टिमे, हे शुछिने नहीं परंतु मात्मशुहिने वास्तपिङ स्नानापे ह्य छे. रेममा मात्मा गुणोनां पिडासमां नागण पधै; अपघ्या पोरे शुलप्रवृत्ति मने शुल वियारोमा मागग यधतो नय, तेमतेम यात्मविशुद्धिमां पधारो थतो भय. वास्तविड - लापास्नान थाय. २४ फुटाउ मायुं लाप स्नान ऊरनाशं साधु-साध्वी वर्षोनां पर्चा सुधी, जाह्य द्रष्य स्नान नडरपा छतांय, तेमनांशरीरमांधी डोई ध न खावे. उष्टं, हिपसमां र-चार स्नान डरनारा संसारीना यहेश उपर स्फूर्ति-ताशी-यमा नेवांभणे नां रतजसनेङगणी पधारे स्टूर्ति- तागी-यमा म्. साधु-साध्वी लगपंतनांहेशं उपर स्पष्टपणे जेयां भणे छे. खेटले, मापगे पए प्यास्नाननेपधु महत्व न मापतां, लाप स्नानमां मागणपघवानो सतत प्रयत्न डरयो नेऽखे. शरीर शुद्धिना माशयथी स्नान डरपाभां, हाध्यासमोघवानीभित्ते उर्मबंध थाय छे. मात्र, प्रलुनी न उरपानां खाशयथी न् स्नान उरवानी छूट प्रापहोने मर्ग छे. सोही-मांस-परभणभूताहि सनेऽ सशुयिनोथी लरेलां. मा शरीरथी, प्रायोऽनांनाथ शेयां प्रलुनो स्पर्श न थर्ड शर्ड . तेथी, भानने भात, प्रलु स्पर्शनांशुल साशयथी-प्रलुनेमणयां तथा मलुभा.लरायांभाटे तथा प्रलु तुल्य जनपानां मारायी र स्नाननी छूट प्रापधोने भगे छे. तेथी, हे हिपसे, संजेगापशात् पून न थाय, ते हिवसे श्राप स्नान न डरी शाय.. KOKUYO W-N8280U Page #62 -------------------------------------------------------------------------- ________________ का प्रलुनी न तो सापांमात्मानेर परमात्मा स्पस्पे मनापा भाटे उरपानी छमायां पपिन माशयथी मनु ममारे खेड मारे स्नान राय छे., ते पाहा महपमांसप प्रमाणामा, शागेला, परिमीत रथी, यएगान्डागनुपर्पऽ ऽरयूं ईमे. गतोन्मतेस्नानाज्ञानीलणापलने भान्यजनेखापापविना सारायधी स्नान हुश्नार सुप्रापद्योग स्नान मारे पन्यासी पधारे पाए। पापरी न शनावी सभष्टाने न होय तेलले सडधी, पोपी, रोड, घोट डोलथी स्नान करे, परंतु, तात्विष्ठ समा भेगपनार खात्मा तो मोछामां मोठी पाणीनां योनी विराधना ज्शने, स्नानघोतानुं प्रयोजना साधी से छे. मुंबईमा रोपां मने श्राप भनी मार्थिलास्थिति पएा सारी होय सेवां) छे,डे रेसो, वर्षोथी स्नान भाटे, मात्र 3-४ लास पाणी वापरा छतांय, डोगंधाहिनी इरिया न माये. न्ने सापांगमपितमाशय पिना, व्यापा-आणनुमति विनापो प्रत्यः उपेक्षा लापाराजीने, रोड-होट डोलथी स्नान उरनारने मपठायनां खसज्य पायोनी लिनहरी हिंसानीभित्ते विशेधर्मबंध थाया छे. तेमनामात्माने डर्भधी लारे थप्पडे छे सनेलपांतरभां तिमां न्यूं पड़े छे. हुपे, तो पियारी तोयं उरघुछेर खागण लयांतरमा ध्यां-- गतिमा न्युं छे? डायां पाणीधी स्नान हुषाथी पण. डायां पाएीनां गुपो सही सलामत नयी नय छे. परंतुनको साप्नुवो चपराश घाय, तो ते सामुगुंबदीप शस्त्रास्पे पनीने, नयी गयेला पगडायां पाएीन पोगे डिसामना महोयाडशे. तेथी, सानुपापरपाधी, पणछायांचाएगांगपोनीषिराधिनायी जयपानोमोटोसाल न भणी शडे. जेटले, ने शड्य बने तो, सालुनो पपराश पो. सापां शरीर पर डोर्छ तेनजी मेसिड ढोणाय त्यारे भापही याभडी जणी ाय छे, डा सुहां पड़ी शर्ड छे, मने खतिशय बेहना- पीडा थाथ छे. बस, सामुतुंहीहा पाए डायांग पाटीनांनाएक सोमण शुधोने, जाश डरपा भाटे, तेजजी मेसिऽनुं डामरे छे. छेस्ले, रोकन्रोष्ट सामूनां चपराशने महले, हर र-प-30 हिपसे क, साप्नुनो पपराश थाय, तो पए, ई मंशे जयी शहाय, Page #63 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 46. क (e) 2009 No. च Date 1. जरइल सहीसह वापरयाथी पए। खसंज्य सपडायनां भुवोनी जिन३री विराधना थाय छे, तेथी, खा पहार्थोनी वयराश राजवं जायएगां घरे गोडवायेल डोईपाए। जग्नाहि सांसारिङ प्रसंगोमां के पछी धार्मिक प्रसंगोमां, उनाणो होपां छतांय, जरदू - खार्धसठ्ठीमाहि खलक्ष्य पहार्थो न खापे, न पपसय तेनी पूर्ण अजभ लेवी. सापां प्रसंगोमां, खायां खलक्ष्य प्रहार्थो पपरावपाथी, मोटा प्रभागमां सामुहि प्राणे खाथायां जात्माने विशेष उर्मबंध थाय छे. आरएए डे, खेडलामां खायरायेल । " आप डरतां सामुहिङ पायनुं दंड धनुं भोटु होय J छे). स्वार्थी सभा, संबंधी जोने, खुश डरबां माटे, डंडा पीएलां खार्धसडीम - रात्रिलोभन - खलक्ष्य खाहि तमे पपरावो लले परंतु, जीभने खुश डरपां भता, खामगांड खात्माने नरद्वाहि हुर्गतिनी अतिस पेहना सहन ङखां द्वारा महा-हु:जी धतुं पडशे, खेनो विचार शुं तमने नथी खावतो? ? सगव्हासांजो, माटे, ? परिवार माटे, तभे खा सामुहिङ रात्रिलोभन - भाषार, जलक्ष्याहि पायो डरो छो, ते खापनां स्वग्नो, नराहि हुर्गतिनी बेहना सहन डरवामां शुं तमने सहायक जनशे ? नरङनां खापनां हु: अ दूर कुरवां के घटाडवां के लाग पाडवा माटे शुं तमारा स्वभ्नो खापशे ? तेमने ४२रा पूछी तो लो !! (१०) खनैनोनी नेम, हिवस दरम्यान, पारंपार हाथ-पग-भोढुं खाहि धोयुं नहीं. डाग डे, बाह्य शरीरनी शुद्धि करयां भतां, आत्मा दुर्मजंधथी अशुद्धिवाणी - मेलो धर्ध भय, तो ते शुं उचित छे? खेटले डे, ते नराय उथित नथी. 2 खाने मुंबर्धलरमां भवघ्या प्रेमी, पैसे- रडे सुखी, जेवां घाणां श्रावको विद्यमान छे के देखो, डायां पाएगीनां असंख्य निर्दोष भुवोनी विराधनाथी जयपां माटो, भुवनलर माटे, डायम माटे, साबुनो नथी डरतां:!! हर, र-सा महिने डे 3-3 महिने मात्र खेड न वार साबुनो पयराश डरनाशं पएग धगां नैनो खाने मुंजर्ध मां छे. जावां दृष्यताने निकर सामे राजीने, तमारां भवनमाथी साबुनो पपराश शड्या जेटलो घराडवानो पधुमां वधु प्रयत्न पो. पपराश OPT (99) हाथ-पग्राहि विशेष मेलां धर्ध भ्लां, भ्यारे घोषां होय त्यारे 1) खोछामां- खोछु पाएगी, खेड हाथनी हुथेजीमां जोजो जनावीने 2-3 वार थोटु-थोहुँ बहने, हाथ-पगाहिने परस्पर पसीने, धोर्ध शड़ायः KOKUYO W-NB280U Page #64 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प ल्लां नण मीथे धोवामां द्यपी पप विशधना थाथ.H श्राविठा बनोनी जे सामायिक मोछी थायतो याखे, परंतु, घरनां झाडूं-पोतां, पास-पडा घोषानां डाम पगेरे नोडरोनां लरोसे नासौंपी शडायले आर्य प्रापिडा महेनोखे लो उपागुंछ, बोले तोऽशे पाने शिपाय, तो लहरतारस गए पाणी पधार पपशर्छ नय. गोडरोने जपध्यानां परिएपमो न होवाधी, पाएगीनां योनी हिंसा घाटी पधी लय छेसोगापशात् छेस्पेन घटडे, गोडशेने हाय धरनामा छार्यो सोंपवा पड़े तो पाए, भीडाशथी सेने समापी र00-400 इपिया लक्षिसस्पे पधारेमापीने खोछामा खोछु पाएी पापरपानी तथा विशेष न्या-नगृति शजवानी प्रेरणा डरी शहाय छे. व्हर डरतांप' पाणी पपराय, तो घरना तमाम परियारश्नोनां माथे जिनश्रीगनुपहिंसा निमीत्तेभो, लागे छमने विशेषधीमध थाय छे. तेथी, शय होय तो प्रापिठाणनोमे धरना प्रार्यो मते यापूर्वऊ डरयां कोईजे. नोऽशेने ही शडायडे,डपडांपासएम पोतांखाहि धरना डार्यो माटे मेसोथं पाणी वापरशो तोत्ताने पगार उपरांत १000३, जिलिस इपे भगशेष ।। ( योभासामा राज्यसेटलां सोछामा योछां पाहुनीनो पपराश - डरपोर थी, डायां पाएीथी लीनां थयेला रस्तामो उपरथी पसार थती गाडीखो द्वारा थती, ससंध्य नपठायनां नुयोनी विशधनाथी जयी शडाया लीना रस्तानो पर , पगे यालती पजते पहा, डायां पाएीनां जाजोथियासोमा पगारराजयानुटाणy.:(प नूना भानामां, गामडामोमां पाणीमां तश्यानी तालिम (Swimmingeशीजपाथीमालेपाथी हुपए डिसंशेल्सालयतो , हतो, परंतु मारनां शहेरी जुवनमां तो, जवानां प्रसंगो प्रायः उपस्थित न थवाथी, पर्तमान हाणमा, तरपानी हुणा शीजवानी डोईर जाती नी. तेथी, शीजवा जातर अथपा भाष शोज मातर, स्पीभींग पूलाच्याथसजाहिभाडामुग्नहीं न्धी, नि:ष पाएगीनां मसण्य अयोनी विराधनाथी जयी शाय. शारीरिक सरत भाटे, स्वीमिंगनो विप स्पीछारपाने बहसे, योगासन-प्राणायामनो विछटप स्पीछारपाथी, शरीर पएसयपाय Page #65 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ૩૧ 5.3 1. खमे खायगो आत्मा पए। सयपांर्ध भय. क्यारे, स्वीमींग पां कतां, शरीरनी स्वस्थता उहाय सयवाशे, परंतु, जिन४३री पाएगीनां खसंज्य भुवोनी हिंसा थपाथी खात्माने दुर्भबंध थशे खने दुर्गतिमां धुं पडशे, खेटले के खात्मा नहीं सयपाय. SUB पहेवानां वस्त्रो मे विशेषथी मेलां न थतां होय, तो रोक - रोक धोपानी ४३२ नथी. खेडांतरे खथवा २-४ हिवसे पए। डां धोवाय, तो धनारी असंख्य पाएगीनां भपोनी हिंसाथी, दुई संशे जयी शडाशे. पोतानां वस्त्रो सदेह होपां छतांय, पू. साधु-साध्वीन तो योतानां वस्त्रो, रोक-रोक घोतां नथी, परंतु, १०-१५ हिवसे मांड-मांड खेडवार घोपे छे, (डाय डाढे छे). उनाजामां परसेवो 7.पधारे थाय जने धून पए। पधारे उडे, तेथी वस्त्रो वधारे मेलां थाय; शियाणा - योमासामां परसेवो खोछो थाय खने वस्त्रो खोछां मेलां थाय; रंगीन - dark डलरवाजां वस्त्रो खोछां मेलां थाय .... वगेरे वगेरे वस्तुखाने ध्यानमां सर्धने, वस्त्रो, वधु मेजां थयेल होय तो ४ १३२ प्रमाएो धोपामां नांखवा, जाडी नहीं. (१५) . विशेष प्रभाएामां यती पाशीनां भयोनी हिंसाथी जयवां भारे, धरनां जाथइम- संडासमां गीजर, शायर, इसश ज़ाहिनी पपराश राजवो अराग डे, खा जधानुं डनेशन (Connection) पाएगीनी रांडी साथे direct होवाने सीधे, वयरातुं पाली गजाय नहीं तेथी खगगण पाणी वापरवानो भोटो होष लागे छे. ते उपरांत, खा अधी पस्तुखोनो उपयोग दुरवाथी, भ३र डरतां ४-4-5 गए पधारे पाली पपराय छे. तेथी, जिनक३री वधुं पडतुं पाएगी पायरवाथी, भूपहिंसानो मोटरो धंड लागे छे. (24) No. (19) Date पाएशीमां स्नाननी मन भाएगवां माटे water-park, waterfalls, Chowpatty, .: Resort , Water Kingdom, water-rides खाहि स्थनोमां भवाय नहीं. डारए। डे, खा स्थजोमां तो सामुहिङ रीते मोटा प्रमाएभां डायां पाएगीनां भुवोनी हिंसा रसपूर्व थाय छे. तेथी, थीम थीङलो मोहनीय, उर्म..जंधाय ते झरो भे खावतां लवनुं खायुष्य जंघाय, तो कन्म-भुवन-मरए। केनुं पाएगीमां होय, खेषां माछलां खायुष्य जंधार्थ राडे छे. खायगी थोड़ी भभनां परिणामे, पाशीनां खसंज्य भपोने मोतनी सभ मणे, ते शुं उयित ४ KOKUYO W-NB280U Page #66 -------------------------------------------------------------------------- ________________ छे? लयांतरमा माछलांना लपना आपण खात्माने गोवाई कपडे जे खापणांमाटे मुलंहस्प हेपाय खानुपन, माछयां तरी मनीने पाएगीमांत पडीरहेपानीमा मानखापरी ने?( घरमां पाएीनी टांडी लरायां माE, छलाडाय ते पैतरत सिंध थायरोपी डागाल्नुजशजवी नगरपोरेमांदी नाथाय, यातुन रही नयापोरेनी पएर डागन सपश्य लेवी नेई. पाएगीनी टांडी लरायां माथ्यापोमामा कंधा थाई नया, रमेवी | system' पप गोडपी शडायः छे, थी.,लशयां बाE), मंषज्रो त्यांसंधीनां 40-प-रालिटापायी. यही नवाथी थती मिनरी हिंसानाशपापथी, जयी शहाय.. ... (IC) अपोथी शनिलो नत्याग रयां छत्तय सांना तिमिहारनां पय्याजापार सीने शोराभेडा पाएपामरनारमाधएगांभापडी मेषां भगे छे.. नेशू आरएएशंसनपाएगीयापरपामांबोध निधी सोगा शप्रे पाएगीणयाधरपानी छ्याजधानेनना भोट भनेप्रोस्टेट, मेसीडीटी, पथरी पशेरेनीला विशेष तमुलीशाहोय मधपा रेखो नवांववालधर्म मार्गे लेडायां होयरोपांपापडानेर शप्रे परिभीत पाही पापरपाती छूट ज्ञानी लायंतामाये छे. परंतु, सापां डोर्ड प्रयोल्न नहोपां छत्तांया मारेराने पाए। घीषानुंसहन थी गयं छे, उचित नथी पाएगी. पहा खेड जतनो माहारा छेराने सूर्यास्त जाहाजोरालेभास नापासमान मने पाी सेवारोही पीषां समान होष मागे छोमा माघुतोष्मलेनोनांपाशास्मोपए छह छे. -- उपवास, भेडासा, लियामा परेपथ्यजाएगोमांड ने राने जपानी ज्यापर्याविनाश्यासी शमछानो पछी रतेसिवायनां हिपसोमां राने.पाणीनो त्याग शा माटे न डरी शहाया तेथी, हले पछी, पाहीनां भेज टीपामा रहेल असंध्या पोनी विराधनाने निकर साभे यापीने, गमे तेषां संयोगोर ठिला थाय, छतांय सापक यशराथुडपाणीपापरपुंगनहीं पूसाधु-साध्वीशुमानानाजाल भुति पापनलर भाटे, राने मोठामाखेड पाणीनुं टी' पपा ने ना नांवतां होय, तोप्रापडो शा भाटे ड्याश राजेश गुवनलर भारे पाठांयौविहार ऽरनारां घायां सुप्रापडी साले Page #67 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. Date . . कल पर्छ नारीमांगविधभान छे. ( पीपां मारी। उहाणेलुं पाणी वापरषां डरतांया डायूं पाएगी को पापरवामा घएगो मोटोोधासागे छे. मने डायुं पाएी यापरषां नांया, छीन्द्रनुं पाएगीहंडो जरा रजत, डो डेरीनो रस छिनाणामांपोरे पापरवामां घाएगो पधारे होप सागेछ. तेथी.,शिष्य होय तो, पतलर माटे, झीलनी ठंडी पस्तुसोनो सर्वथा त्याग डरपोकामारोग्य माटेगपए सतिशयाहानिहार छे. पर पायनतम धीरे-धीरे डरीने जगडी लय छ। समापाशीनारंगीना यासं झरएगांधोपावाहिन्यां वा भणे, नेयां इस्पानां स्थगोमा पहा न्याय नहीं, पाणीधी प्रशंसा डराय नहीं मने मनधी सेशभान पाएगमाडाय नहीं खापी भगृति ने नरमायातो मसंज्यपाएीनां बोनी विराधनानो , खनुमोहनानां माध्यमे लामय छे.. खाषां पाएगीनां धोधनेवां गियांगमने लेने को पाएगीगहारा प्रशंसा डरतां अथपा भनधी अराकन्द गमाइती पणते ने माप मापता लपमायुष्याधाय ,तो योझसपए भाछटानां लपमा अथवा खेडेन्द्रियपी सपडायनां लयमांगास्नापडाने डाई न्युं पडरो, यालरी ने। आषां पाहीनां प्रवाहाचोधाइचारपोरे मेऊने रानुनथी थपार्नु, परंतु, प्पी हयथीथती मसंज्या पाएगीनां योनी हिंसा भाटे, हत्यमांडपालापलापपानो छ सने पियारपाडे,"ल्तडागनी डोडा ललनांसीधे दुर्भजांधीने, जियारा सा गुपो हम खेडेन्द्रियपणाने पाभ्यां छपने सा पेनाने सनुलवी रह्यां छे. लूतहासमां, मात्म-नगृति युहीने, हौशे-होंशे पहिंसाभां जेडापाने. सीधे, सापां खपडाय तरीडेना सनंता लपो, में पए-मारामात्मामे) धारा डर्या हशे . होरी, आत्मनगृतिायडीने, हुमा पाएीनां अयोनी हिंसानी मनुमोहना ने કરી (વાણી વારા પ્રશંસા કરીને અથવા મનથી ગમાડી), તો लषांतरभातमारे इरी-करीने मार पाएगीनांनुप तरी अजनमत पडशे.. शुंध्यालरो?" माना । (२२) यातापरहामान्यारे घुम्मस होय, त्यारे धरनी बहार नीण नहीं. घरनां तमाम नारी-जारएमो परी हेयां. KOKUYO W-NB280U Page #68 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ......... घरमां पए, मेड' म्याने, गरभशाप पोरे मोटीने स्थिर रहे. त्यारे पधारे हलनयलन न राय मने वधु पोवाय पहा नहीं: मेथी, धुम्मस स्पश्ये रहेटसथित्त जपडायनां जुपोनीविराधनाथी .जयी शडाय धुम्मस विशेष प्रभाएमां थतो होय, मेषां डाइरपानां स्थगोहीसन्स्टेशनाहिमस्थपोमांशपांमाटे तो नचाया नहीं: हाश्मीर हेवां स्थगोमां कृपाथी, मरइ पे रहेल सचित्त सपडायनां योनी हिंसा, घए भोरांप्रमाएामांथाय छे. सोनापसा, महाजणेश्वर, छुसु-मनाली, माथेरानाहि हीब-स्टेशनोमांया नन्हवायम्हतेथी, पापडोखे सापां स्थगोमां कपाटाम लेखे.पूसाधु-साध्वी धुम्मसमां पिहार नरे. या पिहारमा धुम्मस नहायतो रिस्ताभांल विहार खरडापी हेजनेलोडसम्स्टोपाहि स्थानमा उला रहे.त्यारमा च्या सूची यातापरणामांसूर्यनां तापने लीधे सापोनाप धुम्मस दूर न थाय, त्यांसुधी विहार प्यान रे. धुम्मसहर थयां जाह विहार शरे. खेरीते, जे धरनी बहार धुम्मस नहोय, तो शियाणामा सवारे श्रापडोसे घरनी महार: नीडलाय नहीं. शियाणाभां, शव्य गिरिश, सम्मेतशिजर, गिरनार, खानु, मयसगढनीकात्रा संघवा एट अन्ना डरती घेणारी, महिपसे धुम्मस एाय ते हिवसे मना न राय मथपाधुम्मसार थलां मोडेथी जत्रा उराय. रेधी, धुम्मसमां यासपा द्वारा, ससंष्य पाएगीनां योनी हिंसाथी जयी राडायायालु नत्रामे ले पातापरहामा धुम्मस एाय, तो नत्रा मरठापी छने पापीनी परजभांछने थोडी पार विग्राम श्यो. जना उिनाणानीऋतु प्री यहोयमचे न्योभासानी प्रस्तु शरथयां छतांय, ने परसाह हा श३ नथयो होय, मने पातापरणाम जारी होय, त्यारे परसाहध्यारे मडशे? गरमी बहु थाया छे, परसा पडे तो सारंगवगेरे वाध्यप्रयो सलूबधी पहनशयाम्तेनी हाणभुणाराजवीट खापुरजोलपायी डे वियारयाची सापएने डोई पालन थाय. परसाई न्यारे पडवानो हशे त्यारे १ पडशे. आपणां जोलपाधी डे वियारपाधी परसाह डर्छ पहेलो नी पडवाना, परंतु जापांपाध्यप्रयोगो Page #69 -------------------------------------------------------------------------- ________________ INo. ८ Date (२४) धारां सापही आत्मा थी र लारे थशे : माओलयां डे वियारपां भाप्रथी, परसाहासंबंधी वनस्पति, डायूं पाएगी,सयित्त भाटी, जेतरमा थतां खाजो डीड-महोडां, सील-निगोह माहि पोनी तमामे तमाम विशपनानो हंडा मनुमोहनानां माध्यमे, सापानेयाशीलनयन्छे पहेमने नियालरनी सारडीयात श्यामां रसहोय, न्मने जोप्या पार येनका न पडेपां नपरांधूप सने भइतीयां खोडोणगापी मुश्तीसरयर्यासोमांडाय छ.। परंतु, प्रलुनां शासनने पामेलासमानुपापडो तो साप लिनरी शहप्रयोगो उपाहाराजापोतानां मान्मानेलूबधीपग डर्मथी लारे नरे. तेथी, अज्ञानी क्लुप, खोलवानो विवे न होपाथी, पोतानी पाएीनां उपयोगथी डालेनेपासे योतानांखात्माने मेथी लारे ऽर्थे राजे छे. न्यारे, सम-विषेही ज्ञानी मात्मानो तो, समन्या-पियार्या पगर, सेठ पा शष्प्रयोग वाधीधारां न रे. ती ज्ञानी डे सजानी हये शंघपुंछे? ज्ञानी अज्ञानी । शास्त्रमा, सामुमायार्य-दृष्टांत साये थे. हाकमां जेसीने तेसो गंगा नही पार करना हतां, त्यारे, पूर्व मपनी डोड वैरी प्यंतर हेप मापीने पू. खायार्यमसा.ने ये माहारामां उछाणे छे. त्यारजाह, अये साहाराभारहेता मायार्य मसा.नां शरीरभां तीर लालो पोरपे छो- डेने लीधे शरीरमांथी सोहीनां पारां उडे छे. खापो मरणांत उपसर्ग घयां छतांय, नापी खसया पेनानी हारीमा पए, पू. सायार्य म.सा. ते शत्रुप उपर लेशमातापा द्वेष-हावा नथी हरतां, पोतानां शरीरनी पीडा नीभित्ते मार्तध्यान पए नयी डरतां, परंतु उष्टुं, सपडायनांपोनी विराधना भाटे. हयमा लारोलार खड्सोसडंज- पश्चातापना लायो उिलां डरे छे. तेस्रो विद्यारे छेडे, "सोहीनां पारा उडीने नीये डायां पाएगीमां पापायी, सोहीनां टीपांखो = शस्त्र इपे बनीने, पाएीनां मसंन्य जयोनी विरापिनानां डाराश्यग्लानी रह्यापछे भारं शरीर मा मसंन्या. सपडायनां ज्जयोनी विराधनामां नीभित्त बनी रघु छे. धन्य छ, सिह, लापत्तीने। डेरेखो शरीरधारी अवस्थायी मुन्त थपाने सीधे, भारी म शरीरनां नीभित्ते, सन्य नियोनी विराधनामां नेडातां KOKuYo W-NB2800 Page #70 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नथी.” सा रीते, संज्या अपंडायनां अयोनी पिराधिना' जानीभित्ते पष्चानापती मायधारामांखागण पधतांन्पषतां, अपडश्रेणी मांडीने, घातीम्सधाती डोनपापीने, खाण्यार्थ भिसा डेवणताना मने मोक्ष भाभी नय छे.... राजवर नानाडामाह माधय मायभूत्तामनिया,पोताना, द्वारा थयेसांमसंज्य घडायनानिषोनी विराधना प्रत्येनोपश्चाताप डरनाङरतां प्रलुसमक्षुरियापहियंस्त्र खोलतांखोतांपडेपणज्ञानापामीरगयांगन मेरलेखापां महापुरोने नहर साभेराजीन, शश्य खटली सपाडायनांमन्जुयोनीविराधानाथी जयपुंसनेविराधनाथायाछे, लेनाभाटेलपारालारोलाराजामने पश्चातापना परिणामो हत्यमा समषाथी धीरे-धीरे उशीने पए मोक्षः भार्गे मागणा वषी शष्यभरष्ठांत-पीडा वय्ये पहा ने महापुरुषोनुपध्यानां परिणामो न छोडे ,तो सापाने ती जपंध्या पाणवांभाटे डाई खामा मागोनू जलिहान नथी यायवानुमेरोडेखामगांधी लोटली. जुषध्या ती पणायांकर . . (समानालापीसा मलक्ष्यमांथी, मसंज्यामपडायनांनुपानी विराधनाधी जनेल 'नरमाया श्रापोरमेनन याभरघुनेमे डाराडे,महागण पाएने थीनधीने जर जनाछे, रेनां छो-हो मसज्य वो छ भने के नुयन निर्वाह भाटेरी नधी: जरइडे तेनाधीकाजलां शरणत मासहीभ दुख्छी-खासट फोरेने मापायी भंजिन्सनर्ण-अपयानो शेगलागु पडे छे. जर तो मारोश्यनो धुश्मनछे.हीलनं पाहो पातेवीलाहानिजमहीया.छतेची, द्रव्यमारोग्य मने माप माशेयजन्नेनी नुख्सानीधी जयां मारे हीरनुपाठी तथा छोटड ड्रींस कोरे हंडपीएांनोपए त्याग प्रायडोमे डरयो ओईरो. शयशे ने। (समानाराम्स्थानयासीजीमधरनाक सुश्राप रजपध्यारोनीय समा भेणयता, पाणीनां रेड टीपाभांरहेल असंज्य लयोनीघात महात्मा पासघी सालणीनो घए लावित थयां जीनं हिवसे सघारे, स्नान माटे जाथममा प्रवेश्या छतांय, गया हिवसे Page #71 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. Date - कासालनेल मसण्यापडायनांगा@षो प्रत्येनी घ्याथी, हृयायधुने पधुसंवेदनशील मन्युमा पाएीनां टीपामांमसंष्य जुयो होय तोलामधी-मेड डोलधी स्नाननां माध्यमे डेलां जयोनी | हिंसा थशे?" "हुभए सुधी में भाश नाशपंत हेहनी शोला गजातर पाएीनां डेटलांलयोनी हिंसपारी नांजी छे." " सारयां मधांनुयोनी हिंसा हुरीने मालपरम्टान हुन्नरो लिटर, पाएी हंपामरी यूट्यो धुंछतांय सोही-भांस-परंनाहि अशुयिधी लरेलु सा शरीर, हन पहा मेने मेवामा रहूंछे." - मारीते, मेहहोटलासुधी पातनातनी पियाराहारऽरीते; खंते"हये पछी अपनलर माटेमारे स्नान न रघुगः- सेयो खलिग्रह पर्छने जायभमांधी बहार नीठण्यां खा सालणीने सापाएपशुजरशुं पाएगीनां मसंज्य योनी ध्या पाणपां भाटे, नुपनलर माटे स्नाननो त्या उरनारनी यात लख्यां पछी, मनसे-भास्तान भाटेवपशतां पाणीनुं प्रभाए। तो सापां जुपनभां घटी नलघुले, नाही समठ के मापए यहोर, नहोरपने शुष्ठ धर्म गर्दा . रासापां घराइष्टरी माहि तमाम स्थगोमां,सापां द्वारा + खाप परिपार-मित्रपर्तुण द्वारा, रोjा नुपनमा, डायां पाएगीनो पराश मोछाममोछोधाय; तेनीजहाणन राजवी. डारएडे, डोईपए पस्तूमा खथपायोपिएास्थणे, पुष्ठण नुपोत्पत्ति मुज्य का डरए तो "लेट' सम्छे लीनाशाछे) लेहनां सलापे, नपी का पोत्पत्तिथवानीसंलापनालालग रहेतीनधी, (श जाधमाहि रेड स्थगोमां पाएगी ढोगायेच्न रहे, तेनी प्री डागलुखेपी. पाणी ढोगायेj रहेपाथी,गंडी पाथाय ने भरछर फोरेसने क्लुपोपए पेहा थाय. पाएगीमेड श्यामेज पधारे पथु रहे तो तेमां लीसनसेवाण लाठी नया में पाएगी ने बेघडीधी यधारे रहे, तोजसंज्या संठिम पंयेन्द्रिय नुषी उत्पन्न थाय. मीन उपर पाएी ढोगपाथी, डोईसपसीनय .. पडी पाभय. पाणीपुल्लुशनपाधी उडतांनुपहलु...तेमां पडीने सरी नय.. र समुद्र किनारे इश्यां नार, डिनारानां उछातां मोनमा शोषधी शोषधी उलां रहे, तो माना समुद्रनां पाएीना उपलोगनी अनुमानानो 5 बागे. तेथी; योपाटी, छु जीय, माधवन (ह KOKUYO W-NB250U Page #72 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 7- माहिनां पापीमा शोप्न जातर, स्नानाटिमाटे , Fresh यवा भाटे, प्यायाम भाटे DPicnic भाटेप नपाय नहीं. मा अधां पापो लित श्री पापो तरी गातां होपाधी, मात्माने विशेषधी धर्म बंधावतार अनेछ,तिमा सनार बने छे.. (30) पाएगीना सिंहमा मसाज्य जपो होयााछे तेजधांशत्यंत मम शरीरयाणां होपाथी, खेड सिंधुमां समाई न्नय छे. परंतु लधांनुयो हुजूतर नेपई भोटं शरीर धारणा रे, तो मेड जिंहुमां रहेसा पाणीनां गुपोमामा मुट्ठीपमा पा न समाय. तेथी, हाढी रयां, हातपरयां, हाथ-पाधोषां स्नानापा, ऽपडां धोयां, पासाधोपांडे अन्य डोईपए डार्य माटे,सर परतुं पाणी, सेकासास, रमजालहीभां बनेगाने डार्य पतापोतमामधीप्रवृत्तियो नण मुटसो राणीने न उरो. नण मुस्लो राजीने पाए पापश्याथी, ३य उरतां घएंघट पधारे पाणी पपराई यमने मापएने जयाद पानसावे. ( उ पाएगी लरेखा पासाए मुलांनि रामो. थी, डो ठिती लुपांत तेमां पडीने भरी नय. तेथी, वायरममां तथा रेड स्थगे, हरे पस्तुमो, पाएगीनी डोल, रज, जोडी, पीपडा, टांडी पगेरे ढांडीने राजषा. ढांडानो उपयोग: हरपायी, जुल्लां पाएमां पडीने भरी न्छनार नानांन्मोटां जुषोनी हिंसाथी,जयी हपायः साजधी पस्तुमोनो पपराश पूरी यतांनी साथै यस्तुनो तरत आंधी शप्पी पी. रोटले,षपशश छाणे वस्तुमो ढांडीने यापरपी मने डार्य पूर्ण थयां जालंधी। शजी हेपी. (30) पाहीनो नंग दीड न थाय, तेनुं ध्यान राजघु. नण जनेसेटलां: सोछांशनया नणलेटलामोछांहरो, सेटली. पाएगीनां गुयोनी: विशधनानी संलापना मोछी छे. (उ घर जय हरीने जहार न्नतां पूर्व तपासी मोडे डोई नण मुस्टो तो नधी रही गयो ने घरनी बहार गयां जाह पए, जहार खोई स्थगेयोङ नगगुंग्याशीलीऊजय गाथागतोन्तरत न्ह नण बंध ऽरी. नानपुं. ( उ परसानां पाशीमा, मीनेने , शोज मातर मनोरंकन माटे पलनपुं नहीं. डारा रेड टीमामां जसंज्य- मसंन्य गुयोनी Page #73 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. Date . . कि विराधमा थाय छे. यणी, परसातुं पाएी मशण होपाथी, मागण पाशीनी पिराधिनानो पाए घायो भोटो. मागे छ। (उप पाशीनां मां लरीने शेडयां नहीं होणी रमवी नहीं, मा मनोनो तहेवार छे, खापो नयी बाहेणीधी होणी' मां ने मापी कोडाईजेतो मनोनी, मिथ्या प्रवृत्तिमा मापएगे लेडातां होपाथी, मिथ्यात्पोष, पोघए थशे. सापाने लेने बीननोने पषु लेडापानी मुग्छा थशे किलो पाणीनां मेड टीपामांमसंध्य पोनी हिंसा-थाथ छे, तो पछी होणी' नामनो तहेवार उसयतां डेटलांजपोनी हिंसा घरी? (उदारू परसाहमा पाएी लश ग्रयां होयामने मायालघु सनिवार्य न होया तो पग घसडीने नयालपुं. परंतु, रे पगले, पग यो डी पछी योगामारीते, जयाल राजपाथी, यासपाधी पाएगीनां लपोनी हिंसाभां घोडा घटाडोथाय छे.. | पाएी स्वयं 'सपछाय' योनांगाशरीर पे छे. आसपडायनां भुषो डेन्द्रिय छे. ते उपरांत, माएगण पाएगीमां, हालतांन्यासतां सूक्ष्म जसा पो पग पुष्ठण होय छे. पोरांसपोरे जेन्द्रियाहि जपो पगपाएीमां यारे प्यारे होय छे. तेथी प्रस पोनी हिंसाधी प्रयपां भाटे पएर पाणीनो उपयोग मने तेटलो सोछामांन्योछो उरपो.का ( मायण पाएन उपयोगधी जेहरद्वारीथी पाहीनो, उपयोग डरपायी, तेमा रहेटांधएवं अधा प्रस जुयोनी हिंसा थाय छे. हालतांयासतांस जपो, मापएगांडलां पय्ये यया न्यायी, मापए मध्यपसाय पए डेटमा र जने? नपडायनां नुवोनी तो विशषना रो छो; पहा साथे प्रसहाय नुवोनी हिंसातुं पापरा भाटे जांधयु? तेथी, शज्या जने तो, घरासिवायानुं जहारनं पाएगी न पीयुमने महारदी हॉरलाहिनी पस्तुरस्रोमां पएसएगण पाए पपरातुं होपाधी, ते न वापरपी. सापां घरमा रहेल ना, जागा स्लमां पीया भाटे सहागण पाएगी न पापरे ते भाटे,घरेधी गाणे पाणी साये मापी ६५ तमे पए सालण्यु हुशडे, मेऊ लास मागण पापापरयाधी सात गामन्माणवांतुल्य पामसागर. ( उ शीरां तो सागण पाएी। सीधे सीधुं गरमथई न्वाधी, हारो-लामो प्रस भुवो, जणीने लऽधुं थर्छ नय छे. पॉटर-बूलर फोरेमा पाए, पाएगीनां स अयोनी पुष्टण विराधना थाय छे.. KOKUYO W-N82800 Page #74 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पाएगीनां पासाहो मुल्ला राजवाधी, तेमांपग घए प्रसन्जुयोपडीने भरी नया छे. पाणी पियार रहेवाधी, तेमा हेऽष्ठां-भाछली ठेवांचंयेन्द्रिय नुवो पहा उत्पन्न घवानी संलापना छे. तेथी, मा नधी विराधनाधीयवानोशड्यासेटलो प्रयल श्यो, डालसेवी. (50) सरसोर्चस्वासाहि रेडार्यमा पाणीसशाणीने पापरो. पाएगी गाण्यां पछी, गरगाने सीधा सूडपी नटेयाय परंतु, ते गराष्ट्रांना गाणेला लागा उपर गाणेढुंग पाएी रेडीगते पाएी तेना भूण स्थानमांग पहावी हेराल्यारमा गरमाने मुडपी शडाय. आपण धरनां नाहि प्रसंशोमांमथवा सन्याको स्परनोना प्रसंगोमांडायल पड़ेतो, ओशयाजना तो त्यां पापरपुं नहीं. डारएण्डे, डेटर्सपागांभाएसोगतोय सभा नाहोवाधी, रसोनिी - तभाभपस्तुस्रो, प्रायः डीने, आएगण पाणीनो उपयोगडीने जनापे छ। हाँटलाहिमा पन्जनापेलपस्तुसोमा खाण पाहीनो पपशश नथवाधीनतेखासगांधीग्रपपरायनहीं. ज्ञवशे ना पैसान पर पाएी थाय, सारोग्यापएफलाडेसनेवहिंसामलक्ष्यालोकननो पए होध लागतेधी, शल्यजने तो छोड़ी ( माघरनीमानहाय न्हवानुं थायरत्यारेगगागेसां घाणीनी पॉटरजेग सायेगा शमपी थी गमे त्यांना पाणी वापरयुं न पडे. - - खामीमाथा पाहीन होपाधी,जयारेन छूट पहार पाए। पापरयु पडे, तो त्यारे. पापणीपासगरहेल स्परछ मालधी पहेवां पाणीने ज्याणपुंगासनेल पछी पापरघुनाछी नहीं कर माएर स्नानाभाटे, शापरनाथनो उपयोगान श्यो नेमे डारएण्ड का तेनां भाध्यमायतुं पाएगी गाण्यां पार-सएराण होय छे. हाय, शापरनाथनो उपयोग डरपोन्ह होय, तोशापरजायन भोढे छापडमुंगरांडवांधीने पछी स्नान उरघु. शपरो ने?गराए पाडवाधीनहायानी मन्नण न माये, तो पछी यापरनाथ swimmingपोरेमा श्रापडोमे शा भाटेनेडापुं? सने लोडावाना भाध्यामधीमसंन्याजिनारी हिंसानोशारभाटेग्माये योग ते उपरांत, शापरमाधधी स्नान श्यामां जीj भोटुं नुसान से धाय के ज्यान हरभियान डेटj पाणी पराई गयं तेनो पए। - ग्ल्यावान मापे, जबर न पड़े. तेधी, उंज- पश्चाताप उशीने, Page #75 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. Date कमलामातोयना जेषां द्याशंसात्म-पिशुद्धिनां मार्गेमागणपणन'पपी शहाय. Sauna bath , steam bath , shower bath iपोरेमा होरोहोशे स्नान डरती पाजतो. माप परलपरमायुष्य अंधा नशे |तो यालशे पंयेन्द्रिय सपस्था मने तरयानी सामग्री सहित भणेj सत्यारनुमानया लयध्यां सनेहिंसाने सीधे मावतां लपमा भगनाएं भेडेन्द्रिय सपहायतुं लपज्यांशारा शांतिधी वियारने... उडां धोपांमाटे, धोनीने सोन्द्रीमां नामापा तेमनेमापपाथी र डरता प0-परण शएकपाणी पपशशे मने खा लिनाइरीमपश्यनां जयोनी हिंसानप समग्र परियारनां रेड सल्यने दाशश . . होम गाना toilet) सशांऽपए पुष्डण मागण पाएप यही भय छे. तेनोयोध्या पिटप अपनाषपोटाशवाणांEnglish European toilet ने राज्य बने तो, घरमांधी, टावीमानाप्नपा. इसारामांसी, २ डरतां पधारे पाणी पपरार्थनय मने पाछुटखाण पाएी क पपराय. तेथी, घरमा साह Toktan totlet अनापडावयां.. हपापाणीनां पास दांडीने न रातो पाएीनां पासो सथवा डोलो कमां पाएमरतां पूर्षे,प्यपस्थित पश्चन्प्रमार्जुन ने ऐy.धी संररहेलानुपांत मरीन नयासापांप्राविडापनादापोताना घरोमांड रसोर्छ-उपडांन्यासमाटे बालही कोरे तो शेष चापरे छे. परंतु, ते वापरती पूर्व, ध्यानधीनर इशपीने, कपी द्वारा हलवाराथी पंख्या जाह पापरनाशं प्रापिठासो रसांतमे वामां प्रभार કરશે અને પૂંજ્યા વગર જ વાસણો વાપરો અને કદાચ કોઈપણ જુવાત नभरे, छतांय तमने उर्भपथायः डारा, हत्यमां न्नुपध्यानां परिए।मो नयी पध्या भाटेनो उपेक्षा लापाछे. वीजा, शुप्रमानने आणलराजपा छतांय खन्नएतामां हाय ओड भुपांत भरी नय, तो. पण, सम्पाउर्म जपाथाय, डारगडे, हत्यमां व्नुपध्यानां परिगामो हुतांसने प्रयत्न पए। अवघ्या पाणवानो लह हुतो. (न्दा छोरल, मनापानसीयो, हा पीएमा कोरेभां, माएगण पाही यपरायाछे. तेतो त्याग रो. मा जधां पहार्यो पापरवाभां, साहार संज्ञामा लारोनार पधारो थाय छे. ते उपरांत, झाडां-उल्टी- Food poison- infectior KOKUYO W-NB2800 Page #76 -------------------------------------------------------------------------- ________________ योरे पए, धीयार थी नय छे. रेश माध पार्थोमा, सागग-पासी "पाएी. चपरात होवाने सीधे,मागण पाणी वापरयां नीभित्ते,पएखात्माने दुर्भधधी पिशेष लारे युगपड़े छे. दुर्गतिमा नयु पडे छे. जीसरी पगेरे मिनरल पॉटरनो त्याग रो. डाराडे, ते पाठी तो द्यएपिस पासी सपशण होयगछेरना छूडे इटोडटीनासंयोगोमां लोचापरयुंल पडे तो पागाण्यां पगार तो नर पापरी शाया तेथी, घरनी महार नीडगो त्यारे तमाशं जीयामां डायम भाटे खेड योजj पस्म अथवा इभाल पाही गाणयां भाटे साधे न शालपो. (c) सागमा हिवस गाणेद्यं पाएगी पाग जी हिपसेमण पने छे. तेथी जी हिवसे सवारे पाणीने पाछ गाणीने न् पापरपुं. ट्ऽमां, रे पाणी सतपासी थनिय तेनेखाएगणान्ड हेवाय. मेये, खावां रातपासी पाणीने गडाखे शामेल होवाल्छताय पीनं हिपसे इरी पाछु गाणपुं पडे. त्यारजाह, तेने पापरी शहाय. जाडी नहीं. (C) नणयाणां माटवाभां, नणनो लाग सतत लीनो रहेयाधी, तेमां जिगो-तीस थवानी संलापना छे. नवागां भारसांने सारे पाली डरीने, नगमांथीयोj उपहुं आरपार नाणी, नणना मंहरनो लाग जशजर साइडश्यो कोमे. नणयाणां भाटलांने जले, तण पगरनां - मारखां मनेपाली सेवा माटेना डोयानी प्यपस्था सर्वोत्तमछे. नण पगरनां मारला वापरषाभां, लील-निगोनी पिराधनाथी मापी जयी-- दछ छीजे. नण कारनां भारला पापरपां शपशे ने ? डाराडे, सील-निगोहनी विराधना द्वारा तो अनंतामनंत योनी विशुधनानो - भोटो छापागे छे. (पाडनां मेड भाटलामा शेर पाहीलरवाधी, तेमां सील थर्ष पानी शध्यता छे तेथी, पाणीनावरभाटलां रामपानेमने, पाराती १-१ हिवस तेनो छिपयोग उपो मे. अथवा, उ-४नहिवस सुधी, भाटलांने पापी माघउ-४ पिस तेने डोर शमसने ते घरभियान मीनं माटलांनो उिपयोग डरपो. (पाणीवापार पध्याप्रेमी प्राविधालहेनरा घोतानांगघरमांरछाइम्पोतुं पासा- दुपां धोपाहि पार्यो भाटे, सोछामां सोडूं पाणी पपराय मने तेना लीधे परिपारनां तमाम भेम्जरोनां माथे तुयहिंसाना सोछामां खोटो खाये, जेपी लापना घरायतां हुतां. सालापनाने समयमा Page #77 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. Date . ललेषां मारे, पैसेन्छे सुनी होयांछताय, पोते समपति होया छतांय, धरना पण पर्यो, नोडशे-माएासोना लरोसे न उशये. परंतु, पोते ल, पोनानां हाथ , घरनां तमामा डार्यो नया-डाणार्य उरे. सरा सामान्य हियसोभा तो न डरे, परंतु, पोतानी सवारन्नपारनी यावती साली-खाली तपश्चर्यामोहरमियान पाए, घर संपूर्ण डामः, ते न उरे. पोताने सिहि तप होया 'पा उपपास' होय, तपना छेटलां हिपस सुधी, घरनमतभामार्यो नत छरे परिवारवाणां, लागीपूर्व:जाए साथे, नोडर रामबानी पात उरतो तेमने गाये डे, भाठासीनां लरोसे झाडू पोत माहिहार्योटोबांगहता, र डरता १० गयधारे पाटी पपरारी. ते पाएगीनी मिनाही हिंसानो ऽ, समग्र परिवारने रूप माथे वागशे तप दुरीने, नोडरोः पासे डाम रापपातुं होय तो, उन्मुक्त रखना डरतांत better छे डे कुंतफहन मु. डाराडे, तपरीने रे थोडं-घा पुण्याजधाशे, ते. तो नोडरो द्वारा शाम पाहीनां पेडटने टीया धोणाईने साइ थर्ड नशेहये मापी जपध्या पानपातुं प्रण रमाला प्राविडामहेनने शंभप्यु - पुंगसापो तेषु भगशे'- ये नियम समय मुहम, पोतानी जतने घसीने, घसावीने पए, जीन्पोने शाता समाधि मापां भाटेनां तैमनां प्रयत्ना मने लापनाने सीधे, तेमने पाए, शरीरक्षेत्रे, शातानो पारावारा मनुलप धाय छे. सगला, ठ्यारेय डोई लिमारी न साप सने पर उपपासना पदुभा हिपसे पए, तभाने तभाभा डार्यों नते डश्या छतांय,तेमने पारावारा स्फूर्तिनो-शातानो मालप थायाछे मेमनायरा परनी प्रसन्नता, ताली नेईने, डोई मनाल्यो भाास तो भानया पए तैयार न थायडे, तेमने मारे प-15 मो उपपास हशे. खारीते, पोतानां संसारी नुपनभां अगलेने पगले,सतत नवघ्या. पाणयानां प्रलाये, समयमां न्नु श्मिनां घरायी गेट पछी यो मसर त्रए बागडोये जे पुत्रो सिने रोड पुत्रीणे) क्षिा सीधी. त्यारवाह, भy समय अपन ब्जपध्याथी प्याप्त न होय, नेयां समूष्य संयभन्नुवन'नी प्राप्ति तिमने.मायाय छे....पाणटा अपघ्यानांप्रमाणे., पीताने ,संयम अपन तो भयुं, परंतु, क्षिा माह पग हर वर्धे पर महिनामांथी ट- १० महिना तो सायंजिलमा न पसार थाय. ते उपरांत, हसत-हसतां, रमतां रमतां, सपारनवार मोटी-मोटीतपश्चर्यादि KOKUYO W-NE2800 Page #78 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पापणाश्ता रहे तप घरभियान योतेखीलनी पैथापय्य नो. परंतु छिट्टु, पोतेखीनं सानाहिनी उत्दृष्ट पैथापय्य-लहित रे. हमणांपए। तेमनो"समग्र परिवार (सापांया एण, सरस मलनसंयमानुपना पाणी रघां छे. सापांतो मने शंतो शास्मन पाने प्रयाशीने सथपा सालणीने, मापाएएशुपनमा पार, पधुमपघु न्नुपध्यातुं पालन डरपां हारा,तेनां प्रलाये, सालय डे परलपमा पासुनशांति, शालासमाधि,साति भने परंभगतिनी प्राप्ति साप पाए रीसे,मेह प्रलुने प्रार्थना. पणाला उत्तराप्ययनास्त्रमा माचतादृष्टांत भुण्डल, सेङ नानाडां जालमुनि हंगलमाथी विहार हुश्तां, तृषारतरसाना सीधे सत्यंत पीडीत घया. लेमनी साये रहेल पिता म.सा. तरथी, सरोवरमा रहेज डायुं पाणी पापरीने, अपसरे प्रायश्चित सेवा पाटेनी, जाजा प्रेरएप घई. परंतु, नानडा जालमुनि तो न भान्यां तेनर मान्यांच्याशी लीलो माE., पू.जापुन मसा.नां सतिशय मानाथी तिमन जाएसाभे नानां जालमुनि डी शयां मने डायूं पाएीपीपां तैयार थयां छुथनां पोलामा सरोपरा डायुं पाएगी पीपावापरयांमाटे लथु, परंतु,तरत लूनां पयनो थाह मायांडे, डायां पाएीनां डटीपामांने मसाज्य यो होय तो मारमा गजोलालटेलांग पापीमा तो डेटलां जयोहरी? मेऊ मात्रभारी शाता समाधिमाटे, खसंज्यमपडायनां जुयोनी हिंसा तो डेपी शिते दुशया प्रसूनां वयनो परनी' भारी श्रद्धासायी छेउ पोडण? सने जुषस्याउमाटेनो प्रेम, मारा स्यमांसायो छठे नोटोतेनी जबरंतोमापां डटोहीनां समये थाय छे. खनुण संयोगो पय्ये तोमलनांम्पयनोपडपाधी नियतयायाछानां डरतां मनेढगही पधारे नि:श तो प्रतिग संयोगोमां, प्रलुनां पयनोने पशधार रहेपाथी थाया छे. हाय, तरसनी पीडा सहन न घायसने मृत्यु थशे, छतांय सेनी साभे तो सपठायनां ससंध्य अपोने मिलथहानाभंग होटाथी, खा-सोहोतो नहानोर थशे. मनेर नाश तो भातमारा शरीश्नो थशे, परंतु, भारां मात्मानो नारा ताण हाणमा न थर्छ शडे." - सापां प्रहारनां मने शुललोपोथी लावित घर्छ, ममता ढापीने, पोतानां हाथां रहल - Page #79 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उच 94 Ho No. पालीने दूरी सरोवरमां नांजी हीघुं. पीडा वधती गर्ध छतांय समतासमाधिपूर्वक पती नती पीडायां, शुल बेश्याने, छोडयां तैयार न थयां. संते, पीSE सहन डरतां डरतां, तेमनुं प्राए। पंजेरं उडी गयुं. समाधिपूर्व आज पुरीने सद्गतिमां गया. जा रीते, पोतानां प्राणानां लोगे पएा, खपडायनां निर्दोष भुवोनी हिंसा उरपा ने महापुरुषो तैयार न थाय, तो खायो तो खपडायनां भवाने जयापवां माटे खापा प्राणोनुं जलिहान दुर्ध नथी खाय पडवानुं, परंतु, मात्र थोडी अनुदुजता छोडीने थोडी प्रतिष्णता पेठवानी छे. झपथे ने ? सारसी नानी प्रयनां जाणमुनिभे खापुं दूरी शतां होय तो खायो शा भाटे डायां पडीखे ? सामान्यथी खाप मानीसे छीने हे नानी उमरना जाज़ोनी सहनशक्ति खोछी होय छे. पाड़ा सहनशक्तिने उमर साधे डोर्घ सेवा हेवा नथी. परंतु, सहनशक्तिनो उमार साधे नेरलो संबंध, छे, तेनां डरतां पधारे संबंध समभए। साथ छे । खाटली नानी उमरना जानमुनि पसा, समभ्ए। उणपीने, मृत्यु जावी भय तेवां संयोगो, पीडा वय्ये पए, खपडाय भवाने जयापपां, जातर, मस्तीथी मराएगांतिङ पीडाने मे सहन डरी 2. शडतां होया, तो खायो शा भाटे सहन न झरी शहीखे ? (43) उडालेलं यात्री पायरवा जंगे अजभ राखवा योग्य सूचनाखो : @ उडालेलं पाएगी पायरणारे खेड पात ध्यानमा राजधानी डे, पाएगी मात्र गरम नहीं पए। उडानेनुं वापरपानुं छे. गरम उदुं रखने उडान, जनेमां घएगो मोटो इ२४ छे. यूजे मूड्यां जाह, सामान्य रीते, के पाएगी थोडुन्धरं गरम चाय, तेयुं गरम पाणी खयित्त धतुं नथी. न्यारे पाएगी उडाणवानं होय, त्यारे यानी नेम तेमा प्रएा उडाना जावयां भेर्धजे. : प्रथम उडाज़ो खावे त्यारे पाणी सयित्त होय, छे. जीभे उडाजो खावे, त्यारे 'सयित्त- अयित्त = मिश्र' होय छ. जने प्रीभे उडाको जावे 'त्यारे, पाएगी 'खयित्त' थाय छे. खेटले, पूरेपूरां प्रए। उडानां खाप्यां विना ले पाएगी यूसेधी उतारी हेपाय, तो ते याले नहीं. अथवा धनी कम उतरो खाव्यां जाह ४ पाएगीने पूरेपूरं खयित्त समन्युं . 6 (b) उडायो सुपाशी अथरोरमां द्वारयां माटे नांजपामां खापे, त्यारे जुस्तुं पड़ी रहे छे. नेमां भूपरंतु पड़े, तो विराधना थाय. माटे, तेनी उपर भजी ढांडवी ४३री छे. धगधगता पाएगीनी ङथरोट मीन पर खडवाथी यएग अर्ध भवनी विराधना थाय, मारे इथरोट पारसा पर Date KOKUYO W-NB280U Page #80 -------------------------------------------------------------------------- ________________ रामवी नारी छे. प्रएर उडाणापाणुं पाणी उतारतां मने हारतां रेपूरी उपयोगराजपो. लेथी, हाथ-पणे Eाठी नपानो डे पाएगी ओर्धनी पर पडवानो प्रसंशन सापे. हारेलां गरम पाशीमा डोई उडती जुपांत मापीने पडी बनाय, ते साटेल्माएगीनी परात (थरोरने मीणीनेटपाणी लणीधीठांडपी. खाडाशमाथी उडता पो तथा पाडायनां लुपोनी विपिनानो संलप होपाधी, अडाणेलं पाएी. ड्यारेय पा Gघाडांमारा नीय नुस्खं राजपुं नहीं पाएीनो घडो के तपेली पपानी होय,तो ते पएगांडीने नलईन' लेखे. उधरोटभांडारखं पाएयुं छे नहीं, ते नेयां भाटे,सीधेसीधी सांगणी खर नाजपाथी मापां नमनी मेलापाणीभां लगे छे. तेथी, तेमांमसंध्य संमूर्णिमा येन्द्रिय पो पेहा धाय छे. माटे, परसेपापाणी उभेलवाणी सांगणीने धोई- छीन पछी संहर नंजाय. खथपा तो ऽथरोटनमा पाठीमां सांगणी नाजपाने पलहले, उथरोटनां तजियानां नीयतां लागमा खडवायी पए, पाणी ठरेखाछे नहीं, तेनो - जयाल मापी जय. डारेj पाएी भारवामां लरतां पूर्षे, मारलांनी संघर नहर परीने, पीयी ल्याएा उरपी ने संघरलाभग्छर पोरे लशयां होय, तोहिंसा थपानो संलपा रहे थे. डाणेषु पाएगी पप्यु होय तो, सूर्यास्त पूर्व, तरत सूदाई जयते रीते, तेनुं पिसनारहरी हेपुं . गटरमा नांजी हेयुयोग्य नी.नरोड पर सपा मगाशीमा परापी शडाया यशापूर्वक). वर प्रतुंन पाणी उणेसने परम्प' मानल्पडेजरमे पिडल्पप्रेष्ठ छका उठाणेj पाए पीनारे प्रपासमां तां, पाणीj साधन साधेराजी सेनेने हाय डोसलेगोमां, भुरडेली उली थाय तो, रेत्ये स्टेशना परथी अयं पाएगी गाणीने, उमाष्ठ लोडो डोपिएा स्थगे गिभरावीने उडणीनेल ते पाही छपयोगभांगल्छेकछूटां पश्यनाएापाणांने टीलुर्नु राखत डे निष्णातुं पाएी पायावी शहे. राजन पाणी, माउनु पाए, टीजुमुं पाएगी, निमा, घाएगी नाहि जे घडी पछी मथित्त थाय छे. साधां पाणी, जे Page #81 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 95 → घडी जाह जयिप्त थाय छे रखने पंछी पाएगीनो डाज नेटजो होय, तेरसो न तेनो पए। गएपय छे. (जे घडी = ४८ मीनीट) O अजेतुं पाली आसमां पीघां पछी, तरत ४ ग्लासने लूंछी नांजपो भेजे. इरीवार सेयुं होय, तो ग्लास संध्या विना सेवाय नहीं.. खेडा ग्लासमांथी छांटो उडे तो धडामा खसंख्य संमूर्च्छिम पंथेन्द्रिय मनुष्यना भुवो मेहा थाय छे. माटे उपयोग राजवो न३री छे. उडाणेसुं पाणी उनाणामांपांय प्रहर, शियाणामां+ ४ प्रहर खने योमासामां [→ उ प्रहर जयित्ता रहे छे. (खेड प्रहर खेटले हिवसनो योथो लांग) - (१२. डलाउनो दिवस होय तो १ प्रहर = 3 उलाड थाय ). योमासामां उ प्रहरनो ४ द्वान होवाथी, सवारे उडालेलं पाएगी जपोरे प्रा पाग्यां सुधी न यासी राडे, ते पछी तेतु विसर्बन डवुं पडे. जीभ अजनुं पाएगी हस चाश्यां पछी उतायुं होय तो ते सूर्यास्त सुधी थाली राडे. "उडालेलं पाणी हारपां माटेनी परातो जराजर पूँभु लो. ते डायांपाशी पाणी न होय, ते जराजर तपासी लो. डायुं पाएगी सेवां माटेनों पाएशीमां नंज़ार्ध न भय, तेनुं ध्यान राजो. O Q (०) No. पाणी ठारवां माटे पंजानो उपयोग न दुखो. Date ४ग के जन्य पासएग लूलथी पए। पाठां खषाढ सुह १य पाएगी डारपां माटे तांजानी परातनो उपयोग डरपो. तांजानी पशतमां पाएगी हाखं, से तो आरोग्यनी दृष्टिखे घाणुं सारं उहुँवाय. जीभ जानुं, खेप्युमीनियमनी परातमां पाएगी ठारवांथी, खारोग्यने या हानि पहौये छे.. उडानेलांपाशीनी आाज मर्याा जराजर सायवो : ® (शियाज़ो) ४प्रहर (नाजो) + प प्रहर (योमासु) डारलड सुह वथ थी झगए। सुह १४ खषाढ, सुह १४, थी थी डारलड सुह १४. 7 3 प्रहर डाजे यूतेथी खेटले डे, उनाज़ायां जराजर सूर्योध्यनां उतारेतुं पाएगी, सूर्यास्त लछीनां खेड प्रहर (संहाने खढी- प्रएर दुलाई) सुधी जुशीथी याली राजे शियाणामा सूर्योध्यनां डाणे उतारेतुं पाएगी सूर्यास्त सुधी साली राडे छे, जयी शडे छे. योमासामां, सूर्योध्यनां डाणे उतारेतुं पाएगी, पंथांगमां साबेल KOKUYO W-NB280U Page #82 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १८ 9 IFA O खपढना समय सुधी थाली शडें रखने पंयांगनां पोरिसीनां रार्ध मे उतारेतुं पाएगी सूर्यास्त सुधी थाली शडे. हारेला उअणेजां पाएगीमां, डायां पाएगीनां टीयां के परसाहनां छांटा न पडे तेनुं ध्यान राजो. योमासामां ने अजनां पाएगी लपानां भारतां जलग-अलग राजपा, खाम्नां परायेषां मारलांडोरां जाह, तरत जीभ हिवसे न पायरी शडाय (लेभवाणां दुडांथी संध्या जा होवाथी). परंतु, खोछामां सोधुं जेंड हिवसनुं अंतर राजीने व (जेडांतरे), डोरा थयेलां धडाखो वापरी शहाय. घडां भेोरांन थयां होय खने हुनु भे ले४ भुगाती होय, तो खेड हिवसनां जहले जे हिवस के प्रा हिपसनां खांतरे ते घडां पायरयां. परंतु, लेभ्वानां घडां तो न न पपराय.. फ उडालं पाणी शुं खा प्रश्नी घएगांने पाणी वधे तो शुं डथुं ? सूर्यास्त जाह वापरी शाय ? तेनो निडास दुर्धरीते ऽरखो ? सतावतां होय छे. हुवे तेनुं समाधान विथारीखे हुवे, सौ प्रथम तो, उडाणेसुं पाएगी भराय वधे नहीं खने तेनो डान पूर्ण थाय ते पूर्वे यती लय, खे रीते ४ उपयोग राजीने पाएगी उडाजवं. डाभ - भगृति राजवां छतांय, ज्यारेङ डोर्धङ डारएासर उहाय थोडु उडाणेसुं पाएगी वधी भय, तो तेने परठपुं नहीं. परंतु, धरनी जीभ व्यक्तिखोने तमारा हाथे लास लरी- थोडं थोडं खायीने पीवडावीने पूरुं डरी नांजपुं. छतांय ने पूरं न थाय खने जीभे डोर्ध विदुल्य ४ न होय, तो छेटले न छूटडे, भ्यागापूर्वङ, डोर्ध डीडी-पनस्पति जाहि अपनी विराधना न थाय, तेवी भाटी फोरेमा, खुल्लामां थोरुं थोद्धुं डरीने छूटं परहवी हे. डोई छूटां पय्य‌खाएशवाजी व्यक्तिने डोई विशेष शारीरिङ मोटी तलीइनां सीधे, सूर्यास्त जाह तिविहारनं पश्यङ्जाए। सर्धने पाणी पायरयुं ४ पडे तेम होय सने साथै डायां पाएगीनो त्याग पए होय, तो भोडेथी उडाजेलुं याशी, पाएगीनां आज प्रमाएो दुलाडो गएगीने, सूर्यास्त: ४३२ प्रमाएगेनुं थोडु उडानेतुं पाली पापरी राडे छे. सूर्यास्त बाहु, night & vites, जनेनो त्याग" 1. ४३री छे. परंतु, शारीरिक होर्ध मोटी तडलीयाणांने वापर होय खने तिविहारनं पय्य ‌जाए होय, तो ते पायरी राडे, खेटलां पूरती ४ खा पात छे. जाह, 4 Page #83 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (१७) त पा No. पाएगी उडाणवानुं डार्थ पए मे तांजानां तपेलामा थाय, तोते शरीर माटे घाणुं सालडारी + गुएाडारी याय. जीभ जादु, जेल्युमीनीयमां वासगोमां अजवाथी खारोग्य मारे हानिडारड पूरवार थाय छे. उडाणेषु डे डायुं, पाणी, भारलामां भरतां पूर्वे, जास सभ्यानामां 12 ; पा भेर्धने तपासी सेषु डे तेलां अर्ध, ज्ञानी भूषांत तो नथी ने? खेटले, सौ प्रथम तो दृष्टिथी पडिलेहुएक डयुं रखने! त्यारजाह घरे रहेली सुहोमणा यूंनगीने घडामां-धीरेथी ईश्वीने प्रभार्थना डरी लेवी, नेधी डोर्घभुषांत शतिनां समये, घडांनी इंऽङने सीधे मे घडामां ऐसी गर्छ ? होय-, तो तेनी व्यगाथ शडे. परंतु, खा रीते यूंण्या- प्रभार्थ्या विना, भे धडामां सीधेसीधु पाएगी लरी नांज़ीखे, तो अंहर रहेली नानी भुषांत तो तरत ४ भरी ४शे. घडामां पुंगी देखती वजते, घडो उँधो राजीने हाथ द्वारा घडामा भगी देवयानी छे, नेथी संहर भे भुषांत रहेला होय, तो ते नीये, सरी पडशे. परंतु, भे सीधां रहेल घडामां उपरथी हाथ नांजीने मे पूंागी ईरवाया तो, संहर 1. रहेल नानी भषांत तो धडामां ४ इर्या राजशे, बहार: नीडजी राडे नहीं. घडीपार संघनां जायंजित खातामां : अनेल उडझजेतुं पाएगी, पाशीनो डा पूर्ण थप छताय, सूर्यास्त, यषां छतांय, भाएासोनी जेहरडारीने डाएंगे, खामतेम, पड्युं रहे छे रखने समयसर क्यागापूर्य निडासनीपरवानी व्यवस्था सयपाती नथी. खा वस्तु भागीने, खायो संघना वहीवरडारोनी निंहा- टीडा - टीप्पए। नथी उखानी के खायं जिजातानां भाएासोने जजडाक्यानां नथी, परंतु, खायलो पोते सा वस्तुनी डाण सेवां मारो, वधेलूं पाली झढवानां समये हुएभर रहने, भयएगापूर्व, पाएगीने परवीने, पशीनां पासोने लूंछीने - डोरां डरीने, त्रांसा राजी हर्धजे, तो पय्यीसमां निथंडर ३ये. दुहेवातां श्री संघने भुवहिंसा द्वारा धनारी मोटी नुकसानीथी जयापपांनो धागो भोटो लाल, આપણને મળી शडे. उपाश्रयनां माएासोनी इरियाह ट्रस्टीखोने दुरयांने जहले, तेमने २०० - ५०० उपियानी अक्षिस खायीने, प्रेमधी भ्यएगा पाजपा जंगे समभवो तो भाएगसो पएा, बेहरद्वारी छोडीने, विशेष डाजभ राजवानी शरखात डरशे तेनी खातरी छे. त्यारजाह,' थोडा-थोडां हिवसे, दूरी तपास उसे हे भाएासो डाजम राखे छे हे नहीं, खने ४३२ लागे तो दूरी पाछी प्रेमधी टछोर डरी शडाय. संघ के संघना J. 1 Date : KOKUYO W-NB280U Page #84 -------------------------------------------------------------------------- ________________ स्थानो, अर्ध खेड व्यक्तिनी भालिडीमां नथी. परंतु, तमाशं धां श्रावडीनां समूह· मणीने ४ संघश्ये उद्देवाय छे. खायएगां घर-हुछान डे परिवारमां 'मारांपणा' नी बुद्धि राजवाथी, सात्माने उर्मबंध थाय. परंतु, श्री संघ, हेरासर, उपाश्रय, सायंजिल जातुं वगेरेमां 'भारांपा' नी बुद्धिराजी तो खात्माने साल थाय खामगां श्रीसंघम, हेरासरमां के खायंजिल जातामां धनारी भवहिंसाने विनय-विवेऽपूर्वऽ खरडापपानी व्याजहारी मात्र ट्रस्टीखो ' पहीपरडारोनी नथी, परंतु, संघमा तमाम सहस्योनी छे. खा न्वालहारीनुं पहुन उरखां कलां, खभ्यागा ञटडावयां क्तां, जायएगां द्वारा विनय- विवेक के खौयित्यनो लंग न धर्ध भय, "तेनी पूर्ण डागभु राजवी. जाग (१४) भे डार्धनींग रेजल पर छायां पालीनो ग्लास पड्यो होय, तोते टेजस पर रहेलां रोटली - हाण - लाताहि खेड पए। वस्तु पू. साधुसाध्वीन न बहोरे. डराए में; टेजल पर रहेस शेटली - हाज-लाताहि वस्तुनो बहोरवां माटे, टेजल उपरथी सेतां-मृदुतां, टेजसमां तां स्पंहनने (ध्रुभरीने, सीधे, ग्लासमा रहेल पाएगीनां असंष्य भुपोने ★ डिसामना यहाँये छे. तेथी, डार्धनींग टेजल उपर छायां पाएगीनो ग्लास लूलथी पा न रही भय तेनी खास डाजम राजवी. मेथी, सुपात घननां सालथी पंथित न रहेषु पडे. प राम कुमारपानी खश्वशाणामां खगियार लाख घोडा जने गभ्शाणामां खगियारसो (११००) हाथीरजोने रो४ गांजीने ४ याएगी पीवडावयामां आवलं. आम्नां श्रापड़ो, हाथी-घोडाने तो नहीं, पा पोतानां संतानोने पाए। गाजेतुं पाएगी पार्ध राहतां नथी. घएगां लोडो, मोटे लागे जिससेरी पॉटर, डोल्ड्रींडस खने ड्रीलमां ठंडी हरेली जोटसोनुं पाएगी वापरतां होय छे, मे सर्वथा खागगण ४ होय छे. कुमारयाण राम द्वारा भे पोतानां साजो घोडांखोने गाणेसुं पाएगी ४ पपरापातुं होय, तो उम-से-उम, तमारां परिवारनां सहस्यो, तमाशं आजओ तो खएागण पाएकी न ४ वापरे ने? हॉटलमां पाए। तमारां जाजड़ो तो गाणेसुं न पाएगी वापरे ने ? (45) (पथ) भुज, समहावाह जने सुरत ?वा शहेरोगां डेटलाई (खांगणीनां पेढे गएगी शाय तेरला) श्रावो खाने पाग सेवां छे, Page #85 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (29 THE T नेमना घरोमां डायां पाएगीनुं पाशियारं (माटतुं) ४ नथी. घरनां तमाम सल्यो, उडाजेतुं पाएगी ४ पीछे छे. नवा जाजडनो जन्म थाय, तो तेने पाएग कन्मथी ? उडाजेतुं पाएगी पीवडावाय छे. हुवे, जावां घशेत तमारा संघमां डेटला ? हुमगां उहाय सेवां घरो न होय तो यासशे. परंतु, रजा पात भएयां बह हुये तो जावां ब्रावोनां घरो खहीं । मजरो ने ? गरम पास (49) सीधां जाजमां धोवां मारे न भूडाय. जयडायनां भवाने भूंज द्विलामना धाय. गरम पाएगीनां पासलो, डोरां थडांथी लूंछीने भो डोरां डरी लेवाय तो पांधी नथी 121: (42) 1 हेरासरमां पाणी गानेतुं ४ वायरयुं. शाहय होय तो, रांजनं पाएगी पापर. राज्य जने तो किनालयमां, पक्षाल खाहिनी संपूर्ण जहा श्राडो संभाजवी. यूभरीने लरोसे डांर्ध न छोडयुं. तो ४, विधिखने नयागा संपूर्ण रीते पजाय रखने खाशातनानुं निवारा धाय. भे पृभरीने 4. लरोसे रजाय तो ४३२ डरतां यार गए; पाणी वधारे पयराय. यूभरीखो द्वारा वधु पडतुं पानी पपरायां नाह, जंगलूंछगा वगेरेमां पण व्यवस्थित डाजम - भ्याएगा न रजाती होयाने सीधे, प्रलुभनी प्रतिभामां सतत पाएगीनां लेग्ने सीधे, घएशीवार प्रतिमानां जांयाखोमां सील- निगोह धर्ध 11 भय छे, नेथी मोटी - २ .:. खाशातना थाय छे, (4) जहार साँडिसो के महेर स्थलोमा, मोरे लागे खुल्लां नजो होय छे. ... तेमांथी पाणी पायरवानी प्रसंग जाये त्यारे, खारागण पाशी न वाय TH ' No. 4. Date थडे ते माटे हुमेशा, नज पर बांधवानी गरजांनी थेलीजो, जंगमां साधे ४ राजवी. थेली जांधीने यछी ४ यात्री पायरयुं भेड़े खा थेलीनी पद्धतियां गाणेसां पाशीनां संजारानो विधि न्जवातो नथी. परंतु, जीभे. डोर्घ उपाय न होय त्यारे, योतानां परिणाम तो खारीते अवश्य सायवी राहाय. भे नजमां थेली जांधेली होय तो ते थैली सूडार्ध भय ते पूर्वे जहली नांजवी थेली सुदार्ध न भय ते मारे, डेटलांड डाजभुवाणां गृहस्थो नज उपर पाएगी लरेली नानी जलही सरडावी -राखे छे.. तेमां गरागुं डूजेतुं रहेवाथी सूडातुं नथी रखने जा रीते જયણા सयपाय छे. (50) धरमां जोरवेलनं पाएगी सापतुं होय जने साथै नगरपालिकानुं याशी या जापतुं होय, त्यारे जलग-अलग प्रभारनां पाखीने गानपां KOKUYO W-N8280U Page #86 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (51) |भाटे, डेटसांडा लागलुपाणां पापहो, खसरा-अलग गरारामतां होय छे. सारखी जधी डाग ने शध्यान होय, तोखेड प्रडारना पाणीपाणां लीनां गांधी मीनं प्रडारनां पतीने तरतन गाणयु. संजारी डाव्यांजा नियोप्या पशर न प-२० मीनिट सुधी मनितारीने पछी सी प्रकार पाएगीनगाण...... भएकाण पाणीषाणांमारसांमांधी पाणी गाण्यांमा रघाएगी माली - गजा) तरतते. मारलांने हाथ नाजीने वीछोगपुग्नहीं शय मने तो, पाएीलरयानां मारलांनी लेडी राजपीरखा चाली उरेलां भारसांमा नयापरवां. तयुलांशष्टयानः प्रने तो, सपारे पासी पाणी गागी सीधा जाह, वासीपाशीनां लीना मासांने जेनरा डाऊ साडां रामवां. डीशं थयां माE ला तेनो उपयोगाऽरायभाटषु डोरंथयापिना नथुपारी तेमांलाशय नहीं परो ने ? या (७) वापछी कोरेमाटे प्रेतरमा लराई-गयेल पाहीना, नीडो दुरीने यंत्राद्वारा जयापीने महार डाढ:- नहीमो, द्रहो, सरोपरोकतणापो पगेरेनां पाणी यंत्र द्वारा जासी डरपां सूडापी देवामांसपडायनी तथा पाएगीनां रहेस पोरां, माछलांगो पगेरे प्रसपोनी हिंसा थाय छे. पणी, पाणी ळ्यां ब्लयन्त्यां पाए विराधना हरे छे. भाटे सायो प्यपसाय 3 नोऽरीनो त्याग श्योग (छा संघनां सायंलिलपाताभा मते उडाणेयां पाएीनां पिलाशमां घशी मक्या थपानी संलापना छो. संघना पीढ-भााडार जे-नए प्रापठो रोग पूरी हेजशेष राणीनेच्याएानुं सुंघ्रा पालन शव, तेजूलरी छे. .... . (छान छाटील्डरपा, हातमाया, स्नानडरवालहाय भोधिोया, उपडां धोपापासग मांश्वा डे मन्याडो मा डार्यमाटे, ३र पूरतुंन्द्र पाएी, रजलास-जालही कोरेभा पर्छने वापरपुं. परंतु मामांधी डोईपहुए प्रवृत्ति नग मुटलो राजीने न रवी. Aditomaticोशींग मशीनमा मोशीगभशीनमांगापडांमधोपानो खाग्रह राजीने, योशींग मशीन पसापतां पहेला, मां तो पाएगीनो हुरुपयोग भी लेवो ई. मशीन अागण पाएीयी कोडायेल होय छे. जेऽवारमा सोछामा सोधू लगलग 40 लिटर त Page #87 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. Date . . गगारेसुंगपाणीपयमशथ यूंनएपारं पाएगी नगमांची ये. माम; सामान्य पपशश उरतां मनेगांधारे खने-ते पए माएगण पाही क्यराय छे. पणी अधुपाणीसाजुषाणुंघाय मने पछी माली थाय मेले परहायशस्वनी विराधना पाएपधारे थायममा उपरांतमां,लेष्ट्रीसीटीनो पपराशा पहाणे उलाह सुधी भीनीभम थाले. तेथी, मसंध्या तेउजायनां कनुयोनी विराधना पाथायामामधू पियारीने , ने शध्य होण्यातों पोशींगभशीनगो उपयोग ना ४ इशय मनेन छूट ने डरपोलमतोमनेटमो सोछीपार उपयोग थायतेलारिछनीय छे. ( लभारीगीर प्हीलणगाडीघोपा भाटे, राहोय न होय, माणां महिना भाटे भाएासने रोडी जेपामांन्यावे. गाडीनां सास, बम्पर, व्हील पोरे घोपामां उथी४ाजालही. पाएगीपापरी नाप्नेछ. शुंना व्हरी छन विद्यारी मने जनी शडे तो, १०-१प हिवसे उमडवाडिये - जेड पार गाडी धोपडापपी. नारीते नोखा प्रवृत्ति घराऽवामांना सो साथैनासाथै डामा डरनारने गाडी धोनारने प्रक्षिप्त मने प्रेमपूर्व समएमापीने सोधाभां मोधुन पाएी पापरीने मधपा मार लीनां पोताधी डामा पतापीने से डाभरपानां साये तो जिनश्री भोटी विराधनाधीशायी शायः झापशेने ( दु साधुसाध्यीलगपंत च्यारे घरे पधारे, व्यारे रस्तामा मथवा पथ्ये पडेल पाएगीनी डोसा, सास के छोपिएा पासएए, मथला सथित्त शाउलानुरको जमिएसापडेसहाय, तो तेने सह पए जसेऽध्य डेमहलापायांनहींगकाराष्ट्राडे, खाण हाप्यां प्रमागतमाऽरपाथी, पायीनांल मापडायनांनुपीनेहमत्यंन हिसाभता थाय छे. माटे, तेम उश्यानां सापे, तो साधु-साध्पी लगपंत, मेऽ पापस्तु यहोयाँ पगर, पायाख्या नया मनेज्मापो. सुमात्रानता, मालधी प्रथित रही छो. Ge, महाराष्ट्र साहेबने गोयरी पहोरापपानो बाल भेणपपानी पिथी, व्यारे महात्मा प्रधारे त्यारे ने पोतुं डरेवु होय मने घरचं इसोरी ली होय, तोलेने पडांधी मूंछपानो पंजाथी सूपयानो प्रयत्न " डस्योकानहीं.. आम खाथी, पू..साधु-सामोलगपंतने गोयरीभार होघा सागे छो. मने तेनां डारट्राइपे नापो जनतां, बापाने पए। होध साये छे. नथी, मापी-डोईपए प्रवृत्ति उरवी नहीं. साधुसाध्वीला नायहोरे, डारणा, मेमने पहोरापां नीभित्ते, डायूं KOKUYO W-NB2500 Page #88 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [पाएी छपामां आये, तो मसंध्य सपडायनान्नुपाने थयेस डिवामनानां लागीधर तेमने पहुए थषु पडे. (ट) पाबीएए-शंजुन्यनी नता डरती पणते, पय्ये भापती परमां पाणीपापरपार्नुले थाय, तो ते घडां, ओठीमां पील-निगोह छो नहीं तेनी हासीपीसूजारी छेउमा पाठीती प्यपस्था, मौन पां गामडांना खोडो द्वारा शती होपाथी, माजधांहोघो-पिराधिमा थोटी होवानी परेपूरी शध्यता रहेकी छे. पारा,सापो होघमां न पडीमेतेनी पूर्ण डागनुकसषी. न्न्यां नील-निगो कोरे अनंता नुवोनी विपिना नथायामेषां स्थणे पाणी वापर. घडां-डोडीने सडतांतेमां थता उपनधी, निगोहनां झुपोने सत्यंत हिसामना पहोंये छे, मने मा भोटां घोषनां मापो पाएगी पापरयां द्वारा लाशीहरखनीखे छीजे. भाटेमा पस्तुनी ज्या राजीने सापां स्थगोमां पाणी वापरपानी प्रवृत्ति पानी प्रयत्न उश्यो. () Morningwalk मारे मान्युपान्पृहातोडोमां घएो उत्साह नेवां मजे छे. शरीरनांमारोथ- हाध्यास भाटे सूर्योध्ययी पहेला मा प्राश्नी प्रवृत्ति योग्य नथी. प्रडायनां खलाक्मां Walking 5ogging अश्वां द्वारा घए नाना-नानां प्रसडायनां शुयो, सपडायनां यो घास पर छाडण पोरे), पनस्पतिद्वाय, निगोह कोरे घयां प्राश्नां योनी विराधनाने गौए। उरीने मापी प्रवृत्तिरी शाय नहीं. पनी मा प्रवृत्तियो घरिया डिनारे, जगीया पोरे स्थानोम पए मेषां भणे छे, च्या हिंसार्नु प्रमाए। अनेऽगणुं पधी जय छे. हारए, सापां स्थगोनी मामाहानुपयोनिन प्रभाएग सत्यंतपधारे होया छ- समशुशहायमेवी जाजत छे. यगी, योभासामां तो हेर-हेश पायीनां प्राणोयिया यरसाहनीठाघरची लीनाश, पाएीनो लरापो पोरे सहकताथी होय छे,भाटे मपडायनां ससज्य नुपीनी विराधना थती होवानां डारगे योभासामांसा प्रवृत्तिनों (walking-jogging eqelingग्योडसपणे टाणवी मे. माना पर्याय पे प्राणायामपयोगासन योरे ने करी होया तेरी शहाय छ, नेमात्माने नुडसान डरनार नथी मने साये शरीरने झायो रापनार बनी शडे छे. भाटे, विवेड पापरीने, रेडे समनुने, जपध्यानो दृष्डिोए राप्तीने , जिनकरी पिराधिनाथी जयपानुं छे. Page #89 -------------------------------------------------------------------------- ________________ रथ (99) PTE No. Date खाने नैनो लोड तçपारोमा भेडातां होय छे. हिवाजी वगेरे तहेवारोनी उकवासी नैनोथी लौडीङ प्रमाणे. न उरी शडाय. हिवाजीने पाखापा शासनमा 'पर्व' अताप्युं छे - 'भाडे 'पर्युषण पर्व' पर्वनां हिपसोमां खाराधना विशेष प्रकारे डरवाथी इज खनेडगलुं बधारे मजे छे जने विराधनानुं इज पाए पधारे छे, ने समभने लोडो पर्युषएामां पधारे खाराधना करे छे रखने विराधना राणे छे. तेवी ४ रीते, हिवाणी से खापएगां पायमा खारानां लोडो भारे रखा योपीसीना छल्लां तिर्थंडरनं निर्वाला पर्व छे. तेथी तेनी उठवएगी जने तैयारी सौडिए रीते डेवी रीते डरी शडाय ? प्रभु महापीरनां शासननां श्रापडो, तेमनां निर्वाशने छनो तप, भय, पांयना विगेरेधी डरखाने जहले लोडपरंपराने अनुसरीने अलक्ष्य मिठार्ध, सूडां मेवा तथा पिवेड कगरनां ड़ार्योथी तो न 8 दुरी राडे. विशेषधी तेनी तैयारी माटे, घर-1 - घरनां इर्नियर वगेरेनी साइसार्ध - पाएगीथी धोषां द्वारां - खसंख्य जयडायनां भुवोनी विराधना डरीने डरे ते शुं योग्य छे ? भवध्या जने न्यज्ञानां उपङरगोनो उपयोग उरीने, शास्त्रमां जतावेज विधि प्रमाणे, खा डार्थ, मर्याहित पाएगीनां उपयोगधी यए। डरी शडाय छे. तेथी, दृष्टिहोए। जहलीने भे हिवाणीनुं महत्व गुरु पासेथी भागी लेशो तो योऽसपएो खा प्रवृत्तिथी जयी मोटी विराधनामांथी जयी शहशो (92) खाम्नां लौतिक वातावरणामां, खाँइिस - Shopping malls संमेलनानां स्थानो वगेरे मोटे लागे centrally air-conditioned धर्ध गयां छे. खावां स्थणोमां मे क्वानुं राणी न शाय तो atleast मनथी तेमां जनुडूणतानी, प्रशंसानी, हाराहारानी लागज़ीनां लावो तो न थवां भेजे. मे खेषु थाय, तो A.c. plants द्वारां धती खपडायनां भुवोनी विराधनानां लागीहार, जायगे जनी शुं. माटे, सतत मनने भगृत राखीने, खलिप्त रहने, प्रभावित थयां कार, डार्थ पतावीने खायां स्थणोमांथी नव्हीमां-नही नीडजी धुंसा प्रमाणे,, ,, खापा, स्थजोनी जादुमांथी पसार थतां, गरमीनां हिवसोमां ने संहरनां A. C. नी बहेर बहार खाये, तेनी, असरमां जाववानुं नथी, खने मनथी लावो ऽर्ज्या पगर रहने मोटी विराधना के हिपसलर याने छे तेनी लागीहारीधी बयीने मोटा पाप-हंडथी खायएंगे जयपानुं छे. 1 KOKUYO W-NB280U Page #90 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (या युं पूनभनी यात्रा : नियमधी तिर्थस्थगोनी थानायोमासाभां धोधमार परसाहमां री शायरी योमासानां धोधभार परमामा, पूनमना नियमथी तिर्थस्थणोनी यात्रानां नियमा तानीसोमे घटनापीने मायां संगोमां यात्रा जराणपातुं हे कोडाराणाडे तेमा पिराधिनानक प्रमाणाः . पुष्टण छे. व्रेवी रीते, रोल प्ल श्वानां नियमवाणाने पौधधना पिसे पुष न उरयां द्वारा नियम जंडित उपार्नु पाप लागतुं नथी, तेवी रीने खा नियममां पएविराधनाथी जयपां माटे छूट लेवाती महोपाधी नियम पंडित थतो नथी. पणी, तिर्थयात्रा विगेरे भाटे पएspedal पाहुन उरवानी न्याने दवाब बस-ट्रेन "नो उपयोग पायी पा पिराधिना मोछी थाय छे. भाटे सानो पास विपेड शणीने निर्णय सेवो. मा रीते, खापणां रोजेंधा नुपनमां यालती, सपडायनां - ससंध्य गुपोनी जिनकी वrrect-indirect विराधनाथी जयपानो राज्य मेटलो पघुमां पधु प्रयत्न पो. झापशेने ? - - नपाय अपनी पिलाय समाप्त (THE END) :~ Page #91 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. Date तेडाय नठाय) (टेन्द्रियनी भीन्ने प्रहार). व्याघ्यान ते अजित डायः शरीर मेटले, मनिधी मनुं शरीर जतेलुं होय मथवा मनि मनां शरीर ३पे होय, मेयां जुयोने तेउडाय' सथवा 'सजिहाय' नां नुयो हेवाय. हाल मंगारा, अजिनां तामां, अजिनो लडडो, मशालनो मनि, गेसनो सजि, पीरणी, जजनो प्राराहि तमाम प्रकारनी लेष्ट्रीसी, हीवानी न्योता, बटलनो मनि, टॉर्यनो बहिन, घायानसनो सरिन, साहारामाथी मरता तारा, उडापात पोरे पोरे. गि पृथ्वीडायांसनेमपट्टायनी भामजिजायना गुयोनी पालले विशधना थाय तो, सोछाभांसोछी मसज्यानुयोनी र विराधना धायछे; डाराडे, सनिनांनानाभां नानां मंरामा पए, मसंज्य अयो तो रहेला होय छे...कारक मिते डायमारस्तिहायमा जुपनी सिद्धिछा पोतानो पोराऊ पधारपाधी शरीरनी वृद्धि यवी, पोतानो मोरा घटायाधी शरीरमा घटाडो थयो सने जोराऊ न भणपाधी नाश धर्म निरपुं, मृत्युने पामथुममायुं सक्षुएा तो, भाप्रने मात्र, अप्मा ? मेवा भणे छे. खेड्पए मनुव पहार्यमां, माघुसखुए नोवां न भणे. गनिहायनां जुयोभा, खा लम्एा तो स्पष्टपणे नेवा मणे छ. । पोतानो पारा = धन (घासलेट, पेट्रोल, डीचल, लाउडायोरे) मणापाशी पधारी थाया पोतानो मोरामणतो घटाउपाथप आयामां घटाडोन्यायाामने खजिमां नयां साडडां पेट्रोवाहिनी जोराऊ नांप्पता नबंध हरी हेवाथी, सजि पूरेपूरी नाश थर्ष नय, शांत पडी जय, खोलपाई लय. तेथी 'मनिनुप'छे से सिद्ध थर्छ नय छे. गरमीनां डाराडो, मापj शरीर रहेल . थर्मोभीटरभां ने भायवाभां मापे तो, मिनीमम १8.4 नुं तापमान डायम सापए शरीरनं माये छे. शरीरनी मा गरमी, खापए तैस शरीर'नेसीधे छे. खा, तैन्स शरीर तो, च्यां सुधी भोष्ठान भणे, त्यां सुधी छायम माटे रेड मात्माखोनी साथै नेसाये ? रहेनार छे. आपण शरीरनी खा गरभीनां बीधे 7, सापो सीधेद जोराडतुं पायन धाय छ. खापणी नेम, तेउडायनां पोतुं शरीर पए। गरम होपाधी, खानां KOKUYO W-N8280U Page #92 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ale द्वाश पए, तेउडायमां अपनी हांकरी, शिव थाय छे. विष्टीसीटीनां निनी उत्त्पत्ति पाटनी स्वीयऱ्याखुउरतांनी साये तरत, पीणीनी प्राप्ति थाय छे. तेने उत्पन्न उरवानी पहियामां सनेडा पोनी हिंसा धाय छे. Nagra Falls, with Falls रेया मोटा-मोटा पाएगीनां घोप, च्यारेनीये तर पड़े छे, त्यारे ते पाणीनां घोपिने तीव्र गतिमा इश्तां, सेवां मोटा-मोटा टरमाईन्स (Turbiness मांधी पसार राय छे. सत्यंत ती धारीपाणां साल्टरमान्सिमांची घोपन पाए पहेछ,त्यारे तेमनी पथ्ये भोटं घर्षए थपायी, पीणी उत्पन्न थाय छे. ना उत्पन्नथयेमीणीने, तरतर, मोटा-मोटा एनरेटशेमा संग्रहित (Store) जरी नानवामां आपे छे. पछी, मा मोटा-मोटा बनरेटरीमा संग्रहित थयेल ते पीणीने , मागण नाना-नानां जनरेटरोमा मे भोऽसतांन्मोऽसता.खते लोडोना घरोमा रहेल नानडा स्वीय लोर्डमां, ते वीणीने पहीयाडायछे. खेटो, जनित्यतुं डरतांनी साथै, सा- पंपो साहि तरत यालु थाय छे. हये, या प्रहिया घरभियान, मागीमा रहेला धोधमांरखां नरो भाछमां-मगरमच्छाधि लथर पशुमा, रजाईन्सनी तीदाधारी blades थी ज्याने जसास थनय छे. तेथी, साईटनोउपयोग ऽरनाशं सोडीने पहा, पीणीनी उत्पत्ति हाणे थयेस, माब्लुपहिसानो मनुमोहनानांजमाध्यमेवाणेच्छे पुंसालगवामा माप्युं छेडे, साटिनी स्वीय सेऽपारयाडरपाथी, भेड छडुनो ड लागे सने नेवार पंधऽपाधी, सेठ मइमनो सारो छे. हुडीत तो उपणी गपंतने मनर . तेथी, लाईटनी मा पहिसाथी लागतां ऽने नकर साभे रानीने , भोजाईल-उभ्युटर लेपटोप साहिनी पिराधनामां कोडातां पूर्व सामयार थियारशो. प्रश्नःसनिडायनां योनी संज्या डेटली? नवाजा संबोधसित्तरी ग्रंथभा मापे छे: योजानां रोड हाए रेखा सग्निनां तहानामां ने सन्जिायनां यो होय, ते रेऽने से जसजस नेपडां मोटां उरवामां मापे तो ते मामा मुट्ठीपमा Page #93 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. . Date पए समाय नहीं, मेरलां जया सञ्जिायनां शुषो , अनिनां डर नानां तामां मात्रमा होय छे.. अग्निडायनां पानी विराधनाथी जयपान उपायो: पृथ्वीडाय सने अपडायनीलामजिठायमां महा मोठामा सोछी ससंघ्य नुयोनी हिंसा थाय छ, परंतु, तेथी सोछी ना धाय. डारा, नानामानानां अग्निनां से ताणामां, मोछामां सोछा मसंध्य योग रहेसांहोय छे.. तेथीराज्य मेरली मनिहायनां सपोनी हिंसाधी जयपानोपधुभांजपधुम्रयत्न ऽरयो.. जिसे पामताजनी येसी ग्रा, डॉही रसोईने, गरमागरम पापश्यानी राईय्छाधीमापोभाटेडpecialys, इरी पाए गरम न रापपुं.मेथी, ... जसंन्यातेउडायना योनी लिननरी: विराधनाथी नयी शहाय. ( मोजाईल, ईन्टरनेट, उम्प्युटर, लेपटोपाहि साधनोनी शोपथपाधी, लामाका अगतने साठे जाय वालो टाय पध्यांहो, परंतु, ज्ञानी लगवंतनी अष्टिने तो नुपपिराधिनाभा पा घgो पधारो थयो छे. "Reliance to Reliance mobile free- नी इंपनीषाणांनी नहेरात क्यारे तमनेसंलगाय छे, त्यारे "मसंप्य तेउडायना पोनी विराधना पएण्ड्रीमा सायेन्मणशे'+नावी प्रलुनी नहेशतनां शहोशंसायेन्साये,संत्रणाय छ7-नाय होनहेमाया मारे, मोबाईल साटिनो उपयोगमाप्त पश्चिाताभाटेला जिनहरी मेसे, मेसा सेनासेस, रमताहि शो माटे पाए राय छ ? सा पापनां साधनो, नरी उपयोगभाटे नटलां पतराय छेतेनए इरता घए पधारे उपयोग तेनो जिनपरी मनोरंनाहगामाटे थतो होय तो समन लेपुंडे,प्रलुनी नशत हुनु सुधी खापानेा संलणार्थनथी. रोड पमत, जरन हजापपा भाप्रथी थती मसंध्य निजायतां योनी विशपिनाले गार साभे जिाती होय, तो पछी, 'तमे ध्यां पहाय्या छो.हुं सही पहाय्यो छु' पोरे पोरे मुइलीसा डारणोथी मोबासिनो उपयोग न पत्थई राडे. खरे | धंधा भाटे, भोलाऽसिनो गरी उपयोग उरती पेगास पए, मसज्य तेडायनां जयोनी पिराधिना निभित्ते, हत्यमा उंण, पेहना अने लाशेलारपञ्चाताप छोपां. ई. तमाय द्वारा थती , मसंप्य तेउडायनां पानी KOKUYO W-NB230u Page #94 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विरापिहना निमित्ते, शुतभारी मांजमा सांसुछे पछी, हत्यअहोर-नहार थई गटोन छी शांत यित्ता पियारीने, शध्या मेटली डायनां योनी पिराधिनाथी जयपानो प्रथम पो. तमारी पासे रहेल मोबाईमाधि पापनांसाधनोनी संज्या उटली। घरे मोबाईलमाप्या मा, तमारा शेना दुश्वानां पयां के घल्यां? राजेलमोबाईल साहो होय ऊँ पछी सपन्टू-डेट? रंगीन होय पछीं सामान्या सस्तो होया भोंधोज साजधांसपासोनां, संतोधडार वालो. ने मापी पासान होय तो समन्नु सेयुंडे, पर्षोधी नहि डश्यां छतांय, अनुनागपयनोपरामद्वानी मथवा श्रद्वा छेन्तो पछा, ये सेपी र प्रधान होवाथी र लिनवरी ससंध्य तेडायनी विराधनाभा होशे होंगे लेडापाद्धाय छे. हरेऊ पापन्सने हरे पापनां साधना, प्यार गतिमा रमाडापनार होपाथी, पापनांसाधनो मनी पासे - होय नहींग मधवा होय तो पए, ते पापनांसाधनोनी 'quanth सोछामां मोछी मने 'uaqसाहाभां साही होय, तेनुं नाम छि-'श्राप त प्राय छोने - घरमा टी.पी. साभेमेसपाधी अद्यया Theatre मां पायी, ससंध्यमग्निडायता योनी विराधना थाय छे. री.वी.नी, सीरियम जनापती यमते मघवा पिच्यर नीशुटींग यासे ते पामते पए, संध्या तेजयन जुयोनी ने विराधना घई होय, ते तमाम विराधनानोटेड , सिरीयल- पियर नेनारांसोने मपश्य लागे छे. ती पेणाप्पान्तमारीस्साये-साधेसम्भानियानग्यांसोहोनेवानी प्रवृत्तिमा डायलांसाहोपायी ,तप्रने सामुहिक पाप लागे छे. भेडलां सायरेखा पापो उरताय, सानुहि पापोर्नु , घj पधारे प्रोटुं भने छे. तेधी, ने शय मने तो, टी.वी. , थीयेटरनां पापोथी हर रहेका तेंड्सडर, धोनी पोरे छिटरोनां सार्धधी छलाडोनां छलाडो सुधी, सतत हिट भेय नेवाधी, ससंज्य तेडायनां पोनी विराधनानीमनुमोदनानां भाध्यमे, तभने घटो भोटो लागे छे. डारडे, हिडेरना ग्राउन्ड: उपर, भाप्त योऽधिसभा पपराती वीणीनु प्रमाए तो हमरो धरोमां पपराती चीत्रणीनां प्रभाए. हरताय पी लय छ. मेरले, गोहपायेलां मोटा-मोटांलार्धटना झेडसना प्रकाशने लीधे, राने रभाती भेय पए नये हिवसे नरमाती होय, तेवी प्रतीति - - - भ Page #95 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. मापने डराये छेशेडो इपियानां लशयार मने ही सींगना-- मातालाही पायाापर र रमातीला भेयोमा, २ तेंडुपहर-धोनी, तमने गाईमाऽर्धा होय, ते धोनी ता.खेड मिनीट भारे पए तमने मनपा तैयार नथाय. मग पोतानां प्रोणामा रहेल पोतानां इतरांने सऽधो डवाइ-मेऽ ऽसाफ रमाऽवानुं टाईममणशे,पए तेमने प्रणयां भाटे छेड तेमनां बंगले गयेला तमाशं भाटे, तसार-धोनि साहि प्रथपा मारना हीरो-हीरोईनोने पए, तभारी साये मुलाकातभारे, पभिनीटनो पए। - पोतानो समय समयाभाटे तेस्रो तैयार नव्याय. भेटले, तेंडुपहर, धोनी पियरन हीरो माहिनांगमनमां- तो, तमारी हिंमतः डरता पोतानां इतरांनी हिंमत पधारे छे. हुये, सापानी पाछण गांडा यर्थने, मसंज्य तेउडायनां योनी मिनरी पिराधतानो पाप, तमारा भाये तमारे शा मारे का लेपोतिनुं Reservation ए र्वेशन)शा माटे उरघुर. (पा नवरात्रि-हिवाणी- हिसमस माहि तहेवारो तो खरेनोना छ, सापए नीनां नथी र. तेथी, मा.तहेपारोनां हिस्सोमां, डोरेशन-लाटी पोरेमा डाईने , ससंध्य तेडायनी विराधनामां मापो डानही. हिपाणीभां पोतानां धरोमांजाम तो लले हियांसो प्रगटापे, परंतु, तेभनी हेपाहेजीयी, सापए नोये, हिपडांनो प्रगटावीने, ससंध्य मनिहायनां गुपोनी बिनसरी पिराधिनामां लेडापाय नहीं. सरेनो मापसे पए तहेपारोमा नेडातां नधी, तो पछी, लोडोत्तर रेन धर्मपाम्यां जा मापायी मनोनांतहेपारोभा रीतेनेडापाय? सापए लागडोनेशनपशति, सजेमानी मारती, गोरा यर्थी माहि तहेवारोमा रीतेन्पा हेपायी मनोनां तहेवाशेमाहोरो-होशे लेडापनाशं रैनोने, मिथ्यात्य मोहनीय उर्मबंधाय छ भने लयांतरभा तेभने रैन धर्म नहीं मणे मने मनोनां घरे बनमयुं परो. यालरोने? खान प्रसंगोमां, स्टेल-ग्राउन्डाहिनी सनपटमां थयेट साइटीगने जेध्ने, तेने मनधी गमाडाय नहीं तया पाएीयी तेनी प्रशंसा पए डराय नहीं. को भनयी - गमाडीये सयपायाणीची प्रशंसा रीमे तो थयेसा ससंघ्य तेडायनां शुषोनी विराधनानी मनुमोहनानो लागे छे. सापां घरे पहा डोई पुनाहिनां सज पोरे प्रसंग मापे तो लोड-प्रपामा डाइने, हेनानीधी, टाईटीगाह सनपटो-ललां श्वां निभिते, असंध्य अनिडायनां योनी पिरापनामा नेडापपुं नहीं.. KOKUYO W-NB2800 Page #96 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Opicuezat direct ou indirect ferien 2127 dai electriadn मारिनी हानाधिछाप्यषसायभान प्रापडोमे राज्य बने तो, ब्लेडापनहीं. हये, डाला गयां होय मने मा व्यवसायने छोऽयुंडे जलघु में शष्य न होय तो, लयमा तेता भाटेनो लारोलार पश्चाताप-मलाप राणयो तथा, थोऽi-योsहिषसे हो माया लगपंत पासे मालोयना-प्रायश्चित पनि, खात्मानी शुद्धि री पी. मांसजिनी भोटां पाये पिराधिना धायसेषी शेटरी, भिटलही माहिए। भापडोगायसापेनही सापांजभोट मारल-समारंलन, ज्ञानी लावतोऽरनर गतिनां आरएए तरीके बताये छे.-- ओठ धर्मशाणाहिनी इभमां, सौ प्रथमवार प्रवेश करता, साईटपंजो मानिनोनो प्रयास न होवाथी, डोई. लोडो मधीराईने सीधे, खेठी साथे, तरतर, स्वीय मोर्डनां तमामे तमामाजानो टाइट यारी नामे छे.. मारीते ऽस्यामां, लिनारी ससंज्यमनिडायनां ब्जयोनी हिंसा थती होयाथी, धीर-पूर्व, त्यांना डो' अपीतां माणसने पछी पुरीने, शांतिथी, सोछामा सोछांजरनो मापीने, स्पहार्य सिद्ध हुरी शहाय, यी सोछामां मोछी तेउडायनी विराधना घाया पोऽनां लग्नप्रसंगमां, तभने भइतमामोल, गरमागरम-टेस्टी-- मसालेदार खलक्ष्य पानशीनो रिसोर्थनी प्रशंसा, ल्सयी पहन उरी शहाय. प्रशंसा उश्यां गयां अघपा भनधी ने गाडयां गयां तो, सामुहिमस्तरे, मोटो पायेग्थयेटमसंज्या संनिहायनांपोनी पिराधिनानांतमारे लागीधर थपुं पडशे साथालीने तो प्रशंसा न* डरी शाय. परंतु, सामंत्रए मापनार तमाशं स्वहन मधपा भित्रना पछवां छताय मौन रहेग, मने बोलघुन पडे तो पातने उडाडी. हेवी-- टानी हेयु. परंतु, प्रशंसाना होंगे-होरो लेडापानी ल्ल तो नगरी राहाय. (10 सेऽवार जाटनी स्पीय.यानुउरतां, खसष्य-मसंध्य तेउडायनां योगी पिराधना यती होपाधी, सभा-विपेडी न्यायाणां प्रापठो, -पोतानां सोक्सि-घर-संडास- जाधम साटि हरेऽस्थगो. पर, ले शध्य होय तो, लाईटनी स्वीय यालु उरयानुटाणे छे. मने नछूट हाय डरपुर पडे तो पए, उंण-पेना- पश्चाताप साये, खोछामांखोछी पिराधिना उरीने यलायी लेपानो पूर्णतया प्रयत्न उरे छे. पालघर Page #97 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. Date Date : या श्रीपालनगरमां मुजी विस्तारमा रहेनारां सुझाव शैलेघलाईनुं निवास स्थान, शांतिनाथ टापरनानीये बछने, डोई खनाध्या भावासने उलो रजाय तो पए पछ्यां विना- रौटोघलाईनघर तरत जयाल सावी लय- शेनां साधारे। पोतानी नकर सामेमसंघ्य तेउडायनी विशपिनां हेमाती होपाधी; सूर्यास्तापछी पए, मेमनां घरनां डोपए सदस्यो, वाईट यानुऽश्यां तैयार नथायामेंटले, समन्ले षु राने संधारंथयां छतांय, लिटडींगनां धरनी लाईट बंध होय, ते घर शैटोघलानु छे. खायां प्रापडो गोतयांसाहोयतोतभाशं मेरियामां डेरसा मणशे?कामेमनांद्रध्यांतो समारे जी लेपा होयातो? (ए) डओई स्थणे, मिनरी साईट-पंनो, याहि यातुं रही गयां होय तो,खापुं समालोई-आगीने तमारे शं रघुरन्मापा मपसरे, तमारे साईर-पंजानी स्वीय सालंध ऽरपी ये मायरशीय साराष्ट्रीय छे. डाराडे, लाईटनी स्पीयबंध डरपायी, तभने हाय थोडो घोषं दाग, परंतु, तेनी साभे, दालप्रमाएर घjगमाटुं छे. कोया-आएपा छतांय, तभे होर थर्शने, स्पीय जिंधन तो प्रवाह इपे लाईटनी विराधना सागण यानुरहेपाथी, परंपरामे, मसंप्य तेडायनी. पिराधिनानो पधारो थशे. तेथी, यासुहेल लाईटने जप ऽश्याथी सहाय स इपियानी सानी थशे, तो तेनी सामे, मिनरी मोटी पिराधना महापपानां तमे निमित्त जनतां होपायी,तभने सो पियानो साल थशे. जेरले, हिसाल मांडतां, १00 - 10 : 0 इपियानो लाल थतो होवाथी, जीनं द्वारा,यालु रही गयेल वाईटाहिनी विराधना पए महायतां तमने अपेक्षामेवरताल र थाय छे. (13 घरमां पपीनां घोटांसाभे, रोश सपारे, हीयानत्ती, अगरबत्ती माहि श्यानी मोटी प्रथा, मारे गेनोनां घणां घशेमां ने घूसी गई छे, ते यित नथी, डाठपापी छे. सातो, रेमने अष्टप्रडारी पूजनो धर्भ नथी भिप्यो सेयां मनो हीवामतीमालले गोडाय. परंतु, रेभने सध्यप्रडारी - पन्जनो धर्ममोल होय, नेपां प्रलुशासननां रेनोमे- श्रापडोमे, डीवायत्तीभां भेडाईने, जिन४३री ससष्य तेडायना योनी विराधनामां कोडापानी ओई सापश्यता नथी. सष्टप्रहारी. पूनमां तो धूपपुल सने हीपा पुन सिवाय जीशु पहा पूनसोनो सभावेरा थर्छ नय छे. डोऽनां लान प्रसंगमा फमपाधी अथवा डेटरर्सनां अलक्ष्य भएपारनी प्रशंसा पाणी द्वारा हरपाधी मने मन द्वारा गभाऽपांमानी, KOKUYO W-N8290U Page #98 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. Date तेरसोईने जनायतां थामसांध्या तेडायनां जयोनी पिराधिनानी संनुभोनानोंड, तभने लाशी हाय छे. ोऽनां घरे अथपा तमारां घरे रमायेटरयायुक्त लक्ष्य लोग्नर्नु नभए पए मनधी गमाडयां हतां मघवा पाणीथी प्रशंसा उपाधी, सापाने ससंध्य तेडायनां योनी, पिराधनानां लागीहार मनापी हे.. (संपा मारे। हिवाणीनां पिप्लोमा, मापण घा-जरा *नो, इराडा शेऽपामां फोडाय छे. घयां माता-पिता पोतानां संतानोने ते संग प्रेरणा प्रोत्साहनपामापे छे. ससंज्या तेउडायनां अपोनी हिंसामां खारीते लेडा' अथवा डायवा भाटे संतानोने प्रोत्साहन माप, - ते तो रैनो माटे कराय यित नधी. .. ( पासा , हिवाणीनां घ नैनो योपडां पुन, लक्ष्मी पृष्ठन, गोश पानाहिं निभित्ते मगरमत्ती, टीवो, मारती पगेरेनांभाध्यमे, ससंध्यांतेडायनां अवोनी विराधनामां मोडाय छे, ते पहा यित नथी. डारा, हेरासरमा रहेख संगनशलाडां- प्रतिष्ठापाणां परमात्मानी मष्टय़धारी पून उरणा भने भणेला होया, खेपां नो भाटे, मन्य पन्थी निमित्त या महीपो, मारबत्ती, मारतीयोरेनी लिनलरी पिराधिनामां नेडापानी छोई मापश्यना नथी. पैसानां पिलरी थयां भाटेनी मोटी घेतांने सीधे सभी नमां, गोरापानमा लेडगे, मिथ्यात्पर्नु पोघा तो लूलथी पए प्रापडोमेन राय. पैसानां भरी थयां माटेमा प्रलुर्नुशासन मायएने नथी भयु. परंतु, प्रलुनां पुनरी धर्धने समयमा कानुनी पूजनांगाभाध्यकामापणामां रहेली प्रलुताने प्रगटापीने, सापटो प्रलुतुल्यायवान छे. पैसो भणे छेपुश्यना साधारे मने प्राभले छे पात्रता-पुरुषार्थनां साधारे. तमाएंघुष्य मोडमणवान हुशे तो सभी प्रश्न मनेगहोशलन नरयां छताय, साभे यालीने पैसो आपरो. जीशु जा, पुष्यको परवारेयु होय तो सानो प्रयत्नो खने सने सभी पूछनाटि शपयां छतांय, पैसो नहीं भणे. पेशं डरपुंछे। योपडां-घून पए रैनो भाटे नयी १. परंतु, भने । "झान नग्नो धर्म नयीभप्योकसेवां मानो खाजधानां डाय, तो हिन्दु यावे. परंतु, हियाणीनां हियसोभां, होरो-होरो, मा अधाभां रैनोभेडाय, ते डेरखं अयित गाया मेरले, मा अधामा मनो डाय तो याप्ले, परंतु अनोखे तो न भेडापाय. . Page #99 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. Date या हिवाणीनी श्लोमा मोड-शोणं-होरस-छील स्टेशने इर्दा कोरे मनोरंकनमां पा सांपलांधी:ोडापाय नहीं, आरएम, हिवाणीनो तहेवार तो मरेनो भाटे छे. मापां भाटे तो हिवाणी पर्व' दीधेल छे. खेडनो मे हीरो अथवा तो पोतानां पृश्य भाता-पिताटि नजुडनांडो स्नेहीजनो, रे हिवसे मृत्यु पाभ्यां होय, ते तिथीनां पिसे, मोठ-शोम-शनाहि न ऽशय. परंतु, विशेषधी धर्ममाराधिना, तपन्त्यागादि शय. ले मासोऽनां पडारी नयां माता-पिताना मृत्युनां हिपसे पाले मोड-शोजन रायतो पछी, सालोऊपरलोडनातेमालपालपनामापणां परम उपहारी सेवा प्राण सोऽनागनाथा प्रलपीर निर्माता पिानीना हिवथयेल होपाथी, ते निभित्ते, नमोर-शोमाटि छोडीने, हिवाणीनो छई ऽश्यो, सेनापए माटे Gयित छे. ते निभिन्ते रंवानुमघवा होरलाहिनो प्रोग्रामा तो उर्छ रीते गोडपी राहाय! हिवाणी निमित्त प्रशं धरनी साइसझाईमा जेडाने मसंज्य सपडाय, उरोणियांनां नयां तोडयाधी, जपानी विराधनाभां, समता प्रावडोयो डापाय नहीं. सज्ञान इस संधठारनो नाश उरनारां, लापटीप स्प३पा प्रलु, हुपे मोठे यायां गयां होपाधी, तेमनां प्रतिष्ठ पे द्रप्याहीप हीयांसोधरोमांप्रगटावी शहाय. परंतु, मात्र हेमानीयी, घरने सलवपा, हिवागी मनावपा, मा हिपसोमाघरे हीपडांत रजाय. (a) तभासंपनमा थामती तेडायनां पानी विराधना डाय पूरी शतापपी तमारा भाटे शष्ट्य नबने, परंतु, ने भगृति रमाय,तो मा विराधनान घाडयामां, सइयत्ता नपश्य भनी राडे. मेटले, तेऽठायनी नहिंसागपए मोछी यायसने थाया तेमांपए सतत उजन्पश्चातापयेना रानवाची उर्म पए सपथाय. मापी गृति राजनारांश्रापऽ रत्न्यो, साले पए, प्रलुनां व्यपंता शासनमा विद्यमान छ, उता: गृहस्थ सवस्थामा रहेस तूनागढनां रमानेनने नियम छेडे, डोई पाप साईटनी स्वीय याट उरतां मथवा शेन पाडतां मधया रसोई माटे गेस यान उरतां पे, मसंध्य ते डायनां अयोनी पिराधना निभित्ते, पोतानां घरे राजेल अवध्यानी पेटीमां, स्पे-पापली नानवी मने परसनां संते, ते रमलेगी दुरीने अवघ्यामां पापरी ना. या द्रष्टांत तो दूनागढनां गाभांनुसने पर- 3 वर्षो पूर्वेनुं छे. मेरले पापतीनो ड राप्नेल हुतो. परंतु, तमारा विस्तारमा तो स्वीय थातुं डरता, रेड पमते, पियानो ऽ रजाय तो पशु पांधी नसावे. KOKUYO W-NB2800 Page #100 -------------------------------------------------------------------------- ________________ E झपशेने रयानते, माईटनी स्पीय अथवा सो यामुंडरता पूर्ये, रंभाप्लेन साजमा पश्चातापना सासू साधे पियारे छे , यानिर्दोष तेडायनां ससंप्य लयोनी विशधना उश्यानो मारो डोई अधिकार नथी. छताय, संसारमा रहेल होपाधी, सा पिराधिनामां भारे भेडाघु पडे छे. तेथी, ते ससंध्या योन मारां तरथी लापलयु मिरछामी.. धन्य छे साधु-साध्वीमने रेस्रो, सारी निर्दोधतेडायनां योनी विराधनाधी, डायममाटे मुक्त थर्छ यां. भारो पहा सायो सोनानोसूरत पहेली तागि मने खा निर्दोघलयोनी विराधनाधी हुंटु, मेपी प्रमुने हालि प्रार्थनमा रीता प्रार्थनारवायी मनिडायनां यो प्रत्ये, मापणा हव्यमां-संपेहनशीमतामने डोमणता पये . मनेजिनलरी पिराधिनाथी पयवानो प्रयत्न पधारेमां पधारे थर्ण राडे. (प) मापए घरे पहोरपां माटेमाघेल डोर्छ महात्माने, तभारां विस्तारमा रहेदानीत नोनां घरो मताडवा माटेने तमारे व्या-थाय, तो लूलयी पए, डोई घरनी घंटी (or banj पगाडाय नहीं. लेट यगाडीसे, तो महात्मा ते घरनी गोयरी पहोरी रा नहीं हाराहा, जेल पगाडयां छताय, महाराफ साहेजतेघरनी गोयरी पहोरे, तो डोरन्जेल पगाऽपाने ली थयेन ससंध्य खनिडायनां योनी हिंसानी अनुमोहनानो टोप तेमने लागे छे. (७) तमाशं घरे डोपिए साधु-साध्वी यहोरवा भाटे सापे त्यारे तभार लूलधी पण साईट-पंजो पोरे यातु-पशय नहीं. जरगडे, साधु-साध्वीशुनो प्रशतभारा घरे घयांबा, तेमनां निमित्ते, नो माईट-पप्पो-साहियाखुन्बंध राय ने छतांय,साहेजनमार यहोरेतो, स्वीय थालन्ध डरया निमित्ते घयेत नसण्यातेडायनी विराधनानी अनुमोहनानो हंडा, प् साधु-साध्वीजुने लागे छे. ( सासे रीते, पू. साधु-साधीनो, लाललेवानां मारायची, लति-लापपूर्वठ, तेमनां माटे, भेवा-मिहाई- इरसाएाहि, छोड़ पापडे को जनापेल होय, तो साप साग्रह होपां छतांय, . साधु-साध्वीन ते गोयरी नापहोरी शडे. पारगडे, साधु-साध्वीनुन माशययी, सेमनां निमित्त जनापेल रसोई, साहेज पहोरे , तो ते शीरोमिहा माहि मनापयां माटे, जे पए, मनिहाय, सपहाय, पनस्पतिडाय माहिती विराधना घयेल होय, ते विराधनानां अपम्सिानां लागीहार Page #101 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८-१ No. Date ५. साधु-साध्वीभ लगयंतोने पाए 'धयुं पडे छे. तेथी, समनु-विवेकी श्रायडोखे खापो जोटो आग्रह राजयो उचित नथी. ज्ञानी लगवंतोखे श्रावोने, पू. साधु-साध्वीभूनां 'हितचिंतङ माता-पिता' तरीडेनुं जिह खायेल छे. तेथी, खाधादुर्भी- होषित गोयरी पहोर पानी मोटो होष ५. साधु-साध्वी न लागे तेवी अजभु-भगृति, श्रापड- श्राविडाखोखे राजवी खत्यंत ४३री छे. पू. साधु-साध्वी ने डोर्घ होष न लागे खेवी डाजम राजे, तेभने ४ सम-विवेडी श्रावो तरीडे ज्ञानी लगवंतो खोजजाये छे. मांहगी खाहिँ विशेष डाराग होय जने डॉटर खाहिनी सूचना प्रमोनी वस्तु, साधु साध्वील माटे श्रावको बनाये रखने पहोराधे, ते नही 1. पात छे.. खायां विशेष अराएगी खायी पडे त्यारे ५. साधु-साध्वीन माटे जनावेस छुट भ्युस, सूप खाहि हवा माटे जनावीने, वहोरावणामां श्रापडीने घणो साल थाय छे. परंतु, विशेष डारग विना, मात्र लाल १ जेवानां खारायथी, . पू. साधु-साध्वीन भाटे special खेडपए। वस्तु जनावाय नहीं, पहोशवाय नहीं.. खारीते, रोहा भवनमां यालती खग्निडायनां भवोनी ' direct indirect विराधनाथी जयवानो राज्य नेटलो प्रयत्न दुरभे. (22) खेड योजानां घएां नेवडां खग्निमां अथवा जग्निनां खेड तालुखामां के अग्निडायनां भुवो होय छे, ते हरेडने भे जसजस नेवडां. डरवामां आपे, तो खाजा जुद्वीयमां पए। तेजो समाय नहीं. जलनत्त, तेरसां जधां अग्निडायनां भुवो मात्र खेड तएाजामां होय छे. ग्रेस, पीजीथी यासती लाईट, पंजा वगेरेनो बेशम उपयोग, डेटली घोर हिंसानुं डाराग छे, ते भरा शांतिथी वियारमे रखने राज्य खेटलं. विराधनाथी खरडवानो प्रयत्न डरभे.. આ (23) वणी अग्नि 'सह' होयाथी, भ्यां खग्नि होय त्यां अन्य स्थावरडाय -खने प्रसदाय, भवानी विराधना पाए। संलवित छे. तेथी खग्निडायनी विराधनाथी जयपाना माध्यमथी, साधे-साधे अन्य स्थापर तथा प्रसाय भुवोनी विराधनाथी पए। जयी न्यानो ताल भजे छे. खाने डोर-जेलना व्यराश द्वारा, जिन३री खसंख्य तेउडायनी (হ) KOKUYO W-N8280U Page #102 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पिशपिनानो ऽ, तमारा माथे याj छेउ रे सहेलायी राणी शडाय-छ, मापी शायछे. सापिसपना सापपाथी, तभारी रोशुंडी life style (हाई स्वाईसा मां, तमने डोई तहसी पडे तेम नथी. हरवाने पोलापपा माटे, मारगे रहोश पाडवानी पद्धति निर्दोष छ, तेमांडोरमेलनो उपयोग राजयो मे जितनश्री डायनी पिरापनाची जयवा भाटे, सारे घपांघरोमां होरीयी लेडायल घंटडीनो उपयोग पा ऽशय छे. डोरनेल पगाडवाधी, रेड पामते, ससंध्यमसष्य तेउडायनां पोनी विरापिनाना - टारो छ. सपारधी रात सुधीरधवाणोन्डामपागोकसाहि सने सोओनी नपरपर सतत याकरहेयानी. झेड हिपसभा डेरखीवार डोरमेल द्वारा ससज्य पोनी विराधनानो लागे छे, ते शांत थिते. पियारा सामान (एपाहिवाणी पोरे तहेपारोमा अन्य डोर्यपहा प्रसंग थाहां शेऽयां नहीं. तेमां अग्निाथ उपरांत प्रप्स योनी पा भोटी पिशपना थाय छे. डोईजीन शेडतां होय तो नेपा भाटे पण ला न रहेपाय मने मनधी तेने गमाडाय पा नहीं.. खिशामिनहरी गेस प्रणतो नहे, तेनुं ध्यान रामो, डारा, से सेऽन्ड मारे गए, सयाजीने तरत पंधरी नंपाय तो पए ससंध्य तेडायनां पोनी पिराधिना थर्ड जय छे. रिगाउनाणानां खडधी राले साईट लायसने तेनां लीधे पंजाबंध थायातोरतनेशलन्यानो डेनीयतेनानिमित्तेक मनमा ज्याट डे खार्तध्यान, नथाय ने हये,ते समये, ने सापjमन जाडे, तो सनिडायनांनुयोनी हिंसा माप द्वारा जयपा छतांय, तेनी अनुमोहनानो इंड मापाने मागे न छे. नेमडे, लिलाडीने घर न भणयां छताथ, योपीरो साऽ भाटे, सतत, हिंसा निभित्ते धर्मगंध यालु रहेछ, डाराडे, उंटरनी हिंसा नथपां छताय, लिसाडीनां परिणामो तो २४ जसा भाटे, एिंसानां याजतां होय छे. सेन रीते, लाईट. आय. त्यारे , डायानां स्तरेससंध्य सग्निडायना योनी हिंसा न थां छतांय, परिणामो तो तेडायनां योनी हिंसाना होवाधी, असंज्य तेडायनां जयोनी हिंसानो ड, सामए भाथे यात्रु न्ह रहे छे. तेथी, रे हिंसा मापो उरतां नथी,तेनो s, मार्तध्यानना Page #103 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ((c) No. (२८) Date सीधे, खायलां माथे शा मारे लेयो? उष्टुं, सार्धर भय त्यारे दुः‌खी थवाने लहले, राम थर्धने विचारपुं डे, “हुं सामे थालीने तो असंख्य ते उडायनां भुवोनी हिंसाने छोटु, खेषु सत्य तो मारामां नथी. तेथी सारं छे, लाईट क्याने सीधे, थोडीयार मारे तो, हमसेज्म सार्घटनां निमित्ते धती असंख्य अग्निडायनां भुवोनी विराधनानां हंडथी हुंजयी शडीश. धन्य छे ५. साधु-साध्धीभ लगवंताने हे देखो, भुवनलर माटे, खा विराधनाथी छूटी गयाँ छे. हे प्रलु ! हूं पए। डायम माटे, खा निर्दोष भुवोनी हिंसाथी जयी भं, जेवो सुवर्ग हिवस, भारा भुवनमां पा प्यारे खापशे? " साईट नवानां अवसरे, खा. रीते वियारीने, हाय लीं डरीने, धर्म निर्भरानो साल मेजववो. परंतु, उद्या-नीयां थर्धने, खार्तध्यान झरीने, नवो दुर्मबंध न डरपो.. इन्धन તરત लाईटनो उपयोग राज्य सेटलो वधुमां वधु राणो. सारे सार डरतां पूर्वे, जारी - जारएगां बंध ङरो; डारगडे, सूर्यास्त थयां जाह ४, खा उडती भुषांतो, विशेष संख्यामां, प्राय: डरीने घरमा प्रवेशता होय छे. (2) सायलां धरमां, सूर्यास्त नाह, खेड इमयांथी जीभ इममा डोर्ध डारएासर तां, अथवा तमाशं धरमां रहेल जाथइमाहिमां तां, ने तरत लाईट यालु उरवानी टेप छोड़ी हेवी. डारला, डे, वर्षोथी ? धरमां तभे रहो छो, ते घरनां जाथइमाहिनी गोडवानो तमने थोडडसपणे प्याल होवाथी, अंधारामां पड़ा, लाईट मे यालु न दुरो, तो पड़ा, यासी राडे . आजकुमांधी Street lights (स्ट्रीट लाईट) वगरेनी खावती प्रलाने सीधे,, थोडो धत्रो प्रकाशतो होय ४ छे. तेथी, भे राज्य बने तो, भे तमे धारो तो, આ ॥ जिनरी सार्धटनी विराधनाथी जययुं होयतो, सरणताथी जयी शडाय छे. प्रकाशवानां स्थाणमांची खधारावाणां प्रदेशमां तमे खावो, त्यारे हाय तरत तमने न देखाय, परंतु, धीर पूर्व 4-9 सेऽन्ड माटे अंधारापाणां स्थणमां मे तमे उलां रहो, तो खायोखाय तमने हेजाशे, लाईट यालु डरपानी ४३२ पए। नहीं पडे. जने जिनगरी खसंख्य ते उडायनां भयोनी विराधनाथी पए। जयी शडारो. झपशेने? (30) खेड वखत, ५. खा. श्री लुपनलानुसूरि म.सा. ने डोड वैधे, खारोग्य माटे, रोक जयोरे गोयरी पापरवानी पूर्वे, मगनुं पाएगी वायश्वानुं सूचन थुं. पू. खा. म. साहेजने योतानां माटे special, भगनुं पाएगी दुरावीने पापरवानी रछा न होवाथी, नीये खायंजिलशाणामां KOKUYO W-NB28OU Page #104 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नासायमिलनां तपस्वीमो भाटे, स्वात्राषिपो, अनेम मगर्नु पाणी, - शिध्योपासे भंगावीने वापरतां हतारोडायजता भगर्नु पापी सापनार शिध्ये, भगर्नु पाणी पहोरी मापीने गोयरी इभमांडी टीg. त्यारमा, प्र.मा.मासाहेब पासे नावीने मोट्यां डे, 'गुरुदेया गरमागरम भगर्नु पापी मापी गयुंछ, तेथी आप रहीथी. पधारशो. भोई घरो तो थर्ड नशे.' -मा. राज्यो सालगतांनी साये, ए.सा. भासाहेले शिघ्यने पो मापतां उझुंडे,"मापो साधुपणाभां रहीने, गरमागरम'- सापां सायध षयनो बोटीसे, तो मापए माटे तेलियितन रहेवायलाघाल्सभिति संडागनानगृति यूडीने, गरमागरम' सेयो शछ प्रयोग डरीसे,तो मामाणु पाही जनापयां माटे ययेल असंज्य सनिडायना पोनी हिंसान अनुमोहनानो हंड, मापाने तरतलाशी भयछे भने मात्मा डर्मथी लारेलने छे. मारां, सा नाशपंत-तटाही शरीर निमित्ते, लिननरी सायां राष्ट्र प्रयोगो, डोऊ लषधी दुरी से सने ससज्य मनियनांनपोनी हिंसानी अनुमोहनानो लागी गया, ते मने नहीं यासे. जेटले, धनुं स्यनतथा तमारां जपानो लामामाग्रह होवा छतांय, पेपछी मापतीशासथी ई मार्नु पानी पापरीश नहीं." नगृति यूडीने , ज्यारेड र सापां शप्रयोगो हुरी से तो तेमने उभधथाय, तो पछी रोजंदा जुपनमां खवारनवार सापां शEE प्रयोगो डरपाथी शं तमने-श्रापठोने धर्मथ निथाय? शांतिथी वियारो. डोड भएापारमा मथपा तमारा पोतानां घरे मायातमनेरुपीरसायेला गरमागरम स्थाष्टिालोशन वापरतीपूर्वक यापरतीज्यानते, मघवा पापर्या माE, तमे तो मायां जर्छ शल्द प्रयोगो न शेने? जेईपए पानशीनी प्रशंसामां न लेडापने मनधी गमाऽपानी लूप तो हा प्रशेने? मां मोरा पाय अग्निायनां योनी हिंसा थती होयाTechidka लद्दी पोरेनां माध्यमे) सेवी उंपनीसोनां शेरो परीहाय नहीं. डारणाडे, शेर जरीनारने पए ते इंपनीमा मोटां प्रमाणामां थती अग्निडायनां लुपोनी हिंसानो मनुमोहना द्वारा) खाशी लय छे. हीसा पर्ये, राज्यमवस्थामां, राइभार तरी रहेल होपाधी,डध्यो सहन ऽश्यानी डोई प्रेटीस न हुती. छतांय, हीमानां प्रथम हिपसे, प्रलुनी आताथी, सनशन स्पीडारीने स्मशानभांई Page #105 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. 40१ Date उठिसा ध्याने यां. 'ना मारी टीऽरीनो लप लगाइनार छे', मेरीते पियारीने, सोमिलानामनां सगां ससरासे, असिणध्यानमा रहेल महात्माना मस्त भाटीनी पाण बांधीने, धगधगती सगडी रयी. हीतानां प्रथम हिपसे र नापी गयेल खापा मरणांत उपसर्ग पय्ये पए, महात्मा समतापूर्प पीडाने सहन रेछे. साधी लयंडर पेहना होपां छतोय, महात्मा ससरां प्रत्ये नरायढेषलाय नथी लापतां. पोतानां शरीरनी - लयंडर पीडानी यिंता अश्याने मोठयां,मेम वियारे छेडे,“भाश सस्ता धगधगतीसगडीयानु रहेयानेखीधे, निर्दोष मसंज्यमनिडायना न्नुपानी पिराधिनाभान्सामा शरीर निभित्ताबनी रघुछे. धन्य छ। सिहलातोनेर हुनेमो शरीरधारी सपस्थामायी मुक्त थपाने सीधे, तेमणु शरीरपोषीलानुयोनी हिंसाभां निभित्त नथी जनतुं. परंतु, उस डिर्भधी संहित, भारी शरीरधारी अपस्था हुनु उिली न रहेपायी, ते शरीर निभित्ते, सामसज्य तेजयनां तुपोनी विराधना याबु छे. हे प्रला सिद्ध लगपंचोनी भ, धर्मना उर्स + शरीरधारी सपस्थाथी , हुं पए सहाने भाटे ज्यारेण्टीशी" + डोए छे मा महापुरुष न खा महापुरुष छे : गतसुदुमालमुनि'मा मापी भरएांति पेहना यय्ये पए,लले मापी पराठाष्ठानी सभापि मने तेडायनां शुषो प्रत्ये नुपयानां सापां परिणामो, तेयो डेगपी राडता होय, तो मापणे शाभाटे नहीं? सापोतो निर्दोष मनिहायनां अपोने जयापयां माटे डार्थ खायएां प्राए जापपा पडवाना छेक नहीं. झपाने? ( उतारेभाल्पनिडायनां योनी पुष्टण हिंसा थती होयन्सने ते द्वारा जीनस पोरे जुयोनी पए हिंसा थती होय, तेषां प्यपसायन 'अंगार उर्म' हेपाय छ: रेभ साइडां जाणीने डोलतां उरां, डोलसां पडावां, पेयप, पेयापा, लडीधी सना शेडयां, ईटो पापपी, नमियां पापां, दुलार,सहार, सोनी पोरेनो धंधो ऽश्यो, प्रांस, डलाई, सीसु, पित्तण पोरे बनायपा- घडपा , डोलसांनो जेन्ट्रेट Contract राजपो, जोयसरमा डोजसा प्रपार्नु अमरपुं, घासतेल, पेट्रोल, उपेष्ट्रीठ , पेट्रोभेस पोरे बत्तीसो, हियाप्तणी, भीमत्ती, सुगंधी-, उसरल भीएजती पगेरेनो पेपार डरयो, रन्जन [engine) यदापयां, मां विनी पोरेनो पूज पपराश थती होय तेपो प्यपसाय उरयो, अनिनी लहीमोथी लोजा खोगाणी रेलपेनां पाटां कोरे जनावपाना KOKUYO W-N82800 Page #106 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प्यपसायमा आई पोरे. मां, मनिडायनी मने तेमां पडतां सिनेप्रस पोरे पोनी हिंसा थती होया, तेयो व्यवसाय नोऽरी चोरेनो, मेटले उ संगार मनो, त्याग श्यो. (उ) | तर पोरेमा स्ई घास पाणयुं, डर सणगावपां, गलनां जीडो सणगाप, डोतुथी फ्या-त्यां खनि सगशापयो, भरका निमित्त धर्मीनिमित्त पुष्यबुद्धिधी हे सुशोलन भाटे,—। दीपां पोरे प्रगटापांमने मास होणी विशेरे सोऽन्तहेपारनीउभीमा हीरो-होशे मेडापपुं, तेमां योगहान सापयुं, हर्शनखां पियरे कमालधुरामनिहायापनस्पतिशायनी विराधिनामां. लागीहार जनापीने मात्भाने धर्मप्नंधशपे छे. भाटे, मालधाभां, नसतधास्थापर योनी हिंसा होपाधी, ते त्याश्य छे. या टीयो सणगाय', डोस सणगाप' यां शटोनो प्रयोग न श्यो. “डीयो 'प्रगटाप', सयानुर' साईरनी न्यए डरो' रियां शब्दोनो प्रयोग गरी शहाय. ऽऽपां राष्टो हेपां नहीं. मभू प्यतिने शेन भारो' मेधू हेपा उरतां शेन लगायो' डहेयुं. (3) अनि कलह होपाथी, यां सजि होय, त्यांमन्य स्थापरडाय सिने नसाय पोनी पिराधिना पा संलपित छे. लेष्ट्री साधनोनो उपयोग सोछामासोछो रोग परंपरागत खोछी पिराधिनांवाणां साधनो सधपा पहतिथी न , जधी प्रवृत्ति श्वानो माग्रह राणो. आधुनि जपनरोलीभां, पीणीनां साधनोनो जवपशरा छे, नाथी मनिडायनां गणपोनी समलपिराधिनांमन्यतीनपारहेछेउमान्छे मान्छेभनयां-नयां का काम का छोट्रोनी साधनो मनरमा माछे, तेभन्तेम तेडायनां लयोनी विशपिना पपती जय छे. ( महानमा ज्यशे. डाठयां मारें साइन्सारखां माटे, पंज्युम सीनर (वेष्ट्री सापरहीनो उपयोग लिमदुल नडरो. तेभा प्रस नुयोनी पर जूज हिंसा छे. घशीपार मेमा पाहा, गरोगी नयां गयो पए थाने मरी लय छे. घj दूर साधन छे. जिलदुला न पापरपुं.. अय अवनो पिलाग सभात्प (THE END): Page #107 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 003 quest (641) (. Yaal tat st२) austeri jalni greial : sो वायु, १२ वायु, j२५ २. वायु, .. : मम बहेती वायु, ५२ तर तो वायु, तीरछी दिशामां तो पायु, नीय हवाय, नवात, तनपात, inn पवन , A.c. It is? चयन', Heater नो गश्म वायु योरे. प्याज्या पायु: पवन, डायः शरीर.. मेरले पवनधी लनेतुं नमर्नु शरीर होय अथवा पायु मनां शरीर पे हीय, सेवां जयोने, पायुडायनां' नुयो हेवाय. मा गुपो जातां लखे गथी परंतु, तेनो मनुलप तो 100. थाय छे. 'सारे डो पपन छनथपा गरम पवन यही रह्यो छे त्यादि लोऽप्यपहारमा पए जोलाय छो. पृथ्वीडाय, सपाय, चायनी नम, वायुडायनो नानामां मानो अंश,मेरले डे, पपननी सेड सामान्य सहेरथीपाएका माछामासोया ससप्यापायुडायनांनुपानी हिंसायाय. पायुडायनां अयोनी लिनारी हिंसाधी जयपा मारेन उपायो: छ घर सोझ्सिाहि स्थणोमा थतां पंजाना चपराशयी ससंध्य यायुडायनां योनी हिंसा याय छे. सामसंज्य निर्दोष जुयोनी विराधनाने लगे तफर साभे लापो, अथवा, नुपनलर भाटे, पंजानो त्याग रनारांए. साधु-साध्पीने नफर साभेलायो, तो पंजा द्वारा थती ससंध्य पायुडायनी पिराधिनाथी छ्यानो अथवा घराऽवानो प्रयत्न, उत्साहागी 1913. 5890 : Where there is will, there is way?. हरण गरभीनां सीधे, वातावरणामां जारी होय मने परसेयो डहार्य यधारे थाय, तो तेर्भा नुडसान शुं छे? परसेवो पधारे थपाथी शुंभाएस मरी काय? "भाश नाशपंत शरीर जातर, मारे मसंज्यपायुद्धायनां ब्जयोनी विराधना ग्नटीन्श्यीमायियारीने, नुपनल पंपानी त्याग डरनारां मेवां द्या सुनावडो प्रलुना शासना, खारे पटाविद्यमान छे. "मायां प्रापऽ रत्नोमां, मारे पए मारे नाम नांधाधुंछ "खापो शुल पियार झुंतमने नथी नगतो? हुमाएगा सुपी लले नयी नग्यो, परंतु, हुपे पछी मुलगशेरसार नगशे तो ज्यारेमा लवमांसापता लपमां? सत्य स्रोछु पडे, सत्पनी ड्याशथी हाय पंजो यात्लुडपातम तैयार थामी, तोपए, घरे मथवा सोहिसे माप्यां जा, जीनुन भीनीटे, तरत ने तरत, पानो या डरपानी र रघरे मद्यपा खोहीसे पहोंयती येणामे, रस्तामा ट्राईीऊमां ने मटडी गयां होत सने पप भीतीट ले भोडं थयुं होत, तो गरमी सहन रवानां न हुतां ने.... KOKUYO W-N82800 Page #108 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०४ तो पछी, पंजानी स्वीय, तरत ४, 'शा मारे यालु डरी नाजो? गरमी सहन थती नथी डे पछी गरमी सहन हरवी नथी? लूतझणनां, नरम्नां लवमां, तो खानां डरताय, खनेङगजी गरमी खायो सहन डरेस ४ छे. त्यां घं सहन डरयां छतांय, होर्ध विशेष साल न थ्यो, डारए डे, त्यां नरकमां, पराएो समभुग दिनां, मन जगाडीने, गरमी सहन रेल छे. नरहनी गरमीनी सामे जहींनी गरमी तो, दुर्ध ४ न उहेपाय नहीं खा लवमां, थोडुं सहन ङरयां छतांय, साल घलो भणे, अराएग डे, सामे यासीने, भुवध्यानां जाशयथी सहन उराय छे खेटले हुऐ नही डरो दे, ઘરમાં આવ્યાં બાદ उम से दुभ १५-२० मीनीट मारे, गरमी सहन डरपी छे खने पंजो यासु नथी उरखो. झपशे ने , परसेवो वधु অ पडवाथी शुं भरी न्याय ? अत्यंत अनिवार्य होय ते सिवाय पंजो यालु डरखो नहीं. पंजो , त्यारे या, सीधे-सीधुं 4-5 नंजर उपर न यालु थाय, राजधानी न३२ शुं छे? पंजो यालु दर्या जाह, 10 मीनीट पछी, शुं तमे पंजो बंध डरी हो छो पड़े पछी यालु ने यासु न रहेवा हो ? गरमीनां अयगे, पंजो यालु य जाह, १०-१५ भीनीरमां तो वातावरण खने शरीर जने हुँ पड़ी गयां जाह, तो हुये, पंजो जंध डरी नांजो तो थाली राडे. परंतु, भुवध्यानां परिणामोथी हृदय लावित थयेलन होवाथी, खेड पजत यासुं य जाह, पंजो यासु ने यालु ४ राजधानी ४३२ शुंग छे ? तेथी, ४३२ न सागतां, तर, पंजो डे से सी. नी જયણા ..डरपी. जिनकपुरी खेड मीनीट माटे पए। पधारे यासु न राजवा. पंजामां थती वायुडायनां भवोनी हिंसा डरतांय, खनेङगली पधारे विराधना तो, A. C. पापरवामां थाय छे. झरएा डे, पंखो पापश्वाथी, मात्र पंजानी खानुजानुमा रहेल पायुडायनां भुवोनी न विराधना थाय छे. परंतु, A.C. पापरपाथी, संपूर्ण इममा रहेल, यवननां भुवोनी विराधना थाय छे. डारएा डे, A. C. ना माध्यमथी, पूरा उममां स्हेल स्वालाविङ पवनने ठंडो डरी नांजपात्रां खाये छे. तेथी, A. C. नो डंडो वायु = परडाय शस्त्र श्ये जनीने, पूरां इममां रहेस वायुनां भयाने डिसामना यहोयाडे छे. (4) स्वाला हेरासर - उपाश्रय, घर- - खोइिस खथवा जभरमा नपरां जेहां (5) Page #109 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. Date होय त्यारे , 'मारे बहारो घणो धाय छे", "माले सरत मानो - जो प्रयन माये छे"मारे तो पपन छेन नहीं मेरले पदार्थ गया' विगेरे मुश्तीस पाध्य प्रयोगो, नडामा ऽरपाथी, मसंज्य पायुजयना ब्जयोनी, मनुमोहना द्वारा, विशपना धाय छे. तेथी, मापांपाज्य प्रयोगो डरतां सरापुं. ठंडा पपननी प्रशंसा नज्राय सने ने मापतो होय तो पा राय गमाऽाय नहीं (मनी) ण डोईपए पस्तुस्रो, परस्पर लेतां सद्यया भूतां, डाय नहीं. वस्तू दीने लेताम्हता , ससंध्या वायुडायना पोनी पिराधिना थायछे. खासमांथी पाएगी पी होय, तो उपरथी मवर रीते, पाही पापरघुनही तेथुरयांन्तां ससंध्य पायुडायना जुवोनी पिराधिना थाय छे. लास भोटे बगाडीने, नीयेथी, पाएी पीयां जा पए, खास तरत उपडाथी मूंछी नांजपो पडे. त्यारमा, सूंछवाथी लीन थयेब सहावी हे पडे मने सूहाई तां तरत होरी उपरथी उतारी या तमाशं डोईपए नानां 3 मोटा. पस्तो, होरी उपर सूडाप्यां जा, सूबाई तां तरत* व खेपां नेई. पस्तो सूडा गयां होवा छताय साणा नर-दु-र पुमा सुधी, पपना ने पपनमां ले श्रइरतां रहे, तो ससंध्य वायुडायनां पोनी मिनहरी पिराधिनानो घोध लागे छे. ( ण सांसारिऽ प्रसंगो, भपिसाहि प्रसंगोमा पए, ताणी पडायनहीं. ताणी पाडपाथी पए, नसंध्य पायुडायनां शुपोनी हिंसा थायछ. सेन रीते, मोठाथी एक पाभराय नहीं. ( ट्रेननी मुसादी उरपा उरताय, विमान- प्लेननी मुसाइरी उश्यामां, पायुडायनां योनी पिराधिना पपारे थाय छे. तेथी, शड्य बने तो, प्लेननी मुसाइरी राणपी. (एर घ्यारेड सायही साकुष्मान्दुमा हेव डीडी मद्यपा घृण-ज्यरो परेने र ने उरष होय तो, मोटा द्वारा डू भारीने दूर न उरष. परंतु, सुडोमण साह, यरपणो , पंछी मधपा शासननी मागगनी सुडोमण सीमोथी , धीरे-धीरे जीने दर उरघु. इंदु भारपाथी, मसंज्यपायुडायना योनी विरापिनानो लागे छ, डारणा , पृथ्वीडाय, सपाय सने तेउडायनी न्म, पाउडाय (पायुडायामा पए, माछामा ओछी पिराधिना , असंध्य पोनी चाय छे. KOKUYO W-NB2804 Page #110 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (109). या घटीपार बहेनो, नीनांडपडामोने होरीनी उिपर सूयतांपूर्व भने सूडाई गयेला पस्मोन संडेमता पूर्वक पस्नोनेारथीसारपान रेछ. घायां प्रापडो पए, सामायिट - पून-प्रतिमाह डा ना, धोतीनी घडी पाणतां पर्ये-संदेखता र्षे, धोतीने रयी- । शारऽपानुं डार्य रे छे. परंतु, ते उथित नथी. डाराडे, पस्नोने नेरथी मारऽपाथी, ससंध्य पायुडायनां पोनी पिराधिनाथाय छ मने सा रीते पस्तो शाहयायी मापां हयनां परिणामी पए, -, धीरे-धीरे उरीने डोर बने छ. ( पानमा पायुद्धायनां जपानी direct महापाnairect विराधिना. यती होय, तेपी इंटरी अथवा भिसाहि प्यवसायमा, श्रापडोमेलेडायुं नहीं. ते उपशंतभां, मां मोयं पाये,पायुडायनां पोनी विराधना थती होय, जेपी डंपनीयानां शेर माटि पहा नायडोरमे जरीहया नहीं. डाराडे, मापी ठंपनीसोनां शेर परीक्षा मानधी, ते डंपनीमां थती पायुडायनां योनी तमाम विराधनानो ऽ (सनुमोहना नां माध्य, शेर मरीनारने वागे छे. ( पाधोयेला पस्तो प्यपस्थित नीयोपीने सहयषा. जराजरन नीयोपाय, तो पस्नो सडातां पार लागे छे. तेथी, पपनमांधारे सभय र धवाथी, पायुडायनां लुपोनी विराधना पधूथाय छे. (पडामा नायडोगे तो पोतानां घरे, शोज जातर, हीयहो एम्लो) जेसाडीने , तेमां हीथडा जापानां पापभां न लेडापाय. हीयडो मायाथी ससंज्यन्मसंध्य पायुडायनांनुपानी लिननइरीहिंसानोरा हिंसाशी नयः हीयहार्नु पाप-'अनर्थहंऽर्नु पाप' हेपाय. पायो जे प्रहारना छ : अर्थऽना पापो, रामनर्थडना पापो. ने पापोनं सेपन हर्या पार थालीन न राडे, जने नछूर हरयां न पडे, सेवा श्री क्षानां पापोने "सर्थहंडनां पापो' हेवाय. + पापोनां सेपन पिनां पए। लपन नुपपाभां डोर्छन् ताली न पडे , life style मां सराय disturbance न थपाjोय छत्तीय, मानने मात्र, मनोरंशन मथपा शोज जातर हे प्रसाहनांसीधे सेयातां होय, तेषां पापोने 'अनर्थहंडनां पापो' हेवाय. श्रापानां सतियारोमां, श्योहसे 2 मोटाता होय छे, तेमा पहा, अनर्थनां पायोनां पिलागभां, हिंयोणे हिँय्या' से Page #111 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Patos . Date ( ण लाप्रमाणे, मानो समापेरा हर्यो छे. महंडनां पापोर्नु सेवन तो अनिवार्य - गरी होपाथी, ते पापोथी हायटीन शहाय, हुन समन शहाय छे. सेवां पापोनो ऽ पाएग मात्माने सोछो दागे. पिरंतु, मनऽनां पापोन सेपन तो जिनपरी होपाधी, सात्माने मधनी मोरी नुडसानी पेहपी पडे छे. शंयालरो? घरमा पोतुंभारयाना सीधे लीनी थयेल वाहीने पहेटी तडे सूडापवा भाटे अथवा उठाणेल पाएगीने हारया भाटे, साठे यां घशेमां, speciबाद पंपोजा उपर रे थाहरी हेपाय छे, ते तद्दन मनुथिताछेऽला रामापो. ठिाणेj पाणी वापरीखे मने जीन ना, ते पापीहारया भाटे, लिनकारी ससंज्या पायुडायनां अयोनी हिंसा थाया, तेजडेरठ्ठयित हेपाया धोपायेसां लीनां पस्नोने सूझापपा माटे पग, घणां घरोभा डpedia पंजो सारे याप्नु राय छे, ते पाठयित नधी. तेथी, शध्य बने तो नापणा घरमां यायती जिनवरी ससंध्य पायुद्धायनां योनी हिंसाथी , पहेली त छूटी कई तो सामु. . माके घा घश्नां रसोडाभां तया जाथइभमां, गरम हुपा तथा जशन स्मेलपागी धपाणी पाने महार इंडपा भाटे, 'exhaust Fan' नो उपयोग थाय छे. तेनाथी, जिनवरी पायुडायनां मसंज्य नायोनी हिंसा थाय छे. जेहरद्वारीधी मा exhaust fan सतत यायु रहे छे. सने विराधना तथा ऊर्मबंध पाए तेनां सीधे संततयारहे छे. भाटेशड्यहोयतो, सायांr exhaust fan ने डढावी नाप्नवा.खने नयां तो ज्यारेया महानपाववां गहिनाझपरो ने? थोडां वर्षो पूर्षे, आexhaust fan नी झ्यारे शोध नहोती घर्ष, त्यारे ते पजतनां लोडो शुजरता हशै? मा. अधी, विशधनापाणी पस्तुमानां पपराश यिनां पए, मस्तीयी, प्रापड- श्राविडास्रो, नुवन , को थोडा पर्षो पूर्व याली शहतुं हुतुं, तो तेनां मलाये, हमएां शा माटे नवीन शहाया? रा प्रयत्न तो हरी नुमो. डोईर यांधो नहि मापे तेनी जातरी. जाडी मा मिनरी विराधना लेनापए घरोभां यानुरहे तो लिनवरी, दुर्मधथी लारी थने आपण खात्माने दर्शतिर्मा नपुं पडे. याल? मसंन्य जिनहरी पायुडायनां न्नुयोनी पिराधिनाची जयपा भाटे, पसो सूइयती पूर्व अधया पस्नो स्टायां जा लेती पटो, वस्त्रोने १० KOKUYO W-NB2800 Page #112 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (१०८) क भेरथी 1 अरडाय नहीं + से तो खायएगे वियारी गयां. परंतु, सूडायेला वस्त्रो घेरी उपरथी लेती बजते पए। पस्त्रीने जेयीनेंभरडो मारीने सेवाय नहीं खा डाजभ भे न राम्रो, तो भेरथी अटडां-पूर्व हरे हरेक वस्त्र होरी परथी लेती वजते, हरेड वजते, खसंज्य- असंज्य वायुडायनां भुवोनी विराधनानो दंड खायला खात्माने तथा खायां समग्र परिवारने माथे या लागे छे. तेथी, सूअर्ध गयेसां टुथडां, डां-पूर्व जेंथीने लेवाने जहले, खामगां जने हाथोनो उपयोग डरीने, खेड हाथथी हजवारायी वस्त्र पाणषु खनेः सभि जीभ हाथे सर्ध सेयुं खारीते उरपाथी, असंख्य पायुडायनां भुवोनी विराधनाथी जयी शडाय. झपशेने? "खाने सरस मभनो इर्स्ट डलास पवन खाये छे, खाने हुवा जापानी मन खाये छे? - वगेरे वगेरे पाय प्रयोगो वाली द्वारा उच्चाराय नहीं, अथवा मनथी पए। वियाराय नहीं. खात्म भगृति यूडीने भे जाएं जोलवां गयां डे विचारयां गयां के मनथी गभाडयां गया, तो सुसवारा पवनने सीधे घती, खसंख्य पायुडाय भवोनी हिंसानो हंड (अनुमोहना द्वारा) खायएगां खत्माने लागी भय छे. सुसवाटो पवन बहुतो होय; त्यारे राम थयाने जहले, थती असंख्य पायुडायनां भुपोनी हिंसा प्रत्ये, हृध्यमां ऽरुणांनां लावो खने लागलीनां लायो लापवानां (20) (27) उनाणामां, जास ठंडा पवननी हुवा जावा माटे, सांन्ना समये, कुहु योपाटीनां हरिया किनारे इरषा कषाथी पड़ा, जिनकपुरी खसंख्य वायुअयनां भवोनी विराधनांनो दंड, खामगां खात्माने बागी भय: समलावे, जारो - गरमी सहन दुरपाथी, र्म निर्भरा थाय खने जीभ जावु, special ठंडी पवन जावा माटे मे sea-shore भप, तो खात्माने दुर्मबंधथी लारे थयुं पडशे. शुं डरपुं छे ? शांतिथी विचारभे. (22) खाने घएगां सोडो, ट्रेन, बस, पाहुन द्वारा मुसाइरी वजते, जारी पासे1- window seat साटेनो खाग्रह राजतां होय छे. खानां द्वारां असंख्य पाउडायनां भयोनी विराधनानो दंड लागे छे, खने भवहिंसाने पुष्टता ज्याय छे. उपाश्रय, हेरासर वगेरे धर्मस्थानप्रेमां प्रतिकमा - व्याख्यानाहिमां जैसवा माटे, हवानी खवर-वर पा f Page #113 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. (A00 Date (23) प्रथया अनुण वातावरणानी श्यामोनो रेखाग्रह रमाय छे, ते पा योग्य नथी. मने मानां उरतां खागण पपीने, स्माल, मुहपत्ति, छापा, जु' विगेरेनो उपयोग हवा-पंना तरी, हवा जापा माटे रातो घीवार नेपा भने छे, ते तो जिसकुममयोथ्य छे. हाध्यासने छोडीने, मापए मनने-सात्माने, नुपच्या प्रेमी जनायपानां छे. माशुपन माटे पंता, A.C. नो त्याग डरनार, पू. साधु-साधीन लगपंतोनो पियार दुरशो, तो थोडं सहन डरयामां ओठ र मुरली नहीं पडे. Ambalance जोसावीने तभने हॉस्पिटलमा जस पए या नहीं पडे, तेनी जातरी. शपशे ने! धएगा संघमां, रीटा थयेलां, समुङ भोटी उभरनां लाईसो, राईम-पास भाटे तथा हुचा जापां भाटे, संघनी पेटीमांमधवा पेटीनी जहार, उपाप्रयनां उम्पसमां, खावीने गप्पां भारे छे. सापांभइतियां, श्रापोन्डाडामो, उपाश्रयमा माये छ, तेनो पांधो नधी. सरे, गप्पां मारे छे, तेनो पा पांधी नथी. परंतु, संघना जये यासतां । सार- पंपादिगा यपराश हरयां द्वारा, मिनरी मसण्य पाडायतेउडायनां नि षन्पोनी विराधनामां ने डाय छे, ते यित नथी. | तैषी, सापए निमित्ते, संधनां उपाश्रयाहि स्थगोमां, जिनपरी स, साईट 3 घंपा पगेरे द्वारा विराधना न धाय तेनी प्रीडाणा वी. मा डागणुराजयाधी, संघk जिनपरी स्रए सापां भाथे न यढे सने असण्य डेन्द्रिय जुषोनी लिननरी पिराधिनाधी. पएा बयी नपाय छे.. :पाडाय पनी पिला समाप्त (THE END) : हुपे, पनस्पतिडाय नुवनी पिलाग श३ (START) KOKUYO W-NB2804 Page #114 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. Date 610 पनस्पतिडाय एमेन्द्रियनो पायमो प्रहार) पोतानो मोरामणपाधी पधपुंसने नगपाधी, रमाई घु, पगेरे घए प्रयोगो, हुनियानी भाभे राजीने,मारे विज्ञानिहो पा पनस्पतिनेनुप तरी भाने छे. प्याध्या: पनस्पति द्वारा मनुं शरीर जनेतुं होय, तेषां गुयोने वनस्पति डायनां जयो' हेपायःपनस्पतिडायनां मुण्याजेले छे: () प्रत्ये पनस्पतिडाय सने साधारण पनस्पतिलाय. pिriety नी अपेक्षा पियारीये, तो मा हनियामां, बीन तमामे तमाम जपो रताय, सहधी पधारे varietपतो, पनस्पतिनी नियामां नेया मगरो. डाराडे, तमाम प्रडारना इगो तमाम प्रडारनां झूलोक तमाम प्रहारनां मना + तमाम प्रडारनां शालानुसओ + तमामा प्रडारनी पनौषधिरत्री + कडीप्लुट्टीमो न तमाम प्रहारनां भूगी ,सीमा , शेवागाहिनो समापेरा,मा पनस्पतिडायनी दुनियामां थाय छे. तेथी, सौथी वधु variety तो, खापनस्पतिडायनां नियोमा म छे. पनस्पतिझायनां मुज्यले प्रहार प्रत्येड वनस्पतिवाय या साधारहा पनस्पतिडाय हा.तः तमामे तमाम प्रडारना इणो, लो, शाडलानुमो, खनाने, पनौषधिखो , कुडीयुहीमो , पृक्षा, थऽ , मोटी डाणीयो, नानी डागीयो, पृष्ठना भूणियां , पृसुनी छाल, पांडामो, गनी छाल, जी, घाप्त , वेलडी, डाष्ठाबाईंग, भूण पोरे पोरे ..... प्रश्नः जेड पक्षमा हुनरो पाहsi, ण, फोरे पोरे होय छे, तो मेड शरीरमां मने जुप शुंग थाय? वाला नेम तलसांऽणीभां प्रत्योऽ तल, बसगासलग छसने मानी तलासांठणी सेड , तेम, भूग,था, इण, इल, पांडां-हरेऽनां KOKUYO W-NB290U Page #115 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. Date लयो मलगन्मला होय छेसनेमामां मुनो, पृसुष्यापी अय से न होय छे. म न घरमां, स प्यतिमोसाधे भणीने रहेवा छतांय, नुय तरी तो जधांडलीश्चयी गुन्य छे, से रीते, भेपृसुने साम्रय ३पे उरीने ण, न, डाणी माहि જુવો એક સાથે રહેવાં છતાંય, દરેક જીવો એકબીજાથી જુદાં જુદાં છે. भारे, मेऊ शरीरभां खेऽ शुष हेपाय, पृसोऽनुकतरीडे , तेभर, ते.वृक्षनी छाल, रेऽ इण-झूल, पांडांसो, ऽणीमो, थs, भूमाहि तभाभे तभाभभा, गुद्या हुद्यां यो रहेमां छे. पनस्पतिनी विराधना • पिना, पोतानगनुपनं थलावनार,वनस्पति-नीलोतरीनो गुपनलर त्यागनां नियभवाणांयां साधु साध्वीनुनादृष्टांतो, प्रलुनां शासनभांरभगवत्यारीते, वनस्पतिनो संपूर्ण त्याग, सापपां पनभां, लले डायन थईश, परंतु, तेनी मिनरी पिराधनाथी तो अवश्य जयी शहाय छे. पनस्पतिमा गुपनी सिद्धि. गीशचंद्र बोठे, वनस्पतिमा नुपर्नु अस्तित्प छोपानी सिहि रेल होप छतांय, मानां नयां पियाशेवानां धां अवाने, तेनी श्रद्धा नधी अथवा तो असा होवा छताय नेमे तेवी दृढ अडा थती नथी. माटे, वनमा, पनस्पतिनां ब्लुघोनी, झम, लिनकरी पिराधिनासोज्थती मेवा भन्छे मापांकनुदिशाभीजानुयोने मेमनी लाघामां lonic सायेनां पुरायां मापीने, पनस्पतिनां जयोमा पण, माघी रेभ लागणीनी पोरे होवाधी, तुप तरीडेनी अष्ठा रखा माटे, समूह सत्य तो विधे तीये मुनमा आयो वियारी समे. पनस्पतिनां, मायस्पर्श हष्टांतो नहीने , माप्रसाश्चर्ययहित नयी घपार्नु, परंतु, नुवनभां मा वनस्पति शुवोनी घिराधनाने शड्य मेटली पघुमां पधु घाडयानो प्रयत्न रयानो छ. - पनत्तत्व: रेज्नुपनतत्व झापडामा पहीला छे, ते पनतत्य, पशु-पक्षीस्रोमां, डीडा-तुमोमां तथा पनस्पतिर्गमा पही रघुछे. मात्र यानो और छे, परंतु तेने महत्व शा भाटे मापयु? पी पनस्पति जेडेन्द्रिय छे, सलोम छे, छतांय ते भानपनत पर डेलो Page #116 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. Date गउिघडार हरे छे? ते, पोताना लोगे, मनुध्यने मोरा: प्रो पाडे छे, कही-टीजतनी मोघधियों मापे छेग्मनेत्तागीला सुंधर पातापर। जिई डरे छग नाम छताय, मनुष्य ने तेनां तर सहलायधागो नथाथ, तो तेनालेयो , भूट इतनी डोएर (प्रा सवस्थानोमा सामान्य रीते, यनमा त्रएा अवस्थासो होय छे: माल्यापस्था, र युपापस्था सो र पृद्धापस्था : मानहोय सवस्थास्रो, पनस्पतिनां लुपनभां, जरामर शहाय छे. ते त्यारे बाल्यावस्थामा होय छे सने तेनां मंगोपांगो विरोध अमण होय छे. पछी हाणामे, युवावस्यामां मापे छे , त्यारे तेनां संगोपांगो जरामर नीले छे ,सने योसमाहार धारणा उरे छे. मारीते, डेटलोड डाग प्यतीत थया पछी तेने पृढावस्था प्राप्त थाय छे मने तेनां संगोपांगी इश है वितघवा लागे छे. छेपटे ते डाणनां समाधित नियमने साधीन थई, भरए पामे छे भने, पोतानुं गुपन पू रे छे. भाग्मायुष्य मनुष्य, पशु-पंजी, योरे पंत म्राएसोने नियत सायुष्य होय छे, तेम वनस्पतिने पए, नियत मायुष्य होय छे. डेरली. यनस्पतिनुं खायुष्य ढूंदु होय छे, तो डेटली पनस्पतिनुं मायुष्य सांj उ घ याप्नु होय छे. नापणे सो पर्धनां उघश्नां मनुष्योने जोगवा निमितो ओडि मगे छे, पणु सो वर्ष जूनां वृक्षा हुन्नरोनी. सांध्यामा मगी माय छे. मसूरीनां वृक्षो 300-४०० पर्धनुं खायुष्य सहेसाईधी लोगवे छे. सलेममा मोतीप्या नामनां वृक्षो थाय छे,ते ०० पर्घy मायुष्य लोगल्छे. येस्टनरमा वृक्षो १000 प| सुधी अवे छे. प्रयागापासे लोयरानो वड १५०० वर्ष दुनो गएण्य छे. सने हवे तो सांज प००० पर्घ शूनां वृक्षो पए भणी मायां छे. शरीर स्यना: मनुष्याहि जयंत प्राणीमोने म विशिष्ट प्रडारनी शरीररयना होय छे, ते पनस्पतिने पग विशिष्ट प्रडारनी शरीररयना होय छ तेमां भूग, संध (थs), शामा, प्रशाजा, पत्र, पुष्य, इन माहि भने मंगो सवलढी शहाय छे. (पामाधुनिक पनस्पतिशास्नीसो उहे.छे ,' पनस्पतिनां भूणियां होकरीनु डाभ उरे छ, तेमां इश्तो रस सोहीनू अम डरे सने: पांडां इंसान स्थान सायपे छे.' डेटलाङ पनस्पतिनां मूगियां तो सेटलां शस्तिशाणी होय छे उ ते दूर-दूर पधराय छे मने त्यांधी पोताने तो माहार KOKUYO W-NB280U Page #117 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ग्रहटा दुरी से छे. खेड'बापणनां भूण ९ इटहर खापेटलांग पा सुपी पहोंच्या हतां मने तेमाची पापीयूसता हताः (द) विज्यात पनस्पतिशास्त्री शोमाने हां छेडे, “पनस्पति मने तुश्यनानी गोडयएनो पायो से छे. जनेना शरीरमा रहेला डोषो तपासीने. तो ते घणां मणतां माये छे.' शाखाहार : नयां शुपंत प्राणीमो याहारथी वृद्धि पाभे छे. अनेसाहारना खिलाये मृत्यु पामे छे. या रीते, वनस्पति पए, माहारथी पृद्धि पामे छे सने साहारना मलाये मृत्यु पाने छे. सेयात जरी छेडे, मनुष्यमने पशुम पसीखोनी पेठेपनस्पतिने मोढुन्डे ठर होता नधी, पहा ते पोतानां विशिष्ट विपरो छिद्रो) द्वारा साहार ग्रहुए डरे छेमने तेनो रसजनाची पोतानी समस्त अायागु पोषपूरे छे. केन्या वैज्ञानिक विमे पोतानां प्राीराष्य' नामनां ग्रंथनां सज्यु छेडे, मापएगी पेठे यनस्पति पा सयेतन छे. ते भाटी, पाएी एयामांथी हाईड्रोन, मोसिन , नाईट्रोजन पोरे प्राएपौघड तत्याने जयी ले छे. तेने जीतुमौनी ममी, होकरी होतां नथी, पए। नीयती पंडितनां तुमीनी रेभ, ते विपरद्वारा साहार हुए डरी, तेने पयाये छे..' प्रज्यात प्राएीशास्त्री ज्यारेलाये संयुं छेडे, “पनस्पति पोतानां सयेतन छोपडे मनी पार्थोने ग्रहए डरी पोताने जसे ते प्रडारना खाहार इपे परिणामापी ले छे. मनुण साहारथी प्राएीसोनां शरीर नीरोगी तथा पृष्ट रहेछे मने प्रतिगामाहारथी शेगग्रस्त तथा इश ने छे हुये पनस्पतिमां पए मान स्थिति अपाय छे. तेने खन्ग जातर-पाएी मगे,तो ते निरोगी रहेछे सने पुष्ट थायछेतथा प्रतिमाहारभणे तो रोगग्रस्त मने दृशजने छे. समुपपते समु प्रभाएमां पाएगी पापु पोरे ने नियमो माधयानां साप्यां छे, तेमां मुज्य पस्तु मा छे. माले प्रेतीवाडीनां प्रदर्शनोमा १२ रतसनो भूगो, १प रतलर्नु रीगj 3 रप रतलनां पपैयां भूडवानां मावे छे, ते नेम जाववा माटेके, मनुषण जातर मापीसेतो पनस्पतिनीडाया रखी, उहापर धाय छ । (10)| डेली पास्पतिनां पांडां डीडां, शेनियां, भानी पोरे तुमाने पडडी ले छे मने तेनो रसय्सी से छे. सेरा, खालन्ट्रो, पीजीखा, Page #118 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. Date -नोट्रेबुलेरिया पोरे मा जतनी पनस्पति छे. रताणुनां पांडां पिरो पए। साधु हेपाय छे. सेरानां छोऽयी सडधो ध्य ये भाजीने वडापपामां माये, तो थोडीपारभां तो पोतानां पांsiनां डांटते तर या उरीने, तेने पोतानां पंचमां सपडापे छे. () माझिानां भडागास्कर रापुर्मा, मेऊ पृक्ष'मनुष्यलक्षी' तरीडे मोगजाय छे. ते साथी इस झूट युं होय छे बने तेनां पर दुपारपाहानां माद्वारनां सांजांजपा होय छेनी धारोमां, तीए ईरोनी हार मायेसी होय छियणी; मा पृक्षने डेरलांडः तंतुस्रो होय छे. पानां बरतां होय छे. ने डोमिनुध्यालेने मडडे, तो ते..तरत यीणाई नयाछे सने बीनं तंतूम्रो पा तेना तरङ्ग घिसारो दुरी, तेनां शरीरे लाडो मई से छे. पछी, अनामनुध्य,घडतर घडेवायछे बने तेनां रासुसी. पांडांसो पाडांपणपा पागे छे. व्यारेते तहन नष्णु सापी, पहोंये छे त्यारे तेनां तीछा उंटडो, पेला मनुष्यमांशरीर पर लोंडापा लागे छे. सने तेभाथी रहत--- घटे छे, ते घड सने पांडांसी से छेमने तेने थोडी चारभां, | निपलनायी. हे छे. पटारे सेमिनुष्यनां रहत-मांस पूरा यूसाई नय, त्यारे पांडांम्रो इरी या थपा लागे छे, तंतुो छूटां पडे मने वृक्ष पार्छ मूण हालतमा मापी भय छे. त्यांना गली सोडो, डोपिए मनुध्यने प्राणपथनी शिक्षा रपी होय, त्यारे तेने मा पृसुनी मासे. टाये छे.सने तेनां थड तरह घडेली हे छे. मेटले, उपर दुखं तेम, तेनां वननो डिए संभमा माये छेडेटलाउ विटेशी. प्रवाप्तीसोये, या दृश्य साक्षात नेयंछे सने तेनी छनीमो पर्तमानपत्रोमां प्रहर हरेसी.छ... (१) निद्रा सने भनिशुपंत प्राएगीमोमां, निद्रा भने कागृति' सेजे प्रडारनी सवस्यानो नेपामा सापे छे. मायुं हुं पनस्पतिभा छ? तेनी उत्तर हुहारमा सांपडे छे. पुंसाड, खाजसी पोरे वृक्षोनां पान सभा पानते , जीवांरहे छे मने समुह पाजते, पूरे जीलेला होय. खाने, निद्रा तया नगृतिनो लाप समश्यो. पणी, सूर्यविटासी मण, राने नीडाई लय छे भने खिसे जीले छे. तथा यंद्रपिठासी मग? ने सामान्य रीते, कुमुए डे. पोयाए हेवामां मा.छे, ते हिपसे लिड़ाई जय छे सने रात्रे जीले छे. मेने पग, निद्रा खने भगृतिनो लाप સમજવો. અંબાડી વગેરે પુષ્પોમાં પણ આમ જ બને છે. વૈજ્ઞાનિકોએ नेवी नोंध उरी छेडे, मद्रासनां सनंतपुर हिलानुं, जरीनुं वृक्ष, KOKUYO W-N62800 Page #119 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ૧૧૫ मध्य रात्रिथी नीये पडवा भांडतुं रंजने बयोर पहेलां तद्दन सूर्य क्तुं पछी, ते ढीलूं थवा भांडतुं खने मध्यरात्रि पहेलां तद्दन टहार धर्ध तुं. बंगाणमां खेड जारेडनुं वृक्ष खेवं हतुं डे, के, रात्रे त्रा वागे तद्दन नीथे पडी क्तुं रंजने मध्याहन् पछी डीलुं थवा भांडतुं जने सांभ सुधीमां जराजर लूं धर्ध भतुं खाने पग, निद्रा खने भगृतिनो लाप समन्वो. : (१३) लय : भवंत प्राणीखो माटे खाहार, निद्रा, लय खने मैथुन - खे यार संज्ञाखो मोरी गाएगाय छे. तेयांधी, खाहार जने निद्रानी, वात उपर खावी गर्ध. हवे लया संबंधी विचार दुरीखे भ्यारे प्राणीने लय जागे छे, त्यारे ते हुंये छे, घशीवार, पीस पए। पाडे छे जने डोर्ध स्थणे छुपाई भ्वानो प्रयत्न करे छे. खामां, भुभुविषा खेटले भुवन-संरक्षागनी वृत्ति मुख्य होय छे. निरीक्षएा तथा प्रयोगोखे खेम जलावी खाम्युं छे डे, वनस्पतिने पण अमुङ संयोगोमां लय 1 लागे छे रखने त्यारे तेनां शरीरमां, अंतर्गत डेटलांङ ईश्झरो थाय छे. सम्भमगीनां पांडांने खापएगो स्पर्श थतां ४, ते खेडहम जीडार्ध भय छे. खाने लय संज्ञा समभवी. तेमां सभ्भ थए। भीश्रित होय छे. (१४) मैथुन : मनुष्याहि प्राणीखोनी पेठे, वनस्पतिमां पए।, मैथुन सेज्ञा भेवामां आवे छे. प्राचीन पुरुषोनां स्थन मुन्ज, खशोङ, जडुल, (इएएस, डुरजड, तिलड वगैरे पृक्षो, सालंकार नवयौपना स्त्रीनां पाध्प्रहारथी, तेनां भुजनुं तांबुल नांजपाथी, तेनां सस्नेह खालिंगनधी, तेन तेनां हावलाप उराक्षयुक्त स्वरथीर, कल्ही इज खाये छे. खाधुनिक युगनां पुरुषोखे, खा वस्तुनी, अन्य रीते, पुष्टि डी. छे. तेजो उहे छे डे, पुष्योमां - स्त्रीडेंसर जने पुंडेसरनी- रचना होय छे. ते जनेनो समागम थवाथी इतनी उत्पत्ति थाय छे. ડ્રાન્સ खने घटालीमां, पेसिस्नेरियां जने स्यार्धरेलिश - नामनां नजरोपासो थाय छे. तेनो समागम हेरत पभाडे जेवो छे. भ्यारे, नारी-दूल भजनी सपाटी पर खाये छे, त्यारे नर-दूल पोतानां रोपामांथी छूटुं पडीने तेनी पासे भय छे जने तेने खडतां ४ झटे छे. साथी, तेनो पराग नारी दूलमां पड़े छे. जीभ पाए। डेटलीए वनस्पतिजो विशे, खेवी डे खा प्रडारनी, हुडीङतो नोंधायेली छे. तेथी, वनस्पतियां मैथुन संज्ञा होवानुं सिद्ध थाय छे, खायी संज्ञा, चैतन्य शक्ति विना, डेभ संलपीराडे ? Page #120 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. 125) Date : : सपाडोध : डोडमा पृतना मनुष्यनो पंगलांगतां, टुंडार डरे छेक ते छोधनो लाक लायो.. . छा| भान : रुहंतीना छोडमांधी पाणी टपठे छे, ते सेवा भान महारथी डे, “सुपतिहि डरावनार छतां खोडो इजी हेमछ?' (स) भाया: घj दुरीने, सद्यगी पेलडीसो, पोतानां पांांधी इणने छुपाये छे, ते भायानो लापनायो (स) सोल: "श्वेतलानेटले धोको खाडो, पसारा सेटले जारी सने जितीवृक्षा पोरे पोतानां मुगलोयम रहेलां निधि तरइसजावे छेसने तेनां तरह-इलाई नया छताखोलनो लाप नएयो. सोधसंज्ञा: नलगो संदुर पए, टेशं डोडहिन लागझोडी, जहार नीऽणे छाते खोघसंज्ञानएवी. मयंया लाखो, गत्यां श्या नहोया छतांयायडवा माटे झाड, पासपोरे तर सहरीते, पोतानी भेणे वणे छेमने तेनां परयडे. छे, पीटगाय छेकतेोद्यसंज्ञा नापी (छा हर्घटली पनस्पतिस्रोमां, मठाणे, इशल जीती उडे छे, सकते हर्घनो लाप नएापो. एसा शोड : डेरली पनस्पतिस्रो , महाणे सुडापा लागे छे, ते शोऽनो - लाप गायो. . यशष्ग्रहाशस्ति : ल मने इंडला पोरे पनस्पतिसो, मेघाहनाधी पल्लवित थाय छेते राष्ग्रहएानी शन्ति समन्पी. पणी, पक्षा तया छोडपामो ऊपर, संगीतनी मसर थाय छेते पर शE ग्रहएर राति समक्षी खा उपग्रहए रातिः कुरजाति हो, सादांडार , नषयौवना स्त्रीमोना सानिध्यथी इण मापे छे+ते उपग्रहएराति समन्वी. (२) गंधग्रहए राति: इटली वनस्पति मेवी होय छेडे, धूपनी सुगंधधी वध छेनतेने गंधग्रहएएशहित समन्वी.(पा रसग्रहपारान्ति: जधी पनस्पतिस्रो, मगधी रसग्रहए। रे छे भने शेरडी नेवी डेटली पनस्पतियो, भिमांधी, भधुर रस, विशेष प्रडारे ये छे+ते रसग्रहएराति समन्वी.. (ड) स्पर्शग्रहए। राति: पनस्पतिने सडतां, तेनां शरीरमा स्पंहन धाय छे सने सनयंती पोरे संडोयाई भय छे+ते स्पर्शग्रहए सहित सभापी. () रोगः नेम नुपंत प्राणीसोने, दुही-ट्टी भतनां रोगो लागु पडेछ, KOKUYO W-NB2804 Page #121 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भने ते योग्य उपयारोथी साराथाय छेतेन वनस्पतिने पए, टीगुटी तनां रोगो लागु पडे छ भने ते योग्या पियारोथी. सारा थाय छे. राणा रनी मसरा पंत प्राणीमो उपराछेरनी जसर. महनी थाथ छे, तेम वनस्पति उपर पए जह भी थाया छे. तेनां मनमां थानी खासपास, समुह प्रहार र रेडात, ते सूहान्निय छे, खेटले, पोतानो प्राए त्यो छे. पहेला, सौराष्टापोरेशोभां, हायतियां थोर घयां थतांपरंतु मे प्रहारनी हया छोट्याधी, भेनी माजी नतिनो कालगनारा थर्ड गयोछे.. (रणा महान वैज्ञानिक श्री. काहीरायंद्र जोश हे छे , " सापही पेहे, पृक्षो पोरेग्यनस्पति पए, टाढथी रीमुहालयाय छे भने इंट्थीरतेनुमा माये छे घरोपमा पर्योधीपधारे ययण थाय छे मथवा धेनमा पछेजराणाहुवायी गगाई भयछे; अतिश्रमी थाही लय छे भारयाधी पीडाय छे। नेशन डरनारी ध्याथी मृW पामेछे पीणीथी विशेष ययग घायः छ परसायी सुस्त थाय छ, सूरनी रोशनीधी स्मृतिमांमाछे सने मेरजणात्हारथी प्राएा त्यछे छे. पृद्धि-सय, सुमन्ज , राट-तडडो, थाऽ- माराम, निद्रालगृति से सर्प, आपली मा तेस्रो प्रट रे छे." पनस्पतिमा नुको जुषनहोवानी मापी ग्यधारे सामीतियो जीन नेईनेता पनस्पतिशाय(भुज्यले सार) प्रत्येक वनस्पतिडाय साधारष्ट्राज्यनस्पतिजाय , Page #122 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (११८ + No. ॐ प्रत्येक वनस्पतिडायनां नक्षत्रो : ने वनस्पतिनां पांडांनी नसो तथा तेनां स्टुंध - शाजाहि कोरेनां संधिस्थानो खने पर्यो स्पष्ट भेर्ध शडाय छे, 4 भेने लांगीखे तो जे सरजां लाग थतां नथी पए। वांडायूंडा डे जांयावाला लाग थाय छे, नेने लांगीखे तो तेमां डोर्धने डोर्घ प्रभारनां तांतएगां गाय छे, नेने छेहपाथी ते दूरी उगती नथी. खा सर्वे प्रत्येक वनस्पतिअयनां लक्षगो छे. Date संसारमा रहेल, संसारी भपोने, उहाय वनस्पतिनी विराधना डवी पडे, परंतु, बिनभ्३री वनस्पतिनी थती विराधनाथी जयपु होय, तो जुंशीधी जयी शडाय छे, लूतडाणमां, खायगे खनंलोडा, खा वनस्पतिद्वायमां न पसार डरेलो होवाथी, वनस्पति उपरनो सहभ राग खायएगां अंतरमां रहेस होय छे, तेथी, लीलोतरीनी विराधनाने → छोडवा मारे, घटाडवा माटे, भुव नल्हीथी तैयार न थाय. : -: सवित्त-जयित्त खेडया वनस्यति खाहि भुपोनी हिंसा डरवानी र्धरछा न होय, तेनुं नाम 'श्रावङ' परंतु, संसारमां न्वाजहारीजोनी वय्ये रहेल श्रायडे, खमुङ हिंसा तो एरवी व पडवानी छे. जा शरीर रडायचा भाटे य वनस्पतिडायनी हिंसा तो डरपी ४ पडशे. समदु - - विवेडी श्रापडने वनस्पतिनी हिंसा हाय दुरवी पडे, छतांय तेखो सथित्त पनस्पतिनी विराधनामां तो न ४ भेडाय. अयित्त (भव रहित) अवस्थामा रहेल वनस्पति खहिनो उपयोग डरवाथी पहा, आत्माने भवहिंसानो दंड तो लागे व छे. परंतु, खयित्तना जहले सयित्तनी विराधनानो दंड, खनेगयो पधारे जागे छे. तेथी, भूज विधिखे, श्रावडी सयित्तना त्यागी होय छे, परंतु, सचित्त होने उहेवाय जने खयित्त होने दुहुवाय, खे पायानी समझा। पिना, सचित्तनो त्याग न डरी शडाय. तेथी थासो, होनी दुर्ध सम४ए। सहखे जने सयित्तना त्यागी थपा द्वारा, ज्ञानी लगवंत मान्य, श्रावनुं जिरुह भेजवीजे. KOKUYO W-N82300 Page #123 -------------------------------------------------------------------------- ________________ A2G नेमां' 'अप' होय, ते 'सयित्त' उहेयाय खने नेमा 'भुव' न. होय, ते 'खयित्त' दुईपाय. स सहित |ख = રતિ , 2 5 यित्त = भुव : भुव सहित अवस्था : चित्त = भुप :: भुव रहित अवस्था = (१) घ ं, जाभरी फोरे खाटो थापाथी, शेडवाथी डे रांधवाथी खयित्त जने छे. धागा, भुरुं, सुवा, जन्मो वगैरे जांडवाथी के खग्निनुं शस्त्र जागवाथी खयित जने छ. परियाज़ी सूडी होय तो ते पा शेडवाथी खयित्त जने छे. (2) (2) थोड, जडी पाएगीमा उझणीने सूझववाथी खयित्त जने छे. लीलां हांतए। सूडां थवाधी खयित्त जने छे. सीमडानां पान उढीमां रंधाया होय तो खयित्त जने छे. सचित्त खयित्त () तुलसी कोरेनां पान गरम उझजा कोरेगां जाइयाथी खयित्त बने. डोथमीरनी यागी के दुहीनानी यरशुग्रीमां भीहुँ सयित्त होय, तो पहा, जंने खूज धूंरावाथी, परस्पर शस्त्र जनीने, बंडेय, जे घड़ी पछी खयित्त जने छे. ( जे घडी = ४८ मीनीट) (4) हाडमनो रस खने शेरडीनो रस, रस डाट्या पछी जे घडीखे खयित्त जने छे. खामां, शेरडीनो रस, रस अध्याथी ने प्रहर पछी अलक्ष्य थाय छे. पर्षीतपनां पारो, खा जास ध्यानमा राजवा नेपुं छे. डेरीनो रस गोटलो दुही पड्या पछी जे घडीने खयित्त जने छे ভে भंजु, रायए।, जोर, लीली जहाम, सीली द्राक्ष, जहाल वगेरे हज़िया डाट्या पछी, जे घडी जाह खयित्त थाय छे. पाडां सर्वे इजो नेवांडे, यीलडां, स९ररेटी, पपैयुं, सइरन्न, मोसंबी, सीहु, नारंगी कोरे जधां जी डाट्या पछी, जे घडी जाह, अयित्त थाय छे. खखरोट→मीं अढ्यां पछी जे घडी जाह' खुशित थाय छे. सोयारी लाग्या जाह, जे घडी जाह, जयित जने छे. गुंहर झाड उपरथी उतार्या जाह जेब घडी जाह खयित्त जने छे. जहाम, , पाडां डेजा, तुमची दुहां पाड्यां पछी, તરત જ सयित्त जने छे. श्रीइज (नाजियेर) नुं पाएगी रखने टोयहुँ जी डाट्या पछी, ,, जे घडी जाह, खयित्त जने छे. डायां सीलां इजो (डाडडी, डाथी डेरी, भमइज वगेरे) गांधी Page #124 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. ૧૨o, Date . . પાણીના मानीव डाठी नाजपा छतां'पए,जे घडी पछी पए, मथित्त था नथी. કારણ કે, તેમાં જીવ પ્રથમની માફક જ રહે છે, તૈથી તે ફળો એકાસણti વગેરેમાં અને સચિનનાં ત્યાગીને કહ્યું નહીં. કાકડીનું શાક બરાબર સીકવવામાં આવે, તો તે અચિત્ત બને છે. જામફળનાં બી ચૂલે ચડાવ્યાં બાદ પણ ગળતાં ન હોવાથી , તેનાં બી કાઢીને | બનાવેલું, જામફળનું શાક , અચિત્ત બને છે. બી. સહિત શાક હોય, તો અચિત્ત ગણાય નઠ્ઠીં. તેજ રીતે, ગોટલો જુદો કર્યા પછી, કાચી કરીને અગ્નિનું શસ્ત્ર આપવામાં આવે, તો તે અચિત્ત બને છે. જ્યારે ,. પાકાં ફળો , બીજ ૨હિત કર્યા પછી, બે ઘડી બાદ, અચિત્ત થાય છે. - (6ી સાકર અને રાખનું પાણી, બે ઘડી બાદ, અચિત્ત બને છે. - ત્રિફળા ચૂર્ણનું પાણી પણ બે ઘડી બાદ જ અચિત્ત બને છે અને તે પછી, જેટલા સમયથી જ અચિત રહે છે, ત્યારબાદ સચિત્ત બને છે. બરાબર ત્રણ ઉકાળ લઈને ઉકાળેલું પાણી, શિયાળામાં ચાર પ્રદુર સુધી , ઉનાળામાં પાંચ પ્રહર સુધી , અને ચોમાસામાં ત્રણ પ્રદુર સુધી , અચિત્ત રહે છે, ત્યારબાદ ફરી સચિત બને છે . જો તે પહૅલાં, તેનામાં ચુનો ભેળવી દેવામાં આવે, તો તે પાણી, બીજા ૭૨ કલાક સુધી અચિત રહે છે. - (૧૦): કાળું મીઠું નવા માટલામાં ભરી, તેની ઉપર માટીની ઢાંકણી મૂકી, તેને કાચ ચીકણી માટીથી પેક કરી, કુંભારનાં ઈંટના નિભાડાની વચમાં પકવવામાં આવ્યું હોય કે સખત ભઠ્ઠીમાં પકવવામાં આવ્યું હોય, तो ते २-४ वर्ष, तेथी पए पधारे वाजत, खयित्त रहे छे. તાવડી ઉપર બરાબર રોકેલું કે ચૂલે પાણીમાં ઓગાળીને ચાસણી કરીને પકાવેલું મીઠું , ચોમાસામાં ૭ દિવસ સુધી , શિયાળામાં ૧૫ | દિવસ સુધી અને ઉનાળામાં ૩૦ દિવસ સુધી , અચિત્ત રહે છે. પછી ફરી સચના થઈ જાય છે. સંચળ અચિત મનાય છે. સિંધાલુણ, સિંધવ): --- અચિત મનાય છે. વીંધેલા મીંઢળો અંતર્મુહૂર્ત પછી (બે ઘડી પછી) વૃ8 પુરુષો આંચતપણે વ્યવહાર કરે છે ? (સેન પ્રશ્ન ગ્રંથમાંથી) (૧૨) લીલા ચણા , ઘઉં, મગફ઼ળી, પાપડી, બાજરી વગેરેનો પોક KOKUYO W-NB2800 Page #125 -------------------------------------------------------------------------- ________________ शेडेलो होय, तो ते मिप्र छनोटले डे, तेमांसयित्तपहुं होय छे.. माटे, सथित्तनां त्याशी डासां-जेसपा. डरनारने यपराय नहीं. लीलांया , घडं, मडाई चोरे बाइयां होय, तो ते सयित्त छे. सपिंग, सूडा भरी मचित्त छे. सन्मो सथित छे. सेहेलो अथवा वाटेलो मनमो होय, तो ते मयित्त हेपाय छे. - ( गुदाजहण सथिन्त होय छे. तेथी दानाहि सांसारिक-प्रसंगोमां, शज्य मने तो तेनो चपराश छोडी पो. शिसर- उपाश्रयमां, डोई विशेष धार्मिऽ , प्रसंगे, सघया तो पर्युपएमां नन्मन्वायन खाहिनां डोस विशेष मोर हिवसे, सधपा परद्योडाहिमां, गुवालणनो छटाप हाय श्रीसंघ उपर थतो होय, त्यारे पर, पू. साधु-साध्वील मधवा पोषार्थीसो अथवा सामायिष्याणां प्रापडो उपर, गुलालणनांनटीपांसो न , तेनी जास डाग राजधानी. तेस्रो, पिरतीमां- साप्राथिमा रहेला होपाधी, सयित्त प्यनो स्पर्श तेसो द्वारा न डरी शडाय.. (v)लाम डायां पाहीभां जनापेल छाश, लीलुर्नु पाएगी, तह-सपिंगसार पाणी, गोगनुं पाणी यगेरे सयित्त हेवाय. सा तमाम पस्तुस्रो, - डायां पाएगीमां जनेल होपां छतांय, जे घडी जाए, अयित्त थई ती होयाथी, पू. साधु-साध्वीने (ट भीनीट जाह) पहोशवी शहाय सने सोडासाहिमा अापडो पा पापरी शडे. खाजधांनो डाग, तेतेऋतुमा उडाला पाणीगी जाण ठेप्रमाणे होय, ते प्रमाणो समायो नोंधः सयित्तन्झयित्त मंगेनी माहिती, भात नापाथी लाल नथाय. परंतु, सोलुंपनमा समट राय, पनमा उताराय , तोक मात्मानेलाल थायः तेथी पेटनो माडोलरकामाटे सारोग्य। माटे, उद्याय पनस्पतिनी विराधना एरवी पड़े, तो पए, दुम-से-म सथित्त पनस्पतिनी विराधनाभां तो, हपे पछी नेडापर्दा नहीं. तो , होलुं-सालगेडं सार्थ सालित थर्ड राडशे ,, - सन्यथा नहीं. Page #126 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. (१.२२) Date कप्रत्येक वनस्पतिनी मिनरी विराधनाथी षयवाना उपायो: (स) शियाणानां यार महिना सिवाय, माडीनां माठ महिनां मारे, एयोमासानां ४ महिना कठिनाणानां महिना), डोयभीर माहि तभाभेन्तमाम लालुपालो हमेथीनी लान, तालियानी ला मादि) वापरपानो निधेध डरयो मे प्रलुनी माना छे. साघु नापा छतांय, मात्र रसनाने पोषवा भाटे, स्वाहनातर, साठे घi लोडो, शियाणा-सिवाय पहाडीथमीय साहिनी पपराश या राजे छे. सा रीने, पीने, प्रलुनी माज्ञाने तोडनाशंसोने, लवांतरमां, हर्बल ने प्रलुतुं शासन मने झापी प्रल्लुनी माज्ञा छरीते मणी शडे भेटले डे, न ४ मणी शहे. (छायाम गुयोनो, परलप संमंधी मायुष्यनो Gध, माया डरीने तिथिना हिचसोमां घयानी राज्यता पधारे होय छे. तेयी, तिथिनां हिस्सोमां, सहतर सीलोतरी त्यागनी, प्रलुसाना छे. सीलां शाइला, प्रेम तिथिनां पिसोभा न पपराय, तेभर, तभामेन्तमाम इण, झूट, डेगानं शाड, टाभेटर, तीजुनी रसादि पए तिथिनां हिपसे न पपराय. डारा डे, डायां-पाडां डेणां साहि, सा अधी पस्तुमोनो समावेश पए लीलोतरीमा थाय छे. शाडलान ने लीलोतरी गाया, तो शाडलान उरतांय पधुराग डरावनार, इण-घर तो महा-दीलोतरी तरी ही शहाय. सायुध्यनो बंधा परलप.संधी, सापही सारी जराजगतिर्नु नही थर्पना मेले , मापां संपूर्ण गुपन रम्यान [मा लप हरभ्याना, डोऽसए सेवी साये छेडे च्यारे साप परलपद्मायुष्य लंघाय छे. आयुष्य अंधाती पणते, ते क्षाए, ले सापां लाप साशं होय, तो मापतां लयमांसापाने सारी गति भणे छे मने ते क्षणो, को खापणां लाक मराज होय, तो सापता लवां मापी डोड हसड़ी गतिमां उत्पन्न पड़े छे. प्रायः हरीने, मोटांलागे, तियिनां हिपसोमां मा खायुष्य जपथपानी राज्यता पधुहोवाधी,, ज्ञानी लापंतोजे, तिथिनां हिपसे सीमोतरी पापरपानी ना पाडी छे. खापटो सनंतो लूतहाण, पसार थयेल छे, तेभांधी, घो मोटो डाण, सापटी खात्मा, पनस्पतिमा रह्यो छे, KOKUYO W-N82800 Page #127 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पारजित्पन्न थोर छे. तेथील यनरंपतिा प्रत्ये, सापां हथना सहरूपए गभापतानो परिणाम (शगा पर्ते छे. हये, तिथिनांटिपसे, ले मापणो रागपूर्व सीटोतरी पापरतां होईसे, सने ते सदए, माहुं मायुष्य अंधायामायुध्यनां बंध पड़े तो), तो , ठेवी मतितेपी गति' नां नियमानुसार, सावतां लवमां मापाने पनस्पतिनां लवभा ठोडा पडे. तेधी, सिथिनां हिपसे, युस्तपही वनस्पतिनो त्याग राजयो. () ने शड्या बने तो, स्पीयाणां सीमां शाड पए, तिथिनां पहिवसे वापरयानांराणांमने होणाहियामरयाथी, विशेष प्रभाएमा, पायु, पित्त, मेसिडीटी पोरे मोटी शारीरिक तहसीइ थती होय, तेवां जोडो उहाय स्वास्थ्यनी दृष्टिने, सूपही वापरे तो चांधो नथी. परंतुसापां डोपिरोष डारणा पिनाले माप तिथिनां हिवसे, सपी पापरयानं रानीखेतो तिथिना हिवसेपनस्पति उपरनो सापो राम घाडवानो तोऽपानो , ज्ञानी लायंतोनो माशय, न सयवाय. डाराडे, तिथिना हिवसे सूडपी. शा वापरती वेगासे, पापश्नारने तो नही 3 “हुंसीलोतरी पापरी रह्यो छुग सेवां लायो- परिणामो. उलां थाय छे, मेरो, सीलोतरी उपरनो राग तो डिलोप रह्यो ने? राग तोडवानां, जहले पधुतगडो थाय. जशीया पोरे इस्यानां स्थगोमां रहेस घास उपर यालयं, जेसघु सूर्यु नहीं. मरे । धासनेमडाय पए नहीं. पार्टी-प्लोट, ग्राउन्ड, मेघनाटिस्थणोमांसमनुष-विपेडीपापडोम्योतानां घरनां होईपए सांसारिक धार्मिड प्रसंगोमां, महापाराहि न गोडये. समजु श्रापठो मावी लूल पोते तो न न डरे, परंतु, प्रेरऽ इपेपनीने, जीतं पाले माया प्रसंगोनी गोहपाहि सपा नहीं. होऽनु सामंत्रए भणपा छतांय, माया प्रसंगोमां न्हवार्नु पापड टाणी हे छे. आरएडे, डोडे गोडवेसामापां प्रसंगोमां, हातरी सापपा भात्रधी पए, भोटां पाये थयेल वनस्पतिनी विराधनानी मनुमोहनानो ऽ सागे छे. जता कन्भेलांजाणता सुडोमण: शरीस्ना उम्परोड. पाटामां,मेड साधे, उप रोड धार्षिगती सोय लोंडपाथी, रे पीडा नानामागने थाय छ, तेनां डरताय सनेऽगणी पधारे पीst, घासाहि यनस्यतिना पोने, सडया भातथी, थाय छे. ने सडपा मानधी खा पीडा होय, 18) Page #128 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - जातो ते पनस्पति उपर थापयाथी, सवाथी, स्वार्थी हे शस्मडिया उरखांधी, पीडा पधारे खोछी पार्टी-लोटपोरे स्थगोमां तो थोडा-थोडां हिपसे, पुनडोरउराराहि शपीने, पनस्पतिने डापयामां पए। साये छे. या रीते पातi, खेडेन्द्रिय उपे रहेला, सेवां वनस्पतिडायनां न्नुपानी येहना डेसीखने डेपी शेपनस्पति उपर यासपाधी, निर्दोष पनस्पतिनां जयोने ज्यऽपानांडगे, लपांतरमा मापने परापनस्पतिना लपां न्यारे गोहपाई परी अन्यारेजमापी उपर शस्तो रियपाभां मापशे कारण तो त्या समाधिपूर्वमानाने शुजनापरी सही शडीगुं? (पी .वी. पर सथवा तो इन स्टेडियमेहने, हिडेट-मेय नेपाथी, घांनोटांप्रमाामांयती पतस्पतिशायनी हिंसानो पागे छे. . ग्राउन्ड पर छिडेट मेय रमाय छे, ते प्रेमा ग्राउन्ड उपर, धान रहेस होपाधी सतत पानार उमा सुधी, हिडेटरी हरां, खाधासनी उमर घोडाघोड उपाधी, पनस्पतिनां पानी पिराधिना धाय छे. ते संपूर्ण पिराधिनानो हंडनारासोने भाथे पहा लागे छे. डारहा, उरए, डरापमने सनुमोहन नयनां सरमण यां छे. माभेय रमतां पूर्षे, ग्राउन्ड पर, नही लेने, घास गाडाय छे मने त्यारजाई, थोडा थोडा हिपसे, ओलां घासने मुलडोझरना डरर द्वारा छापीने..... समतमा रयामांना छे.. पूर्वे हेदा प्रभाएो, धासने सापाभानी थती पनस्पतिनां योनी डिसामनानो हंड, शं नेनारामोने नमागे? जनता जावयां जयारेज़ानालीलीलपनस्पतिः पथरायली होय, याहील. स्टेशन, लशीयांटिवानां स्थगोमांरवा माटेन नवाय. या हरियाणी (greenery भाएापा जाना त्यारे, पनस्पति तां-नेता, मिनथी गमीालयसथवा पाशीयी जेनी प्रशंसा थाय तो, यी एामान्यीणां मोहनीय ऊर्भ धाय छे. गमाइती पामते ने माप मायुष्य बंधाया, तो योसपणे पनस्पतिनां लयमा होछाईयुं पडे. पनस्पतिनां नुवोने (टीवी हरियाणी) मेईने शनथवानुं नधी, परंतु, तमनां प्रत्ये या चितवयानी छे. पतस्पतिनां योने नेईने, रडतांक ये मापये पियारवान है, 'लूतडागनी डोड लूलने सीधे, या अयोने, यिनस्पतिनो लया मण्यो छे. रेलयमां, वृक्षां पांडां जनीने मानीयी , मानने भान धा वरऽयानुं मने ठंडी, गरमी, परनाहि तभान KORUYO W.NEZDOU KOKUYO W-N82800 Page #129 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Date - रिड हुमोने यूपयाप सहन दृश्यानुएमने सेना सन्म-मरहानी डोपिए नोधन याय. ऽयुं पाएं ज्यारे माप्युं मने ज्यारे, परी पथु, तेती नों पए नियामां डोई वा तैयार नथी. मावी निःसहाय मयस्थावाणां, या पनस्पतिनां लयभां, में पहुभारो सनंतो नूतडाग पसार र्यो छे, मने पेपर्तमानमां, ने मापनस्पतिने ऊने हुँ राधीश तो लयांतरभाइरी पार्छ मायनस्पतिना लयां मारे न्यु पडरो मारीते, पनस्पतिनां योनां दुम्जोने, नर साने लायीने, । यभा, तेनुपा प्रत्येारणांघ्यालाप प्रगटापयो, परंतु, राजुनां डिज्ने भधान रयां लविध्यमानायां प्रहारनो पनस्पतिनोलप मापौर भगशे, तो शुं मापही समाधि सति दुर्लल..... पसोडमाथी य्यपीने, घां पतामो, पानस्पतिमा उत्पन्न-' थाय छे. सही सापणी पृथ्वी पर रहेसां, साराभांसारां, Switzerland | माहिमांसाठर्घ मनमोह जगीयानो रताय, मनेगां पधारे। खाउछ , ननपनाहिनां अशीयानो पिसोडमां होय छे. हवेमा मायामोनी, डारभी मासहित, नेहेयोने होयाछे, तेवतामो, पोतानो लप पोरीने, पनस्पतिमा उत्पन्न थाय छे. - क्यारे विसोडनु आयुष्य,मात्र महिनाजाडी होय,त्यारे, हवतारमोनां गणामां रहेम झूलनी भागा, हुमए सुधी. उरमातीन हिती, ते ऽरमापा लागेछ, मानो ने हमसुधी पलारां नहोतीभारती, ते पए पलडारां भारयानुं शश्री हे छे, वीमो तरथी-- संपमानासहन रयूं पड़े छमने हेवीलोणतेमनी माता पाणपार्नु छोडी - हे छे. माधुंथपाथी, यो सपधिज्ञाननो उपयोग भूडीने, पोतानुमात्र महिनानु मायुष्य जाडी छे, मेलए छ. एये हमरो, वानो, शेडो नसयन्ससंध्य प?ना पोताना हेवमायुध्यमा, वनस्पति उपर, रे नंदनवनाहि उपवनो उपर, आरमी मासति उनी - डरी छे, तेने से शारडे , डायममाटे, छोडीने न्युं पडशे. मा पियार माथी पछा, यो सत्यंत हाजी-प्यधीत थर्थ जय छे, तीप्रसार्तध्यान डरे छे. छेटलां महिनानां मायुध्यनी सवधिोमोमा सोछी थती, भय, तेभ-तेम मार्तध्यान पधुने पधु तीप्रथतुं भय छे. सार मार्तध्यान सने पनस्पति प्रत्येना ममत्वलापमा रहीने, पर्नु परलयतुं मायुध्य पनस्पतितुं बंधाय छे. मेरखे, पलप पूरी यता, Page #130 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Dale पिनस्पतिमा उत्पन्न धाय छे. तेथी, वनस्पतिने गमाइयां फतां, खापटाने पण वनस्पतिनां मपमा होडाई क्युं पडरो. सुंझपरोयालरो? सनालनां छोऽथी, ए. छूटा थवा भानथी , ईमनान gi सयित्तमाथी अयित्त थर्थरतां नयी. परंतु, छोडमाथी ा थयां बाट, यूखे यठापपान माये अने त्याला प्रेशं सीधी गयां जाट, तेसनाने भयित्त तरी मोगमापी राहाय. सेटले, मनानी हुअाननी जानुमाघी पसार थती. पेणारखेडाननी लहार रस्तामा रहेयां, मग, घ, नुवाराहिमनारतां घमोतिपर पगन मापे , तेनी पूरेपूरी डागनरामवीर ने पगमापी न्नया, तो मना-३पे रहे,सयित्त पनस्पतिनी पिराधिनानो ऽ मागे छे. मा शसरमा सायियो हरयां भाटे पपशतां समुत प्योजाणतोअयित्त-इमेन होवाधी, तेने पडयाधी प्रथया पगनीये सापपायी पए, सयित्तनी पिराधिनानो होष न खाणे. डारए, गिर-स्पे झोतरांसाधे रिहेसांयोमाने सयित्त तरी हेपाय छे. परंतु, ते सिपाय, हेरासरे पपशतायोमां, तो सथित्त पे गाय छे.. . मेन रीते, पृदा उपरथी ल-पांड, जरी पडपांभाप्नयी, डाई सयित्तस्पे थर्छन्तां नयी. परंतु पृक्षा उपरथी परी पा जाह |पए कयां सुपी पुरता प्रमाणामां सूर्यनी गरमी उप शरत नसारो सथवा तेनी उपरथी दोडोनी मवरपर पूरतां प्रभाएमां न थाय सथया तडळांनी गरमीथी सूडाने पानडीमोड नथईनय सनेहाथे हमापका भाप्रथी, पापडनी मन्यां सुधी जडी. न पड़े, त्या सुधी, ते पांजडीमो- पांडांसोने , सयित्त तरीही शहाय. सेटले, रस्तां उपर रहेल पृपानी वाभांथी पसार थती पजते मधया બગીચાંદિ સ્થળોમાં , નીચે રહેલ સચિત્ત ફૂલની પાંખડી -પાંદડો उपर, लूलधी पए। मग न मापी गाय, तेनी डागलुराणपी. साभ, सयित्त पनस्पतिनी विराधनाथी नयी राहाय. (पण समत-विपेडी, प्रलु शासनने पामेला-समरेखां, श्रापठोने तो, भूण विधिने, म सथित्त पाएगीनो डायां पाएीनो) त्याग होय छे, तेम सयित्त पनस्यतिनो पा त्याग होय छे. तेथी, सन प्रसंगोमां सघया पोतानां घराति स्थगोमां पए, डायां सलाड, यूजर, | पपैयांनी डायी छीए, डायां राभेरा-छाडी, डाडडी माहिन डायु KOKUYO W-NB280U Page #131 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. १२० Date पाई शाङ एमपठया रंपायेडुंग कोरे वस्तुसो, सयित्तवनस्पति होवाधी, श्रापडोनेसहाने भाटे, तेनो त्याग होपो --- भे. मात्र तुलनां स्पा भाटे सघया तो खारोग्य प्राप्तिनां नाभे, साजधी सथित्त वस्तूसोनो पपराश, दुई लयित नहुयाय. उपर हीधेस आयाटामेशं, डाडी, डायु पपैथु. पोरे सभारया भाप्रधी सयित्ताइपे थता नधी. परंतु, छराधी सभाशया बाट, यूटा उपर पूरेपूरां सीडी लय मे रीतेयडापयाममाप्यां जारी, निमने सचित्त३पे ही शहाय मने पापरी राहाय. ते पूर्व नहीं. - जूनागढनांगसुयापिडा रभाजेन, पोनानां धरनां रसोडाभांवनस्पति सभारतां पूर्व, रडतां हट्ये, यांनभा सांसुखावीने, हाथलेडीने , पिनस्पतिनां निर्दोष यो घासे, शुभान्यायनां डरतां डहे छेडे, संसारमा पडी घुमेरलेन, खापनी पिराधिनामांभारे डायुं पड़े छे. ते बद्दल, मापनी पासे सुमायायना . हे प्रला साप मेषी पायरसापो के पू. साधुन्साध्वीजुनी म, हपए, पहेजी तडे, संयमानुपनासंगीटार रीने, साने माटे, लियोनी विराधनाथी नयी राई' खारीते, प्रार्थना डीने, रेड पणते, यनस्पति समारता पूर्व, तेनी विराधनानां निभित्ते, हिड पे, पध्यानी पेटीमांसमुङ रहम नाणी हे छे. पर्धनासंते, सा रीते माथबाते हमने, पध्यानां मार्गे यापरी नांजे छे. तभारां मेरियामां, मायां श्रापिडा महेनो परांडे नहीं। डेरलां मगर साधी नुपध्यानी घेटीसारलांघरोमां मासेड पजत, जे साध्वीलगपंत पिहार डरी रयां हुतांमने सयान: पामां डांटो लागी नय छे. डांटानी पीsi सहन ऽरतां, पानांयी डांटो नीडाणीने, वियार रे छेडे, "मारा पगमां से डांटो यागतां ने खाटली जधी पीडा थाय छे, तो पछी, गृहस्थोनां - घशेभां श्रापिटा महेनो , छरांनी धारदार सीधी, न्यारे शाडलाज समारतां हशे, त्यारे ते पनस्थतिडायनां ब्लुयोनी पीडा डेपी मनेडेली शेगासारखं पियारीने, तरतर, त्यांने त्यांना पूसापील से, तुपनलरमाटे, लीली-पनस्पति मेरने पीलोतरी (इणशाडला माहिनां त्यागनो नियम व सीधो. ५. साधु-साध्वीनुना मापां दृशंतोने नहर सालापीने, Page #132 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (૧૨ No. Date श्रापडोखे, पोतानां भुवनभांधी, 'प्रत्येक वनस्पतिडायनी विराधनाथी जयचा मारेनो राज्य खेटलो, वधुमां वधु, प्रयत्न पो भेजे. (93) खेडवार, सर्पहंसथी मूर्च्छित थयेस महात्माने जथायवा मारे, सारवार खर्थे, खेड वनस्पतिनां यांहडांरजोने नीयोपीने - सेय स्वश्ये जनावीने, शरीरनां अंग उपर - सर्पहंसना स्थाने, खौषधि इथे जगाडीने, महात्माने जयापपात्रां जाप्यां. महात्मा लानमां तो खाप्यां, परंतु, पोताने जयावयां, मारे थयेल, वनस्पतिनी विराधनानां समायारे 1. अत्यंत व्यथीत थयां, त्यारजाह, तरत ४, भुवनलर माटे, लीलोतरी त्यागनां पंख्य‌ाला ते महात्माने अर्ध सीधां धन्य छे ते महात्माने ! खाएंगे पाए। खा दृष्टांतनां माध्यमे, प्रेरणा लर्धने, वनस्पतिनी विराधनानुं प्रमाण, श्राप भुवनमांधी घराडीखे तो घालूं सारं !! (98) डोथमीर, मात्र शियाणानां यार महिनां माटे ४ जये छे. शियाणामां पा, धा, घरोमां, समानां जलाये अथवा भुलनां स्वाहने पोषवा माटे, हाणमां- डढीमा- टोडणां जांडवी - हहींवडां वगेरे इरसालोमा अथवा शााहिमां यए, डोथमीर उपरथी नांजपामां- ललराववामां आवे छे. ते उचित नथी. तेथी ने राज्य होय, तो श्रापडोखे, खा रीते, उपरथी नंखायेल डोथभीरपाणी वस्तुस्रोनो त्याग डरयो भेर्धसे, मेथी, सचित्त वनस्पतिनी direct विराधनानां होषथी जयी शडाय. साधु-साध्वीभने वहोरायवा मारे अथवा श्रायड़ोनां खेडासांहि तपमां पापरवा माटे, खा रीते, उपरथी ललरावेसी डोथभीरवाणी वस्तुखो न जपी राडे . यूले, यढी गयेल डोथभीर खयित्त थर्ध स्वाथी, शियायामां पापरी शडाय: परंतु, सचित्त डोथमीर शियाणामां थए। न पंपराय. (97) खाने खापगां घएां नैनोनां घरोमां, सांग्ना अथवा रातनां समय, पूर्व तैयारी इये, जीभ हिवस भाटे, शाडलाभने समारवानुं डार्थ जहेनो डरी नांखता होय छे. त्यारजाह, जीभ हिवसे, सवारेजयोरे, ते शाहलाभने यूले यढावी, रांधीने पयराय छे, ते उचित न दुहेवाय. डाराग डे, मे, हिवसे वनस्पति समाराय छे, ते ४ हिवसे, भे ते न पपराय खने मे जीरे हिवसे पपराय, तो ते पनस्थतियां असंख्य सूक्ष्म निगोहनी उत्पत्ति थर्ध भय छे. माटे, खेडवार छरो पगेरे शस्त्र लायां जाह, तमामे तमाम वनस्पतिने, खे ४ हिवसे पायरी नांखी पडे. परंतु, जीभ हिवसे न वपराय. डलींगर, पपैंयुं, KOKUYO W-NB280U Page #133 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Date ( ( प राधी माहिण-जय भाटे पए, गाना नियम माग पडे छे. तेथी, डलीार टूधी खाहि मधुपधराया जानेवधी पडे तो, मनुईपाहान डरी राहाय. परंतु, यधी गयेल वनस्पतिने ड्रीमा राजीने लीनं हिपस वापरी न शहाय. सांसारि जम्नाहि प्रसंगोमां, सम्ननां स्टेन्द्र साहि, लरयड सोथी सनपवामां खाये छे. लूटायी पए, खासनपटनी प्रशंसा पापी द्वारा नशय तथा मनधी गमाडाय पए नहीं ले प्रशंसा मथवा गमाडवानी लूलाडरो,तो सलपवा माटेपपरायेल, मोटो प्रमाणामां थयेस पनस्पतिनी-विराधनांनोडलाशी जय,छमनुमोहना द्वारा प्रापडोरमेम्पोतानां संतानोनां मनाहि प्रसंगोमा पए, सनवपा माटे या रीते दाहि पनस्पतिनी विशपिनामां नेडापुं न लेखे. रेमा जापानं थोई सने ईडी हेपानउपधारे होय,तथा ने नापाथी तृप्ति थती नयी शहित प्रणती नथी, परंतु, मानस्वाहने पोधयां भाटे पपरातां होय, तेयां इगोने, ज्ञानी लशपंतोये, तुरछणो' मलाया तरी ओणमाप्यां छे. तेथी, श्रापडोमे मायां इणोनो त्याग हरयो नेगे.. हस्तः सीताइण, जोर, नमुना, 'यही जोर पोरे पोरे. सापां इणो पापा जाए, तेमनां हणियां इंडता, तेनी उपर डीडी पोरे तुमो मापपाथी, विष्लेन्द्रिय योनी पहा विराधना पाछणधी धाय छे. मोटनाणीनेहणियांमहाराहाट्यांगहोपाधी, तेहां हेपाय छे. सापां हां हणियाभां, भीनीट जाए, तेमा संमृझिम पंयेन्द्रिय योनी पर विशेष उत्पत्ति अने. विराधना थाय छे..अपरपर डरनारां टोडोनां पानीये, हगियां ड्यडातां, ते डीडी साहितेम संमूर्छिमयो ,नाश पामे छे. तेथी, ले राज्य मनेतो, तुच्छ इगो - प्रापडोसे, डायम भाटे,यापरयां | नहीं. हाय, छोडी न राडाय, तो पाप- जा, तमामे तमाम, मेंडांगियांसोने प्यपस्थित रीते पाहीयी धोईने, पडांधी, यूछीने प्रशं डोरा हुरीने , योग्य स्थानेईने, नयापूर्वक परवपां. आधी, याप- जाह, डीडी साहि पिडलेन्द्रिय नुवोनी तया संभूझिम पोनी पिराधिना न थाय. नेमावी डाल -नया -- Page #134 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. 2300 Date सने नगृति रामपानी तैयारी होया, तो तुय्छ इणपापरयां, लाडी छोडीन युं सारं. (C) रस्ता उपर हालतांन्यासता हे जशीयानां पृाना पाडां, झूला, इगाहिने तोऽपां नहीं. ला शरीरनां मारोग्य भाटे, मारे घहां प्रापहो, पहेली सवारे, rwalking' दृश्यां नीडणी पडे छे. घएगी पार तो, पनस्पति (धाता पर बगीयाहि स्थगोमां सोडो यावतां नेपां भगे छे. मारीते, सपारनां पहेला walking भाटे न्यायी, प्रत्येऊ पनस्पतिडायनां ब्जयोनी विराधना तो धायक, परंतु, ते उपरांत, पाएीनां जिसष्य जुयोनी+ सील-निगोहाटि. साधारण पनस्पतिनां मनता योनी काडीडी, भंडोडा, मणसिया माहि पिटलेन्द्रिय योनी पए। विशेषधी हिंसाथती होवाथी, शड्यजने तो, walkina छोडी हेपुं | तेमां पा, थोमासामां न्यारे.. यारेमा जुपोत्पत्तिनुं प्रभाए। पधारे होयत्यारे तोwalking नन्द्र रघु. Walkin ना पिठल्प इफेक्योशासन-प्राणायाम माहिरो तो शरीर पासयवाई काय भने मिनरी हुर्मबंधन थपाथी, मात्मा पए सयपाई भय.शांतिथी इन्त माटj पियारले, "walking डरीने ढालालंध निर्धेष पोनी हिंसा रीने, अनंता निगोहान्नुिपाने अशाताजाखसमाधि मापीने, मापां शरीरने शाता-समाधि दुर्धरीते भगी राडे ११" डाराडे, सनातन अय छे. - सी रनी वैसी लरनी'. ट्रष्य मारोग्य + लाष मारोश्यक जंने नेलप्राय छे. ने शाड, इणाशिमां नाना-नान, धए मयां लीक होयसने बे जी पथ्ये, संतरपड न होय, ते मुलुणा जील्याणां जाघद्रप्योने मिजीला हेवाय छे. मे जी पय्ये ले यिहाशवाणो पा न होय, तो ते पार्थमा विशेष प्रभाएाभां छुपोत्पत्ति थर्छ नती होवाथी, मापां पार्थो पापरी न शहाय, तेथी सापां पहार्योने 'अलक्ष्य' ३पे । ज्ञानी लगपंतोसे स्रोणजापेल छे. हात. रींगानुशा, संगुर पगेरे जहजी-३पे होपायी, डायम माटे न पपराय. बीजा , राभेटां, , डाडडी, लिंगर, पपैयुं, लींडा कोरे मां,जी घाएगां होपां छताय, ते वापरी राडाय छ. डाराडे, मा अधामा बीर घां होपां छतांय, બે બીજ વચ્ચે એક પ્રકારની ચીકારાવાળો અંતરપદ રહેલો હોય છે. KOKUYO W-N82800 Page #135 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Date मा अंतरपऽनां सीधे, कुपोत्पत्तिन थती होयाधी, बहुमीन तरीडे न हवाय, सलक्ष्य पेन हेपाय. सेटशीथी ज्यापरी शहाय छे. (स) पांडने जरामर साइ डरीने, युस्त डब्जामां रामो, डाराडे, तेने ले लागतां, तेमां झीणी-ठीणी सद्दे ध्यणो धपानी संलापता छे, घीवार थर्श प्रा लय छे. एमालास जोर मश्यांना, तेन पनी पुष्टण जुपांत पानी संलापना छे। जूज नयाापूर्व , भरयां बराबर ने यां. तेलमने पाडा भीहाथी मोर्ड याथी, साल भरयां सुरक्षित रहेछ, तेभां जुयांत तीनधी. रिठराई, भरयां, धापान तथा अन्य मसाबाना , तेस पर्षनी श्रीली जुयांत धपानी संलापना छे. साइरीने, जरीमा लगे मनेउपयोग उरतां पहेलां पए, जूलजारीडाथीनेछ यो माथीनेने लेट न लागे, तेनुं जासध्यान राजो.. रा , साजा गंहोडाभां पुष्टया जुगांतनी संपापना छे. तेथी गंडोडा गरपीपशभूग)नो तैयार पापडरल्यापरयो नहीं. तेमां गंडोडासाये पुष्ठण तुपांतो ड्रायेली होय ते संलवित छे. मानां शंहोडi टावी, ज्ज नयगापूर्वक कोने , घरे फूटपाधी, भोटी विशधनाधी जयी पाय छे. हापशे ने । (स्पा- धागानुशनां पायडरमा, रोडेगुं पाएं भी भिनपायी, नवांत पडती नथी. ( पीपराभूगनांग्डमामां पारांनी घटीडीशणवाघीर्यात पडतीनधी,नुपहिंसाधी नयी नपाय छे..। ( यानी ही याणीने पापरवी. योभासामा के लेनषागां वातावरणामां, तेभां ब्लुवांत घवानी संलापना द्यही छे. (स) घर्ड-नाश पोरेना उन्नामां, पारांनी थेपली मूडी शजवाधी तेमा नुवांत पडती नथी. (e) अनानां डज्मामां, उपर बाल साजां भरयां मूढी राजपाथी, तेभांयांत पडती नथी. (30) पाशनां नानां, डयां वीभतानां पान भूडी राजवाथी, शुपांत पडती नथी. (3 तुरनी गने जे हिवेली भोयेवी होय, तो जवांत थती नधी. Page #136 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. Date (उगा खनालने मोरिष्ठ पावडर घसी नेपाथी, मनान्त' सऽतुं नी. (33) योजा-भगने तेटा अथवा नोरिष्ठ पायडरथी भोई रेयाधी, पांत पडत्ती नथी. (3) मसालानां डब्लाभां, पाएगीनां छांटां न पडे, तेर्नु जास-जास ध्यान राजषं. नाही, तेमांनुपात उत्पन्न थतां पार नहीं सागरी. मसाटानां जाभां, आयुंभीडंग्साये न राजपुं. ते दुधा डल्लामा लरपुं, नहींतर मीहानां संशो पडयाधी, जीको मसालो, पोते मयित होपां छतां पए, सचित्तयुप्त थर्ड शे. तेथी ते, खडया भातथी पए, सयित्तनी पिराधनानो टोध सागरी. (35) ने यएगी पारतां, तेमां पाए नायुं होय सधपा तो तेमा मेथी, हानियां, यानो लोट पोरे डाई अनाल लेगप्यु होय,तो ते यरी जीरे पिसे वासी जनेछ, भाटे, जी पिसे नषपराय. पहा ने सीजुनी रस नाघ्यो होय सने पाएगी सोट पिनां पाटेली होय, तो ते ए हिपत सुपी याले छे. यटी मनापता, डोथभीर, भरयां पाएगीधी धोयां होय तो, ते पाएी थटीमा रही व्याधी, ते जी हिवसे मलय प्जने छे. जामलीनी यी पण जीन्छे हिवसे जलक्ष्य मनै छे. सोट, मेथी डे पाणी नांजीने जनावेल संलाशे, लीठे हिवसेपासी गाय छे. (3) खाी नक्षत्र जेसे त्यारधी, डेरी उ तेतो रसायलित थपाधी सलट्या मने छ. तथा सार्दा पहेलां पए, गंधाळ गयेसी, सडेली डे उित्तरी गयेसी डेरी, अलक्ष्यः नएवी. डेरी माथी भांडीने डारत सह पूनम सूधी विशाखा नक्षत्र) Gध सभव्हवी. सारीते. पाडी शयए। पहा, मार्दा नात्र पछी मलय बने छे. ( उ गए योभासी पूर्ये, सोसाप्यां न होय, तेयां तल, झागा योनासी पछी पपराय नहीं. हमापारोमां ना पिड म्हणपातो नधी. तेथी, जपी गुपोमे प्रास उपयोग राजवी. झागायोमासी पछी मारे-मतूर पोरे जलक्ष्य जने छे. इगा सुष्योस पहेलां जनापेला, जपाऊ देवी पाडी पानगी, इगए सुह यौहस पछी पापरखी Gयित नधी. डेटलां सुश्रापको, तलनी नभ मारे सने मरने पए खोसावीने, गएर योभासी पछी KOKUYo W-NB2800 Page #137 -------------------------------------------------------------------------- ________________ वापरे छे, ते पियारणीय छे. गीतार्थ गुरु लगवंतने पूछी ले:मेरले झगए। थोभासी ला, माठ महिनामाटे, तल तलमाथी जनेला तलसांडणी, तलपट, तसनां लाइ, ढोडणां उपर छटायेद । तल मामरा, थेपला, हुांडवानां तय होय, तो पए या नहीं. तेनं जास ज्याल रामपुं. (ro) नीयेनी यीले ध्यारे यपराय-यार नहीं : ખાદ્ય ચીજ છે. શિયાળો ઉનાળો ચોમાસું जारेडसूडा मेवा तस तमाम प्रहारनी लान तमाम प्रडारनां पानगुलाज पगेरे दूल सही राय सूठ्यही उपरना डोहामां नपास पहार्यनी विस्तारपूर्प समन नीये. भुषम छे: TA महाम, पिस्ता, छामयारोटी, सूडी द्राक्षाडीसमीसासमशेट, रहालुम जर पोरे सूहां भेया गाय. तेमां, महाभ शियाणा| उनाणामां चपराय छ सने योभासामांन्भारे छोडेली महाम मारे न्याले, परंतु जीरे हिप मलय गाय छे. से माले छोडेली महाम, धीमां तणयामां मापे, तो जीरे हिवसे पायाले. ते जनाप्यांना हिवसी पप हिपस सूघी याखे. उपधानमा तणेसी बहाम खेड अहिनो याले. जाडीनां सूझा पा शियाणामां याले, परंतु उजागा त्योभासामा सलय गाय छे. तल, तलपट, तलनां लाडु, रेवडी पगेरे उनाणा-योमासाभां न याले. परंतु ने शियागामा (इगएसुतेरस सुधीमा) तल गरम पाठीमां, यूले यडापीने , सोसावीने शणे, तो उनाणा-योमासाभां Page #138 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (१३४) C No. D डोथभीरनी लाभ्रे, लाभ, छुहीनो, यए। यानी शडे. तेमां रंतु पडवां न भेर्धसे, जगडवा न भेजे. खा रीते, खोसापेलां तल अथवा तेमांची जनेस खाध पहार्थो खुशीची वापरी राहाय परंतु, ते सिवाय न पपराय . मेथीनी लाभ, तांहजियानी कोरे तमाम प्रारनी लाभ तथा पत्तरपेलनां पान, नागरपेलनां पान वगेरे उनाणा-योमासामां थाले नहीं डा... लाभ वगेरेनी सडवली दुरी होय, तो उनाणामां थाले, योमासामां न याते. नागरयेलनां पान वापरयामां विशेष विराधना होवाथी तथा डामोत्तेन्द्र होवाथी, ड्यारेय पापरवा नेयां नथी से रीतें, डोज़ीमां घएगां पांहडां होवाथी तथा पांडा - पांहंडां पथ्ये तेवा न वर्णानां भुवोनो संलव होवाथी, जावा योग्य नथी. पांडi- पांहडां साइ डरो तो पड़ा, जूज भुवोनी हिंसा होवाथी ," त्याग उरपो. दुहीना भाटे भत-मतांतर छे. समुह गुरु लगवंतोनुं मानयुं छे डे, डायम भारे, जारे मास थाले. क्यारे समु महात्माखो शियाणां सिवाय तेनो निषेध उरे छे. हुवे, हुडीडत तो डेवजी लगवंत ? भागे. खापणे नेभने गुरु मानतां होर्धखे तेमने पूछीने, तेमनी मान्यता- खाज्ञा मुभ्ल पर्तपुं. परंतु, परस्पर जोटी थर्यामां पडयुं नहीं, सेन आपणां माटे उचित छे. # टोयरं - लीलूं- सुदु - शियाणा- उनाणामां पापरी शाय परंतु योमासामां तो जाने झेडेल लीलुं टोपरं साने ४ पपराय. योमासामां पपराती जहामनी नेम ४. सूडुं टीयरं (जाजी डायली) खाने होडेल जाने ? याले भे, खाने झेड्यां जाट, छीलीने धीमां तजीने रजाय, तो तव्यां पछी १८ हिवस पहा याली राडे (खाने ोडेल जहाम तव्यां जाह प्रेम थाले - ते रीते) योमासामां, पोतानां भू डायली विनानुं स टोय होय, तो खाखुं होयां छतांय, ते याले नहीं. लीलुं टोय पण, जारे मास माटे, होड्यां जाए, खेल हिवसे याले . परंतु, जीभ के श्रीभ हिवसे (ड्रीन्मां राजयां छतांय) यासे नहीं. वधु समय, देवां, पटराणां, अड्डी, रामेां वगेरे ड्रीनमां रहे, तो तेनो रंग थोडङसपएंगे जहलाई भय छे. ध्यानथी तमे भेशो तो स्पष्ट ज्यास खापरी. खमुङ इजो तो, नेटलां वधु ठंडा थाय, तेम तेम तेमां 'भार्घोज' तरीडे खोजजातां, नानां-नानां तंतुखो पडी भय छे. घएां घरोमां, ड्रीन खाप्यां पछी, शरही, उधरस (9) Date KOKUYO W-NB280U Page #139 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Date (134 खने खांतरडांनी जिभारी पधयां मांडी छे. ड्रीकमां राजेली वस्तुनो, खारोग्य भाटे जतरनाङ साजित थाय छे. उपर-उपरथी लसे ते यीभे तालु लागे, यहां संहरथी तो, रोग डरनारां ंतुना लंडार ठेवी जनी भय छे, ते पातमां डोर्ध शंडा नथी. ड्रीन्मांधी सतत २८ प्रडारनां खेमोनिया गेसाहि छूटे छे तेथी, ड्रीश्मां रजायेत वस्तुनो पापश्यामां, खारोग्य मारे घएं मोटुं भेजम अलुं थाय छे. (2) खाने वर्तमानमां तो, खेतरोमां ढूंड समयना गाणामा, पधुमां वधु उत्पादन भेजववा माटेनो गांडो सोल बधी गयेस होवाथी, भत-भतनी हवाओो छांटीने, पाड पहेली तडे तैयार दुरवामां खाये छे. खाने डारएणे, घएगी मोटी नुडसानी खापराने खा? वेवी पडे छे. पूर्वे तो, खमुङ ४ वनस्पतिखोमा - शाडलाभ्रभां नानी-नानी यो - भषांतो नीडजती हुती. परंतु, घ्वा वगेरे छांटीने पा तैयार थपाने सीधे, खा.? तो, मोटा लागनी शाडलाभ-वनस्पतियां र्धयणो - भुषांतो, पुष्टुण प्रभागमां भेवा भणे छे. पहेला डरताय खाने तो, वनस्पति- शाङलाभ वापरती वजते, समारती पजते, खत्यंत अज - नयागापूर्वङ ङश्वानी ४३२ पधारे छे. अजभु-भ्यागा पूर्वङ छोतरां डाठ्यां जाह, समार्या जाह धणी वार तो, खा भुयांतो, तरत न जाय. परंतु, यायगीमां थोडी पार राजी भूझ्यां जाह, ध्यानधी दुखो त्यारे, धीरे-धीरे हुलती नानी-नानी भवांतो, यलो, मांड- मांड हेजी शडाय, जाडी नहीं तेथी, जास अणभु राजवी. बेहरद्वारीपूर्वक शाङ समारयामां खाये, तो ध्यण भुवतेभवती दुयार्ध भय छे, डथडार्ध भय छे. शाड सुधार्या वगर, खाखा शाउने मे रांधवामां खापे, तो अंहर रहेली र्धयण भवतेभवती जार्ध भय छे. तेथी, वनस्पतिने समारतां अथवा जादूतां पूर्वे,, खास डाजम राजवी. (13) () पापडी - पराएां लींडा - शींगो - सीमला भरयां - अरेसा पगेरेमां यजनी संलापना, जीभ वनस्पतिखो डरता, पधारे छे. तेथी खा वनस्पतिखोनो उपयोग डरती पजले, घ्यजनी विराधनाथी जयपानो जास प्रयत्न ङरयो खा शाम्लालुखोमां ध्यानी संभावना बधारे होवाथी → खा शाऊलाभ जावानो खाग्रह जनी राडे तो छोडो. Page #140 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. .. (235) Date : : : ना छू पापरो, तो पहा डागनुपर्वका अपरो ने तपा- डोली इसापरमां, ईन्द्रियान्नुपो सत्यंत सूक्षम होय छे मने पोलाए- मायानां लरायेलां होय छे. तेथी, ओजी-इसापरनो उपयोग डरपो नहीं. ज्यारे नानां सापपरा तेभां लरायेलां होय छे. डोली इसापरमा उत्पन्न थती नानी शुपांतो तो ते पनी होपाथी नहीथी जाय पएा नहीं. तेथी, ले राज्य बने तो, डायम भाटे, तेनो पपराश छोडी हेयो. ( ड बील शाईने पाएीभा पलाण्यां वा सुधारपा, पए। लालुपालाने क्यापूर्वथ्या जाहल्यायपीमांच्याणपा भने पछी पापरयां. डारा, तेभां घही पारध्यो - 'नुपांतो गीणे छे. भाटे, डागलुकासगृति राणपानी पिशेष न३२ छे. (ोर्ड शालानु सभार्या पगर माना न राधया. लीडा माता न सुधारवां, गीलासुधारती पजते पए, प्जन न्यए। राजो. शाह समारती वाजते, पातयीत सन्य प्रवृत्ति हरपी नहीं. टी.वीसीरियल पोरे नेपातुं तो पासी-जयपो न हरपुं. यण. नीडगे, तो तेने नानां पासएएमां लेगी जरीने, यापूर्व, सदाभत स्थगे मूडी हेपी. ईयणवागां: शेतरां पए, यतनाथी सलामत स्थगे छोडवा. मुंबईनां मेड संघमां, जेई महोत्सपनां महापार प्रसंगे, सपारे महात्मानी प्रेरणाधी युपडोनी सेड टीम, शासभारनार भाएसो उपरपरेज राजपा भाटे, मास तैयार उरवामां मापी. रेड शाह समारनारने मे ईयणपती डाढी खापे तो तेने घर.ईयण-जुपांत हीणनगुं नाम भणरो, मेघु नडी उरयामां बाप्युं. युपडोनी धारणा प्रभाग पप-२० ईयण भणशे, मेवी धाराए। हती. पए साश्वर्यपे, न मानी शहाय तेभ, ४०० थी रप ध्यणो, शाह समारनार लाईनोगे डाठी मापी. सा हराने गंलीरतापी लईने, रेड संघना मोलीसो, डार्यऽर्तामोखे सीन मेणधीने, मान मनुकरण हीने, यतुर्विध संघने बिनहरी विराधनाथी जयापवा- सय प्रयत्न- पुरुषार्थ ऽरयो नेगे. सा. संगे डाण - नगृति राजपानी वाजहारी मात्र संघना ट्रस्टीसोनी नथी, परंतु, संघना हरे-हरेड श्रापड- प्रापिकासोनी छे. डावशे ने । ()| शा समारवा थु, सूज ल्यापूर्वडतुं डाभ, नोडशेनां KOKUYO W-N62800 Page #141 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. Date (939 (४) न वापरया.. लरोसे के महाराव के रसोर्धवानां बहेननां लरोसे न छोडो. मेथीनीं लाभुभा, खून सूक्ष्म डेसरी रंगनी ध्यणो होय छे. यायणीमां याणपाथी, तेनी व्यजा थर्ध राडे. खांजनी ज्याशवाणाने अथवा खांजना नंजरवाणाखे, यश्मा वगर शा समारखं नहीं. डारएा डे, सरणतापूर्वड, भे जा र्धयणो-भुषांतो, हेखी न शाय तो पछी तेनी नयाग। दुर्ध रीते राजशो खारे लाभपालाने डायम माटे छोडी हेवं ते सहुथी उत्कृष्ट विद्वस्य छे. सुडवेली गवार, मेथी, पालोर वगेरेमा घणी भषांत थ भय छे. तेथी, योमासामां सुडवलीनां शाङ जिल अन्य ऋतुमा पहा, जराजर तथास्यां पहुंलां जने याण्यां कार, तेनो उपयोग न रखो. शारीरिङ तजियतनुं विशेष डारए भे न होय तो, सूडबएगीनां शाङ पापरवानुं राजपुं शवसे ने? (पण पर्वतिथिनां दिवसे हे उपधान वगेरेमां, खांजोगियानं शाह, स्वादृिष्ट लागतं होवाथी, जास वापश्यामां जाये छे. धगीवार तेनां पोसामा नानी भवांत थर्ध भय छे. तेथी, श्रीणां टुकडां डरीने, जारीअर्धथी जराजर भेर्ध लेपा, तेनां पहुंलां खांजोनियांनी उपयोग न डरवो. खावी डाजभु-भगृति मे थोऽङसयो रजाई होय तो जांजोगियानं शाड वापर, जाडी छोडी हेतुं सारं. (प१) '115 डायथुं तेम न जोलवं. 'शाङ समारयुं' जोली शहाय. "परसाह प्यारे पडशे, जारो घएगो छे' वगेरे न जोलपुं. 'मिस डॉल भारयानुं न उहेवाय. येसनी रमतमांगथए तारो घोडो - हाथी मार्यो' खोलवाने जहले 'तारो घोडो- हाथी लीधो' अथवा मने भण्यो खथवा हुरी गयो' 'हेवाय. द्वाराग डे, हिंसङ: शब्द प्रयोग उरखाथी पए। जायाणां खात्मानां परिणामो धीरे-धीरे उरीने डहोर थर्ध भय जने खायाने जजर पए। नहीं पडे. जोसती वखते, खावी सूक्ष्म प्राणभु राजवा भाटे जायगा प्रलुखे खापलां उपर दुरुएगां पुरीने उछल छे. (42) खनाम्नी सार्ध डे शाङ सभारपानी प्रवृत्ति पड़ा रात्रिना समये डरपी उयित नथी. शाड खागलां हिवसे न समारयुं. ते न दिवसे पपराय तो न्यएगा पजाय. सूर्यास्त जाह पा जनापाय नहीं: मीडार्थ - इरसाएशाहि Page #142 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. 432) Date पापुष्पमाला मनापयां मारे, पुष्पोने पचा नहीं : होरीनी माछी गांड पडे हा भाणा जनापपी. डारए, रेड पुष्पमा, मापyi रिपो न प छे. पुष्पोने पीपपाथी, नापए हय पए। होर थाय, विशेष दुर्भजप थाय. या (प) पालोर-पापडीने पां सहित समारयां ले जायां नहीं. परंतु, डाणपूर्व ए डाटीने सभारपां. तेमां ध्यण होपानी संलापना धणी कहोय छे. लीडामां पा ध्यणनी संलापना द्यपी छे. लींडाने उला उ नाडा समारखाभां ईयणनी पिरापना घवानी संलापना घएी छे. तेथी, डेटलांs: डाणानुपाणां प्रापडो-तोऊ, यप्पुथी सहेर छे पाडी, हाथ पड़े लींडाना डां उरे छे. रेडेरेङा पनस्पति समारती पणते, प्रमाणपक ने मारीते डागना रनाय तो, ध्यणती जिनारी हिंसाना ऽधीकामासापांसमग्र परिवारने लयापीठाया (पप) सरगवानी शीग हाणमा, शाङमां उपयोगमा लेवाय छे. - जाती पजते, तेनां मेंहा छाल-रेसा पोरे इंडी हेपा पड़े ..तेयी र भीनीरे तेमां ससंयन्त्रसज्य संमूर्छिम पंयेन्द्रिय मनुध्योनीउत्पत्ति सने हिंसानी यांनी परंपरायाले छे. भाटे,ने राज्य जने तो आ पस्तु नयापरवी श्रेष्ठ छे. (पडामेभा पनस्पतिडायनी पुष्डण हिंसा थती होय मने ते वनस्पतिमा रहेस नस पोरे पोनी पएा हिंसा थती होय, तेयां प्यषसायने'पनर्भ' उहेवाय. म : डापेलांडे नहीं डापेलां नंगलो, झाड, पांड, इगो, झूलो , भूणियां, धास., वाडा, छालपोरेने डापवा-पेयपा, खनाट हणपा-मांऽयानो प्यपसाय उरयो, रंगपने पाए। पापुं, पृक्षो गाडया पोरेनो प्यपसाय ऽरयो, नंगलनां नीs सेवां- यया- पापां-पापयां, जशीयां-पाडीसो पोरे पपरापयांउछेश्यां, घतानो डोन्ट्रेट राजयो - उपाषयां- जरीयांपेयपां, डहोगनी हाणो मनापरापपी, मेंहो-सोल जनावरायां, साटो हजपानीडांगर मांडवानी योरे उष्ट्रीमो यसापपी पोरे प्यषप्सायो तेमां नोडरी डरयानो त्याग ऽश्यो. द्वारा डे, या तमाम व्यवसायोमां, , | direct- Indirect वनस्पतिनां न्नुयोनी हिंसा मोटरा पाये थाय छे, ने मात्माने दुर्म बंधावीने गर्तिमा लई नय. (प) साजिलजातानां तथा संघना नभएपारो भाटेनां सनार, KOKUYO W-N82800 Page #143 -------------------------------------------------------------------------- ________________ संघना माविष्ठा महेनो लेगां थर्थने साइडरे तो डेटली सरसहयए। सयपायाघरे संघमां, प्रापिडा बहेनो मेड न्यान्मंडण होy नेले. संघना याविटा महेनीनां व्यए भंडण अथपा सामायिक मंडणनां बहेनोमे लेगां मणीने, थोडां थोडा हिवसे, संघनां साजिलपाताभांपपरातां संपूर्ण मनानी साइन्सझाईन डार्थ पए उरपा छे. नो मापी ल्याए नपणाय सने माएसोनां लरोसे - नि छाम क्षेपाय, तो घीवारजनांवेटा भगनी हाणाहि मायंजिलनी पस्तुरमोमां, भरेसी नुपांत-मरेली ध्यणो अथपा मंडराहि पहा नेवा भणेच्छेनीडोछे. दारणाडे, मायजियाजातानान्माएतो पोरे मरैनो होपाथी, सनानी साइसाईन डार्य तो ऽये मेथुनसयपाय. नले प्राधिकार महेनो मा पाजारी स्पीडारी से, तो सनामा उत्पन्न थनार मनुषोने जयापी शडाय. समाळमां खावतां अंडरा पिगेरेनां लीधे तपस्वीस्रोनां मारोग्यने पएअगडतां मडावी शडाय. मारीते, पथ्यीसमो तिर्थंऽश तरी हेपातां खेपा श्री संघना तपस्वीरोसाधर्मिटोनी लज्तिनो उत्कृष्टयाल भणी राडे छे. झपशे ने? स्राजिलजातामां जनेस रसोई साहिमां, सयएगाना पीधे, जुपतेनषतां ड्यडाई हतां तथा जानतां मथपा रोडाई कतां, ढगदा धनेसंग यगो साहि गनुपानी पिराधनानो हँड ओना भाये। शुभात रसोईयायो लातेना भाटे कपालहार बने डे पछी मापणे पहा (पणशंगायने धास अपडापवाथी होघ मागे छे। घास पपशवपाधी तो प्रत्येऽज्यनस्पतिस्पेण रहेमायासनी विराधनानोर शुमापारागे न लागे? - | रेष्यस्तिमो रीघा जुपनमा पोतानाभाटे, प्रत्येऽ पनस्पतिशायनोउपयोग उरता होय, तेमने मंगा तिर्थयना नुपी भाटे, घास प्रवडावधानी प्रवृत्ति ऽरयामा छोईन्होघमागतो नधी. ने पोतानां भाटे प्रत्येड वनस्पतिद्वायनो उपयोग करता होईसे, तो शामलोप तिर्यंयना पने, पशेपडारपे घास प्रवडापपुं, सेतो श्रापऽणु ऊर्तप्य जने छ सने गुपया मोडंडारा तरीडे पए। बताणयुं छे. पू. साधु-साधीन कापतो तो, डोईपए डारएप्सर, प्रत्येऽमापनस्पतिडायनी विराधनामा direcोडानां नयी. तेथीर, गायाधि पशुमोने, तेसो घासन प्रवडापे छतांय तेमने तप्य लंगनो होघन लणे. रपटाश्यानां स्थणे, पनस्पति, हरियाणी, बगीयां लेईने शुपियारो Page #144 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. १४० Date : छो। ममा ज्यारेय पा तेना भाटे, प्रशंसाना डे शभाडपानां पिया नमापे, तेनी पूरी कागृति रानपी. पनस्पतिडायना लपमा रहेला ते पोनी पश्यशतानो पियार डरतां एगारो ,वे प्रा लप घरभ्यान खेड र स्थणे स्थिर पड़ी रहेवार्नु, डोर्ड लाव पहा न पूछे, तेवी असहाय, निःसहाय अने सत्यंत ध्यनीय स्थितिमा रहेलमा पनस्पतिनां पणा ऽरयाथी, तेवी शामां, अनंता सभय भाटे, उर्मसत्ता मापाने धठेसी रा छे. भारे न छूट. डहाय नपुं पडे,तो पए, तेयां स्थगोनी ग्यारेय प्रशंसा, मनुमोना डे पप्नाए ऽरी शडाय नहीं. उटटुंपियारपुंडे, 'पूरोलप धा भाये पनस्पतिनां पांडां तरी सरपार्नु हन्भन्भरहनी नोंध खर्धने होईपए Birth certificate 5 Death certificate न मनायो लय पसार श्वानो, डीगरमी माहि तमाम हुसोने सनिग्छा पहा यूपयाप सहन ऽरपानां सने ओ नोंप पहा नपे- शाता पा न पूछे-सेया मालवा तो इंपए सनंतीवार लूताणमा उत्पन्न भयो बूं. हुपेने आ सपनस्पतिने गमाडीश, तो लविष्यमा इरी पाछां सनंतडाण भारेमा लयां मारे इंडाई न्युं पडरो. यासरो ने लानुपाणामी तो पास जरीने, सीसी लागु उपर , थोड़ी-थोडी वारे, पाछी छांय्या पुरता होय छे (लाजुने तानुराजयां मारे). सा पाएी, लानां पोलाएपाणां हांडा, शाना पगेरेमा नयछे मने त्यां नानी-नानी ध्यणोनी उत्पत्ति थाय छे, तेयां न रंगनी होपाथी, रहीथी हेमाती जनधी. पाहीनां लेड + ली थयेल + लानुनी भीठाशने डारो , तेमां मुपांत-डीडांग्मो-यणो थर्ण जय छे. भाटे, मा वस्तुनी प्यास राप्तीने, पयागापूर्वऽ , साइ-सहाई पुरीने, लत्य होय तेर लान, डागमाहामा रहीने , पापरपी. नहीं तो, मनेड पिराधनानां लागीधर साप मनीशिं .(द) जयां मने पाडां डेणां, अन्य पनस्पति-नी सपेक्षाचे पापरवामां, घटी सोछी विराधनावाणां छे. डारहा, ( जीन पनस्पतियोभां- मेड इणावनस्पतिभा अनेड भुयो होय छे, च्यारे, झेड डेणामां मात्र मेऽ र नुप होय छे. डेगांनी छाल, गर योरेमा मलग-मसग जुद्यां नुयो नी. एरा डेगुं प्रभाएानां (भापमा) भौटुं होयाधी, मेड र याघरपाधी, - KOKUYO W-NB280U Page #145 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पेट नही लराई लय छे. सरजामहीमां, पेट लरयां भाटेजी वनस्पतिनो पधारे उिपयोग डरवी पडे ,त्यारे मांडन्मांड पेट लराय छे. (डेणां लगलग जारेमास भगतां होय छे. मने सस्तां पण होय छे. जीन पनस्पति-तथा-छूट सीठनम होय छे मने मोंधा कपा होय छे. डेगांभां calcium jस प्रभाएापा पधारे होय छे. माटे, ते सारोग्या मारे पहा हितकारी छ । नामा मधडारपोसर, तथा वनस्पतिनी पिराधना घाडयां भाटेनामां घरमां, रायोटलो पधारेमां पधारे डायांक पाडां देशांनो उिपयोग डरपो. इायो | पेनां जी सयित पेहोपाधी रेड जीकमां नप रहेलो छे. तेथी, क्यारे पेरनो पपराश, सेजसपा-लियासएांमां डरातो होयमथपा साधु-साध्वी लगपंतने यहोरापयां होय, तो हरेऽ जी-४ भने छाल डाटी नांवा पडे. त्यार पछी, ४८ मीनीट ला, ते सयित जने छे. पेनुं शाऊ क्यारे पए। पनापपानां माप छे, त्यारे गमे सेटट्य ढापपां छतांय, तेनां जी, पूरेपूरां यढतां न होपाथी, प्रायःययित थानथी. माटे, साधु-साध्वी लगवंतने रडामा-जियासांमांयाली शडे नहीं. जीयां संपूर्णपियो डाठी नाज्या होय, तो तेनुशाड जपी राडे. शाड जन्यां लाह, मेऽ पहाजीपाछणधी नीडणे तोडामयिननी विशधनानोपागे छे. तेथी, ले राज्य मने तो, पेरनो पपशरा छोडी पो. रीनां गोटखांनो पपराश - पछी, उपी रीते निहाल रशो | तो हुये समालो : रीनां शोटसांसयित छे. माटे उरीनो भडाख्यां पछी, तेने हणपे-हुगये. पाएगीधी साइरीने, 'पडांथी हवेधी पाएी छीने - डोरां रीने, झाड-पृसु नीये, तडौ न माये तेपांस्थणे, परहपी पां. (जीनं इणोनां जी पा मारीते क्यापूर्व परहपपां)ोडेरी, मोटेधीपापरी होय, तो भीनीट प्पा, तेभां संछिभ पंथेन्द्रिय यो उत्पन्न घई जय छे. माटे, तेने ४८ भीनीट पहेसां , पाएीधी धोर्ड, साइडरीने, ઉપર જણાવ્યાં મુજબ પદવી દેવાં. ધોવા માટે વપરાયેલ પાણીને Page #146 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. Date : पापरी जवाणुं छे. परंतु पार्नु नथी. जाडी, ते पाएी। डी हेवाय, तो भीडाशने सीधे डीडीमो थाने खापरो भने तेनी पिराधिना थरो. पणी मेंदु होपाने डारो खसंध्य संछिम पंयेन्द्रिय पोनी उत्पत्ति पा घोमाटे पापरी र नाप्नपुं श्री छ. सन्या इगोनां जी मारे पएमा रीते सापपानी परतपी. जिनोनां रसोडामा यती घडायनी हिंसाना शुइगमापाने लयांतरमां-नरमामणी शर्ड, तेनीसरनामी तथा नरहमा रहेल १५ परमापामीर राासना यितार नीये मुव्हज छे : नाEिD TO. परभाधामीणु नाभा मेन्द्रिय परामापी हिया मापाने गरमा परामाधामी દ્વારા અપાતું ફળ - उछाडीने पछाडपार्नु , शाऽनजर उछाणी. Ji डाम उरे..... संजरीश . आपो टुडा - होयन्सं ने ने अपमझायां । तेनोरन्युस जनापीछे होय तेने पीक्षपानुंडार्य श्याभट यारे डराधी माझे • लाला लोड्यागुंडार्य रे. ४. सजल शाइलाजुनांगर डाटीने • सांतरडां जहार ाढे सने तेनासंलारीयां रीसे सोया पर शेड्यागुंशाडला . शेडवानी, लन्यानी Gill जनापपी। जिया डरेउपरुद्र शाला, सुधारीने टुडडां ऽपामुंडाभरे मानमठाई रोहीणे • तपी पर शेऽपार्नु ठोसांजनापत, स्त्री पुरता हाम डरे. पाएी गरभ सपाटी पर छांटी । महाहाल • सलाऽ रीमे ते | ज्युंजर हरे जसी लीडा, गवारनां डीटीयामाटीमे सपथयो छे?., घj डोरेशन दुरीमे, योने लाईनमा उला प्रशंसा करे। डरी प्रशंसा डरे,पछी टुडडां रे. ७. । हाल __ KOKUYO W-NB2BOU Page #147 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. Date १४३ ११. १२. 13. १४. १५. (98) डुल वालुअं पैंतरागी ખરસ્વર महाघोष 'मरयां-लभ्यां तनीखे भग, पाएंगी शेंडीखे • • • होज शाडलाभ, पाश्रीमां पलाणीखे डुट-2 - शाइनी छाल उतारे इटाडांना खवा, डुङरनीं सीटी विगेरेना संवाभ्धी खेडेन्द्रिय भुवने गलरावे · .. • भवाने हुंलीमां तणे भवने रेतीमा रोडे . खशुशि नहीमां दुजाडे, • यामडी उतारे मोटो खवा डरे नेथी डाननां पड़हां शटी भय. खासोपालय विगेरेना तोररागोनो खाभडास छूटछाटथी उपयोग थतो भेवा भने छे. तेनो राज्य तेटलो जिनरी उपयोग योतानां घर, हुडान, वाहन, सामाकिङ प्रसंगोमां राजवानी छे. न छूटडे उपयोग ङखो ४ - पडे तो, ध्यान राजवानुं धरनां मेघून हरवाभ उपर डे भजी उपर लगाडेल होय, तो हरेड पखते हरयाने खोल-बंध डरती वजते, तेना હુલનચલન थी ते वनस्पतिडायनां भुवीने त्रास यहाँये छे. माटे साधु-साध्वीभ लगवंत मे पहोरपा खाप्यां होय तो धरमां प्रवेश न दुरे खने रीते सुपात्र घननो अवसर गुमापवानो वखत या खापी राडे थे. माटे, न३री न होय त्यारे, विवेक पूर्व हरपाभे - भजी जोलतां वय्ये न खावे, तेम तेनो उपयोग डरपो આ જ तेवी रीते, सवारे इस खायतां होय खने मे भगीमां इसावेलां होय, त्यारे पाए। खायुं बनी शडे छे. ते राजवा भाटे, नानी जीली मे जावुनी लींतमाँ लगाडेली होय, तो तेना उपर नानी थेलीयां इस राखीने गाडी शडाय खने खा रीते, हरयाभेभणी खोलती वजते तेनुं हुसनयलन राणी शडाय छे. खारीते, खायएगां रोjहा भुवनमां यासती, प्रत्येक वनस्पतिडायनां भवोनी जिन४३री direct- indirect विराधनाथी जयवानी शव्य तेटलो वधुमां वधु प्रयत्न डरखो. शवशे ने ?? 1. प्रत्येक वनस्पतिद्वायनो पिलाग समाप्त : Page #148 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ** વૃનત.gધ્યને બીજો પ્રક-4 = સધા, વનડે. કાપ્ય EL: સારા ખાતકાથા Cડ્ઝનંતજથ્વ)-> જે વનસ્પતિનાં. આ જ ખ્યીકો અનct yoૌ હોય, તે સવા વરુપતક છવાય છે. દિg) = બટાટ, બટ, જ૨, આદુ, લસ્સી,'; ભૂof ફાંદા, કિર્દોર્યો વચ્ચે તમામ કંદમૂujલીલફૂગ, શોવUL wયgL સેatણ, લીલીહતુ. áëL , બહાર્ડીના ટોપ શુ ફુવા૨, છC વગેરેને સાદ્ય વનસ્પતાકા ઉલ્ટેdય છે. 6પ% તder તમામૈ- તમામ જ્ઞાધા૨ી વનસ્પતિને જ શરીઝમાં ઝનૈL જ ઐઝી, ક્ષારો - રોગ્યી, ક્ષાથg cauતકાયના જાવોને ઇચ્છનંતકાયમસ્ત્રી કે પાકુ કgય હૈ. — XL રીતે, સાધા૨ણુ વનસ્પતિનાથન ઝીક ગ્રીષ્મ શ્મનં. જીd હૌય છે. નૈ પાછીમાં પૂerીઝાધ્ય. વચ્ચે ન્ય -ગ્નેન્દ્રિય જાવોનો ઝેડ શરીરમાં ઇ જ જાવ હૌય છે.- 2ઝેનો થૈ ઐ થયૌ જૈ પૂeriીઝાણ્ય, ઝપકાવ્યવૈવિધ્ય, ઉ દ જાતોનો નાનામાં નાની 89 ટીવું, ઝંઆપણને બટા છે તૈ પૂર્સ ટીગ્રીનો વૂિડ થય છે.ઝેટë છે ઐશૈખ્ય મારી ભેગાં ઘાટા પછી જનૃત્નીડાPatઇ જાવો Ltપણને : પ્રત્યે વનસ્પતિનાં એઝ શરીમાં , ખેડ જાત્ર હોય છે. »ને તે, ચર્મચક્ષુ વછરોથ હૈબ શsધ્ય છે. પૃથ્વીનાં દેખાતાં નાનામાં ની ઈમ, 2ઢંખ્ય ગ્રાઝીગ્ન સ્ત્રને અા જૂળ હૈ. ઐને Lખી દુનિયાનાં બધાં મૂવીઝધ્યનની દવેક્ષાએ પ્રશ્ચાત્રી તો ત્પા, હુ આશ્ચંખ્યા શારી શ્નને ઓંખ્ય જીવ હોય છે - 1 હ્મા રીસૈ પાણીનાં દૈALતાં નાનામાં નાના ટીપામાં દેખાતાં નાનામાં નાનાં સ્માનઝાજુમાં, સ્પર્શથી સ્મનભઘર્તા માં નાનાં થયુમાં, ”સંખ્યા 8.8 મગ્ન સંખ્યા જાણે છે KOKUYO W-NB2800 Page #149 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १४५ Date . छे.तथा नापी टुमियानां सर्व प्राणीपमोहोनी मधेवारी थियारी दोषागु मसंज्या शरीर भने मसंज्य यो थायछे साधाराण बनस्पतिनां जातां नानाभा नानां शुभां समय शरीर तोय छे.जनतेनां ध्रे शरीरमा सनंत-सनंत - होय छेअनंत यो होय छै मानी हुनियानी। साधारण पिनस्पतिनी पक्षाने यिव्याने तो थासंन्य शरीर जने सनंता नयो थप्यछ प्रत्येड वनस्पति तो ड शीर झEL लायछे माधुनियानी मापेक्षा विम्यारीजेदो तेन आसंज्य शरीर भने सध्या पो छ. पृथ्वी. या सर्व स्थावर लियोनीसपेक्षा विध्यारीजेतो पात्रमात्री धनियामा भनां आसंख्य शरीर छे.ठाने प्लापो अनंत छ.. सपाटमा पृथ्वी जाष्टिनांमातां, नानाभा नानां मां, जसष्य शरीय होट सने साली धनियानी पृथ्वी माहिमेगी डरी ती पाशजसज्यशरीरातीजन्न jटोटल सरj थयु डेप्यासा छरीते जने? पाणानानं असंण्यातूंतेनाथी भोटं झासज्यातुं तेनार्थी भोर्ट साध्या सेभ सासष्ट अध्याता छ.भाटे जमठ याने नानामसंज्याप्तुं समानेमाह व्या नेनां यतां मोठं नसण्या सभठपुं.मम्म टोटनसरापुं न थाय. सवाला साधाय पनपतिडायनां जेड शरीरमां, मनंता स्खयो रीतेहोशडेटा જવાબ : સચ્ચા૨ણુ ઘનધ્ધતના એક જ શારીજ માં મ્બનતા हाको चौताय. आत्मप्रटेशोने अड-जानां आत्मप्रटेशो Page #150 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No, ૧૪ ૬ Date - 1 ૪મીને ઍ, છે. જેમ બૈજુ જીકામાં ફ્લો દીવા 3.1.' ટાટાવામાં સ્માd, તો દરેક દીવાની જL : બામાં ઢંકમીને. ' , છે. તૈમ. * ધ્વાહ્ન : સાધા. વનસ્પતિનાં જીવીને દુઃખ થાય. 27 જ. : વનતિનાં જીવને તૌ ભટાની 32 દુL વૈદૃના હૌય..સતશ્મનનાં જાન પૂબ giણ તેમનૈ સ્ત્રના દુખ હોય છે.ફક નેટલી જ , સાતમી નાઝન જવીનું દુ:ખ Featuથે હોય છે . સાદ્યાણ મuતની જાવૌત ઈન્દ્રિયોની વિકાા ન હૈવાથL નટવક્તવેદના હોય છે. બંધ રૂમમાં, મોઢ ડુસ્સૌ ભ૨ાવેલ, દઙાંથી બંને પાસ નૈ થતી પૂડાંની જેમ. Bળે છે, ભયંકર પીઝ થવા છર્તાય, પીડા 20 ન કરી શકે. . . . . . . . . . નિગોદ નું સ્વરૂપ લી3 - ak) લોકમાં નિદનાં શું છે બાદ૨ નિrદનાં આક્યા iાં છે. દરેs stળામાં સ્ત્રખ્યાત નિગોદી સાધાવનષ્પતિનાં શરીyછે. તે દરેક રીઝમાં અનંત-શ્મનંત જ હૈય છે.. નૈ આણી. જેટલ્લો સાધાણ વનસ્ક્વોતની જૈમ હૈ બટાટાની ) gિો લેવામાં આવે તો તેમાં પા, નિpiૌદનાં ઝંäખ્ય હોય છે. 2ઝને તે ૪ નિગોદLL Cશારીમાં), શ્નનૈત- એનંત. જુલી, હય છે. જ સવષ્ણુ : લીલ, ફુL લ્મને રોવાણ ઐરપ્લે શું ? તેને જઈ ચીતે મોugL 2 KOKUYO W-N82800 Page #151 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. Date LLબ : ૧)લીલ નિદ) = દર્દીના ઉમ્પાઉન્ડમાં - - અથon દીવાલાદ ઉ૫૨ ભેજની જાણ જે લીલી વનસ્પતિ દેખાય નૈ. લૈ ભાZ લીલા રંગની ન હોય પરંતુ તેં ઉપરાંત, કચ્છ, ભૂખરાં, ચાટ્વટી છે અને સફૅદ ની એમ કુલ વંશ લણનગોદ)-Lય.છે છે . . . . . . જીજ્ઞL = Eી, રોટી, મકાઈવગેરે જવાની ઘq qq - - ભેજનાં ચૈતૈcરૂનાં 50ની જાતી 3 જેલી 1 - મલય. વનસ્પોને ફુગા તરીકે છેuધ્ય 3) સૈong = સૌu૨ તULLO: કો૨નાં પEાં ઉપનાં ભાગમાં ૧૨ાયેલા હeતરીનાં પડને સૈmણ તર:- - trM ... : " . . . . . . . - સાધુ : ઇદમૂળ,લીલ કુ. શૈnલા નિદાદ સાધા૨ણ વનસ્પતિડા(અનંતકાયજીના માત્ર ૧. શરીરમાં લાં જૂની જંગી સઁખ્યા કૅટર્ની -જવાબ :નિગોદષ્ટ અનંતધ્ય જીના મા૧- નાનgs શરીરમાં * સ્કેલ જીવોની સૅરાનીચ્ચે પ્રમાણે સમજી:૧)ભુતજ્ઞાઈ અનંત પww.gઈ ટૌ છે ત નંતી.ભૂતકાઈમાં આજ -શ્નમાં સ્ત્રનંતા જdો મોક્ષને પામ્યાં છે.ધે ભજતપદ- પદને પામેલાં ઐવાં આ સ્પ્રનંતા મુક્તાત્મા જતાં પણ સાધy वनस्पतिडायना ड शरीरमा रोलां वोनी संज्या અનંતગણુ છે. . . . . . . ' ' ૨ દ૨ છ મહિને, ડછામાં ઓછી જ આત્મા તી મોક્ષમાં જાણ્યજ8. -તૈકી, ભાષ્યનાં અનંતા પા૨ થઈ ત્યાં સુઘLઈ જાં Page #152 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. ૧૪૮ Date અનંzL *Last માં કી જશો. ? ભાવના, અનંતઝા પછી સિધ્ધની જીવની જૈ જૈની સંખ્યા માર્ગે તૈન. ક૨તાં પા., નગદનાં જ ટાગ્રીમાં ૨હૈલ જૌના સંખ્યા, ઐનંતાણી જ ઘૌ.. 3Q ભૂતડામાં ગાવ, વર્તમાનમાં જતાં અનૈ તિષ્યમાં જનાાં તમામ ઐૌનાં જીવોની સંખ્યા તથા સાણ વÍત ઋય તમામ જાવાનો સવા સુચ્છામાં Acવે તો પશુ:- કદનાં ઔદ શા૨માં áલાં જcૌન, સંખ્યા »નંતણી જ છે. . ! " - d)stબની ઐs જ વણઝામાં અક્સંખ્ય સમડ્યો. પા૨ થઈ प्य छे.सनाधिनताजोड सभयनो पर्तभानाज खने અનંત ભવિષ્યકાળનાં બધાં જ સમર્થોનાં સથ્વાળા તાંય ઐડ નિશૈદનાં જીવી શ્ર.નંતગણુu. છે. ) ઐકદમ જાડી દેવામાં વાત uિળાઈ મૌક્ષનાં - ઋાત્માઓની સંખ્યL + ધ્યાનમાં લLLમ દેવી નાટકો અને માનવીની સંખ્યા તમામ પશુઓની સંખ્યLF તમLમ ફીડ, મચ્છ૨ uદ જાવર્જતની સંખ્યL - તમામ રેતીનાં 69. કઈ ની સંખ્યા + કુવL ,વાવ, તળાવ સમુટ્ટ વોચ્ચે. બધા જ ક્ષત્રિનાં બાંદ જ પાર્ટીનાં ટીપોઝીની ÍL* તમામ નેનાં જાવોની સેં_ _તમામ, વાયુનાં જીવોની સંખ્યL + તમામ પ્રત્યેક વર્નસ્પતિ ઘાંસ, પાંદડL,36., ફૂલ રાખLી થ5,ઘો રાકભાજી વગેરેની સંદ ––LL બધાની શાળt LLમાં આવે તેના જે શંષા થાય. નાં તો પા), બટØL વગે. સાદ્યાણ . . ' વનસ્પતિનાં ઇ જ શMીમાં Öલાં જીવન, સંખ્યL , ઝનંતપુર્ણ છે. KOKUYO W-NB2BOU Page #153 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ૧૪૯ Date ** સાધS વનuોતડપ્યુ. જુવોને ઓળખવાની सक्षमेटशिन्होंग સાધા૨ણુ વનસ્પતિનું મુખ્ય લક્ષણ અનંત:કાયિત્વ સૈ. ઐ પ્રથમ જણાવ્યું છે, તે રાટામાં તેનાં જે અન્ય છે દર્શાવ્યા હૈ R નીØ જાણtવ્યાં . . ૧Jર્તમાં પ્રથમ CLણ 8. કે જેના પાંદડાની નક્શી- 2 ટLષ્ટ દેખાતી ન હોય ૐ ઐt 25થવા SILદનાં સ્થાન - ÅÅ સાંધા અને પર્વે સ્પષ્ટ જણાતા ન હધ્ય તેને સાઘાણ ૨ ગ્રીસમજ. દા.ત. કુંવા૨ પાછું સા૨ણ છે, તો તેમાં કઈ નસ ૨uષ્ટ તથા જPJતો નથી અને ભામકીડાનો વર ધણ . તૌ તમાં સંસ્થાના પૂર્વ આદિનજરે પૂછતાં નથી, Jઠ્ઠી બીજું ક, 48 ક્યું 8 જેને ભાંગતાં સદણાં ભPL થાય, તો પણ ઋવાણુને જ તક્ષાજગુવું. દા.ત. મૂળાની કંદ, ગાજર જૈ શ્રાદ્ઘચ્યLને ભાંગીએ તૌ તૈન, ઋZAL NIL થાય છે. છાંચાળા ભા થતાં નથી. આજ રીતે પ્રાચી- જાળનાં પાંદડાને ભાંડીએ તૌ રબL SYS થાય છે. પણ એ. કો.૨નાં પાંદડાના જૈL ciાથ્થક પૅન્શronoભા થતાં નથL. એટä બધાનt ouષ્ણુતગ્રી સાદ્યાણમાં થાય છે. 3) ઋઠી ત્રીજું લક્ષા. ઐ. સ્યું છે 4 રમૈને ભાંગ તા. તાંતણુનહી, -ä સાધાણુ ન ા૨ી૨ જાણવું . દા.ત. ભૂકાની કંદ, ગાજર, કક્કોર હૈ બટાટા, નૈ Bદવામાં આd તો તેમાં તાંતણા જતા નથી. માટે તેમને ધણુ નું લક્ષણ લખુ પડે છે.ajકુર ને કિડ્ઝયુમાં પણ, આપ જ તાડા હૈ. ઔહ, તેમને પણુ , સિદ્ધાળુ ણૂવામાં ૫d છે. અઠીં ૌનું લક્ષાણુ નૈ કર્યું છે કે જેને છેદમાં આd. છતાં Page #154 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. ૧.પ૦ : Date ફ્રિડી કો મૈં આયાનું ચાડી જLeળું . તૈના દાખલ્લાં 3Q ઘ4, ૬૨, હ. વનસ્પતિ મ્બને. ના ઉદષ્ણt આવે છે. ' , ', | વ્હીં પ્રર્શાવતમ્ ઐ પણ જાવા દઈ કંટલીક સાધાર્થ, વનસ્પત, તૈનૌ આSUIની ભLL વાવથી ઉગે છે, ઍટપ્લીઝ તૈની ડાળ શૈqLL છે કેટલાક તૈના ભૂS, CLUવાથી છે. ટપ્લીઝ તૈcી કી વાવવાથી કાળે છે, કેટલીક તેનાં બીજ ICT ની ઉEL 8 ની કેટલીક up વચ્ચે માત્ર અમુક ઘ ન 8થૌજન ઘટણી પણ જ છે.. . ' મ્બનંત કઠું કંદમૂST. 2. • જૈન દર્શનની શાયરી ઝૌવી છે , ફર્સ્ટ નં2મીબિgy L & જીન જાવું. એવી જ દાતા ન વાય ર્તી, સેડ નંખ્ય ગચ્છામાં ઓછા હિસ્સા થાય, મૈ જાવન ધ્ધતિથી જાળું.ખેલૈ જ પ્રથમ નંબરે લીલતી મા નો 1 . ત્યાર કરી દેવી જરૂરી છે. એની ભwwાની ઉગ્ન- ન. જગતી હૌટ: તૌ Bટે જે વનસ્પતિજ્ઞા Au. ભLgLમાં - પણ, અનંત જીવોનો સંહા૨. થાય છે. આ ઋતજ 0L3Y DJાતી વનસ્પતિની તૌ ત્રપૂક ટાટL. કરી દેત્રો. . સાધુ - નવચ્છ સ03L શું છે, - * જcuખ. ૧ ?-લોજીમાં નિદનાં સૂક્ષ્મ બાદ ટિctઇના) »ટ્સ L ગોrt 8. દરેજ માં સં તા sોટો શ્વાધાણ વનસ્પતિના હારી છે. તે દરેઝ વાડીમાં અને અનંત જuો છે. સૌથની બટાટાનો) ક્રયો લાભ ઋાવે તો, તેમાં પણ KOKUYO W-NB2BOU Page #155 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. Date ૧૫૧ . निगोहनां खसंज्य गोजा होय छे, तेनां हरेक गोजामां, असंख्य निगोष्टी (शरीर) होय छे रखने ते हरेश निगोहमां (शरीरमा), रजनंत-जनंत भुवो होटा है, ★ सवाल :- खाने धाए जनैनों, रैनोने संलजाये छेडे नमें रामेटां, लीडा, टोडोजा वगेरे मे वायरो छो, तो र, भूजा, जायं जावामां शो यांधी छे? खातो जेय वनस्पति: उठेलाय, से! जवाय तो जीव ऐभ न जवाय? जावो प्रश्न चूछाय त्यारे खज्ञान कैनो भूळवारामा भूकमर्थ भय के हवे खानो बवाज शुं खावशे? ★ धान ना, जामां भूळवानी अर्ध नर नथी, जन्मे वनस्पति होवा छतांय जन्नेभो, खाल गान अंतर है, सेड वनस्पतिने 'साधाराण- अनंतडाय-हमज रहेवाय के बारे जीभ वनस्पतिने 'प्रत्येक उहेलाय हे में वनस्पतिखोने नंत इंहभूज गागुवामां खाते हे, तेमां भवो खोट खोइ होय के. धनशैलीट - अनंत होय हे गाड्यां गागी न शब्ाय कोधे पाडा मां तेनो भवन आापी न शडाय, खेटलो विराट भव भयो राजनंताय गएपती वनस्पतिनां खेक सुक्ष्म चोथेन्ट पर रहेलो छे जटेटानां खेड पोर्धन्टने सोचनी खाडीथी टथ दुरीको नेटली यामां अपना खसंज्य शरीरो रहेजा छे, खने ते असंख्य शरीरोमांशी, हरेक शरीरमां पाठां, अनंत भवो रहेलां थे से होधे भेलुङ द्वारा, माप्त जेड ४. शरीरमा रहेलां रजनंत भवाने, डजूनर ठेवडां भोटां एरीने खाडाशमां उडाडी हेवामां आवे तो, खाणुं वर्ल्ड रजा अवोधी थिडअर उलराधे छत भोटमा रहेस भवने संपूर्णतया जाली डरी शातां नथी. हते नमे सोयो। भे खेड शरीरमां सारसां अधां भवो होटा तो, सोय नी जागी तो तो जीनं असंख्य शरीरो छे! खेड राजां जटेटामां शरीरो डेटला? खोह ! 100 ग्राम जटेटामां ر Page #156 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. Date २ १ शरीरो डेटला ?खने भवो डेटला? जर क्यारे जटेटानां जेड पोधेन्टनी भव सृष्टि सारली मोटी छे प्यारे, मैन दर्शन उहे छे के, ज्ञानी डेजानी लुममां, मात खेड ४ भय छे. भाटे लूम थी डेंगुं छूटुं पडतानी साधे, तरतू ने निर्भय (अन्यित्त) यर्थ भाथ हैं. लांडा के टीडोजाना भवने गारावा जेसो तो भेटला जीव हो छे खेड भ्रत azeti छाल नो गणाथ छे, साम अन्य प्रत्येक' गणानी वनस्पतिनां भपोनी संख्यानो जांएँ तो छर्शाची शकाय छे. क्यारे, 'साधारण इंहभूजनो खांड तो हशांची शातो नथी, व 2 ૧૫૨ , साधाराश - राजनंताय-हमज, से खेल विशाण होस्पिटलनो वनरल कोर्ड छे रेभां खेड ४ पोर्डमा अनेक जेड पंडेलां छे, क्यारे प्रत्येक वनस्पतिकाय, से खेड स्पेश्यल पोर्ड के कैभां खेड इममां भात खेड जालो छे: जेय प्रकारनी वनस्पतिमां, सारलो मोटो विशाल इड होवानां अशगे, जोठामां शोधी हिंसाथी भववा .......भांगना भाषासो, अनंनडाय नुं भक्षण डेवी रीने उरी शडे? खेटले के, न ४ बुरी शके शक्शेने? PXCTTGL NAM # सवाल. ३ : - जटेटानुं शाड, पाउं टाडा, डांधा, लसएानी टेस्टीसाशी, गावरनो हललो, गाभरनो सुप वगेरे ..इंहभूण मांशी अनेस पानगीखों लावती होय तो तेमनो त्याग दुखो सभारा माटे कर्ध रीते राज्य जने? कु भूलना टेस्ट भाटे, जटेटानुं शाद कायटयार्थ तां भाणुसोसे विशाखं भेर्धरने के, मात्र खेड भूलना टेस्ट (स्वाह) भाटे, डेहलां थां ग्रंथोंने छरी थी समारवामां जाते है, KOKUYO W-N8280U Page #157 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ૧૫૩ સમારેલાં છે જાને ઉકાતાં પંપણમાં કેવાં બાઝવામાં આdછે. બક્ષયાં પછી તેના ઉપર ઢાં મીઠાં-મરૌં ભભરાવવામાં છે. આ તીલ &િL ઋચ્છી પચ્છ, મૈ શોક રાત્રે થાળીમાં પીસધ્યા છે, ત્યારે શ્રી ભુ તો દર વર્લ્ડ પણ માણસ, , . શાક. ૫ત્રૌપતાં શૈલે છે કેu! શું આજે ટેસ્ટ- ફૂલ &ાજ બન્યું 81” આ શીર્વે કે બોનાચીને ભાન નથી અનતજવીના પર્કી, રેક્ટ તૈયાર થયો છેટેસ્ટ બાળ સાલ્વર જાણ થજી નટી.Öલી તકે, શ્મનંતકાળ મગ્નનું ભાડુ ત્યજી દેવુંઝીછું. ત્યજ દેશને ? * સCG જ ? - શ્રાપJL જૈન સ્ટોમાં કંદમૂUL ત્યણની નાત @ 9AR ø ર્જરો MITIણ ન – -ધર્મની 28L LLયાને શું લાગે છે? * જવાબ : + 300 વર્ષ પૂર્વ ૨LEધર્સ નામનાં ઝાંકામાં “આM2Js gઢાપાઠની વિશ્વ માપીનેજાણુવ્યું છે કે ઉન્ન કલા Hક પોતાનાં નિમર્સ ડિસાકરીને બનાવેલ ભોજનનો ત્યા ફરે. તૈમ ન બને તો ઘતાનનિમી ઘalu ભોજનને છાણ- ૬૨.-qZ તેમાં કોઈ પ્રશાંઋગ્રતા આપ્ટà તો ન જ વા. વૈવું પાછુ ન કરે. વૈ, અનંતકથાકી વનસ્પતિ તથા બહુશ્રી વાળ. વનસ્પતિ તી ની જ વાપરે કોઈ I૨ જી જંગgો ભલો પડ્યો હય. વી ટીટીનાં સમયમાં પા કે જીવ્યા ભોજન કરવું જોઈએ. એવાં પદાર્થો ન મલી તો ઉપવાસ કરી aો જોઈએ પરંતું તે alCtvના હોય. શ્નને, સ્પણુ ટકા, શાખLLL માટે ભોજન પુષ્ક પઝે , ન છૂટકે ગ્લોચત્ત એવાં - કુટષ્ટ ને વાપરો. પણ. અનંતકાય કંદમૂળને તે આવાસમયે પણ ન જ વાપરો.જંગલ અને દુષ્કા જેવાં કટટીનાં Page #158 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. - ૪ - 82માં @L, જે પદાર્થના માની રહ્યુL LX ની આપતું વૈવાં પદL D% , ભરૂSધ્યા આપષ્ટ પણ સ્થા કચ્છના મધ્ય પ૨ બૈચ્છીને નૈ હા CL બંડ પ3 ટાગ્રે સમજવું કૈ દમાંથી પપૂ ની ૨. નીકળી ગયી હૈ,૫૨લોક ની ચિંતા માટી. ગઈ છે અને બીજા જાઊંની હંસાનો કોઈ સ્પષ્ટ કર્વે ૨eી નથી. ઔવું આપણાં માટે જાનેં સમજી શૈ૬-u2Qી લેવું . * સવર્ણ ૫ - કેટલાંડ હલોજી પોતાના જાભની ટેસ્ટ છોડી Lઝતાં નથી. મૈટä જ ઋા વહયાત-દલીલી પ્લાં દટા છે ૐ “જો. ૬ સૂકહ્યાં પછL ની બ્રૂઝ વUધ્ય તો પછી બટેટાં - સૂકાણાં પક્કી તેની d૪૨ ડેમ ન cuપયા} ] માની શું જા, રાપવો? . . . . . . . . ' ' * પ્રા. પ : * * બટેટાંની વૈશ્ય તો ન જ વધ્ય. પy સૂંઢ જે વપરાય છે, તે પણ સ્વાદ માટે Öીં પણ, વિ. માટે.જ છે. એની લાઈફમાં મJ. સૂંઠ બાઈ બાઈને પથ્વિી શેડૂબટેટાં તૌ જ જwાં જ પણ બcaો..હો. તી. uઈ SSA. 8 ઝૂંડ. આટલી બધી ન પપ્ન જાતામાં છોલી ઊંઈ કહેવત નથL 8, “જીનt LL સUL Z2 d૪૨ બાવા છે" ની મતHM ઐ ઘટ કે સવા બ્દ વૈર જા તો છે પEL ભસ્મ માટે શ્રદ છે.પતું સUL ઘે૨| સુંઠ ની બહુ ‘ટફુ છે. - - સૂકતો, ઋલ્મ cuપા, આaોગ્ય. Epiડ . તેથો દબમા નૈ , લીર્થ ઘની બીજી અનેક બ્રન્ટની વધુ વિદ્યાર્થી સ્થuL માટે સૂંઠ ની જL : પમાં આવી છે, નહિહું સ્પષ્ટ માટે. - જો મૂંનું શાક છMાતું હોત તૌ ભuને તેની પણ KOKUYO W-NB2800 Page #159 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. ૧૫૫ Date - અચ્છુક ના જ પાડી હત. માટે લીલબાજી કીડી દઈને વહેણી તરે કંદમૂછનો. ફરી દેશે શિલ છેબજા૨માં ભણતી Rયા ઍક વાપરી રાકલ્થ પરંતું બજામાં લીલી આ લાQીને તૈને સૂકવીને તેની ભૂકો કરીને ઍક તરીકે ન વપથાય. જા.કે લીલી .wદુ સૂકવ . સ્વૈશિaણ અનંતકુષ્યની વાધનમાં, Lપણને Bytec, જાથ હીં. असा साधारण पनस्पतिडप्यन विशोष स्पाइप - :૪. શારીમાં નંતા જૌનૌ :CLષ્ણ હથ્વી તેઅનંતકાસ્ટ જાય છે. તેનું શું કામ ન કહેવાય છે. - ML અનંતા સમગ્ર જીવોને 2બહા૨ શરી૨ની ચૈનાની ક્રિયા જ હોય છે. ક્વાન્નીઙ્ગાસ લૈri -મૂકવાની ક્રિયાઐક સાથે 24 . જL-gujદ મૈ ય છે. - ગ્લો2LLEાં સત્ત૨ થી ધુ જન્મ-મ૨ણહોય છે. સૂક્ષ્મ નિગોદ ચક્ષથી અોળખ્ય છે... . સ્થાન-:- શૌદ xeૌદમાં uિgL vટીંત સર્વસ નિગૌદ નિ પિં) અપ્સરાતા છે. -ઐs Piડમાં અસંખ્યર્ન નિરીદી છે. ૪-ઐક નિneમાં સંત જી .સૂકમતરરાષ્ટ્રના એઝ સ્પરતાં આ જાતનું ધ્વજ્ઞL, વMLય છે. અંજ્ઞાદી જીવી માટે તે શ્રત અને શ્રધ્ધાળક્ય છે. - - સૂક્ષ્મ નિગોદમ્બે પ્રકારે) સાંteટાઘાઠ્ઠા ઋL. : 13 cauઠ્ઠઋક્સ છે નોદ - નિઝર સાંચાનન જગત સ્થિતિનાં ચાવૈ ઐ જીવ મુનિમાં જાણ્ય, ત્યારે. યોગાનુયોગ છો જ. અવqચ્છ૨ શોમાંથી બહા૨ નીકont Page #160 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. ૧૫ ૬ Date : ૨ ૨ાષ્ટ્રમાં આdછે. તે જીવ મ! પામીને પુન: સૂક્ષ્મ નષ્ટમાં જાણ્યા તો પાછુL,વ્યવહા૨ રાશિનો જીવ જહેવાય છું. : £. તેનE- તા-અતિ ભંદ uતન છCધક્ષ યાત્રાને શ્ન માની શL, ફીણ શ્રાદUcથી પછી જ જીવન, આવી યૌથતા થાય છે. કાWS 8, નૈ પુનઃ હë અAQ! શશિમાં જનો નથી. - 1 B) સંથાવEાઈ જ કુશ્મનદ . જા જી.આeaષ્કાર દiઈ જ નtswાં જ -નથL, વૈમની ઝન્નાટો 28:La Lણ પ્રશ્ન. ટો- થો... - ' . . . . . . . . " . . . . . . . . . ' . . . - ઈથિ : - ૪ સ્પાય છે.મિાબ] * દરા :- સૂક્તનોનાં જીectનું દુઃખ, નક્કી ક૨તાં પણ, 2 - ક્રિશ્ચત મનાય છે. સ્વ. શૈતન્ય. જેવું તત્વ છક્ત ' પનો કોઈ વિક્ષ aફLથ્રી જન્મ-મણુન, ધોષ " દૂર..ફ્રાસ્નાદિનું બઢતમ બgJ... તૈમનાં ત ત્વની - જગતનાં જાનૈ કઈ : ન . -ભ થ્થત :-. ઝંતમૂર્હામાં પH39 ભવો. ૪૨ છે. - બ્રિા નગદમાં ઐerટા ભથ્થા, ભૈત્ર હૈ ભણ્ય હaછે. - શ્મનંતજવી. ઋાણ્યપા- સ્થાનથી ØLR.નીકીના . . નાથા ભેં..જીૌનીઝUણાં હૈં પૂE, OL: ા .8 ઐ : વર્લૅટાપાટમામ »નંતકML જન્મ-મ૨ણનું સૌણ દુL Qામ, પ્રબળ qોચ્ચે પંડ્યેન્દ્રથL તૈમાં ભક્ત ત. વાસ્થL UCHછે. વૈવાં દ્મરૈ જકમનો નાદ; અનેરી ભક્તિ સબ્દ નથી -તૌ સ્વચ્છર ઉતHી -ઉતૌ ન ઋષિા પૂઠી . જા. છે. •સૂક્ષ્મ-પૂitsધ્ય. સૂક્ષ્મ-શ્વપ્રય., સૂક્ષ્મ તૈઉકા. સૂક્ષ્મ કાઉsણ્ય .1:ો અને ક્ષા, વનસ્પતિનાં જાળ શૈદ્ધાં. કૂક,છેકે , .' તેમને કોઈ જીવોથી ઉપuતા નથી. આનાથી બળાતાં નથી. -વાણીથી ભજતા નથL 29ી છેeતાં નથી તૈમી. કંટ્સ હાલતાં-ચાણતા થતી નથી.દ રાજલોઝ ટાળી છે. KOKUYO W-NB2B0U Page #161 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ૧૫૭ | ** સાધારણ વનસ્પતફાયમાં શાં અનંા નિર્દોષ જીવીની વવનાથી બચવા માટેનાં સણ ઉપાયો - પેટ ભZL માટે વનસ્પતિની વિધિના ફળી પર્વે છે આપણી - કમનસીક્કી છે. પરંતુ પ્રત્યેક વનસ્પતિની cધL. ક૨વા માત્રથી જ. અદL પૈટનો ખાડી ભાઈ શકે છે તો પછી અનંતકાયકંદમૂકાષ્ટનાં વ કી ડ્મનંતા જૂવીની હિંસામાં જોડાઈને, પેટનો ઘડો ભક્વાની જરૂર શું છે તૈથી બટાટા, ડુંગળી, લક્ષ્મણ, ૪૨ વર્ષોથ્થાં મૂULL 2. જમીનમાં થની જમીનકંદરે કંદમૂળનો કાયમ માટેનો ત્યL Insીનાં જીવનમાં હોવું જરૂરી છે.ટાટા, ડુંગળી, લસણુ, મi ઋાદુ લીલી હUL,રતાળું ગાજર, કોમળ આમલી 3gpણા રૂટેલાં કઠો. ગરમ વોન્ટેનીગ્સમcશL ૩૨. પ્રશ્નાં ઋતુકાયમ થતી હhuી તે વર્ધ-ત્યાા છે. જે બcuથી છાણુ છુ hડાહીતામચ્છેદ અને જડ બને છે, Wવાં ભણ્ય અનંતકાય. તો cuદી કાઢ્ય7નાના૨ને -ધર્મ વિશ્વ વાળો આવે છે.તેaL અનંતકાય ન આવ દ્વાર છે. એટલે કંદમૂuદ સધા૨ણુE.Cીસ્પોકાટનાં અનંત -જીવની ધનાદ સુ૨ના૨ને ન૨૬ ગોતનાં મâમન થવું પડ્યું તેથી uuઝ મત દામાં નો_પ, ઘરની બSા પણ, કાયમ માટે સુંદમૂદ ભણ્ય પદાર્થની ટાદL ૬ જોઈએ. બLLLૌનાં હધ્યાન વચણાળે કક્કોર -નિફર બને છે. याभूजो ठंध्मणछाने उपर नां पन मोरांचं भने भोरांनां जो પ્રત્રોઝ,વનસ્પતિકાટા.છે.છતાંય. તૈમાં ઘણાં સસ્સવોહીuથી તગ્રા.શ્નu, સાર્થે સંલગ્ન હોવાથી મૂળાનાં પાંગેય અભય છે.તૈગ્રી મૂળાનાં -પાંalઝંકોનો, મuઝીઝો ત્યાગ કરd. - 35 લાલજ઼ગ વાગેથા વર્ષની છોક્કેવરક્ષાના કારણફૈજ્ઞા કારણે ? અસ્સામાં, ઝાઉન્ડમાં ભીંત ઉ૫૨, ઈટ ઉપ૨ વોન્ટમાં લીલાં કાળાં વગેરે -વાણની લીલા ઘઈ જાય છે. આ લીસમાં પ,અનંતા જીવી રહેલા હોય છે.ચોમાસ્સા જેવી ભેજવાળી સીઝનમાં ધમાં જતાં શ્રાવવાનાં રસ્તામાં Page #162 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. ૧૫૮ Date जिल्डींगनां इम्पाउन्डमां के जन्यत्र सील न धूर्ध भय, तेनी आ વરસાદ આવે તે પૌલાં જ, લઈ લેવા જઈએ. કણું હૈ, ચોમાસાનો वरसाह सेउवार श३ थया आह, सतत ने सतत लीनाश रहेवाने सीधे, धर्ध गोल लीलधी, अथवा भाटेनां योग्य उपायों एरीनशडाय. सील धर्म गयां आह, नेनां उपर पत्र चाए। न भूडाय के तेनो नाश पान कराय. तेने जडवा मात्रथी पाएा, अनंता भवोनी विराधना धर्ध लय. : ·· रजा विराधनाथी अथवा भाटे, समत विवेडी श्रावड़ो तो, परसाद श३ थथा पूर्वे 8, घरनी બહાર કઉન્ડમાં જવાં-આવવા नां रस्ता उपर Sाभरनो के सदेह उलरनां शोधेल येथेन्ट जो यहो डरावी हे छे डामर अथवा सोर्धल येथेन्ट गरम होवाथी, लीलनी उत्पत्ति ४ थवा नहे. रजा अजय के न रजाय तो, धरनां तभाभ सहस्यो तथा जिल्डीगनांत - तमाभ भेम्जरो, भेटली - केटली वार उभ्याउन्डभांधी पसार थाय, नेटली - तेटली हरेङ वखते, सील उपर पापवाने सीधे, अनंता भुवोनी विराधना थाय छे से उपरांतमां, उम्पाउन्डमा लील अर्ध गयेल जिल्डींगनां धरोभां तो, पू. साधु-साध्वीभ भगवंतों, गोयरी-पाजी पहोवा न खावी थडवायी, श्रावको खे सुपात धाननो उत्तम लालथी पागु, पंथित रहेषु यडे छे, सरेह खोल पेन्टो पट्टो, खेडलो भारवाथी न थाले. एडे, भुंजर्धनो मुशज़धार - घोधभार परसाहभां तो, भरायेल सह पट्टो, २-४ हिवसमान नीडजी भय, आ. रंग लांलो समय वरसाध्मां या रखी रहे, ते भाटे सोल मेन्टनी साथे अमुङ यीडाश वाजां डेभीडल महार्थो लेजव्यां जाह, को यट्टी भराय तो लारे परसाहमा पाए, पट्टो न नीडजे, मात्र याला माटे उपयोगी घाय, तेवो जे छूटनी भडार्थ पाजो सदेह यहाँ न रुखो, परंतु, तमाशं स्कूटर, गाडी साहि वाहनों पाए सहेलाईधी पसार शर्ध शडे सने छतांय सीलनी विराधना नथाय, तेवी चट्टो उभ्याउन्डमा मशववानो होथ लील- निगोहमां अनंता भवो होवाथी, श्रा भोटी हिंसाथी जथवा माटे, हरेक गृहस्थोथे अवश्य प्रयत्नशील रहेको ..अवध्थानां जावामां उध्ज्य रप-10 साजनी रङम सामाववायी थे. लाल भणे तेना, डरता पाए, समयसर डाजम पूर्वछु सह पट्टी बोभासा पूर्वे भरावीने, घर तथा जिल्डींगनां तमाम सहस्योने अनंतकायनी विशधनाथी अथाववानो लाल, जनेऊ ध मोटो भजे छे, जमुङ भागों निगोहनी विशधनाथी जथवा भाटे KOKUYO W-NB280U Page #163 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. Date ૧૫ ૯ जिल्डींगनां एभ्पाउन्डमा समेह नाही रजयवा खारस जैसाडी हे थे. तेरस उपाय छे. तनाव, याशींनी रांडी कोरेनां पाएगी उपर, लीलां यांनी शेवाण में जाली भय छे, ते पाए। सनंतडाय छे, तेथी खा शेवाणनी विधिनाथी जवानो प्रयत्न खो शालाभयाजो के सारी उपर अंधा-लटेटां खाहि इंहभूग पेशतो होय, ते लारी उपरथी, इंहभूण सिवायनां इन-छूट के अन्य शाउलाभ जरीहाय नहि खरे! वे लाबी उपर अनंतकाय रहेल होय, ते सारीने खडवा मात्रथी पए, अनंता अपने डिसामागां शती होवाथी सेवी सारीने, जडाय पाए नहीं. 4) सततने सतत पाडी रही भवाने डाडो, आधइमनी लाही उपर जवा आधइमनी लांतो उपर, लीलां डानां वगेरे धर्गुनी बील ध य है. तेमां पाडा, अनंता भवो रहेलां होय छे खा अनंता भवोनी विराधना थी अथवा माटे, जायइमने डायम कोई सजवानी विशेष डाजसेवी. येथी लेकनां दुरा] धती सीलनी उत्पत्तिनी -21821-18:01:22. 4) संडास- नाथश्मनां नानां गगांनो, सतत लीनां रहेणाने सीधे, तेनी उपर के लीलां डाला रंगनी श्रीकाश जाडी, गोली लागे छे, तेने सील ४ उहेपाय छे नजनां गरएवं उपर योल लीलनां जनंता भवोनी विधिनाथी जन्यवा माटे, हर जे-जे हिवसे को नगनां गए महली नांजवा आवे तो, जीसनी संभावना सटडी भय छे. सीसी सूंघ (जाहु), लीली जहर रजने लीलो उयूरो, खा घाए। अनंताय है. भाटे, लीलां होय त्यारे न पपराय तेभने आर्द्र उत्रिए तरीके, हेवामां आवे छे. रजा प्रागेय वस्तुनो सुडव्यां पछी, अमित अवस्थामां यापरी शडाय. परंतु, सूक्ष्ववानां सारायची, आपने चोते, जगरमाथी लीली सूंह (खाटु) लावीने सूडवीजे, तो न थाते. परंतु, जभरमां सामान्य भन . माटे, मोटां प्रभागमां लीली • आहुर सूप्रभावाय रखने, सुंठ इो जनाधाय तो ते आपणुतेजची शडे डा खाया माटे स्पेशियल सूडवीने अनंता भवानी विराधना यथेल नथी, सवाल: लीली खाहु सूडार्धने खशित्त थयां जाट वापरी शडाय तो यही खेल Page #164 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. 9 ૬૦ રક. . . રીતે બટાટાનું તાડ વચ્ચે બીજાં કંદમૂpૌ પE, ચૂર્ણ ૨ધાઈ છાયાં નાદ,-. " . આશ્ચત રૂપે હોવણી , ભણે વાપરી ના શકાય? - જુnબાબુંદ ધ 3 ને મx L માસામગ્ન પછaછે. નૈવૈદમ0m wટે નથી.જ્યારે બટાટાનું શાક crીરે પૈટભ૨CT માટે સ્પષ્ટ માટે અને વધુ ૫ણામાં વપરાય છે. વળી બટાટાનું શાક વપરાતાં કંદમૂળ ખાઈએ છીએ તૈ સ્પષ્ટ જણાય ઈ,જ્યારે સુંઠ વળી તેમાં તૌ પર્યાય અવસ્થા) સંપૂર્ણ ગ્દલાઈ ગઈ ,ીદ્યા કારણે અને પ૨ણામ બગડતો ન હોવાથી મહાપુરૂષો કોઈ વની છૂટ આપી હે તૈથી બટાટાના શાક વીકેની પણ છૂટ cઈ હોવાથી કે . તેના શીવ માટે દલીલ-તર્ક લLSEવાથી પાપકર્મના બંધથી બર્શી જશે? ચોમાસામાં સ્ત્રી સ્વાં આકનાં બિલાડીના ટોપ જે થાર્થ છે, તે પણ અનંત --- -કાય હૈ. માટે તે તીડવE Ø હું તેને ઝબ્ધ પણ નહીં. S: efમગ, ચણો છલે વચૈ ઉઠોળWાજ્યનૈ. કે જે. પાણીમાં.ત્પલાળી નંબથ તી ' પછી બીજા ધ્વä તૈમાં ઝંડુ ફૂટે છે જે અનંતકાય તરીકે ડહૈવાચ્ય છે તૈથી - ,1/- સ્વાદ માટે આવાં ફણગાવેલાં કોળોને વાપપ્પા નડે.ઘણાં સ્થળોમાં, રસ્તા કલા ઉપ૨ આવાં સાણામાં મeટ gઠોળ વૈચવામાં આd છે. સમજુ-ટ્વિી શ્રાકી ઝે માવો ઉઠા, સ્વાદ માટે વપ૨. ન. -જીનાં છીજ છે ઠspiાં બંધયા ન હોય. વૈવા, ઋર્વપ્રHસ્નાં કૌમ -ફૂi - - - ફળોને, ઝનંતકાય. દેવાધ્ય છે. દા.ત. બીજ ન બંસ્થામૈદા એવી કીમL:ક્ઝબલી અનંતકાયર્થ તૈથી તેની ઉછીજ શબdી. અનંતકાય છે. તેથી તેને વાપધ્ધ ૧જીદ નલ્સti ag: 92નાં વાંદડાં - હી કે પછી તેને એવું નહીં..... !' . ૧. જૈધ્યો પછી ફરી 75 નૈવાં થોર, કુંવ ગુણ. sી લીમડે sી ઉપ-વીટonય છે 22 અનંતકાય હalી તેમની રિશ્ચનથL Gર્યું. - ૧૩y -s:/ચેક વનસ્પતિકષ્ય પોતાની ઉત્પત્તિ ચારે થાય ત્યારે ત , કોમUL-અંડુદની અવસ્થામાં સ્ત્રનંતઝાય રૂપે જ હોય છે. તેથી તેમનt સ્વાટી સ્થાનો પ્રયત્ન 3.બાઝ ઝનંતા જીવોની વિશાનાનો દંડલાગી જાણ્ય. KOKUYO W-N82800 Page #165 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ૧૬૧ - ૨જી જેને ભતા તાંતણા દરેસાઈ ન જLA ઐi Bક્કડ્યાં s2. વનસ્પતિને, શ્વનંતકાય રૂપે ગુરૂપ્ય છે. તેથી, સ્વાદ ત૨ તેમની ધિરાધનાથી બધ્યું. ૧dબટાટાં, કાંદા,ક્ષણ) થીરુવાશદ વનસ્પતિમાં ગર્મ તેમet uીને મેં તે રીતે ઉગાડવામાં આવે તૌ Yરી ઉર છે, કા૨ણકે તે સાધાgt વનસ્પતિકાય છે.લીમડી,ગુવ કેળાં અાદ પ્રત્યેક વનસ્પતિદાયમાં આવું જોntતમને તેથી, પદ અથવા ઔષધ માટે IPL કાંદા,લક્ષણ જાદઅનંતફાયની પ્રાર્થનામાં જોડવું ઊઁ. બીજાં અનંતા નિર્દોષ જુની uaધના ૪રીને અથવા આપીને પૌતની શારીજ શાતા મેળવવા જના૨ને શાતા દુર્ણ રીતે મળી શકે કારણકે, “જેવું આપશો તેવું માને - 19 જેમાં લાલ થઈ જાય. તે વસ્તુનો અથવા ક્યાં લીલ થઈ જાય તે સ્થાનો - વપરાતું બંધ કરી દેવો જોઈઝે. અમુક ઇિતમો પક્ષ થયાં બાદ પ્રમીના કો , કુદરતી રીતે જ આપો. તે તer સૂકા =પ્યા બાદ તે વસ્તુની - ગ્યા તે સ્થપનો ઘચા શરૂ કરી શકાગ્ય છે. પરંતુ હાલમાં ઋત જુવો હોraણી “ લી તકાદ ડી. જબ્દી મુકપ્ય તો સારું ઋણ્યું બોલાય. નીં પછી આવું શિખ્યા પણ નક્કી બીલiા વિચા૨વાથી શ્મનંત જીવોની નાનો દંડ લગે છે.લીલ જલ્દી સૂકઈજાગ્ય તે માટે લીલgoવક્તોને તડકામાં પણ મૂકJ Ø . * ૧uષ્ટને પોષL માટે આદુIળી ગઈ,બટેટની વૈજ્ઞ૨ue૪નો Sણાવો ગાજનો સૂપ. આદિ વપાય નહીં. પૂર્વે કીધું તે, બીજ અનંતા નિર્દોષ જીવીનેઅLL Lપીને પોતે ૨LL SUciનો પ્રયત્ન કનૈ શતાલુઈ રીતે ક૨ણકે જે આપણે વૈવું મને છે. આપતા આul તો રાતા મને અને બીજાને અશાતઅપ્પઘાણી. અણાતા મને જે “સી. કથ્વી લક્ષી બની. ૧ઈલનાં કુંડ. ઘરે રાખવાથી સતત ભેજનાં લીર્થ, કૂંડની આઋULL શારે બાજુ, બણાનાં તથા અંદરના ભાગમાં લોકોના ઉપર થઈ જાય છે.તે ઉપર્શત ફંડની ઝંદમાં છેલ્લા લાલ માટી પUL સતત ત્રીના 11. છેવાને લીદ, તેમાં પણ મુનિદેદની ઉષ્ણતાઈ.ટાછે.amટલે નિગોદન,.. અનંતા જીવોની વાચનામાં Disec surg પદ્ધ તીવળ કુંડા ઘરે ખcuપને બ.,બજામાંથી મળતાં તજ ફુલો મંtવીને દેશ૪૨માં વાપરી શકઠ. ડુંડા ઘરે રાખcણ અનંત નગોદની સો-સો આંચ Page #166 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. 292 Date सायनां संज्य भवोनी तथा सथित पृथ्वीजयनां असंख्य भवानी વિરાધના પણ,તે ઉપરાંત થાય છે. અને પ્રત્યેક વનસ્પતિની વિરાધના પણ થાય છે, सम् १८) स्वीमींग पूल, आाथ इलज, वोटर चार्ड, पाएगीनां धो& (waterfalls) वरोरे साजोभां, सतत ने सतत चाशी रहेवाने सीधे, मोटा प्रमाणामां सील - निगोहनी उत्पत्ति थाय छे, तेची, शोज आतर अथवा मनोरंवन जातर जावां स्थजोभां इश्खा भाटे, नाहया भाटे न भवाय, जगर उसे तो, उत्पन्न धयेलां, भोटा प्रभाशनी लीलाहिनां जनंता भुवोनी विराधनानो होष लागे है, खायां स्थाजोभां, इखा भाटेना सामुहिक प्रोग्रामो गोडवावामा, रजायाडो भेडालु नहीं रखने कोई जीभं गोडवता होथ तो तेने प्रोत्साहन, साथ- सहकार न सापवो, मनची गभानाय नहीं तथा पाशीची प्रशंसा पाडा उराय नहीं, खाधरनी जाबुजानुमा रहेलां छापराखो, भे सीमेन्ट-डोन्टिना होय ★ अथवा चतरांनां होय तो, शोभासाने (परसाहने) सीधे, तेनी उपर शिकार लील-निगोह यह भय छे, तेथी, भे शक्य होयतो, सीमेन्ट, डोन्डिट अथवा लोखंडनां छाप्ययं जेसाड़वाने जहले, खगर - प्लास्टिङनां छापरां जेसाडयामां खावे तो, लीनां थवा छतांय, प्लास्टिङना छांपराखो पर, लील- निगोह भवानी शख्यता प्राय: नथी,रहेती, तेथी, सीलनी विशेष विशधनाथी जयी शडाय छे, 29) 1) शोभासामा लारे परसाहने सीधे, जिल्डींगना उम्पाउन्डनी बेम, मोटा लागनी जिल्डींगनी टेरेस उपर पड़ा, लाशेलार सील-निगोष्ट राधे भती- होवाथी, शब्य जने तो, डोर्घपाय आराक्शात् जिल्डींगनी टेरेस उपर सोमासमान धुं.श्री शशवाणी सील-निगोह उपर तपसी भवानां लये, टेरेस उपर नवानी निषेधनी पात नथी. परंतु निगोहमा रहेला अनंता साधारण वनस्पतिडायनां निर्दोष भयोनी विशधनाथी अथवा माटे, अगासी उपर भवानुं टाज़. तभायं जाजको कमेरे पाडा, टेरेस उपर न भय, तेवी ललामाथ तेभने पुरखी. रताव, सरोवर अथवा डूत्यनुं चण्डी ने लीलु हेजाथ तेनी छ पडा, सील - निगोह हे तेथी आवां स्थजोभां क्यूं नहीं, ड्यारेड भेवाभां खावे तो पण्डा, ते अनंता बुवो प्रत्ये ध्या सिंतवली रखने त्यांची पण्डा, चण्डी लेवानुं टाज. KOKUYO W-N8280U Page #167 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १:53 No........................ Date .. . व्यासी-पडपट्टीनां विस्तारोमांधी ख्यारेष्ट सारथयान थांयतोवासज्याटा ज , nea. S t ateissoctlammal,susi picuod RTICILcaletaui माया बाहेदा ठप्टरना चाठीने टीधै ससनीयवाणी'मीनमा, पुष्पा निजी उत्पत्ति धाया. या भने छ.ती निध्जिा अनंता नप्पोनी किसाधनाथी जयया भाटे,पाधी नेपाली भीन-स्थलोटीमाथी पसार थार्नु . भाले घण्ठ स्थलो पर गयो लक्ष्योनcable पेयरष्याम उपाय पाडाव्यालयानुं टखj.डायठाडे,यरसानां पाणीने दीधे सततलीलां राष्ट्राधी मापेपर-स्टोन उपर तो लसिथ नष्प्या . परंतु यांत, पेपर-स्टोलसनां जांशानोभतो चाठी सुहायानी शाध्यता धीमीछी होपटी त्यांतो जीट-निगोहतरनाथ यशने मेऽप्यार धोयांजाट, ४ष्टीधी सूडावानीशष्याता पठा प्राय: धीरजी.मा विश्वनाथीजन्यधुं होथती योभासा चूर्व टारष्टासना डच डेभील भिनीतसनोटिन्टनो प्यास्थित पट्टी भराई हवी - राजनीयाधिस्थामा पाठविशेष भामांस- निनी त्यत्तितीहीयाथी ...त्योभारमामा साया स्थभियानुंटाणायतो टापुं. साधाडीनी टांडी पठा साटिएलीcsiExोयाम नियभितपाठी थोडं-थो ध्यितेनीउपरनु पापी शेखूछी नमातुं यतो तेनी उपर सीसनियमानी शष्यता प्रायः खेती नी. साभीजा-अयसाटिनी विमल्योभाशाभांग मिलनाणामां), उध्विस शियानाभानी डाण पूड़ी थयां जाधीवार तेमतेवर्णनीया निगोहाउत्पन्न यायछे.भां सतायो होय छे.तेथीसामानंता योनी निराधनाधीम्या भाटे,मीठा मानोडाचूर्ण थयां पहेला, लेनो बपशश दुरी नाबपो लगे माडीपावभीडामाटिनोलापूशेनन्थया छतांयभारनिगोष्ट मुशास्त्पिन्न लय छे.डारापाटे,भीत झाट जनापती वेन्यूरी जयोजर पुरतुंरंथायुं नहोयतो,तेमा रहेए पाए पूरेपूरन जाने सीधे टीप्टोला चीनां मेयोन्ह, निगरानी पत्तिय सप्टय छेतेयी मा Page #168 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. 2५४ Date उपिसाधनाष्टी अण्या माटे,भीडाईमाहि यूद्ध शंधती टालते,तेमा पाठी रही ....... Easier y Sundeal. ugl muc, नी नसीधा यामी समावमा ४ ने है.. । राभी-शरमााहिजयां जाट, AREight डब्जामाँ नरमायती, त्योभासानां वातावरणानी नेष्ट बागीयाची पहा,तेभां निगोष्ट-कानी उत्पत्तिधप्यार थपियछ.तेथी भीडा साटि जन्यांजा,मेहन कामोतेयां साधनौमां पैड पुरीने राज्प्पुं. 3ाठीयार भीडाई भाटिजनीया जा सको गरमागरम, जामा नयन महीनेजपेडशीनलायतो,जंघडल्लामा जम्म पाने सीधेमेष्ठ माजी नयामनेसमयमा,रानी संभावना घाटा छे.तेथीभीलाई भाष्टिव्यूर्तथी उताजा हरीयत्यारा, डामा मयुं. पानी जनायेसी रोटी लेजी पिसे यामी धर्धा नवापारी शडप्यतो पछी, पांडतो,यायपिसन्य पासी यातायात ऽऽरीतेटापरी शर वाली रेष्टटयानां सीधे भनिगोहानी उत्पतिथव्यछे भय, वामी नेउपा माटि पाए,शाटनी उत्पत्ति वायी डायमभाटे नवापारी का शाडटा.शशातनी मध्यस्थामा निगोटा द्यायनमायाराठा केड-पाउं नाटिके रंगनायछते रंगानी निपटतेां पायी इभातनी सपच्या उत्पन्न थयां छतांय आपणुने प्राय नमाया, परंतु जे5कारभारधारे ध्वियाचसार घायतोळी पर रियासरानी उत्पत्ति, स्टपाथेयाभो छे. उतारनो तैयार भापोतो प्रायः मीने उम्प्यो होते. प्राओने नअपेडाया साना भने वेगारील्युमिओझुंडे छे. यी यओछुजसने भाराया। धारे नघटे.सभामांचाधीनोलापहील्यायोमन्य भीडायोनीभ मन्स ािस तो नन्दव्याटी.परंतु,भातध्यिामाया ओरो,जानो माटो तो अन्य जाट शाहीर शाम डेटमा यिमयी साटोसोयतो पणनेना नहोयाबी,कतरनो डायो भावी यया डाव्या भावाभांधीजनाम साइट छाने केसरी रंगाना पाटीवाटप्नांडा पर्छ सर जी माहि चाठाजन्यां माध्भात अडऋटिस भाटे व्याले.नेत्री मागी बस्तुको प्रबोओ KOKUYo W-NB2800 Page #169 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Date १५५ जरीहवी नहीं. वापरवी नहीं, सेटसे, जभरनो भावो के नेमांथी जनावेल भी हाई આદિ શ્રાવકોએ વાપરવું નહીં.ઘરે બનાવેલ માવો,જો વ્યસ્થિત શૈડીને લાહ્ય डरेल होय त्यारजाहक, ते भावो अथवा तेमांथी जमेल भीकार्ड वापरी शाय रखा रीतें पूरेयुरो साल घोल भावानी भी डाई पाडा, १-८ ध्विसधी वधारे हिवस सुधी न वक्राय तो सारं. खारे समाबेल शाला से इज-इटाहि जेडवार थोपा सभार्या आली हिवसे नये. परंतु सभार्या जाह से व हिवसे वपरार्थ क्युं भेर्धरे. जीभ हिवसे मराय तो मां, ते पानी निगोहनी उत्पत्ति धर्म क्वाथी आपके समारेस इज-कूयहि, जीभ हिवसे न वापराय, परंतु तेव , क्यराय भय तेवी डाज़भगति राजवीखने वधशे खेषु मे लागे तो हीश्मां राजीने, जीरे हिवसे वायरवाने जहले, अर्थ गंरीजने काथवा अर्थ पशुने अपराधी हेकुं, संज्धं समारेल पुलिंगर के हुधा साहि पाए, जीभ हिवसे न जये. उ४५ धानो हलको में टिवसे मनावेल हेय-ते व हिवसे साले, परंतु, जीभ हिवसे मां निगोहनी उत्पति थपानी वात, ज्ञानी लगवंत करतां होवाथी, ते ४ दिवसे धपराय वो मे उपवरसाहभां लीनां घोलां तमाशं जूट-शंपलाहि अथवा तो लीनां न थयेला सेवा तमाशं प्रायेला लूट-शंपल, पर्स, पाकीट, अंग आदि वस्तुको प योभान्सामा खेड जुडो जथवा दुजाटाटियां पडी रहेलाथी, थोडा हिवसोमां, तेमां स्पष्टपों दुग-निगोहाहि सनंता भवानी उत्पत्ति भेवा मजे हे, तेथी भींतां-परसेवा वानां बूटाटि रहीं न मयतेनी राजभ राजवी, दुदृम्य निगोह थ भय तो त्यारमाह, खाचोखाय लील सूपार्थ न भय त्यां सुधा ते वस्तुने पपराय - नहीं, खडाय पाए। नहीं नही सूडाचा भाटे, तडके पए। न रजाय रखने सूमार्ध अथ तेवी छाया न उराय, विशार पए राय न नहीं, 39) परसेवाप्पाणी पाती नवउपरवाजी के इमालाहि वस्तुनो चासोमात्सामां घोडां विसन पथराय खने मे पड़ी रहे तो, लेष्ठ लागीने तेभां चाउरा, घोगं हिवसे, तुरंत निगोह- दूशाहिनी उत्पत्तिः शर्ध भय छे. 39) सागड़ा पधाने तो, पुस्तकअहिमां अथवा खायुर्वेदिक गोगी साहिभां पाए, भे वातावरणानी क्षेत्र लागी भय तो, तुरंत लील- निगोहनी उत्पत्ति थाय 1 Page #170 -------------------------------------------------------------------------- ________________ : No, ૧ ૬ ૧ Date ૩૮દiા નિમિત્તે વ્હામાં જવાનું થ૭ ત્યારે કન્ય કંપનીમાં અથવા દૂકાની જતી વખતે અને સપ્લાઓનાં ઘરોમાં વ્યક્કિ પ્રસંગો ક્લીપ વખતે, | " ' કંપની છઠ્ઠાદિ ઉuઉઝમાં જ લક્ષ થઈ ગટૌલ હોય તૌ તૈutમાં muઝર્સ અલાય .પાનું ષ્ણજાદE હીવા માટે જતી વૈ ઐ પણtolle લીધાં નંતા જીવીની વિરાધના થાય તેL હોય તો કોઝરે તે વર્તે શિવનur wીને જLય નર્ટે સ્વરો તૈ? 85નોટોના બંડલd guતી વાતે છોક્રશ્ચન ટેકાણની ઉગ્ન ભીનાં સ્પંજની -%4:માં વારંn... Bgt :પ્યા છે, તૈમાં પણ સતત ભીનું gu , નોદની ઉત્પત્તિ થguW થઈ જાત્ર છે. તેથી, નોટો ગણવા માટે આ રીતે -ભીનું સ્પંજાWLણી નઝદદની. વિરદાનમાં જોડાનો દોષ eળે છે. માટે, ઝL રીતૈ ભીનું સ્પ૪. ૨ver__ની_વાપાની જરૂર નથી.' જીતર્વ પ્રોગ્ય સુકાં 14નાનો મુન્નો હોય થL માં સાપ તારની arઋણી..ન ઘતી હોય, એi મુબ્બામાં ભેજ શ્રી જવØ શs uસોમાંહીલ-રૂ થઈ જળસ્મતા ઋી બીનજરૂરી પ્રાર્થના થાય છે, કટખ્ય ચાસણી પઝી બની હોય તો મુરબ્બો પEL જ બgણીમાં ટacuસ્થત ન શકોઇ હોય અને જે વાતાશ્રણના ભેજ હારી જાય તો તેમાં પણ, લીલ-રૂકની ઉત્પરતી પ્રરી સંભાવના છેય છે.તૈગ્રી પૂeો actત કે ટanuત તપાધ્ય. અને ભેજ ન સ્વી જગ્યા એવી કઈજ્જ બનાવતી ઐ, ...તોષથી લેવી જોઈએં બની ગયાં બષ્ટ બરણીમાં ટાસ્થતપૈs થઈ જાય અને ઇgiv ન લાગે તેની પણ કોણ ઉULજુ વાળ,ઝા નિર્વ अनंतकायनी विधिनायी जव्या शाडटा छे.. બજQમાં બનેલ મીઠાઈ Arદ ની પણ શક્ય ને તો, શ્રાવકોને ત્યાગ -કch વોઝે ઐથી કાશ્યપ મળને લીધે વધુ પક્ત સ્કી ને ભણે, - નિગૌદ-જુuદની ઉત્પતિ અને વિરાધનાથ બન્શી હાથ. ચોમાસામાં આપો હના સુધી. ભેજનું પ્રમાણ, વાતાવ૨ણમાં વધુ પડ્યું :"" tવાથી માનાં પાણી ગ્યાં. પાપદિ પ્રાથ્વી, આસો મહિના સુધી ન. :: guદL.કાWણકે, પાપડમાં ક્ષાર્ટ્સ પ્રમાણ વધારે હોcર્થી ફા૨ તો વાતાવ૨ણમાંથી ત્રેજને છે પછી ભેજનાં લૐ નિte-zonની ઉત્પત્તિ રાણીવાદથઈ જધ્ય છે. તેથી, પાપડનો પ્રથા છે પાપનું શાક ાદ પણ માસમાં KOKUYO W-N82800 Page #171 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १५७ छोडी ध्यु फोटे. अजिळीमा, निगोली पिराधिनायी जंयत्वाभाटे उरेलाडामानो या खोसपेन्टिनांमष्ट पट्टामा पालेवान्याम्यै प्रयाओहोय भने योन्पश्ये पण्डी मेशिनर्धने,महातुं नहोयतो,पट्टाउपर पाठLCी-निपेनी उत्पत्ति ; सायचे.तेथी, कमीन पर पाटो श्यामां मासयतेमां पायीमेनधय,परंतु, नडेला थी वह हायो रीते कमीनने सीसी-सपाट समता खाष्ट पट्टी भाष्टि मोटातो,तेनी Sफर निगोहपाली समापना नहे, व्योमाम मुंजन मारेपाली व्यायाम, पूरता भाभ લીલ-othદની ઉત્પત્તિ થઈ જLને ક્લી, મામ્સનાં શાર્ચ મહિના માટે, तीर्थ-याताय्यानुं याजधुराडे,तीर्थनां उपाळ धिमा पाठ व्यापायीवीम-निकानां मनंतानुयोनी पियाराधना पायी ते सता -रीते की शाडेपटम्याडेसारीते मण्या निगोष्ट-टीटप-धामाथि उपर व्यालीने पुष्टि एमाथी कुष्टाय बागा उरताय निराधनानी नुशानी -et नेवी व्यापयता छ । पायोभासानी शतमा सीस- निष्ट प्राष्टिनी पियधनायी जा भटे डाभर सध्या सोमन्टनांपट्टाभापानी भाडोनी तिनां मनाये जिना उम्पाउन्डमां तो सीध-निगटिनी पिराधिना यिना पका पाए शल्य नपने छोटी स्थिति सला .डयार व्योमासु शशधयां जा सतत माछोपधतो टासाट मुंजमा व्याघुर हेटण्या साठ-४ महिनासुधी पष्ट खिडीकाजी टीम-निहि.सूडानी नयी तेथी आपठोना महामजित्ला होया छतांव्योमानामांशालामा - महिना सुधासंधनां पप स्टा, अप्पडोनां धयोभांडपाणु यार गोयरी ચ્છો.àા જઈ ન શકાય. આવું પણ બને છે. અક્ષામાન્યEILી વચ્છોવા न शाय परंतु,पर्युपएमां महाभे, पाचवास,भासामा सितिप, पाठीतपघामोटीतपण्यांडरनारोहतमीसोना सोसावी, प्य मने पुराने चारठा भाटे, पाया मरेनी लाम पिनंत होता ध्तायोड चाटतपस्वीनां घरेलील-निधनां डायथे निशाध्य, neelee, परिस्थितिनुं सन थ काय.AILSोनो एमने Page #172 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. १५८ Date लक्षिमापसाराभांसार होया छतांच जाडोना माणसाप्ययवाभाटे, elet-tonsilsi HitHit gchin sansar catect भाट नामारे पानी निषेध प्रमुख डा छे.तेथी,डागनु-प्राप्ति पूर्वष्ठ व्योमाता पूर्वसह पट्टपट भरा हटयो,मानंतानुयोनी पिराधिनाथीधरनां तयां जिन धासस्यौने अयायानो भोटो साभ भी शाडे भने प्र.साधु-साध्वीनी भुपातननां लाभ चापंथित नरहेj पडे. जिन घोस सीस-निगोष्ट लिपी योश-पक्षार धान लीधे, धारेधारे उरीयानां चमियामी होय.त्यायामातनां ध्यिमोमां, सी यी स्याटप्यारे उजन्यानापनेमागाटयमांतीद्धी ने धार-धारे उरीने नीला ,यानां सुडोभण परिपुमो होर-नीर घळश्यानी मोटीनुमानी अप्पडोमोटोपी .शारीने नापीओ ने गरा झुठोर रीनालयीपछी पक्षन्मामाथिइन्प्रतिमा नीशुमनारधनाजो श्वासांय,भाप्त स्थाधानास्तरे,नराधनामां रेडाप्यं छे. परंतुयनां स्शुमनायो साथे,लकामप्यालु थनुनथी.तेयी,सारामांझारी पूनामान्यता प्रायन अव्यय-पुस्तालांयनाटिरा छतांचतेनाभाध्यमे यात्माने सामयो बाम,थयो कोठडते.हामतेपोमधनो नयी.यनां परिप्शप्मोनी मा होलानां संस्ठम्यो, सायनांमवांचा साथै भाववाी भापता मांडण्य अपंत परमात्मा सीमंधर स्वामीनी पैगाथसमय हेशनामशुषिट झेशमा कोसांभया भावो तो त्यां पष्ठध्याना प्रमुनी राष्ट्रकोनीने अSETClzानो उत्साह,सपायां नामाने होतेथी. लीप- निष्पर व्यापायी भावसालमi नही परंतुलारामा पानापामामाने मोटी नुश्मानी ठप्पी पिठे, तेव्याध्यता छे. . सारे जनसाव्याटपरी माटि पाठ धावार्थी मां शालीने जी टिटा वापण्यायी,ते पानी निगोष्टकाटिनी उत्पत्तिमा थव्यानी सध्यता छेतेची माहे मनालयी जो ािसे, पा.न .परंतु तेव्हाधियों पपरप्याटवी की.... टाळानंतायोनी हिंसाभांरटेली छैतेयां जयाटांडुंगामाष्टम, भूणा, शरियां कोरेना मोहनप्नो तयाटली वाटायोरेनी हिंसानो स्तर KOKUYO W-N82800 Page #173 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. 296 ત્યાણ જ કરી દેવો જોઈૌ.બટાટાં ડુંગળી લક્ષ્મણgrદ જમીનમાં છે. માટેતેન“જમીપ્સર્ડ' ૨૬મૂળ" કહેવામાં આવે છે. વૈજ્ઞાનિકો પણ કહે છે કે, (Where there is Larkness, there are germs) Cazi zingine ટા દાણાં જુવો કોય આમ તૈઋો પણ જમીનyદમાં અને ભજનમાં, ' ' ' . refએનાં ખેતુ માટે 22માંજ ચીજ-શૌજque cuી તેમાં લીલવાની -પ્રરી અંત:ત્વના છે.માટે ૩-૪ છિન્ને માટલાં બતલતાં રહ્યું અને પાણી માટલાં-- રોને સંપૂર્ણ સૂકવ્વા નાં માટલાં બાગ્લી ઘડ્યા બાદ તેમાં લ પાણીનાં ટીપાં-- - ઓને ધ્યસ્થિત નીતત્વ ાં.સ્થાપ્નાદેશ પsuથી જવા૨ canશ્ચત દકને કોટી કઈ બાદ, fમ્સ બાદ નવું પાછું . " . વાસી બેઠક ઉપ૨ તથL SL૨ા૨ બનેમીકઈ બાબર ઉપ૨ જે સપ્ટેદ 3Gષ્ટની 5 બાઝી જાય છે, તે “અનંતકાઈ.ME+કરીને શોમાસામાં - જ્યાં ત્યાં 3ની દ્ધ સૈભuત છે.મીઠાઈ ખારાં પાપડી ની ગોહીલો સાબુ ગામડાનાં પાટ પુસ્તકનાં નjguો, અથાણુ વછો ઉu. ઘણી વખત ફૂગ થઈ જાય છે. ન થાય તેની પહેલેથી ફાળજી રાખવી જોઈએ. પાણી કે ભેજ લાગવાનાં કણો તથા સ્ત્રીઠાઈ, અatણાં ઘરે બાબ, બનાણાં ન હોય કે બાબ૨ રીતે સાચવ્યાં ન હોય ત્યારે. wાળું છાસ બને છે. 3. થયાં પર્દા. તે બાવાનાં પદÀ ભક્ષ્ય ને હૈં. તેથી તે આવાય નહિં. અને તેને એSાથપગ હ.છોની-મે મચ્છકાણો ફાળ પક્ષ થયાં પછી -એ ઝૂ. દૂર થઈ જાથ પૂછી જ તે ધ્વની ચીજ-વરલી વહોઈએ છાને સાબુને ઉપથી માં લઈ શsધ્ય.પણ જૂજ ના થઇ. તેની ઍમાતો, -પહેથી જ ૨ાખથ્વી પડે. નહીં તો ફુLaઈ જગ્યા ઋને તૈથીજ નંદજૌની ઘોર જંક્ષાનું પCL આપણાં લલાટે ટીગA.ભીનાં હd મીઠાઈ પાપડ વોરેને ન કરવું, અથાણાં વચ્ચે બુદ્ધાં ન મૂકુણા .તારી ચાસણી વગરે નીત-નિયમો બ૨બ૨ પIUM.તો જ, આ ઝનંતા જીવોની. બીનજરૂરી પશુધનાથી બથી ક્ષય.. TઈમધપEMemશ્રીનાખવા તે તેનાદ્યપદના તે કાદમદા , ઉલ્લંઘન ઘauથી તેમાં ફૂuદ અનંત જીવોની ઉત્પતિ+વિશ્વના છે. તેથી, આ અંગો જ ૨ાખવી. Page #174 -------------------------------------------------------------------------- ________________ . No. ૧૭ ૦ Date . 1. પJવાતાવરણમાં ભેજને લીધે ઘણીવાદ કેસની swીમાં પણ ફુગાદિ અનંતા જીવોપ્ની ઉત્પત્તિ થઈ. જાધ્ય છે. પશ્ત કેરાગ્ની ડબ્બીમાં ને 3ળા મરીના દાd ' મૂકી ૨Mો ભેજનાં કાણો રાત. જીંવત+tવધનારા બળદ . - uથમાં છેyપકાંનાં ૩બાટ,શોકેસ, પુસ્તકોનાં બેuદ છેજુદાં-જુદાં સ્થળોમાં જ ગામસ્તી ગોળીઓ મૂક્L Lષ્ય તે, નવ પૈત્પત્તિ થતી નથી. પy)નાટોદ ઉપ પDL મૂકીને ગાલuથી તેની ઉપર રેકો. છેને ક્ષuળું, -તિની ઉપવ.. લાવણી તેની ઉપ કોઈ થીજતુ મૂucથી કે તેની ઉપર QugL ઢc Cuદનાં ક્વનંત જીવોની ઇજ્ઞાણ . | બટાટાં અનંતકબ્દ છે. તેથી તેને Q જડબા વચ્ચે ન શકી ૨LIA. - તો પછી. ખટાણાંની એw.૪ ઋનિંgવ્ય રૂપે એં ઐી નગને,— ----નીચે કેવી રીતે 3ડી ૨૪Zqએટલે કે, કાંgL-લસણુન્હxળી - બટાટ આદિ કંદમૂET વપ૨વાથી જેવું પાપ-ધ્યું પાપ લ છે ઐશ્કેજ --ઋને એમ્બેજ પE_નિશૈદ ઉપચ ચાલuતેની દશાનથી , LL ને છે. છોણા ચાલો ? પyજે જા, વધુ ક્ષમંથ માટે ભીની ને મીની. ત્યાં નિગોદ ઉત્પન્ન થાય છે -બાથરૂમ પણL, Eો વિક્ષ ભીનો છે, તો તેમાં પણ નિગોદ થઈ જA 8. થિી, ધનાં કોઈપણ નોn, Cબત મટૅ ભીનાં ન તેની પૂર્ણ કાજુ 2wr..કમ્પાઉન્ડમાં પૂરાં cધુ પડતાં પાણીથી ગાડીઓ ધોવાતી હોય તે સ્થળો પાણE,સતત રમીનું ડેપ્પી નિગોદ થઈ જાધ્ય છે. -પનીરો ચાલો, તાંમાં થઇ ોિદ છવાયેલી ય તૌ, ક્ષીને બાજુની શોછબી શા ૫૨. થાકતો. મકાનમાં કે ઝમ્પાઉન્ડમાં ચાલવાનાં - રસ્તા ઉપw stોદ ન થઈ જાય તે માટે વXાદની. ટહતુ શરૂ થપ્યા તે પઝેલાં જ તે સ્તા ઉપનિટોદ ઉત્પન્ન જ ના થાર્થ. નૈવ ઉપાયે કૌ, જેવા કે ,,, .. . - નિકોઇ ના થાય. તે મટી થકી દેવી. NF »નગદ ન થLA.. નૈવ, ફલ્લોરી કરી.વું. (લાદL વગેરેનું). -. * Stબ્દનો પટ્ટો »LLી દેવો. * સફેદ રંગનો પટ્ટી ભout al. KOKUYO W-N82300 Page #175 -------------------------------------------------------------------------- ________________ .No. 292 Date पशोड याट निगोष्ट थर्डयां पछी..तेने उडप्य नछ, माश्याय नहि તેના ઉપ૨ માટી કે "લાટી ક્રાંઈ નબયન, કલચ કે કામનો પટ્ટો પણ डरप्या हाध्यती-रीतेप्य नहिं त्या सुधाई पाय रायन "टी सभाय तेयुंकाय विचाराय पाय न जाही निगोष्ट हसीमामा रेखा नंतानुपानी बिशधनानो मापणांसभा परिवारने मागे छे.व्यासो ? प पटवाडा पर रंगार्निश पोजीशी तेनां पर निगोड धतीनधी,ध मीट तो नी उत्पत्तिनी पार संभावना,पाया ये रडेती नयी पीला पडाना डोजांय वालाशमोधी तथा यमानी धांठीनी नाऽपानी डेनीमा पठाटीमा यानी पूरी शयता छैन्यां मेनु प्रभाणघोडा बनत भाटे चार सतत रहेनौं त्यांमुनियोचावानी संभावना घgी धाय.तेयी लेन्ट-पोवा वाली वस्तुओनरहे, तेनी पूरी पुष्प पी. माधमर्याने, गुस्त ढांडवानां साधनोमारीने सोश याय तयां पष्टोंने ब्याणां पातायायायुमन रा.डामाथी पश्तु वाहतां ध या पामीनो नोयो भेलाडी,सटे पाठा लेनाci -प्राधि पटायीमतरतीमा उत्पन्न भई तां दोटारक नयी माती. भाभीठाधे बोरे यापरतां चला,जशजर शहारली टो तेनां पर तो नर्थ - नेमाडपा पो मांगीने योऽस्मार्थ अशी टीका माजी छे होयतेपीथीने, जान ही रामोते यीने डोई बडे नहि तेनुध्यानाशो शू योयतेवां उजाकियधाओं मलय बनाय छ.ते प्रा न.,बीकाने पडाय ना. राजानां तैयार पडी-पापड, सूपाधी डे भीसा नई. ध-मुष्ठा योटेलेका भूपाभा केल्यूटोयडाबाटाभाले सही होतो, लेभांगवानी पूरी शयताछ मुटीमा ब्यास थोडपधारे पुण्य रही गोथ तो तरतम ईशय छ.मीsi MALLOLLIयुर्वेछिध्यानी गोमो स्ट्रीपमांधी ही योटी ध्यानी टीडीखो फोरेमा, Page #176 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. 29२ Date . . प्स म थधानी पूरी संभावना छ.फुट,पा,प, शाश्मा कोरे शेत्र વ્યવસ્થિત લાડ તા મેલા કપડા થેલા વો]. મુઠ્ઠી ન ખવા. તો જ टीटागनी उत्पत्ति भने विराधनांधी अशी शाशे. जाडीनही. सर धनवानो सोरसीटो शेरचण्ीी व्यवस्थ्यित भाइरीने यूंछी नायो.तेनी भासपास निगोष्ट न घऽ यतेनी कानुशावी .cाडी, माइजानो त्या शं वश्ती खूछयानो ने न राय तो,त्यांचयं बीस-ए-निगोष्ट घतां पर न हो. यसरमां पा धोयानाथ्याने पाणी ढोणाने स्याने तया नमानी कुंडीभां लक्ष नाचाय तेली डानुयायी झाडापाखाना न रणाती घेवायी माले भोट मांगनां रामरमां पर धोयानां स्याने र श्वाय धाएं वधु पाणी आटपडो का घोला भाटे यापरी छे.सततने रहेपाने उपराये,ते व्याने सीमानिशोध घई यछे.त्याराने निधसीम पर, झरी पाछुफा धोया कोरे प्रकृतिमोसम न पाम्ने डरो माटो उरे छे.तेघरमा अनंता गुप्पोनी धिमाधी cucuad लियोधप्रदान seो धातूनां प्रतिभाशुभांया -तराणी- परिश्र कोरे स्थान को संगj जयजर नथाय झाले मीठे है, तो निगोह घोप्यानी पूरी शुष्यताछे. तेरी, पाचागुनी प्रतिभालुली पासे पलास उप्पर पालारडे यतो,त्या पाणु निकोट धपानी धीयताछेपाथी राय गही प्य तेना भाटेर उपयोग शप्रयोशष्य होयतो घर पप घिसे,धा प्रभुलुनी ही मारे द्रष्योधी विशेषशुध्वियी लेटी निजाटनी उत्पत्तियधनानी संभावना जी हाय. माडीनी.. टांडीतांजानो डी भूडी शपयार्थी मां elecी नयी. बाडी,पापीथी मखटांडी,सततमीनी खाने खातेभांपला खीमपुर-सेवा-निको भय छे. या भौटी विराधनाधे. बनरनी ययाती.मोरे लागो, माहूपाणी. होय छे. देसलक्ष्याछे. स्वाद भाटे, धनी हाँसीटी ठुलही ऽरीने, माइयां पहोना उपयोग, जन्नरनी - होटलनी 'था' मां दुराय छे. तेथी, सनंताय सेवां भूणपाणी या नो, सहाय भाटे त्याग पो. KOKUYO W-NB2BOU Page #177 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. १.93 Date डा ओ पस्तु पर जील-युग थर्ण गंयां पछी \ इरशो? -- उज्जाभां पडेली पस्तुभां मेसीलई गई छे खथवा ना, मेलांडो, हांना जोस, झालिमा नेप्ने डारएगे मेसील थी गई छे, तो तेपी पस्तुने जाय पाएा नहीं. तेनो निहाय पए दुशय नहीं. डारा, माल्मनंतपोस्थानमने योनि छे. भाटे, तेने हगवां हाये, जी डोईनो लूलथी पा स्पर्श न थाय, राय हसनन्यसन न थाय, तेवी ग्यासमा समयसुधी रानी हे या सुपी, पापभेगे ते निमोहन्सीलनो निझाम न थर्छन्नय, त्यां सुधी, सेमल पडी रहेपा हेपी. अने, यार खेड श्रेष् उपाय छे. |तेने साइपए न डराया ध्यारे मापील शे-तेपो पियार पान राय. आपो पियार, महापापडर्मनोलंय. रापी शर्ड छ. माटे, सौथी पहेटांतो, जिननदरी लालासमयेडाममा सापनार पस्तूने संघरपी नहीं मने राप्नवी होयतो, तेनी सरनी जगवी उरीने राप्मपी, मेथी मायुं प्यारेया पए बापती रडारीथी न घाय. पस्तु उभरनी निगोई सहापयां मारे, तेने तडडे पहा रमाय नहीं. साधापाणी डोपिएा यस्तुभा जीन पिसे निगोह थर्ड लय छे. तेवी न रीते, रात्रे मायो सपायैस पस्तुभां पाजीलं हिपसे सघारे, निगो थर्छ गया. -मायां ज्ञानी लगपंतना पयनो छे. भाटे, सारे सायो मपायेस पस्तु, साठे र पपशय अने राने डोपा पस्तुमा माधो अपाय नहीं, नहीं तो, निगोहना मनंताय योनी उत्पत्ति भने विराधना ऽरवानां महापापमा लागीधर मनीने, आपणो खात्मा, दुर्भधी लारे थर्ड शे. (30) बहामनी रेभ, स्वां टोपरांनो सानो गोगो पहा पोतानी मुख्य डायसी साये, जे भने,तो ते हिवस भाटे, योभासामा पापरी शहाय माने शेउलो गोगो, डाले रानी शहाय नहीं. सने राजयो होय तो, तेने धीमापाडी गरमी ल्यमापीने शेयोपडा छो. ममममणतां डायसी कारनां स्वां टोपरानां मानां गोगां होपां छतांय, ते मलक्ष्य छे. डाराडे, चातापपानी direct मसरची, तेनां संरना लागभां, खील-श, भाटे मागे, धर्म भय छे. - डेपणी नगपानना Page #178 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. 29४-A Date . . . ज्ञाननो पिघय छे, मने मापी उद्याय, नरी मां तेने यांसक्षम नथी. डायली पगरनां सामा गोणाभां, प्राया हुरीने, नानी-सी तिराउ (crackडे नानी झडा पडी नय छ वातावरणाने दीधे). मने या तिराऽनां माध्यमे, पातापरएमांथी लेल मेंयाय छे मने प्रायः डीने तेमां मंहमांश-निगो घई गयेलपां भणे छे. तेथी,ते तापपरायः (31) ..... . शंण पुरतीम्जीते , हरिया डिनारेमगतां होय छे. ते सच होयछ मने घी जतन होय छे.शंपनी उपयोगा पानां मने डोरेशनमा थतो. होया तेंनी मांग पुष्टुणा होपाधी, हरियानां पेटाणमांथीडादयामानायटलांना समय सुधी, सतत पाएीमा रहेपाथी, सह-शंण पुरा लीसथी ढंडाई जय छे... मेरले, मागीमाथी ठाय स त्यारे, सहन हेप्नालां, डाणां डेलीयां पनिां प्राय छे. भाटे शंणनो पपशश पाधी, ते पोते जेन्द्रिय जप रपे होयाधी, सोल्नधभतो, जेन्द्रिय नुपनी हिंसानो दंड लागे. मने ते उपरांत, सनंता निगोह जुवोनी हिंसा पाए थाय छे. सील नियोगो नोथर, पाठीमाथी टायल शंण उपर सभी नवाने लीधे, तेनजी सेसिऽमां धोयाया पछी पगते शनने मेर-भैरथी यसपाभां सापे त्यारे, भाइभांड, परनी निगोहर थाय मने खोरीजनल शंमनो डलर हेमाया. तेथी, शंण पोरे यपरायेला पस्तुयो-वा पोरेनोपायपराशयाणपो मारीले नामां रोjा गुपनभायालती, साधारण पनस्पतिडायनां मनंता नुवोनी मिनरी direct- indirect विराधनाधी जयपानी शष्य भेटलो पधुमां-पथुप्रयत्न डरपो. झापसे? साधारण पनस्पतिडायनो विलाग समाप्त (THE END): KOKUYO W-N82800 Page #179 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (493)-B Date . . सा रीते, स्थापर खेडेन्द्रियना स ले थया. मांथी पर पर्याप्ता छे खने पप खपर्याप्ता छे. तो खा-'पर्याप्ता-मपर्याप्ता' खरखे शं? सेनी विरोध नाडारी मेणवीसे. लुपनारे मागमा- खेडेन्द्रियमां, पिलेन्द्रियभा, पंयेन्द्रियमा मा अंने-'पर्याप्ता-सपर्याप्ता' होय छे. तेधी तेनो मर्य समयो नशीछे. प्रश्नः पर्याप्ताः सने अपर्याप्ताटिलेशं?रपामा नेपो, स्वयोज्य पर्याप्तिसो पूर्ण ा पछी ४, मृत्यु पाभे छ, तेस्रो 'पर्याप्ता' हेवायसने रे गुपो, स्पयोग्य पर्याप्तिनो पूर्ण ऽर्थी पहखा, मृत्युचामेछ, तेस्रो "अपर्याप्ता' हेवाय. प्रम 'पर्याप्ति' मेरले शं नयामा "पर्याप्ति' मेटले पन नुपपानी से प्रहारनी शहित. मापी दुख छ पर्याप्तिमा छे. मा पर्याप्तिमी, नुप ठित्यत्तिनांप्रथम समयी संतर्मुहर्तमा भेगपी से तन्नुपन पर्यंत हे छे. खने प्रमता से पर्याप्तिमोनांजनाममने प्याज्यासभनपरणे? क्वानः पर्याप्तिो छ छे. ते नीये मुल छ: पा साहार पर्याप्ति : साहारनां पुलोने ग्रहए। रयानी मने तेने परिएाभावीने जलाभणा, भूतपोरे) तथा रस उपेनुहां पाडवानी से शद्वित, ते 'आहार पर्यास्ति' हेवाय (श शरीर पर्यातिः रसभांथी लोही, मांस,मेह पोरे सात धातुप शरीर जनापपानी, मेड प्रडारनी शहित, ते शरीर पर्याप्ति हेपायधातुः अस्थिाहाऽ), भलं, मांसा भेट (यरजी), सोही , रस, वीर्य. (3) ईन्द्रिय पर्याप्ति: सात धातुश्म शरीरमांधी ईन्द्रियो मनापपानी जेड प्रडारनी रास्ति, ते 'छन्द्रिय पर्याप्ति' हेपाय. KOKUYO W-NB2800 Page #180 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (34) स्वारछोम्वास पर्याप्ति: ज्वारंगोश्वासवर्णपाना पुशमोने | गृहए।, दुश्वानी, ग्रहए। उरीनेम्वाय्छोम्घास इथे र परिणामापपानी मने तेनुनमालंपन हाईने दुधानी से प्रभारनी रास्ति, ते 'श्यारछोग्यास समाप्तिाहेबाया सातपर्याप्तिशतिना डारगे, , शुवा ग्यास साढे छ भने मूडे छे.(प) लाषा पर्याप्ति: लाघा पर्वाणानां पुद्दालोने ग्रहए। डरयानी, ग्रहए डरीने लाघा उपे परिणमापवानी मने ते मासंजना सहाभूऽधानी, मेड प्रहारनी शन्ति, ते 'लाधा पर्याप्ति हेपाया मा पर्याप्तिनांडारो, पाखोली शंछे. दामन पर्याप्तिा मनोपर्यष्टानां पुलोने गृहएारपानी, ग्राहए जरीने भन ३गपरिएमापवानी मने तेनुं साजन मर्डने भवानी, मेड प्रहारनी शहित) - ते “मन पर्याप्तिापाय पर्याप्तिनां डारो, भनथी पियाराहि डरी शबछे. या पर्याप्तिमा भणपतांकनपने उत्पत्तिनां प्रथम समयधी अंतर्मुहर्तनो डाण लागे छे. पएफ ते पर्याप्तिमो, पनी पासे, मापन पर्यंत रहे छे. रमेशहितसो द्वारा, माहार ग्रहएा, जलमने रसाइपान घj, रसमाथी सातांधातु३प शरीर जनयु, रोमांधी इन्द्रियो जनधी, प्यासपेवा-हवा, पाणी व्यवहार डरपो, भनधी वियारयुयाहि थर्ण शडे छे. ले मापी शन्तिमओपभेगक नहीं तोजसस्तिनांव्मलाये, उपराप्यां भुटानी, वन ल्यवाभाटेनी गरी हियामा, दुई रीते थई राहे? प्रश्नः मा पर्याप्तिसो जुप डेवी रीते अने ज्यारे भेगवे छे? बधी पर्याप्तिमोशून्ने साधे भेणषेछ४पालः पउत्पत्तिनां प्रथम सभयथी , साहारनां पुहालोने गए। उरे थे. मेधी, मा पर्याप्तिलो भेगपपानी शरणात, उत्पत्तिनां प्रथम समयधीन, शर थर्छ नया छे. मठे, पुलोनां Page #181 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Date जगारमाहाराहि मुहशटोनमणपाथीला मा शहिलामो पेहाथाय छे. बधी पर्याप्तिमा भैणपपानी सलात, मेऽ साथेन, उत्पत्तिनां प्रथम समयथी , धन्नया छे. परंतु, पूर्णाहुति तो इभराः पछी पछी र पाय छे. डारए। डे, पहेटी पर्याप्ति स्थूमछे. मिने नेपछीली पाप्तिमी, डन्तर छरतां यधुन्य' सुमन्सूक्ष्म छे. हेभ समनायथुमतेम पूहितिाभाटे वधु पुशलोनी पर पडेगासने तामाटे समय पहुए पधुयाय. पण | मेड दृष्टांत वियारीः छलहेनो, मेड साथे, घोरांजनापपानी शश्नात रे धे. तेभांधी, अहेन नडी-लडी स्चूलन्स्यूला होरीमो बनायरोमातेनुं डोकलही पूरेथ नशे. अने, के महेनो, पातणापातणां होरा जनावशे, तेने पधु-पधुसमय लागशे. गतीमुष्टांत पिथारीखे: मोरा पत्थरोधी उष्मो नही लिराई सोन्यारे धूण लश्यामां पधु समय सागरो. का सामारीते, नेम सूक्ष्मता पपु म पर्याप्ति मेणयपाभां वधुरासमयाजाणे. पहेटी पर्याप्ति (साहार) नुपाउित्पत्तिमां प्रथम समये ? मेणवी छे. तथा, पछी पछीनी पर्याप्तिसो, सनु, अंतर्मुहुर्त : अंतर्मुहर्तनां सांतरे मेणवो छे. लया। छ. पर्याप्तियो मेपावलांस समय पए, खंतर्मुहूर्त न थाय छे. लेडे, हरेक तुपने अधी४ पर्याप्तिमो प्राप्तथती नथी., भाटे, रेने निरसी पर्याप्ति प्राप्त थती होय, तेनो सुखसमय-संत हर्त छे, तेभ समनुखेपुं.प्रमः या न्यने डरती पर्याप्तिमो प्राप्त थाय छ। या सपर्याप्ता नुपोने, पहेली नए पर्याप्तिमो प्राप्त धाय छे. पहेली प्रएर पर्याप्तिमो भेजप्यां पहेला, मागाभी (मापत लपना सायुष्य दुर्भनो बंध थतो नधी. तेथी, पहेली नए। पर्याप्ति प्राप्त - पहेखां, डोईनुप भृत्यु पामतो नयी पर्याप्ताजपो, नाएर पर्याप्ति मूर्ख डरीने, सेड संलर्मुहुर्तमां, सायुध्य बांधीने, त्यार पछी (सजाधाडाणप) संत हर्त न्नुपीने 7, भरे छे. एसंतर्मुर्त नानां - भोटां सनेड प्रडारे होपाधी , जहा पर्याप्ति पछीना KOKUYO W-NB2000 Page #182 -------------------------------------------------------------------------- ________________ • (१०७ पसार थयेसां संतर्मुहूर्तमा पा थोथी पर्याप्ति पूर्ण हुरी नथीशहतो - तेम समन्यु • पर्याप्ता नपोमां: खेडेन्द्रियने पहेली यार , पंयेन्द्रिय गर्ल तिर्थय,गर्ल मनुष्य, पालथा नारने छ,बाडीनां सघणां पर्याप्तानियोने पाय पर्याप्ति प्राप्त धाय थे, या तेमनी स्पयोग्य पर्याप्तिइवाय छे. यो पर्याप्ति रखी पर्याप्ति हुई का पर्याप्ता ठन्द्रिय यो साहार, शरीर,न्द्रिय | ज्यायोग्यास शा पर्याप्ता विश्लेन्द्रिय यो माहार, शरीर, इन्द्रिय प्यारछोग्यास, पापा अपर्याप्ता ससंझी पंयेन्द्रिय साहार, शरीर,न्ट्रिया વ્હાચ્છોશ્વાસ, ભાષા पर्याप्ता संती पंयेन्द्रिय साहार, शरीर,ईन्द्रिय श्वारछोण्यासालाघा,मन पा सधणां अपर्याप्ता साहार, शरीर, ईन्द्रिय Page #183 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (22) No. SUMMARY OF Alleha @uda yg) विश्व अनुव संसारी नवमुत्त लुप स સ્થાવર तमाम डेन्द्रिया जेन्द्रिययी पंन्निया ja स्थापर (भेडेन्द्रिय)पना दुल र लेह- पृथ्वीडायनां सपाया पडाय पाय पनस्पतिय सूक्ष्म बार सूक्ष्म बार सुना यार सुदुम बाहर, प्रत्ये साधारण। ____(ANER) . પથ અપર્યા પથ અપર્યા 1 पर्या पर्या | पर्या पर्या पर्या अपर्या પર્યા અપ - પ અપર્યા પથ અપર્ણા પય અપર્યા અને સૂક્ષ્મ બાદર -પપ પ અપ स्थापर नपोनां र लेडोनां नाम :(इरी वार- Revision माई) १) पर्याप्ता सूक्ष्म पृथ्वीडाया (3) पर्याप्ता सूहम पाउछाय शामपर्याप्ताहमा पृथ्वीय (1) अपर्याप्ता सम बाजाय अपर्याप्तामारथ्वीमाथ- (प) पर्याप्ता जार पाडाय जसपर्याप्ता पार पृथ्वीजय. | सपर्याप्ता जार पाउिठाय पा पर्याप्ता सम सपहाय। (1) पर्याप्ता बाहर प्रत्येक पनस्पतिय अपर्याप्ता सूक्ष्म अपडाय | सपर्याप्ता बार प्रत्येऽ पनस्पतिशय पर्याप्ता जाहर सपाय | ) पर्याप्ता सूक्ष्म साधारए पनस्पतिहाय टोअपर्याप्ता जाहर सपहाय रणअपर्याप्ता सून साधारणपनस्पतिमय द) पर्याप्ता सूम लेउडाय. एस) पर्याप्ता वाहासाधारएपनस्पतिजाय पण अपर्याप्ता' सुक्ष्म तेउडाया (स) सपर्याप्ता वार साधारण पनस्पतिहार पा) पर्याप्ता जाहर वाय १२) अपर्याप्ता जार ते ठाय .. KOKUYO W-NB2BOU Page #184 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. 990 Date पिठौन्द्रिय यो __ संसा 4 स्थावर प्रेम (सन्द्रिय) _asalcgययन्द्रिय બેઈન્દ્રિય તેઈન્દ્રિય ચઉરિય दुख पाय न्द्रियोः शीत, उष्ण, लीसं, परनयई पोरेनो मनुलवडरी. शहाय छ, ते स्पर्शेन्द्रियने यामडी मालारी छे. माटुं, मीj, तीj, तुरं, डयुं पोरे तस्याहनो मनुलप भरी शायडे, ते २सनेन्द्रिय (जलाने सालारी छे. सुगंप, धुप योरे गंधनो मनुलपरी शहाय छे, ते वाहोन्द्रिय (नाड) ने सालारी छे. सई, डा', पाल पोरे पर्ण तथा नुहां-गुहां खाडारपाणी पस्तुमा नेछ शडाय छे, ते यमुरिन्द्रियामांजाने मालारी छे. सवाल सालणी शहाय छे, ते श्रोतेन्द्रिय रहानाने खालारी छे. जेन्द्रिय योने मात्र स्परोंन्द्रिय होय छे. माटे तेसो त स्पर्श पारनपार्नु म डरे छ..पए सपाइपशष्पारणी राहतां नधी. जेन्द्रिय नुयोने थामडी मने जुलहोय छे. भाटे तेसो स्पर्श मने रस पाराणी शडे छे. पा गंध, स्पडे शव पारजी राहतां नयी तेन्द्रिय लुपोने यामडी, गुलमने ना होय छ, भाटे.तेखो स्पर्श, | रस सने गंध पारजी शडे छे.पए। ३प शाह पारजी राहतां नथी. यतिरिन्द्रियन्नयोने यामडी, लुल, नाऊसने महोय छे. माटे तेस्रो स्पर्श, रस,गंध मने ३प पारजी शडे छे. पा राज पारजी शतां - नथी. येन्द्रिय नपोने यामडी, गुल, ना, खाज सने झन होय छे. , भाटे यो स्पर्श, रस, गंध, इप, शह- पायेय पारणी शडे छे. 2 पिटलेन्द्रियः रे गुयोने पायेयन्द्रियो न होय, परंतु यायधी भोछी विनी वधारे ईन्द्रिय होय, तेभने "पिडटोन्द्रिय भुयो हेपाय. એનેય +વિકસૈન્દ્રિય જીવોનાં કુલ ભે-> એકેન્દ્રિય(કુલ ૨૨ ભેદ) +Àઇન્દ્રિા) નૈ0+ ચઉજી=૨૮ર્ભર Page #185 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. Date . 9 Xन्द्रय यो वन्द्रय लचीलर तक व्याज्या: याभडी मुले मान्द्रियोने धोरण नारा जुयोने "जेन्द्रिय अपो' उहेयाय. मी मात्र होय.(अपर मुख) हात: शंण, डोडा, डोडी, मह, छीप, गंडोला, यो, मणसिया, जाणीया, पोरा , भामएमुंडा, भिया, भातृषाह, पाणा, द्विष्ण, पासी हीमा थनारां जपो पोरे ..... जेन्द्रिय अधोनी जिनलरी विराधिनाथी बयपानां उपायो डेन्द्रियधीयरिन्द्रिय सुधीनां जपो संझिम होपाथी, ते योने उत्पन्न थयां माटे, माता-पिताना संयोगनी ३र नथी रहेती. परंतु, उत्पन्न थपा माटेनुं मनुण लेनहितुं पातापरा भणपा भानथी, तुरंत उत्पन्न थई लय छे. योभासाभां, परसाने खीधे, नापोआप भोटी संध्यामां मणसियां जेन्द्रियायोनी उत्पत्ति थर्छ भय छे. रस्ता उपर यावती पनते., नीये नर्शने ने न चलाय, तो या गुपो पग नीये ज्यडाईने मरी लय छे. तेथी, जीये नेने यापपुंन्मनेशय जने तो, योभासामा स्कुटर , रीक्षा, गाडी पगेरे पाहनोनो - पपराश न उरयो. डारहाडे, सा पाहनोनी नीये पणु, घौं अगसियां ड्यंडाने भरी तां नेपा मगे छ.. माने जनरभां ने शन, डोडा, छोडी वगेरे जेवा मणे छे, तेलिप' स्परपे नथी. परंतु, बेन्द्रिय उपे रहेस रांण, डोडा, ऑडीनांतुषोनांसेपर पेश होय छे. शथी पोतानो जयाप रपां माटे, डायनाने सुरक्षा उपय३पे, हना लागा पड, सुरत तरथी लेट पे रेम भगे छे, तेम शंमाहिनां जयोने पए, सुरक्षा उपभगेछे. सापानेले शप्पाहि नगर सामे हेपाय छे, तेनी साये, मांसना अटळ स्परपे पडायेस होय छे. शत्रुथी न्यारे लय लागे, त्यारे शंघाहिना पो, पोतानां नानां शरीरने संडोयीने शंजाहिनी नीये छुधावीनेस्थिर थर्ड जय. शत्रुनो लय हर थवाी , श्री पार्छ, पोताना शरीर, लाग उियुडरीने, धीरे-धीरे., यासपा भाउ छे. हरिया डिनारे सथपा, पधु पडता लेलवाणां स्थणोमा उत्पन्न थनारांना शंज, डोडा, ओडी साहिन्द्रिय गुपो, पा नीये मापीने ज्यडाईन जय, तेनी ठाणशु देवी नेई. ते उपरांतभा, घर माहिने सभवयां भाटे (decoration), KOKUYO W-NB2B0U Page #186 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 19 | खाने राज- छीपला - डोडा- डोडी खांहिमां जेर्धन्द्रिय (मांसइये रहेजा भवोने, छरो देखीने, माछीमाराहि हिंसङ मनुष्यो भारी नांजे छे." त्यारजाह, खा भुषोनां डलेवर इये रहेल शंज, छीपसां खाहिने जभरमां पेयाय छे, खने तोएगो कोरे सभवटनी सामग्रीखो जनावपानां उपयोगमां सेवाय छे. तेथी, राजाहियां रहेस निर्दोष जेर्धन्द्रिय भ्रपोनी विराधना उरीने, जनावेलां डोडा-डोडी - छीपसां खहिना तोरागो, धरने सभववा माटे, जभरमांधी जरीहवा नहीं. ते उपरांत, घरमा शोडेस खाहिने सभववा माटे, शोला भाटे पए, शंखाहिने शुडनश्ये मानीने, धरमांनेरजाय 1.छे, ते पण श्रायडोखे न जाने हाडांना दुजावा माटे, घएगां डॉटरी ने डेस्शियमनी गोणीरजो लजी खाये छे, ते मोटां लागनी डेल्शियमनी गोणीमां, खा' शंजाहिनो यूर्ग दुरीने तेमां नंखाय छे. तेथी, डेल्शियमनी गोणीखो दुहाय पापरपी पडे तो यएए, शंजाहि भुवोनी विराधना य विनानी, गोजीखो तपास दुरीने पापरी शाय ने डेल्शियमनी गोणीसोमां शंजाहिनी विराधना थयेल होय, तेनां पेडेट उपर 'Shell' खेटले के 'राज' खा रीतनां शब्दो, स्पष्टपणे सजेल ४ होय छे. खमुङ ४ स्थजोमां खा shell वगरनी डेल्शियमनी गोणीखो मजे छे, ने थोडी व्यवस्थित तयास डरवायी भजी शडे छे. स्वालाविङपहले शंखाहिनां भुवो नेमां मरी गयेसां होय, तेवां शंखाहिनां इलेवरोमांथी जनेल डेल्शियमनी गोजीखो पापरवामां होष नथी. परंतु, खा रीते, स्वालाविश्येमरी गयेलां शंषाहि जेर्धन्द्रियम्भुवोनी संख्या तो खति खल्प होय खने तेया मृत दुसेवरोनी प्राप्ति थवानी संभावना तो हुनु पए। घरी भय छे. भ्यारे जीभ जावु, मार्केटमां तो, डेस्शियमनी गोणीजो माटेनी demand लारोलार होवाथी, डेल्शियमनी गोणीखो जनावती मोटी-मोटी ढगलाबंध इंपनीखो खाने यालती होवाथी, मोटां प्रभागमां शंजाहि भुवोनी विराधना खाने थाय छे. तेथी, खावी हिंसाथी जनेल गोणीखोनो खायगे त्याग ङखो भेर्धखे खने तपास डरीने, अहिंसङ ऐल्शियमनी गोजीखो वापरवी भेर्धखे. () धात्रीवार पासी पाएशीयां, नानां-नानां 'पोरां' नामनां जेर्धन्द्रिय भुवो खामोखाप उत्पन्न थर्ध भय छे. खा भयोनी विराधनाथी जथवा माटे, पासी थयेल पाएगी, स्नानाहि माटे पायथुं नहीं. १८१, (3) . Page #187 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. Date सामने ड्यारे पाणीमा, मापां नुपी उत्पन्न घई येलां मार नेयां मणे तो, ते पाहीने तुटलामा न नान मुलामा पाणी परस्पधाची खेनी संरमा रहेल "पोरां? ना लुवो, थोडीयारभां मरी जय, जारपडे, આ જીવો પાણીમાં જ ઉત્પન્ન થયેલાં હોવાથી, પાણીમાં રહેવાથી જ पोतार्नु अस्तित्व पापी राडे. रोटले, मुटयामां पाएगी नांजी हेयाधी अथवा मानुषोने पाएगीमांधीजहार डढी हेयाथी, भाछटनीती भामा यो पर ट्रॅऽ समयमा मृत्यु मामशे. तेथी, तेमने जयापयां मारे, पाही सहित मा नुवोने लाने, तेमने ताली न थाय मेरीते, सन्य पाणी लेणवी, हे डेन्या तेस्रो पोतानुमायुष्य परंडरी शडे सने तेमने दिसामना पए न घाय. महमा पर्वतयागां, गरियां पिस्तारोमां, ज्यां लेश-लीलोतरी साहिy .. हाय प्रभाषा पधारे होय, त्यां खेडहम धीभेन्धीने यापतां 'गोडणगाय' नामना जेन्द्रिय जपोनी उत्पत्ति विशेष प्रभाएमां थती होयाथी, लेनुं पातापर। होय त्यारे, गिरनाराहि तीर्थोनी नत्रारती पप्पते, मापांनुयो पग नीये ज्यडाईने मरी नन्नय, तेनी आणन्न राजवी. अंग्रेजुभां गोडणगाय'ने-'snail' तरीडे स्रोगजाय छे. गदा छीपलांनोनो उपयोग जरीने जनेला तोरो माहि सनपटनी - पस्तूसो न जरी:पी. डारण डे, शेण-डोडा-ओडीनी म छीपसांसो पए। जेन्द्रिय लयोनांउटलेयर स्परपेहोवाथी, तेमांधी जनेल पस्तुमोनां - पपराराथी, जेन्द्रिय योनी विराधना थाय छे.मानोरारूपायनाहि पेटनी तहलीइ मना होय अथपा साऽराहि भीहश प्रभाए: नेस्रो पधारे बापरे छे, तेमनां पेटमां द्यपीवार “पुरभियांग उत्पन्न घई नय छे. खा जुपो सइ रंगनी नानी यगो नियां होय छे सने संत इतनु मात्र सायुष्य धारण ऽरनारां होय छे. तेमने जेन्द्रिय यो उपे उपाय छे. पधु पडती थोडलेट-पीपर जाना नानां मामडोनां पेटमा पए, धीपार खा उरभियां इमिा उत्पन्न थर्ण जय छे. तेथी खा जुधोनी उत्पत्तिन थाय, तेनी ही जाणभुलेवी. टण-वेंगा-रीएएमलप्या भां लीए जीनी संज्या माहित छ, तेनां टोपमा सूक्ष्म प्रसन्नुवो होय छे. ते वापरपाथी, तामसलाप भगे . पासना-उन्माद पधे छे. हय और जने छे. निद्रान्प्रभाहपये छे. ताप-क्षयरोग लागु पडे थे. ईश्वर स्मरणमां बाघऽ छे. पुराणामां पए। तेनो मिष डरेल छे.-- KOKUYo W-NB2800 Page #188 -------------------------------------------------------------------------- ________________ F । । जे सता पछीनुं ही पारंपाथी, तेमा उत्पन्न थयेल मसज्य जेन्द्रिय लयोनी पिराधिना धाय छे. या उत्पन्न ययेसांजेन्द्रिय पो, हीनामापर्णनां होपाथी, तरत ने तरत,जे हिपस जान हेमावा छताय, सर्पज्ञ लगवंतेपोतानां डेवगज्ञानमा नेईने डीधेj होयाधी, तेमा शंडा न डरी शडाया सेन हीने सगंग -10 हिपस सुधी ने शनयामां गायें, तो सावा यासी हीनां तो पिडसितखपस्थापाणां हालतांन्यालतांगावसंध्यजेन्द्रिय नुवोनी ठित्यत्ति थर्श गयेत स्पष्टपो नेपामणे छेन्मेषां प्रयोगों पए लूताणमा थयेष नछेमासामोरपानथीरसाग्तोमात्रलए मांतर समेत छे.परंतु, नापो डोर्ड प्रयोग मापो डरपो नहीं. ना विराधनाथी जयपां भाटे, पहारतुं ही पापरपुं नहीं मंगापपुंनहीं. जहारनां छीमांधी जनेल इभााटि भिडाईमाहि, श्रीपंड पोरे पए नपपराय. डारण ते ही जे हिपसथी पधारे पासीहोपानी पसंलापना छेननहारनुसन्ही पाय ताडं होया परंतु, याप्तएमाथी टाय, तेप्यासएएमांगाना यासी हीना मंश होपाधी, ताईहीं पता पासी न थ गयेवू हेपाय छे..... (0) घ श्रापठोनां घरमांन्यपशती येरामाहेश्वर) शसरनी भिठामो अधपा सन्यपए रैना संस्थानमंडगोमां बनेल मिहाईयोमा घिणीवार, नेमे तेवीच्या पणातीनधीनायोमासानांचार महिना घरम्यान अनती, मोहनधागाह निहाईसोमांतो डा, पिस्तां, मजरोराहिमपापार होय, तो नन्न्यातीलशायोमासामा भात जहानन्यापरी शहाय. परंतु, ते पापडसायेनी डागही बहाभ, खारनी छोडेली होय तो व्याले. परंतु, प्नील साही महाभो नयाले. मापनी शेडेली डागही महामने भिडाईमां संहर नंलाई होय, तो यले यदी गयेल होपाधी, मिहानिां डाग प्रभागे, पप हिपसभाटे, तेजधमपाणी निहाई वापरी राडाय. परंतु, सानी छोडेल डागही नामले मिडाई उपर छटायेल होया, तो तेवी. भिडाई, मेष्ठ हिपस पूरतीयाली राडे, जने नाम छायानांण लीलाविसी ते निहाई मलय श्ये थी पाथी, नारीते जाम छायेल मिटाईमो, खील हिवसे न म न पापरी शहाय, डाराडे, झोडेली जाम उपरथी छायेत होपाधी तया यूले यटेखी न होगायी, जीन Page #189 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. Date हिवसे मनायइपे घई या अलक्ष्यइपे घयेल महामार्टि भेयोनथपा तेमांधी जनेल मिडा, शीशे माहि यापरपाधी , तेमा उत्पन्न थयेन लेन्द्रियाहि विनेन्द्रिय न्नुपानी विराधना शष्ट्य बने छे-मा' तानी मापंतो पापे छे. तेथी, उपरथी ईशायेम डेल काही जामपाणी मिहामोनो पए पपरारा, सभ प्रापडोमेन श्यो. हिवाणी पणते पए, नएसमन्दु प्रापहो, डातरी अथपा साही जहाभपाणी जामतरी मामिलट्यश्पे थयेस वry fruit) भेवापाणी मिहामो मथवा नो तेन्ट हिपसे झोडेल जहाभ सिपायना डाकू माहिामन्यवयाऽसांपापरपाथी, सलक्ष्यश्पे ज्ञानी गालगत पापता होवाधी, तेमांजनेन्द्रिय मानिस गुयोनी विराधनानी शध्यता छे.(पा र डोटीस खपेय छे. डोष्टींसाना मेश्नीलसर : डोन्ड्रींऽसभा गरा भरोसांतुनाशोनी लयानकानसरो भानपा शरीर उपरथाय छे. उया शेरनी डेपी असर घायछे ते लाया पछी ।भाएस धूल भय तेवी स्थिति छे.लिन्डेनाः नर्वस सिस्टभ जतमपुरी नाजे.छे. थाशक्ति नलगी पडे छे. डेन्सर थर्घ शडे. लीपर उपर सोने साये. नयनता-जागडने डेन्सर घ श : ..., ( पानमालनी जनेली धंगाणी मिहाई, गुलामजु, रसगुटयां, नरम लोयां पूरी, हाण-लात शाऊ गमालतीः शेटली-रोटलांना मनापेक्षा ढोडयां, डेगापडां माहिरमा इरसाएो, मीन हिवसे वासी तरी थर्ड याथी, नील हिवसेमरूयापरीन्शहाय. द्वाराए।डे, मावीर-पस्तुस्रोमां, पाएीनो जसंशयही नपाथी, नील हिपसे, भोट प्रभागमा टाणियां योगामेड प्रहारनां जेन्द्रिय नुयो) उत्पन्न घर्ष पाथी, तेमनी पिराधिनाथी जययां भाटे, सायां यासी जोराऽनो त्यागाप्रापडोमे अवश्या दृश्यो कतईजे. (3) चासी पस्तूसोने यलित रस' पसलल्य तरीडे ओगजापाय छे. ते उपरांतभां, डोहवाई गोली, डाग पीती गयेसी मिहाई, लोट कोरे घासलक्ष्य पेहेवाय छे. डाराहाडे, तेमां पर,जेन्द्रियादि विडसेन्द्रिय नुवोनी उत्पत्ति भने पिराधना थाय छे. सा सलाय पार्थो जापाथी, शारीरिक माशेयने पए हानि पहोंये छ, भडाणे भांशी डे भरए नीपले छे. KOKUYO W-N9280U Page #190 -------------------------------------------------------------------------- ________________ कपिछा घोलपडां-हीवडा, हिरणालय भांथी लेखन नीडणे, असरानी झाडाथाय सने लाडनाइणपन होय, तेणिहोणनो, डायांवर ही छाश साये संयोगाच्याथी तुरंत जेन्द्रियः जुयो उित्पन्न बाया. छे. अपहिंसानीरासाये-साथे शरीर आरोग्यपामा छे द्विहणजे प्रलुप्तो मलय' इपे हे छे. मान्मह-मन्यातुवेर-पासन्योमानाडुभष्टीयां मसुर-पालोरडमधीम्या सांग-भेथी- लीसवांन्शुपार तथान्ते होणनां सीवान सूहां पांडांला तथा लोट- हाणामने तेनी तमाम जनावटोयोरेज द्विष्णगाय छे. सभेधीनो सालाराधीनां सथाए, तमाम घगोभेथीथी यधारेली उटी, सेय, गांडिया, सभा छोडणां, पापड, jही, पडा, लग्नुयां पगेरे साये डायां दूधही जे 'छाशनोयोगाथतांसलट्या धाया छे..श्रीजंडन्हीं-छाश साथे होणपाएं लोन लेवायनहीं प-ही-छाशने सारी रीते जरामर ारमा पछी, ते हंडी थयेस पस्तूसाये, होगनी सीने को पपराया,तो द्विष्णनो बोधा नथी. होऽपिएा. लोहन भती पपते, द्विष्ण' नथायः, तेनी प्राप्त डाण-शपपी. सहारनां हीवडा तो, छाया हीना होवाधी, मलाय छे.सेल रीते डिसी, टोसा, मांडपीछीवडा फोरे होरेस साटि स्थणो पर मधया सरन माहि बहारना प्रसंगोमा अनेस होया, तेजधाभां, हिष्ण यवानीपूर्ण संलापना होवाधी, वपशय नहीं हारा डे, महार जनेल मालनधी रसाएशोभायडमाहिनोलोट होवाधीडायां छी-छाश माहिसाये. मिश्रा यांनी सायोलमसंन्यबेन्द्रिय ब्लुयोनी उत्पत्ति धपाधी, ससष्य ठन्द्रिय पोनी विराधना थाय छे. घरमांग पए मनेल साइरसाएो तो यापरी रडायनेमनापती यमते, जायां हीने पूरे प्यवस्थित डाणीने पछी हातेमां थए., सडा साटि, टुहोण नंजाय..ही-छाराने..थोड़-घघुनपसेढुं Gडाकपा मालथी न थाले. परंतु, उडाणेलां पाणीनी भ, रेपूरं प्यवस्थित उडाण्यां जाहन्दतेमालोटर साहिन्नाजी शहाय. घाटीपार तो हीने पधारे उडाणपा, तां, तेमां शेहां-जहां घर्ष न्वानी संभावना होवाधी, ने डायां ही- छारामां, योनानी थोडी वोट सथपा जायरानो थोडो लोट मथपा थोडं भी नानीने, Page #191 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. (223 Date सतत हसायनां शमीने, उडागंयामां मापोतो ही झाटी नपार्नु अथवा झोडांना घलयानी इरियाहान रहे: ननीयेलांहीने डालांच्या पार ले दुइरभां रानीने प्राप्त डासीटी नपाईनय, तो पा पछी तेषहीनी साये मन्य होणासाहि पुशीयी पापी शहाय, मने हीमा झोडोहां पाग्न थाथ,डोई विराधनापा नायाथ, हीनो स्याह पहनका., मां, यूसासापर, हन्नाड सवार साये त्यां सुधीनथवा उलरो माये व्यासुधी समता शरम छेद दूध, ही उछाशाहोयातोडोई चिंता नील परंतु सामान्य गरम डरेल होयागतो जायाले. तेधी, विष्णनोटाधान लागताते भाटे, पूरी डाणन-संलारामधी. रामामा सपा शंकराई-सरसपा तल सांगणी भारयाडी श) नारी पार पोरेने कविण उपाय, नहीं शा भाटे कगा . रुपाला विनाविणा मेटले सामान्यारीते सेनेमापा डोल-धान्य डहीसे छीखे, तोहरेईने द्विष्ण' तरी हेपाय. काम अद्विानी सामान्य प्याज्याराभांधी तेल नानीठोड (रामे उचाइनां इगाइफ न होयरमनीले सरजी शाथाय , ते द्विहण गएण्य शर्छ,सरसपाडतल पोरेभांथी तेलानी छे, भाटे तेद्विष्णन गहायमासांगणी लाडनां इग३पहोवाधी ते विहान गाय. जारी, पार पोरे ठाडनां इणपे नधी मनातेमांधी तेल पण नीगतुं नधी, छत्ततेनीलेश यती न होपाथी द्विगग गाय. पिदार मालमनेला हीनाजथेपलांकसानापनीजाले, मजे हिवास भाटे यापरी शजाया. परंतु, त्यारजाह तेमानसंन्यानेन्द्रिय पोनीउत्पत्तिनी संलापना होपाथी, मोहिपसधी पधारेन यसापपा. ते पूर्व, पपराई- लय तेवी डागनु राजवी, पक्ष्यांहोय तो, मनुङपाहान ऽरी शाय अथवागतापोडीनेते थेपलांना प्राजराने जनावी हेवाय, तो पए याली राडे.. डाराडे, जे हिवस पसारयता, ते येपलांसोमां ससंन्यन्द्रिय गुयोनस भुयो नी उत्पत्ति + पिराधना धाय छे. () द्विानी पिराधिनाथी जयवाभाटेने राज्य बने तो, डायां ही छाशासाहि वापरपातुं प्रापठो याणी राहेने यापरयुष्ठ होय, तो नी साधे द्विण पानी शख्यता होय, मेवीपस्तुरमोनी, साये नहीं पापरयुं. परंतु अलराधी भी योन्मुंग जाह, थोडी पार पछी जीन KOKuYo W-NB2800 Page #192 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1929 + स्थाने बेसीने, वहां पासमां संर्धने, बायरी शाय. ने पालीथी हाज-लात, इरसाए। खाहि वपरायेस थाणी धोपार्ध होय, खेन पालीथी नहीं, परंतु, बुहां योज्यां पाहुणीथी, हीं-छाश पपरायेस थाणी- पाटो ग्लास बगैरे धोर्धने वापरयुं के स्थळे हाण - डडोणाहिनां पासगो धोवाय, ते स्थणे, हहीं छाशाहिना लाग्नो न धोयां. खा जधी सूक्ष्म डान लेवानुं डाराग, खेटलूं ४ छे डे, खेड टीपां नेटलं अंश मात्र या, अयां हीं, छारा मे ऽहोजाहि साथै लगे, तो तरत भा, खसंज्य जेर्धन्द्रिय भयोनी उत्पत्ति + विराधना ... थाय छे. (१८) खाजाडोमा पोसाला होय तथा वातावशुगमां विशेष प्रभारामां लेक होवाथी, योमासामां मग सिवायनां खाजां उडोज (योगा, वाल, लाल या सुपयशां, अजुली यएगा, सम्मा साहि) न पायरी शडाय. योमासामा लेग्नां पातावशुगने सीधे, खाजा दुडोजमां, बेर्धन्द्रियखाहि चिडलेन्द्रिय भुषोनी उत्पत्तिनी संभावना होवाथी, योमासामां श्रापडोखे, भगर सिषायनां खानां दुडोजनो त्याग खो. भगनी हाण, तुपेरनी हाण, मोगर हाण, खडहनी हाण, थांगाहानाहिमां तथा भगमां पए।, खा विराधनानी शड्यता न होवाथी, खुशीधी T वापरी शडाय छे. तेथी, योमासायां, खाजां दुडोजनां वपराशथी जनेस रगडा-पेटीस, छोले-पूरी, पाएशीपूरी जाहि स्वाहिष्ट पानगीसोनो श्रापडोखे त्याग उरखो. (१८) ने वस्तुनां वर्श-गंध-रस-स्पर्श जगडी गया होय, खेवी सडेलीजोरी वस्तुख, टीन येङझस्टडु शरजतीलाओ, रातपासी सेरली लाजरी थेपलां - नरम लोयां पूरी- शीरो- ब्रेड- यांड - ढोडणांभावो - जासुंही - श्रीजंड यो विगेरेभां जगजित जेर्धन्द्रियाहि प्रस भवोनी हिंसा थाय तथा शरीरमां रोग विवृति डरे, झाडां-उष्टी - मराग नीपथे. जभरनी मिठार्धस्रो, पासी भावानी वस्तुनो, ओल्ड्रींक्स, पीलांखो कोरे जघु खलक्ष्य - अमेय छे. (20) ४ जोन अथाएं: जराश वगरनां रखने मेथी नांखेला खथागांमात्र 5 दिवस पापरी शाय. परंतु, जनाव्यानां जीभ हिवसे,, 'ते' खथाएगा 'खलक्ष्य' ३ये उहेवातां होवाथी, पायरी न शडाय. जराशवाणां सथाएगां उ हिवस सुधी ४ पापरी शाय छे रखने योथे हिवसे खलक्ष्यइपे डहुंचाय छे. हुवे, जराजर तडडे सुडव्यां न होय Page #193 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. Date मथया जेनी व्यासपी पाहीन होय मथया मां झुग थई गई होयामधपाननो स्वार दि खाडी गया होय-पांमधाए तो मलक्ष्य इपेष हेपाय, तेथी पापरी न राहाय. मेथीयाणां सथाए, डाया दूध-दहीं-छासायविष्ण' घपाधी,मलय इपे बने छे. जन ले थवा भाती न ससंप्य भेन्द्रिया योनी उत्पत्तिसने पिराधिना थाय छे. भाटे, छायााधनहीं-छाश साये, ज्यारेय पए, सापां मेघीयायांमधाएर पापरपानी। लूट नाहरपी. झपरो ने (स) झुलषडीनालारनांगपडांग: लपडी मनेवाहरनगपडां तो घोडा जला नरमाहोखाधी तेमां पाहीनो लागनहा रही गयानी, पूरेपूरी संलापन। छ तेथी, नाकामनायेलां बाहरीनां बडगामधया पपडीभात साहना टिपले प्रापी शडे । परंतु, जी हिवसे, ते न मी राडे : तेनी संदर रहेल पाएीनो. लाग डाटपा माटे, गायधारे गरमाहरो, तो पत्थर रेवी थर्ध पाथी, डोछने पए यापश्यानी उमडवानी छानथाय. ( Pामनार, खोटमसालासभारेख शाहलानको घरमांज्यपशती पस्तुसोनेखे यढापता पूर्वे, यायएणीभांडयार याणी टोपी. टी-कुटी पस्तुनोने याणपा भाटे, गुन्हां प्रडारनी थायएगीनो उपयोग उरयो. थाहा प्यामधी शेषां छांय, तरतन्याल न मायामेषी नानी-नानी यण माहिानुपांतो,यायएगीयील्याण्यां लाE, थोडी.पार तेते मेमने खेम रानी मूडो तो, हलनन्यसन उरती नुपांतोजारो. पस्तुस्रोना पनि छी-छीपी षांतो, तेभां उत्पन्न यती होवाथी, जेयांभाप्रथी घणी पार तेरच्यालनमायेत तेथी या यगोलुपते-लुपती यवाई नयाडघाईलय मघवाणवाई नाय, योरंघाई नय,मेयु पए जने. खेड तो पनस्पतिनी. पिराधना तो थाय छे, तेमांडहाय तभारे न छूट पाडापुंपडे, परंतुम बेटारीनां सीधे, पनस्पतिप्राय उपरांतमा, नानी-नानीमापांतः ध्यगोनी जेन्द्रिय छ,'पए विराधनानो दंड आयो शा भाटे सेयो सेटले डे, नन लेयो. यहरयो : रंधाती रसोईभां, उपरथी नतुन पडे ते भाटे.,रसोडाभां यूलानी उपरनां लागम मेड उपजांधथुन्नेले. साले पए ममूड घशेमा मा पस्तुलेया भगशे. मायां पडाने यहरयो हेयाय छे. (४) सूडयेटी नावार, भेधी, पालोरपोरेमा घणी जुपांत थर्छ जय KOKUYO W-N82900 Page #194 -------------------------------------------------------------------------- ________________ गछे. तेथीयोभातामां भूयहीनांगांड जिसकुल नापापरयां मन्य तुमा पए, जशनरतपास्या पहेला संनेयाण्यांबार, तेनो उिपयोग ग उरयो. ( स्प तैयार जानरामा डागमर्या सायपपार्नुलनयवानुं मारे तोडागमाहा, नणपवाग्मुरडेप बने छे. तेथी, घरे जनापेला जाणल्यापरपानो मानखाग्रह राणपोयालरो. ( साधां घरोमां, भोशरी पोरेशायुमा, उपर ही नाजीने, जापानी पद्धति नायाछे. हाण योरे जी रसोई साधे द्विष्णनो होष नाय, ते माटेहापापरयुंग होयन्तो गरम डरेलुंठयापरयुं. माडी, सीमोगरी साथे डायुग ही लेगुं धायातो ते विष्णनथवाधी होघ नवाशे मने मुशीधी वापरी शहाय. परंतु तेनी साये द्विगनी संलापनापाणीगणीनुष्यस्तुखो पापरी न राहाय. 1. ( सामान पोरे प्रसंगोनी पार्टीयोमाजसेन्सपायुं धन्शरजत माधवानी प्रथा पूजा प्याप जनती लय छे. मायां मेसेन्स मायां माय नधीमलट्या होषानी प्री-सलावना छेपणी कायाध्यमांकसा शरजत जनावषामां मायतुं होय छे, तेथी, संपूर्ण भुजशुद्धि विना लोन डश्याथी द्विहन होष थपानी पी संलापना छे. तेथी नसंध्या जेन्द्रिय योनी उत्पत्ति + विराधना धाय छे. ( श्यामेथीनोभसालो मेथीनां जामशंभेधीनां वडां, मेथीनां थेपलां, भेधी नांजेली इटी, भेथीनुशाफ, भेथीनां दुरीयापाएं मथाएं योरे सायेडायांध-छह-छारामपाय नहीं द्विष्णथपाधीसलल्या जने छ, मसंध्यार्थन्द्रिया योनी विराधना याय छे. (ख) सापहास पार्टीसोमांड्रीमसलाइनो प्रयार घशो नेपा भणे छे. तेमांपपरातुंडीमतो पासी होवाधी-मापस्तु स्वयं सलक्ष्य छे. पणी, तेभा द्वीमा तो छायांफ्र्यु होपाधी, डहोण साये मावाधी, द्विष्ण थाय छे. तेथी, माडीमसला वापरनारने, ससंज्य जेन्द्रिय योनी विराधिनानो सागे छे.. पाणीपुरीमा पपराती प्री, महारथी तैयार वापीने पपराय छे. तेमां, हालातीत मोरे होघो रहेलां छे. तेथी मलय' बने छे. महारनी पूरी मेंहाभांधी जनेल होपाधी पहा ना मवाय. पापरनारने मिसंध्य पिडलेन्द्रिय-तसवोनी हिंसानो घोघलागे छे. छोऽयंशवशेने। Page #195 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. १८०) Date : : Date : / 1 - साप्नुयायांनी उत्पादन प्रक्रिया अत्यंत हिंसा छे. माटे, सामुहाएनी डोईपएणयाती पप्पस्पी नहीं. मासाहाणांना यपराराधी जिनहरी पहिसानो ोम मात्भाने लागे छे, मारवाडे, सामुदाणां जनापपानी. Process मां पुष्टा पहिंसा थाय छे. (3) भिडा, मानरां, नास्तांनी रसाए, लोट पोरेनो डाणपती गया पछी, ते मलाश्यलने छे.. लोट; जाणारा, निहाछ, नास्तानी डा ताणेटी इरसाए। योरेनो छाया नीये मुरुम छः । ") डास्तर सुधार घी झाशएर मुह १४: १ महिनो परशए सुEः १७. थीभाबाट ४ ० हिवसा: 3. मघाटमा सुधाम घी. डारतासु १४ : या हिवस या । पहारनां प्राप्नरांग निहाई डे तणेसी रमाए शुद्ध धरमय्यु, पातरीयाणांसने लक्ष्य होय तो पातेभांगडाणमयोहा मनवधान मुश्त नहाया छे. तेथीयापी पस्तुलापीने साजो समय सुधी न रहेपाहेपी, उयित छे.. होटलनी यानगी मलय मने न्हयएगारहित जनायेटी होय छे. भाटे, होटलनी चानशीनोसंपूर्ण त्याशरयो. होटखनी या पए, नएागण पाणी माहि मनेपिपा मन्यायी युटत होय छे, माटे ते पीवाय नहीं. हापरो ने? जहारनी तैयार चाननीनो, स्न्टि इड, माईसहीम, हुंडांची, कोरे मलइया- यमपेय' छे, जे रात उसंधी- गयेलही -छाश पठा मलइया छे. हीभा बनायेमां घेपलां-पपा शत पटलंधी गया पछी मिलक्ष्य अनेछ.... . । (उपासानपुत्र पछी डेरी-रायएमलय बने छे. ते पहेटां (मी पहेबां) पहाले पहेलो. परसाई धर्म लय तो डेरीमा यांत पडवानी संलायना छे..तेधी,परसाह थया पछी, शय होय तो, डेरीनो त्याग श्यो. तैयार टीन-पेडींगमा भणतो. डेरीनो रस न पपशय. : .. (3) जहारनां तैयारन श्या-मेंहामा पुष्टण यांत होवानी संलापनाछे. तेनी उत्पादन प्रडियामां नराय क्या सयपातीनधी. भाटे, हारनपं रखा-भेंनी डोऽपए थील वापरपी नहीं. झापशे ने? भ, भान जर)यी सलक्ष्य' छे. तेनां लाएमा, पुष्टुण विडलेन्द्रिय योनं लाए छे. भाटे तेनो त्यागारयोः प्रचुर्नुशासन पामनारनां न्नयनमां तो मा यस्तुमोनो त्याग डायम भाटे होय छे. ४ा KOKUYO W-NB2800 Page #196 -------------------------------------------------------------------------- ________________ मात्र काहापां मालर साधुन साध्वीशु लगपंतो पासे रहेस स्थापनायार्थ लगपानामअक्षम्यहनष्ठावपंशया छे, ते पाजेन्द्रिय पोनां सवर ३धे छे. पिशेषथी पवित्र तरी हेवार्नु होपाधी, तेमां रहेस जेन्द्रिय गुप, स्यालावि रीते,मापोमाप य्यपी यांबा, तेमनां ज्वेयरनो उिपयोग स्थापनायार्यमांडराय छे. (3) शहरोमांडेरीनो रस, घरे डाटपानी प्रथा खोछी थती भयछे मने महारथी तैयार रसलापीने पापरवामां खापे छे. खायो रस वापरयो उिथित नधी. डाराडे, राने मारामां हिवसे न मोटे लायोडाटेलो होय छे. पणी, घासीपार सारजहारनांजरसमा डायुंह लेणपयामा सापे छे. तेथी तेयां रस डायांपवाणांसाथेमानी हाण होणनी'मन्य डोपिए। यीमावाधी विण थपानी संलापना माछे. डेरीनारसमां आप तो डायुंध लेणपणुं नहीं. परंतु पधारे उमापवानां नाशययी जहारनारसमांतो डायांपर्नु निनाएर डरपामांमापे छे. पणी तयार छैननां रीनांस्समांतो हानिहार यां मेसेन्स पहनंजाय छे. तेभा डार्युन्माण पाहीनने पपैयानो रस पए, घटीपार नजाय छे. साखj नहीने तमे शुंडरशो। मलर डेरीनो रस छोडवा तैयार म घटा लोडो यानी लूडी जाणीने, डापो जनापे छेसने तेभां परथी दूध नामेछ. मा धने डायूं होय मने धनांज्या पछी प्यपस्थित जाणवामां न साप्यं होय तो, तेवी या साये, सेपन्गांडिया, ज्ञपोरे होणनासोटभांधी बनायेसीजीपालल्यानगीमाई शहाय नहीं. जाडी,मसंन्यान्द्रिय योनी उत्पत्तिासने पिराधना थी लय लागो भिहाई पिर शोला भाटे डेसरनुमा पाही छांटेj होय,तो ते मिहाईजीनापिले पासी-मलय पने छोण्डारण, छायेल पाशीनो अंशासंर रही व्याधीं, जीले हिवसे, ते मिहाभा असंज्य लाणियां पोजेन्द्रिय नषो)नी उत्पत्ति विराधना धाय छे. (हर) , योभासामां, ते हिपसे शेडटी जान पपराय. सारे छोडेली जाम, निहाई पर ललरापी होय,तो ते मिहाईजीलंहिप सलक्ष्य, जिने. परक, खारे छोडेखी जाम धीमा तणीने ने शेडेखी होय सधया |भिहार्यमा संहर रोडाई गई होय, तो बाध नधी, मुशीथी भिहानां डाण प्रभाणे, पाहिपस भाटे, ते भिहाई ८पी शर्ड, पापरी शहाय. - Page #197 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. (१८२) Date छापमा नाघ्मीनो पापश्पानांन्नत-मतनां पायडरो, मारे मन्नरमा भणे छे. तंभां, ते पनिी श्रीी-टीएम यो घर्श पानी, प्रीसंलावना छे. जी रीतापा, या पावडरी 'मलाय' होयानी शड्यताछे. मलय न होय तेषां पातरीपाणां पापडर पछा,यापरतां पहेसां, तेमां यण पोरे नस्तु नहोय, तेनी अशषर तपास हुश्पी. त्यारणा पापरी शहाया परंतु ते नहीं. ( मायोरी होणाशंधितां पहेलां, सालो समय पाहीमा पलागी शप्रवाधी, तेमां इएगां झूटयानी घणी संलावना छे. तेथी, सांजो समयाम्म पलाणीशान रानो मामा- हर . (पाणधीनो हालपोनी गुप्लाजाकोरे मनायां होय, तो तेन हिपसे विपशय. शुमान युनो भायो भएते हिपसनो ताने से. माडी पपराया नहीं मारूनां मानाटिकामाचारोमा रहेल गुटाजनरसगुटला माहियानगीनोमोटे लागेमागलां पिसनी न होय छे. तेधी तेयापरनाराजसंज्यन्जेन्द्रिय पोनी पिराधनानो हँड लागे. ला. कमती बनते मद्यवाभ्यां पछी, तरतन्छायांहीं-छाशनायापरयां. द्विानो होष लागे. पापरयां होय तो, नभ्यां माह संपूर्ण मुमशुद्धि हुरी वी. लोपननां स्वच्छ रेल याणी-वाडी कोरे र मूही हेवां. पारसो घडांची शुद्ध पुरी डेपो. डोई हो वगेरे पडेला गान रहे तेन पातरी रीसेषी पाएीनो लास पए घडांची संपूर्ण स्वच्छ हरी:, नपुं पाएी तेमा सेयुं. रेनाधी घाणी-वाटडी- सासस्वछयां होय तेन्दुपई पठाएर मृडी हेयु पछी योजनी पाटडीमां ही-छाश पर्छने यापरी शडाय ते पाटही तथा पाएीनो सास, जीन योमा नेपडीतथी स्यग्छ दृश्यां ते नेपडीन समाधी धोयो. मामांधी सय आणल सेवा यूटयां, तो तरत, द्विरण ययाने सीधे, तेमां मसंज्य जेन्द्रिय नुयोनी उत्पत्ति मने पिशपिनाथ नय. तेथी, जे माणYीएयरपूर्पन रजाती होय, तो डायां हीं-छाशनो त्याग न डरी हेयो। हीं-छाश ने मुहरमां पूरेप्रां गरम थर्ड जय, तो डोळ जम नथी... छाडायां हीन्छाश-श्रीलंड साये मा, भानी घाण बोरे डोऽपहा होणन पपराय. तेमां सीसी योगी, लीटी तुवेर, लीलां पाए, लीयां यहां फोर लीलु उठोग पाना.यपरायः पापड, पत्तरपेनीयां, KOKUYO W-NB2804 Page #198 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. (203 Date होणना सोटमाथी मनेसमाहोईपारा इरसाएपपोरे पर न पपराय. तथाणीभायानारलोटपाणीटी पएम पिपरायं.. उढीभां मेथीनी पधार उरेला होय तो ते पहा न खाये हाविष्णन थाय ले. भाटेगमे तेटली डागनु राजयां छतां, छेय? ही-छाशj लापन रेमोरीमांसाइडरो, तेमांमन्य रसोर्शनायासतो साइ धपाधी, त्यां द्विष्ण थवानीसंलापनांतो छे. तेथी, डेरखis डाणापाणां प्रापठो, गरमा हुर्थी पथरतुंही-छाशनुं लानापासए) का शजतां नी गा . ... ...." हलालन साहि-प्रसंगेयोलता लोनसमारंलोभागपए, डेटरीज पति सपनामवा नेवीनधीतेमांड जिसमायगा सयपाती नथी. ते प्रसंगोमाशश्वाती संतसुधी नगीलोने, प्रलु माज्ञाने डथडीने या पिना सामूहिक हिंसा थती होय छे. लोटन समारंल तो अपोरनाक गोहपयो , सांकनांनगोडययो, नधीशनिलोकननो प्रश्नान्डाउलोनाधाय पर्युषामां', नन्मयांयननां हिपसेजना पातनो पास ज्यामरामयोपजल लक्ष्यालयनो विवेडो नाणपोरसाठे, नन्महिषसाडे सगपए डे रिसेप्शन पोरे प्रसंगोमा माईसहीम, डोटड्रींस पोरे मलय पार्थो तो नहा सामवा. डीयूट क्युस- पोरे सनेह सारां पिडल्यो छे.. सामूहिक मोटी हिंसाधी जयपुंछोडेनहीं ते सापए पातछे. कायनासमारंलो हे लोकनासमारंलो भाटे, घासवागांव पार्टी मोटंग्यारेकम्पसहन इशयारपनस्पतिडायनी घोर विराधना छे. राहगंनाहि प्रसंगोमां. इटाङडामोऽयां नहीं कर TFT सानाधिनिभित हाडियारास पोरे अपए। शनि-डायम राप्रपा नहीं. शनिवार्थमीमांसक्यएगा, भाटलंगासने रानिलोष्टन पोरे मने होघोसलपित छे.. (4 नमाणयारोमा थती टोपरांनी यशीमायहानी ण यपरायचे. सिने ते साठी डायां ही साथै जनाववामां साफे छ. द्विगनां होषधी जययां, मापी यष्टी भएषारमा राजवी. नहीं. यानी हाणनो उपयोग न रे, तो पए, होगवामी सन्य वानगीसोनां डारणे अयां हीनी साथै, द्विष्ण घपानी पूरी संलापता छन, ते जास ध्यानमा राजपुं.(प) डालनवागां प्रापहो, घरमां पपशश, अधुं ही, सपारमा Page #199 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. Date गरम डरी हे छे.गरमा रेणुं ही , घरभ पपराया छेग तेथी, साप्तात्_ ॐ परंपरामे पाए। द्विग थवानीसंलापानाउली रहेती नयी. | डायां हीवानां । पासाने, साइडरतां पहेला, यूला उपर गरम रीयु रेघी द्विष्ण घवानी संतापना नारहे. (पर), धार्मिक प्रसंगोनाकाडे प्यपहारिका प्रसंगोना भएगवारोभा, लीडायोगी, वटाएफोरें ध्यग्रोनी सिंलापनापाणांशा, पहन राया शाऽ समाश्यातुं डाम, पापनाविद्यासोमेनते रामाएसोना लरोसेन छोडयु. भाएसोने सौंपर्यु न पडे तोरे गुपती श्यणा ही पठ-0 इपियानुं ताप्रामापर्युकाइनोयी प्रधुमांय यम ते वयापरो. ऐन संद्यनां उपाणयाहि सालमा, पुनरी पोरे उभयारीमो द्वारा शनिलोकन उ सलक्ष्य लहाएर, प्रतां होय,तो तेत यावे. तेनी पूरी तडेहारी -डाणापहीपारोसे राजवीरले शड्याहोय तो मापटिपाश्रयभां भूल, जीडी-- सिगरेट तंजा, राप्तिलोन्टनाहि. ध शवला. ( प रिपन सोन्मीनो' नामनोब्रिटननो वैज्ञानिक उहे छे,'तभे भानी सोझीकमां राजेलीथी नावधी, पासपी डे टेस्थी जासजगडती गथी. परंतु, मेलम छो... जे-नए। हिपसमां तो, ते यीमा, सारां मेवां प्रमाणमा हानिहारमा नंतुनो पेसी गया होय. आधुनि राजघी रांधेली पानगी, पुलाव कोरे इलाडो सुधी झीभां राज्यां पछी ,मावाधी, नया-नयां रोगो डिलार यायाछे सध्यन्द्रिय नुयोनी उत्पत्ति तथा विराधना पण, श्रीकनां पासी प्रोशपापरपानां माध्यमे, थई जय छे. झीनी हंडी पस्तुमोनां पपशराधी मापएी होरी पए धीमे-धीमे भं पडती तयछे सने नागण गतां मोराहना मायनतंत्रपोरेमांपए अनेङ तहसीझे उलीमाथाय छे. मा (प) महिश-३: व्हीडी, रम, जुन, बीयर, शेभ्येनि , पार्छन,बोली ब्रान्डी, पन्शहो, हेपईस, खंडन पिट्सनर, स्टाय, रडीला, पोडा, रॉयल सेड्युट, थोमस हार्डी, डाहजरी, हार, शराज, द्राक्षासप, लडो, जेपडो पोरे, नुहांतनुहां आने नाम धारए डीने, हानां दैत्ये भानपन्नतने पशुधी पए पधारे लूडी बनापी. छ. घर तोमहुडा, द्राक्ष गोगायोट पोरने बा सडापीने जनापपानांमापे छे. तेा सेंडो डीडायो पेहा थाय छे. डीडांस्रोने टीने, तेनो रम नीयोपाय छ. तेमांधी, माडोहॉल तैयार थाय छे. मां सतता असंज्य KOKuYO W-NB2800 Page #200 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Date पानेन्द्रिय पोनी उत्पत्ति सने 'नाश थतो रहे छे.--- साधां पटनी हिवालमा हीनछे, ते ऽहम मुलायम छे. ईश टुपालनी भयारे तर, सीन पर रेसांमोटेलां होय छे. शराज पेटमां नतांनी साथे, पेमा रेसांसा तरत तेगे यूसवानुं डाम श उरे छे. रेसारमा हारा यूसायेस साहाहोल,तरत न, सोडीमां लणी लय छे. घारपीधा पछी, ब्लड येऽमप डरयामां माये तो तेमाथी अवश्यमा होस भनी मावे. जाहीमा शशजालनी गयां जाह, ने शराम षधे, ते नानापायांतरडाभांसवाथ छो. त्यां पाएमरेसामान्धारांगणमाडाँहोसने यूसीने, लोहीमां लगाववानीप्रमिया न्यायु नरहे छे.ो साटडाँडोलने यामडांनां दूतां उपर नाणवामां आये, तो यामडांना नोडां पग डोहपाई जय, मेयोनला सादडाहोलमापए पेटमान्यांतरामांगयां जामने सोहीभां लण्यां जा, डेटलुनसान रे, ते नराम्शांतिथी पियार. घरपापरनारनु खोछामां-सोधु १०-पपर० वर्षतुं सायुष्य हिंसाई नय छे. यायुध्याय ते पून्सर फोरनी डातिल पेनासो सहनश्ची पडे. वापरनार तो हुजी याय, परंतु, तेनी पाछण तेनो परिवार पर घणा हुणी थाय. ट्रीटमेन्ट ऽस्यानी पाछण, अपनलरनी मूडी-संपत्ति साइ थर्डलय. नानी भरमा मृत्यु पामीने परलोड - श्याना थता, पाछण रहेज पत्नी पूनाहि परियार, रस्ते रघडतां थई लय, जापानां पा शझं घई नय. आपटो सालो तो मगडे पहा साधे परसोऽरूपए लगा शरामापीपायछे त्यार पेटमांन्स्यूलीन अश्यां मांड छ, तेथी होगरीभां यांहा पडे छे मने नर्वस सिस्टम पर लयंडरमसर पड़े छे. शशजना डारो जी.पी., हाईपर टेन्शन, अटेड, खेनीभीया पोरेरोगो उत्पन्न थाय छे. लाभां रेड भने हाईट सेल्स प्रमाए। पए। घटी नपाधी, लारे रोगोनी संलापना रहे छे. होतरीमा स्टेभीना जलास थर्छन्वाधी, वापरनारवें पायनतंत साने माटे मलासथईनयाशे. खाटाहोलना जारहो, नपुंसडता खावी लय छे. सीपर, पेट, सांतहां, सन्तनगी मने स्तननां डेन्सर पाधएने थाय छे. मांजना रीनांना लुप-डोशीमो मृत्युपासतां, हरही मांधणो जने छे. - Page #201 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. . १८६ Date माधानो छुम्मायो पारंपार उिलटी, पेटमा डारभी पेहना, वासनी पतली, शामरामा को तकलीशेमाउली थाय छे. नसो ताईत मृत्युः पपानीपले छे. स्पीरीट, माटडाहोल, टीड्यर, मासय, ताडी खने नीरो मेसर्वेमां, खेड या जीनरीते पपा, मटिश ने उन्मा नशायागुंतत्य होयाधी, ते सर्व पए। मशिनीम खलक्ष्य छेः । । - पीयानां मानुङसानोनो सतत नहर साभे रामवाधी, नहर मद्यपानांद्रयां उन्मादृा द्रव्योनो सापो सरगताची छोडी शहीशंक परंतुमास रीना तभाशंऽध्यानभा रहेन हार पीनार अन्य प्यन्तिनोने पर मा समाएा पंयापी संलगायीना, छोडापवा भाटेना. शष्ट्या प्रयत्नो अश्या म्हापशे नोटा पिपी का भाजपा: भाजप यां सुधी छात्साये लोखंडीयात्यां सुधी मलप्यार नथी मनतुंपए, को तेने छाराथी छुपाडपामा माये, तो तरतानासधु संतर्मुहूर्तमग तेमा मसंध्यत्मसंज्या जेन्द्रिय अयो उित्पन्न घई न्नय छे. प्रापडोनां घरोमांकन्यारे पटोए.यातत हुतां, त्यारे उपयोगपंता प्रापिडामा गोणामांधी न्यारेओरथीभाना लेगुंडरीने जोजो लरीने, छारा साये, ते भानएने सीधे-सीधुं तापडा पर नांमती. पछी , छारा साथे, ते तापडाने यो यढापीने तेमांधी थी तापी खेपामां मापतुंहतुं. ( पोजर : सा पातीनां मे जारीsमां जारी टीपाभां, पाणीनां - खसंध्य पो होय छे. ते रेऽनुपर्नु शरीर को सरसपनां हां पहुं डरपामां मापे तो रोडासाम योजना विस्तारपाजारप्युट्टीप लराई भय. पाएगीन मेड टीपामांना डेटलांगजधां शुषो , पणी, ते पाणीनां टीपामां, जी हारो बेन्द्रिय' पो पए होय छे. माधुनिङ, वैज्ञानिऽ ईएन रडोसजीमे सूक्ष्मदर्शऽ यंत्रधी, घाएगीनांगाखेड टीपामां- उदु,४५० हासतां-यालतां जुयो नेयां छे..) मा पाएगीतुं घनश्प, खेटलेन्ट, जर'. 'जर मेरो विशाण लगशाशा. जर पिनाj साई पाएी पहले गाण्यां पिना पापरवामां, सापे तो, सात गाम जाण्यां नेटटुं पाप- पुराएा ग्रंयोमा हेवायुं छे. तो पछी, जर माटे तो पूछन् शं? मरहमा ससंध्य नेन्द्रिय पो होय छे. तेने परमात्मा KOKUYo W-N82800 Page #202 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. Date . . रामलक्ष्याइपे हेला छे. माटे, अरई पापरी शहाय नहीं. जरइनो उपयोग-शनोस्स, श्रीपंड, इटासमा शेरडीनो रस शरबत कोरेमां डरता, ते लक्ष्य यीले पाए सलक्ष्य बनी जय छे,यापरी न शहाय. तेथी, उनागामांसपए परइनो पपराश न ऊरयो. ... जरइनी. नेम साईसझीम, दुपट्टी, पीए, मासवाँटर, खासिन्डी, भीकन पाएी, पेप्सी- छोटड्रींस पोरे पण मलय छे. पणी, खा जर मासिडीम पोरे पेटनी सग्निाभीनो नाश उरे छ, तेथी नहाराजि मंहपडे छे,सने परिहामे, मनेका रोगो सापट माथेयडीजेसे छोटले सामj शरीर सनेह रोशोधी. ग्रस्त जनी जयां शेर यालरो .. . (49) रसपाहियरसमेटोगमय मांस, मान, यरली, मन शरीरनाराहाडामां यतो थीएोधानुसहपाही, घी, तेल, हरेऽ. मतिना मासयो, स्पीरीट, तेज, मुरब्जा, सथागा, रीनाल वगेरे. सापां पहार्थोनो पेपार नोडरी directrडे Indirect रवी नहीं. माधां पार्थो जानती घेणांसाजन्यां माह, तेमांमसंध्य जेन्द्रियाहि समनुपानी उत्पत्ति तथा-विराधनाथाय छे तेथी आपां प्यवसायोमालेडापनासमोनां माथे पए। सा हंऽ लागे छे.. यटित रस प्रश्न: "यलिन रसको प्रशंसायलितम्रसनोमत्याशनाडश्याथी, सापाने यांऽयां नुडसानो पेठवां पडे? :: . वाल: 'यलिता रस'नो त्याग से स्नाननी खेखागवी विशेषता छे. डोई निहारोनी पैज्ञानिहोनी पाए न्हयां नरा.पहोंयी नधी, त्यां प्रल महापीरनी द्रष्टि पहोयी छे. प्रलुमे रमाप्युं छे डे, 'लक्ष्य गणातां डेटलांड पार्यो पए, तेनु मसल स्वरुप, तेनां सारीनुनल स्वार, सूध, स्पर्श सने डलर्सने न्यारे गुमाषी से, त्यारे ते सिलक्ष्य' बनी नय छे. मापां पार्थोनां लसएएमां. जपो तोहएण्य छ, पए। साथोसाथ, मापां शरीरतुं मारोग्य पहा हाय छे. रेभ, भेडिडल इटीमां मनती हयासोनां तेजल पर तेनी मेऽसपायरी डेट छपाय छे, तथा समुछ समय दतां तेहपासोनो . 1 Page #203 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. (262) Date पायर जलास घर्छन्नय छे,, में, प्लास्टीडनी डोलो पण तरडाईनिय छे, भरे पानी सलामत रहेपानी पोतानी राईभ-सीमीट Time limit) होय छे, टेम, घरेड माधपहार्योनी पासमु टाईभ-लीभीट नहोय छे. मेलीमीट पूरी घनत, ते ते पहार्यतुं स्परपा पानामावा मांछेरे पधार्यतुं स्पप जमाई नय, ते पहार्य लक्ष्यहोयां छतांपए, खिलाय ३' मनी लय छे, 'सलाय'तरी डहेपाय- सोणजाय छे. सावां सऽपां मांडेटा पार्योभा, हालतांन्यासतांस जुषो, । वाणियां यो पीस निगोहनांकानुयो उत्पन्न थाय छ,32 मामलां शरीरनामाशेयनेकाहानि पहोंयाडे छेसनेमात्माने हिंसानो लयंडर होष लामो छे. यावां लितरसपाणां पार्योना लाएथी डम्पोऽमनमा लाड-उल्टी माहिना डेमो खाले हेरछेर मनतां होय छे. डायलित रसामेटलो, नेनो स्वार यमायमान गयो होय, तेषां पहार्थों .उपसंहारथी कन्टेनां पर्णागंधा, रसाकस्पर्श यदायभान भी गया होय, मलजत्त,न्याल्यांगयां होयते नधाने “यलित रस' डोपाय छे. या भाटेक नर्शने डेरलां पार्थोनी सिद्धाणमाहा नडी दुरी मापी छे. परंतु, ज्यारेमनाक्रमांछे भिलापरमां लूट थपाने डारो, खंडर-खीमीट (before limit) पए पार्थोनुं स्वप नालाई गतुं होय छे, तेवा पहार्यो संडर-बीभीट होपा छतां पए। मलय जनी भय छे. घात. मुंटीना टाडयानी सीमीट पप हिपसनी छे. परंतु, लाऽपा બનાવીને ગરમાગરમ જ ડબ્બામાં ભરી દીધા + રાત્રે તેમાંથી વરાળ નીકળી कापराणल्याणी मने लेकनां डारो सवारे साऽपां उपर सई शूगपणी गईमा रीते साइनो स्वाद मने मुसार श्री. पाथी, ते बाडु पप हिपतानेमसे, जी हिवसे मलय मनी नय धे. हुयेडामापणे, भयः यलित रसवाणां पार्थोने विगतपार समजुन प्रश्न: यसितारसना प्रकारो डेटला ते लापरणे। तेनां पिरो समएएमाप नपान: यलित रसना Hए प्रहारो नीये मुल छे: कबील हिपसमा न मलय जने तेवां रातवासी पहार्यो ( १पारण 30 हिपस पछी मलय बने तेषां पार्यो (3) मासाटमास पछी मलक्ष्य बने तेषां पहार्यो. KOKUYO W-NB280U Page #204 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. Date ACC जीभ हिवसे ४ खलक्ष्य जने तेपां रातवासी महार्थो रोटलां रोटली लोयां पूरी यलित रस 1947.20/30 हिपस पछी जलक्ष्य जने तेवां पहार्थो 12) जीने दिवसे खलक्ष्य जनतां पहार्थो : ? पहार्थोमां पाएगीनो अंश रही भय छे, ते जधां पार्थोने 'वासी' उहेवामां खायें छे. खायां पासी जनता तमामे- तमाम पहार्थोनो त्याग दुरंपो न३री छे. पाणी, पोते खेड खेवी ताडात धरावे छेडे, से वे पहार्थनी साधे लगे छे, ते पहार्थने टुंड समयमा ४ सडावी नांजे छे. 'दुर्नियर भए। मे घरमा रहेशे तो सलामत रहेशे, परंतु, भे खेड हिवस पएए परसाहमां पलजी भशे तो, तरत ४ सडवा मांडशे. तेन रीते जाध पहार्थोमां यएए, भ्यारे पाएगीनो अंश तेमां रही भय छे खने रातवासी थाय छे, त्यारे ते पहार्थो पाएग सडवा भांडे छे, तेमां भवोत्यत्ति थवा भांडे छे. खायां पहार्थो नीये प्रभाएो छे लाजरी पुडलां पुरायोजी हाजढोडणी रातवासी पहार्थो (मात्र खेड ४ हिवस याले) क धारी लभ्यां गांवडां ढोडणां हांडवो fset-stai ज्योरी समोसा मेंहुवडा डरलेस दूधपाङ जीर ४ मास । ८ मास पछी जने तेवां खलक्ष्य पहार्थो मलार्ध जासंही श्रीखंड छुट-सलाड दुधानो हलको सीधुनो हलयो सीलो खोपरापाड गुजानगंज अयो भावो भलेजी रसमलाई म शेडेला पापड पाणीवाली ययुगी शरजतनां खेसेंस रसगुस्सा जंगाणी मिठार्ध मालपुरा Page #205 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. २०० Date . . . ]ि द्या टिपक्ष एम्पारण'उहिषसंग पछी समय जनता पार्यो: न दर्शने, डेवाड ड्राय पर्योनी सेड स्टान्डर्ड टीमीट नही डरेल छने पर्योन शेठीने जनापपामां मापे छ, रे पहार्योनेतणीने मनाषषामा माये छे, नेपहार्थोनो पाछ हुरीने राजपामा माये छे, तेवां पहार्यो, उपरोत पाहु-पहतिनां डारणे, दीर्घ समय सुधी पाए सलामत रही राडे छ, जाडतां नथी. मावां पार्थोनी समयभामां- शियाणो, उनागो सने योभासामा - सीजन प्रमाण इलासी श्यामां खाये छ। सीठनल राम लीभीट शियागो जाग.. उिनागो योमासुं डरत सुहायपझगए सुप अघाट सुपप थी शत्रएएसूह १४- यी सघाट सुस १४ । घी डारत सुह १४ सुधी टाईमपीभीट-सुधी राईमलीमीटसुधी रामलीमीट उ0 हिपस र० हिपस पहिपस सीमनस राईमपीभीटपागा पहार्थो शेडेलां पद्यर्थोपधारेसां पहार्यो तणेला पार्थोपाडी भिहाई यए । येवडो सेवा मोहनथाणभमरा भारा गाडिया झुंदी लाईघाएगी डाडा तगेला युरमाला जेलो मोट Sऊ पूरी . भीतीयुर पोर जामरां तमाम इस्साए उपशेडत पहार्थोनी. राईम सीभीट सीझन प्रभाएगे, शियाणामां-30 हिपस, उिनाणामां-२० हिपप्स, योभासामां-, पथ हिपस , गएपी. खोपर सीभीट याय, तो ते त्यन्न टेवां नईखे. जीडोर राम (before time) पग गे गडी जय, तो त्यनयां . KOKUYO W-NB2800 Page #206 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०. (२०१) Date : माघ महिनामा (४भासाभासा पछी समय जनता पार्थो: डेरखां पार्थो नेयरम स्प३पर नेषुहोय छेउ ते भासमारभास पर्यंत पए याली शडे छे. डेटलांड पहार्थोने तैयार करवानी पद्धति सेटली औरहार होय छे ते पहार्थो पए पांजो समया सुधीयाली शडतां होय छे. हा.तः पडी, पापड, जीथीया, मधाएां फोरे. " मेम्सपायरी डेट यारे? डाग डेटलो डाश्ता सुह पायी गएरासुपथी सघाठसुपपी: डारतासुट पपथी आनसुन शशा सुE४/सुपी सपाट.भुE सुधी उरतसुट १४ सुधी मघाट सुE सुधी पछी पपशय तेषां पपशय तेवांणयपरायतेयांरभासयाने त्यालय र पहाधों का मार्थो कल पहार्यों तेषां पार्यो, पहार्यों डेरी रायपुर - पोरे . लाशुपालो जहान, टोपमाजीनामापडी, डोधमीर पिस्ता, सामु टोपशुपापड, पत्तरपेलनां पान मसोसायेसांतल, हाछपी पूर्व मुंग जीयीयां जर,मारेऊ, लान-गुपारगी ने हिस्से सारेयां, तल, टोपर, माहिनीसहपाठी, ता. शेडाय तेन बीजडां मामा (भतांतरे मर, पिसापापरीसूऽपएगी यारोली, पिस्ता, नारे सियायनोशहाय.. यासमोर साबु, मेयो ससुर पोरे सूडामेपा पछी सलाय राख्यो छे) हुपे, यलित रसनी समथए भेगव्यां जाट, मा पिराधिनाधी झारीते जयाय, ते खापो समजुरां डााठे, यसित रसपाणां, पहा?भां, मसंज्या ििन्द्रय लयोनी उत्पत्ति तथा पिराधिना थाय छे. माध पहार्थोनी टहवा भाटेनी समय मर्यादा पूर्ण थतां, ते | पहार्थो जाडवा भांडे छे. तेमनां पर्णा, गंध, स्वाद पगेरे नालाई Page #207 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. (२०२) Date "उमाका न्याधी भने “यलित रसा उहेयाय छन्मायलितरसपाणां पार्थो सलक्ष्य मनपाधी, तेमा मसंप्य जेन्द्रिय नुवो तथा लीसाअनंताय निगोहानी उत्पत्ति सने विराधना थाय छे तथा मारोश्यने मटा नुकसान रे छे. घटी चारमापापहार्योना पपराशी पोर्छन -लिटी कोरे पाचाय छ. तेथीयलित रसपानां पार्थानो सवश्य त्याग श्यो.. यलित रसपाणां प्रहार्थो द्वारा थती मसंध्य ईन्द्रिय योनी बिराधिनाथी जयपाजामाटेन उपायो: ( पायुरमानांना साजनापतांपूर्व, युरभुप्रतापपां भारे, मुहीयां जनापवाभां मायो शे. मुहीयांने जशनर तलायां नहोय, तो बहर पाएीनो ले रही नयाछे. मायां लेखपाणांमुहीयां लांगीने रेट युरमानांगलाई जीरे हा हिवसे, मलप्य जने छे. माटे, न्याल रानपुं ३री छे. जराजर तण्यां होय तो पए, मंध्रयी नरम रही रवानी - शध्यता छेः भाटे, मुडीयां लांगी, रोडीने, पछी घी लेगपाथ, तो जीरे हिपसे पपपपे. मुडीयांना लूहांने रोडीना रेलखाई, जरही युरमुं थाले.. मसजस, तो सलथइपे होपाधीयते युरमानां जलाइयोरेमां नानपी नहीं.... (पट) हलेजी जनापयां भाटे, रामायो नांनी हेवामां साये छे. मा नायो शतवासी थतो..होपाथी, सवारेतेनी नलेजीयाली न राडे. तेने जहराने साधो नांज्या पिना जनती 'समरती' यामी रा छे. रोजीनो खायो. सवारेनाजे,तो लेनीयाली राडे छे. पए रसोईया तो डाणी शप्रे डाम पतावी हे छे. रोलीभांजी हिपस, असंज्यमिसंध्य नेन्द्रिय योनी उत्पत्ति तथा विराधना धनय छे. - (S) : पनी भापो पए, बी हिवसे, पासी थाय छे. माटे, मनरनो भापो तो याली रा नहीं. घरे मनापेस मायो जे नील हिवसेशप्रपो होय, तो तेने धीमां रोडीने गालाल मनापयो नेले. यायो पाट! भायो मलय मनतो नधी. ले भावो धीमां रोडीने लाल-ड जनाप्यो होय नथपाधमां मांड नांजीनयूसे हलापता-हलापतां डालनाव्यां होय मयवा धने झंडीने, यूला उपर जां लेगपीने पेंडा मापानी KOKUYO W-NB280U Page #208 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Date भरही मनायी होय, तो ते यासी मनतां नथी. अलमत्त, बीरे हिपसे पटायावी राडे छे. भापानी जराहीमा भायो टीलो रही गयो होय, तो जीने हिवसे ते मलक्ष्य जने छे. (E सूरतनी घारीमा, नेमापो पेड उरवामां मापे छे, मेमे पहेला धीमां शेड्यां विनानो होय, तो पासी धाय छे. डेटसाऽ प्रापडो, स्पेश्यल शेखां मापानी धारी मनापे छे, ते यावी शझे छे. मला घारी 'सलय' नएवी. पधुभां शेखां मापानी घारीनु पर्नु |पड घीमा सनतरीते तणातुं नथी. परंतु, भान उडणतां धीमांझिनोगीने डाटी नेवाय छे. भाटे, उपरोपडा, रोटरीनी मायुं रहे छे. भाटे, ते जीरे हिवसे पाप्ती चाय छे. माटे, डोपा धारी, जीने हिवसे रानी राडायनहीं. डाराडे,पासी घारीमान्लीने हिपसे ससंध्य जेन्द्रिय पोनी उत्पत्तिक विराधना थाया छे. ( साभापी डाटीने, नर जांड भेगवीने जनापपामां मापतां पेंडा पाए,जीले हिपसे पासी जने छे. परंतू ने धने झडीने यूवा उपरक, जांड लेणपीने , डालनापाय, तो ते वासी थतां नथी. तेन रीते,९धने झाडीने, झुला उपर न प्रांड लेगपीने बनायाती भाषानी परही, पए, बील हिवसे पासी जनती नयी धने शाड्यां पिना, दूधमा प्रांड नापीनायो हलापतां-हलापता, पेंडा जनापाय छे, ते पहा पासी थतां नयी. मलारनो भायो, प्रायः पाती न होपाधी, मनरनो भायो,तेनां पेंडा, तथा मापानी अन्यथीले मलत्य' न समस्यी. प्रलापना गायोरेभाजपष्ट मापपीयित नथीका कारण ( गुप्लाजानुमा भाषो पासी धाय छेसने याप्ती छायी पड़े छे. भाटे, जीना हिवसे, राजी शहातां नधी. तेषरीते, रसगुल्लां, रसमसामाजिपी डायी यासीनी जंगाणी. भिडाना, बीरे हिपसे 'लक्ष्य' नापी. (४) घए सोडो धनी मलाई शेष लेगी रे छ, पछी तेने तापीने 'धी जनापेछे. सा पद्धति योग्य नधी. 'मलाई तो शतरहेवा मानधी, पासी घायछे. तेभामसंज्यालानिया नुवो उत्पन्न थाय छे. ले मालनी भटाईमां सां भेगपए नामेल होय, तो ते भलाई, रात पछी, मलक्ष्य' मने छे. तेथी, जीतुरात पसार थाय ते पहेला सूर्योध्य पहेला, लांगने साशंशभेडे, Page #209 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. 60) Date नभेनपटा टिनानी भटारमाय नं नहीं.बाडी, मसंज्यालेन्द्रिय पोनी उित्पत्तिक विराधना थाय छे. (डप) पीलो-सूठो हुलयो , यांना लोटने 2-3 हिपस सडापीने , मनापाय छे. सडेला सोटमा सन्तुनो उत्पन्न थतां होय छ, भाटे ते 'सलल्या छे. जंलातर्नुहुलपासन पर मलय' गाय. भाटे न जयायाः, त्याच्य छ... (दु साठे शेडेमो पारो पहियसरे रीते याले छे, तेम रोडेखो पापड यानी रातो नधी. तेमां जारा होपाने डारणे, तेहपानांधी लेख पोछे. माटेजी हिपसे,ते वासी जने छे. तेस धीमा तगेलो पापड, जीजहिपसे यापरी राडाय छे. नेहवाई लय तो नयाले. डाराडे, माहवाळी गयेला तगेला. पापडभांग यानी पूरी संलापना छे. बदा पाउनलिस्लीट माहिनापहानां सोरनी, तेभन तेनी जनावरनी, डोई हाणमर्यादा प्रयासमां होती नधी. भाटे, ते खलप्य' महापां. पणी, तेमां माराने पालाजो समयसापी राजयामां माये छे. भाटे, हिंसानो होधपए लागे छे. पाई-लिस्तीट चोरेहाना पहार्थो तो, खारोग्यने हुएीनांजवा भाटे, टाईम-जाम्ज घुडामडरे छे. मानां सायन्से पए, भैहानी पदार्थोने खारोग्य माटे 'राम' नहीं पहुए 'जतरना गयाछे. हुमनी पानसे छेडे, कैन धरोमां, माजरांनी लण्या मालेडासने पाठिो सीधी छे. मापतीडाले,तेनी नव्या नहितोस कुंपनीनां डॉर्न इलेन्सव्हीट-इटोन्स, पानी पोटेटो यीप्स, कुरकुरे पेपी नंगी पोन्नयां-नवां नास्तांनो गोडवा पानां छ. गोरेननो पधोड्या लारतीयोनां पेटमां शीयानो छे. सामधाय तोन, परशी घ्यायोनी डंपनीमोनो पारनेरमा यात साठे घए ननोनां घरोमां, माजधां अलक्ष्य पहार्यो , सपारनां नास्तामा गोडवाई गयां छे. तेथी, जात नयीने रहेशो... (द) जरइनां गोगां उपर छांटपाभांसापता 'जेसेन्स' सने डाय यासहीनां लरी राप्रपामां खापतां 'दीमुना रस' पोरे तमाम पहार्यो, मलाया लाएगपां. माडे यां-धरोमां, रेन हाई-शरजतन्यासी योरेनां बाटलांसोभणे छे, ते पए न जपे. मा मलक्ष्य वस्तुस्रो, तभार घरे तो नधी ने( टानजनरनां श्रीमंड योरे-५ महिनानां पाती होय छे. तेने KOKUYO W-NB280U Page #210 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. (૨૦) Dale . . - j. તાજાં માનીને ખાનારાઓની બુદ્ધિ સાથે જ વાસી થઈ ગઈ હોવી જોઈએ. આવો શ્રીખંડ, આપણાં તથા આપણા પરિવારનાં આરોગ્ય માટે પણ વિશેષ હાનિકારક બને છે. (૧) : ", કેટલાંક લોકો, દૂધમાં બાંધેલી ભાખરી, બીજે દ્વિસે વાસી નથી - ઘતી એવું માને છે. જે તે ભ્રમાં છે. દૂધ વાસી થાય, તો ભાખરી કેમ વાસી ન થાય? આવી વાણી ભાખરી વાપરવાથી, તેમાં - ઉત્પના થયેલ અસંખ્ય બેઈન્દ્રિયાદિમસ જુવો તથા નિગોદ-છાદિ અનંતા જીવોની. વિરાધનાનો દંડ લાગે છે... 1. , -૭૧) : જો ચટણી વાટતાં પાણી નાંખ્યું હોય અથવા ચણાનો લોટ - ભેળવ્યો હોય, તો તે ચટણી બીજા દિવસે જ અભક્ષ્ય બને છે. પણ જેલીંબૂનો રસ નાંખ્યો હોય અને પાણી કે લોટ નાંખ્યાં વિના વાટેલીહોય તો તે ત્રણ દિવસ સુધી ચાલે છે. ચટણી બનાવતાં, કોથમીર-- મરચાંને પાણીથી ધોયાં હોય, તો તે પાણી, ચટણીમાં રહી જવાથી, ચટણી બીજે દિવસે ‘અભક્ષ્ય બને છે. તૈથી પાણીનો અંશા ન રહે તે માટે ઉપયોગ રાખવો જરૂરી છે. આમલીની ચટણી, બીજે દિવસે, અભચ' બને છે. તેમાં અસંખ્ય બેઈન્દ્રિય જાવોની ઉત્પત્તિ + વિરાધના— } { } } થાય છે , '' :' , ' ' ' , ' , ' , ' , , - Y. 1 3 - 5 .' - ફાટી ગયેલું દૂધ તથા બેસ્વાદ લાગતી રસોઈ, ચલિત રમ” - ગણાય છે. માટે, ઉપયોગ કરવો યોગ્ય નથી. આવી બેસ્વાદ થઈ 1 ગયેલી વસ્તુમાં , અસંખ્ય બેઈન્ટિયાદિ ત્રસ જવા અથવા લીલ--- નિગોદાદિ અનંતા જીવની ઉત્પત્તિ ઘવાની પૂરી રક્યતા જણાવી. (5) પર વડી, પાપડ - ખીચીયાં વગેરે ; જયારે એકદમ સૂકી હવા હોય, ત્યારે,..શિયાળામાં જ બનાવવા યોગ્ય છે. ચોમાસામાં તેમાં ઉબ(ફૂટ) લાગવાનો સંભવ છે. માટે, ચોમાસાં પહેલાં પૂરાં કરી દેવાં જોઈએ. વડી, પાપડ તો ચોમાસામાં ‘અભક્ષ્ય છે. એવું “બ્રાહુવિધિગ્રંથમાં જણાવેલું છે. તેવી જ રીતે, સંભારો, સેવ , ખેરો, કુરકુર, અડદની સેવ , સાળીust , બીબડાં વગેરે પણ શિયાળા-ઉનાળામાં સૂર્યોદય થયે તેનો લોટ બાંધી બનાવવાં અને સૂર્યાસ્ત પહેલાં બરોબર સૂકાઈ જવાં જોઈએ, નહીંતર , વાસી થાય, ઘેસવડી સૂકાઈ જાય તે રીતે તડકે મૂકવી. કદાચ ન મૂકાય તો પણ તે અભક્ષ્ય ન થાય કારણ કે તેમાં છારી છે. ચોમાસામાં આવી ચીજો બનાવવી, રાખવી કે Page #211 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (२०) Date . . हंगामापा योग्य नयी डारणा गोमांसामांमालेमा प्रम योनी उत्पत्ति मने खीला पानो संलप घो छे. डहाय, योमाप्तामा पापड राणयां होय, तो ते सघाटसमाजमनापयां पडे, तेने मयारनवारडिटो हेयोजघडे, तेने पारंपारा प्रमापानी तथा थारंपार हेश्ययाइश्यपानी जघुसलामालेबी पडे. वर्तमान डणमा डोईवान् मापी संभाग लेवं हुये को संलाणा सेवाय, तो लीला पानी सिंलापना. छे. भाटे,योमासामान नाम्यापरयुंश्रेष्ठ छे. उपरनी यीने डारत सुछ पूनम पछी मनापपीने सपाट सुहायोस पहेलां वापरीधानांप्रपीते पछी शप्पणी नहींगसेवा, पापडगापोरे मनरभां तैयार मो छेते यापरयांगयोग्यग्नथी. मारीते, सूपही पए नास्ताशियाणां नाणांनाइप माइ मासस्थाने, व्योमासाभां नयाले. न पिशषनानो संलप होयायी महानिां डोडi, धनोपोंड , अनुपारनोः पोऊ पोरे पान वापरयां , केपस्तुयो पोलापाणी, पाणी, भीमा स्वाइपाणी होय, तेमा ईन्द्रियाहि पस अन्नयोनी, उत्पत्तिनी पूरी राध्यताबाछे.. एमाओमा कोरेनां घयित्ता छे. पए सपंड योनि होयाधी यापपां नहीं. मानां उतारी नपा- मेम 'श्राद्ध विधिभारापेल छे. एमाणा योभासी जाटोपरा जहाम, पिस्तांत्यपराय छे.. योभासा-रभ्यान, माटे छोडेली डागजाम, पिस्तांसतया डाछली शेडीने डाटेj परंडायोको छोडीन टेहुं नहीं - डायली शेडीने डाटेj शेण टोपरग रयालेनडायहाडे, टोपरांना शोणामां पीलांस्यीरां पडेला होयमाछा माज्याराभां निगोह, कुंथवा कोरे प्रडवानो संलप छे. माटे, म सामाज्यां पंछीक पपशय छे, तेमा रोगपए., डाछपी झेध्यां पछी पपराय. मालधी. पस्तुलेमीले हिपसे यापश्वी होय, तो तेने धीमांतणीचे रणाय तोयाले. महामपिस्तांतगी राहायछ.रोपरांने तगयां भाटे, तेनी छीए ऽरीने तगाय छे. 'तता झागए थोमासी पछी मलयं गाया छे. पए ने राजपा |पडे तेभ होय,तो तेने गरम पीयूखे यडापीने सोसापीने , राजप. सोसावेयां तलमां जयपडतां नयी , तेथी माह भासयाली शडे छे. ( डेटली डेरीनो पाड आर्द्रा नसुन्न पछीधी र माये छे. ते छतां KOKUYo W-NB2800 Page #212 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Date . . ए तेने पहा 'मलयाल मानवामां माये छे. डेरी, साधी भांडीने, डारतामु पूनम सुधीविरसम्रा नसुत्र सुधी) बंध समस्यी. डाराडे, मार्टा नक्षप्त जेसे त्यारधी डेरी डेरीनो रसायसित रस घयाथी मलय छे. तेमन्ट मार्दा पहेला पा गंधाई गयेसी, सडेसी डे उतरी गयेटी डेरी 'मलक्ष्य' नएवी. मारीते, पाडी शिया पए, मार्दा नपुन पछी खलक्ष्य बने छे. रोटला, शेरली, लापरीयाण, लात, शाऊ, जीयडी, शीरो, वापसी, लल्लयां थेपलान्तरपुडलां पडां, नरम पूरी, ढोडणां, पुरणपोणी, भालधुमाउँदाहाऽपोज डिसी, टोसाड्योरी, समोसा पशेरे पिसे अनाप्यां होयते हिवसे याले. जीले हिपसे पासी गाय छे. तेभांग पाहीनो संरा होपाने डारए, मसंज्य रसा-लामियाजेन्द्रिय नुवो उत्पन्न थाय छे. भाटे, ते जपाय नहीं. तेभर तरांपोरेने पग (जीस विसे) पापाय नहीं. ने हिपसे मनाप्यु होय, ते हिवसे सांग सुधीभां, निडामरी यो गे, तो मसंज्य जेन्द्रिय पानी पिराधनाथी जयी राहाय. सपारे होटेलधा , यार पहोर सुधीर लक्ष्य छे. प्यार प्रहर : लगलग र लाइ) को सांठे दूध होहेलुं होय, तो तेनो उपयोग, - मध्यरात्रि अगाडि थर्ड. न्यो नेगे. लेले शोध पीपाय नहीं रामिलोणतनो महापाप लागे). मानां डेरीनां पापडरियां अथणीना टूध तो सल्ल्याने मारोग्य माटे जतरनाउ छे. भाटे, पधुपियां जीने पशुपनांमाग्रहीनघुब्नेले. ध झटीभय माडी नया तो तेल सलप्य' छे. पण हिपस सूधी विमायेली गायन प, पप हिपतसुधी विमायेली लेंसनुं दूध मने र पिस सुधी विमायेची मरीनुपापपशय नहीं, तथा, तरत पिनायेमी गाय-लेंसना तरतनांपनी 'मरईले जनायाय छे, ते पए पपराय नहीं. पाऊ, जीर, घनी भलाई, जासुंदी, श्रीपंड, इट ससा, धीनो हलवो थीइनो हलपो, मभरती रे हिपसे मनाप्यां होय, तेल पिसे यावे. जीरे हिपसे, पासी गाय छे. माटे न जवाय. जे पापरो, तो तेमां उत्पन्नधयेल, असंज्य जेन्द्रिय योनी | पिराधिनानो होष सागे छे. Page #213 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. ED Date : ए सोट, भेषी पाणी नांजीने मनावेल संलारो, खीरे हिवसे, यासी गाय छे. जी हिपसे, तेमां नसंज्यन्द्रिय अयोनी उित्पत्तिक पिराधिना थाय छे. योमानी उएडी साधे खानीहाण तथा यानी डे तुपेरनी हाणने लरडी, छाशमां खायो उरीने, जाटां ढोडणां जनापाय छे. ने डायी छाश होय, तो द्विष्ण थपाथी मलयजने छे. ले उडाली छारानो साथो, रात्रे ऽर्थो होय, तो पहा. ते मलयः जने छे. भाटे, सूर्योध्य पछी, जशनररीने-मेऽहम उडाणेली छारामा साथीने शेलांटोडणां साल सुपीयाले छे. ए डेणां, द्राक्ष, मारे बगेरे मन्नन भिप्रापारना रायतांनो अण पा प्रहार हजेराता सुधीनो) छ. नेते रायतुं, विष्णासायेतापापरपार्नु होय, तोही खेडहभागरम रेतुं होघु लेखे, डणी सेयो), गांडिया, मुंही पोरे नानीने रायतुं ऽयुं होय, तो पहला ही जराजर गरम रघु पडे , पछी उणी पगेरे नाणीने रायतुं जतापाय. माघुरायतुं सांठ सुधीर लक्ष्य छे. राजे पात ध्यानमा रातो-रातिलोन' ते मलक्ष्य लोन छे । एप कुपारनां लोटने छाशमां रांधवानां मापे छे. तेभां, धान्यथोडं मने छाराधी होय, तो ते गलीराज' हेवाय छे. ते पर प्रहर सुधी थाले.. छायानोछी मने धान्य पधुहोय,तो. ते 'वेग'हेपाय छे. ते प्रहर सुधी याले. तेनो मतलब नहीं डे, ते शो जपाय. डेमडे, रातिलोन्हन,मे तो, मलद्योगमोल्न छ, महापामा छजहियसनां प्रहरमने हिवस-रातनां । प्रहर धाय छे.) । । छान पद्यर्योभा पाणीनो संरा होय छे ते जी हिपसेपासीलने छे. आ पाती, पहार्थो यलित रस' पाणां होपाथी, सलत्य' छे. डोपएर नाथ पहार्थ, हाय सपार सुधी याने तेभ होयपए, से सूर्यास्त पछी जयाय नहीं.. डारएण्डे, लट्य यी यए, राने जापानां मलय छे. शनिलोडन मे महापाप' छेतोपात, शलिलोनननां पाठमां, वियारी सीधेल छे. एगा। हणेलो बोट, यए, ममरां, पाणी, जानरां, पौरमा पोरे ोडेयां घान्य तथा येवडो, मभरां फोरे पधारेटां पार्थो तथा KOKUYO W-NB280U Page #214 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 10. (206)......... . Dale सेय, गठिया, शाइड, डडपूरी, दापडी, इरसाए पोरे तणेलां पार्थो , तथा मोहनधाग, मुंटीनां लाएं, मोतीयुरपोरे पाडी Hएतारी यासीधी जनेल भिडाई, तथा रेवडी, शिंगनी यीडी पोरेयासहीमा मनासयीले साजधां पार्थो, रे हिपसे जनाव्यां होय, ते हिवसथीभांडीने, शियाणानां उ० हिपस सुधी, नागाभांश हिपस सुधीमने योभाप्तामा पप हिवस सुपी याती शहे त्यारला,यनित रसवाणां थपानां डारगे, 'सलल्या छे... जामशं पोरे यातां सेवाकर छे. तेथी डेटलां हिषप्त पहेसां मन्यां तेनी मजर पडे त्यां लप्यालयनो पिपेड गावातो. नथी. तेथी, जाजरा घरे बनायषां योग्य छे, मेथी हिषसती. नोंध रहे सापां साधर्मिनेगापुरम मापवी सारी, पए पैसा जयापवा माटे, पेयाला सेवायोग्य नथी. इरसाएमां जलपडी न्नडीहोपाथी, घटती न होपाथी, जी हिपसे "संलक्ष्य' पने छे. काल (C) नागानां संते. मनोज्योभासुंशरथायते पहेटां मनापेम अप्यनो समय, योभासांनी म पप हिपस सभष्ठपोयोमासानां मा. संतोमने शियाणोष शर थाय ते पहेला मनापेलद्रव्यनी समय पिए, योमासानी नेम पहिषस समयो मलजत्त, मनाप्यांनी कुसनेवपराशनी परतु ले मला होय, तो जानतुमा समय मा मोछी छे त भुकनडरपुंठेधी घोष वागपानो संलवानरहेझापशे ने? या एकाभिहाई कोरेपाडी नए तारीयासएसीधी ने प्यपस्थित जनाववामां न मापे मघवा जनापपामां ज्याश रही नय, तो समय महिए डरतापहेलां पयसित रसपानी थर्ड पाथी, लगडी न्नय छे. नापी यीने पहेली तडे 'मलय' बने छे. सापी यीले तो बी पिसेपासी धपाथी सलत्या सत्रहपी योग्य यारो छे. साठे, रसोईया पोरे Hएतारी यासगी रे छेडे उभ, ते सवाल छे..पणी जनाप्यांपछी, योग्य रीते सायपपामां न, खापे, तो पए, पहेसां लाठी पाधी 'सलय' घर्छ भय छे. jटीनां पाई जनापीने, तरत उष्माना लरी हेवामां आये, ती पराणनां पाएीनां लेने जाएगे, सपार पडतां तो लाडवां . Page #215 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (220 Date : 1 समान उपर सील थर्छ नयामापु जनेतो, तेमाडपांनो "मनस्य' मनी लय छे । (EDर सडेjधान्य तथा नोरा थार्थ रायेल घी-तेल मलय छे. माटे तेनी मनापेल निहाई वगेरे पए मलय' गायाालनरनी मिठाई पोरेगा पराजरामनवानो संलक मोछो छे, माटे, ते जीन र हिपसे, पासी समन्धी योग्य छ। घणी, पर्तमानडाणामांतो, जनरनी मिहान पोरे पापरणार योग्य जधी, हेमाडे, पाणी मागण पंपरायु होय गते प्यक्तिमेजेई रेल पाए। हालासनो उिपयोथयो. होय, नापसांभालने नयां मालभोणपेख होय, बोट घालूनोरमने त्याप्यां विनानोपपंरायो होय, सडेलां धान्य छेनारधनेशंळया घर्ष यहोया तेषां धान्य-लोटना उपयोग थयो होय, राने घटो सारंलाहरीनेाजनायेंलो होय, समय परदेशी तैयार, मेंनो उपयोगार्यो होय, घी हाइंसने जोरंथई गयेलहोयजाडी गयेट पपरायं होय, लोटमा मन्य अलस्ययीले रसायो चपरायां होय नवगेरे अारएगीसर, मशरनी भिडाई सेव-गांडिया, मुंघी, मथाएं लेग पगेरे तमामयीले, प्रायः मलक्ष्य' छे. वापरयांमाटे सयोग्याछ, तयां शरीरनां मारोग्यने पहा लगाऽनार छे.ा तथा नजरनांगाश्रीपंड, समोसांडली पोरे तमाम पए मलक्ष्य होपानो संलप छ माटे, पापरपां योग्य नथी. CAधमां भेणपाए नांज्या पछी, ही जराजरा नामी न्नय, त्यारे, ते यालेले जे रात पछी 'सलत्या जने छे. भाटे, जे रात पूरी घयां हेपी नहीं. जी रात पूर्ण थाय ते महेलाल, पहेली सपारे नेहीने पसोपीने छाश मनापी हेवायतो ने छाश पुनः जे हिपस सुधी थाले. मेछाश प्राग ने न पपशय,तो जे शत पूही थाय ते पहेला, हातेमाथी छाशना थेपलां जनापी पायाखा. थेपसांजे हिवस सूधी शाले. मां ही, छारा छारामां जनालथेपटां, जिन्याधी रात पसार हरे-तो, तेमां नसत्यजेन्द्रिय अपो उपवतां होपाधी खलढ्यो जने छे. पणी, मा आण तो पलोहानी, छाशनो मथपा सारी रीते मेरीने-पलोपीने जनापेली छारानो समापो. जोडो, पूरं मंथन र्या पार उतावणे-उतापले हीवसोपी नाणे छे, तेवी छारा याले नहीं पाएगी साघेहीनो संश KOKUYO W-N8280W Page #216 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ४ No. (२११ Date संश मणी न्पो कोई जारना ही-छाश पगेरे लरोसापात्र न होवाथी, पापरयां Gयित नधी. महा भासमान पेरापणना रोड उपायमां, खेड मुनीराष्ठजिरापमान हतां तेमनी तबियत जेषां भाटे, मेड मुसलमान हडीमामाघेला. तेमो निहानौषध माहिनी पात यां पछी, उठतां-हिता ललामएग ड्री,मली-सली लोन नरा लातुपाला स्तेमाला रत रहीयो" मुनिराश्रीसे झुंडे, "मग्छां-जळा, हम ध्यानरो मेमहीने , मेमने रममापी. मेडा भास पछी, शाप इरीहुडीमनुतलियत तपासवां बाप्या त्यारे, तेभए उहता-हतां पूछ्युंडे, ज्या आपने लालुपाटांलीया था मुनिश्री ना पाडी तो, हुडीमण्णुमे ढगुंडे, ही है, लिया होता तोमरछा रहेता लेडिन अजलना नहीं: मुनिश्री पूर्वा, मनज्यों मना कर दिया?' त्यारेहुडीमा माशमां साभेर लेने नाप्युंडे,"मन सीझन नहीं रहा. होली नीडल लाने डेप्मामापाला नुसान पहुंयाता है मन मारा पहला गया है. मैंने जोला, तल लिया होतांती ही रहेतांखेछिन मन लेगडी मरत नहीं है."खरे हवीमडोहां पता है कि, लगवान महावीरने तो रमण साल पहले ही, यहाणात जताही हि, होली जामें साश जल लता, सिलीयेलानुपासां त्याग करना। मेटले डे, मात्र शियाणानां ४ महिनां न, लालुपालो जपे छे, परंतु, ल्यारखा मन जपे। जी डोनीले भारमा, भणे छे, ते तो भाईनी अत्यंत शश्नातनी अपस्था होय छे. तेने पापरपाथी साप हयनां परिणामी घणां ध्याय छे. अत्यंत शश्नातनी सने डोमण सवस्थामा तेने पापर, ते मात्मानां डोभणतानां परिहाभोने डोर मनापे छे. तेथी, तेनो संपूर्णपए त्याग डरयो हितापहछे. मेटले, डायम माटे, मापो 'baby con'न जरीधय , न पपराय. (e) श Page #217 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. २१) ........................ . . Date न हीं , ही, ही कलेज , DANGER. जगमगा संसारी योनां पनमा, साले घहीनो यपशरा तो सोछां पर्वतारो होय छे. ही प्रये द्वे नहीं मपे तो डेधुंही? डेरावां हिवसासूपी ही संपेपोरे-पोरे घणां प्रश्नो-मुंझपोमामलोडोनेहोय छेः सा तमाम प्रश्नोना , मुंगयष्टीनां समाधान भने ते भाटे, यालो हके, ही जंग विशेष माहिती खापरे भेगपी. प्रश्नः ही भाटे सायन्सनेम ही छेडे, 'धमा भेणपएा घडतांनी सायेष मेभा जेटेरियां पापां माउछ: गुमापात सायी ? नपामा ननाशन, मापी मान्यतामांसंमत नथी, लेहीमा भेनपाएर पडतांश लेटेरियां पे घतां होय, तो जेन्द्रिय लुपोनी हिंसाथी निर्मित थk ही, डोपिएन, सीने माटे, पापरी न न राडे .. क्यारे हीनो पपरारा तो लगवाननाम्यानंहनामय माहि अापडोनां समयमा पत्र नहतो सने सारे पहा. पितानसेने जेटेरियां हे छे, तेने मापये भान पौड्ाटिङ परावर्तन हीसे छीजे. परंतु तेने नुव तरीडे, मापणे स्पीरत नधी लेड द्रष्यमां जीकुंद्रष्य भी (mixJथवाधी , सेमा रासायगड रशरो धाय छे. मापां इशारनां समये, घना डटोशमात्पर तोहान उठतुं होयच्छे. जेनेजपमानी लेवानी जेई र नी. जे तोझान - पहत नहीं गए। डेभिल्सहत मानपुं योग्य गारो. प्रश्नही भाटेनी ठाणमर्या शुंछे। ते डेटसां रामभाटे याली राडे । नवाजाही भाटेगा नर्शन, हाणमर्याहामो नदी रेटी छे. हीमा भेगवाए। पध्यां पछी, सेही राता रहे,तो मलक्ष्य बनी लय छे, मसंज्य पोथी युन्त जनी जय छे. भाटे, ही मेणयां जाए, ड्यारेय पर जेरात पूरी घपा हेपी नहीं. जे नाईट होस यतां पूर्व ही पतापी पुंगोमेगजीन रात्रि पूर्ण थतां पूर्षे, पहेली सवारे ले हीने पलोपी नाप्नीने, छाश जनापी सेवाभां सापे,तो ते छाश, पुनः जीनं हिपस यादी शडे छे. हपे, मे छाश पएजेराप्तिपर्ण यतां पूर्व, तेमाथी थेपलां मनापी हेवाभां मापे, तो मेथेपलां पुनः नागण ले हिपस थाली राडे छ. मा थेपलाने से शनि पूर्ण - KOKUYO W-NB2800 Page #218 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Dale थतां पूर्य को प्राणरांनी म शेडीने ड्राय दुरी खेयामां साये, तो ना थेपसां इरी खागण १प विसयाली शडे छे. हा, पहिवस पूराथतां पूर्ये, सारथेपलांनो लूको रीने, पधारीने, ने पडो बनापी हेवाय, तो से इरी. पाछां पप हिपसयाली राडे. सामान उपसरियस सुधी, हींनी माहाने संपापी शडाय छे... पिए, तमेलापोधंधो डरतां नहीं, अनुपाघाननो लाल भेगवीने रिटीथी ऐसतो ऽरी ने.का प्रश्नहोनी जतालमाछाणमा सरणालाधामा-ममने दृष्यंत साथै समनपशोर । क्याना हीनी डायमर्याध ध्यानमां साफे ते भाटे, यार्ट द्वारा नीय मुनज समधून सोमपारेही भेणप्यू:४ प्रहरापर दुलासोमवारना पहेलो हिवसम्पसार थयो । प्रहर पर पुला5) सोमवारनी पहेली रात पसारा घई.' सामसोमवारनां कुल + प्रहरराः रहपे, तेल छी, भंगणवारे नामो विसयाले प्रहर भंगणवारनी राजीनगरात पप पसार थर्ड - ४ प्रहर साम कुल ८८८ १९ प्रहर - रावा हीनो डाण हेवायो छे. तर रीते छारा मने पलानो पए। पर-पा प्रहरनो प्राण छे. |रे पिसे जने, ते हिपसना प्रहरो गएी यां). बुधवारनां सूर्योध्या पर्ये, ते ही लंगाई न्युनेने अथवा छाशाहिज्जेनापी ठेवाय. का राषपारनो सूर्योध्य यतां पू] छाश जनी. त्यारणा, जुधवारनी खेड राता पसार धर्म सेटलेल्ध पारनो पूरो- हिपस +शनि, ते छारा नये. गुरुवारे मानो हियसते छायनपे. गुरपारनी रात पसार थर्ड. ( पशुधारनां सूर्योध्य पूर्व थेपसां जनापी सीधां.. शुपारनी शत पसार थर्ड. शनिपारनो माजो हिपस थेपलां याले. रविवारनां सूर्योध्य प्र्षे थेपला शेडी नाघ्या. जरामर म हिवस सुधी शेडेला थेपपांयाले. Page #219 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सरा पप हिपस पूर्ण थतां पूर्षे, शेखां थेपलांना नडो दुरीने, पधारीने, येपडो जनाप्यो. या येवंडो। जीनं पहिवस सुधी याले.. जासनाध महीनो डाण पर प्रहरनो सेनप्रश्नमा उहेयायो छे. पण ते सपारे भेणाप्यु होय, ते हिसाजे7. प्रहर राख्यां छे. ने सांठे भेगप्यु होय तो, र प्रहर ठ गएपाना. .' प्रश्न गछाशमां मलाणेलां लाताले नायालेातेनी डागमर्यादा डेली? नवाला ने रीते छीनो प्रहरनो समय गापामां साष्यो छे, ते रीते, लात रंधाय त्यारथी तेनो ८ प्रहरनो समय गापामां माध्यो छे. अखे, रांधेटालात छारामा पसाणीने, जीरे हिपसे पहा राणी शडाय छे. छारामा पहाणपाधी ते पासी थतां नथी. परंतु, छारामांहाणेनहाएपछटो डरी हेयो नेईने सने पहाण्यां जाते-पूरेपू संहर नेता रहेगा, करने तेनी उपर यार सांगणमडी छाश तरपी कोमे. नारीते, भात छाश-छांटेलां नहीं, पहा छाश डूलेलां लात, पधारीने पीले पिसे उपयोगमा जेवाय छे. ते रीते, मारे छाशमा सिंधली पेंस सने घाट पाए, जीन्ठे हिवसे, पासी थती नथी.-से' सेनप्रश्नग्रंथ'मां लापेल छे. तेमा. छत्तां, खाना.डाणे, मारीते राप्पयानो. रियार पालग नामशेष घई गयो छे. सांठे डोई भतुं हानथीरमोट लागजांत पोहोराने जापटे छे. पछी, ताहुं शुमने पासी झुर ने डाणे सूर्यास्त यतां पू रसोई साइडरी हेवामां सापतुं हतुंगते डारो, यधेसी यीने , सारीते पए, सायपी. सेवामा खापती एती. माहातो, सजडा सहारा नेऊ श्रीन्ह ? अनी यूयुं छे. वध्यु-घट्युं नधुंनीठमा मूडीने खाले मारामथी लोडो सूर्छ नय छे सपारे तीहीने , झीम प्रोसीने, पेसो गईहालनो पधारो बहार जाटीने सोडो ताक्ला ) रसोई कमी से छे. माने ताजा रसोई हेपाय - 3 चासी ? प्रश्नः डडी, रायतुं डेटली डाणमर्यादा सुधी यावे? कपालः हीनी साथे डाडडी mix ऽरीने ने 'रायतुं मनायाय छ, तेनी KOKUYO W-NB2804 Page #220 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. (२१५ No. Date डाणमर्यादा पाए, सोण प्रहर मेटसे ८ मा नी गाण्यामा सापेल छे. सावी ही मर्यादा रानपानुं डार मात्र मेरखं न छेडे, छी-छाशमां 'टीड' नाम सेसीड होय छे. या मेसीडनां मस्तित्पना डारो , ८ डसा सुधी , मां डोपए अवोत्पत्ति थर्ण शहती नथी. लेऽटी5 नामना मेशीड मस्तित्व तो माना पिनाने पएस्पीडायुं छे, मान्य ज्युं छे. हिहीमा घती खसंध्य जेन्द्रिया योनी उत्पत्ति तथा । विरापिनाथी जयपान उपायो (E हीं, छारा, धने व्यारे गरम ऽरपामांगमाये, त्यारे जास ध्यान रानपुंडे, ते सनतरीते गरम थथु कोसे. संरथी जूडन्लू सवा मापे त्यां सुधी, तेने मेहम ऽऽ रीते गरम रघु जेठभे. उरली जहेतो, मात्र तपेली गरम जरीने नीये उतारी हे छ, ते व्यापली नथी. मागणी हा तेथु सामान्य गरम नहीं, परंतु यायनी म उलरो मापे अथवा तेमां जूड-जूड सपा थाय, मेवां bubbles चाय, तो धापरी शहाया पाही गरम ऽरवायी , लीड बहेनोने, ते झाटी न्यानो डर लागे छे. ही गमे तेरj सोलीऽ होय, तोय यहां पर पाथर्स पछी तो झाटे छे, छेपटे, भोभा पधशप्यां पछीतो योग्सोहां-जहां वेराई कता होय छे. तेधी, मोटी धारणगानो डाटी नांजपी. हा, डेटली महेनो,हीने झारतुं महापां माटे, गरम डरती यतेन्ट सिंहर सहेल मारानो लोट सधवा योमानो सोट मधया मीहुं "ललरावे छे. घी, ते ज्ञातुं पए-नधी मने तेनो स्वाद पाजगडतो नथी. मेनां रताय सरण उपाय : नभेयां हीने सह पए लांज्या पिना, करभां राजीने, भात खेड सीटी नेपगाडी हेपाय, तो तेयूं ही मुशीधी होणसाये पए पापरी शहाय मने झोहां-छोटां पहा न थाय भने स्वाह पए नगवा रहे छे. शापरी ने? -Cडोडेखांड खोडो, ही डे छाराने सपत गरम डां पछी, तेने पा; झीना मूडीने मासटर जनापी हेवानी येरा हरे छे, Page #221 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. Date या मा रीते, गरम हरीने, इरी शीतण जनापपाधी, द्विणना होष तो नधी लागतो, पण 'स्याखपरतानो' मोटो होष लागे छे. पणी, मा शीतण पहार्यो; होगरीनी ने जतास उरी नांजे छे. तेथी, जोराज पयी शहतो नथी. मारोश्यने हुनारी मा प्रवृत्ति लिलाखा प्यारली. नथी. छाशनां थेपसां तमन्ट छाशपोरेनो. हे जे राति सूधीनो डाण उहेवायो छे, ते ठाण: यसोपानी छाशनो अथवा सारी रीते मेरीने मनापेटी छाशनो समन्यो लोडो पूरं मंथन - पिना, उतापणेउतापणे ही पलोपीनाप्ने छापी छाश नयाले. पाएगी साथै हीनो संशेखंश भणी रूपो ऽ. (ट) खेड प्रापिंडाने, प्रपयनमा संलणेतुंडे डायां ही, छाश, दूध साधे होणा-यापरपुं नहीं पहुए न्यारे पापरवानो जरो प्रसंगमाप्यो त्यारे तेमने ज्याल रहयो नहीं मने सेमणे ही गरमाइरपाने मले, पाथर्ड गयेला पडांने तापडी पराशरी गरम ऽरीने,तेनी पर डायुं ही पाथरीही. प्सीमा तमे खायुं नहीं डरताडारण, मापी लूला सरपानातीधे, असंष्यानेन्द्रिय नुपोनी उत्पत्ति मने पिराधिनार थर्ड जय छे... (EC) पडोशमां, खेड लाईने रियाणांनी डान हुती. साथ-साथ सरकारी रेशनींगनुंगडाम पाए। तेसो संलागतां हुतां. खेड झतीभाजीली क्यारे पिए, यानी हाणनोरेशनगनो ज्योटा मापे, त्यारे माडोशीचपाडोशी जघाना रेशनींगडाईलेगां जरीने, यानी हाणनो मोटोनध्यो, माछानारने त्यांथी उपाडी ती. ऽयार झानहारे तेने पूछाडे खालीलपी यानी धणन्तुं शुरे छत्यारे ते वाज माप्यो छे, माहाणने छाशमां परागीने, धरे रे भरघांसने जतहो पाण्यां छे, तेमने पपडापुंछु. राने छाशभां हणनेपवाणी छं. सवारे मरघांनां पारा पासे तजडइं मूडीएं. जयां भरधां मने मतडो तूटी पडे छे.' पेवा लाईजे तेने खंडे, 'तुंहाणने छाशनां पहाणपाने जले, पाणीमा पलाणीने मापे तो, शंघांधो मापे । झतीमाजीलीमे , ते रीते मैं रेवु.पए मरघांमे सेड हाएगे सुद्धा जाधो नहीं. डारगडे, तेभने हागरतांय डीडां पधारे लापे छे. थएानी घण छाशमां पलणे मेरले नेमां सूम KOKUYO W-NB2BOU Page #222 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. (223) No. Dale Date . डीडांनो पेच थाय छे मने डीडांयोतो मरघांनो स्वादिष्ट मोराष्ट्र छे. उडडामांपए मरघांनो तो डीडन शोधतां होय छे.' खा सत्य प्रसंग पूरपार हरे छे, डायांही, छाश, धमा होणलगवायी, मसज्य डीडासो पेय थाय छे. (100) नैना मुनिश्री शोलनपित्यासेवार पोत्तानां संसारी मोटांलाई पनपासनां घरे लिङ्कार्थे पधायाँ हता. धनपाल उबारमाथी हीनो टोरो बहार डाढी, मुनिश्रीने पहोशषवां गया. मुनिश्री पृछ्यं रहे धनपालाहीने भाव्यांजा, डेटली रात पसार थर्ड ?'धनपाल हेडे, रातनी-पात नहीने शंऽरशो। माटतुं सरसही छे, तो पहोरी सोः शंतमने सापां सई पास्ता नेपां हीमां पए महावीरनांगापडां हेमाय छे!' शोलनमुनिमे डांडे, हा धनपाल, भाशं लगवाने घुछेडे, ने ही जे रात सोनंगी नय, तो मेमा मसज्य डीडासो पड़ी लय छे. तारे नएघुहोय तो, पग रंगवानो पास डसरनोसलतो सापेछ, ते साप. हींनी उपर तेने ललरापी नेता तने तरतर सई डीडाखो हेना. धनपाले तेम युं, तो तरतर अधुंछी लाल रंगयी रंगाई गयुं, पए संघरनां डीडामोसे डसर पहष्यो नहीं. ये रेड ग्राउन्डमां व्हाईट डीडायो महलह-जमा थतां स्पष्ट हेपायां- नेई शडायां राग लोकनमानीता पंडित धनपालतुं मस्तक प्रलु महापीरन यरोमांसहोलापधीही गथु. मनोर्नु नपषिताना सने माहारपिज्ञाना नहीने मनापंडित पठानधर्मना रंगे रंगाई गयां तेभलो तिलभरी' ठेवा मधुर डाप्यनी स्यनाडरी, के साले पएखापए ज्ञानलंडारोमा उपलब्ध छ. सौना पंडितोले रेन धर्मनां रंगे रंगाया, तो तमे नो शं रैन धर्मनां रो रंगाया नहीं? Page #223 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. (२८) Date द्विहण . : प्रश्न विष्णसेटले शं? पवाणः भांजे ण जे पिलाग होय, तेषां धानने 'द्विज' हेपाय छे. सेटले लेनी हणजननेतेलयां द्विज' हेपाय छे. खाले पपरातां तभाम होण, विष्णभांगाय: हातम, भा, तुपेर , मड, यए, मह, पाल, योगा, पटाए, मेथी, मसूर, उथी, जोगनी हा पोरेगामाधाना: लीसां पान, लीलां हएतेभन तेनां - का खाटा धुंद द्विज' गाया समाधि सहिष्णनी ष्याम्या- निशानी: वृक्षानांय इपेपन होय, ... । भनेने पीलपाथी तेल न नीडणे, ने लडपाथी आण जने, --> नाजे लाग पश्ये पड न होया.. : उपरोऽत्त थारे-यार सागो भां घरतां होया.तेने 'हिष्ण' मालाएं, अन्यथा नहीं. राई, सरसप, तल मने भगणीभांधी तेल नीठगे छे, भाटते विष्णमान गाय: सांगरी, तो साइनां इणपे मापेछे, भाटे हिष्ण न गएाय. जान्हरी, पारयोरे झाडनां इणपएए गथीमातमाथी ते पए। नथी नीणतुंग छतांय, तेनीराजेऽटियतीलाहोपाथी, हिण उपे तेनेान गाया. प्रश्नउपर एपपेला धान्यमानातेधान्य सवस्थामा न्ठ द्विघ्या गाय डे ते सिवायनी अन्य अवस्थामांमएए गएण्य? त्याला |मा, तुवेर, अड, यांचा मह, चाल, योगा, पराए, मेथी, मसूर, उगधी, लोंगनी हाण, सीलपां, इमटीयां, कोरे होण:द्विष्ण' गएण्य. पणी, से द्विष्णनी इणीमो, सीमां-सूहां पांड, ला, तेनां मारा, हाण, तेनी डोठप जनावटो पोरे पए द्विहण' न गाय. मड़े, डोईपए होणनां पांडानी लाजु, पालोर , योगाणी, तुपेर, भा, गुपारणी, पटाएांनी इजी, खीलां यहां, डडोगनी सहपती, भेथीनो संलारो, मेथी नांजेल मथाए, हाण, सेव, गांडिया, पापड, जुही, पडी पोरे पा द्विणमा गएरावा. KOKUYO W-NB2BOU Page #224 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. No. (२१९ Date प्रश्न: विष्णनां उपां यपशशथी, दुर्छ प्रहारनी शवहिँसा थाथ छे, | तेनी समन्ती सापशो! वाजा पर जतापेल व्यायामां हीट थतां तमाम प्रहारनां हुहोणमाथी मनती अपएा पानगी से डायां ही एए छारा | साथै भीडस खानां सापे, तो ससंध्य जेन्द्रिय न्नुपोनी उत्पत्ति थाय छे. पछी, तेनुं लाए याथी हिंसानो घोषसागे छे. माटे, डायां गोरस साथे ज्यारेय पए होणने भीड्स रघु नहीं. मे ही, इध, छाशने मराजर-पाडी रीते गरम डरी वामां खापे, तो पछी ठोणसाथे नमपामां होष बागवानो संलपपरहेतोऊनधी. खेडलां होगनी वेशयटीठ पायामां 3 भानखेड्यां गोरस जापामा, द्विष्णनो डोई घोष नधी, पए, जनेनु संयोन रीने पायामां हिंसाहि होघी मागे छे. मापा सांयोगि होघने पहाद्विण तरी? रोणनापाय छे. प्रश्नः पार्थनां संयोजनने जीन उधाहरणार्थी रीते समन्नवी शहाय द्यापी शहायर वाललहेर रस्ता उपर खेड छानो पोरो पयो छे. सपोरना धूम तापमा, ते सूडाने सेम ड्राय थई गयो छे. मा छाएमां, हाल छोई नुप नथी. पए, साल पडतां, परसा संधार्यो भने याण तूटी पयां. छाएनां पोशंसाये. पाठी मीसथयु. जीन हिपसनांमलाते युं तो पेतो घोराभांगसेंडडो डीडासो मालाजहम घर्ष रयां एता. मामडेम मन्यु? छाएामां जुषोत्पत्ति ऽरपानी क्षमता हती. पण, तेमां पाणीनो संयोगथयो सपेक्षित हतो. जे तेमां, पाटीनो संयोग न थयो होत, तो डोई नुप पेश थात नहीं। जस, सार रीते, होगमां पए, जुयोत्पत्तिनी शहित पडेली छे. भान, डायां गोरसनां संयोगनी अपेक्षा रहेछे. ले जयां गोरसनो संयोग राणी हेवाय, तो जुद्योत्पत्तिनी संलापना रहेती नथी. होघ लागतो नधी. तेथी, ठोगनी साथे डायांध, ही, छाश भीस, घवानां प्रसंगो राणपां मे. माले पर्तमानमां, समानां मला अथवा घेरडारीनां सीधे, घणां प्रापठोना शुपनमा, द्विष्णनां सीधे असंख्य बेन्द्रिय Page #225 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. ૨૨૦ Date पळपानी पिरापना यायछे मा पिराधिनाथी भयवा माटे, ते संगे पिशेष डाण शनयां भाटेनां सूयनो- उपायो नीये प्रभा जताप्यां छे. तेनी डागलुराणवी की छे. (oryभए-हमां, घरमा तथा नहर इंशनोमा दहीवडा ज? पीरसाय छे. पड योगानां सोटमांयी जनाषायछ, पछी, तेनां उपर, श्रीमाथी डाढे माझीभ ठेही पाथरपामांसावे छे. साही खिने पडांनो संयोग थपा भानधीनतडाग मसष्य जेन्द्रिय यो पिघर्छ जय छामा जेरियानांजाडीडरमो, यीमांपाथायछे, तेयी नेवा दुसरनी होय, तेयां डलरना पेहाथाय छे. यणी, मति मासूम होपाधी, नपरे ने शहातांनथी. परमात्मा दिनेश्वर हेपतोडेपणज्ञानना स्वामी हुतां. ज्ञानप्रकाशमा परमात्मामे रे पोत्पत्ति निहाणी छे, ते माप , how सने जप- पिना, मस्त नभापीने, स्वीहारपीन नेने. मास्थणे, ने हीने, पडांनी साथेमीस डरतांपूर्ये, य्क्षा पर धगधगत गरम पुरीलेषामांसावे, तो होघ वागतो नधी. गरम - जाह, मती वाजते,ते थई गयुं होय, तोय डो: जाप नधी. डेभडे, सेपार गरम डरपाथी, गनेनामा रहेली लिपोत्माऽ शन्ति , नष्ट थर्ड लय छे. घिन्त. घर्ड, जारी के. पारने रोडपार शेडी नांजपामां माये, तो पछीयाप्यां छतांपए, इरी ते धान उभी राहतां नधी. डेभडे, तेमनी उत्या शक्तिशेठषांजवारां नष्ट हरी हेपामांसावी छे. तेरीतेगा गोस्सगरम हयां जा, जपोत्यारहेतां नधी) ( य हीन रायतुं अनेकारीते जने छे. मां च्यारे होणनी याना लोटनी ही मीस पुरीने जनाधाय छे, त्यारे विष्णनो होघ लागे छ. होण साये भीस उरतां पूर्व, हीने सारी रीते Gडणी सीधुं होय,तो होष नथी. १ . मेथी डोण गाय छे. ते रीते, मेथीनी लानुपए, डहोण गाय छे. खाडाला महेनो न्यारे मेधीन थेपलां जनावयां जेसे छे, त्यारे घाणीमां, घड-जाशनां सोटनो ठगलोयागीने डिरे छमने तेमा मेथीनां पांडां पधरापे छे. पछी, ते पाहां उपर डायी छारानो मोटो रेडी हे छे भने सोट जांधवा भंडी पड़े छे. KOKUYO W-Na2sou Page #226 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १०.....(२२१) No. Date मा पणते, तेमना न्यायानधी , तेमनां लोटमा मात्रा मुंबईमा पए न समाया तेरला मसंज्यसभा जेन्द्रिय यो पे थर्ड यूल्यां छे, तेममा जेहाथै हाम मसणाई रह्या छे. ट्रंक समयमां, तेस्रो मेने पपस्तंल पर तापडी पर) यापी हेपानां छे। प्लीमबहेनों, साधून डरशोना तमासं लोटानी छारा गरम रेती होपीलोमे ते पछी, तेने भेधीनां पाsi साथै भीम्स डरी शहाय. (103)| क्यारे छाशनी डटी हरवानी होय छे, त्यारे जहनो, यूला पर तपेटीमाछाशयापीने, छाश गरमधयां पूर, खेमा तरतत्यानात लोटर्नु सराभएर उमेरी हे छे. डायी छारामां यानोसोटलणपाथी, तहाणजसज्य पो पे-चाय छे. खने क्यारे डटी हुणे छ,त्यारे जघां तपेतीमा स्पाहा भय छे. या रीते, पोनी उत्पत्तिनो मने संहारनो उलय होष, खेसाथै सामी जय छे. पणीच्या टी साथे श्रीखंड, पापरपानो होय, तोखरामएच्यानां सोटर्नु ननाघ्नतां ज्योजानां सोटर्नु नांनपुं. मे पधारमा पए, मेथीनो उपयोग न थाय, तेनो ज्याल राप्नपो लोग्ने माडे, मेथी होणगाय छे. घांसोडो श्रीमंऽना नमापारमा, होपथी मयपा भाटे, शाङमां सींगहाएाना शाका जमान्योजाना मोरना मने पुदीनां पहायोमानो लोट वापरेछे. राज्य होय त्यां सुधी,ध्यारेय माहवारमा, श्रीमंड डे हीवडापाणी गोरसजी पेरायटीझर जनापपी नहीं झपशेने? पिपासमारंलोनांक मापारमा, श्रीमंड सापेमेटलेलेजभ संघjापीतय छे. 'मामा रसोडामां, ने डोपा होणनी माटिम हो, तो मतांथाणीमां लेगी यर्थ शेजने हाडो उहाडी भूशे श्रीजडली हारीमा, लीलान्सूडा होणनां शाा, तुणांपडां, यएगानां लोटनां ममए, नमानी थटएगी, भगनी हाण, पापड, यानां सोटपाणी टीमने मेधीनां वधारवाणी ढी,-सा शं नयाली शर्ड नहीं. भाटे, श्रीजऽने डायम भाटे, रथी न , सो गाना नमस्कार हरी सेवा (HOST माटां टोऽणां मनापपा भाटे, डोगनो माटो छाशभां पलालवान सावे छे. या आटो पलाणतां पूर्व, छाशन गरम Page #227 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. રરર Date रेती होगी कोई छाशने गरम डां पिता, सीधो ड माटो - एपलाणपाथी, द्विानहोघ लागे छे... (oy भेथीनां टेनासाथेही माईसे छीसे, त्यारे मेन्याल नयी होतो डे टेलरांनी संघर मेथीनी लान नांजेली छेनाडायां हींनी साधे मेथीनो संयोगथतां,, मसंन्य लेन्द्रिय नुवो उत्पन्न थाय छे. माटे, मायां मेथीनां टेलरां., डायां हीनी साथै न जवाय. पए, हीने गरम डरी से. मथपा तो या साथै टेमशं मापां नपा तो भेथी मने कोण पगरनां टेलर मनापां. यालरो ? wि, श्रीमंत माहिना भएपारमां, सोडो भेधी नांजेला मथाएांनो उपयोग यतां होया छेमा यथाएगांमा रहेटी मेथी खने श्रीलंडनुं डायुं काहींनीस यतां द्विष्णन्याय छे. माटे, सा होघना त्याग भाटे, हमारू मेधीपायुंमया नावापरपुंयोग्य छे. (40) , डेटला होडी नमीने छल्ले छाशपीवानो साग्रह राजे छे. मास डरीने, अय्छी खोडोने, तरछी पिनांगत्येन पडतुं नथी. आहेर-समारंलोमां पए छाशना डाउन्टर होय छे.. भवानी। धानीमा हाण, शाऽ, लनुयां सारि मनेऽ यीमा होणनो पपराशतो होय छे. पछी, सेंडा मोटो, सेंडा हायेगातरतन,छाश-पान शय छे...'मा रीते, डायी छार। नसाथे होणनो संयो: पाथी, मसंख्य लेन्द्रिय नुयो उत्पन्नथाय छे. खा होघधी वयपा छरछता सोडो, सवारे रीते छाराने गरभ उरी से छे, रमा रस्तो, सरण सने से छे. तेभ छतां मए, डायी छारा पीपानो प्रसंग मायेतो हाथनमो जिला सााडरेखां होयां लेठले. ध्याय होणनास्टयन होय खेरीले मलगयी छाश पीधा पछी, तेनो लास सलगची साइडरीने म्यो नेगे. डोगनां मेंहवाडसाथै छारापागो लासा: लेगो थाय, तो हिंसानो संलप छे. भाटे, जे वासने अलगधी साइडरीने, पाणी पी ल्युं नेगे. पेटमांगयां पछी, संहर होण साये लेj थाया, तो द्विष्णनो छोघनधी, डारणा, शरीरमां तो जेड जर मालही यालु छे. डायुं दूध वापरयानो प्रसंग बहू सोछो माये छे. ते छतां, घरमां डायां धनी तपेली मुस्टी राजपाथी, ज्यारेड तेमा डोगनो हाएगे या लालुनु पत्तुं पड़ी संलपित छे. या रीते, डायांप साथे होगनो समागम यतां पा मसंज्यन्द्रिय ग्नुपोनी उत्पत्ति (10) KOKUYO W-NB2800 Page #228 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ४०. (२२3) Date थाय छे. टडीध घोह्यां पछी नेतरता शरम न डरवामांसापे, तो तेमां पएमसंज्य टीडां पडपानो प्रारंलग्याय छे. डेरीना तो मोटे लागे, नए विसनां पासी होय , रेनु सामो हेश नाले सेपन डरे छे. मने लगपाननां मलिङमां पाते पपरापां लायुं छे. पशु हत्यामा नहीं रोडपामां मापे तो दूध नामनी यी मश्य र घर्ष शे. (पप) सेवा, गांडिया, यानी प्री, गवार इणीनी तगेली शीगो योरे डहोणाथी मनापेटी यीने , डायांध, ही, छाश साथै पपराय नहीं. सेप लब्जयां तेलमांतण्यां होय, ते तेलथी शाः पधाराय हे जाणशं, रोटलीमां मोए नंपाय , तो ते शाऽ, पामरा, रोटली साथ छायां ही, छाश, प न पपशय विष्णनो होघ लागे. (सारण जनरनां रसन्यासी होय खथषा पासी रस लेगवेसहोय, टोपी पूरी संलापना छे. तेथी 'अलक्ष्य' छे. पणी, सा रसमांडायुं दूध लेणपे होय छे... भाटे, ते होण साथै पापरवाथी 'द्विण' थाय छे. घरभां पए डेरीनां रस साथे डायुंध लेणवघुनहीं मारोथ भाटे पए ते सतिहानिकारऽ छे. (413) यानो लोट पोरे याणपानी यायाधी ही शमपी. जेतेप न्यायपीथी घर्ड पोरेनो चोट यागपामां मापे, तो तेनी मनापर डायही साथेन वपराय.. पण थुधिष्ठिरे मेऽपार मर्छनने छाडे,हे डौन्तेयाने सोडो डायांप, ही, छाश साधे होणनेः छे, ते सोडो, रेजर, मांसनुलाए। पुरी रह्यां छे: - मनेन'महालारत'भांधी... (तप) मायागेलो लोट, मारे उपयोगमा लेयो. सापतीडाले यापरयां भाटे,तेने पाछो याणी लेवो. माले जांघेलो सोट, मारेन पापश्यो. नील हिवसे ते पासी थर्ड लय छे. सिमां शमवाघी पर तपासी न रहेछ, देश नथी थर्ड तो. कि मे डोर्ड नही डबाट नधी उ मां मन्न पार्थो सडेन नहीं. Page #229 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. Date सथाj-छुहो- भुरानो प्रश्न: मधाए, छुचो, मुखजोशंद्यापरी शहाया ले वापरी शहाय, तो दुर्छ रीते, छडाणन रानी, ते संगे समनए सापशी? ज्याला मारहाल, मथाए, धुंघ, मुरखना संधभां, ईमे तेवी जाणणु मेवाती नी. माटे, न गावापरपा, ते. श्रेष्ठ छे. तेमां पाएगीनो लाग रही लय बने तेथी ससंध्या बेर्डन्द्रिय नवोनी मने सनंता निगोहनी उत्पत्ति तथा पिशपिना थायाछे. नावापश्यां होय, तोते संबंधी - जधी आणण सेपी मेमनेानीयेनी जाणतो जराजर एमांवेषी नई.. - डेरी, सी पोरेनी साथ नहीं लेगवेलांगुषार ,गुंटा, डाणां,यीलडां, मरयां पोरे अथाए, मटारा पिनांना होपाधी, हिषसे बनाप्यां होय, ते पिसेप्याले. जीने हिपसे 'सलट्यगजने छे. जाट इणोतुं मथया जाटां रसमां जनापेक्षा मथाएंगताहीधान होय ते नए हिपसयाले पछी मलय' बने छ. डेरी, गुंघ, नारे, भश्यांपरेनुं ने सूटपेडं सथा जनापपामा मापे छे, तेथए, जसलर तऽडां नहेपायां होय, सने सीलाश रहेयाधी पाप्यु पापी शठातुं होय, तो तेपुंसथाए{पए प्रएर हिपस सुधीर याखे पछी 'सलल्या जने छे. सेटले डे, व्यारबाट तेमां ससंध्या मेन्द्रिय ससपो तथा निगोहगाह मनंता अपोनी उत्पत्तिक पिराधिनाथाय छो: मथाएाभां, मेथी पोरे धान्य, यहा पगेरेनो सोट हाणियां लेणपेस होय मथया पाएी नांज्यु होय.पाएी रही गयु होय, तो ते जया मथाए, जी हिपसे पासी थपाधी 'अलल्या जने छ. मेरखेडे, जीका हिवसे तेभा जसज्य जेन्द्रिय तथा अनंत निगोहानिपोनी उत्पत्ति थाय छे. (१) डेरी, मरयां, गुंघा पोरेमा भीडं लेणपीने, तेने तडडे मूडयामां माये छे. तडहाथी धीरे-धीरे पाणी सूडातुं जय छे. खा तऽडा Hए पिस सापपानां' मेघु नथी. ज्यां सुधी , डेरी, मयां, गुंध पोरे सूहाने5ऽऽ जंगडी रेयां न थाय, त्यां सुधी, नएए,पाय, सात पधुहिपस पए त मापपां पडे. ते पछी, तेनी उपर गोण, राई वगेरे (115) KOKUYO W-N82800 Page #230 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No No (२२५ Date यडावीने , सरसवता तेलमा माइक इलाडकामांसापे छे. मापांप्यवस्थित जनालां सघाए, तेनां वर्ण, गंध, रस, स्पर्श पोरे महमाय नहीं त्यां सुपी, मलबत्ता, परस सुधी पायाली राडे छे. से सरसप तेकोछुनायु होय, तो पहेलां जाडी पानो संलप छे भाटे, तेलपर्धनॉनपुं. साल तऽडामा डेरीनो को पोरे पा जनापाय छे. तेमा उरीनी छीमांधी माई पाएी डाटी नाणीने, छीए। साथै भीडु तथा सार लेगपीने, तभूपामा मान्छे. लेभन्म तां थतां नय, तेमतेम यासाएगी. पुथती जयछे मने पाणी सूहातुं जय छे. प्यारे यासपी नए तारपाणी याय त्यारे पाडी यासपी धर्षसमन्वी. न्यां सुधी, मढी तार नीऽणे, त्यां सुधी, यासगी डायी समन्धी प्रशंना तार मेंयाय त्यारेलपाडीसमकपी. मापो हो, भरल्लो, पए लामो समय सुधी ग्राले छे. साडी नहीं(१०)ो मुखको पोरे यूवापरुपए ऽरपामणमापे छे. खेमां, पहेला मांडने यूरोयडापीतेमार हानी छीए भुरखमानांडां नापपानां मापे छे. पछी यासणी प्रहातारपाणी थाय त्यां सुधी, हुलापता रहे पछे. यासपी पाडी थर्ड गयां जा, तेने यूटेधीउतारीने, थर्थ गयां जा, डायनी परशीमा लरी ध्याय छे. मापां, घंधा,भुरमा पप, लामो समयसुधी याले . जाडी नयारे (१२सार,मरयां योरेने डायी डेरीनाग जाट पाएगीमा अथषा सीना रसनी मटाशमां, प्रा पिस पलानीने पछीमार डाढीने, झरी प्रग पधुहिवसा तडे जरामर सूडापीने, जंगडीरेयां हुडड - माह, सरसीयानां तेलमा राई कोरे सीएगीने, पछी डेरडे भरयांने संघरपूजाऽपामांमापे छे. मापां सघाए पहा पामो समय याखे छे. दुख सालो समय थालतां मयाए, , मुख्ला भाटे जूजयीपरथी, सीएपटलरी डाग लेगी पडे छे. लो तेवीअणशुभा जामी रही जय तो मेमधागां पोरे मध्य जेन्द्रिय पो मने सील-शनां - उित्पत्ति स्थान पनी काय छे. आषां मयाए अलक्ष्य बने छे, सने आरोग्यपणा जगाउ छ. तेथी, प्यपस्थित पहतिसर नीये मुलनी डाणन नेवी. Page #231 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (૨૨૧ (3) खथागां- मुरब्बां जनापती घेणाखे तथा जनाव्यां ना पए। भवहिंसाथी जयवा मारे अर्धदुर्ध अजभ लेवी, तेनी विशेष पात, द्रुमसर व्यवस्थित points साथे, नीये मुरज पियारीखे : () मुरज्जां वगेरेनी, यासाएगी, मे नरम रही लय, तो १०-२० दिवसमा ४ सील-डुग थर्ध नवानो संलप रहे छे. माटे, प्रएा तारपानी पाडी यासगी उरखी. यासएगी भए। तारी ४रपाथी, ढीलां गोज नेवो मुरज्जो थशे: म्ह gh (2) सूडवाणी नेवी तेवी उराय, जराजर तडां न हेपाय, तोते अथाएगां वगेरे प्रा· हिवसथी अधु याली राडे नहीं. माटे, 558 जंगडी नेवा करयां. ते माटे प्रएरा, पाय, " सात के पंहर हिवस पए। तडको खायचो पडे.. 4452 जर iu खथाएगां कोरे डरतां, पाएगीनो अस्य पला स्पर्श न थपा हेवो. पाएगीपानां हाथ होय तो ते जराजर डोरा डरवां.. () खथागां वगेरे लरपानी जरगी, गरम पाएगीधी साई दुरीने, छोरी डरपी. न३२ पडे तो, तडङामां जुल्सी पड़ा मूडवी. संहर ज्याय पए। पाएगीनो अंश रहेपो भेर्धखे नहीं, नहीं तो, तेमां लरेलां खथाएगां कोरेने जगडी क्तां के सील-डुंग थतां, वार जागशे नहीं. (4) अथाएगां वगेरे हाथथी (जुल्लां) जहार डाढवां नहीं. खेडहम डोरां यमयाथी ४ डाढवां डाढती पजते पएए, तेमां पाएगीनो खंश पए। हाजल न यर्ध भय, तेनी संलाज लेवी. अथाएं नोडर-याडर डे जाजडो पासे श्रावथुं नहीं: उपयोगवाणी व्यक्तिखे भते ४ डाढ ४३ पडे तेटसुं स्थाणुं डाढीने, तरत ४ जराशी बंध दूरी हेवी, जुल्ली राजवी नहीं. जएगी उपरनं ढांडएम सजत (airight) होयुं भेर्धखे, पोसुं न याले. पणी, ढांडा बंध ऊर्जा पछी, ते ढांडए। इयडांथी मन्जूत रीते बांधवु. इंडमां नराय हुवानी प्रवेश थपो भेर्धखे नहीं. मे लेक्वाणी हुवा, सहेन पाए, संदर प्रवेशी भय, तो स्था; तरत जगडी भय, सील-डुग धर्ध भय. ज्यांय पाग, खभायो पए। लूल थर्ध भय तो मोटी विराधना उली थाय छे. माटे, मनने मनापीने, खथाएगांनो त्याग ४, डरी हेपो 'श्रेष्ठ' छे. यातुर्मासमां तो जास तेनो त्याग डरी हेवो खने यातुर्मास पहेलां ते पायरी नांजवो, पूरो डरी नांजवो. (5) मेथीवाणु जथाएं जीरे हिपसे 'खलक्ष्य' जने छे. खने छीं !! No. 1 Date KOKUYO W-NB280U Page #232 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ४०. No. (२२) Date . . साथे पराजया तो द्विणः बने छे. माटे, भेथीनो उपयोगडरपोक नहीं. तेनां स्थाने, जुरंगपापरपाधी आमयी जय. जरही पर डीडी, मंडोडा पोरे न यडे, तेनी संलाण पी. जरणी योग्य स्थाने राप्नवी, संधारामां न भूपी. सथाj लेतां-- भूतां, नीये छांटो न पड़े, तेनी संलाण सेपी. नहीं तो, डीडी पगेरे लेगां थर्ड नपानो संलव छ तेथी भोटी पिराधना थाय जनरं सघाएां फोरेमा उपर मुहमनी होई जाण प्रायः देवाती न होय, भाटे ते 'सलट्या छेपणी, तेभा,तेमाडे नहीं ते भाटे, रसायगो लेगषवामा खाछे, रे मारोग्य माटेपा घाता छे. माटे, जलरंगमधाएां ही पापश्यां नहीं. सपशे ने । लाभूग, वीसी एनहर, या, गरमर, गार, तीली पांस, मसलारनामीछानांपाशीयाणां सीसांभरीमायोरे प्रथमधीर 'सलल्यछे. माटे, तेनां मयाए पए मलत्य' गाय. ते पपशय नहीं: पापरयामा मसज्य जेन्द्रियाहि योनी तथा निगोह-शास्सिनंता अयोनी विराधना थाय छे, खात्मामधथी लारे बने छेसने लपांतरभा छुर्गतिमा न्युं पड़े छे. शुंज्युं छ । मते वियारो. सारे घ घरोभां, नाहीतुंभेणपएा नांजवानो साग्रह मथपा उपयोग राय छेलेयाली शडे नहीं. ही पिसे बलत्या धई लय छ- ते खागण विस्तारपूर्व नापेष छे. तेमुनमनही 'सलट्यछे, तो पछी, तेना द्वारा जनतुं नपुंछी पए मलप्या नशे. भाटे, गृति राणीने, मायण पाणपानी गछे. यां घरोमांक शुऽननी मान्यता- मांगलिऽ पे पाएगा, हींमेगपए रघुपए डायम भाटे, घरमा राप्रपामांसापे. अने महारगाम लय त्यारे'पए, शुधनाभाटे, थोडंही घरमांराणी भूडाय छे, रेयाली न शडे, मने तेनो उपयोग पए डरी शडाय नहीं. (तेनां धारो विस्तारथी मागण समन्नप्यां छे, भाटे, ना प्रहारनी श्रवणी मान्यताथी हूर थर्डने, या प्रवृत्तियोनो त्याग डरी, मोटी , पिराधिनाथी षयपार्नु उरष. जे हिपसी पधारे सूनुं भेगपए यापरवामां, मसंज्य मेन्द्रियाहि नस योनी उत्पत्ति तथा पिराधिना थाय छे. Page #233 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ૨૨૮ No. Date (923) ह्रीं सवारे भेजवो तो, नमीं गयां पछी, जीभ मीनीटे पा तेने वापरी शडाय छे. खाने घएगां घसेमां खेवी मान्यता छे के रातवासी थयां पछी के ८ दुसाङ पसार थयां पछी ४, हहीं पायरी शडाय. परंतु, जा मान्यता जोटी छे. सवारे मेजयेयुं हहीं, ते हिवसे, भभी गयां पछी, तरत ४, खुशीथी पायरी शाय छे, जयी शडे छे, तेमां डोर्घ ४ होष लागतो नथी. (24) (925) (i) डायुं दूध, डायां पालीमा जनावेली छारा डे गरम यि वगरनुं डायुं हीं - वापरी शडाय छे. पू. साधु-साध्वी लगवंताने बहोरापी छे.. Fugl 21512 1. परडाय शस्त्रां डायहानां खाधारे, खा छाश खयित्त जनी भय छ, खने तेथी खेडासलायां पायरयां के वहोराववामां डोर्ध ४ जाध नथी. मात्र, या पापरतां पजते, 'द्विज' न थाय, तेनी योऽङसप जातरी उरखी हरी छे. माटे, डायुं हुधा, डायुं हहीं, अयी छारा वगेरे विहार बखते (गामडांनां पिहार हरम्यान) साधु-साध्वीन लगवंतो, खरैना-लवाड, पटेल कोरेनां घरेथी घाणीवार, पहारे पए। छे खने छे. मात्र, 'द्विहणनी' योङसार्ध पापरती वजते राजपी ४३री छे घाएगाभ पाए। डायी छाशमां नांजी शड़ाय छे. तेनांथी 'द्विज' धतुं नथी. माटे, ते नांजीने वापरपामां, होर्ध न जाध नथी. वापरे प खाने, कलेजी-शइडां पापरवानुं यसएग, गांडयएगनी प्रेम वयुं छे. 'हशेरा', डे जन्य लोङ तहेवारो पखते हे छेवटे रविवारे,पा, सायगां नैनोनां घएां घरोमां, जानो उपयोग पध्यो छे, ? यसाची राहाय नहीं खने जति अनुचित छे. खा जन्भरुं शइडां वगेरे रातनां पलास तोरना - याड्यां विनानां खनगए। पाएगीमां जंधायेत लोटनां, होवाथी 'अलक्ष्य' होय छे. कलेजी तो,,ECE%, रातनां ४ खायो खायीने जनापायेल होय छे. माटे, असंख्य जेर्धन्द्रिय भवानां उत्पादन सने विराधना पूर्व ४, जभरं कलेजी जने छे, माटे, यासी राडे नहीं. छतां पा, खापणां सारां-सारां मैन श्रावो, लार्धन लगाडीने, हुडाननी जहार, पडायडी डरतां भेषां मणे छे, ने अनुथित छे. तेथी, खसंज्योर्धन्द्रियाहि भुवोनी विराधनाथी अथवा माटे, जभरं लेब्रीशडांनो त्याग, सहाने माटे, डरी हेवो... (129) खाने, घडी, भापानी तथा जंगाजी मिठार्धनां जोड्स उपर "दु दुलाडनी खंदर ४ खा मिठाई पायरी लेवी"तेवी स्पष्ट सूचना KOKUYO W-NB280U Page #234 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ४० No. (२२८) Date होय छे. या सूचना बताये छेडे, गाभिहाखिो सारनीगतागुमलनेली होय तोर याले द्वारा, तेमां पातीनो लाग होपाथी , जीनं पिसे, ते मिहामो 'मलक्ष्य' घई नय. माटे, तेपी पस्तुखोनो त्याग रीने, ससंध्य जेन्द्रियाहि जुपोनी विराधनाधी जयपंरातवासी थतां , यासणीपाणी सथवा जयां मापाषाणी खा मिहाऽस्रोमां, ससंज्य-मसंज्य पिडलेन्द्रिय तथा सनंता निगोहाहि पोनी उत्पत्ति + पिराधिना थाय छे. खाएं हेनार हुँनधी, पासर्पत सेवां तिरनां आ पयनो छे. पिराणा परियाणी, धावाधणाप्रोरे मुजपास ३पे पपराय छ जसथपा तो भडाई, डोयभीर, तहणन, स्पानी लान पोरे साथे डायां ही-छाश, षापरपाथी,णिनी पिराधना यती नथी. भाटे, डायां ही-छाश साथै, द्विष्णनां लयपगर, या वस्तुमो मुशीधी वापरी शहाय छे, डोई पाप नथी, पांधी नथी. (सर) जहारनं पनीर, खारनून जनायेj होय, तेवी शयता बहु नूल होय छे. भाटे, ते याली रा नहीं मने पू. साधु-साध्वीन लगपंतने पएयहोरापी शहाय नहीं. पनीर ने मारनु जनायेवू होय, तोरयाले, माडी नहीं. तेथी, जबरनु पनीर हे पनीरमाथी जनेल इरसाएग-शाहाहि पानगीसो जपी शडे नहीं, पापरी न राहाय. पापरवाधी मसंज्य पेन्द्रियाटि पोनी उत्पत्ति तथा पिराधिना . | थाय छे. वि सूहपेटी द्वाणी द्राक्ष माटे जासवपराती) जारेमास भाटे. यापरी शहाय छे. पए, साभांपए, seedless - जीयां पगरनी वापरपी, डारा है, ते 'अयित्त' होय छे. जी पाणी द्राक्षासयित्त होय छे, तेथीने थर्ड शर्ड तो, seed पाणी सथित्त द्राक्षुनो त्याग उपो. पणी, गरम पाएगीमाथी पसार रवी तेनाले रां या पछी न पापरपी, तेथुपए हरी नथी. डारएण्डे, | Seedless द्राद तो मयित्त न होय छे. हाय, Seed वागी बीयांपाणी) डाणी सूडी द्राक्षले वापरपीड होय, तो जीयांथी, seeवाधी अपने छूटी पाडीने , जेघडी र मीनीट) जा, मशीधी जेहासहा-साहिमा पापरी शहाय मने पृश्य साधुसाध्वीनुने पर पहोरापी शडाय छे. Page #235 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 230) No. Date . . 07 वींमुनां झूल लातc acta)नी प्रडिया पानहाया छेवी छे.साडर मनापयामां साये छे त्यारे 'molasis जेटले गोणनां रस यो पहार्य जये छे. तेने मोटा धातूनां पासामा नांजवानां सायचे. पछी, पठनधी पा हिलो छेटसां, समुड प्रहारनां गुवाएएखो, खेपासएाभी नांबवामां सापेछे. मालुयाएमोन हटानन्यसन माडोस्कोप पडेने शहाय छे. या प्रडिया, सतत सात यिस सुधी, यात्यांडरे छे. सात हियसने मंते, माजधुमीई प्रवाही, माटुंथई भय छे. पछी, से जाटां प्रवाहीगे परागभांथी पसार उरवामां माये छे. त्यारे, तेमां रहेला जयांग नुवाणुंमो नारी पामे छे. पछी, प्रवाहीने जारी गणीची गाणवाभां खाये छे. गणीभां, नाशा पाटां जुवाखोनो, साधी हस छिलो नेटलो दोहो नीडणे छे, के भीनमा हाटी देवाभां साये छे. गाणेयां। प्रवाहीने, इरीधी उडाणवामांसापेछे. येथी, से प्रयाही घट्ट मने छे. तेमाथी, स्रीम द्वारा 'तार? जनापाय छे. मने तेमांधी, नाना-नानां ड्रीस्टम जनाधाय छे. मा ड्रीस्टल सेटो | "सीजुना फूल', मानो उपयोग, डा पीएगांमां, पीपरभीन्ट, योऽलेट, हया, हाग, शाऽ , रसाए। पगेरेमा थायं छे. हवे पछी, मावस्तुम्रो पापरयानी ईय्छा थाय, तो पीना झूस जनापयांनी मा हिंसऽ प्रडियाने नकर समक्षु लापवी, मापोमाप रिछा छूटी शे. नुहां-नुहां शरजतनी मनापट दृतिम होय छे. भां रंग,गंध, स्वाद ल ल रसायोने यालारी छे, मारोग्य माटे हानिहार छे. पाठीनो लागतमा होयाथी, नी हिपसे पापरपायी, ससंध्य जेन्द्रिय न्नुवो उत्पन्न थाय छे + तेभनी पिराधना थाय छे. झूटा भ्युसनां पीएां ने सोइट ड्रींसा दुहेपाय छे, तेमां मेपल व्युस, मोरे ज्युस डेभेन्गो ग्युसमा- सहन, संतराडे देशना रसनो संश पहा नधी होतो. मात्र पांड, झेपर मने रसायो होय छे. पीएखोनां उसरी ओछी उश्यां, साइरने जले सेडरिननो उपयोगथाय छे. भेडरिन तो डेन्सर रेयां रोगने मामंत्रए। माप छो थालशे? तेथी, डायम भाटे, मापां जलरं दृनिम शरबतोनो त्यागश्यो. जन्नर लोटनी जनापटो जने लोटनी मिलोमां मारे तैयार सोर मणे छे, तेनां शमां या धुं छे. भिलभां, डोल्ड स्टोरेजमां, ( ग KOKUYO W-N8250U Page #236 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. Date २३१. छ-जार महिनां दूनां घ ं, मडाईं, याना पगरे लरेसां होय छे. बेमा सडो थाय छे गुणीखोमां, पुष्डन धनेरा- यणो-भुषांतो पडेंसी होय छे. ? गुणीखोनो पारो जावे, त्यारे ते भवांतवाला सडेलां घउँ पगेरे गरम पाएगीमां हसवाय छे. ते वखते, जधां भुपो मरी भय ! 1. छे. यछी तेने हणीने लोट जनापाय छे. ते बोट पाए। घलो समय T सुधी पडी रहे छे. तेमां पड़ा, समय क्तां, ध्यलो, धनेशं वगेरे थाय छे. ते ध्यानंध लोट जभरमां खापे छे. मोटा पेपारीने त्यां पाग ते घएगा हिवस सुधी पड्यो रहे छे. तेथी, तेमां पार विनानां कंतुखो थर्ध गयां होय छे. ते पछी, ते पाऊँ, जिस्कीट, गांडिया वगेरे - जनावनारने त्यां यहोंये छे. पियारो ! जभरनो मेंहो के जभरनो लोट जने जभरनां सोटनी वस्तु, डेंपी रीते पायरी राजय ? खाजधी ४ 'लक्ष्य' छे रखने खारोग्यने नुडसान-उर्ता छे. भुवहिंसा तो उत्पना जहारनी थाय छे. (937) जगडेसी, सडेली जने भवांतवाणी डेरीनो रस जभरमां भजतो होय छे. सडेलां टामेटांमांथी, जनेलां, पास भारतां सोसने, समुद्र सुगंधी पावडर पडे, पास- 1- रहित जनापातां होय छे. खावी जधी यी भे खारोग्यनुं घोषएा करे छे. विन्सेन्द्रियाहि प्रस भपोनी विराधनानां हडथी, सापएगां खात्माने लारी दूरी नांखे छे. - जमा (934) नैन पाडलाभ, नैन खाईसक्रीम, नैन समोसा- ज्योरी - 1 कोरेगां 'चैन' शब्दयी लोणवार्थ भवानी न३र नथी. ते जभरुं थीभे पए रखनेङ रीते 'लक्ष्य' होय छे. खा पस्तुखो पापरपाथी, मोटी संख्यामां प्रसा 1 भुवोनी विराधना थाय छे. (235) सूडापेला इजो, डब्जा-पेड इजो, धनो पावडर, इन्डेन्सड मिल्छ, ईन्सन्ट डॉडी, युडींग, मिल्डशेड, यी - पनीर, खथाएगी, पीए, होट डॉग, भम-केसी, बेदूर, पीपरमीट, थोडसेट, सार्धसहीम, जिस्कीट, जीभ पेडेटनी यीभे फोरेमां भत-भतनां रसायगो पपराय छे.! रखने रंगो पग उमेराय छे. ते खारोग्य मारे घातक छे. तेनांथी डेन्सर, डीडनीनां रोग, नपुंसङता, जांजना रोग, यामडीनां रोग, खेल, अस्थमा, मानसिक रोगो, हताशा-निराशा, डिप्रेशन, वार्ध वगेरे रखनेड रोगाने निमंत्रण भजे छे. विश्व खारोग्य संस्थाओं पड़ा, शस्टगुड कोरे मारे लासजत्ती घरी छे. Page #237 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. Date (159) op onts Paris az, ofta mdat alattal, qatt LES ET. 21. a utot Roel Bal 21enteleet favellau get. Ulu unit, ayal, geen Hail, not Gofyott gord, alozat 01: AH viola onajelt fanincil at Eat, utg eos auf 53. olar. Gust nu a Gal GSUTSRS sła vat olla ya 97 (a) Pasta - spaghetti : • mono unsaturated fatty acid • poly unsaturated fatty acid • trans fatty acid! Maggi: Edible veg. oil . Wheat gluten • Mineral (17o ci) • Onion powder, garlic powder, ginger, flavour enhancer (635), coriander', Raising agent (500 ci) Pasta : • mono & polyunsaturated fatty acids po trans fättij acids ! Saturated fats in (d) - Pasta' treat' (sunfeast) : !! • Dehydrated onion bits w thickness &/ flavour enhancer Maggi' - Pizza Mazzai • Onion bits . Garlic powder • Thickening agent (1422) • Preservative (211) English' mustard' ( Aatash) • Acidyfying agent (E-260, E-330) 19. Stabilising lageriti! (E-413, E-1440, E-420) • Class I preservatives. KOKUYO W-NB2BOU Page #238 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. 1233 Date (9) Fun food's - Sandwich Spread: cucumber carrot cheese powder 'EMutsifying statitising agents (E-1442, 6-415) 116Permitted acids(E-2003'E-330) Mayonnaise • Stabilising agents (E- याs, E-1442) • Acidity requlator (E- 260, E-270) (6) भेटj था राजले ... हेतु अन्न मगडे., तेनुं पेट,जगडे. हेनुं पेटा जगडे, तेनूं मना जराड.. . केनु मन . जाडे ,...तेनुं नुपनः जाडे. बेन पन...जगडे,... तेन मरग जराडे. मान्छे जसराजगडे, तेनु: परलप, लवोलपजगडे. शंपतमे तमाश जाणऽनो. परलय, जगाडवा मांगो छो खार हा, तो तेमने बलरनी मा मलय यीनेनी माहल लगाइने : तेमने शुं जयडाप, शुं नहीं , ते तमाशं हाथमा छेतेमना परलयनी, लयोलयनी थितारखे तमारी नु न्याजहारी छे.. पर्तमानहानी इशन, सने हेपाहेपीमा संलईने , तमारा घरे सपतरेव जागानो परलपलाडी नलय तेनी पूरेपूरी जापान - रातो . शयरी को ? .. ना रीते, रोभुपनमा यती, जेन्ट्रिय पोनी विराधनाधी जयवानो प्रयत्न रपो. झपशे ने नईन्ट्रिय, नुवनी विलाग समाप्त (THE END) Page #239 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. (૨૩૪ છે તેઈન્દ્રિય જીવો Date શ્યાખ્યા: ચામડી, જામ, નાક - ખામણા ઈન્દ્રિયોને ધારણ કરનારને 1-1 . તૈઈન્દ્રિય જીવો કહેવાય. - દા.ત. કીડી, જૂ, લીખ, કાનખજૂર, ઈયળ માકડ , મંકોડા, ગીંગોડાની જાતો, ઉધઈ, ધનેરાં , વીષાનાં કીડાધીમેલ, કંચવા , કૂતરા-ગાયભેંસ - ગધેડા વાંદરાદ, પશુઓનાં કાનમાં થઈ જતી જીવાંતો , છાણામાં થઈ જતી જીવાત વહોરે . ?? ' . ' ', : , '! છે તેઈન્દ્રિય જીવોની વિરાધનાથી બચવાના સરળ ઉપાયોઃ(૧) | "માથાના વાળમાં , વધુ પડતી ખોડો થઈ જવાને લીધે, અઘવા सपार-नवार सुगंधीशप्पोरेनां पपराशथी, नूवीजाहि तेन्द्रिय - p.જીવોની ઉત્પત્તિ બ્રાય છે. તેથી વાળમાં આવાં જીવોની ઉત્પત્તિ ન થાય તેની કાળજી લેવી. કદાચ ઉત્પન્ન થઈ ગયાં હૂય, તો મરી ન જાય તૈવી કાળજા લેવી અને જથDાપૂર્વક તેમને માથામાંથી કાઢી, ભેગાં કર્યા બાદ, તૈિમને તકલીફ ન પડે, તેવાં નિર્જન ઠંડકવાળા સ્થાનમાં જઈને, ખૂણામાં ધીરેથી ઠાલવી (નાખી દેવા . - 5 ) J. . / - (જી..ચોમાસામાં ઘણી જગ્યાએ ઉત્પન્ન થઈ જતાં કાનખજૂરાંનાં જુવો - પગ નીચે કચડાઈને મરી ન જાય, તેની પૂર્ણ કાળજ લેવી. (Dt : ગોળ, સાકર કે લીલી વનસ્પતિમાં (શાકભાજીમાં), ઘણી વાર સેજ લાગી જવાને લીધે, નાની-નાની ઈયળો ઉત્પન્ન થઈ જાય છે. આ જુવો. ની વિરાધનાથી બર્થવાં માટે, કોઈપણ ખાવાની વસ્તુમાં ભેજ ન લાગીજાય, તેની ઉપૂર્ણ કાળજી શ્રાવકોએ રાખવી. કારણ કે, જો ભેજ ન લાગે, તો આ જીવોની ઉત્પત્તિ જ ન થાય. તેથી, વિરાધના થવાનો પ્રશ્ન જ ઊભો ન હૈ. કે શાકભાજી વેચનારાં ભૈયાઓ , શાકભાજીની ઉપર વારંવાર પાણીનો છંટકાવ કરતાં હોય છે. આવું કરવાથી, ઠંડક થવાને લીધે,સહેજ પણ પોલાણુવાળી વનસ્પતિ હોય, તો તેમાં ઈયળોની ઉત્પત્તિ શક્ય બની જાય છે. તેથી, શાકભાજી ખરીદીને ઘરે લાવ્યાં બાદ, સમારતાં પૂ, ધ્યાનથી તપાસી લેવું. જેથી આ ઈયળો અજાણતામાં ડપાઈ ન જાય, કચડાઈ ન જાય , રંધાઈ ન જાય. જ નીચે જોઈને ન ચાલવાથી, રસ્તા ઉપર રહેલાં મકોડા, માંકડ, કીડી બાદ તેઈન્દ્રિય જીવો કચડાઈ જાય છે. તેથી, આપણાં થોડાં પ્રમાદને લીધે, આ નિર્દોષ જવો કચડાઈને મરી જાય છે. તેવું ન KOKUYO W-NB2800 Page #240 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. No. 634) Date . . थायामेनी पूर्ण डाणानापोभे रस्ताभांडे महानमा थालती पजते लेवी नेगे. पीपणानां माइ माहिनी माकुनाकुमा होडा माहि अवनी उत्पत्ति पधारे प्रभाएमां थती होपायी, सापां वृक्षोनी जामाथी पसार थतां, विशेषडाणाराभवी खारे भोटांलागना यापहश्राविडामो, प्राय: हुरीने नीयतयां पिना ज्यासतां होय छेसने व्नुपध्यानां माशय साये,नीये तेने यासनारो पर्ग र थी प पण भणपो भुश्य छे.. ( पाद्यतीपारणहाण, उपए छाष्डमांसाहाना इर्नियर विशेष अभाएमा थर्छन्ती होयाश्छे. साशं-साशं सभा श्रापडो पाहा, थयेस पिर्धनां निहाल भाटेलपाछटापीने, घी मोटी क्नुपहिंसानी-प्रवृत्तिमांडायछे लेयित नधीम्साषी पिराधिनाथीजयवां भाटे, सभविडी प्रापडोसेमनी वाडा पोरेमा धनी उित्पत्ति र नथायतेनी पूर्ण डाणगतहारी शनपी लेखे. ते भाटे, थोडा-थोडां महिने, नियमितपोर्नियर साहिउपर, छोडेलो यूनो ले घसी नाजवाभावापेमतोम्यूनो अतिशय गरम होपाधी, उधळनां अपोने उत्पन्नाथपानी योनि तैयार थपांनहे. हिये, धनी उत्पत्ति नथाय मेरलेखेनी पिराधिनायी जयवानो प्रश्न न रहे. मारे घांप्रापडो, उधनी उत्पत्ति नथाय, तेने भाटे, थोडा-थोडां महिनामोनांसंतरे, नियमितपणे , पूर्णतैयारी इपे, धिर्धनी पाछंटापीछे. के घीवार मनालमांलेनहि सागपाने सीधे, मोटी संज्यामा धनेशं उत्पन्न थर्छ लय छे. मा योनी विराधनाधी जयवां भाटे, हिसही quategनां जले, शष्ट्य बने तो, सारी qualityनां मनाष्ट - जरीपां. सनार परीधां माह, ते नवपशय त्यां सुधी, डोर्थ पेट डब्जामां राजी हेपां थी लेनहि नलागे. ते ठिपरांतमां, नुवोत्पत्ति महापां भाटे पारानी थेपलीसोने खनाष्ठनां नामां रामपाधी पए पिराधिनाथी जयी शडाय छे. न्यारे सनाष्ठ पापरयु होय त्यारे प्यपस्थित रीते, डागनुपूर्वड सनाने साइहरी, तपासीने पछी न् पापरपुं. मावी वापरावादी धनेरांना जुपोनी विराधनाथी जयी शडाय. जयवानां पाण प्रयत्नो उरां छताय, सतारनी हरियाणानी) Page #241 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (239) Date डाना घg भोया प्रमाणामां धनेर माहि तेन्द्रिय स्नुपानी उत्पत्ति थतां तेनी पिराधिनाथाय छे. तेथीए प्रापोखरमनानां प्यापारमांdirect संथपा indirect पोडापुंनहीं. डाराडे, मनानां व्यापारमा Sairect- Indirect डायनारने धएी भोटी संज्यामां थती मनाना, लपोनी विशधनानो ऽ लागेका एक घणां हिपसन पासी घी होया सथपा तो मलरचं लेणसेणपाणु धी होय, तो डोडियार ते धीमां ते पानी ध्यणवी अपांत उित्पन्नथायाछे, रेने धीमेल' (तेन्द्रिय जुयानां नामे मोजमायचे. मा पानी पिराधिनाधी जयंपांगमाटो, शध्य भने तो, धरनुं ताडूं-- योज्युंधी पापरयुं ते योजांधीनो पपराश पए, पहेली नडे, एंड समयमांगहरी नांजपो. परंतु, पथ-पडतुं वासी थवा हे नहीं -remi हरे-हरे पस्तुमो नेताहतां ने पूछ-प्रमार्जुने लेवा भूपार्नु थाय, तो डीडी पोरे तेन्द्रिय गुयोनी पिराधिनाची जयी शाय... का योभासामा विशेषधी थती, बहन् बारिश,धोगा रंगनी उडतीप शुपांतने 'थपा' तरी हेवाय छे. ते तेन्द्रिय नुपछे. सानुयो, प्राया ऽरीने, तराहि पिस्तारनी नल्नुमा घणीपार नेपां भणे छे. योमासांरभियान शहेरी विस्तारोमा पएसा न्नुपांत धान्नेवां मगे छे. तेधी, सापां लुपोनी पिराधिनाथी जयपानो प्रयत्न उरयो. डीडीनी विशपिनाथी जयषां भाटे, विशेष प्रयत्नो ऽरयां इसे. मामाती जनारनी पस्तूमो प्रापडोवापरे नहीं. छतांय,बनारमाथी जापानी डोपिय पस्तुओमापी होय, तो ते. पस्तुनां पपशश बाट, तेनी थेनी-पेठेट (wrapper) ने साम-तेम डी हेवाधी, पाणथी, डीडीमोनी विरापिना भोटे पाये थवानी शध्यता छे. तेथी, थेलीपडेटने पापीधी जरोजर धोने, ते पाणी पी न्युं. त्यारजाई, डोरां उपडांथी, लीनां पेडेटने डोरंडरीने, योग्य स्थाने ने पेडेट परहवी हेवाय, तो डीडी माहिन्नुयोनी उत्पत्ति + विराधनाथीजयी शडाय छे. झपशेने? - पेडेट धोयानी-मूंछयानी1 યોગ્ય સ્થાને પ૨વવાની માથાફોડી કોણ કરે ! – આવું ન વિચારાય. ने मायो पियार मामाने भापतो होय तो समजलेपुंडे, लपांतरभां ढोरनां लपमा, उत्तपमाने तां मापाने मे गे पए, KOKUYO W-NB2800 Page #242 -------------------------------------------------------------------------- ________________ . No. ....(239) Date : . सोनारांसोने जयापपानो न्यानो माप नहीं कागे, परंतु साप प्रत्ये उपेक्षानो र लापनगरीयासरो ने ?" या () डीडीनुं शरीर मारि मने ध ना होय छे. तेथी, रस्तां उपर यावती पणते, धीरपूर्व, ध्यानथी यवाय, तोन्न यासती डीडीसोने हेप्पी राद्वाय. रस्तानां यासती पणते तापनधी न थालj, परंतु, शांतिथी-नीथेनेने, डोडियां भार्या पगर थाल'.न्धी, निर्दोष डीडी-मंडोडा साहि तेन्द्रिय अपोनी विराधनाधी नयी शहाय. मा हुजनी पातत्ती से छेडे, मनो लोनीये-नेयां पारा याखेर छे, परंतु टा-टडानी पहा जुपहिंसाथी जयषां मारे, नीये नेऊन त्यापूर्वऽ थालपाने बहले, उपर लेने खाडान्सषणां , डाोडियां मारता-मारतां याले छे. शड्याजनेप्ती, होड' नहीं : डारए, होडपाभानीयेने डीडीन्माधिपोनी क्या सायपी ना शाय. ( छाघरनी लाही जेस होय अथवा डिझाईन पिनानो सह मार्जल को घरमा साडेस होय, तो यामती पनते, डीडीनी न्याएा सारीरीले पाणी शडाय छे. डारए। डे, रंगीन साठीभां तो डीडी होपां छतांय, हेजायन नहीं. तो तेनी पिराधिनायी डरीते जयी शाय? खा पातनी सभष्टानां मलाये, हाय रंगीन साही नजाई गई होय, तो हपेशं उरघु? यालती पजते डीडीनी विराधनाधी ने जयपुंहोय, तो रंगीन माही उपर सई - न्येन्टि मशपी हो तो पायाली श. डीडी स्पष्टपणे हेमापाथी, तेनी विराधनाथी जग्री शहाय छे. या का। मलारभाधी, सोशलभां-जाएगीमा- डमीमा डोऽपिए माध पार्थ मनपा पालापेला होय, तो ते पाप- जाट, छेटले जोटलने पाएगीधी धोने, धोयेj पाएगी पापरी नांजपुं. त्यारजाह, हुपडांथी लोटल-जरएगी-पुष्पीने ने रेपूरी डोरी डरी नापामा मापे, तो पाणी थनार डीडीनी उत्पत्ति नबने विराधनाची जयी शहाय छे. (घ) डोई जोरानां उहियांनी पर ढगसाध डीडीमो यटी ગયેલ જો તમને દેખાય, તો જયણાપૂર્વક તે ખોરાકનાં કણાને ई लेपुं. जोशनो ऽपियो र थपायी, डीडीओ खापोमाप Page #243 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ૨૩) Date 11 - વેરવિખેર થઈને ચાલી જરી. તેથી કોકનાં પગની નીચે કચડાઈ. - જવાથી, કીડીઓની વિરાધનાની જે શક્યતા હતી, તે. ૨ની જાય છે. : (૧) ': ', કીડીબોને દૂર કરવાં માટે , લક્ષ્મણરેખા” અથવા ડીડી માટેની ચીક? ભૂલથી પણ વાપરી શકાય નહીં. કારણ કે, તેનાં વપરાશાથી, ઉડીઓ દૂર થવાને બદલે, તરત જ મરી જાય છે. કોઈ કારણસર, જો ઢગલાબંધ ,કીડી થઈ જાય, તો તે સ્થળે,સફેદ બવાસનો ભૂક્કો છો. તેનાથી કીડીઓ પાંચ જ મિનીટમાં દૂર થઈ જાય અને જુવ-વિરાધનાથી ઊંચી જવાય. તેથી, ઘરમાં દરેક રૂમમાં , જુદા જુદા સ્થળે બરાસનાં પાવડરની ડબ્બી થેલી અવશ્ય રાખી દેવી, જેથી જરૂર પડે ત્યારે તરત જ લઈને છાંટી શકાય. ( બિસનો પવૂડ. એટલે દેરાસરમાં બરાસ-પૂજા માટે વપરાતો સફેદ કલરનો ભૂક્કો.) ના નવા મકાનનું બાંધકામ જો તમારા હસ્તે ચાલતું હોય, તો | દિવ્વાલ વગેરેમાં પોલાણ ન રહી જાય, તેની ખાસ કાળજી લેવી. કારણ કે, બાંધકામ વખતે જો મકાનમાં પોલાણ રહી જાય, તો તેમાં - અ કીડીઓનાં ઢગલાબંધ દર થઈ જવાની સંભાવના છે. આવાં મકાનોમાં - -: લાખ પ્રયત્નો કરવાં છતાંય , ઢગલાબંધ કીડીમાં ઉભરાતી જોવા મળે છે. - અને વિરાધના પણ વિરોષ પ્રમાણમાં થાય છે. આ - (૧) : તમારાં હસ્તે જો બાંધકામ ચાલતું હોય, તો દિવાબ બનાવવા માટે, જે સિમેન્ટનાટી પાણી આદિનું મિશ્રણ કરાય છે, તેમાં જ ઘોડાવજ નામનો પાવડચ ભેળવી દેવાય, તો તેવું મકાન તૈયાર થયાં બાદ, તેં મકાજામાં પ્રાયઃ કરીને કીડીઓની ઉત્પત્તિ- વિરાધના થતી નથી અથવા તો ઓછી થાય છે. આવું ઘોડાવજ પાવડરની સુધને લીધે રાજ્ય બને છે. તે (૧) , ' ઘરમાં અનાજ, સાકર, ગોળ, મિઠાઈ વગેરે ખાદ્યપદાર્થોને વ્યવસ્થિત સીલ પેક રહે તેવાં Sધ્ધાં બરણીમાં રખાય , તો તેમની ગંધથી ડીડીઓનું આવવું અને ત્યારબાદ તેમની મોટી વિરાધના થવી વોરે બનતું નથી. કારણ કે, કીડીની બીજી ઈન્દ્રિય = છેલ્લી ઈન્દ્રિય નાક વધારે સતેજ હોવાથી, ગંધના માધ્યમે, દૂર હોવા છતાંય , ખેંચાઈને આવતાં વાર લાગતી નથી. તમામ બૈઈન્દ્રિયથી લઈને ચઉરિન્દ્રિય જાવ સુધી, દરેકમાં, પોતાની છેલ્લી ઈન્દ્રિય વધારે સર્તજ હોય છે. કીડી તેઈન્દ્રિય જીવ હોવાથી, તેની ધગ્રાહ્ય રાતિ વધારે સતેજ હોય છે KOKUYO W-NB2800 Page #244 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. ....(238) Date - (खणामती पाजते जोराहनां दुशियां नीये न ठौणाय, तेनी पूर्व डाणपी. डीडीस्रो संमिनुप होषाधीघीवार तेमने उत्पन्न घवा माटेनुं मनुण यातावरण मणता, तरतढगयाघडीडीसोनी उित्पत्ति थर्ममय छे.तेथी, जोरानां शियां ने पेरायेला होय, तो ऐडसमयमा ठगटालंधडीडीसोनी उत्पत्ति शष्ट्य होपाधी,थीडाशमीठाशपाणां पहार्थोनांऽपियां नीये न ढोणाय, तेनी अवश्य हाणानु सपी ले. प्रलुना बोडोत्तरशासनमा, संर्छिम डीडी पोरेनी उत्पत्ति नथाय,तेनी आणल्नुलेपी. नरमानुषध्यानुं प्रथम पाथिथु छ, उत्पन्नथळशयां लातेभनीमपियधनाथी जयएंमाणपध्यागुंगली पगयियुं छे तेथी, मापी मेडागन्तुने सीधे, डीडीयोनी उत्पत्तिथर्छ नयनमे प्रथम पुटुपानी विराधना छे. सापां सप्रमाानीभित्ते, डीडीसोती उत्पत्ति खरडी जय तो विराधनाधी जयवागी पातनामावे का सड पासामाथी जीन पासमां हो पायाोने उथलापती पामते, डणियां नीये न ढोणाय, तेनी पूर्ण डासेवी. मथवा तोरे यासानां उथलापधार्नुहोय, ते चासाने सीधेन्सीg भीन पर रानवाने जले, डोई भीटी थाणी हे पशतमा राजीने पछी उथटापj. तेथी, उथवापती पजते, हाय डोई डहिया ने वेराय, तो जमीन पर ढोणापानांजले,नीये राजेट थाणी 3 परातभा ढोणापाथी,ते निभित्ते डीडी साहिनी उत्पत्तिक विराधनानी परंपरा सटडी गाय छे: सायंपसन्लूट-नेडा-पगरजांनो यपराश घाडपाथी पए डीडी-मंडोडा-पाहा माहि गुपोनी विराधनाधी जयी शहाय छे. सनाहिडाणधी मापने सापां शरीर प्रत्येनो पधुपडतो भोह होपाधी, उद्याsi पो ग्यारे याटीने त्यारे परामा दोर्छ डारी-डाय- जीसी-ऽिराछि पाणी न... न्नय, तेनी डाणाराणयां भाटे, खापोनाप नीये नेईने मापगे याटीमे छीने. तेथी, रस्तामा रहेटस टीडी पगेरे निर्दोषान्नुपानी घ्या, पाए मापोखाप पणाई न्नय छे. यंपल-बूट- पगरमांना तगियां तो डोमण नाहोपाधी, तेमनी नीये मापेल विलेन्द्रिय योने અભયદાન મળી ન શકે, અને તમામે તમામ ઉચડાઈને મરી જાય. Page #245 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. २४० Date च्यारे, उघाडेपो यादती येणारखे, डायल्सथी पगनी नीये ओर्छ जुपात सापी नय तो पहा, पगनां तमियां ने उरतां घां डोमण होवाधी, पण नीये मापेला जुपांतो नयी रवानी घगी शड्यता रहे छे. यावती पमते, यंपल-जूट खाहिनां तगियां भीनने प्रा सडतां होवाधी, तेनी नीये सापेखनुपातनी विराधना घपानी रायता पधी नयाछे. परंतु, उद्या पगेण्यासती पेणाखे, खापए पगनातणियां रेपृशं भीनने सडतां नहोवाधी, ल्लथी पानीये मायेल नुवांतनी जयवानी शयता पछी भय छे. सेटले डे, यावती येणारी, भापए पानां त्तणियांना मागानो थोडी लाग तथा पाछणानो थोडो लाग मह भान मीनने म छ, परंतु पथ्येनो टेटसो लागतो भीनने खडतो न होवाधी, तेनीजीये सापेज भुषांत नयी नयछे. गते उपरांत, उघाडां पगेन्यालो त्यारे, सापोमाय नीये नेऊने यालपार्नु होवाधी, रस्तामा थारे जान्नु रहेल पिड्यर माहि अथवा Advertise माहिनां पोस्टरमा रहेला, स्प्रीमोनां जिलत्सा द्रश्यो नेपाने सीधे भननांगपरिएपभो भलिन थवानी शड्यता पाएमडी नय छे.तेथील डडेवाय छेउ, Gघाsi पो नीये कईने यालवाथी - -पग पाए। नवि जरडाय, जुप पहा नपि ज्याय, या पए नवि विधाय, मनापए नपि जाय." मुंबईमा सेवा पाए श्रावछोराछ ,रेमो न्नुपनलर भाटे डां न वापरपानो नियम वाघेल छे. ते डहाय तमाशं माटे शध्य नबने तो, उभसेभ हेरासर-उपाष्प्रयासायलिशाना तां, यंपलमारिनो त्याग रातो तो सारं पनस्पति-शालानु माहिमां लेन्टने सीधे, पोलाएमां समुह प्रिडारनी तेन्द्रिय ध्यणो उत्पन्न थाय छे. तेथी, वनस्पतिशाडलान सभारपार्नु तथा रांधवानुं जाम प्रापिडा बहनोखे नते? व्यापापूर्व उरघु नेऽखे. भाएप्सो-नो रोनां लशेसे मापां डामोराप्रपाधी, नपते-लुपती ईयणो पाई पानी, घाई न्यानीशड्यता होय छे. संघना रसोडे महावाहि प्रसंगोमां मोयं पाये शाऊलानु-सनाल साjि सार्थ डार्य संघनी बहेनो लेगी घर्छने उरे- सेवां संघो प्रलुना शासनमां माले पाए भने छे. अंधेरी| ઈરલાનાં શ્રાવક દેવચંદભાઈ, સંઘના રસોડે જ્યારે માણસો પાસેથી KOKUYO W-NB2800 Page #246 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Date डाम खेपा होय, त्यारे शाडलाजुयोरेने न्यापूर्वऽ साशपयानो पापिरोपवाग्रह मोते राजे छे. ते उपरांत, डामऽरनारा भाएासोने साइडरतीयतेऽयण-नुपांत-मपो तो, मेड-खेड यण-नयांतनी सामेसमूह इपियां ईनाभभांगसापे छे. तमारांघरनां भाए।सो पासे, घरनामा-पोतानरसोई साहिार्यो उरापती पणते, ब्लुबध्याना खाशयधी मापी शरतो ऽरनारा प्रापडोत्यही डेटलांमणशे? मागथी बक्षिस मापवानी पात ऊरनारां श्रापोमा उखा) धिंधामांन्यता सोहाखोलो यात्माने भातरमडापनार, लडापनार सालित यशेयारे नुपध्यानां निर्मण माशयधी, डाभयाणां भाएासोसाये घनाशं मापां सोहामो तोखात्माने तारनार सालित थाय, यारागतिघी खात्मानेजन्छोडापनाश न बने हुये पछी साधी, मावां सौहामोरपानी शुलांशश्यात सापणे डरी झापशेने? यस्तुभालेन्टानारही नयत्तयाामान माहिभां विशेषथीयधुन पडतो ज्योः नन्हे, तेनी विशेष डाणालेपी. डाराडे, ही गयेलले तथा साइनसाईनगमलाये, डीडी-डंथपानमंडोडा माहि तेन्द्रिय अपोतया अन्य विष्लेन्द्रिय नस नुप्पोनी उत्पत्तिनी शष्यता पधे. छे. करा : (श्याम तमाम मनाहि प्रसंगोमा रूपानुप्रापहोरो रामपुं. डायन स्पुं पडे तो पटा, होशे-होंगे अंदरी रानुयने तो नर नपाय.. त्यांभाप्रप्यपहार मातर हारीमापयां डहाय न्यु पडे तोपए त्यानु हिमवानुकतो सपश्याणपुर द्वारगडाण्डेटरर्सनां कमगोमा न्यानां मलाये, मोटो लागनी पानशीमो मलष्यश्पेहोय छे.जापां सलस्य पहार्थो यापरषांथीलामोटीग्सध्यामातेमा उत्पन्नथनाशं विडोन्द्रिय माहि प्रसपोनी पिराधिनाधाय छ, मापुंज्ञानी लगयंतो कापे छे. लाग्नमां नमापारमारनायेल मिडा तया उर पडवानाहिनीप्रशंसा पाए संभष्ट्र प्रापटोन डरे. डाराडे, सा सलक्ष्यभेवा-मिठाईइरसाएपहिनी प्रशंसा उरनाराने, ते.पानगीमो अनापयां निमित्त भोटा प्रभाडामांन्थनारी प्रसालपोनी पिशपिनानो ऽवाशी नया छे. हॉटलमां-सारी परभणतां दोसा-ईऽली-में पडा-पीछान्नान कोरे पहार्यो पापरवाधी, तेमां पपरायेवसागण पाएगी, पासी हीं, डादि मलप्य महाोने सीधेरथती विडलेन्द्रिय जुयोनी पिशधनानो 5 वापरनामोने पायागे छे. तेथी स्वाद मातर यपरातां Page #247 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. ૨૪૨૦) Dale सापां पद्यर्थो छोडी टेषां । (शालेतीवाडी डरपामां मोटी. गुपहिंसा धाय छे. नानां श्राप सा। विरापिनामा airect तो नधी लेडात, परंतु ध्यारेड अप्नाभाटे गुरुरात साहिमा यारे क्यानाथाय, त्यारे रस्तामांसापतां तरोनेछने, ने ते गमी यसपा पाणीधी तेनी प्रशंसा थाया, तो ते प्रेतरमांथयेलसानो-डशेडो मंडोहि पिटेन्द्रिया नपोनी पिशवनानो , गभाऽनार यथा प्रशंसा रनारने लागी नया छेजेवरमां पाएगी यगेरे छोटपाथी,लामोडशेडोनी सध्यामां शुषोत्पत्ति +विराधनाथाय छे. तरनी नमीन पैडायछे त्यारे पएण्ड अषोनी विराधना-विशेषघ्रभाएमां थाय छे. ऽपास-भगइजी . साहितांग प्रेतरोमांशपायांप्रमाणानां ना जयोनी विराधना धाय छे.. राण गेसम्यूलोयाधिशश्रतांपूर्वे, रेऽ: पाजते पंन्टहीधी सपश्य का लेपुंगयी, डीडी माहि पिलेन्द्रिय लुपोनी विराधनाथी. जयी न्पाय. गते सिपाय, घरमां अलग-खटागमोमा स्थगोमां, १-१ एगी रजाये होया तो डीडी माहिन्नुपानी पिशपनायी मठवां-जयप भाटे, कारणाम 2 सिपारनवार पंधीनो सहपयोगाथर्ण शडे थे. गेस शशरतां पूर्वे, ने गएीधी न लय, तो पोराऽप्रवाही हाण, याहपोरे)नां टीयां नीये पंडवाने सीधे, ढगलाथ डीडीसोनी पिशधना थपानी संलापना छे. तथा कमाएकासन्यूटो या रतां पूर्वे, रेड वाजते, -प्रमार्जुने पछी मागण सावधान ! ! ! ! । । (ख) ने शध्यापनातो, डोलीनो पपराश प्रापडोमे राणपो.डाराडे, लेप्रमाणाडोजीमा पधारे होपायी तयातेमा पोलाए पाहोपाथी, द्यपीवार -पिडन्द्रिय पोनी उत्पत्ति तेमांधती नेवां भणे छे. तेथी भात शियागाभां, मने त्यारे पाए, मेऊनऊपांडुंप्यपश्थित टुंडीने, सत्यंत नडाणानुपूर्व सभाराय, तो पापरी राहाय. साघु ऽरपुं मध होपाधी, डोजीरनो त्याग रयो उयिता छे. योभासामां तो संपूर्णलाजपालो मलादयश्च होपाधी डोलीना तो नक प्रापरी शहाय. उिणारीडोगा, लीडा पोरे पनस्पतिने, सीधे-सीधी छरी इश्वीने ने समाराय,तो तेमा घएगीपार उत्पन्नायनार यगो पोरे नुयो, भुपले यतां पाई हवानी शध्यता छे. तेथी, मा पनस्पतिसो समारती पजते हाथमां पडडीगे उपरथी मात्र सहे छेडो मारपो. त्यारबा, जंने हायधी पनस्पतिनां जे विलाग उरपानां, घी,पय्ये डो ध्यण पगेरे । KOKUYO W-NB2BOU Page #248 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. Date २४३ भरी पए। न भय. जारिङ होय छे. तेनो भवांत होय, तो व्यगापूर्व डाढी शंडाय खने डाणी डीडी डरतांय साल डीडी तो पधारे जपा अभी डीडीनी खपेक्षाखे वधु तीव्र होय. छे. ते घागीवार, खायजी यामडी पर योंटी पए। भय छे, खने घाएगां प्रयत्नो उरखा छतांय, उजडती नथी. त्यारे तेने जयापवां जातर, जून ४ धीरन जने सावधानी पूर्वङ डाम । लेपुं. थोडी वार भाटे, यरडानी पीडा सहन डरवी पंडे तो डरी लेवी, या सधीरां थर्धने डीडीने भारी न नांजवी हे तेने हिलाभना पत्र न यहां याडंची. खरैनो खने नैनो पय्येनो खा-४ मोटो तझवत होय. खरैनो तो योतानी गतडसी पेहना - पीडाने दूर डरखां भाटे, जीभं भुवोने तडलीङ्ग खायेवा विना संडोये- तरत तैयार थर्ध भय: यहा नैनो तो, पोतानां प्राएानां लोगे पएा, जीभं भवोंने जयापपानो ४ प्रयत्न डरे छे. शाभडीनी संहरी धूसी गयेली डीडीनी आबुजाकुभां डयूरनो पावडर अथवा जरास अथवा प्रेरोसीन लगाडयाथी, थोडी ४ वारमां ते डीडी खायोखाय हलपानुं श३ डरी देशे प्यारजाह, पूँगी द्वारा, शांतिथी नयाशापूर्व, .. डीडीने योग्य स्थाने जसेडी राजय झपशे ने? जियारी डीडीने तेषां प्रडारनी संभव न होवाने सीधे तथा तेषां प्रङ्गारनां लव-स्वलावने सीधे ते यहां भारे छे. भे खायली केम ते समर्थ होत, तो शुं खा रीते यहां लरत? (३२) महिरा-हार: खाम्नां वधतां लोगविलासनां वातावरणमां, घएां सारं सारां नैनोनां घरोमां पड़ा, महिरा-हाइ-व्हीस्डी खाहि अलक्ष्य पहार्थोनो प्रवेश "थ गयो छे. सारां-सारां जानहान दुटुंजना खायागां नैन संतानो, डोलेन frend arcle नां प्रवाहमा तागार्धने, न उरखानां डामो डरतां थयांछे,न र्वापरपानां द्रव्योने पेटमा पधरावतां थयां छे. विग= वि+गर्छ खेटले डे, खात्माने एंडपथी विश्विपरीत गर्ध गति मां सर्व नार होय तेने विग हेवाय. क्यारे, महिराने तो शास्त्रद्वारीखे मात्र विगर्ध तरीडे नयी खोजखावी, पहा 'महाविगर्ध तरीडे खोजजावी छे. हाइ जनाववानी प्रक्रियामां यए। घडी मोटी संख्यामां डीडीखोनी उत्पत्ति + विराधना थाय छे. तेथी, खा महाविगर्ध पापरनारने, खगशित छेडा + जय्यां + डीडी + भाजी खाहिनी हिंसानो दंड लागे छे, मन विहारी जने छे, प्रलुनी आज्ञानो लंग ङरपाथी प्रभु शासन लवांतरमां ज्यारेय न भणे तथा नर वगेरे दुर्गतिमां धुं यडे. छे. 1. घर पीनार मागस, जगशित भपो ( डीडी वगैरे) नी हिंसा डरे छे. पोले तामसी + विडारी+छोधी जने छे. तथा विवेडहीन + यारित्रहीन जने, (37) Page #249 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. २४४ Date . . घननो नाश डरी हरिद्रताने पाभे, नांनी भरमा मृत्यु पाभीने , कुटुंबपरिवारनी घायभाली हरीने, तेमने रस्ते रजडतांरी डे छे. तेधी सापां खेडपए। मलय पेयने- महाविगईभय, भाजए मांस, महिश)ने, ध्यारेय पए खडयूं नहींझपरी ने? मोरपीछी: भौरना पीछाने बांधीने जनाषेल, ज्या भाटेनां रोड उित्तम पडराने 'भोरपीछ' दुहेवाय छे. पुस्त:- झोटो पोरे पस्तुसो खेतां भूतां डे मा पस्तुसो वापरती पजते, मोरपीछी द्वारा पंडवानुं नेतुं होय,तो मावस्तुमोमा नानी-नानी न्यांताहिथतां सटडे मने मेनुपांत Hareaaj गगहोय,तोलतेने सुरक्षित स्थाने,आणजुम्र्प जसेडी शहाय. भोरना पीछा राजपायी हलापपाथी, सांप ने गिरोणी) | पंयेन्द्रिय पो) पाहूर लाशी लय छे. माया हुयरो जिनटरी पस्तुयोर्नु उपनस्पति माहिनां छोतरांनुं - ખોરાકનાં કણિયાવાળી પ્લાસ્ટિકની થેલીઓનું પેકેટોનું વિસર્જન ફેંકવાનું ने डागल मने नयापूर्वहानथाय, तो विसर्जन जा, तेनां निभित्ते - फरपाछणयी, ठगलालंधडीडीमो पोरेनी विशधना धाय छे. तेथी, तभाभ जिनहरी वस्तुसोनुं पिसर्जन एनिकाला डाणY+न्यागापूर्वका रj. गईऽपा योग्यथयेस नाली डल्ली बाटली, पेडेट येतीने मल्प पाएकी प्यपस्थित धोईन, ते पाए बापरी नपुंसपी नपुं. त्यारा, डोरां पस्तथी मात्रा पार, छीने तमाथी प्रशं थीडाश-भीडाशाह नीडणी यांमा, योग्य स्याने न्यएगापूर्ण ते पडेट- उष्मी फोरेने परहपीशाय गडी राडाया। (उपाहिलः म योना- धमनार योरेने हिवेली भोपाधी, तेमां जयांत पडती नथी, तभन्द, हिवनी धधी डीडीनो पहा टूर लागी नय छे. हेमा पुस्तडोना माटमा 'धोडाप' मृडी राप्नपाथी, तेमांनुपांतती नी, તેમ જ, કીડીઓનાં નિવારણ માટે પણ, ઘોડાવજનો પાવડર એક અકસીરसने निर्दोष उपाय छे. मेन्ट रीते, धोडापन्ने स्थाने तभाकुनां पानभूडी शप्याथी पएर डपडांमां पुस्तडोना माटमां न्नुपांत थती नथी.तेपीना रीते, उघनी उत्पत्तिने सटडापपा माटे यूनानो उपयोग डरी राहाय छे., 135 डीडी नानी पए होय, मोटी पाहोयमने डाणा तथा बाल रंगनी पए होय छे. ते टी छपाईसने न्याय पाहीय छे. डीडी तेन्द्रिय नसल्प' रपे उहेवायचे. तेनी डाया घएगी डोमण होपाथी, सहेज KOKUYO W-N82900 Page #250 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. Date D २४५, हजारा खायतां, ते तरत भरी भय छे. साडरवाजा खने यीडाशवाणां यहार्थोथी ते खाडर्षाय छे. खाद्य पदार्थोंबे ढोनाय के पेराय, तो त्यां स्यानङ न, वध्थाजंघ, डीडीखो लेगी धर्म भय छे. तेथी, जाधेयहार्थनां डलियां डे टीयां नीथे न पडे, तेनी पूर्ण डाज सेवी. उहाथ नीचे पडी भय तो तरतष्ठ 1. सर्व सेवां जने दूध-धी पग्रेरे प्रवाही ढोजायां होय तो तरत ४ लीनां पोताथी तेने साइ डरी नांज़र डीडी न थाय अथवा थर्ध गयेस मध्थाबंध डीडीखोने दूर डरपानां उपायो : खाजामा जरासंनी पावडर (डयूरनो पावडर) अथवा हुँडु, हुजहर, राज घोडावन्नो पावडर डे, सिंघालूरानो 'लुडो डे हुलहर + इटडडीनो बुडो (जने सरजा लागे सर्धने) ललरापपाथी, डीडीओो तरत लागी भय छे. हिवेल + सोटनी गोणी जनावीने मुज्वाथी, खोडोमसनी गंधवानुं उपडुं खाध पदार्थाह प्रस्तुनां पासला उपर चरमथवा रंखाबुजानु मूडपाथी, ड्यूरनी गोणीखो मुडवायी, छींडगी ललरावपाथी, खकुजाकुमां जाम योंपडी हेपाथी, राजनी सार्धन डरीने तेनां पर डेरोसीननां टीयां छोटेपायी, छींडलीने पलाजीने तेनी पेस्ट जनावीने हिवाल उपर लगायी हेषांथी, तुलसीनां पाननो लुछो + डपूरनां पावडरने मिश्र पुरीने छांटपाथी अथवा सायां सुजडनो टूण्डो मुडवाथी अथवा खाद्यपहार्थनां डब्बा, पासागनी इरते तेल अथवा हिवेसनी सीटी मात्र डरपाथी, डीडीखो खापती नथी रखने खायी होय तो तरत यासी भय छे. डेरोसीनमा पसाणेल इनां पुमडां मूङवाथी, डढजां के जरागी पर यढ़ेली डीडीखो. तरत ণ उतरी भय छे. रखा जधा निर्दोष उपायों डरपाथी, डीडीखांनी हिंसा पए। ना थायं खने डीडीखो पए। हूर यासी भय. परंतु, तेनां जहले, डीडी दूर करखां माटे, थोङ के लक्ष्मागरेजा के सेमडीस गेमट्ठेसीजनो पावडर वगेरे पापरवाथी, खा पहार्थो कलह खने मेरी होवाथी डीडीखो. तरत न मरी काय छे, तथा तेमने जूज ४ डिलामना पहोंये छे. तेथी खायां द्रव्यो ड्यारेय पापरवां नहीं. (39) 24 यात्री मां पडेली डीडी, निश्चेतन-भरी गयेसी लले लागे, परंतु, तेने भे हम हाथे खांगागीनां टेरवां पर लर्धने, हजवे हाथे सूडां Susां उपर भूडपाथी, प-१ मीनिटमां घएगीवार यालपा मांडे छे. अथवा डीडीवाज़ा पाएगीने हुजवेधी सर्धने गाणी हेपुं, सने प्यारजाह गणएगांने सूत्ववां भारे खेडला राजी हेपाथी, गणएगामां रहे। डीडीखो, थोडी व पारमां यासवा मांड‍ पाशीमा इटहडी खोगाजीने, तेमां दिनार्धनां १०-१५ टीयां नांखीने, तेमां डेरोसीननां ४-५ टीयां नांजीने, ते थाएशीनुं (32) योतुं डरवाथी, डीडीखों 1 JV Page #251 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. (२४६) Date घिती नथी. मात्र,डेरोसीनपाणा पाएंगीनुं पोतुंडण्याथी पहाडीडी नघाय. घरभाडे मालाकुमा मापन-मपननां रस्ताभां, डीडीनी हानियावती होय, तो ते खाऊननी जंने जा यूनानो पापडर नांजवो, तेथी, मापतापतां जधाने ज्यालमा खापेमने जधां न्याथी याले. घरमांयां-हांपगेरे भरेवा होय, तो तेनुं उसेपर तरत योग्य स्थाने विसर्जुत ज्युं नहींतर डीडीमो याईने मापशे. (3) डीडीनी पिराधिनाथी जयघां मारेनो सरण खने सहधी मासीर उपाय: डशेसीनमां पलागेवी श्यागी नानी डी द्वारा, सापही वाहुबाजुभां, डिशेसीननी सीटी थारेनाष्ट्र पुरी हेवाय, तो र-उडसाइ सुधी,डीसोते डिरोसीननी गंधने डारो माये नहीं, जाय पहुए नहीं. (या नभीन पर रहेलपाणीने छया भाटे, नीतुंडे सूई पोतुंसने इंछायचे. परंतु तेनो उपयोग डरता पूर्वे, पोतानां छेडाने पडडीने बरोबर ने खेडे डोई डीडी माहितेने योटेख छ ॐ नहीं यां यार सीधेसीधी तेनो उपयोग डरपाथी, उगलालंप डीडी आहिनी हिंसा थर्ड राडे छे. तेन रीते,पस्तुपर यटी गयेस गवाधडीडीमोने र हरषा भाटे, ते पस्तुने उपाडीने घोडी धम तडडे मूडी है छे. सापो प्रयोग तो लूलथी पएन डरपो. डाराडे, डीडीसोj शरीर सेम डोभण-नाए होय, तेथी तऽऽामा रातो तो तेस्रो तरत भरी जय छे.(ग लाउडानुं शर्नियर मने सूपा भाटेनां पलंग एगालां), मांऽऽj निवास स्थान छे. लाल रंगना ना नंतुन, भानप-रहत मृत पसं. राप्रे अँधमा होत्यारे शरीर पर योटीने, रस्तयोरी ऽरनारखा भांऽऽनां थायी घणीपार सापटी अँधमा, मलेखपए पहोंये छे. सडेदुखाई पछु, तेनो मोशा छे. परसेवानी गंधथी ते याने साये छे. ना, तेन्द्रिय જીવન શક્ય એટલી હંસાથી બચવું અને તેની ઉત્પત્તિ ન થાય તેની डाणा भुष्यप डरपायी, विरापिनायी पए नयी शहाय छे. पे सांगणीनी पय्ये मापीन पऽऽपा-मारपा सयपारी दृषाछांटीने भांऽऽने भारपा, ते तो दूरता छ, हिंसाता छे, नियता छे. मांडडने नूजन्याएापूर्वऽ पठडीने, मेड नानी पाटडीभा सेन दरवां, रमने त्यारना, तेजधां भांडऽने सुरक्षित स्थाने मुडी यां. तेर सरण उपाय छे. जीनं ग्नुवोने जयापपां जातर पोतानां प्राणोन मा अलिशान साधी नारा खनेड महापुरुषोधी शोलतुं,भापj. KOKUYO W-NB2BOU Page #252 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (२४१ Date अनुशासन छे. साठ शासनने चामीने, भांडड-डीडीने गुस्सामां खाधीने सापागाधी કઈ રીતે મારી શકાય? જરા શાંતિથી વિચા No. ४४) मांडडने भारी नाजवामां इजाये तो तेना इलेवरगांधी दूरी पुष्डल भांडडी चेहा थाय छे, तेथी भांड मारी नाजवा ने तो भात्र दूरता नही परंतु भूर्जता चाग के आली दूरतामां मडैनो लले भेडाथ, परंतु, नानयागुथी देने सुवहयानां संस्कारो भख्यां छे, सेवा रैनो तो न भेडाय (म्या मांडडनी रक्षा माटे, खारसी सावधानी राखो : ★ ने खोरडामां डे पलंगमां मांडड थया होय, तेनो उपयोग, थोडां हिवस पुरतो बंध डरो मांडड खापोखाय याच्या नशे. जनी शडे तो, थोडां हिपस भाटे, घरमा रहेनारां जधां तीर्थयात्रा डरी खावो. * ગાદલાંના ક્વર पगेरे मेलां राजपाची मांडड थवानी संभावना जूज छे. तेथी, उपर पधारे मेलां न राजवां. * मांडड थया होय तेवां जाटलां-गाहलां इर्नीयरने तडकामां न मूङवा. तडडे मूडवाथी, मॉडड भरी भय छे. हिंसानुं महायाय लागे छे. जाटला पगेरे छांयडावाजा निर्मन स्थानमां भूडी राखो तो याली राडे. * भांडड भारवानी हवानो उपयोग तो प्यारेय न डरखो. 'जीभनुं तोही पीनार रोपां 1-मांडडने भारी नांजवो भेजे' खायां हिंसक शब्द प्रयोग डे हिंसक विचारो तो डहाय जनैनोने खावे, पा, प्रलुशासन पामेलां श्रापडो तो, लूलथी पए। खायां विचारो के शब्द प्रयोगो न डरे. सोही सर्ध- सर्वने, मांडडनो भुव तमारं डेंटला टीयां तोही मेरो ? खेनी सामे, खेने तरत, भोतनी सभ इटद्वारपी, से शुं जायगा माटे उचित छे ? पोताने ५-५ महिना सुधी सतत सोहीनां झाडां डरावनार गोशाजा प्रत्ये पा, प्रलुखे लेशमात्र द्वेष - हुर्भाव न ऽर्यो जने मात्र 2-3 टीयां सोही सर्व न्नार मांडडने मारी नांजवानो विचार के हिंसक प्रयोग, भे खायो उरीशुं, तो शुं प्रभुने गमशे ? शुं खायो प्रलुनां पारसहार के संतानो व्हेवार्धशुं ? शुं प्रलुना हध्यमां खायाने, स्थान मणशे ? ★ धागां जधां मांडड यर्ध गयां होय, तो मांडडने पड्डीने, खेड पारडीयां खेऽत्र जून पोयां हाथे, यशापूर्वक, डरो . पछी, ते मांडडने, KOKUYO W-NB280U Page #253 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. Date २४८ सहेन दूर, खवापरं स्थानमां, बूनां साडामां मूडी हो. परंतु, 'तडकामां अथवा सोडोनी खपर-क्वर थाय तेवां स्थाने न 4. नांजी हेपाय * डयूरनी गोटीनां द्रावएराथी पोतुं डरवामां जाये, तो मांऽऽ दूर थाय. तडियामां गालामां ३ लरावतां पहुंसां, तेमां डयूरनी जे-ता गोणीजो मूडी हेपाथी पए। मांडड थतां नथी. * (४९) पोताने भारी नांजवा माटे खापेस, भवते-भुवतां पोतानां याभडां उतारवां भाटे खापेल सार्धपणेरे उपर पए।, जंधङमुनि, गभ्सुडुमाल मुनि, कोरे महापुरुषोजे, भात्र ने मात्र, पात्सल्य खने ३ए॥ालाव ४ परसाप्यो छे. जने जीभ जाबु, मात्र जे-त्रा टीयां लोही यूसी? [नार मांडड - मय्छर भाटे, खामगां हृध्यमां उ३ए॥ लावडे उहोर लाप? शांत यित्ते करां पियारसो, तो, ज्याल खापशे डे, 2- वियारो, प्रभुशासननां महापुरुषाने शरमावे सेवां खायलां खायारपर्तमानमा रहेलां छे. 'उध' खेड सूक्ष्म भवांत छे. ते खपावर कभीनमां, हिवालो पर, इर्नीयरमा तथा पुस्तझे जने डागजमां थाय छे. खेडवार उधर्ध थयां पछी, तेनी उत्यत्ति जूज ४ वधी भय छे खने तेनुं क्षेत्र एडयथी जहु विस्तार पामे छे. उधर्ध तो, इर्नीयर- लाङडां तथा अगलने जेतरी न जाय,छे. हिवासने पए। जेतरी जाय छे रखने मानने कर्बरित जनावी हे! छे. खारीले, 'उधर्ध' नामनी खा तेर्धन्द्रिय भुषांतने सौ प्रथम खोजजतां शीजो. त्यारजाह ४, तेनी विराधिनाथी जयवानां प्रयत्नो 'यर्ध राडे. ''धर्ध' नो प्यास ४ न होय, तो तेनी क्यगा दुर्ध रीते पाज़ी शहाशे ? (४८) · उधर्ध थयां पहुंलां के थयां पछी, ड्यारेय यए। पेस्ट इंट्रोलन डरायपुं. पेस्ट इंट्रोल दुराववाथी ढगलाबंध उधर्ध तथा अन्य घएगी, भवांतो ए . खेड साथ, नाश पामे छे. पेस्ट इंट्रोल अत्यंत हिंसठ प्रयोग छे.. सेंडडो - हुभरो निर्दोष भुपोने, घ्या-डेभिल्स छांटीने खेड साथै भोतने घाट उतारी देवा, ते लयंडर प्रक्षानी दूरता छे. , Page #254 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (२४८) No. Date माल्टाउधी यां उत्पन्न घाया छे, त्यांसाहुनाकुमां टीटी केपी के निशानी थर्थ जय छे. तेनाथी,धिर्धनो झ्यास मावी लय छे. प्लायवुडमा पर्छ थवानी राष्ध्यता पधु छे. सागनां साइडामां, Gघर्छ ही यती नथी. तेथी, को शड्या मने तो, नीयर र मूरतुंन्द्र डरापर्युमने प्याययुडने जाहले. सागनां रखाडांनो उपयोग ऽखो. पणी, तेने रंग पार्निशाडे पोलीराजमारवाथी, उधई यती नथी. पण प्लाटमां लरेषां पुस्तायोडा-थो समये, बहार डाटीने, नजरोमरोतां रहेपुं. पुस्तडोर तथा माटनी. साइन्साई म्यापूर्व डरवी. मेथी। उधळ, पोरेन्पोनी उत्पत्ति न थाय. पुस्तडोनां डमाटमां, घोडापट उडाभरनी गोणी रेयां पार्यो, थोडां-थोडां संतरे, डतां रहेपायी पए, तेनी उत्पत्ति यती: नथी. उपडांनां इबाटमां पए, डाभरनी गोणी रेपी यीनोउपयोग पाथी, पडांमां नयांत पडतीनधी. (प) पुस्तक, इन थर हे हियाल उपर उधई थर्छ पाय तो ते भुयाने पल व्याशापूर्वठ , त्यांधी सईने, र डोर्चपृशुभां मुट्ठी हेवां. रेश्या पर उधई हुती, ते या संपूर्ण जुगांता रहित थर्छ गईछे-सेवी संपूर्ण मातरी यी जातेयापर, डेरोसीन जीतरतुं पोतुं ईश्वी हेयुं. तो रीधी उधई मापशे नहीं. ( पागे अयूनाधी मानधोपडापपाथी उघई यती नथी.गोजरनी पींपएापाणी हिपालमा विधर्ष थती नधी. वाटभां भीडं लाराषपाथी उधई थती मटरछे (प) घठिन्योना-पोरे धान्य खने होणमा ध्यग-धनेरां पगेरे नत नातनां सां घई नय छे. मनाने राणमा महोगीने, डब्जामा लपाधी, ते मनाला सडतुं नधी. तेमां धनेडा कोरे डीडां थतां नथी. मनाल सडी नया, तो तेभा. पुष्टण गुपांत पडी नय छे. होगमा , पोटाएर हुरीने, तेमां नुपांतलराई नय छे. योभासानी नतुभां, माज डडोगमांपुष्टण यांत थपानी संलापना रहे छे. तेधी, थोमासानां, मग सिवायनां डोई माना होण नयाले, न पपरायः सना, KOKUYO W-NB290U Page #255 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ०४७ (२५० Date पार पीएसीधा माइरी यो हिपसोभां, तेमान्नुप्पोत्पत्ति संलवित छे. लेखनां वातावरणामां, ब्लुपोत्पत्तिनी संलापना पधारे छे. तेथी, घोडा विसो पूर्वे सा रेल मनाल पए, पापरतां पूर्वे, शिरी पीएायां री छे. पीएयां बगरधान्यने नेहमी नाप्नयामा माये, तो हिस्टोल रतां सनेह निर्दोष यो नानी साधे हजाई-पीसाईलय छे. जनारपीरावानुं डार्य, नोडर-नोडशगीनां लरोसे छोडवाथी, घी जेरडारी थपानी सैलापना छे. हाय नोडस पासे, प्रीपा, डार्य शययुं पड़े तो नोडशेने समलपी, जहीसनीलासयन्प्रोत्साहना खाधीने, शङ्य मेटली पधुभां पधु लुपया पगापपानी प्रयत्न, तेनां द्वारा रापपो. पण मनानां लोटमा पए, ममुह समय पछी, अपांतो पडपानी घिएगी संलापना छे. जहारनां तैयारणलोटमा तो, पुष्टण अपांतो होपानी पूरी संलापना छे. तेथी, शट्य होयतो, जनरनो तैयार मोट न जरीयो. परंतु, घरनी घंटीमांकनयापूर्व, सोट गपो मने हण्या माह पए, थोडा-थोडां हिवसे तपासडरपी डे, तेमांन्नुपांत:छेडे नहीं. तो, निर्दोष धनेशंयोरे तेन्द्रिय जुयोनी जिनहरी विराधनानां हंऽधी खाएगां समग्र परिपारने जयापी शहाशे. शयरोगी पपा धान्यनी यांतोनी रक्षा डाले, नीये मुश्मनी जाणशुन्दरी छ। काम * मनालडाणपूर्वसाइडरीने पछी लरो. लयाँ जाह, पापरतां पूर्षे, इशयाधुन्डाणपूर्वड साइ दुरी मेथुना * साइडरेलां घठ-योप्पा कोरेने हीवेलथी मोर्डने लगे. * धान्यनी साथे पारांनी घेपलीसो भूडी राजपाथी, अपांत थती नधी. सनाने हलतां पूर्ये, इरी रोडपार पीएी लो. * योमासानी मां, मा सिपायनां सानां होगनो त्याग रो. * मनार पीएावातुं डाम नोडर-नोडराएीने लरोसे न छोडो. * तैयार लोटनो उपयोग जिसपन शे. *पोटमां पा डागमर्यादानं उबंधन न घर्छ भय तेनी पूर्ण डायरामो या मनाल लरयां भाटे, युस्त मंध थाय, तेषां साधन रानो. Page #256 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ૨૫૧ (घ)। चिम 11 नय 1.157 (यंश) "खा भव सृष्टि फेटली विशाल छे. भत-भतनां पार्थोमां, भतभतनां विन्सेन्द्रिय भुवो उत्पन्न थाय छे. लीलां शाइलानुमां, लीला रंगनी ध्यणो छुपायेसी होय छे. वनस्पतिनो रंग जने ध्यणनो रंग समाना होपाधी, तेने खोणजवी भुडेल जने छे. अजभुपूर्व भेवामां खाये, तो ते नकरें पडे छे. डायां शाङ, खाजांने खाजा, भेयां वगर जा क्वाथी, यणो भवते-भवती, खायएगां भ्डलामां यवार्ध भय छे." तेथी, डायां शाड खाखांने खाजां ज्यारेय पए। वायरवां नहीं. No. Date जहारनो खो - मेंही जिलडुस वापरवो नहीं. होरसनां खनाष्ठ - लोटमां जिसकुल भ्यगा सथवाली नथी. माटे, होटलमा कमन नहीं. होटल-रेस्टोरंटनं नभए। तो मात्र खायात्रां शरीर माटे हानिकारक नथी, परंतु, खायएगां खात्मा भाटे या खत्यंत हानिझरड छे, खहितङर छे. J (4) (पट) जेहरद्वारीपूर्वक, शाहु समारवामां खाये, तो तेमां रहेल यण, भुवते - भुवती ज्यार्ध भय छे. शाड सुधार्या वगर, खाखां शाइने रांधवामां खाये, तो सुंदर ईयण तो भुक्ते भवती यूला उपर जार्ध भय छे. तेथी, वनस्पति समारतां अथवा जाइतां रांधितां पूर्वे, तेनी जास-पास डाल लेवी.. पापडी - पटाएां -लींडा - शींगो - सिमला भरयां- अरेला कोरेगां यजनी संलापना घणी वधारे छे. तेथी, जा वनस्पतिनो उपयोग डरती वेणाखे, ध्यणोनी विराधनाथी जयवानो खास प्रयत्न डरखो. राज्य होय तो खा शाडलाभ जापानो खाग्रह छोडी हो. न छूटडे पायरो, तो पए, खति डाल पूर्व ४ पायरो. (5) डोजीक - इलावरमां, जेर्धन्द्रिय भुवो अत्यंत सूक्ष्म होय छे जने पोलाएा- जांयामां लरायेतां होय छे. तेथी, डोजी४ - इलावरनो उपयोग, अयम माटे, दुखो नहीं प्यारेड, नानां सांप पए। तेमां लरायेतां होय छे. जीभं तमाम शाउने, पाणीमां पलाण्यां पछी, हु] व्हाय सुधारी शाय, परंतु, लाभपालांने तो, भ्यगापूर्वक यूंच्या बाह, यायशी मां याण्या पछी ४ पायरपां. डारगडे, तेमां घडी चार ध्यणो-भवांतो नीडजे छे. KOKUYO W-NB280U Page #257 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Date (Syाडोई शाइलालु सभार्या पार सामांने यामां न शंधवाः लीडानाडा नसुधारयां, ला सुधारतीयमतेपासून या राजो. शाह समारती पणते, पातथीतरपी, टी.पी.यु मन्य प्रवृत्ति उश्यी नहीं. शाह पशेजर ध्यानथी युनो ध्यग नीडजे तो तेने नानां पासणामां से डरी, यापूर्वऽ , सलामत स्थगे ही पी. ध्यणपागां झेतरां पए, यतनाथी सलामत स्थगे छोऽपां. लीनी पाडीमाध्यमोहन नाप्नपी. परंतु खेहमाहोरी पाठीमांईयणोने लेगी श्यी: लेगीथयेवः ईयगोने, घरनी खारीमाथी ईडीन यायः परंतुनीये उतरीने, प्ठयां लडडोनहोय तथा यांग सोडोनी सयररूपरं न थती होय, तेयां हुवाणां निर्जन स्थानमां कईने, डाणपूर्वऽ , छोडी मापपुं. (शा. शाड समाश्यानुं द्वार्थ नोडशेने लरोसे न छोऽपुं. मेथीनी लामा मूल भूभाण्डेसारी रंगनी र्छयो, लगलग, होय छे. यारणीभां याणवाघी, तेनी वयाएपथळ शांप्पनी ड्याशवाणांसोगे शाह सभारपुं नहीं माले पर्तभानभां,शियागाभां भगनारी मेथीनी लाजुभा नानी-नानी अपांतनी उत्पत्ति तथा पिराधना पुष्टग प्रभाएामां पधी गयेव होपाथी, मेराध्य. जने तो, अयमभाटे, भेथीनी लाजुनो पपराश, छोडी न हेयो गोमे. ( जांडने प्रशनर साइ हुरीने त्यस्ता मामांरानो तेने लेष लागतां, तेमां पाटा, घशीयार छीएपी-सीएसई ध्यगोपाय छे. तेथी, पूर्ण डागनु रानपी........... (४) साम पर भरयांमा,ते यनी पुष्टण नुयांत थपानी संलापना छे. तेथी, मूजन्यापूर्व, भरयांने जरामर धीखेयां तेममने पाहां भीडाथी मोर्थ हेवाधी, सालभरयां सुरक्षित रहे छे. त्यारबाट, तेमांनुपांतोनी उत्पत्ति, प्राय: हुरीने रहेती नथी..... () रार्थ, मरयां, धाएतुएं तथा अन्य भसाटाभां, तेनां न बानी जीएी-श्री यांतो थवानी एरी संलापना छे. तेथी, जराजर Page #258 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २२) .. Date . . साइ दुरीने, करणीमा लरयां मने उिपयोग उरतां पर्ये पग म जारीडाईथी देवांश माथीनेने राय लेक न मागे, नेर्नु पर्छ ध्यान राजयुं. घाएगालुरानां पापडरमां शेडेडं पाई भी भिमश्याधी, तभा यांत पडती नयी (5) खाजा होडामां मुष्ठण शुपांतनी संलापना छे. तेथी, डोडा पीपराभूण) नो तैयार: पापडर यापरखो नहीं. डारा, तेभा, गंडोs. साथै, पुष्टण तुपांतो टायल होय, ते संलवित छे. तेथी, साना गहोडारखापी, जूज न्यायापूर्वक लेने, घरे पाथी, भोटी जप-विराधनाथी अयी शहाय छे. माशेलरोकनी उपयोगी यीलेने सायबवानां उपायो:गरपीपराभूणना उब्जामां पारांनी थेपली. मूडीराजपाथी, जुपांत पडतीन यानी लूकीने याणीने न पापरवी. योभासामा केलेल्याणां वातावरण तेनां सीएपी गुपांत घवानी पूरी संलापना. छे. -बालशन्योना कोरे मनान्नां उमाभां, पारांनी थेपली ही शप्पयाधी, तेना जुधांत पडती नथी. जालशनां उष्माभां, पां सीमडांनांगपान मुट्ठी शामपाथी, तेमांनुपांत | पडती नथी. * तुपेरनी हाण, हीपेलथी मोमेसी होय, तो जुवांत घती नधी. प्रयोगाम्नागने, तेवाजषानोरिः पापडरथी मोर्थ हेयाथी, नुपांत पडती नथी. . * मसालाना बानां, पाएगीनां छांय न पडे, तेनुप्रास ध्यान राजयु * मसालांना उब्जामां, डायुं भीषु साये ग रामपुं. तेने हा उब्जानां लरघु नहींतर, नीहाना संयो. पडयाधी जी मसालो पए सचित्तयुक्त शे... ( रसोडानी ल्यए: .. भावपर्योनां पासएगो मुटलां न समो. गेस-स्श्यायोरे पेटावतां पहलां, एगीथी लशलर गुपो. * सूर्योध्य पहेलांन्यूलो पेटवयो नहीं मने सूर्यास्ता पछी न्यूली KOKUYO W-NB2800 Page #259 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (२५४ Date . . गयावयो नहीं, यालु शमयो नहीं. सरसोई जनापतां पहेला, लोट-धान्य यागी मो, बरालर को सो.. * माली पासएगो उधा . माडां भूडी राजो. रेपी तेना यांत पडीने गुंगणार्छ न नय. *पाध पार्थो जीये ढोलाय येराय नहीं, लेनी प्री जगन्न राजो. दोणाय,तो तरतम साइडशे पारंपार पोतुं डरपानो उपयोगरानो * प्रांऽनपन्या भानामतापहेलांग रहाखीनां पहोणी ऊरीने पराप्नर नेर्डसो, तेमां डीडी डेमन्यन्तु तो नधीने ? * धीपार, सारनां ज्याभांडीडीमो यटी पानी संलापना होय छे. तेथी, य्हा उपर रहेल, धम्त्यायोरे डोपिए। पधर्थमा, सीधे-सीधी सारन नांमपी. परंतु धीरे-धीरे तपासीने, न्यापूर्यनेने नामवीथीसंर ने डीडी होय, तो जयी नय रसोडांना न्यूता पर, साटनी खासपास डत्ती लुपांत, यहा पर तपेटीमां पड़े तो भरी जय. तेथी, य्ला पर साटिने गोहपपी. (C) रसोडांनी विशेष नया: यतिथिनां हिपसे उपधान योरेमा, सानोणियानुं शायणीपार पापरयामां पाये छे. तेनां पोटाएामां, वांत थर्छ लय छे. तेथी, मीणां गुडिरीने, जारीडाईथी , बराबर होई सीधा जाह, मांनोगियांनो पियोग डरपो. रसोईसा माटोघाई कायमेटले शंसना मर्नर 6पर उपजांधी घु मे. मेथी, मनरनां डाहाम्रोमा अर्थ अनुपांत पेसी नग्नयःसपारे लगीधी पाथी, पर इरती तुपांतोनी न्यए थाय. परंतु हाणामां घुसी गयेस यांतनुं गुंगतेथी, जनर उपर पहुंच मांधपुं, मे क्यहानी उत्तम प्रडिया छ. पौरमा भने मभरामा पुष्टानुपांत थवानी संलापना छ. तेथी, ते जंगो उपयोग करतां पूर्व, थायणीधी जरामर याणी यां Page #260 -------------------------------------------------------------------------- ________________ . No. २५५) Date सिनेमारीडाईथी तपासी सेवांग लौटनो उपयोग उरतां पूर्व पए, - टोटने जरामर न्याणीयो. हिवसे चपरायला पाएी रसोईनां पास, धोपाईयां पछी, डोरी ऽपडांथी खूछीने,योग्यजए,घा मूडी वालेईजे. ते वासएगी, लीनां न रहेपा नेगे. लीगुगां इजली मनापर भााहिंसा छे, भाटे, तेनो उपयोगराणो. सीहाए, यएमडीसी कोरे याणीने मने पीएीने वापरयां पोईन. तेमां पं घीपार, नुपांतो या भोछे. लणता भाटेनखान डोलमा, नने, मीन उपर उपहारीने, पछी पापरयां ईमे. डोलसांने वापरतां पहेला, थायएगीयी याणी लेषां नेयमे. कमीन पर हपडारपाथी, जहर पोलाएमां लशयेली, रानानी-नानी पांत जहारमापी तय छे. भना?-लोटपोरेग्याणां भाटे, नलग-अलगयारह-यारही घरमा होयां लेई. तेनो जीये प्रभावी उपयोग हरी रामायः (0 घनो यारो : घर्ड, भमरा, पौसा, धनिया, शींग, माजी मंह, होडा, मोटां ठोण पगेरे याणां माटे. योनानो यारणो: मग, योना, गुरं, मेधी पगेरे नानां हाए माटे मोरनी थारणी: मतासांना पापार तथा लोट ल्याणी राहाय. रहण मेंनी यारणी : मामयूर पोरे जारीऽ मसाला तथा भैहा भाटे. मालगन्जलग,यारणां रामपानी, भाथाट. राणयां भाटे, मसान्मला भणीवाणां थाराष्ट्रां, पहाजनरमा मगे छर-परंतु, तेमां नवीनणी नामता पूर्व, माणी यायएगी प्यपस्थित साइडरपी. मेथी, विष्णनो प्रश्न ना रहे. * लाततां मोसामएाने हड पाडतां पूर्व, निहाल न रखो. जाडी, हंदु दुर्थी पार, गरमागरमासामएडाठी ननाय तो न्यां च्यां पहा तेनो प्रवाह नशे,त्यांत्यां जी जुवोनी ठिंसा तथा विराधना धरो. गेहुं मुडो नहीं, घाणी धोऽने पीनो . थाणी स्परछ धोर्धने, योजना नेपडीनयी खूछी नानो. ते नेपडीन छेस्ले धोने सूची हेवो. जेड जोराड मनो पाएगीमां, जे घडी जा, मसंज्य संभूर्छिम पंचेन्द्रिय न्जुयो उत्पन्न याय छे.।। KOKUYO W-NB2900 Page #261 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. /२५ Date ( मागरम रसोईनां वास, सीधा भनीन उपर नमूहो, स्टेन्ड पर भूडो. पासए गरम होय तो, तेना स्पर्शथी डीडी पोरेगी पिराधिना संलपितो . गरम पासहा भीधे-सीधा माणभांग, धोया नमूहयां. अपहायनां बनवाने पहाभूल हिलामन थाया ( भती पनते, लोकननी थाणी-पाटडी, पारलां पर भूडीने नमो. गरम पानगीथी, थाणीन्पाही गरमथतां, डीडी पोरेनी घिराधना न घायले माटेच्याप्टलोगशालोननी थाणी मुयानो पालो स्थिर रामयोगभगतो होय, वो डीडी पोरे सूक्ष्म त जाई कालवानी संलापन छोरा घरमांडीडीमो, मछर पंगेरेल चयां होयत्यारे 'डीडी-भर कोशेनो जाछिपद्रप छे. भाजीनोज त्रास छे.' योरे पाठ्यप्रयोगो नश्या. मामी-मरछर- डीडी जायधीशयां छ'- नेमही शराय साप्रास' पिप शनो प्रयोग, सिमां हीरता खने दूरतानां माप पे उरे छे. (णा कान्हिनालयमा प्रस्तुणनो महात्मा अंधारामां न डरपो. संधारामा पक्षाल उरयाथी, डीडी-पांस खाहि नानी-नानी जुयांतोनी व्च्याएर सयपाती नथी डेरीध पठापासी होय छे, तेनाधी, प्रलुशुनो नयमावले. राज्य होयरतोनारयो प्रलूनां संग उपरथी निर्मात्यः तारीने, मोरपीछ प्रमुगनां - संग उपर इश्यपुंषीची पनासाजरोजर पूंज पुं. त्यार पछी क, पाल डरपो. प्रलुगुनां संग उपरथी उतारेला झूल यगेरे निर्मात्यने,सलिङनां क्गनी बामहीमां,लेन नानपुं. सलग जयाने, धीमेधी भूपुं. रेधी, तेमा रहेली नानी-नानी अनुपांतोमरीन नय. .. ..... ( हीयामां घी: पूरती पानते, नीये ना होणाय, तेन मास ध्यान शमपुं. डाराडे, छोणायेव धीनी सुगंधी, ठगलागंध डीसी Page #262 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. Date याने यापरोसने मरी शे तक - ( रासरमा इटाला डाने यो. ठेथी, डीडी-भंडानी पिराधिनाची जयी शहाय. घर प्रहा महिने, व्यवस्थित लिनालयनी शुहिरवी, मेथी, नपी गुपोत्पत्ति भने विशपिनानो ऽ नमागे. ७) शसरमांन्या : नैवेधः रखने इणः, पोतानां हाथे तेनांमार्ट शसरमा राजेला, जनाभांम्ही ..Rथी छीडीमो न थाया.. ! * सूछ पोरे उरखाs पुष्पा सुपासितामने उत्तम होय. छतांय, तेमा डीडी, डेनुपांत जपर्छ नती होय छे. तो, तेषां खोनो उपयोग राणयो मघवा प्ल क्याए रामवी. , . . । निर्मात्य पुष्पोनो गलो, घयो पजत सुधी पध्यो रहे, तो तेमां, ., घी नुपांतापानी संलापना छे. निर्मात्यनां निहालमां, विधिमने समस्याएपा जूना-जणवपी. मेथी, तेमा रहेल डीडी, माहि गुयोनी पिराधिना न थाय.. निघूनभा उत्तमसने उय्य प्यो पापरयां शुद्ध द्रव्यो वापरपां. न जहारनी मलय निहाई, नैवेध तरीडे यापरपी नहीं. साभायिह माहि हियामां, रास- सामने लरतामपारखें पापरपुं. तो, डीडी माहियोनी नयए। व्यवस्थित रीते पगाय. न्यरपणी साइडांनी डीनो रामयो, प्लास्टीनी हांडीगो उपयोग न दृश्यो. अश्यणानी सी उजनी- डोमण शप्पपी. मेथी, डीडी.माहिने हर डरती पमते, तेमने तहसी न पडे... शिप्सरमां 3 उपाश्रयां डाले खेयां माटे, मोरपीछर्नु भो, डासन शम. पूरन नीभित्ते थतां समाचारो, संघ स्वामीवात्सल्य पोरेमा लट्यालयनो विवेऽ , क्यए। योरेगुं संपूर्ण पावन घुई. , मायां संघना भएपारोभा डेटरीज पट्ठति तो राय अपनापपांन्पी नदी. लेमभावार ना, साइ-सशर्छ जशनर न थाय, तो ढगलामंध डीडीमो धाया मने नपर-पर डरनारांना पणनीये, हलाईन भरी नया KOKUYO W-NB280 Page #263 -------------------------------------------------------------------------- ________________ .No. Date T ૨૫ ( जूज स्वामिवात्सल्य खाहि तो जंने त्यां सुधी, सांके न राजपां. रात्रिलोभन न थाय, तेनो उपयोग राजवो. सांसारिक प्रसंगोमां यए, सामूहिक रात्रि-लोकन डरायथुं नहीं. के संसारीखोने खुश एखा तमे सामूहिक रात्रिलोभन डरापीने, दुर्भथी लारे थाप छो, ते संसारीखो, शुं दुर्गतिमां भजनारी लयंडर पीडा-पेहनामां लाग पडावयां खावरो ? (22) - ग्राहसां नीथे, तमाडुनां पान राजवाथी, मांडडनी उत्पत्ति थती नथी. घोडावन्ने पाएशीयां मिश्र डरी, खपारनपार, खारसां - पलंग पर छांटता रहेपाथी, मांडडनी उत्पत्ति घती नथी. मांङड थयां होय तो, तमाडुनां पान डे घोडावन्नां पाएगीनो उपयोग न डरखो. तेवां संभेगोमां, सीमडांनां सूडां पान भूडी राडाय. (3) डोर्धया नव्या वापरतां पट्टेलां, भ्याएगापूर्व, झाडु ईश्वी लो. परंतु, कंतुनाशङ हवा पायरवी नहीं. तेनो वेयार पए। डयो नहीं. जाय मनो उपयोग डरतां पूर्वे, मृहुताथी झाडु ईरवी तो. (C) पर्वतिथिरजो रखने पर्युषा खाहि ५ खड्डार्धखोमां, रखनाथ हजं नहीं रखा जधी अजय राजवाथी, निर्दोष डीडी- धनेश वगेरे भवानी हिंसाथी जयी शाशे . ((4) टेबल, पलंग वगेरे डोर्धयए। सामान, कमीन पर घसीने न जेंयो, अंयंडीने इेरपो. जाट, जंग, डब्जा, डब्जी फोरे सुस्त जंध डरीने राजो, अर्ध जुल्लां न राजो. नेधी डीडीनो न यडे रखने तेमनी विराधना न थाय. (জ) धरनां खोरडांनी हिपालो, छत कोरे पए।; 2-3 दिवसे क्यागापूर्वक साइ डरो नेथी, डीडीसोनां नवां हर कोरे जने ४ नहीं. (ত शरीरनां हाथ वगैरे जुल्लां लाग उपर, ड्याय याग, संभ्वाण खाये तो, भ्याणतां पहुंलां, जारीडार्धथी त्यां भेर्ध जो. अथवा Page #264 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. પ૯) Date . . हाथ धारां हाथश्माषने व्या इरपी दुश्मो केथी, ओर्थ मीठी 'जुषांतत्यां ही होय,तो तेनीन्याए थर्ध शः। दुघडां धोपां नांप्रतापहेलांमागण-माछणरीने, उधा-यत्ता ऽरीने स्था जीस्सां जहार अटीन, शजर नेछ नेयां. ए डोपा नानां उ भोटां पासएमां पाएगी, प्राधपार्यो, खनाल डोईपए। यीलरत पहेलालशमर नेईलो तेमा प्यूएग-मायरे - पए। डोर्चसूक्ष्माकंतुम्तो नथी नेर । - डोपिएायील-पस्तुहतां पहेलां कमीन उपर दृष्टि लरावर इश्वी लो. छत तयाहिवालनो उपरनोलाग साइ वा माटे साडी साये जांधेसी, मुलायमसापरहीनो उपयोग श्यो. स्मशानां चितामा बाणयां भाटेना, मेडनमेऊ लाडने ,प्यवस्थित शालेयांगासने कभीन उपर उपहारी-पडारीने पछी ४,वापरयां गोमे.मीन पर पछारपायी, मंहर पोलाएामां लरायेसी शुपांत, जहार जोडणी काय छे. तेनी हिंसाधी नयी शडाय छे. शार, पुस्तकौमां तथा डपडामा डंसारी बोरे भीएगी ब्लुयांता भवानी संलापना छे. व्यवस्थित दृष्टिही उपडां-पुस्तो नेता रहेj. इंसारी योरेनापतो, मोरपीछीधी सूपडीमा सई सुरक्षित स्थाने मूडी हेयायः पुस्तो मुल्लां नरामपां. मुलां भूडी शनयाधी; तेभांडीडी पगेरे यांत यडी लय भने पछी पुस्तक अंधा पाथी, ते यहाई नय छे, मरी भय छे. जमघरमा डानमो जाय, तो भुटायम पूंछीधी सूपडीमांसाईने हरमूडी हेयो. कारण () पडानां उनाटमा, नीये डाणीपुरी पेरी, तेनी उपर सेऽ ऽपहुं पाथरपुं. पछी अधां दुमडां भूया. तेभ ऽरयाथी, डबाटमां शुपांत थती नथी. KOKUYO W-NB29OU Page #265 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. Date २५० ((4) 'पृथ्वी, पाणी, खग्नि, वायुं रखने वनस्पति सिवायनां, प्रस भयो छे, तेनी रक्षा पहा, श्रापडो द्वारां थती नथी. गाडी, स्कूटर वगेरे पाहुनोना बेशम उपयोग पथवाथी, तेनां पैडांसो नीये तो, सेंडडो प्रस भुवोनो संहार थतो होय छे. मडानो कोरे जांधवा - अंधापवामां तो, प्रस भुवोनी खेटली घोर हिंसा थाय छेडे, तेनो डो सुमार नथी, खंड छोडरीखे, छ. दुर्भग्रंथ सुधीनो खल्यास रेलो. हुतो. सगयए। थयुं खने डोर्घ डाएंगे, सासरियामां - गामडे क्वानुं धयुं. त्यां, छाएगां जानीने रसोर्ध जनापवानी हुती. खेड छाएं तोड्युं, ...तो तेमांथी डीडी नीडयो इयमयी गई. 'खायां तो डेटलाय न संहार करने, खा संसारी मुँहगी यसापवानी ! पाय दरीने, संसारनां क्षणिक सुध्नो लोगवषां डरतां, संयम भुवन शुं जोहुँ ?' खायुं पियारी, ते. छोडरीखे, इंड समयमा ४ संसारनो त्यागरी, दीक्षा सर्ध सीधी. 1 , (cs) (ত) D खारे तो, गेस खने बी.जी. शोधार्थ ग़यां छे. तेनी हिंसा तो, छाएां - लाडडां डरतां पा, रखनेड गली पधारे छे. संसारमा रहने, संपूर्ण भवध्या पालवी जून मुरडेल छे. भवध्या प्रेमी होय खने घोरातिघोर हिंसानां पायथी जयवां संखता होय, सेवां पायलीस खात्माखोखे तो, पहेली तडे, खा संसारने छोडीने, साधुभुवननो स्वीकार डरी लेवो भेजे, साधुभुवनमां, पृथ्वी - पाएगी. खजिन्यायुवनस्पति के त्रस भूपोनी, डोर्धनी पए, हिंसा ज्या विना, समग्र भुपन निर्वाह, सुज-समाधि, समता पूर्व दूरी शकाय छे. प्रलुधीरे समग्र हिंसाथी जयपां माटे जतावेजी भुवन पद्धति खेटले 'साधु-भुवन', घर-हुडान पगरेमा, डीडी स्पष्ट हेजाय, तेयुं इलोरींग होवु भेर्धजे. यासतां के कोर्धयए। अर्य करतां पहुंलां जराजर दुखो. रसोडामा सवारे रसोर्धनां साधनोनो उपयोग करतां पहुंलां, थुंक्एगीथी. पुंभे. जारी - जारगां जोल-बंध करतां, घर वगेरे आपटतां, डाजभु नहीं राजो तो, तमाशं हाथ डोर्ध भुवोनो संहार थर्ध शे. Page #266 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. २६) Date Key घरभाडीडी, भानीस्रो, मंडोडा मरश, यांचा पोरे यांदा उत्पन्न नव्याय, ने भाटे, पहेलेची स्परछता क्षणपपी नेगे. व्या त्या हयाडो, घांध, धीपोरोना पडे, तेनी हाणणरामपी मे. ड्यो, डेगांनी छाल, रीता गोटसा पोरे यांन त्यां इंडो नहीं. घरमां, यस्तो पोरे मन्तेमा, क्या त्या पध्यान राप्नो घरनी यीनन्यस्तुखो पए रेमन्तेभ पडेसी नराम्रो घरमा हुपा-सिस पोरोपां ईखे. स्परछता सने हपा- उनसनी लणपाएगीयी, तुमोनो उपद्रपम छे. मने ते संबंधी विराधना प्राणयाय छे.हो () नपुं महान जनापती पणते, स्लेज पर लाही नडतां पहेला, डामरनांगरसनुपात'पड पाथरी हेपाथी, महानभांग धिई यती नथी. TIE (Koo) गाडा, गाडांनी घुसरी, पैड पगेरे मंगो घडपांघडापयां, पहन रयां, सवयां, पेयां पेयावयांसायासस्टर-डाररीक्षा-टेन्सीट्रेन- विमान पोरे मनायां पेययां, पेयापयां तेना.मंशो पगेरेघडयां, घडापकांपेयघां, वेयापयां पगेरे प्यपसाय 3 नोडरी मा उपरांत, रथ घोडागाडीनासारीपगेरे तेनां संगो घडपांमाघडापयां, रपयां, पेयषां, यापपा पोशा सर्व प्यपसायोनो त्या ज्यो. डारए, माजयां यांत्रिक पाहनोधी घडायनां जुयोनी, विरोधी हिंसा थायछे. डीडी पोरपिटलेन्द्रिय यो पारामा पाइनोनां पेडनीये, घटी-मोटी संख्याभांड्याने भरी जय छे. तैयी,मापो लखे डीडीने वाrej ना भारी परंतु, या पाहनोने पेयपांगारा, ते पाहनोना पेयाएRIE ते वाहनो द्वारा थनारी तमाम जुपहिंसानी लागीहारी, मापए नया छे. डारण डे, ऽरयुं-इशयपुं- मनुमोप्पुं- प्रोयनां सरमां इण हुयां छे. (40) गाडां, जणE, ट, पाडा, गधेडा, घोडा, जय्यर योरे पासे ला भाटे, लार यापडापपो गाडां, गाडी, भोटरो, साईयो, रीलामो , विमानो फोरे, पाहुनाथी लाडां उपलयांकापार भाटे महान मनापयां डे ला उपनयां ट्रान्सपोर्टनो धंधो ऽरयो न खाजधानां घटनुपनिडायनी हिंसा थती होपाधी, मायां प्यपसायडे नोहरी त्याव्य छे. KOKUYO W-NB2B0U Page #267 -------------------------------------------------------------------------- ________________ . No. .२१२). No. Date . . '(शाकामांsीरमा, सांघु, घंटी, पाणीनारेंट पगेरेनो प्यपसाया याण स्रोणपानी डांसही योरेनो व्यवसायातम, शेरडी,सरसप, मेरंडा, मगसी पोरेम धाएी, इंडरी पोरे यंत्रोधी पीलवानो व्यपसाय पंपन्जोरिंग, कोरे पाणीनां यंता याववानो व्यवसाय चशण, घासलेल, पेट्रोलापीरणीनां जणधील्यादती डोईपए ट्रेटरीमो, निलो, पास सोदयानां लन, प्रेसपोरेनो व्यवसाय, प्रेती भाटेनांन द्याश डापपानां मे श्यानां यंत्रो यपापपातो प्यपसायमाहि. यांति व्यवसायमांपुष्टुण सामने स्थापर नुयोनी हिंसा थती होपाधी, ते त्यान्य छे. घरन लोयतणियुं, इलोरीगन्धेशरंगनुं के झीएी-छीएी डीठानिपाणुं न डरापपुं, रंगबेरंगी डलरल नडशपयुं तथा, नास डीने, रसोडांना प्लेटोभ, मोरी वगेरेमा डार्ड डलरनां granire - marble चोरे नननापपा मेथी, डाम डरती घेणारी, थालती वेगामे, वस्तुमो सेतांनभूइला, डीडी, भंडोडा साटिपोनी हलाईनेन्ऽयानि हिंसा नथाथः नाभीननी सादी,नेस अथपा साईट दुसरनी न होय, तो नानां न्यो, नहेमायानां डारगे, नयां छतांय, तेभनी क्याघाणी शहाती नथी. (or) राज्य बने तो, धरमांम्सोहीसमां-टुकानमा गालीयां यगेरे ना-यापरयां हारहा, या carpet-गांबीयांनी नीये मावी नार, डीडी माहियोनी क्या न पाणी शडाय. तेथीयू. साधु-साध्वील लगयंतो, भीन पर पथरायेल carpet -गालीयां पर पगभूडयार्नु उऱ्यालयाटाणे छे. ते गालीयाटि मोडीनंजाय, तो पू. साधुसाध्वी लगवंतो पहोरवां-पगलां उरयां नापी शडे छे. अथवा तो, गालीया- carpet साहिने लाही साथे पूरेपृशं योटाडी हेपाथ, तो हा गांधी न माये.. या घरमां, घरनो साभान, इनर्जीयर, ऽब्जा, टेबल पगैरे मेऽन नश्याम पडेलां रहेरी तो, मेनी नीये अथपा पाछण मनेड परंतुमो लराई शे. तेथी नो, शठ्य होय तो, सामान-वस्तुनी तव्या, Page #268 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. (२५3 Dete Date . . घर थोडां-थोडां हिवासपी'मधया सामाना मसेडीने, सेनी| नीथे तया पाछण, नियमीत तेनी सहार्य हरवी सने ने शड्यहोय,तो सोपस्तुनी नीयेनो र्शमारभीननो लागामुस्लो रहे ते रीते रघु. ननो, लंगारमा मापपानो सामान, मेड नव्यामे पड़ी रहेयाथी, मेमांपुष्टण यस्तमो लस शे. सेटलां माटे, रे वस्तुसोनो उपयोग नथी, तानीनं डोईने नियवासलंगारवाणाने तरत मापी हेयी. जाहिवस घरमां संग्रही रानपी नहीं. वास्तुशास्पनी दृष्टिले पए, घरमा अनुपयोगी वस्तुमा राप्रवाधी पास्तुभां लरपए। मायरो सने मापहां मगरमां मंछवो पधरो. जयहिंसा पहावधशे, उर्भध पापपरोसने तिनुं Reservation पा घर्ष शे. यालरो ने ? (10) स-स्थ्य वगेरे पेटापतां पहेलां, कहीधी परामरज, प्रमातां पपते हो मोसपो मने ध्यानधी प्रभा पुं. हो : " जसो नयो यूलेथी पेले पार, जाजरोहमांगाग्नि क्षया नहीं जायुं, नहीं माईं, न्यए। उरी, तमोने जपाई। घडायग्नुपने हेयां मलयान हे खात्मना सापो मनुईपाधान, सुपात्राननी हरपी लहित, थी पभाय नही मुन्ति ....' - मा. नहियोधरिन सापां शब्द प्रयोगो डोभणतां लगपयां मारे मने पधारयां भाटे हुरी शहाय. घरमांथी ध्यरो डाव्यां पछी, साधुनिा मेरी शिनाईल पोरे रंतूनाश पार्थोनो उपयोग पोतुं भारया भाटे न डरपो. भाएगीनु पोतुं तो हुंभेशा सूडो ड्यरो डाठ्यां पछी-सई माई ३श्य्यां पछी र डरयु. साधा पाएगीथी पोतुं डीने, पछी खेड नानी बालहीभां, रयभनी घासतेस नाणीने, ते पाणीधी माधु पोतुं ऽरपुं. पए, धासतेलनां पाएगीवाणुं पोj, मनां पथमा लागमां नालींतची पर-र झूट घर, सुधीर उरघु. थी, धासतेलनी पासथी, पासो लीत KOKUYO W-NE2BOU Page #269 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. Date ૨૬૪ (१०८) यासे र्ध, स्व-स्थाने तां रहेंशे . रेमा डीडीखोनी हिंसा, मोटां-प्रमाएगमां थती होय, खेवी कंपनीखो - मिलो। यसाववी नहीं खेवां पार्थोनो व्यापार 2 directs indirect डरपो नहीं. खापी मोटी भुवहिंसा ने मां थती होय, जेपी इंपनीखोनां शेर जरीहयां नहीं. जाडी, थोडां घएगां पएं। शेर जरीहयाथी, ते कंपनीमां थती, तमामे तमाम भुवहिंसानो हंड़ खापलांग माथे लागी भय. छे.... CHOICE DORJAUS SIN खोरी खाशां रोकिंदा भुवनमां खालती डीडी, मंडोSt खाहि विकलेन्द्रिय भवोनी हिंसाथी राज्य सेटलो जयपानो पघुमां पधुत्र प्रयत्न खोज 9 NT 23 TF अन तेर्धन्द्रिय भुवनो पिलाग समाप्त (THE END) '", 109 ار 756 Page #270 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ચઉરિન્દ્રિય જુવો No. Date व्याघ्यार के नवीने स्पर्शेन्द्रिय, रसनेन्द्रिय, घाणेन्द्रिय सने यहरिन्द्रिय संम यार छन्द्रियो होय, 'यरिन्द्रिय' हेवाय. पीछी, जगाई, लमरां, लभरी, तीऽ , मधमाजी, भाजी, डांस, भरघर, उंसारी, रोगियो , मामांडडी, पांEL (cockroach) , पतंगियुग मागियो, तीतीघोडा (grasshopper) पोरे यििरन्द्रिय जुपो छे. . युरिन्द्रिय पोगी पिराधिनाधी जयपानां सरण उपायो: पण सुदर्शन यानी भइरतां तभार पंजानी हुईटमा मापपाटी, घाएगीचार भाजी-भरछरो भरी नतां होय छे. पप्पानी पणिमा लशहने, डो उडती- जपान भरी न लय, तेषां शुभ माशयथी, मा प्रापठो पोतानां घरे मथपा सांझिसमां पसापेस टेबलइन, नथपा नानां सीलीपाईनोनी उपर लणी-नेटाजेसा छे. या स्वीयन्जोर्डनां 3 सिलाई मशीनोनां मुल्यां जाएगासोमां, बपीपार उडती ब्लुपांत अथवा लभरां-लभरी पोतानां घर बनापी हे छे. त्यारजाह, गृहस्थ-संसारीने ज्यास न होवार्थी , सयान सिलाई मशीनाहिनो उपयोग शररी हे छे, मेनां डारए, संहर लरायेस जुपांताहिनी पिराधिना थाय छे. सिटहनांरेशानां) उपमो अनाप भाटे, मोटी संज्यामां-- डोसेटांनां डीडांखोने उडाणीने, तेमनी हिंसा डराय छे. त्यारणा, - रेशमी पस्तोलामो तथा जहेनो भाटे) जनावाय छे. तेथी, राज्य जने तो सिटानां वस्त्रो पहेरयां नहीं. (ण जाधम, toilet पोरे स्थगोमांडोहोयाहि जपोनी उत्पत्ति तथा पिराधना न थाय, ते भाटे, हीनाईलनी गोणीसो (डाभरनी गोणीखो) थोडे-थोडे संतरे, मुघ- हां स्थगे राणी हेवी.( मायोत्पत्तिनुं मुख्य धारणा, गंछी भने साइन्साई डरवानी मागस छे. तेथी, रोणियानां जणांनो महाना न थईनयते भारे. भडानने नियमीतपणे , साइ-सई रापीने , योऽj राजपुं. डारए, योजाई-साइ-सई भाटे, भडानमां नियमीतपणे, डालेलाई | नीऽणवाधी, शेणियानां अनुपाने उत्पन्न घवा भाटेनी योनिन -- KOKUYO W-NB2800 Page #271 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. Date २५५ । तैयार न धर्ध राडे, तो पछी, उत्पन्न थपानी के विराधना थवानो तो प्रश्न 8 न रहे. ে योमासां हरम्यान, घएगां नुहां-हां प्रभारनी, उडती नानीनानी भवांतोनी उत्पत्ति धर्ध ती होपाथी, हरेड वस्तु, सेतांडे भुडतां, पंग्वा प्रभावानो पूरेपूरो उपयोग राजवानो प्रयत्न श्रापडोसे अवश्य डरपो. (9) खारे वर्तमानमां, पौषध डरनारां घएगां श्रावो, प्रायः रात्रि -यौषध न दुरे खने मे डरनाश होय, तो खाणस - प्रभाहने सीधे, उपाश्रयमां मच्छर होपा छताय, मच्छरहानी न पापरे. हवे पछी, खापी लूज न डरपी. रात्रे सूती पजते, भरछरहानी चापरवानी खाशय + प्रमाह पोषवानोडे हेहाध्यास पोषवानो नथी. परंतु रात्रे सूती बजते, व्यारे पडजां रखवानां होय, त्यारे भ्वा जने प्रभावानो उपयोग, लर उद्यमां, खायएने रहेतो नथी. तेनां सीधे, पडजां देखती वजते, खापगां शरीराहि खंगोनी नीये डीडी, मांजी खाहि ज्यडार्धने भरी भवानी राज्यता छे. तेथी, मय्छरदानी खपश्य पापरपी .. नगरम रसोर्ध - पाणी या खाहि जाध पार्थो, भे ढांडीने न -रजाय; तो मच्छर, मांखी, थवा आहि उडती भवांतो, तेमां पडीने भरी लय तेवी सभ्यता छे. तेथी, हरेक वस्तुनो ढांडीने ४ राजपी. "साजुना शाहियां पए।, मांजी पगेरे पडयाथी भरी भय, तेवी शड्यता होवाथी, तेने. पण ढांडीने ४ राजपुंग POR घीपत, सांजा समयथी पड़ी रहेलां युस्तडीमां, ' ंसारी' नी उत्पत्ति थती भेवा मणे छे, नेने यरिन्द्रिय भव तरीडे उहेवाय छे. खा भुपोनी उत्पत्ति तथा विराधनाथी जयवां माटे, पुस्तकोनां जारमां हे जानामां, थोडा-थोडा खंतरे, डामरनी गोणीजो खथवा तमाडुनां पान खथवा सीमडानां पान साजी राहाय छे. (90) घडीवार, सूर्यास्त जाह, यालु रहेस जल्जनी खानुजाकुम, घडी जधी उडती भवांतो खावीने योंटी पडे छे, खने तरत, भरी भय छे. मे खायुं ज्यारेड हेजाय, तो तरत ४, ते स्थणनी सार्घटनो पयराश राणी हेपो. धालीवार, रजा जधी उडती भवांतीने भवते - भुवती पडडीने, याची त्या माटे, गीरोजी, जल्जनी जादुजादुमां जावीने, (2) : (G) Page #272 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No ........................ Date रिपोरय, मेड पछी सेठ यांताने 'मोठामां पपशपती जय छेःमा विराधनाधी जयपा माटे, जब कोरे लाईटनर जानुभां, में मोर पीछ' राजपामांसाषे, तो मोर-पीछना लयी , गीरोणी प्रायः दुरीनेजरजनी मानुभां नहीं मावे. डाराडे, शीशेणी- सांप कोरे जुधोने मोरथी घो मोटो डर होय छे.., मोटा-मोटांस्टेडियमोभा रमाती गाडिडेट मेयमां, मोटी-मोटी छोडस साईयो पपशयाछे. सागोऽस साईटोने त्योटी-योटीने, लामो-रोडो, नानीनानी किती नुपांतो भरी लय छे. या घिराधनानो. #s, मात्र छिडेट रमनारांवाडीखोने नहीं मान आ रमत गोडवनारां-संयासन डरनाशं संयाजडोने नहीं पाये, परंतुर होंशेहोरो रसपूर्वका हिडेट नारां समा अायडीने पहा मा विराधिनानी दागे छे. जीनं जाम-धंधा छोडीने , रसपूर्व टीपीराणनेनारामोने, शंखमारे, सभा श्राप तरी ही शाया गएपीःशडायराटी.पी. परन हिडेटमा रस वेषां भाप्रथीनखथपाटी.पी.सीरीयलोग पगेरे नेयां माप्रथीमापांमात्माने डोईवाला न घाया परंतु, भोटाभां-मोटी जप-विराधनानी जिनलरी नुइसानी पेडपी पडे. मेषाभां समारां सम प्रायडो तो डर्छ रीते गोडाय? खेटले, न लेडाय, जरोजर ने? भूध अलक्ष्य: मांजी, लमरी, इंतानी वाणांधी, उल्टीमांधी जनेषुछेभाणी। दमांधी रसयूसे छे मने मधडामा मोडे छे. भयपूडनीये घूमाडो हुरीने, भांजीमोने उडाऽपामां मापे छे. भधडांने नीयोपत्तांसने प्रशस्त मापीयोजय्यांमो, तिमो नाश पाभे छे. नाशपाल मा तमामनी सशुस्यि तो मधमां लणे छ. रसन्न तुमो पए तमां उत्पन्न थाय छे. साम, मधमां घी अपहिंसा मने निरमतुं डारणा होपाधी, पळ छे, त्याग डरपां योग्य छे. भधनी कथामे, तेनां पिटुटप स्पे, धी+साडर लेगां जरीने, सयपा तो, भुराजांनी पाडी यासपी पए मुशीथी यानी रहे छे. तेथी, हवा पोरेनां प्रयोलनधी पए मध मथपा तो मधपाणी यासोनो, सापडोसे मपश्य त्याग डरपो. ज्ञानी लगपंतोले बताडेल, जावीस मलयमांधी, मा भपने पहा मलक्ष्य तरी मोणणापेस छे. तेथी, मगशित ईड, जय्यां, माजीसोनी हिंसाधी जयपा तथा लपांतरमा भानारी नरऊ गतिनां गयी जयपां भाटे, डोपिए जारहापशात, KOKUYO W-NB2900 Page #273 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -No. (२५) Date . . भधनो पपराश न डरपो मे भामणुने छारामाथीजहार डाव्यां पछी खंतर्मुहूर्त डाणभां, तेमां ते रंगनां प्रसतुसोनी उत्पत्ति मोटी. संध्याम्पं धाय छे. तेथी। सीधेसी, भाप्नएर लो प्रापडोमेन पपराय. परंतु, माजए। (Deese- butter) मांधी अनेस होटेखाहिनी वानगीसो पए। ननु पपरायः साधु-साधीनुने मेडमा मृडीने नेमने न पे, सेवां मलक्ष्य प्राध प्रघोसापटपानी मठात्तो सेडमांडला डर्छ रीताभाएगी शहाया खेटले डे, ना माएरी राहाय.. जापानमाटर, घोट्सनासेन्डपीथ, डे, जीसहीट माहि पा?मां मानहानो पपरारथितो होपाधी अधां-पार्थो जलक्ष्य छ, पापरीन शहायान - (पपा माले भवामधएसोडीक नही लेने ,पए, मोराछ मेंदु मूडीहो. सरनाटिमा मथपा संघनान्मएपार माहि महोत्सवमा तो मापा में भूपाचंगाविशेषाप्रभाएमां घायलछे. त्यारमा, मार मेपासामोरीमा टोणपाधीः सने प्राण , गटरमा क्याथी, पांडा पोरे पुष्ठण यो पेह याथ छे. तेथी, ना विराधनाथी जयपां भाटे, नडी शेडे कमतीपजतेहपेपछी,ध्याश्या पए, जोराजेंडू छोडशंग भूशं नहीं परोने? " (सदामाना ननावेज रसोई, माहि माछा पहार्योनां पासोने व्यवस्थित दांडीने नरमायांगहोय छो, भुरजले सघाए पगेरेनी भरणीसोनडएसोनेच्युस्तकामधन म्शयां होया नगीण, साईशहि मायापोतो दागारमोपएर ले प्यपस्थित मंधानाद्धशयां होय, तो दशमानधागडीडीयमो-प्याईने मापशे, मोराहाहिनेच्योटी शेसनेमरी पाठशे तेथी, रेड पासए, मरही हो ना प्यवस्थित बr-thefack दुरीने, टांडीने रजाय, तो मा जिन ३री विराधिनाथी जयी शहाय ना पहार्थोरसोई (Soid - डे liquial ले ल्लथी डे रडारीथी , सहल HEE: मुल्लांग रही जय तोतमांगभानी, भरहर, बांहारकोरे उत्तीवांत पडीने भरी नवानी पूरी संलापना छो. तेथी, रेड यस्तुने, जास, गणपूर्वऽ,' ढांडीने राजवीर(2 पर्दा पडतां भाजी-भरने सीधे, निभारी वाय छे. Page #274 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. २५९) Date मा भाजी-मरी, उडतां-हिता, शरीर उधर, माध'पार्थ उपर, डियरी उपर सशुयि पर पए जेसेछे. धएगीपार, गंडी उपर नहां पछी, मा. परंतुसो, नाधा पार्थः उपर से छे. तेथी, गंद्वीनां दनुपाएमो माघ पार्थ उपर संड्रान्त (transteryथाय छे, ते रोगनो इलायो रे छे. भात भय्छरनां जधी जयवानो प्रयत्न नधी इरपानो, परंतु, मच्छरना उजनी साधे-साथे-तेमनी विराधनाची जयवां माटे | पर पूर्ण आणखेवानीछे सामने लिमारी न साये सने नएता अनहातां पाए, भानीमाभरघरनीहिंसान घर्छ नया ते भाटे, भाजीमामच्छरहि तुसोनी उत्पत्तिनुं निवारएU: खंग, सेता श्रेष्ठ घाय' छे. शपरो ने सेवा समुह उपाय हकेसाप्रो पियारीसे: सूर्यास्त समये, संधाएं थतांनी साथे, तरत, जारी-बारए जय उरी पाथी, घरमांमाजी-मरछर-डांसाहि प्रवेशतां नथी. , मुलांडपड, थेलां, लेग परेमा मरछरो लशर्छन्नतां होयाची, डोई पस्तुरमुटली पिणशयेदी न रजायतेनी डापावी . घरमा डोपाथीहा मस्तप्यास्त न रानोमा मोटा लाशे, यां गंधी होय त्यांभाजी-मग्छरोप्रे थाय छे. इयरी, डेणांनी छाल, इटनी णमा डेरीनां गोटखां, छालधोरे उपर ग्ल भाजीसो जेयाईने मापे छे. ट्रंमां,'हडी'- सेतो भाजी-भरछरोन प्रसुतिग्रह उत्पत्तिस्थानमा छ घरमा हेटलीगंधी यधारे तेटली भाजी-भग्छरनी उत्पत्ति पधारेल, विराधना पापंधारे नोम समठ'... पर मानी-मच्छरनी डायाः सत्यंताडोमण होय. छो हराह पए, लारे समता स्पर्श थतां, तेस्रो तरत भरी लय छे. हितां-बेसतांडे पड़ इश्यतां पटाले जेाण रजाय तो भानी-मरछर तरत भरी भय छे. पस्तु सेता तामाजसेडता पंडवा-प्रभार्डवानां रडारी राजपाधी गभानी-भरछरनी हिंसा घर्ष भय छे. तेथी, डोईपए वस्तुनो देतांमूहतां, भाजी- मराछो हजाईन लय तेनुपूरा ध्यान राजो. मानी-मल्छर उडीने, मुदला हृध:- धी-तेल-ण शाह- सानुनां होएा डे पाएगीमा, घणीपार पडी लय छे. सापुंज्यारेऽ थर्छाय, तो तरत, भाजी-भरछरने सांगणी द्वारा डाढीने , जयापी खेवार्नु जहार फाट्यां जा, मेवानां गुंते डी राजे छे' ने Gडी राडे तेम न होय, तो तरत, सूडो न्यूनो मथपा राण सहने, लीनी भाजी KOKUYO W-N82800 Page #275 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - No. Date 290 उपर थोड़ी ललरापवी. यूनानी 'गरमीथी गरभावो भजतां न, ते सहिय जनीने, थोडीपारमां उडी ४शे. खा रीते, प्रयत्न डरनारने, भाजी-भरछरनी विराधनाथी जयानो भोटो साल भजी भय छे. १ धरना जारी- जाएगां जंध राजीने, दुहरती हवा-उभसने रोडवाथी पा, भाजी- मय्छर२- वंतुरखो बधे छे. तेथी, हुवा - उभसने खवरोधो (अरझवो) नहीं जारी- जाएगामां, सीएगी भजी द्वीट दुराववाथी, भाजी- मय्छरोनो घरमा प्रवेश थतो खरडावी शड़ाय छे. भाजी- भय्छरोनां प्रासधी जयवां माटे, पंजो अरपानो यालु विडल्प अपनाप्रधानां जहले, मरछरहानी जांधीने सूर्य क्वाथी, मच्छरोनां इंज जने विराधनाथी, सरणतापूर्वक, जयी राहाय छे. हिपेसनो होवो अस्वांथी, भय्छरो लागी भय छे, खावतां नथी. डजी यूनो ललशपपाथी, वांहारंजो लागी " भाजी- मरछर पधी गयां होय, तो तेमने दूर डरपां अथवा भाजी - भरछरो खाये ? नहीं, ने माटेनां, सरण, निर्दोष उपायो नीये प्रमाएो छे : सीमडांनो धूप दुरवाथी, तुलसीनां पान जाणवाथी १ भय छे. न चं सीं जोडीनं तेज डे खोडोमस डे संतरानुं तेल डे पछी सविंगनुं तेल के मालागसीनो तेल शरीर उपर थोपडवाथी, भय्छर डरडतां नथी . भाजी, मच्छरो तेनी गंधथी लागी भय. छे. १ १ و → गुगण अथवा लोजान के अंहुप } ssai सीमडांनां पान डे संतरानी छासनो डे डाँडीना पावडरनो डे यानी सुडवेली लूडीनो . घुमांडो डे खाडनां सूडां पाननो घुमाडो डरवाथी, भाजीमच्छरो लागी भय छे.. SOD ⇒ खांजाना सूडां पानने, सजगतां डोलसा उपर नांजपाथी, तेनी वासंधी पण, माजी- मरछर लागी भय छे. १० ग्राम सीमडांनां पान + 4 हाएगां भरी + प्रभागयुक्त जडी साडर, खा प्रोयनं मिश्रण डरीने, २१ हिवस सुधी सणंग जावाधी, भरछर डरडतां नथी. तेपुं डेटसांङ निष्ठुगातोनुं दथन छे. स्नान डरती वजते, सींधुनी -छाल' त्वया उपर घसवाथी पहा भरछर डरडतां नथी, भाजीखो खापती नथी. ने → ज्सु - डाणां घेरां रंगनां उपडांथी- हिवालथी पडहांथी खाडवर्धिने भाजी-भरछरो खावे. छे. तेथी, मे शहय जने तो, जावां घेरा Page #276 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २७१) No........................... Dale रंगजे बहले, साटिन्सोलर रंगो पसंह उपाधी , भाणीनमरघर सो सापशे, तेनी पातरी.. व सिट्रोनेला तेवनां थोडां टीपांसो, पाएकीभानाजीने, ते पाएीभां खोगेली रितीनीने, ने धरना सलगमला भांडावी | हेयायतो भाजी-भरछश लागी शेखापरोपनहीं... खाजधां, उपर जलापेल उपायो उश्याथी, माजी-मरशे हर पए घर्छ जय छे मने नुपहिंसाधी पए प्रयी शहाय छे. नकुटा विहानुल्या फा.धी- हाण-शानेलनसानुना झीए पोरेभा, भाजी भग्छर निनुमोपडीने भरी नय छे.. माटे तेमने. प्मुल्लांन रजाय. उनणेसुंमागी हारेली परातने पए जुटती न भूयी. परंतु, तेनी उपर लपीनटांडी हेवाधी, नुपएंसा पए न घाय सने न्याशीमएगहरी नय. सानुनां पाएगीमां लोणेला घडांनी जासही बगेरे साधनोपएएमाढाडीने राजपां. माती, भरछर डे. पाहामारपानी डोईपए ध्या; न छटापाय गह 3 लेयां डोपा जन्य उपायो नम अलमापाय. झपरोने? साणा घरमा मीठापाणां पाणीनुंगामधपा यानी लुष्टीपा पाएगीy योतुं श्याधी, भाजी-भय्छर व्यतां नयी. ( साभानी भग्छरो हर हरयां भाटे, हंतुनारा D.B.T. पोरे डोईपए हवासो छापवी नहीं, Pest Gntrol'न्याणांना पए बोटापपां नहीं. डारए, तेमां घोररहिंसा थाय छः से रीते, 'AI dur', | Good Knightn, धुमाला सगरमती Mortein Foना', mosqtar matोरे । पए पापरयुं नहीं. हारएण्डे, मा अधी पस्तुरोमा पेलिनिन नाभी तुनाश हपा नाप्नपाभां मावे छे. तेथी, तेनां धुमाडांघी, माजी-मच्छरो, तर भरी न्नय छे, अघपा | तेमने पिरोष न-डिसामना- शृंगगाभा- प्रासादि पहोंये. सारी धुभा तो, भानपना मारोग्य मारे पए, सत्यंत घातक मने हानिकार होय छे. भग्छर- अगरबत्तीसोनां री. रसायगोने | सीधे, तेनो घुमाsो पाए। विशेष नुसानकारऽ साजित चाय छे. घरमा डेगांगी छाल, पनस्पति-शाऽत्मान्नु, माहिनी छाल पोरे ऽयरांनो संग्रह न पा हेयो. परंतु, तरत , न्यष्टापूर्व KOKUYO W-NB2BOU Page #277 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २१२ योग्य निडास डरी नांजपो गायांहि पशुखोने पा अवडाबी शाय, डेरीनो रस.. डाढ़ती पुजते, छाल जने भोटलां, पालीमां डुजाडी राजवाथी, माजीरजो यती नथी. सा अजभु भे न राय, ... तो गंहंडी थझाने सीधे, घणी भाजीखो, खाडर्षार्धने खापशे. आजानुमा भाजीखोनो अाजाशाट मे सतत यालु होय, तो जेसवानी- सूपानी- जापानी हे जन्य अर्थ यएए प्रवृत्तिमां, आपने 'जलेल पाए पहोंये, छे, ज (23) (२४) रसोडानां जाटमां, जाथश्ममां डे जाग जने गटरमां, वारंवार भेषां भजतां वांधानो परिचय होने न होय ? जयानड, उमाटनां जुलामांधी बहार धसी जायतां जा नंतुने भेर्धने घणां सोड़ो 7815 गलरांधे भय छि. खातु , जास डरीने, गहडीमांथी उत्पन्न ...... थाय छे. स्सोडामा साइ-सार्ध जसजर न थती होय, खंडवाड पड्यो रहेतो होय, मोरी जराजर साई न थती होया अन्य दुसरो नमा थयां, डरतो- होय, त्यां पांध नही उत्पन्न धर्ध भय छे. पाहा उत्पन्न थर्ध गयां पंछी, तेनो निडाल डरवां माटे, घगां लोडो. पांहानी हवा छघंटे, छे. खा ध्यानी सुगंधधी जेयार्धने, जूীजांयरे लराखेतां पांहारणों बहार खावी भय थे खने पानी नभु खापतांनी साधे ४, तेनां करथी स्पाटप भरी भय छे. खापी हवा छांटखी, ते तो, खायली लयंडर दूरता छे, हिंसङता- नियता ह े. निर्दोष उपायो करवाने जहले, खायां हिंसक उपाय डरवां, खेतो ध्यानं हेवाणुं न गएणाय नीये अहिंसङ, उपायो जतावेल छे : वॉश - जेसीनमा, भोरीमा डे, जाथश्ममां - संडासमां, सतत लीनाश रहेपा न हर्धने, तो पांहा वगेरे भवांतो उत्पन्न न न थाय. सांभे पासगो साझ य जाह, मोरीने जराजर साइ डरपी, पाएगी पूंछी नांजवं जने जावनी भजी उपर तथा खानुजानुमां डेरोसीननुं योतुं डरी हेपुं गटरनां ढांड पे - अंध न राजयां. भ्यारे जोसवुं पडे त्यारे ध्यान राजो. ढांडएएं जोसतां ४ पांहा जहार धसी खापशे. यत्र नीय हजार्थ न भय, तेनुं खास ध्यान राजो.. प्रधानम . इ25डीनां द्रापलामां डेरोसीननां ३-४ टीयां नांजी, तेनुं योतुं रसोडामा डरबाथी, पांध थतां नथी. Page #278 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. 293 Date . . का उपीयूनोललरापपाथी, बांगलागी नया छेकर नीलगीरीनांजापान पोर्बु श्याथी, पांहा थतां नथी:पीपरभीन्टना तेलवाणां पाएीन पोतुं हरयाधी, पोहायतां नथी. डडया सीमंडानां तेलमांडण्डपानाजीने, घोरपांधी पए पांहां थतां नथी. (रपाजारीनी नणी पर डेरोसीन-पोतुं ईश्वपाथी, रोणियांना मयतां नथी. जागा (२९) याभडी पर डेरोसीनन ४ टीपां घसी नांजपाथी, भरछर रडतां नथी मीना उधर, डेरोसीनयाणा पाणी पोतुं ईरपपाधी पहा मरछरो सापलांपा नथी हाक (e) हेरसरमां घी, इलाम नैवेद्याव्योरेनां डारो, ज्यारे डीडीयो ठिलराय उ महोडां कोरे थाय, तेवी पूरी रायता छे. भाटे, उपयोग राजपो. हेरासरमांच्यासती. यानते पालमती रतां पा, मास मासा बसभितिनो ठिपयोराजयो हेरासरमांडला- हुलाई डाने सई सेपो. विथी, डीडी, मंडोडानी विराधनाधी यी शडाय. घर महिने , हिनालयनी व्यवस्थित पशुहि रखी सिमास ऊरीने योमामामां, स्युलाईटातथा बदला पिर, नानां पतंशियायां हां, पुष्टण प्रभाएमांड उत्पन्न थर्छ नया छे. सपारे, पड्यशमां ने मुधनांडलेपरी लेगां थाय छे.. ट्युजलाटिनी वाडी साथे, सीमडानां पांडांनी नानी डाणी बांधी हेपाथी सापां हां थतांनथी, तेनी पिराधिनायी जयी शडाय छे. .. (ख) सान्द्र सूर्यास्त पछी, पांसूडावधानी होरी थोड़ी, हुलापो. थी, तेता परा-भानीरोगसतपासो न डरेगरातनांसयो, होरी पर नावीने, डोई गरोगी, मातीमोनुं लाए नउरे ते माटे मान डरघुति गरी छे. (30) न पपरातां, पधारानां घडां-भाटलां गायरमा राजेयां होय, तेने भोटानां लागे, ऽपडांना टुडां पडे जांधीने मापां नेईजे. नहींतर तेमा डरोणियानां नाणां थर्ड न्वानी पूरी राध्यता छे. (31) ट्युमबाट डे ललनां प्रडारामां उत्पन्न थतां हां कोरे उडतां नानां लपोनां शिडार भाटे गरोणी मापे छे भने घोर हिंसा डरे छे. ते हिंसाना निवारए भाटे, साईटनो उपयोग, जने तेटलो मोछो पो. राने नास्तो रसोई फोरे. उरघु नहीं डाराडे, साईट पर उडतां पतंगिया-ह-मण्छरो पोरे तेमां पड़ीने नाशपामपानी पूरी संभावना छे. - - - KOKUYO W-NB2800 Page #279 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Date एउशा संडासमाधमनी राईप्स साइडश्यां माटे, मेसिडनो उपयोग डरपाथी, घोर हिंसा याय छे, सामसीनां पाती डे टीमुना घोडियाथी , संडास-जायश्मनी टाईप्स घसीने साइडरी शाय छे. ( लीतमाथी जील्ली, नीटी पोरे, अख्यां पछी, रे छिद्र रही भय, तेने लीनांना योऽधीलरी हे'. तेयी, तेमानुपांत लराय नहीं: (3) जननां हॉटडर मुलांन राजपां. मुल्ला हॉटडरोमां, अपांतो - लरामपानी मने मरी रुपानी पुरी शङ्ग्यता छे. (उपाभरछशेर्नु शरीरमूल नाशुरू होय छे. तेथी तेने टि सो नहीं. शरीर उपर उडे त्यारे त्यां तुरंत हाथापान हो. नहीं तो, तुरंतर ते मरीशे. परंतु पस्मादिना छेडाथी तेने हणवेधी दूर डरी राजाय. पाईनसायोनी घिराधना जयपायएगांना उपरो: घरनी साइन्सा , भापत भाटे, डोई-पाए सामाननो उपयोगले जीये प्रमाणे मतापेस पहतिधीसने नेपाःसामानथी डरयामां मापे, तो ते साइन्साईनां सामान न रहेता, कयानां उपरो' जनरो. विशेषतः तेनाधी, यारिन्द्रिय सने तेन्द्रिय पोनी न्यायाय छे. पए, सर्व प्रकारनां उपयशोनो महीं, विशेषथी यापा-प्रापिठामो पतापी श, ते माटे, मेड साये मा पिलागनां समाप्यां छे: हम व्यागानां पडरी : गलए घरेलसात गणांशजयां कतईजे. ( पाणी गाणवाभाटे नहीनयानुं भी पाएगी ऑरपेअनुपाती म घी गणी ( तेल गणगी (४) धगाणवायूँ (प) छाश गाणपातुं ७) उठाणेj मयित्त पाएगी गाणपानु 0 लोट याणपार्नु मा सात गणां रामपायी, डीडी, सारी , मरछर, भाजी पोरे प्रसन्नुपोनां पुशलो होय, तो ते गाणयाथी नीजी शे. पापी मने पोट याणवा-गाणपाथी, उस पोर्नु रसुए थाय छे. Page #280 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. २७५) Date सापरी मुवायम स्पर्शपाणी जरछर मही) सापरएी रापपी. व्हएी मास प्रहारनांसुडोमण धासमांथी मनापेली मुलायम स्पर्शपाणी, नानी पीछी, रेs Room मांजने तो र-3 राजयी. यरपणो : सामायिक प्रलिकमएमा, हिता-जेसतां, न्वा-पभाईयां भाटे नरी उपर वायरयणो. तेनो उपयोग प्यपस्थित श्याधी, डोईनुपापिराधनापन थाय.। यश्पणी: साडांनी नानीहांडी-उपरूपयरपणांवी जननी नानी सीमा शापेj होय, ते 'यश्पणी उजाटा-घोरे साइडरया भाटेनुं मायएपासुंधरा साधना छेमा TFT मोरपीछी : मोरना पीछाने जांधी ने अनापेj मा उपरए। छे. _पुस्ती , छोटां पगेरे पूंनपान मा उत्तम साधन छे. यारएगा मल्सना, लोट, मसालांगकोरेगरिया-धान्य याणपाना यारएकामालायहरयो रंधाती रसोईमा उपरथीलंतुन-पडे ते माटे, रसोडानां उपर जांधवानां मापतुं पहुं-मेटने यंध्रयो.. घरमां पण्डालो यंरया खपरय बांधपा नेणे: वायूला उपरापसोपएगा (छाराडरपानां स्थाना उपर ए पाणियारा उपर सूपानां बिछानां उपर (लोसन हरयानां स्थान पर कन्हापानां स्थान पर (ए) घंटरी उपर सामायिह पगेरे. धर्मठिया श्वानां (प) पांऽणिया उपर स्थाने एपौधधयाणामां) (A) रासरमांगा जा | सुपडी : मने प्रारनां तुनो, जे घरमांज्यांय पामणे, तो तमने हुणपाराथी, पागी न भय ते रीते, सुपडीमा पर्धने, सुरक्षित स्थान पर मुडपां. क्या अर्धनो पा न पडे, डोईयलीडागां यगेरे पंजीसी डे नानां पशुमो जाननय, तेयां सुक्षित स्थानमा नमूडपां. जिनणे जांधवानी डोधणी : “अापड- प्राषिकामे, डोऽपरा डार्य माटे,' मएगण पाएगीन पपराय"-मेषु भागम-पयन छे. २४ लाडे, नण उपर जांघेली डोयगी जलपी, जूज नपरी छ. K भाटातुं शेष जाली डरीने, घोने, गाणीने लरj. KOKUYO W-NB2800 Page #281 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - No. (२१५ Date पापडांनी पीछी: साङडीनां डंडानां खेङ छेडा उपर, पास पहुं जांधीने, तेनागपडे, पस्तुओं पर अभेली ण धीमेथी डाढी नामवी. परंतु, झापट-भूपट न डरपी. डारा डे, मापरवाधीन्नुपईतूमो भरी जय छे... लालगां पाऽपार्नु माई : हिवाटो पर, सीबीगमा पस्तुसो पर, घरना सीलीगनां पासोमा नभेलां ना डाटपां भाटे रोड मजग नरम-तांतपाषाधु तथा सांजा हांडापायु झाई रामपुं. नूरनी Fute) जनेली पूंनएीधी, घरमां, नीयेनां लागमा रहेलालणां डाटीराडाया अपतुपुरोणियां भरे नहीं तेरी यालयानां पिरो, पहेली तडे, घरमा पसावीने प्यवस्थितपो तेनो उपयोग श्याधी, आमागा घरमा थती जितकरी हिंसाना ऽयी, मापां समग्र परियारने जयापी राहाय छे. सपशे गे? (35) पहा न घाय ते माटे स्परछता श्री छे. चोरा-जेसीजभां, मोरीमां, जाथम, संडास पोरेमां लीनाश न रहेपा हेपी. खेड मोरा उज्यामां नाहियेरनी छास, दूनां दुपडां, थोsi डोटलसा योरे: लरीने, उपर जाप्परांडेडड पूरीना टुडडा म्हो. ज्यां पाहा यया होय, त्यां खा डमो मूहो.. यांनी या मानां पोलाएमां मावीने मराई शे. उपपिस पछी, सांगना समये, डब्लो डोछ वापरां सुरक्षित स्थानमा लई,माटी डरी हेयो. पांघ थपानी संलापना होय, त्यां डेरोसीनतुं पोतुं डरयायी पए पांडा थशे नहीं. 'हेवीटा-महाहेपीमा' प्रोडरसनी मे हुर्जत भेडीसीत जनरमा मगे छे. ते मलम, घरमा समुह थामे सगावी हेवाटी, बांहा थतां नथी. थयां होय, तो याल्यां लय छे. पांहा तनाथी भरतां नधी. - Address : हेवीडामहावीरमा प्रोडरस ४3, हुसेन मेनोर , ममनन पेटीट रोड, पारसी नरल स्पीटलनी गटी, डेम्पस डॉर्नर मुंबई- उद. Page #282 -------------------------------------------------------------------------- ________________ E39) ........--------------- Date मा रीते, नापहां रोल्लुद्यां गुपनमां यावती, भाजी, मच्छर, पाहा माहि यरिट्रिया योनी हिंसाधी जयपानो पधुमां वधु प्रयत्न डरपो: शवरो ने ! याशिन्द्रिय अपनी पिलाग समाप्त (THE END): व्यठिरिन्द्रिय जुयोगी विलाग पूरो थवाधी, विटोन्ट्रिय न्जयोनो पिलाग पहा पूरी थाय छे. डाराहा, विष्टलेन्द्रिय | जपोमां : जेन्द्रिय + तेन्द्रिय+ यरिन्द्रिय पोनो समावेश थाय छे. यंत्र नीये भुगल छे नस जुयो। . 15 बिलेन्द्रिय योपंयेन्द्रिय पो बिस्ट्रिय न्यायविन्य हये पंयेन्द्रिय. गुपोनी विलाग शश्थाय छे. KOKUYO W-Na2eou Page #283 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -No. Date (300) I हेय ... पंयेन्द्रिय पो पंचेन्द्रिय भुवो (मुख्य ४ लेह) क નરક તિર્યંચ हुपे, पंचेन्द्रिय भुवो विषे शइखातमां सामान्यथी js समभृशुं. त्यारजाह, पंथेन्द्रिय नुवोमां मसर हेष, तिर्यया, नरड जने मनुष्य संगे विस्तारथी समभ्वानो "दुर्घ प्रयत्न खापोरी खास नोंध : 'पंयेन्द्रिय निर्यय भुवो' भ्यारे उहेवाय, त्यारे तेमां यंयेन्द्रियनां विलागमां जायतां तिर्यय भुवो खेटले हे पशु-पक्षी (क्जयर, स्थणयर, खेयर) नो समावेश डरखो. पंचेन्द्रिय तिर्यय = पंथेन्द्रिय + पक्षी पशु+ मनुष्य 12.201 : निर्यय खथवा निर्यय geit गति भ्यारे, 'तिर्यय भुवो' - खेम सामान्यथी उहेवाय अथवा 'तियंय गतिनां भवो' हेवाय, त्यारे ऐतेमां तमाम खेडेन्द्रिय + विकलेन्द्रिय + पंयेन्द्रिय तिर्यय भुवोनो समावेश थाय छे. = 'खेडेन्द्रिय + पिकलेन्द्रियः + पंयेन्द्रिय (जेई+ तेही 15रि) तिर्यय Page #284 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ॐ पयन्द्रिय पो No. Date . . व्याज्या: ने नुयोने थामडी, जुल, नाई, मांजा, डान - मे पायेय केन्द्रियो होय, तेने 'पंयेन्द्रिय अपो' हेवाय. हातः हेप, मनुष्य, तिर्यंय पंथेन्द्रिय पशु-पक्षी) , नार पोरे. पंयेन्द्रिय तुपो र प्रार) देव नार तिथंथ मनुष्य नारः नारडनां गुपो अत्यंत जवाणा' छ. पोतानां दूर होने लोगवयां तेरो नारडीमा ८४ नरमां) हन्मे छे. तेसोना ... जोर्नु पनि ज्ञानीमो पा री शऽतां नी. तिर्ययः तिर्यंय गतिना जुपो पहुए नपाणा' होय छे. तेमने "परवशता' घी होय छे. ज्यारे यांशिऽ सुमलोगपे छे. * तिर्यंय गतिनां यो = खेडेन्द्रिय + पिलेन्द्रिय + पंयेन्द्रियतिर्यय | * तिर्यंय पंयेन्द्रिय गुपो = रणथर स्थिणयर जेयर - पशु-पक्षी भन्नुष्यः सा गति सुज-प्रवाणी' छे. परंतु, सविशेषता से छे ड, भनुष्योहे नुपयोग्यताने पानीने परिलमाथी मुक्त धर्मशाश्वत सुण प्राप्त उरी राडे छ. भापुंसंज्ञीपj-पियारशस्ति धारण ऽश्नारं अपन प्राप्त पुं हुर्खल छे. हेपा आ गतिमा, प्नुपने सर्प प्रहारनां लौतिऽ सूजो होयछ, परंतु, मनुष्यगति वां धर्मनां साधन संयमनी प्राप्ति थती नयी तेधी, सुणलोगमां रायीने प्रायः तिथंय गति पामे छे. परंतु, सभडिती हेप, सुनमा पए। सलान होपाधी, मनुष्य एधारए। डरी भुडित पाभे छे. सा यार गति सेटल भन्मराहितां जमने परित्नमा छ. 'भोर' मर्यात पंयभगति र नुपना सायां सुभ स्थान छे. मा नुववियारर्नु ज्ञान ते गतिनी प्राप्तिनी इयि - भाटे छे. KOKUYO W-NB2800 Page #285 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - જે સમગ્ર જીવસૃષ્ટિનું નિવાસ સ્થાન : ૧૪" રાજલોક I !! હાઇલોક સિધ્ધ, સિદા શિલા SUU ••••••••••• અનુત્તર •••••••••••૯ નૈવેયક | | | તે ઊર્લ્ડ લીક 4--ક્રિલ્બિષિક ---કિલ્લિક સ્થૌતિષ વ્યંતર ટ્રીય સમ્ર મધ્ય લોક - - * * - - 01 > નરકે ભવનપતિ 1ફt&છે કેe est « * * નરક છે આથી લીક પst & 4 6 1 | | નરક ૩. REFLE નરક ૪ BuIDN His E. : :: :: : Tીન કર્યું ચ , નક૬ :: E + + B BE Be ( ૧iIUS - - - - 3. - Page #286 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. (220 Date सर्व लयोनां रहेवानां स्थानने आपणो 'विश्व' हीजे छीमे. तेने 'लोड' पए। उहेयाय छे. मोड: 'तु पातु उपरथी सोड' श बन्यो छे. रेनो अर्थ '' सेम थाय छे. सेटो, भां न्नुप-पुशताहिद्रप्यो वामां मापे ते सोड' सने तेनो प्रतिपदी- क्यां जपपुगलाहि प्यो पा न भणे तेने 'सतो हेपाय. खलोड खनंतानंत खाडाशास्तिडाय (पोलाए) पछे. गेम डोई विशाण स्थानमा पथ्ये निराधार भाएप्सतुं पुतणुं सराप्यु होय तेम असोडना मध्यमा सोऽ रहेल छे. मा लोड डोने जनाप्यो नथी. ते साशाश्वत छे. सोङनो साकार बने तेनु मापः लोहनी साडार जने जारी द्वेडे हाथ राजीने तथा जे पग पहोगा रीने उलेला मनुष्य समान रपैशाज संस्थान रेपोछेमयया तो निशरापासपुट नाडार' सेटले 3 सुप्रतिष्ठित सरपलाने साडारे छे. नेमाडे रोड शशप हडोडियुंधुराजीने तेनां उपर से सपणुं शबीन , तेनां उपर इरी पाछु मे धुशराप गोपपाथी लोडनो नाडार थर्ड नय छे. ते नीयेधी विस्ती, भध्यमां-- संडीए मने उपर पिशाण छे, नीये पल्यंऽनी समान, मध्यमां श्रेष्ठ पनी समान सने उपर तीर्घमुन मृग समान छे. सा लोड डोखे यों नधी, स्वयं सिद्ध, निराधार अने सहाशाश्वतछे | ते सोडनी बनाई पाहुनी छे. “र, गैड मत भाप छ भने ते भापथी भापतां विश्चलोड = १४ रकुलोड = १४ शकलो प्रमाए थाय छे. माटे विश्वने १४ रालोड' पहा हेपाय छे. | रुष्ट : रान नुं माप: डोळ हेप, 3,८१, पर,630 माना पटनना मेड लार, तेवां4000 लार पहननां खोटानां गोणाने उपरथी नीये डे, त्यारे ते, गोणी उभासा, दहिवस, ९ प्रहर मने 5 घडीमां रघु क्षेत्र पसार डरीने नीये सापे, तेलां क्षेत्रने खेड रन्कू : रमेऽ रा हेवाय. हे असंध्य कोडाकोडी योन्डन प्रभाएा होय छे. KOKUYO W-NB2800 Page #287 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. ( 2.2 Date साना सापही त्यां रहीसे छीसे, ते सोड' नीयेना तण लागमा शडु माडारे 3 रकछु पहोलो छे. त्यांची उपर अनुऊने घरता रन्तु उपराना त्यां नरकप्पु थापत् पहोणो रहे छे. त्यारणा, उपर पहोणो यतो, उपर पु उपर लापतां पर पहोणो छ, पछी- उपर घटता-घटतां उर रहमे छल्ले पराठ पहोगो रहेछ. मेम संपूर्ण टोड, नीयेथी उपर सुधी सीधो पर रकुनी मांगो छे. प्रिसनांडी : भघरना भध्यलागमा थाललो अलो होय, तेम सा लोग्नमध्यमागमा पारा पहोणो. अने. १४ रक्कु नीययी उपर सुधी सांला स्तंल वो खाडाराषिलाग प्रसनाडी' हेयाय छे.. मा सनाडीनी अंदर प्रस मने स्थापर बंतेप्रडारनां ब्लुपो छे. न्यारे सनाडी-जहारना सोडाशमां भान खेडेन्द्रिय स्थापर नुवो न होय छे, खेरले डे, नस जपो नहोय. पानीय लोड जुषामने अनुषधी. संपूर्ण लरेसो छ. सोऽमां मेवी ध्याय नव्या नधी व्हयां नप न होय सने परमाणु पुहगल न होय. टोडाडाशना भुम्याउलेह या हीनोऽति लोड एस्पर्श उपलोड) मृत्युसोड मध्यलोड घोसोऽ (पाताणलोड डे नरह) (णीर्घलोडतेने स्वर्ग हेवलोड तरी. पा सोणमाय छे. ते यामां पट०० योल्न न्यून राष्ट्र प्रभाए छे. सोडाग्रस्थानेधी नीये नीये मश: सिद्ध परमात्मा, सिद्धशिला, पमनुत्तर विमान, E |पेया, पर वैमानिक हेयसोड रहेला छे. ते उपरांत सोडांति मने उडिस्नीधिड पोनां स्थानो पा छे. Page #288 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. २८२) Date Date : : थति मोह : लोडनां मध्यमा होपाथी तेने 'भध्योऽपए दुहेपाय छे. तेभांतियंय सने मनुष्यो रहे छे. वणी तेमां, ज्योतिषाया, मेरुपर्वत नमुट्ठीपाहि मसंप्य द्वीप-समुद्रो, तथा मेरुपर्वत पैताध्य पर्वतापगेरे उपर छ तिर्यग्ला पोना स्थानो पर छे. तथा नीयेनांEO योन सुधीमां पाएाप्यंतर भने प्यंतर योनां स्थान छे. खाम, तिप्लिोऽनी थाई १८०० योन्डन छे. ( अधोलोड : तेने पातागलो पएहेपाय छे. त्यां नरगतिनां न्नुपी रहे छे. मने 10 लपनपति तथा पप परमाधिाभी योना स्थान पर मधोमोडमा मायेस छेमा अधोलोड ७ शत प्रभाए। यो छे. ___ या रीते, नुपने रहेपानां नए खोऽ' छे , मन गतियार' छे , 'योनि- योर्याशी साजछे बने प्रडारो- अनंता छे. उपरोऽत्त रीते १४ रालोऽनुं पहन लायां जा, तेना प्रत्येक साठाशप्रटेशभां सापए यात्मा, सज्ञान-मिथ्यात्पपरा, अनंतानंतपारन्म-मरानां देश ऽरी यूध्यो छे. मेहडीत, सोऽन्स्पलाप लापनाना सल्यासथी, दृष्टि समक्षु पापी, सभ्यगहर्शना प्रगटापपा , तत्पज्ञाननो नितासापूर्व। गुरुलगपंत या मल्यास डरयो री छे., घी, पर-परिहातिनो छह डरनारी निर्मण मात्म- परिहाति प्राप्त थाय. सम्यग् दर्शन-ज्ञानयारिननी साधना द्वारा, साध्य मोसुनी प्राप्ति सुबल अने, तेभा र मनुष्य तन्मनी सार्थऽता छे. KOKuYo W-NE2800 Page #289 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Date हेप (पंयेन्द्रिय पनी पहेलो प्रहार) प्यपहारनी दृष्टिमे सुन, पैलप, माहार, शरीर, नन्ममाहिनी पत्ति न्यां मनुष्यगतिथी तद्दन दुही छे, तेयां सर्वश्रेष्ठ स्थानने 'पाति' हेवाय छे.. हेपी- पंथेन्ट्रिय अपी छे. तेरमो. मारान्धी प४ मा रान्ट सुधी पसे छे. मेटले डे, नहोलोडमां होय छे. योनां भुज्य ले तालपनपति राप्यंतरा ज्योतिष लावैमानिङ लयनपति वो खघोलोऽभां रहे छे. प्यंतरहेयो मने ज्योतिघयो तिर्खासोङमा रहे छे. વૈમાનિક દેવો ઊર્વીલોકમાં - રહે છે. अधोलोडमां लपनपतियो रत्नप्रला नामनी पहेलीनर पृथ्वीनां प,20,000 योननां नडा थर याण मांधी उपर सने नीयेनां पेड-खेड भर योना प्रा डरतां, पय्ये १,32,000 योन रहे. तेमां, पहेली नरहनां पोनो रहेयां मारे 3 प्रतरी खापेला . मा 3प्रतरी यय्ये कुस १२ सांतरा ल्या- पार) छे. या पर सांतरामाथी उपर-नीयन सेखेड यांतरं छोडी तां, पयसा १० सांतराम श प्रडारनां लपनपतिनां वो घर वा लपनो मन मांडया वा मापासोमां रहे छे. लपनोमां रहेतां होपाथी तेरो लवनपति यो दुहेपाय छे. वणी तेसो हुभार यां इपाणा, खानंही, मतियाण, छेसबटाठि एशोजीन) होपाधी, तेमोनांनतिनामनी पाछण 'भार' शब्द साडेल छे. Page #290 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ૨૪ nast ઉપરના એક હજાર યોજન અન ગોકાશ તર એતરર તરફ અન-૪ અન-પ જળસ મત માર Biotec અત-૨૦ અત-2 કાવ્યર ૨ સ્તનિતકુમારના ભવા પ્રવર વામ્રકુમારના ભવનો ઘ૨-૪ શકમારના વન પત્ર વ્ય બિમારના ભવનો તેર પિકારના હાવની બ્રાઝ કિમા ના તાવની अतर વિદ્યુતામારા ભવનો प्रतरस सुपकुमारना भवनो * ૧૦ નાકાર ની આવન अतस्पर ચાર કાર ની મનો રીત-ર ન-જ થના એક હજાર યોજન तनपान અન્સ્પન્થ યોજન મિત્ર આકાશ પ્રથમ રત્નપ્રભા નરક પૃથ્વીનું ચિત્ર ભવનપતિ નિકાયનાં સ્થાનો blo Date ull KOKUYO W-NB280U Page #291 -------------------------------------------------------------------------- ________________ यस प्रडारनां लपनपति हेयोनां नामी रमा प्रमाछो छ : का ससुरडुमार () नागडुमार (सुपर्णभार (ल) विधुतमार (पा भन्जिाभार (5) द्विपकुमार · D हिपिडुमार (८) हिशिभार रेड पायुकुमार (2) स्तनितकुमार . । - ११ मा खांतरामा रहेला ससुरामार. निहायना (नतिना) लपनपति हेपोमां, अत्यंत दूर पंहर प्रहारनी'परमाधामी' हवनतियो मापेली छे, तेसो, प्रथम प्रहा नानां जुषोने प्रास नापीने के पानंह घुटपानी मनोवृत्ति सने प्रवृत्तिषाणा होय छे, तेने डारो सन्य ससुरामार जतिनां हेपो हरतां तेमनी गएातरी मला उश्यामां माप छ.. परम धर्म (नारहनां जुषोने वाम मापीने-मुश यवा स्प मधर्माने सेपनारां होपाधी 'पुरमाधार्मिष्ठ हेपाय छे. तेस्रो भिध्यात्वी छतां लपी न होय छे. संते अत्यंत मणमा मृत्यु पामीने "मंडगोलि थाय छे. त्यांची लयाना पेटनामा मृत्यु पामीने डरेलां पापोनां परिएएमइपे) नारडीनां अपो तरीडे उत्पन्न चईने मो लोग छे. मा परमाधार्भिड हेयो, नरनां पोने ये उछागीने पछाडयां, लड्डीमा पठापयां, तेमनां सांता थीरयां, शरीरमा लाला परोपा, जाएोथी पींधवा, शरीरनां शर्छ नेपडांटुडां डरयां, हरपताहिथी यीरपां, तीछा यांयोपाणा पिराट पहीमोनां पो वई यायो मारी-भारीने पा , उहणतां सोही- परनी पैतरिणी - नहीमा जाऽवां, धगधगतां सोडना स्तंल साथै बांधवा छत्यादि अनेड लयाना पेनासो मापे छे. सने मापुंडरीने તેમાં અતિ આનંદ લૂંટે છે અને તેથી ચીકણાં કમ ઉપાર્જન કરે છે. पंEर परमाधिार्भिड हेयोनां नामो मा प्रमागे छे: अंज ( संजरिष ) श्याम (७) शज (पा रौद्र (द) उपरौद्र (5) सिंपन्ना धन (C)इंल (1) डाण (11) महाडाण (१) वैतरा (13)वानुड (1) महाघोष (भ) जरस्पर । सारीने, 10 लवनपति+प परमाधार्मिऽ = रमले थाय. तेनां पर्याप्ता सने अपर्याप्तता भणीने इस लेह प० थाय Page #292 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. (૨૮૬ Date - (૨) , 7 મધ્યલોકમાં વ્યંતર ધ્વા '' - 1 || 5 /- - - ૨ત્નપ્રભા નામની | પહેલી નરક પૃથ્વીનાં ૧,૮0, 000 યોજનાનાં જાડા થર ઊંચાઈ માળી, ઉપરનાં જે એક હુજાર યોજન છે, તેમાં ઉપર-નીચે ૧૦૦ - ૧00 યોજન છોડી દેતાં , વચલાં 200 ચૌજનમાં વ્યંતરદેવોની આઠ જાતિઅો રહે છે. તેમાં વ્યંતરદેવોનાં અસંખ્ય નારો આવેલા છે. ' ' . . ] ) : | 'તેવી જ રીતે, ઉપરનાં છોડેલાં ૧OO | યોજનમાંથી, ઉપર-નીચે ૧૦૨ ૧૦ઃ યોજનું છોડી દેતાં, વપલાં યોજનમાં , આઇ વાણથંતર જાતિનાં દેવોનાં નગરો છે. | | વ્યંતર એટલે અંતરા વગરનાં, (મનુષ્યૌથી- મનુષ્યલોકથી पाहू संतर न होपाथी) अथपाप्यंतर भेटले विविध प्रहारना અંતરવાળાં (તૈનાં નારો છેટે છેરે હોવાથી): અઘા, વનાન્તરી વનમાં) , શલાન્તરો (પર્વતોમાં) , કંદરાન્તરોમાં (ગુફાઓમાં) વસતાં હોવાથી, વ્યંતર છે ?વાણાશ્વેત૨ ! કહેવાય છે . , ' ' : ૧૦ થીજન છે . | ૮૦ યોજનમાં વાણવ્યંતરના નગરી " ! || * ; ; . : : : ૧: યોક્ત': ' ' ! ' ' . . . [ઉપરના - ૧૦૦ યૌન . - ૧૦ - થીજને. વચલા 400 થોજનમાં વ્યંતરોના : : ' , ' ', ' * અસંખ્ય નારી ' ' ' . ': 200 યોજન : - નીચેનાં છોડેલા ૧૦Ò યોજન 2 નીચેના Eઈ ૧૦૦ યોજન 1 જ્વમૂત્મા ૫થ્વી | વચ્ચેનાં ૧, ૪, ૦૦૦ યોજન નીચેના S ૧000 યોજન | KOKUYO W-N92800 Page #293 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (२८ २०)...... पनी, प्यंतरन्नतिभा, सं प्रडारनां तिर्यग्ला हेयोपापा छे. तेस्रो तिर्खासोऽमा थिन, विथिन, भेर,ताट्यकोरे पर्वतो उपर) यसतां होपाथी, तेमन, तेमनो स्परछहायार नित्य पपतो होपाथी अघपा तेनो प्रलूनां न्माहि दुष्याएाडो विमते तेमनां धरी धन-धान्याहिथी लरी तां होपाथी, तिर्थश्रृंला हेपाय छे. (शूल - पधपुंपृहि डरपी). तिर्यालs हेपो, लडित हरनारनी उपर मनुग्रह हपापाप्त) रवानी मने माशिष चापपानी शन्ति धरापे छे. तेभ, वैरीने शापापेर सेवांइपे) खापवानी पए शस्ति घरापे छे. माम, प्यंतर निकायमा व्यंतर + ८ पाएाप्यंतर + १० तिर्थग ल = राले थायागंतेनां पर्याप्ता मने खपर्याप्ता हातां, व्यंतरना दुल लेह पर थाया. ८ व्यंतर हेयोनां नामो जीयेप्रमाएगे छेद (૧) કિન્નર , (૨) કિંગુરુષ (જી મહારગ ) ગંધર્વ (पा यक्ष (G) रासस ) लूत (ए) पिशाय पाएाप्यंतर योनां नामो नीये प्रभाएो छ : त्व) माएपन्नी पाएपन्नी (3) छसिपाहि हाल्तपाहि (પ) કદીત છે મહાકંદીત થઈ કહુંડ (ઈ પયંગદેવ . १० तिर्यग्ला हेयोनां नामो नीये प्रभाो छ: (१) सन्न ला र) पाए। मा सयन लड (पस्त्रशलटु (W शयन लड़ ( पुष्य न्ल ङ () इण शैलंड र जील लऽ विधा झुल () मवियत शूल. Page #294 -------------------------------------------------------------------------- ________________ मध्यसोऽभांग व्यौतिघ हेपो नसा हेपीनां पिमानो, ज्योति स्वप होयायी , ज्योतिष हेयो हेपाय छे. तेमनां पांय लेहो पाडवामां मायां छे. तेमनां नाम सा प्रभाछे यंद्र () सूर्य ग्रह नक्षत्र (सातारा. सभल्तमाथी उपर 30 योनने तारानां विमानो छे. ते पछी १0, योनने स्यनां पिमानो छे. ते पछी योगनेयंदना विभानो छे, ते पछी गायोगने नक्षत्रनां विभानो छे मने तेनाथी १९ थोडने ग्रहोनां विमानो मापेसां छ. माम सभलतबाथी उिपर, १८० योनी 0 योन पथ्ये हाथोकननी संहार) योनिधनां विमानो मापेटां छे. नाक्योतिघनां विभानो मेर पर्षतनी सान्दुबारे छे. मुद्दीपमां सूर्य-यंद्र खेड-खेड नथी, परंतु जे-जे छे. तेरो नीनां लागथी पीउना लागथी) अर्घटोहानां साहारनां होय छे, तेथी मापाने गोण हेपाय छे... ' मा ज्योतिषायोनां विमानो तिलोमा मेपर्वती पपरस योजन हरथी पियरए उरे छे. मने सोडांती पपाप योपन दूर ते ज्योतिषपर्नु छेतुं विमान छे. पछी न्योतिघीना विभान होतां नथी.. र यंद्र सने र सूर्यमुद्दीपमांग यंद्र सने सूर्य सपा समुद्रमा, परयंद्र सने पर सूर्य घातडीघंऽमां, र यंद्र सने पर सूर्य णोधिसभुप्रभां मने यंद्रमने र सूर्य अर्धपुष्ठर हीपम होय छे. सामानढी हीपमा अधां मणीने उर यंद्र सने पर सूर्य छे. तेमन, न्यां मेड यंद्रनने से सूर्य होय, त्यां तेनो परिवार मेटोडे ८ ग्रह, २८ नक्षुप्त , पकोडाडोडी ताश होय छे, भने तेहेपना सामानिऽ, मात्मरक्षुड तथा परिघटनां इन्नरी यो होय छे. सटीद्वीपमा, खा पायेय प्रहारनां पिभानो, यर इश्तां) छ तेथी शत-पिस माहिनां लेहो थाय छे. मढीद्वीपनी जहार, च्योतिष विमानो मयर स्थिर) छे. माम, पयर + पसयर = 10 ले क्योतिष हेवनां घाय. तेनां पर्याप्ता रमने मपर्याप्ता मणीने ज्योतिष पिनां दुस लेह २० चाय. KOKUYO W-N82801 Page #295 -------------------------------------------------------------------------- ________________ RLE असोडमा पैमानिक हेवो विशिष्ट मान-मापवाणां ते विमान अथवा विशिष्ट पुएयशाणी खात्माथी ने लोगपाय ते विमान. जा विमानमां रहेनारां देवो ने पैमानिङ हेवो उद्देपाय. १८०० योग्ननो तिरछसोड पूरो थतां अर्धलोडनी शखात थाय छे. रजा अर्धसोऽमां पैमानिक हेवो रहे छे. ते हेवानां जे प्रकार छे : (१) उस्योपन्न अने (२) उल्यातीत (१) उस्योपन्न हेवो : दुल्य = मर्यादा, उपपन्न = युक्त. ने हेवोमां ईन्द्र, सामानिङ, प्रायस्त्रिंशत् आहि नाना-भोरानी मर्यादा छे, नयां स्वामी- सेवङनो लेह छे, तेने 'उल्योयन्न हेव' उपाय छे.. लपनयति, व्यंतर, भ्योतिष खने पैमानिनां १२ हेपलोडमां टुल्य = छन्द्र, सामानिङ, नोडर खाहिनी व्यवस्था होय छे. तेथी, तेमां उत्पन्न थयेसां हेवो एल्पोपन्न हेवाय. तेमनां डुस हु४ इन्द्रो छे. ते नीये प्रमाएो छे: = २० (१) लवनयति । इस निजयमां हरेऽमां जे इन्द्र होवाथी (२) प्यंतर जने पाहाप्यंतरना १५ निडायमां हरेऽमां रन्द्रि ★ (3) व्योतिषमां सूर्य खने यंद्रनो १+१ (४) पैमानिक (b) ख) पहेला ८ हेवलोड - हरेकमां मां - १० मा हेपलोडनो ११ मा - १२ मा हेपलोडनो ૧ ૧ १ = ३२ = र ८ १ = C १ डुस इन्द्र = ९४ खा ईन्द्रो तथा त्यांना हेवोनो, प्रलुना नन्म उल्याएाडाहि उभयवानो डल्प खायार छे. तेथी, पाग तेखो 'स्योपन्न 'हेवो' उहेवाय छे. नोंध : असंख्य द्वीप-समुद्रनां चंद्र-सूर्य असंख्य छे, तेथी तेमनां धेन्द्रो या असंख्य छे. परंतु, नहीं सघना सूर्य घन्द्रनी रोड सने सपना यंद्र र्घन्द्रनी खेडमां न गए।तरी दूरी छे.. Page #296 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. ૨૯૦) Date -- | ૧૨ દેવલોકનાં નામ - ૧) સૌધર્મ (ઈ' ઈશાન D સનતકુમાર ) માહે – (જી બ્રહ્મલોક " " ૬) લtતક' ) મહારા* (C) સહુન્ના૨ (આહત () પ્રાણત . કે ૧) આરણ (૧૨) અષ્ણુત ...'. . ' - જે વૈમાનિક વોનાં સ્થાન : . ' (ઉ)----------- અશ્રુત દેવલોક (------------ પ્રાણત દેવલોક સહસ્ત્રા૨ દેવલોક -- . ........ બાકાર અાકાર અલી કાકા અલકાકારો 06 ©aઈ / Bકિબિપીક - 1 કિમ્બિક .... ! ) )----------- માહે દેવલોક સૌધર્મ દેવલોક :---- || [૧]------ -કિબિપીક : { C ---- ----- --- મેરુ પર્વત ૧૨ દેવલોકનનું ચિત્ર - તિલોકમાં મૈર પર્વતના સમતલ ભૂમિભાગથી ૧૨ ૨૪જૂ એટલે કે અસંખ્યાત યોજના ઉપર જતાં, મેરુ પર્વતથી દક્ષિણ દિશામાં સૌધર્મ અને ઉત્તર દિશામાં બીજું ઈશાન દેવલોક છે. બંને , દેવલોક જોડાજોડ છે. બીજું દેવલોક પહેલા દેવલોકથી હથેળીના તળિયાની જેમ થોડું ઊંચું છે. બંને , દેવલોક મળીને પૂર્ણ ચંદ્રમાને | આકારે છે. ત્યાંથી અસંખ્યાત યોજન (૨૫૨ રજૂ ઊંચે જવા પર KOKUYO W-N92800 Page #297 -------------------------------------------------------------------------- ________________ .No. Date : भेरनी एक्षिण दिशामा ती 'सनत्कुमार' हेययोऽ सने उत्तर शिामा योधुं'माहेन्द्ररहेपतोऽ छे. जंने भनीने पूर्ण यंद्रमाने साधारे छे. त्यांची मसंज्यात योहन रा ये पता पांयमुंघ्रलमोड' हेपटोड छे. ते परिपूर्ण चंद्रमाने साडारे छे. मा पांयमा हेपलोडनी लिए हिशामांE 'दृठारान' छे. छेमा थार दिशा, यार पिहिशा बने डा मध्यमा, म मुस नप विमान थे. भां नप जतिनां 'सोडांति यो रहे छे. यितमा हेमाडेप जयी). सोऽति हेपो पायमा जलसोड रेषलोऽना शंतमा रहे छे, भाटे तेने लोडांति' हेवाय छे. सथपा टोऽ मौयिह लाप उप संसार, तेना संते रहेखा भाटे सोडांति हेपाय- मर्थात् लेना स्वामी देव प्राय: भेडापतारी होय छे. सोडांति पोर्नु मान-सन्मान घj होय छे. तेनां मुज्यप सभ्यगदृष्टि होय छे. तीर्थंडरना डीक्षा टोपाना समये, सोडांति हेयो मनुष्य लोऽमांसावीने तेमनेप्रार्थना डरे छे: “हे लगपना आप प्रपन्न्या अंगीकार डशेसने गत योनां स्याएाने मारे धर्मतीर्थनी स्थापना डरो." लेडे, तीर्थंडर हेपो तो स्पयंसंमुहान होय छे, छतां सोऽति हेयोनो खा प्रहारनो प्यपहार छे. | लोडांति हेयोनां नानो नीये प्रभाएो छ : सारस्वत साहित्य पलि (क) परए। (प) गहतोय ड) तुषित (मप्याणाध मानेय () मरिष्ठ . पायमा हेपतोऽधी ससंज्यात योन पर रहये कतां छहू'सांत यलो छे ते पण यंद्रभानपुं गोग छ. - त्यांची गसंष्यात योहन हा रन्तु ये रतां सातमुं महाशु' चलोड छे. ते पूर्ण गोण छे. त्याथी मसंज्यात योन एउ र) ये रतां माठ, सहस्त्रार' हेपलोड छे. ते पए पूर्ण गोण छे. त्यांधी खसंज्यात योल्डन [पर रखा ये तां घिलिए डिशामां नप 'माएात' मने उत्तर दिशामा समुं Page #298 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. Date પ્રણાત- એ બે દેવલોક જોડાજોડ છે. ત્યાંથી અસંખ્યાત યોજન (૫ રજજુ) ઊંચે જતાં દક્ષિણમાં અગિયારમું “બારણ” અને ઉત્તરમાં બારમું “અશ્રુત દેવલોક છે. * ક્રિબિપીક દેવો ? J'!!! - હલકી જાતિના દેવો = તેનાં ત્રણ પ્રકાર છે :(૧) પ્રણ પલ્યા : ત્રણ પલ્યોપમની સ્થિતિવાળા દેવો. તે જ્યોતિષી વોની ઉપર અને પહેલા બીજા ધ્વલોકન, નીચેના પ્રત૨ ભાગમાં રહે છે. - - - ૨) ત્રણ સગરિયા ત્રણ સાગરોપમની સ્થિતિવાળા દેવો. તે બીજા - , દેવલોકની ઉપર અને ત્રીજા-ચોથા દેવલોકના નીચેના પ્રત૨ * ભ માં રહું છે. :-- --J. 27 ', 11 ) તેર સાગરિયા : તેર સાગરોપમની સ્થિતિવાળા દેવો. તે પાંચમા - દેવલોકની ઉપર અને છઠ્ઠા દેવલોકના નીચેના પ્રતર ભાગમાં "!! ". 11 છે. - જિનેશ્વર દેવોની વાણીના ઉત્થાપક, તીર્થંકર દેવોની આશાતના કરવાનું વાળા, જિનાજ્ઞાન વિરાધક કે તપ-સંયમની ચોરી કરવાવાળા , આચાર્યઉપાધ્યાયના અવવાદ બોલવાવાળા જીવો *કિબિપીક દેવ તરીકે ઉત્પન થાય છે .. નોંધ: લોકાંતિક તથા કિલ્પિષીકોનું વૈમાનિક દેવોની સાથે સ્થાન હોવાથી,-વૈમાનિક દેવોમાં જ સમાવિષ્ટ થાય છે. '| !! - (૨) કલ્પાતીત ધ્વો: જે દેવોમાં ઈન્દ્ર , સામાનિક આદિ નાના-મોટાનો ભેદ હોતોનથી, બધા જ દેવો અહમ (ઈન્દ્ર સમાન હોય છે, તેને “કલ્પાતીત કહેવાય છે. તેનાં ૧૪ ભેદ છે - ૯ ગવેયક + ૫ અનુત્તર વિમાન = ૧૪. ૯ ગવેયક દેવો: - ૧૧ - ૧૨ મા દેવલોકથી અસંખ્યાતા યોજન ઊંચે જતાં ૯ વેચકનાં | વિમાન અાવે છે. લોકનો આકાર પુરુષાકારે મનાય છે, તેમાં આ KOKUYO W-N3250U Page #299 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. 1263 Date हेयोनां विमानो ग्रीपाः गणानां लागमा रहेता होपाधी तेने जोया हेपो' हेपाय छे. तेनी ना नि छ, हरेऽ निमां नए-नएए प्रहारनां हेपो रहे छे. तेनां नामो नीये प्रमागे छे: नीयती पहेली नि)- ( लद्दे (रासुलद्दे (3) सुनसे मध्यम षीशु भिड - सुमारासे पाप्रियसो सुस उपती नील नि: - (७) सामोहे सुपडिजद्वे) नशोधरे. पसनुत्तर विभाननांहेको नव अयानी उपती निधी असंज्यात योन ये 'सनुत्तर विमान' नां हेयोनुंस्थाना छे. ते विमान मनुत्तर अर्थात् सर्वोत्तम छे. ते पिमानमा रहेवावाणांपोनां शEE, उपगंध, रस सने स्पर्श सर्वश्रेष्ठ होय छे, तेथी ते पिभानोने 'अनुत्तर पिमान' हेपाय छे. ते पिमानमा रहेपापाणां अधां वो सभ्यग्दृष्टि होय छे. ते विमानोनां नाम नीये प्रभाएो छ:--- का विक्य () कैन्यंत भयंत सपशक्ति (पासर्वार्थसिद्धः मा पांयमांधी, पहेला यार पिभाननां वो धन्य मेड लप सने उन्ष्ट १3 लप पुरीने मो नारा होय छे. न्यारे, सर्वार्थसिष्ट पिभानना हेयो मेऽ लष हरीने माझे नाश होय छे. मनुत्तर विमानमा जे लपथी पधारे लपथतां नथी. सा मनुत्तर विमाननां हेयोनुं सुषजधां पोनां सुपथी सचिड होय छे. तीर्घलोऽमां हेयोनां लेह :૧૨ દેવલોક + 3 કિબિપીક + ૯ લૌકાંતિક + ૯ ઝવેયક + प मनुत्तर विभान = 3र ले थया. तेनां पर्याप्ता भने सपर्याप्ता भणीने , वैभानि पोनां दुस लेह ९ थायः Page #300 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. (૨૯૪ Date વા[IIIIIIP - --- ------- સિટુરિાલા . ! ' ', ' 2 '' I અનુત્તર વિમાન સર્વાર્થસિક્ ------- - ત્રીજી ત્રિક 2 ૦૦ -૦૦ ૦૦e. - - - બીજી સિક ગ્રિયક 8--- ---પહેલી બિક ) ----- અ સોક (૯) : + 3FF', ' ': ': ': ' , ' , , ૧) ; --- ૧ ! –... -----પ્રાણત ; ; ; ; ; ; ; ' \ દેવલોક - ૪૯ઘાતીત - ૯ ઝવેયક + ૫ અત્તર વિમાનનું ચિત્ર ઉ1 દેવોનાં વિમાનોની સંખ્યા : કુલ વિમાન = ૮૪, ૯૦, ૦૨3 દેવલોક '' : વિમાનોની સંખ્યા સૌધર્મ, - - : , 3૨ . લાખે !' ईशान ૨ લાખ ! સનકુમાર ૧૨ લાખ माहेन्द्र 2 લાખ બહ્મલોક ૪ લાખ લાંતક, -પ0 હજાર મહાર૩૪ 50 હજાર સહુના , ૬ હુજા૨ - ખણિત + પ્રાતિ ૪૦૦ (૨00 +૨૦0) "આરણ + અય્યત (3૦૦ (૧૫૦ + ૧પ૦) નીચલી નિક ૧૧૧ મધ્યમ સિક 109 -ઉપલી ૬િ (१४) अनुत्तर विमान - : ૫ (દરેકમાં એક) wo-vo - 100 KOKUYO W-N32B0U Page #301 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. Date २०५ हेवो संबंधी भाषां योग्य : (i) पर्तमानना ५४ र्घन्द्रो सम्य‌दृष्टि खने खेडावतारी छे. (२) अनुत्तर विमानमां हेवी ज्ञेडांत 'सम्यग्रदृष्टि' ४ होय छे. (3) हेवो न३र पड्ये भूण शरीरथी जीं शरीर जनाये छे, नेने 'उत्तरपैठिय' शरीर उहेपाय छे. (४) जधां हेवो 'खविरति' होय छे, तेथी व्रत- प्रत्याख्यान डरी शडता न (4) हेवं मरीने दूरीथी हेव थता नथी, पए पथ्ये खेड लव मनुष्य डे निर्यय गतिनो ऽर्था पछी हेक थर्पु होय तो थर्ध शडे छे. (९) हेवो हेवलोडमाथी य्यवीने मनुष्य, तिर्यय, पृथ्वी, पाएगी खने पनस्पति - जे पांय स्थानमा उत्पन्न थर्ध शडे छे, परंतु जीभ हेवलोऽथी उपरना हेक्सोडना हेवो पृथ्वी, पानी खते वनस्पति खे प्रग स्थानमा उत्पन्न थतां नथी. (१) नपमा हेपलोडथी सर्धने सर्वार्थसिद्ध विमान सुधीनां हेपो य्यपीने नियमा मनुष्य में थाय छे, पएा निर्यय थता नथी जने मनुष्य मरीने ते हेपसोडमां र्ध राडे छे. (८) हेयोगां मुख्यत्वे 'सोल उषाय' खते संज्ञामां 'परिग्रह संज्ञा' पधारे होय छे. (c) सम्यग्दृष्टि हेपोने मति, श्रुत जने अवधिज्ञान खेम उ ज्ञान होय छे क्यारे, मिथ्यादृष्टि हेयोने मतिखज्ञान, श्रुतखज्ञान जने पिलंगज्ञान रोम उ खज्ञान होय छे. (१०) युगलिङ मनुष्य जने युगलिङ निर्यय अवश्य हेवगतिमां ४ भय छे (११) तिर्यय भुवो पधारेमां पधारे साठ हेपलोड सुधी वर्ध राडे छे. (१२) नैनदर्शनना अप्रमताहि साधु सर्वार्थसिद्ध विमानना हेव तरीडे उत्पन्न धर्ध राडे छे रखने तथाइपना श्रापङ जारमा हेपलोड सुधी कर्ध शडे छे. (१३) सम्यग्रदृष्टि मनुष्य जने तिर्ययो मरीने पैमानिक हेव थाय छे, नेनुं खायुष्य सम्यङ्त्वना सहलावमां जंघायुं होय. (१४) चारित्र तीघां पिना ← ग्रैवेयड डे 4 अनुत्तर विमानमां कर्ध शडातुं नर्थ (१८) १२ हेवलोड सुधीना हेवो, तीर्थंकरना उस्याएाड सांहि प्रसंगोमां मृत्युसोऽमां खाये छे. ( ग्रैवेयङ रजने 4 अनुत्तर विमाननां हेवो 'खहमेन्द्र' होवाथी, पोतानुं स्थान छोडी नीरो आपतां नथी.. Page #302 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No, Date -- (૧) ચાર પ્રકારમાં દેવોમાં સૌથી વધારે સંખ્યા જ્યોતિષી-દેવોની છે. | બધા મળીને અસંખ્યાતા દેવા છે. (91 દેવોને પ્રાયઃ શારીરિક કુષ્ટ હીતું નથી. ભૂખ-તરસ , ટાઢ-તડા , | રોગ- બિમારી, ગભવાસ કે વૃદ્ધાવસ્થાનું દુઃખ હોતું નથી. (10) દેવલોકમાં દેવ-દેવીઓ મનુષ્યની જેમ ગર્ભમાં ઉત્પન્ન થતાં નથી. | तेमने उत्पन्न थयां भाट हेय शय्या' होय छे. (૧© દેવોની ભાષા ‘અર્ધમાગધીર હોય છે અને મધુરભાષી હોય છે. (૨૦) દેવલોકમાં ઉત્પન થતાંની સાથે ક્વોને સામાન્ય રૂપથી અવધિજ્ઞાન थाय छे. तेनां द्वारा लूत-मयिष्यनी पातोने जाएगी शडे छे. (ર) દેવીનું આયુષ્ય “નિરૂપક્રમી હોય છે, તેથી અકાળે મૃત્યુ પામતાં નથી. (ર) | મનુષ્ય પોતાની રાક્તિથી પણ વલોકમાં જઈ શકે નહીં. ત્યાં કોઈ વિમાન કે રૉકેટ પણ જઈ શકતાં નથી. -રજી દેવોને સંતાન હોતાં નથી.' (રજી જો કે દેવલોકમાં કયાંયે હાથી, ઘોડા વગેરે પશુઓ હોતાં નથી, પણ | દેવો પોતાની વૈશ્યિ શક્તિ વડે હાથી, ઘોડા, વગેરેનાં રૂપો બનાવૈ છે. (૨૫) દેવોમાં પણ પરસ્પર ઈર્ષ્યા, વૈમનસ્ય વગેરે હોય છે. જ | દેવોને મૃત્યુલોકમાં ન આવવાનાં કારણો :(૧)| દેવો દેવલોકના દિવ્ય ડામભોગમાં મુચ્છિત થયેલાં હોય છે અને | મનુષ્યનાં ડામભોગને તે સારાં જાણતાં નથી.' (રુ મળષ્ય સંબંધીનો પ્રેમ દેવ-દેવીઓનાં પ્રેમમાં ફેરવાઈ જાય છે.(છ દેવો દેવલોકનાં દિવ્ય કારભોગમાં અને નાટક આદિ જોવામાં એટલા तल्लीन होय छेडे हमए नीये श, नेम उरतां धो डाण પસાર થઈ જાય છે, અને ત્યાં સુધી મનુષ્યલોકના અલ્પ આયુષ્યવાળા સ્વજન- સંબંધીઓનું મૃત્યુ થઈ જાય છે. ( મનુષ્યલોકની દુર્ગધ જ00 -પ00 યોજન સૂધી ઊંચે જાય છે, તેથી— | દુધને કારણે દેવો મનુષ્યલોકમાં આવતાં નથી. છે દેવોને મૃત્યુલોકમાં આવવાનાં હૃારણો : (1) પ્રાચાર્ય , ઉપાધ્યાય, સાધુ આદિના દર્શન અrદ માટે. (ર) મહાન વાની, તપસ્વી અને અતિદુષ્કર કરણી કરનારને તેનાં તપ KOKUYO W-NB2900 Page #303 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. Date २८१ उरखा माटे. साहिथी खावर्धने पंहन-नमस्डार (3) पूर्वलपना स्नेहीरखांना अनुरागधी हे द्वेषयी (४) पूर्वलपमा भित्र खाहिनी साथे हरेल संकेतथी: हेवोना १७८ लेहोनी गागना : 1 लवनपति १० लवनयति + १५ परमाधार्भिङ ૨૫ *3 व्यंतर ज्योतिषी व्यंतर पाएाप्यंतर १० तिर्यग्भूल ૨૩ वैमानिक एल्योपन्न : વૈમાનિક કલ્પાતીત खेटले : 4 ૫ १० : ૧૨ यर અચ 3 G G थ 32 हेपलोड डिजिपीड लोडांतिङ વેયક अनुत्तर लवनपति व्यंतर व्योतिषी વૈમાનિક + + + श्य + ૨૬ + १० + 32 खे EE पर्याप्त खने CC खपर्याप्ता गातां, हेवना लेह १७८ थाय. डुल = = કુલ GC हेव Page #304 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (૨૯૮ No. Date તિર્યંચ પંચેન્દ્રિય પંચેન્દ્રિય જીવનો બીજો પ્રકાર) . . તિર્યંચ પંચેન્દ્રિય ' જળચર . સ્થળચર !'. ' બૈચર ખાસ નોંધ ' ચતુષ્પદ; "ી ઉપસિર્પ : : : ભુજ પરિસર્પ વ્યાખ્યા જે. તિર્યંચા, જાવોને પાંચ ઈન્દ્રિયો હોય, તે તિર્યંચ પંચેન્દ્રિય , જાવ કહેવાય છે ! ! ! ' . ' ' , , (દી ત: જળચર, સ્થળચર, બેચર : (પશુ-પક્ષી વગેરે) --તિર્યંચ પંચેન્દ્રિય જીવો જ્યારે કહેવાય, ત્યારે તેમાં પંચેન્દ્રિય વિભાગમાં આવતાં તિરંચ જુવો એટળે ? જળચર, સ્થળચર , બેચર એસ્થે કે પશુ-પક્ષીનો સમાવેશ કરવો. :. તિર્યંચ પંચેન્દ્રિય = પંચેન્દ્રિય પરશુ-પક્ષી. व्यारे तिर्यय नुपोमेम सामान्यथी हेपाय अथपा તિર્યા ગતિનાં જુવો કહેવાય , ત્યારે તૈમાં તમામ - એકેન્દ્રિય + વિકલૅન્દ્રિય + પંચેન્દ્રિય તિર્યંચ જુવોનો સમાવેશ થાય છે. . તિર્યંચ અથવા તિર્યંચ , એકેન્દ્રિય +વિલેન્દ્રય + પંચય| જુવો " ગતિ તિચ તિર્યંચ પંચેન્દ્રિય જાવો મણ પ્રકારનાં છે : (૧) જળચર (૨) સ્થળચર (એ પ્રેચર ) જળચર : જે પંચેન્દ્રિય તિર્યંચો જળાશયમાં – કૂવા, વાવ, તળાવ, નદી, સમુદ્રાદિમાં જીવન ચલાવી ટકાવી શકે , તે ‘જળચર’ કહેવાય છે. દા.ત.? મોટાં મગરમચ્છો, મગર, કાચબા , માછલાં , ગ્રાહુ (ગાહને મુડ પણ કહેવાય છે – તે હાથીને પણ ખેચી જાય તેવું ઘણુ બળવાન તાંતણાના આકારનું જળચર પ્રાણી છે) Foov૦ અનહeos Page #305 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - No. (२८८ Date (या स्थगयर: डे पंथेन्द्रिय तिर्ययो, नाशयमा जुवन यमापी शहतां नयी तेभर साधाशमाय उडी शहता नथी, परंतु भीन उपर अपन थलाये छे, तेस्रो स्थणयर' हेवाय. ते स्थायर तिर्ययो ना प्रडारनां छ: यतुष्पहा: यार पगपाणां प्राणी - गाय, जगह, हाथी, घोडा, सिंह, पाय, हरए, तरा, गधेडा, ट, नारा, हिपडापोरे र परिसर्प: पेट पडे यालनारां - सर्प मगर, नाग (हापाको सर्थ माशीविघा सर्पहाटमा रहोया, द्रशिविघसर्थ, ग्रविष सर्प, लोगविध सर्प शरीरमा र होया, त्यंगविंध सर्प, निःश्वासविधासपी गमामालिड सर्प (संमूर्लिभ होय मने पप उर्मलूभिम थाय) कोरे.. लुप्पपरिमार्फ हेमना थारापागभांथी पाछगाना यानो उपयोग भात मा तरी ४ थाय, मने मागगनां ने पानो उपयोग हाथ मनपा ने तरीले थायले मोगियो, र, डायीडो, जिसठोसी, यंहनधोशरोणीयांहरोससघाडांगा३,हेडमाकोरे ( जेयरा ने प्रयेन्द्रिय तिर्ययोखाडाशमा उडी शडे ने जेयर हवाय. मांडेटखांड पाटानी पानयागा शेम) होयहाता: यष्टी, पोपट, भोर, दुल्तर, हंस, सारस, धुपड पोरे. सने डेटलांडायाभहानी पाजपाणा होय .तः थामायिडीया, पागोणा, पडवारण, समुद्रनां डागडां, लारंड पक्षी बोरे ... पणीक भन्नुध्यसोछती जहार मिटीडीसनी बहार) डेटसांड नेपां पक्षीखो छेडे खोडे त्यारे पहा तेमनी पाजो संडोयायेसी मुली नहीं प डेला पक्षीनी म सँडोयायेली) होय छे. भने उँटलांड पंक्षीमो मेवांहोय रेखो उडतां होय बेला होय- तेमनी पांणो उघाडी - पहोगी उरेली होय. सा पक्षीसोनाम-भर माछाशमां घाय छे - मेवान આપણાં પૂર્વાચાર્યો પરંપરાથી કહેતાં આવ્યાં છે. 558 तिर्थय पंथेन्द्रियना र ले नयर, यतुष्पE, उरपरिसर्थ, लष्ठ परिसर्थ, जेयर - से पायमा गर्ल सने संभूमि - मेरले १० ले थाय. मने से १० लेहमा पर्याप्ता सने सपर्याप्ता- जेटले इस र ले थाया. Page #306 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 300 No. Date . तिर्यय पंयेन्द्रियना दुस र लेह नीये प्रभाएो छ: पर्याप्ता गर्ल नलयर अपर्याप्ता गर्ल हायर ॐ पर्याप्ता संमृमि रणयर लखपर्याप्ता संमूर्छिम व्हायर गि पर्याप्ता गर्ल यतुष्पहG सपर्याप्ता गर्लन यतुध्या पर्याप्ता संमृमि यतुष्य असपर्याप्ता संमियतुष्पा पर्याप्ता गर्ल रपरिसर्प सपर्याप्ता गर्ल रिपरिसर्थ कि पर्याप्ता संमूर्छिम उरपरिसर्प अपर्याप्ता संमूर्छिम रिपरिसर्प ॐ पर्याप्ता गर्ल लुलपरिसर्प (छ) सपर्याप्ता गर्लर लुटपरिसर्च यो पर्याप्ता संमूर्छिमलुट परिसर्प सपर्याप्ता संमूर्छिम लुलपरिसर्प छि पर्याप्ता गर्लर मेयर स पर्याप्ता गर्ल सेयर छ पर्याप्ता संभूर्थिभ मेयर छिमपर्याप्ता संभूमि जेयर . આમાં, જળચર અને ખેચરનાં ૪-૪ એટલે ૮ ભેદ થાય અને स्थायरना मुल पर लेह थाय. पर्याप्ता-सपर्याप्ताना १0-10 | ले धाय सने गर्ल- संमूर्छिमना. 10 - 40 लेह थाय. | गर्ल : भातानां गर्ल द्वारा इन्भे,ते गर्ल हेपाय. संर्छिम : भातानां गर्ल पिनां , समुड प्रडारनां संयोगो मलवायी उत्पन्न थाय, ते संर्छिम उहवाय. सिडेन्द्रियथी रिन्द्रिय सुधीनां शुषो संभूछिमन होय. | तिर्थय पंयेन्द्रिय सने मनुष्यो, गलत सने संर्छिम,ने प्रडारे होय. डेन्द्रिय सपने बेन्द्रिय अयो, चौतानी उत्पत्तिने योग्य संमलेगी मनीता, लालग पोतानी स्पनतिनां नुयोनी मासपास उत्पन्न धन्नय छे. तेन्द्रिय अपो स्पन्नतिनां भण-विष्टा कोरेमाथी उत्यन्नई भय छे. यतिरिन्द्रिय गुपो स्वभतिनां हाण-मण परेमांधी उत्पन्न थर्छ भयछे. गर्ल जपो त्रएअठारनां होय छे: संs: डामांधी पेयाय ते -यहसी, डागडो, यंहनधो , डायनोकोरे o पोत: मुल्ला संगे-सीधां जय्यां उपेन्मे ते-हाथी, ससखें, र , नोणियो, यामायीडीयो पोरेઈ જરાયુજ : પેદા થનાર બચ્યું લોહી-માંસથી ભરેલ એક પ્રકારની જાળમાં सपाये होय ने 'मोर' हेपाय- म मनुष्य, गाय, लेंस, मॉरी, जण, घेटां'योरे... - KOKUYO W-N82800 Page #307 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 302) No. Date . . ग पंचेन्द्रिय तिर्यंय योनी पिराधिनाथी जयपानां उपायो: ( साप, गाय, लेंसाटि पशुसोगे मारीने , तेमनां यामांमांथी, याभडाना belt, purse , लूट, यंपल, जेगाहि पस्तुमो मनापयामां मापे छे. तेथी, यामडांनी डोपएा यस्तूमो, श्रापडोमे पापरपी नहीं. डारए डे, पापरनार अापने, ते पस्तु जनापयां मारे थये पहिंसानो भोटो दृड लागे छे. (e- लतनतनां सोरानो, शेम्पु, स्प्रे माहि पस्तुमा जनापती घेणाने, मा पस्तुस्रोतो प्रयोग, पारा तया ससलां रेयां पशुसोनी मांगो पर यामडी उपर साडीने थाय छे. ले तेमनी मांजोन्यामडीयोरेने नुकसान पहोंये, तो ते पस्तुसोमा पपरायेल डेमिल पार्योनां प्रभाएमां ईरहार हरीने , इरी पाछां, पशुमो उपर प्रयोगी शय छे. त्यारना न भाईटमा ते पस्तुसो पेयाएर माटे रणाय छे. मापां खोड प्रयोगो पशुखो उपर थपाथी, घां पशुसोने मां पातुं मंथई लय अथवा जीण पए। सनेऽ पीडायो चेपी पडे छे. मारीते अन्य पशुमोने सपायेन तमाम तहसीशेनो हंऽ , लोशनाहि पस्तुयो वापरनारांनोन पए लागे छे.. | मेषां शरीरने सजवषां माटे, शरीरमी साण-पंपाणमाटे, चपराती सनपटनी सामग्रीमो, scent-perfume नाहि पार्योभा तथा बहनोनां सनपट भाटे पपरातां सीपस्टीड , नेलपोजीश, महेंदी साहि रजनापां भाटे, माछली माहि पंयेन्द्रिय पशुसोनी हिंसा थाय छे. तेथी मापी सामग्रीमोनो पपरारा भाषा-प्रापिडामोमे उरपो नहीं. मत्यंत हिंसऽता-रता तथा निध्यतापूर्वड , लह माहि पशुमोना शरीर उपर रहेसां पाणने, साईनो अंथी-यीने डाढे छे. Azolle , Shaving brush , polish brush , paint brush Zoll1€ पस्तूमो जनापयां माटे, मा वाणनो उपयोग शय छे. तेथी, शड्य जने तो, मापी पस्तुमोनो त्याग दृश्यो. - योमासाभां, शध्य बने तो, पाहुनी द्वारा मुसाइरी उश्यानुं टागj डाराडे, योभासामा घणीपार, रस्तां उपर ऋडपधी पसार यती गाडीमोनी नीये साप, जीसडोली, हेडहां, इतरां, लिवाडी, गाय, लेंस रेयां पशुना ज्याने भरी कतां गोवां भगे छे. या गाडीनी KOKUYO W-N6250U Page #308 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. Date ३०२ |नीये ज्यड़ार्धने भरी बनार, डीडी- मंडोडा खाहि विश्लेन्द्रिय भयोनी न होय! संख्या तो पूछवानी (5) 4 खाधे पहार्थोगा, प्राणीभ तत्वों रहेला होय, तेनी भए थर्ध शड़े ते भाटे, सरकारी अयहा अन्वये शाडाहारी, मांसाहारी जने जनेना संयुक्त खाद्यपहार्थो जाजते, ? रंगयिलो नहडी डरवामां खाप्या छे, ते नीये मुन्ज छे. प्रएरोयमां [.] निशानी भूली होय छे, पए। ते निशानीनो रंग नीये मुग्न होय छे : सीलो : Green : शाजहारी (1007. Vegetarian) : मांसाहारी.. 4. (100 11... Non-vegetarian) उत्थर्ध - Brown : मिश्र (Vegetarian & non-vegetarian) शाडाहारी जाधपदार्थमा, अन्य ड़ोर्घ मांसाहारी उत्पादननी मेजवणी धर्ध: होय, तो तेनां नामनुं स्पष्टीडरए। डयुं क३री छे. खेलोपथी ध्यानी स्ट्रीय उपर मे साल के ब्राउन डलरमां उपरनी निशानी डरेली होय, तो ते हवा न तेवी, खेटले डे, vegetarian (मांसाहार) ३ये ते हवा भएावी. लाल - Red ड्ड दुःखनी -पात से छे, के जावा-पीवानी वस्तु अथवा हवा सप्लीमेन्ट मां, मुख्य घटडोमा उहाय प्राणी तत्वो न होय : पा पापरेलां जीभ घरडोमां प्राएजीभ तत्वों होय, तो तेनो निर्देश, डंपनीसो घशीवार भगी- भेर्धने डरती नथी खने green (लीलो) जोडस लगावेोखा घराड, साधे थयेली मोटी छेतरपींडी छे. ते सिवाय, रंग, इलेवर, प्रिझरपेटीप वगेरे घएगां जधां धटड़ द्रव्योमां शुं होय छे, तेनो स्पष्ट निर्देष होतो ४ नथी. જ माटे ४, जहारनी जनेली डोर्धयए। वस्तु वापरतां पट्टेलां, सो पजत . विचारपुं. जगत्यनुं होय, तो ? लघु, नहीं तो, तमाशे धर्म लृष्ट अर्ध ४शे. हरेड जाजतमां बांधछोड़ करतां रहीशुं, तो मांसाहार - अधर्म रखने खशातनानां आाध्यमां भूंपता ४शुं रखने त्यारे बहार डादपापानुं, कोई नहीं मजे ! ८४ साज इस इयाँ डरीशुं रखने हरेक लयमा, आयएगने लोडो, अथी- डायीने समधी जातां खयद्वासे नहीं नरहनी अपार बेहनाखो, रेनी खपाने उल्पना पए। नथी, ते पेठतां अर्धशुं! यालशे ? non Page #309 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 303 ऋ (3) (4) (5) खाना उपरनी, विशेषा माहिती नीरो મુજબ Green f 32.5 E-Numbering cal नो समावेश थाय छे પાંખ, સીંગડા, વાળ વગે૨ે : 1૦૦ "[. શાકાહારીની વિશ્વાસનીયતા પર પ્રજાચિહ્ન 7-57 शुं तमे जभरमां पेयाती, जांघे सामग्री पर रहेलां, श्रीणां खक्षरोमां લખેલાં *E Number? oll we nell at ? ગુમરાહ ન 2112473 Anti-coagulant's. : Taste Enhancers Modified Starches - Animal Derived (Yigitory zalaj (1) Colouring Agents E-120 E-1S3 " (2) Emulsifiers, Stabilizers, Thickeners : E-422, E-441, E-485, E-488 E-442, E-471, E-476, E-542 J Green Animal Origin Product म डे, खंडानी नहीं, पशुनी यरजी, Ca : D-626, E-631, E-635 " E-1105. No. Date : E-904, E-910, E-920, E-921, E-1100 2 E-1101 > , (संभवत: प्राशीवन्य स्त्रोत) Possibly Animal Derived ( E-252, E-270 E-319, 2 E-322 E-325, E-326, E-327, E-330 E-33S, E-336, E- 430, E-431, E-432, E-433, E-434, E- 435, E-436, E-470 a, E-4706, E-472 a, E-4726, E-472 C, E-472 d E-472e E- 472 f, E-473, E-474, E-475, E-476, E-477, E- 478 > E-479a E-480, E-481, E-482, E-483, E-491'; E-492 E-493, E-494, E-495 E-570, E-572 E-585, E-627, E-628, E-629, E-630, E-632, E-633, E-634; E-635, E-640. > 2 ने जाध पहार्थो पर उपरना E-Number होय, तेने मांसाहार समभुने, श्रापडोरजे वापरपां भेर्धसे नहीं. KOKUYO W-N8280U Page #310 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. Date (308 (विशेष उपथी Specifically harmful to children (fazia quest Guest 2112 8118151255 E-120, E-104, E-107, E-110, E-122 E-123, E-124, E-128, E-131, E-132, E-133, E-ISI, E-154, E-ISS, E-162, E210, E-211 E-212, E-213, E-214, E-217, E-218, E-219 E-250, E-160 b E-215 E-251, > S.No. Product 2-2345678 The fet for to ICE CREAMS Company: (1) Mother Dairy (2) Cream Bell (3) Dinshaw's (4) Vadilal (5) Nestle (6) Top N Town (7) Kwality Walls/8) BR/Baskin Robins (9) Nanula's Jicauan (10) Amul 1. 2. 3. 4. 5. 6. 7. 8. Kaju Draksh Butter Scotch Mango Cup 9. Cornetto Cone 10. 11. 12. 13. 14. 15. 16. 17. 18. 19. E-216, E296. 21. 22. Vanila Strawberry Green Pista Rajbhog Chocolate THE 23. 20. Chocolate - Choco Bar Raspberri Dolly Cassatta ith Fist LIST OF ICE CREAMS ka Ingredients Ice Candy Shahi Anjir Black Forest Shahi Pista Kulfi Masti Kulfi Roll Cup Sunday Surprise Forest " Black Current E471, E407, E466, E412, E435 E407, E466, E415, E471, E412, E440, E102, E122, E132 E407,E466, E415, E471, E412, E440, E102, E122, E132 Khatta Meetha Mango E407, E466, E415, E471, E412, E440, E102 E122, E132 E407; E466, E415, E471, E412, E440, E102, E122, E132 E407, E466, E415, E471, E412, E440 , E471, E407, E466, E-415, E412 E471, E407 E466, E415, E412 E471, E407, E66, E415 412 E471, E407 E466 E415, E412, E133, E102: E471, E407, E466, E415, E412 E471, E407, E466, E415, E412 E102, E471, E407, E466, E415, E412 E471, E407, E466, E415, E412, E102 E471, E407,E466, E415, E412, E122, E102, E133 E471, E407, E466-E415, E412 E471, E440, E407, E466, E415, E412 E471, E440, E407,E466, E415, E412, E102, E124, E127 E471, E407, E466, E440, E412, E102 E471, E407, E466, E415, E412, E440 E471, E407 E466, E415, E412, E440 E471, E407, E435, E412 E471,E407, E435, E412 8 Page #311 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 304) ई नम्बर ईनम्बर का नाम . मेणी उत्पादन स्रोत ENQ Full Name of E Category. Source of Product | E-120 कॉचनील/कारमिनिक एसिड लाल रंग खाद्य वस्तुओं को रंगने में प्राणीजन्य स्रोत - Cochineal, Carminic Acid 34977 मादा जानवरों को सुखा कर (Red Colour) Colour Use In Food Animal Origin Product in Coloring E-153 कार्बन ब्लेक कत्था काला रंग प्राणीजन्य स्रोत खाद्य वस्तुओं में उपयोग Carbon Black Maroon Black Colour Various parts of Animal Use In Food Product E-1616 केन्थाजेन्थिन कला नारंगी मछली एवं पानी में हड्डी खाद्य वस्तुओं में उपयोग वाले जानवरों में Canthaxanthin Orange Colour Fish & Invertebrales Use in Food Product with Hard Shells E-252 पोटेशियम नाइट्रेट आयोडीन रहित नमक प्राणीजन्य स्रोत पिकलिंग साल्ट Potassium Nitrate Pikling Salt Animal Origin | E-322 लेसिथिन इमलसीफायर व स्टेब्लाइजर अण्डा/जानवरों में पाई जाने । Lecithins खाद्य पदार्थों के रंगों को स्थाईत्व वाली चर्बी Egg/Animal एवं आईसक्रीम को बल्दी पिघलने Fat अण्डे की बर्दा एवं पानी से बचाने के लिये उपयोग को मलाईदार बनाने के लिये | E-422 ग्लायसरील सुगर/मदिरा प्राणी जन्य स्रोत/ जानवरों Glycerol Sugar/Alcohol की चरबी से | E-441 जिलेटिन इमसीफायर स्टेग्लाइजर प्राणीजन्य स्रोत जानवरों की Gelatine Emulsifier and Stabilizer चमड़ी एवं हड्डी से निर्मित. Animal Origin | E-442 अमोनियम फॉस्फेटाईडस इमल्सीफायर-ऊँचे तापमान . जानवरों में पाई जाने वाली Ammonium Phosphatides में रंग न छूटे इसके लिये उपयोग || E-470A सोडियम,पोटेशियम, केल्शियम इमल्सीफायर प्राणीजन्य स्रोत सॉल्ट्स ऑफ फेटी एसिड एटीके किंग एजेंट जानवरों की चर्मी से Sodlum Potassium and Emulsifler/Anti-Caking Agent Animal Fat E-470B मेमेशियम स्टियरेट ऑफ फेटीएसिड इमल्सीफायर/एन्टींकेकिंग एजेंट प्राणीजन्य प्रोत Magnesium Stearako of Fally Acids Emulsifier/Ant Caking Agent Animal Fat E-471 मोनो एण्ड डिग्लिसराइड्स इमल्सीफायर Emulsifier प्राणीजन्य स्रोत ऑफ फेटी एसिड खाद्य पदार्थों में संज बनाने एवं जानवरों की चर्बी से ज्यादा Mono & Diglycerides of समय तक रखने के लिये Fatty Acids Animal Origin E-472 मोनो एण्ड डायऐसिटाइलटारटेरिक मल्सीफायर प्राणीजन्य स्रोत | AFE-472-A-Fइमल्सीफाया Emulsifier Animal Origin Mono & Diglycerides of जानवरों की ची से Fatty Acids E-472, A-F Emulsifier 8475 पालाम्लायसाल एस्टर ऑफ फेयरसिड हमलसफायर एण्ड स्टेब्लाइजर्स प्राणीजन्य स्रोत ... Polyglyceral esters-of-Fattyacld Emulsifier and Stabilizer Animal Origin E48- पॉलीग्लायसरॉल पॉलीरीसाइनोलीट इमल्सीफायर एण्ड स्टब्लेइजर्स प्राणीजन्य स्रोत Polyglyceral Ployricinoleate, Emulsiffer & Stabllzer Animal Origin | E-477 प्रोपेन-१,२ डायोल एस्टर्स ऑफ फेटीएसिड इमल्सीफायर एण्ड.स्टेब्लाइजर्स प्राणीजन्य स्रोत Propano 12, Dicl esters of Festy acids Emulsifier and Stabilizer Animal Origin E478 लेक्टीलेटेड फेटीएसिड एस्टर्स ऑफ.' इमल्सीफायर एण्ड स्टेन्लाइजर्स 'प्राणीजन्य स्रोत लायसरॉल एण्ड प्रोपेन १-२ डायोल . जानवरों की चर्बी से Lactylated Fatty Acids esters Emulsifier and Stabilizer Animal Origin of Glycerol and Propane-1 E-4798 धर्मली ऑक्सीडझन्ड सोयाबीन ऑयल । इमल्सीफायर एण्ड स्टेग्लाइजर्स प्राणीजन्य स्रोत एण्ड-डिग्लिसराइड्स ऑफ फेटीएसिड जानवरों की चर्बी से Thermally oxidized soyabean Emulsifier and Stabilizer Animal Origin oll & diglycerides of Fattyacid |E-481 सोडियम स्टीरियोल-२ लेक्टीलेट इमल्सीफायर एण्ड स्टेब्लाइजर्स प्राणीजन्य स्रोत II T "Sodium Stearoyi-2Lactylate खाद्यपधातों को स्पंज बनाने AnimalOrigin E-483 स्टीरियल टॉरट्रेट इमल्सीफायर एण्ड स्टेग्लाइस प्राणीजन्य स्रोत Stearoyl Tartrate Animal Origin E542 बोन फॉस्फेट (खाने योग्य हड्डी) का पावश एन्टीकेकिंग एजेन्ट प्राणीजन्य स्रोत ... Bone Phosphate Anti Caking Agent जानवरों की हड्डी से || E-572 मैग्नीशियम स्टीयरेट ' इमल्सीफायर/एन्टीके किंग एजेन्ट प्राणीजन्य स्रोत ... - Magnesjum Stearate . ..EmulsifierlAnti Caking Agent जानवरों की हड़ी में E-631 डीसोडियम इनोसीनेट स्वाद बढ़ाने वाला प्राणीजन्य स्रोत Disodium Inosinate Flavour Enhancer Animal Origin IE65 डीसोडियमः ५, राइबोन्यूक्लियोटाइड स्वाद बढ़ाने वाला जानवरों की चर्बी से Disodium 5, ribonucleotides 5 Flavour Enhancer Animal Origin 'E640 लॉयसाइन और इसका सॉल्ट सोडियम स्वाद बढ़ाने वाला जानवरों एवं मछलियों से Glycine & its Sodium Salt Flavour Enhancer Animal Origin [E-801 बीज्वेक्स (मधुमोम) खाद्यपदार्थो को चमकाने वाला मधुमक्खी द्वारा निर्मित Beeswax-white and Yellow Glazing Agent Animal Origin E-004 शोलक खाद्य पदार्थो को चमकाने वाला लाख के कीड़े से निर्मित Sheliac Glazing Agnet Animal Origin E-910 " एल-सिस्टोन चाकलेट में उपयोग मानव बाल एवं मुर्गी के पंख L-Cysteine Improving Agent Human/Animal Origin E-920 एल-सिस्टायन हाईड्रोक्लोराइड चाकलेट में उपयोग प्राणीजन्य स्रोत L-Cysteine Hydrochloride Improving Agent Animal Origin E921 एल-सिस्टायन हाइड्रोक्लोराइड चाकलेट में उपयोग प्राणीजन्य स्रोत मोनोहाइड्रेट L-cysteine Hydrochloride Improving agent Animal Origin Monohydrate इन उत्पादों के अतिरिक्त अन्य उत्पादों में ई नम्बर देखकर उपयोग करें 104 Page #312 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Company Itom Harmful for Childron ." 50011, 50311, 223 500,503,223,270 50011, 50311, 270 50011, 503|1, 270 471 Snacks 271 . 270 270 SONFAST BRITANIA Animal Possibly Animal Dérived. Dorived 471 322 3224 322,481,472. 471 322,481 471 322,481 1100, 1001 341,481,500 471,1100 322,378 471 3 22, 4810 471 481 (0) 471,1101322,481 471, 1100-01322,481,330,270 322,481,472e 471,11012471,322 471 4 81,322 471,1100330 E471 E322.E481, E270 ** Good Day Cake Good Day Biscuit 11 - Treat Nice Creame Milk Biscuit 50-50 Time-Pass Tiger Marri Gold Time Pass Namkin Nutri Choice . Treat Mango & Elaychi Pune Magic, Chocolate 11 "Little Hearts Rusk Krack Jack Biscuit Frooti Mango-Juice Parle-G Biscuit Hide & Seok Biscuit Kismi Bar Toffee Monaco Biscuit Orange Cream Biscuit Butter Cup Toffee Kaccha Mango Bite BA Gol Gappa Googlay 5001, 50311 50011, 50311 500,503,223,102 50011, 5031 5001, 503K 503,223,290 soor 8001, 223 500 1,250313 50011, 503il, 223, 150b 50011, 50311, 223 5 001, 50311 500:503,223,102 500,503 500,503, 102 5001, 50311, 102 E296 E110 chi | 471 CADBURRY Crackle de Butter Bite 1-471 322 3 CNC 471, 1100-01 322,481,330,341 CNC Bake 471,1100-01 322,481,330,341N 471,1101322,481 Marle.ldte 322,481 Cookies 322,481 5 Sunfeast Biscuit E471 E322, E481 Special Biscuit E322 Snacky Zlo Zug Biscuit E471 E481 Five Star Chocolate E476 Dairy Milk Chocolate E476 Bornvlta Milk Powder E471 E322 Eclairs Toffee E471 E476 Fruit & Nut 442,476 442 476,322 Bournille 442 476,322 Park 442 448,493,322 Mtk Treat 442,476 Gems 476,442 414,903 442,447 Milk Chocolate E471 E476 E631 E627 Klikat . 516,501(I) Bbomer Boomer, Jelly Center Fresh E471, E422 Santra Goll Gulcand Toffee Maha Lacto E322 Gems E476 Toffee Chocolate E471 E322 S Eclairs E471.. E322,E476 Minto GolMint, E904 Parry's Coffee Bite E471 E322 Helnz Complain Milk Powder . .. Bingo Tomato Chips E631 E627 E471 102.133,122,124 Sik PARLEM E322, E481 E322 E222 E322, E481, E270 E222,E472 E322, E481 E471 E269 Magol E471 E102 E102 E102,5124 E110 CANÓYMAN NUTRINE VÍRIÉGLY NESTLE Top E110, E102 E133 471 E102 E102, E133 E296 50011, 50211, 223 50011, 50311, 223 500, 503, 102 500i, 503, 223 5001, 503, 223 500, 503, 223 5001, 503, 223 500, 503, 223 BISK FARM Spice Top. Gold Marle Rusk Butter Bite Coconut Classic Cream Biscuit Snacky Zig Zug Biscuit Cashew E102, E132, E122,110 471 1-322,481,335,336 472,319 335,336,472 471 472,319,481 471 481W). 319. 1100,1101472, 306,319,320 322,481:319 471 322, 336, 335 E471 - E322,E481 E471 E322, E481 481,322 PRIYAGOLD 471 223, 102 TTTTTTTi i Thy Page #313 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (309) No. Date या प्लास्रीङनो उपयोग शड्या तेंटलो टाणो. प्लास्टीनी जयणीखो, न्या-त्यां ईऽपी नहीं. ते डेली डोथणीखो, गाय पोरेनां पेटमा नय, तो ते मृत्यु पामे छे. स्टेपलरनो पपराश पएा बंधऽरवा यो छे. स्टेपलर बगाडेलां गणो - गाय कोरे जाई नय छे त्यारे तेमनां भाटे ब्लेमम पधी गाय छे. ( बारी-बारएर मोलतांबंधडरतां पहेलां, सहेला अमडापो, रोटी, जांयामां यांयागशेणी मन्याडोनुपांत लरायेली होय, तोते सवा-ध्रुभरीधी जशी जय. बारी-बार जोखतां-पंधारता पूर्वे, द्रष्टि नांजीने परामर सो कोयां बाE, डासन के यरवणारे सापरहीथीने राज्य बने तोनुटोjथी मायामा रहेल निर्दोष तिथंय पंथेन्द्रिय व मथवा विडसेन्ट्रिया पनी हिंसाधी प्रयी शहाय. महेश्पानां डपड मोठपानी-पाथरपानी या पशेर पशु-पक्षीनी छापपाणां न पापरपा पोस्टल स्टैम्प पुस्ताकोमा साएास-पशुनां | छोटां होय, तो ते झाडयां नहीं. पशु-पदीनां साकारतां डोई पाय-पहार्यो पापा अपरापपां नहीं. पशु-पक्षीनां धितोपाणां पस्तो धौवायनहीं, नीयोपाय नहीं. जाडी, लाप-हिंसानो होषबागेमा पण इतरां, लिसाडी, पोपट यो प्रारमो पाणयां नहीं. सप्तति पोषएानो भोटी होघटाणे छे मापए घरे रहेला या पाणतुंग पशुमो द्वारा ने डोपए लतनी पहिला याय, तो मापणी पहा तेनां लाशीहार थर्ड न. (A) डोपा हवा, यपेस्ट डे अन्य प्रोटीन पापडर मेवां माध पहार्यो पापरतां पहेलां, पातरी उरी लो , तेमां कोई प्राएल तत्व तो नधी ने? जलरं टूथपेस्ट माहि पस्तुमा पशुनां हाडांना लुडो (bone marrowy तथा छानो रस माहि प्राएगी तत्वो, मोटे लागेपपराय. (1) धिरना भार्ग उपर , हुणी यनो मने हकहर लेग ऽरी छांटवाधी, र मापतां सडे छे. उरना हर पासे, इटहुडीनो लुको मूडी राजपाथी पा हर तरत लागी नय छे. हीनानां पान पेरपाधी पए हर मापतां नमी. Gरने पीरामां पडडी, सुरक्षित स्थानमा छोडी हेपानी रीत, द्यए घरोमां, माले पए, नेवां मजे. छे. तेभां पीरानुं सतत ध्यान शप्पतां रहेपुं. संहर हर मायां पछी, तरत तेने सुरक्षित स्थाने छोडी हेयो.. श्रीरामां घी पजत पूराईने रहे, तेभ न घj नेमे. ने छोडती पणते, मालूबाट KOKUYO W-NB250U Page #314 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. Date 1304 | SIगडा - जिलाडी - समडी- जा४ - इतरां नेवां उहर- लक्षी पशु-पक्षी हावर होय, तो उदरने छोडतां ४, तेनां उपर तराय भारी, तेने भारी नांजशे तेथी, डाजभपूर्वड, उंहरने छोडवो. उहरना खवर - वरनां मार्ग उपर ड्यूरनी गोजी भूडी राजवाथी, उंहर खावतां नथी. डपूरनी गंधथी उंहर खोछां धर्ध भय छे, लागी, भय छे. तेथी, थोडा-थोडा अंतरे डयूरनी गोटीखो (naphthalene balls ) गोडवी हेवी, घरमा धूसी गयेल उहरनां प्रासथी जयवा माटे, सापां जधां निर्दोष उपायो ऽपां परंतु तेने साडडीथी इरडारवानी हे भारी नाजवानो, वियार पए, खापलगांची न, दुरी शाय (93) घरमा, भोरनां प्रींछां रींगाडी राजवाथी, गरोजी खापती नथी. सोडो सेवा पा साप पहा मोरना पीछांथी खापतां नधी खाने, खमुङ छे के देखो, साथ हे गरोजी हेखातां, तेने भारी नांजवा डरवा तरत होडी पंडे छे. प्रभुनुं शासन पामेल रैनोखे तो खाएं डर भराय उचित नथी. प्रयत्नो (१४) धरमां पक्षीखो माणां जांधे, तो डा- जय्यां वगेरेनी सभातां याग, विराधनानो संभव रहे छे, प्यारेड, उडतां पंजीनो, पंजामां खावी क्वाथी, खस्मातने सीधे, भि हे मृत्यु थवानो यए। लय रहे थे. तेथी, पक्षीजो माणां जांधी राडे तेयुं पोलाए ४ घरमा न राजपुं. नेथी, जागल भतां, पंजीनी ऐ तेनां जय्यां- धंडानी, मोटी हिंसानी संभावना न रहे. भरला डे, खेडेन्द्रिय, जेर्धन्द्रियाहि भयोनी हिंसा डरतांय, पंथेन्द्रिय भुवोनी हिंसानो दंड, घएगो मोटो लागे छे, खनेड गयो पधारे दंड लागे छे प्र (14) सीपस्टीक, नेसपोजीश, शेम्पू - परोरे मनपरोनां हाडां, हाडडानां लुआं, लाल लोही, तेभर कुहां-हां अवयवोनां रसमांथी जने थरजीभांधी तैयार थाय छे. ससलां, पांहरा, उँहर उपर ते पहार्थोनां खनेऽ प्रयोगो . थाय छे. खा प्रयोगो हरम्यान, खांधना जनी भय छे, खने लिपस्टीङमां, माछलीनां जनंङ पशुजो पीडाय छे, पींधाय छे, जमुङ जियारां तो भरी यए। भय छे. शरीरनां लींगडा सुडवीने तेनो उपयोग थाय छे. तेथी, भवनलर माटे, जने5 पशुखांनी हिंसाथी बनेल, सभपटनां तमाम Cosmetics. पहार्थोनो त्याग डरपो. Page #315 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. (306) (डाका ब्रैड पाउंमा मलय मेंहो, पनेरां-ध्यगनो नारा, मायो वायतां पसलले प्रसपोना संहार मने पाणीनां संशने डारो, पासी रहेता शेडो जेरीया- सामियां गुयोनी उत्पत्ति सने पिनाशनी परंपरायाले छर सेटले, प्रेड- पाठिं, न मपाय.. “सेन्डवीय स्प्रेड' तथा 'मेयोनी मांडानो रस होय. श्रेपर लगाडीने पापामांतेनो उपयोश थाय छे. तेन वपराय. (पट) - 'भारिनपासींगलेल पनस्पति तेलमांथी बने छे. 'पए तेने भुलायभा मनापां मारेगमाछलीजें तेल उमेरपुं पडेगा. भाईरिन ब्रेड उपर योपडयामां मापे छे.. तेनापधरायः (NES -मा पिसनां मेवांपाछरडांनी होगरीनां रसनां मिाथी रेनेरले खनेरछे. तेनो उिपयोग पाए। रेड उपर बगाऽपामां थाय छे. ते पएण्न पपराय. (णमान्यीझलनापपामा रेनिन पाछरडांनांहरमांधी मेणवाय. करनां पेटनी थरजीमांधी 'पेप्सीन' जने छनाले यीसभापपरायचे. नयीशमांडा किटटीन' मा पपरायाछतेथी, यी नावपराय. (1) इतरानी यरषीमांधी इरसाएानुं तेल जने छ., गाय-जणा पोरेनी यरषी मिहामोमांक जारी लिस्टीटमां अने. तणेसी पस्तुमां पपराय छे. एये, तमे न हो डे ते ऽर्छ रीते जपे? .. (२) नुडल्स (सेप) पेडेटमा थिइन खेपर (कुडांना रस) लेणपाय. गडाहाखसएसने ईडन मिश्राए पए थाय छे. तेनास्तानी माम तरी ,माथी घरोघशेमा पपरायाछ, के उयित नथी. ( म सालुाएगांना हुंच, -दु महिनासो सुधी, नएगी निः, मुटलाभां पडी रहे छे. तेमांधी . सीसशसने पार विनानां तुम्रो पेहाथाय छे. पछी, तेनां रसमाथी साजुहाए जने छात, पीपरमीन्ट लिस्टीट कोरे मारेनुं गणपए सेवानि ईरान, सेवानि माटयां, डीटरट भापडर, डेट पोरे साठे, उपां धोपानां स्यर्य पापडर पोरे मारे यिपराय छे. तेथी, ते पए न जपे. (माटुथपेस्टमा डानो रस, हाडांना पापडरा, प्राणी सीसरीमनुं भिप्राय धाय छे. पणी, तेमां पपरातुं, 'सोडियम हुसोराड' हृदयरोग सने उन्सर रे छ. तेनां पिछटप पे तमंन पापरी शहाय छे. पेस्ट पोरेभा पाएगीनो लाग होपाधी, यलित रस थाय, KOKUYO W-NB2900 Page #316 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Date तेमाजमान्य पिडटोन्द्रिय क्यामनंता निगोहादिशुपोनी उत्पत्ति तथा विराधिनाथस्य छेतेथीका अहिंसड Amarnमा पेस्टनां नाले, तभशनमायापरघु श्रेष्ठ गएण्या (श्या तैयार: पाउयमांगमगतां, पान-मसाला, सुगंधी सोपारीमो मने रंगीन परियाणी उपर सेडरिनना पडत्यापेला होय छे. सेडरिन तो डेन्सर पा रोगाने मामंतशामापे छे. तेथी, सापां पार्थो पापरवामांमद्रप्या मारोग्या शरीरनां स्तरतुंसने लाप खारोग्य (सात्भानाजस्तर); जंने नभाय छ । डलटा नुसान थायछे. होटल वारी परनी पानगीमाशाड्यारेयालय होती नथी. मागणपाएगीनो उपयोग मारनां मलक्ष्य सोटा, टेस्ट भाटे ससेंसरासरमाटे गुहा-दुहां रंगा झनी नव्याने लंड कोरेनी यनी, पपशती होयरछे, पपेली रसोई, जी हिवसे, गरम जरी उपयोगमा पायछ। घी, तेल, पाएगी म्युसपोरेना पासपोजलाफ्नो उिधाड पश्यां रहेछ तेमां भरकर, पांडा, नगरोगी, रिपोरे पडतां होयछे. तेस्रो तेनायीपीया पोरेयी पडडीने महाराहाटे छेसने से धापरेमाथी, तभने जाशाही या फोरे बनावी पीपडापायछे हो मापी था तो स्वादिष्ट बाग ने . . !! डटई पापडरपाणी माऽसहीममा किटलेटीन पशुमोनां हाडांनो पापडर) पाडानो सात्तथानामनुं मांसाहारी भेटी वपशयाछेनार्डसहीभनी शस्त्रातमांग यरजीना थरने ऽ मने रामरायोकाछिद्राणु बनाषाय छेयरजी भोटाभां मूहलां, सहेलाऽधी मोगणे, ते भाटे, निर्दोधारामजोस पशुपक्षीमोनी शुहानीयामडी, नाड, मायणए, आमा, छडी पोरे पार्थोनोगयीडएगो सईएस), मालेगपवाभां. साये छे. तथा, प्राएी गुंहर सने गंधातां पाणी पहा उमेरपामांसाफेछ भोंधा माईसहीममा हा हायईडा परपडी शडे, पएा, सारीभां पेयातामाईसकीभमां तो डाने नहले "डी-ईथिल सुओठ" नामर्नु मेन्टी-झीठ, सस्तु, रसायाए पपराय छे. भायानां थती 'जोडो' मने भारषानुपरानोल' से 'बेनिटाना ना खाने पीरसाय छेटो -हो स्पा मापयां भाटे, हां हां रसायए-डेभिल्सयपराय छे. मनेहां -E Page #317 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. (32 Date सारंग पहायपराय छ रसायो मनेगरंगोमे धीमांर सभान | छे. होरी, पायरसो सीहीनां बाल ए, मांतरडा इसां,लय, सीपर पगेरे उपरतेनीगंलीरामसर पड़े थे. माशेश्य भाटेमतरां समान छेघरे मनतां माईसहीम पासलक्ष्य छ, मने माशेश्यने नुकसान-हर्ताः छेमा खेटले, माणधी पस्तुओ, भात स्पा पातर पापरनार , जहारथी 'शाकाहारी हेपातो होपा छता, पास्तपमा |तो,ते मांसाहारी मनी-गयेल हेवायछे.. म. टर्ड पापडरमांडानपारसनुंगभिप्राथाय छे... पुडींग, खासिकीभ, जासुधीर सलाडाकोरेभाजपपराय छे. तेथी, डानी पिराधिनायी जयपुंहोय, तो ना पहार्थो वापरपार्नु डायमभाटे छोडी हेयुं. ( रायोडसेटा जतापयां माटे, डोडी पापडर, धभिप्राहामने डोडो जर पपराय छे. डोडोगजट मोधु होपाथी, तेनालसा साटाइट' नामनी पशुनी यरजी भेरी यामां माये छे. हुपे तो हो , खापी देशी-पिटेरीयोऽलेटो पापरवायी-पपरावपायी., मापए शाहाहारी डर्छ रीतेवाईमेरा .. (उ) डेटसीयोलेट पीपरभीन्ट मने ययुग-गमा फोरेमां-मांस मल्छी, डानं मिलासने किलेटीन पपराय छे. साठे, डानां रसपाणी खने गाय-जननां मांसपाणी पए योऽलेर, पीपरभीन्ट खने म्युगागमाखनापाय छे.ाथ्युर्छग-गममा पपरातुं लिसरीन'तो गाय-प्रणानी व्यरजीमाथी लाने छेमा रीते, डलरी, डे परेमा पण, मापां पहार्योर्नु मिश्रा होपाथी, माई शडाय नहीं मारडालनी थोडखेटो,डोडोजीन्नुं डेझीन थियो-प्रेमीन, थरखी, डानिस तत्पा, लेपर- रसायबोधी जने छे, छीन तोहयोत्तेन्द्र छ, ते लय-नाडीनां जडाने पधारे छ; अल्टी, भाधानो हुम्जापो, यफर, सनिद्रा, सांधानो हुनापोक जेयेनी पोरे पेह डरे छे. निहल' तो जाणडोमाटे जूजर नुख्सानाडार छे. डोडोयी शारीरि मने मानसिड लिमारीमो ली थाय छे. भारे, योऽलेट ही जापी नहीं. यापरो ने ? (उ), निस्सीट जनापपा भाटे, अंजनी गुठोनो गोदाममा संग्रह चाय छे. तेनी उपर भानीमोर जाजरे छे. तेने राडरपां भाटे, मेरी घ्या છાંટવામાં આવે છે, જે લોટમાં મળે છે. વળી, બિસ્કીટમાં ઘી KOKUYO W-NB2800 Page #318 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -No. Date रामथापा स्पेश्यमा लेरी FREE मे मध्ये प्रष्टीनी यरणी यापरयामा मापे छेनापरटेशनां लिडीटमा मांस-भठी, डा, गायनी यखी गासने पशनांन्यांतरडांनो रस पपराय छे. घए लिस्टीट, डे, पेस्ट्रीमा माछपीर्नु सस्तुं तेष पपशय छे. (उर)मा 'हाथी परे पशु, पक्षीछे मनुष्यनां शरीरनां पयपाना प्यवसाय रयो नहीं: हांत,याण, पाटां, नज, हाडां, यामहां, शीडां, शंज, छीपा, डोडा, हुस्तुरी, गोरोयंहन, मंजर , न, याभरना पुग्छ, मोरपीछ कोरे प्रसन्पोनां संगोगे, तेनां उत्पत्तिस्थाने गर्छनेमप्यापार माटपरीहपां नहीं. डेमडे, मामा प्रसनुषोनीपुष्पण हिंसा थाय छे. माले तो, सोही, डीडनी, याणपोरंग मनुष्यनां मंगोनो पए प्यापार शथयो छे. मने ते भाटे, नागडो पोरेनां सपहरणा :पए जपध्यां छे. सापां प्यवसाय डे नोऽरीनो त्यागाऽरयो. (330 गाय, घोडा, जरां, ऑट, धेटांपगेरे पशुमा तथा पोपट, डनूतर पोरे पक्षीखोनो प्यापार वो नहीं मां, डेरा,पीछा पाटीमोनो प्यापार Trect D indirect डरपो नहीं.. जणE, घोडा, टपगेरे पंयेन्द्रिय पोनां संगो मपयो पोरे छेध्यानो धंधो न रखो. टेमडे, जण पगेरेनां डान, शीगडा, नपुंछडा पोर.. डापपा, नाऽ पिंधवा, घोडानीने मांडपा, सांढने जण उरखो, तेमने डाम हेपा , जसी डरपी पोरे प्यवसायपाणी नोऽरीनो त्यागाम्पो ट्रमाने प्यवसाय 3 नोऽरीमा, पुष्टण नुपहिंसा पती होय, जूज मयित डार्यों ऽरपांपडतां होय, धर्म-संस्कृति माटे जतरनाऊ होय, तेषां धंधा, नोडरी पोरेनो त्याग रयो ईणे. छतांय, ल्लथी मायारीयी तेयो व्यवसाय पो पड़े, तो मुटता हिले, सघणु प्रायश्चित सङ्गुर पासे डरी लेधु नेने,सने लावि भाटे, યોગ્ય માર્ગદર્શન મૅળવી લેવું જોઈએ. (उपा समय लारतलरमां, गायने भातानो रो सापपामां खाप्यो छ. गाय मापे छ. मेने पाछरsi होय छे. याछरडांनां पेटमा रेनेट' नाभनो पार्थ रहेलो होय छे. मा रेनेटने भेगपपा भाटे, पाछडांने भारी नाप्नपामा मापे छे. - Page #319 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (313) NO.......... .... ....... : Date . . सेनो उपयोग यी मानायपा माटेग्थायछमा यीठ स्याहिष्ट होय छे. प'मा 'माही जायट रेनेट' नो पा उपयोग डराय छ, रे पनस्पतिथी मने छे. परंतु,सातो स्यानी पात छे. भानस्वाह मातर, नपजत पाछरांनो पप तल राय छे....(उदा ससj हे छे , मारो पांगुं छे?' या निर्दोष प्राणीनु मस्ता (डोड), जेडसाएसामांनडी खेवामा मापे छोरमने धातुनी डसीपथी मेनी सांजो प्मुल्ली राप्रपामांन्मापे छे. माधुंधोपानांशेम्पुतरिमेड मेछाटीपासससांनी साप्नमां टपडापपामां मापे छे. जीयामु ससखू तो ग्रीसायीसरी मूठे छामेनीसांनोमां मेवी तीव्र लिन पेधा थाय छेडे, जे साहासाभाथी छूटपा भाटे,बाण प्रयत्नो डरपां कतां, पोतानी मरातोडीनानाछो साणीमाथी सतत मांस नीऽणे छे, ससjांधयुथईने, तुरंत मोतने लेटे छे. शेभ्युजनायीने, सारीते, तेनीठासही- Testing-भाटे, सससांनी सांजमां नंगायछे. जियारा, ननपरतुं'भोत' मने मामएपी मल'.. खाप पागने मुलायम राजपाभाटे, डेपो र प्यपहार ,मा निर्दोष प्राणी साये रवामांसापे छेससj डेटडं प्यारंजाडेरj स्नेही भने निरुपद्रपी-लj पछे मने भानफसमाला...?? मानपजत-डोर, नहोर, छु, दिसा मिने उपयपी छापो पोते लले मापी दूर हिंसा नारीसे, पए खापी घोर हिंसा हरीने जनापेला पहार्योनो उपयोग ऽरपा मानधी पए मापए खात्माने हिंसानोडामागे छे. यापी (उठ) रीखंडोएर सांप मानपी?: सांपनी यामड़ी भाटे, जसष्य सांप घडडीने, भारी नांवामांना छे.. मेयाभडीभांधी, संसारीमो भाटे पट्टा BETE) , पसी,यंपल वगेरे यारउश्यामां मापे छे, की, "शुपतां सांपनी यामडी पधारे मुलायम होय छे सने ते जेयपी पधुसरण होय छे. सेटले, नुपतां सांपनी यामड़ी उतारपामा खापे छे. सापना भायाने, जीतीथी , साउनां था साथे होडी पानां मापे छ. सांप तडपतो रहेछ, तरइडीयां भारतो रहे छे, मने रमणीघर याकुनी मध्यी , मेनी यामडी जयंत शामा , उतारी लेपामा मापे छे. डाम पूरे थतां, शिडारी घाऽ टूर उरतो, सानहनोरावासले छ मने जियारां तऽपतां सांपने हुडा तऽडामांस, मरपा माटे , छोडी हेपामां मा छे. सेना भरपा A . KOKUYO W-NB2900 Page #320 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -No. 129 Date १. सुधीनी राहुपए कोपाती. नथी.मेने लियारांने जीसीधी - पाऽपानी स्तष्लीश सेषां पए होई तैयारा नथाय महेरबानी हुरीनेवियारो, तमे तभारी: वतने माषां करापर्थोथी शनेजमगीने, 'सन्मानिय पी रीते मानी शो? | जील्ले सत्तांतरडीयां भारतां सांपने नम्र भाभे राणीने, यामांगलूट, यंपस, जेष्ट, पर्स, सूडेस माहि तमाम पस्तुमानो । पत्याशसाने माटेरीलेवो. (उटमर फाजघटानी टोपी भासूम सनेनिर्णोध मेषां धेटाने पग सोडासे पक्ष्यांनी परम-शांत पांगोराना- पागोऽहम घुघराणूंहोय छ मने सेती यामडी तो सत्यंतनरम-सुओमण होयाछे. मनमोलोडो,' या योवानांशीण पूरांउषांमातर, त्तेनी च्यानडीमाथी बनेलापस्तो मनेनटोपीहरपार्नु घसंह उरे छोगनमतांनी साथे घंटानां जय्यानां - शरीर-उपश्नांज्याणनी कुमणाश- नरमारा SoFEness तरल मतभ लियाछे. तेथी,भाहा धेटाने, शापस्थाभांसाडीसोधी गांडी मार मारपामा खापेछे सेटली सुधीभार.भारणामां मापेप्रहार ऽश्यामां माघेडे घशीपारामाहानांप्राए पंजेरकल्पगडी जय. पछी, माहान पेटने छराधी झाडीने, संरके जय्युहोय, तेने डाम्यामां माये छे. मुश्तानीनानाथी पधारे सीना-या-height-मुंहोई शडे? डिखेलथ्यांनी यामडी :पएशन्तुपंत अपस्थामांच पूरी उतारी नेवाभांखाये छे..मेना भरपा. सुधीनी. पण राहोपामांसापती नथी. डिपीरनामापते-जवतांन्द्र प्रा शरीरनी.यामडी उतारवामां आपे, तोडेपी ललिम-तिल पीडा, ससघ पेनाथाय ते हरा उत्पना डरशी तो पतन पशो.. सेटले, शोष मातर, मापीरता साये यनेसा, मुलायमा उननी.रोपीसो, डेट, हाथ-पानां मोन कोरे, डायममाटे, छोडी हेवा. ( डायजावं तेल पाएीनां छिनारे, डोटियोडी या पर, डायनो नभीन मोटीने पोताचुंग घर जनाये छे, च्याते, दुनियाथी वर, मेडलो-भटूलो छुपाई लय छे. जियारा डायनाने शु जनर । .र भाजपना हाये मारे लयंडर पेहना सहज हरपानी छे. मने मयाना मेनां पानीयेनी भीन, गेडासेड सरठापी हेपामां मापे छे. जसने से सेवा प्रहार औरथी पछडाट जान छुटडी जय छे, Page #321 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. (314) Date पलटी माया छे डे-पीडाने सीधे सीधी घर्छ शडतो नथी. मेनाशरीरनां नीयेनां लागनां डोभण संगोने, थोडीवार तड तयापीने, दुसाई तेना शरीरनांन्टुडेन्टुडां री जाने छे. वारजानाभां मा टुडामोने मोहसीने, खेमाथी रोड, विशिष्ट तेल नीडाणपामां मापे छे. खातेदनो उपयोग, सौर्य सामग्री जनाषवाभां थाय छेसारीते, डायनासो समुद्र तटथी सीधांतभारां इभमां , सौर्य सामग्री ३पे| Cosmetics) पहोंगी. लय छे. नभारी सुंरता भाटे, डेटलां डायजानी हरपानरसेन्र टमीनीट,मनहानि यती शेर हत्या थती हो?तिसर,शांतिथी पियारोजमने नाशपंत शरीरनी, शोला भाटे, डातिल । हिंसाधी-नेला साosmetics पधों (cream powder, Lipstick , Thal Povis soap कोरे)नो पपराश जायभमाटे छोडी शो. झापशे ने? (छ) 1 मिन्नुं सत्तर : लिंगानामनिर्दोघम लोयुंघ्राही, निवाडीधी रामपए। जहुजनानुहोय छे. साधाएगीने, घां सोछां लोडामे नंगलमां कोयु हशे. यिडियाधरन 200 पोरेभा, प्राप्त,मा प्राए नेपामगेछे. मानाना-नाए जनपरने, लाडानां मोटा डा- 'त'थी पीटपाभां मापे छिडे ननाघी ते उत्तेनुता याय, Gटेगमय धाया मा गधी परेशान थयेसखवस्थामां, पेनां शरीरमांयीमेड विशेष प्रडारनो पदार्थ, नीष्णपाटाणे छेडे नामां चूल सुधा होय छेतेनेनीयोडयामा सापेछे. सेनी सामग्रंथीने यादुधी रोंयपामां मापे छे भने याङनां लगातार प्रहार यातु रजाय छे. डाराडे, सत्तर तोाजनी शशे। पीनां सोहीनां सुपास छ - रेने नापो, सत्तर मने perfume ना ये उपयोगभांल मे छीने तमारी पासे डोई हिसाब छ डेटलां निर्दोष ननपरोने तभारी शन यमनामानंह, भाटे, हएापामां मायां हशे- हुएगाताहशेर.... लपांतरभां मापां लपोनी मापी येहनाथी ने जययुं होय तो नुवनलर भाटे perfume - अत्तरनो त्याग रयो... । ( तभारी हन्नमत: 'गीनी पीका' नेवां नाना- अभयां मनपरनी यामडी मरोयीने, माइर शेष मोशननो सेप हुशवाय छे. परिपुए, टेस्टींग, ममतरांधी तपास डरपामां मा छे मा लोशन, भएासना गाल पर, झोला, शेऽi, मुन्न्लीनुगरसेशन तो नहीं डरे ने?जेटलेशीनी पीनी माल जरोंयकामांसावे छे. जेड्यार नहीं परंतु KOKUYO W-NB2BOU Page #322 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - No. Date (329 पारंवार खनेड गीनी यीगने मनथी भारी हेवाय छे. शा माटे ? 'तमने साइटर शेष सोशन यहींथाडवा भाटे ...खा रीते खेड निर्दोष प्राणीनी दूर हत्या थाय छे भाटे खा डोर्घ After shave lotion नथी पए, it is a shame lotion. sifact silctoll deall sts of 4. खायीने, डोङ निर्दोष प्राणीनी आंतरडी जाणीने, खl after shave lotion इंडङ तो दुर्ध रीते खायी शंडे ? ते नरा शांतिथी वियारभे. (४२) भुवनर त्याग डरखां देवी वस्तुखो: (१) किलेटीन : प्राणीखोनां हाडडांनो पावडर छे. नेनो उपयोग केसी, ...खार्धसहीम, पीपरमीट, डेप्स्युल, य्युर्धगम, टुथपेस्टमां थाय छे. (२) भभन्स : रंगजेरंगी रज्जर देवी नरम जने साडर लगाडेली पीपर. ते किलेटीनना भिश्रएाथी नरम जने छे. ने जावा केपी नथी. हेरासरमां डोर्धयए। पीयर नैवेद्य तरीडे न यडावाय. (3) खेडस्ट्रा स्ट्रोंग सह पीपरमीट : रिलेटीननुं मिश्रण, जोन (हाडझनां) - पावडरनं मिश्रा तेमां पपरायेलुं होय छे.... (४) नेली हिस्टल : तेमां किलेटीन खाये छे, तेथी न वयराय. (4) सेन्डवीय स्प्रेड तथा मेयोनी” : तेमां घेडानो रस मीडस डराय छे. - ते ब्रेड उपर लगाडीने, जावामां उपयोगमां सेवाय छे. (5) जटर : माजामां असंख्य प्रस रंतु छे, के विझर खने राग करे छे. डेङ, जिंस्कीट, सेन्डवीयमां जगाडयामां खाये छे. (१) सायना ग्रास: ने हरियार्ध वनस्पति छे, लील-सेवाजनां मिश्रणाथी जने छे. (८) पार्धन जिस्कीट : नानां यथां-गीण जिस्कीट. तेमां डानां रसनुं मिश्रण होय छे तेथी खलक्ष्य छे. (८) खेनीमल यर्धय जिस्कीट : होय छे. नेम डे, खाडारनां होय छे. भाटे जावां नहीं त्याग डरापपो. हां-हां प्रडारनां पशुखोनां जाडारनां हाथी, घोड़ो, पांहरो, माछलुं वगेरे जापायी हिंसा संस्कारो जाजडोमां पड़े छे. जाजडोने भगृति खायवी, प्रतिज्ञाथी (१०) डाइट पीए रेनेट ड्रोम डाउए (२-३ हिवसनां उन्मेषां पाछरडांनी होभरीनां रसनां मिश्रणथी जने छे. तेनो उपयोग, ब्रेड उपर लगाडवामां तथा पीत्रा जनापवासां थाय छे. Page #323 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (399 No. Date मांसाहारनो होष जागे छे. घ्या गुए। नाश पामे छे. (११) खार्धसहीम पावडर : तेमां किलेटीन जाये छे. हां-हां डेभिडल्स - रसायनां मिश्रणा, खार्धसहीममां थाय छे. हे खांतरडाने जगाडे छे, खारोग्यनो नाश, दुरे छे, महाग्नि डरे छे. "" (१२) टूटेला, य्युर्धग-गम : तेमां जीइटेलो खने हाडांनो पावडर होय छे. (१३) मेन्टोस : तेनी जनावरमां, जीइटेलो, जोन पावडर तथा रिलेटीन पपराय छे. डॉभनां विद्यार्थीखो पुष्ठण जाय छे. ते शाजहारीने मांसाहारी जनावे, छे - हिसनी डोमणता रहेती नथी. (१४) पोलो: सईह खेडस्ट्रा - स्ट्रोंग पीपर-नेमां क्लेिटीन खने जीइ जोरी भुननुं (गाय - जजहनुं मांस) मिश्रएा थाय छे. पेटमां, मांसनां जागुरखो, तामसिङ खसर उली डरे छे. काम-होध वधे छे. (14) नुडल्स (सेव) पेडेट : मां थिडन इसेवर (इएडीनो रस) लेजववामां खावे छे. डांघ-ससएग जने छंडानुं मिश्राए। थाय छे. नास्तानी खाटम तरीडे पपराय छे. सोटनो, डाय पीती न्यायी पा 1" रंजलक्ष्य छे. बारम (१९) सूथ पावडर तथा सूप प्रयुज्ञ : नेमां चिडन इलेवरनं मिश्रण थाय छे. ते सूप जनापवामां पयराय छे. ने मांसाहारनो खेड प्रहार छे. (११) पेप्सीन: सानुाएगांनी पेइर - रताजुं म्हभुजनां रसमांथी जने छे. के सडेलां रताणुनां रसनां होन्मां, असंख्य डीडाखो पग नीये ज्यडायां पछी, मशीनमां गोज - गोज हाएगां पडे छे. जनंतडाय खने खसंख्य प्रस तु खोनो नारा थपाथी, ते, पर्थ्य छे. तेनो धंधो डा देवो नथी. घ्या-उरुगानो नाश दुरे छे... डर्मबंध थाय छे. (१८) टुथपेस्ट: नेमां डानो रस, हाडांनी पावडर तथा प्राणीभ सिसरीननुं • मिश्रण होय. छे.. सवारना पहोरमां ांत साइ डरवा सगाडतां, हिंसक वस्तुनोनो होष लागे छे. तेनाथी जयवा, आयुर्वेहिङ भन्न सारं धत: डांटाणु माथु + दुसावेली इटडडी + सरेह सिंघालूला खानुं मंकन पायोरियां खरडावी हांतने भक्त हरे छे (१८) धन्स्युलीननां भ्ऽशनो : डतल डरेला घेटां- जडरां- लूंडना pancreas नामनां अवयवोमांथी जने छे. Diabetes मां उपयोगमां लेपाय छे. :: (20) इसाटा खार्धसहीम : तेमां डाना रसवाजी डेड पपराय छे. KOKUYO W-NB290U Page #324 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - No. Date (३१८) रासायाजिङ द्रव्यनुं भए। मिश्राश्र थाय छे. ते जलक्ष्य खने खारोग्य माटे हानिकारङ होय छे. (२१) नाहवानां सानु : घयां जरां साबुमां प्राजी४ थरजी जाये छे. ने टेलोमाथी जनापवामां खापे छे. हिंसा पहार्थोनो त्याग उरी, निर्दोषनो उपयोग डपो - जे ४ घ्याणु खात्मानं उर्तव्य छे. 17. 11 कचन (२२) सौंदर्य प्रसाधनो: लिपस्टी, नेटस पोलीश, शेम्पू कोरे दे भनपरोनां हाडडांनो लूडो, सास सोही तेम दुहां- कुछ सपययोनां रसमांधी 'खने थरनीसांथी तैयार थाय छे. ससलां-बांहरा उपर, ते पहार्थोनो प्रयोग थाय छे, तेमां असंख्य भनवरो भरी भय छे, संघ जनी भया छे. हिंसङ पहार्थोनो, प्रतिज्ञा डरी, भुवनलर मारे 1. त्याग परो, भुवन ध्याभय जनावो. (23) लिपस्टीङ: तेमां यरजी- सोही. तथा माछनीनां शरीरनां लींगडा सूडवीने तेनो उपयोग थाय छे. नेरलीवार तमारी भूल, होहने लागे, तेरली पार मांसना खगुखो पेटमां भय छे. *हरेड घ्या प्रेमी बहेनोसे त्याग दुवो जने डरापवो भेजे. 1. 3. , ए (४३) प्राणी पहार्थोने भएो खने त्याग हरो : (१) सेस्ट्रोग्म: घाँडीखोने सतत जांघेली, गर्लिगी राखी, तेना मूत्रमांधी तथा इंतल डरेला भनवरमी ग्रंथियांची भजे छे, 'उपयोग : ध्वाजने सौंदर्य प्रसाधन क (२) खोलियेट्स : भनपरमांधी मेजवी ड्रीम-सौंदर्य माटे पपराय छे. (3) सींग्लास : माछलीमांची मेजवी केली, सौंदर्य खने खाल्डोहोसीड पीएगां खने तेलने पातकुं ङरवा माटे पथराय छे. (४) उस्टर्ड पावडर : डाना मिश्रणथी जनेस छे पुडींग, खार्धसहीभ, जासुंही, श्ट सलाह कोरेमां पपराय छे. (4) ऐस्टोरियम : नर 'जीव' प्राणीमांची मेजवाय छे. सौंदर्य सने होर्मोन मारे पयराय छे.. (4) डोयिनियल : साल रंगनी भवांतनी सूडवलीमांथी भेजवाय छे. खाद्य पदार्थ तथा सौंदर्य मां लाल रंग भारे पपराय छे. (१) ग्लिसरीन : प्राचीन ग्लिसरीन हवा11- टुथपेस्ट - क्रीम- अभ् Page #325 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 3१८ शेम्पु - मसम-रजर वगेरे सारे (८) जीई टेलो सरजी: गाय-जगह फोरेनी J सस्ती यीभेमां, थोडलेट पीपरमां पपयय छे. (E) प्लेसेन्टरी : ढोरनां जय्यांमांची मेजवी, होर्मोन - सौंदर्य माटे वयराय छे. (१०) रेनेट : प्रए। हिवसनां कन्मेलां ब्राछरडांनो रस - ने थीए मारेनां मेजवा तरीडे पपराय छे.. 1. (११) पेप्सीन : डुड्डरनां पेटनो रस मे थीए मार्टेनां भेजवा तरीडे एक - वषराय छेत्र (१२) भीए। No. 7.) Date पपराय छे. यरजी हल्छी मिठार्धरजोमा, मक्क सर्पभाषीनां मध्यूामांथी जनाषी जरिङ डला -1 फोरेमा पपराय, छे. P : 14 पपराय छे. (13)सोई: डुनी यरजी ने डीम - सौंदर्य साधन भारे (१४.) लेसीथीन : डामांची मेजवी- परदेशी योडसेट, रखने सौंदर्य मारे पपराय छे आगाम हा (१८) सिपेट : जिलाडी नेपां 'सिपेट', प्राणीमांची मेजवी - सुगंधी सेन्ट ा भाटे, पपराय छे. - लिपस्टीड 3(15) स्टायरेट : पशुखोनी यरजीमांथी भेजवी ड्रीम-लिपस्टीङमां पयराय छे. (११) विटामीन 'खे' जने 'डी' पाणी हवासो : इेरोडोल, शाइरील, डोडलीयर खोईल, शार्ड खोर्धल, पीलर्स छोड, पीलर्स शार्ड, 'रखने हेलीवर नामनी, जनेऊ ! ध्यासो मछलीनां सीवर तथा प्राणीखोमांथी तैयार थाय छे. नेनाथी रिखेऽशन खाये छे, स्वलाप तामसी कोधी - हिंसड जने छे. (१८) स्डार र्धमलशन जजघ, लेंस, पाडाना मांसमांथी जने छे. (१८) विरोला : गायना भगन्नां रसमांची जने छे. (ख) खेडसट्रेट सूडावेजां मांसना मिश्रणामांथी जने छे. (22) खेडस्ट्रेट यीडन -उहरनां मांसमाधी जने छे : (22) पेपसेंट पावडर : इतरां सुपरनां पृषएामांची जने छे. (23) खेड्रेनेसीन डतल रेला पशूनां लिवर जने ग्रंथिमांथी जने हो ने हमनी हवायां पपराय छे... (२४) डेडसोरेन्न : उत्तल : डरेलां प्राएलीनी थार्धरोर्धड गलग्रंथिमांधी जने छे नैनो उपयोग टोनी मां थाय छे. (24) स्ट्रेस डेय: (टोनीक गोणी) : गायना सुवेलां सीवरगांधी मणे छे. KOKUYO W-NB280U Page #326 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Date सावी एपीर प्रशुसोनी हिंसाधी मनेद हवामो, माध पहार्योनो नयनलर त्याग री सुनी मनो मने स्वास्थ्यनी रहा हुशे..... (रहा सालुहाएगांनो तिहास: साधना हने, सेटममा 'दुलंग' हे छे.. "Torpeo' मंग्रे गाम छे. पहिलो नेरडं यान होयछे छाल डाट्यां पछी, जुम्लामा ४-५ महिना पड़ी रहेतां, तेमांघी सीलश घई नय छ, पारापिनानां डीडांन्यो तेमा उिपने छे. सनंता न्नुपानी घोर हिंसा थियां जा, पराधी मुखा, मेयां रसमांथी साप्नुहाएमनेपछो तदुपरांत , सानुहागांभांथी पीपरभीन्ट गणपए, लिस्टीटा भाटेमुंगलपा, सेवानि छनेरान, सेलानिनां खाटलां डीटरन्ट पापडर, डेट पोरे सामुग, उपहां भाटेनो स्वार्य पापडरपोरे जने छे. या साबुहाएगांना चेस्टेन इपे रहेसहा रसमां, पार पिनानां डोडामो महलहतां होय छे. सानुहाएगा जनावपानी प्रोसेसां घोर हिंसा होवाने डारो "रस पाकियो नामनो उर्माहाननो पंधी तरी जनतो होपाधी,त्याच्या छे. मात्माने पापधीरे लारे उरतो होय, मेवां भाप्लुटाएगांनो प्यापार, पापलीस घ्याणुरोमे ध्यारेयरयां यो नथी. डारा, हिननां घोर पापर्भ अंधावी, लविष्यमा नरड-निगोहमा मनंती पेहना, मसंन्य काग सुधी, मात्भाने वेपी पडेपो. यालरो?(टुथपेस्ट : तेभां टोराईड, सोनिटोला मन सोडियम सोरिल सन्डेट होय छेटे बागडो भाटे नुयलेएसालित थाथ छे-मापुं मरिहाना चॉशिंरन टाईम्स छापामा पटा साप्युछे. (ए) पीना: तेमांपघु यिसनी पासी भैहानी डायी शेरली तया समोसा भाटे, भैहानी पासी पट्टीसोमा मसंन्यासमोनो नाश होई 'सलत्य' छे. माटे, नमएापारोमा महेनोसें मेंहा तथा मापीयासी पट्टीखाना उपयोग सुराय डरयो नहीं. (र समरी-याभर : गायनां पाणमांधी बने छे. गायनी इतमधयां पछी , उसाई डाटे छे. ज्यारेड जपतां पा मा पाण उताराय छे. खरैन मंदिरोभा उपयोग धाय छे. (30) भीएा: पाणेषी मधमानीतुं भीडा, प्रमाणामां, सोधू मणे छे. Page #327 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. 321) ...................---- Date भीएनी वधु पहारा तो गंलमा रहेब अंधपूडाने तोडीने थाय छे. हरे भधपूडो तोडती पजते, 40 यी ३० हार मधमाजी,तेनी - ध्यण, डा पोरेनो नाश घाय छे. मधपूडो नीयोपीने, मधअठीसीधां पछी, रे पधे छेतेने सग्नि द्वारा तपाची, सोगाणी, गाणीने, शवाय. तेने न्ट भीएा' हेपाय छे. नेनो उपयोग मा भीएाजत्ती जारी हुणा पोलीशान मोयीनो होरो, लिपस्टीड पोरेमा धाय छे.. ( उदाणामने रोना ताजो भीएपड़ां भराय त्यारे मांऽन्मांऽ साधा पीसोडलीलाकतैयार थाय छे. तेनो उपयोग ऽतर हागीनां, वृशा जनावपामा सीस-तरी, रमऽऽ, पोलीस, रंग, पार्नीश इन पोरेमाथाय छे. वामनो सर्थ- ,00,000 थायन्सेटले डे : काग ही शहाय डेडलाज यहां मरेगतेने ' साहेपाय. 333 ग्राम साजा भाटेकाले दाना कपडांभारवामां खाये छे. पार..पहिंसानो नागी मांडो ने मापए नकर सारानीखे, पापा तो सरणताथी लाजना पहार्थोनोग्यपराश छोडी शडीखे. (हा शहारेशमा सानो रेशमनांहीडांसोने मारीने र राम' जनी रा छ, गबाडी नहीं. रेशमनो डीडी, पोतानी सागभांथी बनायेलो, पोतानोरेशमी तांतानो औरोटो छापीने साधारए रीते, अढारेड पिसभां जहार पडतो होय छे. डोशेटो डापतांदारेशमी तांतारानां टुडेन्टुsi थिईतय छेस्ट्रांनोनी हिंमत नन्नयी छे.. मामंड, लामो तांतएगो४ हिंमती छे. सातो. अजंतांतगो आशरे सो सानो होय छे. तांताए। मजंड मेणवां भाटे, रेशमनो डीडोडोशेटो छापीने जहार मावे ते|पहेला, तेने उडणतां पाएगीमा डुलाडी भारी नांपयामां मावे छे. - साधी, नियारां डीडांने महार मापवानी त नधी भगती. मावीरीते, | १०० ग्राम रेशमी डापड भाटे, नारारे १५०० डीडांजोने भारयां पडे छे. मेश्य युंहोय, तो हय हसी नय, संसार प्रत्ये वैराश्य लाव जयी उहे . भाषां पस्नो- उपयस्तो पहेरीने, खापोखे प्रहारनुं गौरपा मनुलपीछे छीमे. डेयां सानहमने गौरपथी मापणे सेवां पस्तोर्नु प्रदर्शन रीसे छीने हारो-लामो डीडामोनी हिंसा जाह मनेल, मायां यम्मी तो डर्छ रीते जरीही राहाया जहीने उर्छ रीते पहेरी KOKUYO W-N82800 Page #328 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. (3२२) No. Date शाया पाहेरीने दुई रीतेराथ राडाय. जे समजत नधी. (या मोतीराम भोली भेणपवानी हृदयन्द्रापए प्रछिया : जासं समुद्रमांनी, हारनी। छीपमां, मोती' पेहाथाय छे. | डालुः से प्रहारनुं नणयर प्राएी छे डालुन शरीर, तेनी के छीपोनी पास्ये संपूर्ण रीतम रसायेj होय छे. सधया नेम ही राहाय'डालु' मा ने छीपोनी डिनारीखोने लिडापीने खंघ शने, नए तेनी संघर जेसी रहेल होय छे. मान्छीपो, समुद्रनां तजिये, सातभा पेटायामा पेघा घायरछे, मने त्यां न्ह-पडी रहेछे. डाानां शरीरनो रे लागाछीपनी साये लेडायेलो छेतेनीजमनाछीपनी वय्ये न्यारे जहारनी रेती छायी एपस्तुलराई, नयाछे, त्यारे तेने ये छे. सोनपीडां उत्पन्न रे छे। खापही सोनमगडोस हुए लराई लय,गे पीपीड रे, पराल तेषी रीते. साधीsार्नुस निपारा डरपा भाटे, ते भाषांए एनीमासपासंगालगलग तेनां छीपानां योग पहार्य, पोतानां शरीरमाथी भरपाछे छोडेछ) ग्ल्मा धागो पार्य, डानी सासपास, संपूर्णरीतेभी लाया छे से हाथ पर, माछलीनी पीडा दूर थाय छातो जीन हाथ पर.खेड सुंघराभोती सर्नय छे..हए। डएनी माप्तपास, अस्पीने गोणाडारमा ममता पहार्य, मेट'मोती' छे. डालुनी घीडोलीस्तीनाहोय मनेनेटसांगांना समय सुधी याले, तेरला प्रभाएमां, तेनां शरीरमाथी.पधु पहार्य ठरपावे.मने मोती तेरडंपर्छ मोटुंधाया । हालुल्मनेन्छीपनी साये लेडायेलां शरीरना लागानी पय्ये, नहारमो रेतीहोरो हुए ऽएा घुसयानो जनापती ज्यारे बने. मेधारहो,डोडा छीपमां,मोती बंधाय. साम, दुरती संगोगोमा तोलाप्नो छीफमांधी थोडांड : भोली प्राप्त थाय छे. परंतु, छीयो तो जधी तोडपी पडे मने छीपोगनूरतां डाल' नापी राहतां नथी. लामोनां हिसाले, निरर्थ संहार धतो रहे. भाम, धरती संगो पर साधार रामयाभां भाये, तो मोती सत्यंत विरल पस्तू जनी रहे. . .... . . . उमा हुनशे प? पछी, श्यारे भानपीने, डालु ज्या कारणासर जने ठेवी रीते मोती पहा डरे छे, ते क्यारे सभनयुं त्यारे तनो साल नसने, तेएो 'टुल्यड प्वाtured मोती पहा पुरवानी पहति Page #329 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. - (323 Date . . 1 વિકસાવી. જાપાની તેમાં આદીવાન તાં અને પણ. | કાલુને એકઠી કરીને, ખારાં પાણીની વ્યવસ્થા કરવામાં આવે છે. પછી, કાલુની છીપ અને જોડાયેલાં શરીરના ભાગની વચ્ચે કઠણ દાણો 'કૃત્રિમ રીતે દાખલ કરવામાં માલ છે. અમેરિકાના “પાયે કલ’ની - છીપનો દાણો , આ કાર્ય માટે , ઉરામ ગણાય છે.): કલુનાં શરીરમાં - ઊંડે કાપો પાડીને તેમાં આવા ઇg : દાણાને ધુસાડવામાં અાવે છે. અને તેની સાથે બીજ કાલુનો. માસકોષનો પs પણ દાખલ કરવામાં આવે છે. 1.૧ થી ૧૫ જુદીદ, એક કલુનો ઉપયોગ કરવામાં આવે છે. - દણ1 દાણdi/ દાખલ કરવાની શસ્ત્રક્રિયા કરેલી ૫૦૬૦ કલુ છીવોને, खेड पीवशमा राप्रपामां मापे छ मने खा पीराने ४-६ महपाडियां . . . સુધી, દરિયામાં ડૂબેલું રાખવામાં આવે છે. આ વખત, શસ્ત્રક્રિયાનાં અધાતથી કે કેટલીક કીલુબો મરી જાય છે. નાના દાણામાંથી નાનું મોત એક મોસમમાં તૈયાર થાય છે, જ્યારે મોટાં મોતી તૈયાર થતાં 3 થી ૭ વર્ષ લાગે છે. કલુ અત્યંત સંવેદનશીલ અને નમણી-નાજુક - હોવાથી, તેને કઠણJદાણાથી , અત્યંત પીડા થાય છે. અલંકાર અને 3 શોખીન વસ્તુઓ તરીકે વપરાતાં, આ + ૯૧ર્ડ મોતી પેદા કરવ્વા માટે, | | તેઓને લાંબા સમય સુધી, તીવ્ર પીડાની વચ્ચે રાખવામાં આવે છે. જે ખરેખર, તેમનાં પ0 ગુજારાતે જુલમ છે. છેવટે, મોતી મેળવવાં માટે, કાલુઓનો તો ના જ કરવામાં આવે છે. કેટલાંક માને છે કે, “આ કૃત્રિમ મોતી છે. અને એમાં કોઈ હિંસા નથી પરંતુ એવું નથી. આ ‘કલ્ચર્ડ મોતી તો બનાવટી કે ખોટું મોતી નથી. એ તો, કાલુ છીપ પાસેથી જ એને ખૂબ પીકીત કરી, એની પાસેથી જ સવવામાં આવે છે. અને કામ પૂરું થયા પછી , કાલુને તો તમારી જ નાંખવામાં આવે છે. હવે તમે જ બોલો , શું તમને મોતીના દાગીનાઓ ખરીદવા , પહેરવાં, જોવાં કે જોઈને વખાણવાં ગામરો ? : : : ' , '. (૪૬) હાથીદાંત - હાથીદાંતની બંગડીઓ , ૨મકડાં, મૂર્તિઓ , પિયાનોની પટ્ટીઓ, કાંસકા , બટન અને કલાત્મક વખોનાં શોખને સંતોષવાં, દર વર્ષે અંદાજે, લાખથી દોઢ લાખ હાથીને મારી નખાય છે. હાથીદાંત , મુખ્યત્વે , અાફ્રિકાથી આયાત થાય છે. હાથીનું મરણ નીપજાવવા માટે , બેટરીના એસિડવાળા કેરી કેળાં , ફાસ વગેરે KOKUYO W-NB28CU Page #330 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -No. (3२४) Date नहाथीसोना मार्गमा मुडयामां माफे छे. हाथी मरतां पहेसांठ मीन पर पछडाय छे. मीन पर पडतान, गीप रेयां महीनो मापी जय छे. मने मावी हिलयालयी, प्राणी ईयामे भरी गयुगछे, तेनो ज्याल, हिंसासाखिोने- शिद्वारीसोने, मापी नय छे. न.सने ना डाममां रोडायेता लोगो त्यां नई, भरेसां हाथीखोनां हात डाटी से छेसन पदमां, होंगहोंगना जलरमां, 500 टन नटां हाथीदांत माव्यांहतां मारवां हाधीन भेगवां भाटे, मारारे, 000 हाधीखोनो संहार डरपोल्पडे. मायुं नहीने, गुंत हक हाथीहालभाधीलनेल पस्तुसो पापरी शो गमाडी. शाशो? (७) उत्तर ध्रुवना प्राष्ट्रीयमोम उत्तर धूपनी नन्छ, शीत रिलंधनो प्रशइछे. त्या मानवीनी पस्तीसोछी छे त्यांना प्राएगीयो, तेनी संघररंपाटीपाणी यामडी भाटे प्रज्यात छः मा प्राहीमोने पडयां भाटे, छटागोऽपवाभांगामाये छे... पछी, प्राणीसो पडायांसपडायां नहीं, तेसोपा भाटे, 40-परहिवस पछी, मापे छे. भान, प्राणी पहेतुं पडाय, तेलां प्रमाणानां ते पपुहिषस ऽष्ट मोगपे छे. छडामां, प्रादीनां पानो पंने सपडाय छे सने तेने सत्यंतरापीडा थाय छे. ते लयनी वाशी पहा झुंझपाए साथै मनुलये छे. सतत शं भारीने, घाडीने, इरी-इरी पग छ्टो रयां भाटे पोते-गांडो प्रयत्न उरतो रहे छे. १०-पिस सुधी, ते प्राट्री, आ.रीते सतत येहना लोगषतुं न रहेनछे. तरससने लूजथी पहा पीडायछेसनेमसाजापगने पोतानांगली होती. हरडीने छूटो डश्यांप्रमथे छे. जुस्सार मेहाना ठेवा जरीस्तानना, प्ररानी डी पए सजताउंमतीदारहे छे.माजरे, ते मूल नासपाभीने, रीजातां-रीमाता, यीयीयारीमो पाऽतां-पाडतां, रडतां-रडत्तां, मृत्युने लेट छे. न्योसंबर 23, हर पर्षे, मेला उत्तर डेनेडामां न, 70 साज प्राणीमोनो लोग सेवाय छे. तेथी, पशुसोनी सुंधर पाटीपाणी मुलायम डोमण यामडीमाथी बनेस यस्मो, टोपीखो, मोनंमो, योरे नवपरायः इन्सी जेग पान पापरवी. Page #331 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 324 No. 12 Date सांजा घोडां हरियार्थ सील : हरियाई सीलनी यामडीनां भज्जर खार्पाने डारो, सोडो तेनो पपराश, उरखा जलयाय छे. तेनी सुंदर इंपाटपाणी यामडी माटे, मोटां प्रसालामां, सेब्रेडोर (डेनेडा) नां डिनारां पासे, 'हार्य-सीस' तरीडे खोजखाती प्राणीनी खा भतनो शिजर थाय छे. ...... प्रथम जय्यांने मातानी नभर सामे ४, खदी छुट ेवो हंडो, रेनो छेडो पधु भडो खने गोज होय, तेनाथी इटडां भारी-भारीने जेलान श्री नांजपामां जाये छे. पछी तेने यत्तुं सुवाडीने, भुपती हाललमां ४, छूटीथी कड़जा सुधीनी तेनी सामडी यीरी नाजवामां खायें, छे, अछी घरी घोंयीने, तेनां हयनी धोरी नसने, डायी नांजीने दूस्ताथी भारी नांजवायां खावे छे. ते जेशुद्ध होपां छतां ज्ञानतंतुखोनी, खायमेणे, धती प्रक्रियाने सीधे, भ्यारे तेनी यामडी उतरडाती होय त्यारे ते जियारं पीडाथी तरइडियां भारतुं होय छे. खां दृश्य नरी खांजे भेर्ध, न शडाय तेटलं. होयगछे. खा उपरांत धुता तो खे छे छे, जय्यांनी र हुमां ४, तेनी मा गलरार्धने, जरइना पोयडामांना पालीवाला जाडामां संतार्ध भय छे. ते जय्यांनी हईलरी, पीस सालणे छे, योतानां जय्यांनी पासे जीङना मारे जहार जावती यामडी फारनां, लोही भा, तेना पर पोतानुं नाड क्वानी लाज रछा होयां छतां यएन, जियारी नथी. भ्यारे शिडारीखो-याल्यां भय, त्यारे नीडजतां पोतानां जय्यां पासे खावी, तेनी घसीने, पोतानुं ह्रय-द्रायड दुःख व्यक्त उरे छे. परंतु, तेना दुःखनो खाहीं संत खावतो नथी. जय्यां पछी तेनो योतानो पारो, खाये छे. · भोटां प्राणीने गोणीथी डार भारपामां खावे छे हरेड मोसममां, संहारे होढेड लाज़ सील प्राणीखोनी खा दूरतालरी रीते उतल थाय छे, ... रेशननी दुनियामां, के प्राएगीखोनी हिंमत वधु उपने, तेखानी यामडी, अर्ध पए। रीते, मंडित थयां विनां, खाजीने खाजी, मेजववांनो प्रयत्न झरवामां खावे छे. जेथी, जावां प्राएगीजोनी यामडी खखंड रहे, ते रीते, तेखानुं भोत नीमभववामां खाये छे. पछी, लले तेमां अतिशय दूरता रहेली होय. तेथी महेरजानी डरीने, खायां रेशननां साधनो, स्पेटर - नेडेट वगेरे पत्रोने, अयम माटे, तिसांगली खापशो, पापरशो नहीं. cosmetics, KOKUYO W-NB28CU Page #332 -------------------------------------------------------------------------- ________________ • 100. (325) Date हिमालहतलाशीहीपडामामाडिाना हीपडांने भारी नामवा माटे, प्रथमतेने साहा घांतरामा राप्रपामा मायेछे. पछी, डश डेट' नामना पास पांरामा, ईरलहली. हुवाभा मा छे. रेनो उपयोग, नलीजी तपास भाटे मथपा सारवार माटे, तेमने नमुडीने स्थिर राप्नया भाटे, उरवामां तो होयाछे. सणियांना गोहां भारीने, तेमने सापां पारामांन्या मारेनी इरल पडाय छे. शाटमा घडेख्यां पछी, यारेप्नाष्टुथी तेने दुडी लेवामां माय छे. हीपडान गपूंछगनहार डाटीने, यंरीने, पडी रमाय छे. या पद्ध, मात्रहोऊ शूट लांजाधिराफातोलोजऽनों सणियोहीडानां गुहामार्गभां मृज कनेरथी प्रपेशापयामांगनाया छे, अापधुने पाखंर घडेलायाया छेनाप्रांशी,सजतानाधातघेहनानो ननुलकारी, संधी पण सुधी तो मेडम सवा मनीगनयाछे पछी, तेनां गणामांधी, ईलरी प्राडो सने हत्यधड यीसो नीडमीने, पातापराने सत्यंत एकजनापी, हे छे. सांपोजहार नीटणी पछः सा समय, हीपडा, शरीर, डायती हालतमाया, तीप्रताथी जेयाय छे. मा, मिसमय नलिम पेनां सहन उरतां-डरतां, थोडी पारभा, ते मरएने शरण पामे छे. मरतां हीपडानांला मया सालनीने, नीलहीपडांनो पए हलरी हिडियारीमो डाटे छे. त्यार पछी, तरत, मरेाहीपडांनी यामडी उतारी नेपामां खापे छे. रमेन्टशिडारो पिशे पाहा छ.. 1 . । न्नतजननी यामडी भेगपयां माटे, मयया इत्त पोताना शिहारना शोमने संतोषवामाटे, डोर्ण निरपराधी पशु-पंजी- “नुपरंतुनी डतल रवी तेसोने पनी उश्यांगतेभनी पाछग पडीने-सजत गलराटमा तेभने होडापा - मे परेजर, मति हिखद्रापा दृश्यो छे. मनुष्यना शोजनी सीमा नथी. मावी रीते, रोडो प्राएगीसो मने परंतुमोनो संहार थतो न रहे. छे. . (40) ईरानेजल टो, टोपीसो , मुगटो, टागी, नश, पीण कोरे- भाटे जता, जगवां, शाहमृग पोरे सुंर पदीयोनी, मोटा प्रभाएमां उत्लेमाम थयां न डरे छे. मरणर अति ध्यान छे. मापो मापी पस्तुसोनां चपराशथी मपश्य दूर रही राहीमे, शपो के ? Page #333 -------------------------------------------------------------------------- ________________ धना तजेलामा, पाछयांनी 'मणी' तजेलाषाणां ये छे. सा जणी सेनेसी ने semi-liquid Form मा रहेठे होय छे. | स्वाह भाटे तथा पापरती पणते तेनां सीसा स्पर्शनो मानं भाएापा माटे, तेनो पपराश थतो होय छे. या वापरी शहाय नहीं. डाराहा, पाछरडांना सन्म पछी, मा भई-घट्ट-ध-यु,प्रपाही पे रहेस पार्थ उपर, मानने भात, पाछरडांनो हक छे. दुधरतनां नियम प्रमाएग, तेनां शरीरनां घडतर माटे, मा प्यूज परी पोघा पहार्य छे. तजेसांपागां, पैसा भेगवधानी बालयमा, तेनी पाथी साटपी बर्थने, येथे छे मने बोडो होशे-होंगे मीहीने, तेनो पपरारा रे छे.. हिन्मेवां वना हुने मुटपीने, नावाभा गुंग होप लागी राडे, ते समन्न्यां माटे, विशेष समाएरनी शुराछोरीसमनुने शारोडाही छे. समएमांखलाये । शुषघ्यानां परिणामोनां मलाये, सोनो हाय मापां पहार्यों यापरयामां लले डाय, पा, पध्या-प्रेमी या प्रानां शासननां सभन्दु प्रापडो लोमायां पधों उर्छ रीते पापरी श रमेरखेडे, न पापरी राडे तिथंय पंथेन्द्रियनो विभाग समाप्त (THE END) हुये नरड विशे नए : Page #334 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (30) Date નારક પંચેન્દ્રિય જીવનો ત્રીજે પ્રકાર) . . -નરકો | ધરતી નીચે પાતાળલોકમાં એટલે કે અવલોકમાં આવેલી છે. તેમાં નારીનાં જાવો એટલે કે નારકો રહે છે. વ્યંત૨ MILLIJહીપ સ. :A - જા-- ૨૨-સ્પિરું જટીતિષ્ઠ 2 1 દ્વીપ સમૂહું. = 9 | ભવનપતિ T >નક ૧ R : & c = = . નરઠ ૨ gridingઇ . - કા2 ftge lu s * * B, RAKE કફ ess! - ન૨9 3 * : Enત તહbe ૧૨૬ ૪ IIIIII 1 . ઊં છે aw | નરક . SNL / itiare/ * * * * * E tv -.. . 1 :.. , " T . \નરક ૬ : :: :: : TO TS, * :' , હiadRY ગલ્સ નાડી; અધોલોકનું ચિત્ર - 9 નરક KOKUYO W-NB280U Page #335 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. Date ૩૨૯ नानां सात प्रकारो : ७ नरडो खोलोङमां खेडनी नीये खेड खेम खावेली छे. हरेड' नरडनी खंदर 'नरडापास' खावेलां छे खने तेमां नारहीनां भुवो उत्पन्न थाय छे. हरेड नरडना नरडावासमां उत्पन्न धनारां भुवोनो खेड - खेड प्रडार गएगीरखे, तो नारङ भुवोनां डुल सात प्रकार थाय. तेमने खनुहमे पहेली नारडीनां भषो, जीभ नारडीनां भुवो, श्रीभ नारडीनां भुवो, योथी नारडीनां भवो, पांयमी नारडीनां भुवो, छड़ी नारडीनां भुवो जने सातमी नारडीनां भुवो उहेवाय छे. खा सातना पर्याप्ता जने अपर्याप्ता मणीने नारडीनां डुल लेह १४ थाय. ६) सात नरडनां (१) घभा વંશા (2) (3) (४) (या (5) नरडनां नाम शेला संना रिट्टा नाम मघा माघवती खने गोत्र : न25 पृथ्वीनां गोत्र રત્નપ્રભા शर्डरायला पालुडायला पंड प्रला धूमप्रला तमः प्रला तमस्तमः प्रला पृथ्वीमां ने वस्तुनुं जाहुल्य રત્ન शर्डरा = डांडरा वालुअ = रेती थंड = डाव धूम = घुमाड़ो तमस् = संधारं गाढ संधार खाडार 'छत्रातिछत्र' सात नरडनां खाडार : सातेय पृथ्वीनो समुहित नेवो छे, खेटले प्रथम नानुं छत्र, तेनी नीये मोटुं छत्र, तेनी नीये पधारे भोटु छन्, खेम हमशः विस्तारवाजा सात छतो होय तेवो छे. वणी, जा पृथ्वीखो खेड़-जीमधी संलग्न नथी. खेटले के, तेमनी वय्ये मोटुं अंतर छे. सातेय पृथ्वीखो खेडली भथी स्वतंत्र छ जने ते धनोहधि (भमेलुं पाजी), घनपात (घट्ट हुवा) जने तनवात (पातको वायु) ना खाधारे खाडाशमां रहेली छे. 0:0 सात नरम प्रकाश डेंटलो ? अधोलोऽमां, सूर्य-चंद्रनी प्रकाश यहीं यतो नधी. तेथी, खा सातेय नरकमां (पृथ्वीखामा) अंधार प्यायेलो होय छे ! Page #336 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. Date (योन) १3।। सात नरम यमाई पहोगाय नहार्य 1 प्रत्तर मरावास रत्नप्रला १२१ शन्न प, 00 30 लाम शहराप्रला शाशन्ह शाशन १, २,000 : ११ स्प ताज वालुडाघ्रला ४रान राल | १,२,००० C ૧૫ લાખ पंडवला यश च पशप,०,०० ।। १० वाम धूमप्रलादुराकापशाव १८,000प: : 3 लाज हातमाप्रलादारान दाश व,१८,००० 3CCCस्प तमस्तमः प्रला. ७. श श ८,०००१ प । ४८ ८४ लाजा नोंध: नारहीने उपन्यानां स्थान = नरडापास, पृथ्वीभां सर्वत्र माघेला नधी, पा तेनी प्रतशेभां मावेस छे. मेरखे, पहेला पृथ्वीनो माली चंड पछी प्रतर, पछी माटी पंड, पछीघ्रतर जेरीले हरेड नरहनी पृथ्वीमा गोहपए। छे. खेड-प्रतस्नी लडाई 3000 योन होय छे. सारीते, नरऽनां प्रतरोमां कुल ८४ लाभ नरडावास छे. साता नरऽना नरडापासनांसाहार : अधां नरडापास, छरानां यां चढ़नां तगियापाणां छे. परंतु, तैमनो साहार नुहो-होछे-डोर्छनोगोण, डोनिो निहोए। डोईनो यतुष्डोए. पणी डेटखांऽ नरसापास हांडताना माछारनां तो उरसाऽ घडानां साहारना छ.. नानां जयोनी पेहना : नरहना जुपोने नए प्रडारनी चेना होयः "ला क्षेत्रहतवेहना ) परभाधानी तोना: () सनोन्यतपेना. (1) क्षेत्र तपेना: स प्रहारनी तत्त्वार्थ सुत्नमा हावी छे. Ha लूमनी वेहना भेटसी जधी समत होय छे रखेड र नारडीयनुप साप्नी दुनियानां अधां अनाठ, इण, झूल, भीडाई पगेरे पापालाय अपी थीले माई जय, तोपए, लूम शांत थाय नहीं, पए पपती जय.. खापी अति-समत ल्जभां डायम(संपूर्ण माथुध्य हरभियान) लडल. तरसनी पेना मेवी हे दुनियालरनां तमामे तमाम इपा,पाप, तनाप सरोपर, नीलो, द्रहो, कुंडो, समुद्रनां पाणी मेड नारडी जप पी जय KOKUYO W-NB230U Page #337 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Date | तो पए, अनी तरस छीपे नहीं : इंडु, तागपुं, शुल, होड डायम सूडाया डरे. हुप्पटणपान्य तेमतेम हजपपतुं न्लय. शीतना पए खेटली बोरधार लोग डे महीना मानवलवभा, | शरटीना प्रतिवाणो होय, मामांसी माहिनी पीडा डायम मनुलपतो होय, राडो पपन खाये ते सहन करी राहतो न होय-सेवा माणासने | पोष हे महा मासनी मतिराय शीतणतावाणी रानिमा घणी राहयात होय, यारे तरथी शीतग पचलनालापटां खापता होय,हिम पडतो होय सने थामा यी पर्पतनी टोय. उपरः तद्दन उद्या शरीरे सुपाडपामा माये, सोने टाढनी पीडा लागे, सेनां डरतां सतगुपी शीत वेहना |ष्टिा योनिमा उत्पन्न थयेसां नारखीय जवाने डायम लोगपपानी होय. 1- उप पेहना मेटले गरभीनी पीडा, पएनारठीने बहु सहेपी पडे. डा प्रशमां कन्भेसो भानप होय गरमी श्राप सहननरी शडतो । होय, सेवाने गरमा गरम हुपाषाणा प्रदेशमा, लर-नागाभां, शाम ना सजत तापपथ्ये, मेरनां साडानां धगधगतां डोलसापर सुपडापता ने पहना थाय, सेना डरतां जनती गरमीनी पेहना, नरमा रहेसा शीत योनिमां उत्पन्न थयेला नारना ब्लुपोने रहे. Gष्ठातानी पेहना डरतां शीतणतानी येहना घरी पधारे सारी बागे. -- पहेली यार नरडमां उठाना होय, पायभी नरमा उष्ठा मने शीत खंने ना होय, खट्टी- सातमी नरहमां शीतपेहना होय. te पर वेहना मेटले तापनी पीडा, तेरे नारडी गुयोन डायम रिहा रे. नीये नीयेना स्थानना नारडी होय तेम पधारे रोगथी जीमने. के हाहवेना सेट जगतरानी. पीडा: नरामा रहेला जुषोने शरीरमा मंडरथी यने महारथी सहायरलगतश रहा रे, मने च्या जय | त्यां जगतरा पधारनारा साधनो भणी मापे, शांत डरपार्नु डोपए | डा साधन मगे नहीं. बहना मेटलेना -यणनी पेना. मेज़पोन शरीरमा डायम जेटली यण सापेडे गमे तेटj जाए, तो पए से पीडा मरे नहीं. याइ, छरी, तलवार सेवा सति-तीए हुधियारो पडे, शरीरने छोली नामया रेयुं डरे तो पए जानी पीडा रणे नहीं, परपशता पए सेटलीक होय. डोईपए सवस्थामां मेने स्वाधीनता नेवी वस्तुनो अनुलपन थाय, सा पराधीन न्ह रहे. Page #338 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. (32 Date ૧ ( ભય પણ ઘણો રહ્યા કરે. આમાંથી કષ્ટ આવરી લે વૈલી બાજુથી , - એવી ચિંતા ! અહોનિશ રહ્યા કરે. સદા માસ, નિર્બળતા , ગભરામણ, પાર | વિનાની મુંઝવણમાં જ ૨હે. કોઈપણ જાતની શારીરિક કે માનસિક શક્તિનો -લેરા માત્ર અનુભવ થાય નહીં. વિભંડ્રોનથી આગામી દુઃખ જાણી | સતત ભયાકુલ રહે છે . ' - ર શોક ની પીડા પણ પાર વગરની હોય. ચીસો પાડવી, ક૨ણા રુદન | ક૨વું, ઘણા ગમગીન રહેવું વગેરે દુખદ સ્થિતિમાં જ જીવન પસાર થાય. " (જીપરમાવાશ્રી (પરમધાર્મિક બ્લો) કૃત વેદના: નરકમાં દુખ આપનારાં ૧૫ પ્રકારનાં પરમાવાએક દેવો હોય છે. બા પરમાધામી દેવો ત્રણ નરક - સુધી હોય છે, અને તેઓ જીવોને તેમનાં પાપો યાદ કરાવી-કરાવીને - ઘીર- કઠોર રિક્ષા આપી , રીબાવે છે.. नाडी लुप उत्पन्ग थाय मेरसे तरत न तेसो गर्नना उरता કરતા ચારે બાજુથી દોડીને આવે છે અને બોલે છે. - આ પાપીને જલ્દી મારો, છેદી, મૈ..... તૈો ભાલા- તલાર- બાણ વગેરે વડે તેના કુકડા ટુકડા કરીને કુનીમાંથી બહાર ખેંચી કાઢે છે. (નાકીનાં જુવોનાં જન્મનું કોઠી જેવું સ્થાન - કે જેનું મુખ સાંકડુ અને પેટ મોટું હોય છેતેની કહેવાય છે. આ પ્રમાણે કુંનીમાંથી દઢતો જીવ અત્યંત આર્દદ કરે છે, તો પણ, નિષ્ફર હૃદયવાળC પરમાલામી તેને શુળી ઉપર ચઢાવે છે. ત્યાં શ્રી કાંટાના ઢગલામાં પછાડે છે. ભડભડતી વક-અગ્નિનીજેવી ચિત્તામાં ફેંકે છે. આકારમાં ઊંચે લઈ જઈને ઉંધે મસ્તકે નીચે પછાડે છે , નીચે પડતા તેને વ૪મય શૂળી સોયથી વીંધી નાખે છે.ગદા જોરેથી મારે છે. આખા શરીરનાં નાના-નાના ટુકડા કરી નાખે છે, અંગો,યગને છેદી નાખે છે... પાણીમાં તલની જેમ પીવે છે, પડેલા ઘા ઉપર મીઠું ભભરાવે છે, ખાવા માટે જાનવરીના સડેલા કલેવર જેવા પુલો આવે છે. કેટલાક પરમાધામી, નારકીજવના ટૂકડા કરીને ઉકળતા કડકડતા તૈલમાં ભજાયાની જેમ તળે છે ! ભઠ્ઠીમાં ચણા, સીંગ વગેરે. ફોડે તેમ ભદ્દી કરતાં અigી તપેલી, રેતીમાં એને ભૂજ - શકી. નાખે છે. કેટલાક નારકી જીવોને તપાવેલી લોખંડની નાવડીમાં બેસાડે છે. ચ૨બીમાંસ ૫૨ - હાડકાં જેવી ખદબદતી , ધણી ખારવાળી, કડકડતી લાવારસના પ્રવાહુવાળી અત્યંત ઉપષ્ણાસ્પવાળી નદીમાં નારકોને KOKUYO W-NB260U Page #339 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 16.. (333) Date डुमाउ छे, न्यलापे छे. मेडमीन नारडीसो पासे सेडवीजनी व्याभडी छोलापे छेसने पोते हुरपत पड़े निध्यपही दाङडानी भरी नांजे छे. | परमाचाभीयो से जुषोने तेमना पाप या दुरापी, पूर्वलपमा होशे-होंगे डरेला रानिलोन, मांस-महिरा माहिना टेस्ट पाछण संपर थयेला, होंगे होशे होर हये मलइयना लक्षए। उरनारामोने सेनी सजइप मोंढामां डीडीयो लरीने मो, सीपी नाम छे. सेना मोठामा लयर सर्पपींछी रेवी तथा पिष्टाथी सनंतगएसशुल सने धिवाणीपस्तुमा नांजे छे. स्पानी सोलुपताथी निष्ठुर जनीने सयपानगडानीडेडपाणा- अखेटीनवाणा माईस्कीमाहिमा जहु भन्न सापती हुती निभाया उसपी धाधिपता सीसाायु प्रवाही नारना मोटामां रेडे छे. परस्त्रीलंपटापखने विषयासात नुपाने तांबानी तपापेली धगधगती प्तणीखोर्नु मालिंगन दुराग्छे. कखनोन्यतापेनाः मन्मनुध्यसोऽमा सेड शेरीना कूतरा जील्लु शेरीना इतराने साभसामा बसेछे, लसेछेसने धुरडीया डरे छ तिम मारडीखो पर परस्पर पिथी धमधमता जीनसामेधसे छे, धुरडीया रे-छे, मगडे छे, भारे छे, छे? छे, हुममापे छडारण लेमोन परस्पर नन्मनत वैर होय छे. लाला-तलवार-बार तेमक हाथ-पाहांतना प्रहारथी खेडजीलना यंगोपांग छेद्यार्थ नियमने उतलमानामा ज्यायेवा मंगोपांगपाणा पशुमोनी जेम तरीया भारे छे. शत-पिस हामथी पीडाता नारो सेड श्वास पए સુખપૂર્વક લઈ શકતા નથી. એમના લમણે કેવળ દુ:ખ જ લદાયેલું છે. नारऽना जपोने पछाडपामा माये, डापवामां मापे, तगवामा सापे, लेयामां माये, तोऽपामां खापे, खोगाणपामा माप, तो पए, मशुल छिय पुग़लो पाछा पाराना रसनी म हुता खेपा घई नय छ. तेस्रो हुनधी उंटाणीने भरवा ईछे तो पहा पोताना निरुपम मायुष्यनी पूर्णाहुति पूर्षे मरी शहता नथी. घटी घी अण या घोर पीडा-पेनासो तेस्रोने रडतां- रडतां अनिरछामे सहेपी पड़े छे. Page #340 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. 33४ Date या नरडुलूमि डेवी? :कानरलूमि घांतरासने डरपत नेवी ईश होय. भिनो स्पर्श सत्यंत जायी होय छे. से नरऽभिमां डाणी समासनी राति डरतां पापधु लयाना अति लीघामने गाढ संघडार होय छ । प्रडारानुं तो नाभभात नधी. त्यांडोई जारी-बाराहि उपन्टीलेशन नथी +सीमडाली गणो रेपी, धुनियानी वामां दुडवी थी- उरत पए अनंतशुणी ऽऽपाशात्यांनी लूभिमां होय छे. +हेर हेर, योमेर सीट-जएजापेशामासने विष्टा वा दुधमय पुयालो पथरायेखा होयाछे,न्यांपा मुडो त्यां सोहीन्यरषी-परमेवा सशुथि पार्थो होयाछे. स्मशाननी भयारे लागु हेड हेडा भासहाडछाडेवाढगला जडडायेवा होय छामने सोही-पर रेवी नहीमो पती होया छे. 'सडी रहेदा मडहांधीमधिड धभारी रही होयछ. थापि मनुष्य तो सहन न डरी शडे. खाना सडानो जहणू भारी रहेलो भान ठाइदियो ने मनुध्यतोऽनां मुंजी 3 ऽसत्ता न्यांशीय पस्ती परापतां मोटा शहरमा हावीनेहवामां सावतो | तेशहेरनार तमाम मनुध्यो जतम थर्ड जय. मनुष्यो तो शुं? इतरा- लिवाडा-उँघर या प्राणीसो पा झालथी जुक्ता नरहे! । नरहना नषो पिरो भएापा योग्य : पण मिथ्यारि, महारंली, परिग्रही, तीप्रोधी, शीव रहित, पापनी भतिवाणी मने रौद्रा परिणामी जुषनरायुने बांध छे. (णा नारहीना न्यो नपुंसह येयाला होय छे. (शान्तमनु शरीर वैहिय होय छे. सेटले नानुभोटुंथईशडे. तेभy शरीर द्याय, छेडाय तो पा पारानी नेमलेगुंघर्ष नय. (साते नर पृथ्वीमा सेनहत खने मनोन्यात वेहना होय छे. पहेली Hए नरमा परमाधामीकृत पेना गए होय छे. रपा नारडो मरीने पुन: नरऽगतिमा न हन्मे. तेन पगति पान पामे. नरमांधी नीऽणी जुप मनुष्य डे तिर्थय गतिमा हन्मे छे. (ड) नारखीनां योने दृष्टा, नील, आपोतनए मशुल लेश्या होय छे. (ण नारडीनां पाने पिलंगइन (मपितान-परंतु मिथ्यात्व सहित) KOKUYO W-N82800 Page #341 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Date - હોય છે. માસ, સમ્યગgષ્ટ જુવો કે જેમના આયુષ્યનો બંધ પ્રાપ્તિ પહેલાં પડ્યો હોય, તેમને અવધિજ્ઞાન હોય.(C) કોણ કઈ ન૨૬ સુધી જઈ શકે ? - ૧) અસંતી પંચેન્દ્રિય તિર્થય જીવ પહેલી નરક સૂધી જઈ રોકે છે. 0 રાજ ભુજપરિસર્પ ( ખિસકોલી, ગરોળી) બીજી નક સુધી જઈ શકે. હ પક્ષીઓ વધુમાં વધુ ત્રીજુ નર' જઈ શકે. (બૈચર) -a) ચતુષ્પદ પ્રાણીઓ ચોથી નારક સૂધી જઈ શકે. - ઉરપરિસર્પ (સાણ આદિ પાંચમી નર્ક સુધી જઈ શકે. *સ્ત્રીઓ છઠ્ઠી નરકાસુધીજ જીઈ શકે . છે મનુષ્ય (પુરુષ) અને માછલા. સાતમી .નરક સુધી જઈ શકે. (૯) ૩યા સંધયણવાળો જીવ કઈ નરક સુધી જઈ શકે ? a) છેવ સંધયણાવાળો જીવ વધુમાં વધુ બીજ નરક સુધી જઈ શકે. 1 કિલીકા સંઘયણવાળો જીવ વધુમાં વધુ ત્રીજ નરક સુધી જઈ શકે. દિ અર્ધનારા સંયવાળો જીવ વધુમાં વધુ ચોથી નરક સુધી જઈ રાકે. છે નારાજી સંઘયણવાળી જવું વધુમાં વધુ પાંચમી નરક સુધી જઈ શકે. રૂપમનારાય સંઘયણવાળો જીવ વધુમાં વધુ છઠ્ઠી નર૬ સુધી જઈ શકે. છે વજનરHભનારા સંઘયણવાળો જુવ વધુમાં વધુ સાતમી નરક સુધી જાય. (૧૭) નરકમાંથી નીકળેલા જીવ શું બની શકે ? 6) પહેલી વારમાંથી આવેલો જીવ ચક્રવતી બની શકે. 6) બીજ નરકમાંથી આવેલો જીવ બળદેવ અને વાસુદેવ બની શકે. 0 પહેલી ના કારકમાંથી આવેલ જવ તીર્થકર બની શકે . તિ) પલી ચાર નરકમાંથી આાવેલો જીવ કેવળી બની શકે. 0 પહેલી પાંચ નરકમાંથી આવેલો જીવ સાધુ બની શકે (વારિત્ર પાણી પૉલી નરકમાંથી આવેલો જવ દેશવિરતી શ્રાવક બની શકે.” 6) ગમે તે નરકમાંથી આવેલો જાવ સમ્યક્દર્શન પામી શકે છે. લો તારકનું વર્ણન જાણીને, સમજદાર કે મુખવાળુ જીર્વે, તીવ્ર કષાયની ત્યાગ કરવ, અંત આરંભને ત્યજવો, હિંસાદિ ભાવોને શમાવવા, , પાપસ્થાનકોમાં જાગૃત ઘવું, સાત વ્યસનનો ત્યાગ કરો , પરસ્ત્રીની ત્યાગ કરવો, રાત્રિભોજન મઠ્ઠાવિગઈનો ત્યાગ કરવો , રાષ્ટ્ર ધ્યાન કરવું ન અને જીવને શુભભાવમાં જોડી રાખવો. -: નરક વિભાગ સમાપ્ત : Page #342 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. મનુષ્ય (પંચેન્દ્રિયનો ચોથો પ્રકાર) હા મધ્યલોક : - મનુષ્યોનાં જન્મ અનૈ મરણ મધ્યલોકમાં આવેલ મનુષ્યલોકમાં क थाय छे. भाटे, मनुष्यनां लेटोनी पियारएप डरतां पहेला મધ્યલોકનું જ્ઞાન મેળવીએ. - મધ્યલોક , ૧૪ રાજલોકમાં ઊર્વીલોક અને અધોલકની વચ્ચે આવેલો છે. માટે મથલોક કહૈવાય છે. મધ્યલોક ૧ ૨ાજ પ્રમાણ તિર્થો વિસ્તારવાળી છે ( લંબાઈ, પહોળાઈ = ૧ રાજ) , તેથી તેને તિરછલોક કે તિર્યલોક પણ કટ્વાય છે. તેની ઊંચાઈ જાડાઈ ૧૮00 યોજન છે. મધ્યલોકમાં અસંજ્ય દ્વીપ સમૃદ્રો આવેલાં છે. મળલોકની બરાબર મધ્યમાં જંબુટ્ટીપ આવેલો છે. તે એક લાખ યોજનનાં વિસ્તારવાળો (લાંબો-પીળો) છે, તથા દેખાતાંપૂર્ણિમાનાં ચંદ્ર જેવો છે રોટલી જેવો ગોળાકારે છે. - જંબદ્દીપની ફરતે, બે લાખ યોજનનાં વિસ્તારવાળો લવણસબુટ્ટ આવેલો છે. તેની કુરતે, અળક્રમે નીચે જણાવ્વલ નામોવાળાં અને - ડબલ-ડબલ વિસ્તારવાળાં ટ્રીપ-સમુઠ્ઠી આવેલાં છે :(૧) જંબુદ્વીપ (૧લાખ યોજન) (૨) લવણ સમુદ્ર (૨ લાખ યૌજન) - 3) ઘાતકીખંડ દીપ (૪ લાખ યોજન) ) કાળીદધિ સમુદ્ર (૮ લાખથૌજન ૫) પુષ્કરઘર દીપ ( ૧૬ લાખ યોજના) () પુષ્ક૨વર સમુદ્ર (૩૨ લાખ યોજન ७) परावर टीप ऽ४ वाजयोन) () परएपर समुदापरस साजयोग © ફીવર દીપ (૨૫૬ લાખ યોજન) (૧) લીવર સમુદ્ર (પાર લાખ યોજનું (૧) બૃતવર ટ્રીપ (૧૦૨૪ લાખ યોજન) (૧૨) વૃતવર સમુદ્ર (૨૦૪૮ લાખ યોજનું (13) ઈવ૨ દીપ ૧૦૯૬ લાખ યોજન() ઈફ્ટવ૨ સમુદ્ર (C૧૯૨ લાખ યોજન (૧પ) નંદીશ્વર દીપ (૧૬૩૮૪ લાખ યોજના(૧૬) નંદીશ્વર સમુઢ (૩૨૦૬૮ લાખથીજન - આ રીતે, સરખા જ કામવાળા ડ્રીપ- સમુદ્ર વારાફરતી આવ્યા डरे छे. पणी हवे- द्वीपना नाममापशे, तेने "पर' मने વરાવભા' લગાડવાથી જે નામ બને, તે નામવાળા દ્વીપ-સમુદ્રો અનુક્રમે જાણાવા , ( તેને “પ્રિચવતારતા કહે છે. તે આ રીતે ? નંદીશ્વર સમુદ્રને ફરતો અ૨ણા દીપ + અરણ સમુદ્ર + અરુણાવર દીપ + અણવર સમુદ્ર + અરુણાવરાવભાસ પ+ અરુણાવરાવભાસ સમુદ્ર - આ પછી, અનુક્રમે, કુંડલ , શંખ, રૂચક , ભુજL , કુશL , લીચ અને ત્યાર પછી , ઉરામ વસ્તુઓનાં નામવાળાં અને ભ - KOKUYO W-N82900 Page #343 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १० (339 Dale शाचता पार्थोनां नाभोवाणां संप्यन्मसष्य वीप-समुयोयारारती तिप्रत्यपतारता पो भएापां. मा रीते , मसज्य द्वीप-समुद्रो गयां पछी, जी से गुढीप नामे द्वीप मापे छे. सेमरेड द्वीप-समुद्रोनां नामवाणां न द्वीप-समुद्रो खसंज्यात-मसंज्यात द्वीप-समुद्रो गयां पछी, इरी श्री मापे छे. तेथी, मुट्ठीप माहि तमाम द्वीप-समुद्रीनां नामवाणां न जीससंप्य-ससज्य द्वीप-समुद्रो मावेलां छे. सर्थात् मुट्ठीप नामवाणां हुसद्वीप मसंध्य छे. दुम सपा समुद्र नाभपाणां समुद्रो खसंप्य छे. पणी हरेड नानोमांड निप्रत्ययतारता पहा समजुन सेवो. . सा रीते, छेस्ली तिप्रत्यवतारतामा सूर्यद्वीप, सूर्यसमुद्र, मर्थपरहीम सूर्यपर समुद्र, सूर्थवशवलास द्वीप"मने सूर्यपरापलासा समुद्र साये छे. ते पछी, छेत्यां पांथ ट्टीय सने पाय समुद्र छे, तेमां जिप्रत्यवतारता नथी. तेमा प्रभाएछे; हेपट्टीपक हेप समुद्र नाग द्वीप+ नाग समुद्र- यहाद्वीपन यह समुद्र + ल्त द्वीप+ लत समुद्र + स्पयंगम द्वीप स्पयंलूरमाए समुद्र से पछी, मलो मापे छे. मास ध्यानमा राणयुंडे, उत्तर-उत्तरनां सपछी-पछीना)द्वीपडे समुद्रनो पिस्तार, पूर्व- पूर्वनां द्वीप समुद्रा विस्तार उरतां उजलन्डजल होय छे. पणी, ठंजुट्ठीय, हेप्नातां पढिभानां यंद्र ठेवो. गोण छे. व्यारे जाडीनां तमाम समुद्र मने द्वीप, जंगडीनीम 'पलयाडारे छ. छ। मध्यसोऽनी याई : मध्यलोहनी मध्यभां, मुट्ठीपावेल छे. तेनी मध्यमांभेरुपर्वत मावेल छ. मेरुपर्वतनी संरनां इंदना (भूणना) उर्घ लागमां, गायनां स्तननी भ४+४= र इयऽ प्रशो खापेसां छे. ते 'योरस श्यष्ट'ना नामथी सोणपाय छे. ते सिमल्तला' पए। हेपाय छे. पणी ते खेड राल प्रभाए।, मध्ययोऽनो બરાબર મધ્યનો ભાગ છે. આ રૂચકની અપેક્ષાએ, ઉપરનાં 60 યોજન खने नीयेनां 600 योरुन भध्ययोऽमां गाय छे. तेथी, मध्यमोहनी याई १८०० योष्ठन छे. Page #344 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. 350 Date - મધ્ય લોકનું મિત્ર - ત્રીકલાકાર aerછે કે શ્વયમરી / :: - અસંચાર 'T 1 1 VT. '\ 0 બુક્કરંધર , / / સમર્સનપૌતરપર્વત ભજન || અદસાર, હાજન અલકાકારા લીક્ષા મધ્યલોકમાં આવેલાં અસંખ્ય દ્વીપ- સમુદ્દો - જંબુદ્વીપ થી સ્વયંભૂરમણ સમુદ્ર સુધી KOKUYO W-NB2B0U Page #345 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. (330 Date मनुध्यनां उ03 लेह આગળ જણાવ્યા પ્રમાણે, મધ્યલોકમાં પલો જંબદ્વીપ, जीने घातडीजंड द्वीप मनेत्री पुष्ठरवर द्वीप सापेस छे. पुष्टरपरद्वीपनां मध्यमां गोणारे पलयाडारे)'भानुधोत्तर पर्वत' सापेक्ष होपाधी, तेनां मेलाग पड़ी लय छे. तेथी, मुट्ठीप, घातडीजंड द्वीप, मने माधो पुष्टरपरहीय भगीने, सढी द्वीपथाय छे. मनुध्याना फन्म सने मरए मा सटीट्ठीया न थां होपाथी,ते मिनुष्यलोड' तरीडे सोणमाय छे. મનુષ્યલોક नरपर दीय सटीद्वीप धि सभा -/ Tands is मा मनुष्यमोऽ अढी द्वीप) पलाम योगननां विस्तारपाणी . ते सा प्रमाणो: मुट्ठीप + साप योजन सपासमुद्रन र + २ = ४ लाम योगन, घातडीजंड - ४४ लाम योन पधिसमुद्र+ 2 + ८ - १९ लान योहन सर्घपुष्ठरपरद्वीप+ +८ : १५ साज योन सढीढीप: मनुष्यसोऽ ५ ताण योष्ठन Page #346 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. (38) Date - આ અઢીદ્વીપમાં / મનુષ્યલોકમાં , મનુષ્યોને ઉત્પન્ન થવાનાં ૧૧ નો છે. તે નીચે પ્રમાણે છે : જબરીપમાં ૯ ત્રિ ' લવણસમુદ્રમા ૫૬ Bત્ર "घातहीअंडमांग पर होना અર્ધપુષ્કરઘરદ્વીપમાં ૧૮ - ૧૦૧ ક્ષેત્ર * . छ। न्युट्टीपः -- +9 = ૧૪ ઉત્તર ઢીંય, <ર્જાતëય - ઐરાવતે કૌત્ર शिजरी पर्वत હિરણ્યવંત ત્રિ છે. ૧૪ ૨મ્યક કોઝ પશ્ચિમ -ઉતર કુરૂકત્ર _ _ મૈરી ભાવિક ર | C" (192591 021738 - દૈવકુરૂકત્ર હરિવર્ષ મેગ્ન हिमपंतत्र 5+S લંધુડમર્વત, અંતરદ્વીપ (8 લઘુહિમવત અર્થાત દકિast. જંબુદ્વીપ ) અંતરદ્વીપ - હાબાસ KOKUYO W-NB26CU Page #347 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. - २४ ४१ Dale सागण मतापेम नमुद्दीपना यिनमा शो तो नपरो બુદીપમાં કુલ ૯ ફોટો છે જયાં મનુષ્ય હોય છે. તેમનાં નામ क्षिएाधी उत्तर तरह खा प्रभाए छ : लरतक्षेत्र र हिमपंतसेन (3) हुरिपर्धोत्र हा हेयकुरु सेन, (प) महाविदह क्षेत्र (G) उत्तरपुर क्षेत्र (७) रभ्या क्षेत्र पहिरख्यर्षत क्षेत्र रावत क्षेत. पए खंतरद्वीप : मागण जतायां प्रमाणो, जुट्टीपनां सितालागा, लरतक्षेत्र सने हिमपंतोषनी पय्ये 'लधु हिनयंत पर्वत' सापेलछे. तमल, नुद्वीपना उत्तर लागमां, मैशपत क्षेत्र बने हिरल्यपंतक्षेत्रनी पय्ये शिनरी पर्पत' सापेक्ष छ. मा बंने पर्वतती पूर्व सने पश्चिम दिशामां, सपाए समुद्रमां, ढनां साहारे, जे-जे टुडडा नीऽगे छे. तेथी दुद माठ हाढा धाय. रेड हाढा पर ७ द्वीप सापेलां छे. नाम ८ = पर डीप थाय. साद्वीपोती यारेजा पाएगी होवाथी, ते पऽ खंतरहीप' तरीडे मोजणाय छे. सा रीते, सपएासमुद्रमा पपु संतरद्वीप मेरले डे मनुष्य कयां उत्पन्न धाय सेवां पर क्षेत्रो मावेलां छे. कि घातहीजड द्वीपः र ताण योननां सपा समुद्रने श्रतो ४ लाण थोडननोघातडीनंड द्वीप खापेस छे. घातडीड-द्वीपभां, क्षिएर सने उत्तरमा धुपार पर्वत' सापेल छे ने डारो धातडीजंऽना जे पिलाग थाय छे : (१) पूर्व घातडी पंड सने पश्चिम धातही पंड. ना जनेय पंडमां, मुद्धीपनी भाइ - सेतो सापेलां छे. तेथी, घातडी पंडमां, पूर्व-पश्चिमजने मंडनां मणीने , हुदाारसेत्र खापेलां छे. ते क्षेत्रोनां नाम पर जुद्वीपना सेतो प्रभाहोल छे. तेथी घातडीमंडना १८ क्षेत्रो ना प्रभाएो छ : (जेलरतक्षेत्र, , र)ले हिमपंतप्क्षेत्र जे हरिपर्व क्षेत्र)ले हेयर क्षेत्र (प) ले महाविहे क्षेत्र जे उत्तरकुरुक्षेत्र ( जे रभ्य क्षेत्र (ए)ले हिरण्यपंत क्षेत्र ) जे औशक्त देन. Page #348 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. જે ) Date ધાનકી નડનું ચિત્ર ઉતર ટઈકાર પર્વત થપ્ત થાનકી ખ50ા હE છે. જો ઉત૨૭રૂ કરી ER કે યૂર્વ ઘાતકી ખંડ મહાવિદેટ ઝR , લવ કે ઉત્તર ૨ 'હિરણ્યવસો 2 A. -~ - -- જંબું ઢીયો પ્રથમ મર _ મહાવિદ શૈક (D) વગુરૂ ન E ? Iકવવા KIS »Éવ૬૩ ૬ોઝ :૦ *& Sam ૨લઝ 17 ૨ A ઈષકાર પર્વત ৫ড়িী 1 પુષ્કવર દીપ + અર્ધપુષ્કરવર + પુષ્ઠરાઈ હીપ : - પુષ્કરવર દીપની, મધ્ય ભાગમાં, વલયાકારે (બંગડી ખાકારે) समानुघोत्तर पर्वत' खापेष छ रेनां डार पुष्डरवरट्टीपना जे लाग પડે છે : (૧) બાહ્ય પુષ્કરાઈ દીપ અને (૨) અત્યંતર પુષ્કરાઈ દ્વીપ . આ અત્યંતર પુષ્કરાર્ધ ટીપમાં ઘાતકીખંડની જેમ ૧૮ ક્ષેત્રો આવેલા છે. આ ૧૮ ક્ષેત્રોમાં મનુષ્યો હોય છે. તેથી પુષ્કરાઈ દ્વીપનાં ૧૮ ઝોનાં નામો આ પ્રમાણે છે : (૧) બે ભરત (૨) બે હિમવંત વૈx , () બે હરિવર્ષ ક્ષેત્ર (જી ને દેવકુકે ૫) એ મહાવિદેહુ વોઝ , (द) जे उत्तरहर क्षेत्र में रम्यक्षेत्र (स) जे हिरण्ययंत क्षेत्र, © બે રાવત ક્ષેત્ર : બાહ્ય પુષ્ઠરાઈ દ્વીપમાં મનુષ્યો હતાં નથી અથવા માનુષોત્તર પર્વતની બહારની બાજુ મનુષ્યો હતાં નથી. KOKUYO W-NB2800 Page #349 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. ( ૪) Date - પૂરક જીમનું ત્રિ પુકાર પર્વત જાપાંતર. પર્વત બાધા A રાજે ચ (૯૨૧ . , ધાતકીખંડ દ્વઝ ઉત્તર મહe, वि O)) | | વિડ વિદ6 છે. & : Ek (; જ બિકા કપલ હક | અઢી દ્વીપ = મનુષ્યલોકનાં ૧૦૧ ક્ષેત્રો: જંબુઢીપમાં | ધાતકીખંડમાં પુષ્ઠરાર્ધમાં ભરતક્ષેત્ર हिमपंत क्षेत्र गहुरियर्ष क्षेत्र णि हेपर क्षेत्र (૫) મહાવિદેહ ક્ષેત્ર हा उत्तर क्षेत्र शरभ्यासेत्र हिरण्यपंत क्षेत्र ख रापत क्षेत्र | | કુલ ક્ષેત્ર ૧ પ૬ અંતરદ્દીપ -લવણ સમુદ્રમાં | કુલ ક્ષેત્ર અઢી ટ્રીપમાં - મનુષ્યલોકમાં اه اه یم بہ یم بہ یم بہ یم به هم ૫ ૬ ૧૦૫ Page #350 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. (૬૪૪) Date અઢી દ્વીપમાં પંદર કર્મભૂમિ અને ત્રીસ અકર્મભૂમિ છે તે ચિત્રના માધ્યમે આ તે રીતે સમજી શકાય. ( હિરણ્યવંત / હિરણ્યવંત, અરવત એરવત અ એરવત ** એરવત ૨મ્યફવર્ષ / ૨મ્યકુવર્ષ હિરયવંત, જ \હિરણ્યવંત હિરણ્યવંત રમ્યવર્ષ |રમ્યવર્ષ ઉત્તરકુરૂ | ઉત્તરકુર / રમ્યફવર્ષ ઉત્તરકુર મu | O વિદેહ ઉત્તરકુર | ઉત્તરકુરૂ મહાવિદેહ | મહાવિદેહ | મહાવિદેહ મહાવિદેહ દેવકુરૂ દેવકુફ દેવકુફ. દેવકુફ હરિવર્ષ ઉપર ભરત હરિવર્ષ હરિવર્ષ ) ( હિમવંત | હિમવંત હરિવર્ષ | હરિવર્ષ હિમવંત ભરત ભરત હિમવંત ભરત : 1 સામેળ કૌષ્ટક જતાં ખ્યાલ આવશે કે, અઢી ટીપમાં, ભરતક્ષેત્ર આદિ રેસ દરેક ક્ષેત્રો પપ ની સંખ્યામાં છે. તેમાંથી, ૫ ભરHx + ૧ મહાવિદેહુ + પ રાવત ક્ષેત્ર = ૧૫ કર્મભૂમિ થાય તૈમજ, ૫ હિમવંત + + હુરિવર્ષ + ૫ દેવ૬૨ + ૫ ઉત્તરકુર + -પ રચવર્ષ + ૫ હિરણાવંત x = 30 અકર્મભૂમિ થાય. 1એટલે, ૧૫ કર્મભૂમિ + 30 અકર્મભૂમિ - ૫૬ અંતરડ્રીપ = ૧૦૧ ક્ષેત્ર, કર્મભૂમિઃ જર્યો અસિ (W), મસિ (વ્યાપાર) , કૃત્તિ (ખેતી) | પ્રર્વતતા હોય અથવા જ્યાં મોક્ષમાર્ગ પ્રવર્તતો હોય, તેવા ક્ષેત્રને ‘તુમભૂમિ' કહેવામાં આવે છે. છે અકર્મભૂમિઃ જે કેસમાં ક્યારેય અસિ, મસિ, કૃષિનાં વ્યવહાર દ્વારા જ નહી , તેમજ, મોક્ષમાર્ગ પણ પ્રર્વતતો ના હોય , પરંતુ , યુગલિક KOKUYO W-F628CU Page #351 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Date भने छुट्यवृतनी प्यपस्था होया, ते क्षेत्रने 'मर्मलूभि' हेपाय छे. युगलिडो रिछत वस्तुमा इस प्रहारनां उट्पवृक्षायासैथी भैणपीछे. मे डे, खंतरद्वीपमा पा सर्मलूमिनी नेम युगलिडाटि व्यवस्था छे. छतां ते सपा समुद्रमा होपाधी मने तेनी थारे तर पाणी होपाथी ते संतरद्वीपनां नामे मोणप्नाय छे. खाम, मनुष्यलोऽमां खागण नएाप्यां मुलम १०१ क्षेत्रो माया छ. मा १०१ सेत्रोमा मनुष्योनो पसपाट होपाथी मनुष्यनां पा लेह थाय. खा भनुध्यो जे प्रहारे छे : (गर्ल सने संभूमि (गर्ल : माता-पिताना संयोग द्वारा उत्पन्न थायते संभूर्छिम भाता-पिताना संयोग विना सशुचिमां उत्पन्नधाय ते वनी, गर्लर मनुष्यो पर्याप्ता मने मपर्याप्ता मजे लेटे होय જ્યારે સંમૂરિéમ મનુષ્યો અપર્યાપ્તા જ હોય (પર્યાપતા હોતાં નથી). तेथी,१०१ गर्लर पर्याप्ता _ + १०१. गर्ल सपर्याप्ता + 40t संमूर्छिम सपर्याप्ता सुस | 303] लेह मनुध्यना धाय. प्रश्न: संलिभ मनुष्यो ठ्यां होय? डेवा होया ब्याजः संमूर्थिभः मनुष्योनी नपगाहना था मंगुसनां मसंज्यातमां लाग टली होपाधी , ते यर्मयाथी के सूक्ष्मदर्शी यंत्र परे साधनोधीपएप, जी शहातां नथी. संमूर्थिमा मनुष्यो मानपनीअशुचिमा पर तां होवाधी, ते भानपनी मशुचिमां होय छे.मनुष्यनां शरीरथी छूट पडेलां मणविष्य), भूत, डाननो भेल, मोजनो भेट (पियां), नाऊनी मेट (सेडां मने गुंगा), ,, , पित्त, उल्टी, सेंडपाड , नपनो मेल , शरीरनो भेल, मोही, पर, मांस, कोरे डोपिएा सशथिमा ४८ मिनीट पसार थये, असंज्य संभूचिम मनुष्यो उत्पन्न थाय छे, मने तेमां तेमनी नन्म-मरणुनी परंपरा पाए यात्यां उरती होय छे. संमूर्णिमा मनुष्यो घंयेन्द्रिय पछे, भारे भने पांयेय ईन्द्रियो होय छे, परंतु मन होतुंनधी. तेथी ते मसंज्ञी होय छे... Page #352 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (૧૪૬ Date છે સંજ્ઞી જ જાવોને મન હોય , તે જીવો સંજ્ઞી કહેવાય છે - - દા.ત. : ગજ તિર્યંચ પૉન્દ્રિય , ગજ મનુષ્ય , દેવ , નારકી તો અરાંતી : જે જીવોને મન ન હોય, તે જુવો અસંગ્લી કહેવાય છે, દા. ત.: એકેન્દ્રિય , બેઈન્દ્રિય , તેઈન્દ્રિય, ચઉરિન્દ્રિય , સંમૂર્ણિમ - તિર્યંચ પંચેન્દ્રિય અને સમૃદ્ધિ મનુષ્ય . ઉર | અસંખ્ય સંમૂરિષ્ઠમ મનુષ્યોની હિંસાથી બચવાના ઉપાયો : (નાફ , કાન, નખશરીર વગેરેનો મેલ કાઢવો નહીં. જો કાઢી, તો | ચૂનો , રાખ કે, ધૂળમાં મસળીને મિક્સ કરી દેવો... " () જ્યાં ત્યાં ગૂંકવું નહીં. જો થુંકવું જ પડે, તો કીડી વગેરે જવ ના હોય 1 . તેવી ધૂળમાં ફૂંક્યા બાદ, ઘૂંકને રેતીમાં બરાબર મિક્સ કરી દેવી. છ શરદી થઈ હોય, તો જ્યાં-ત્યાં લીંટ નાખવી નહી, બૈરીયામાં (વક્સનાં - કુકડામાં) લીંટ લઈને ઘસી નાખવી. થોડીવારમાં ખેરીયું સુકાઈ જાય - - તૈિમ ખુલ્લું મૂકવું. !! " (જી કાગારની વહી જતી ખાળ, ગટર વગેરેમાં કોઈ વસ્તુ નાખવી નહીંઉમરે તેમાં માનવોની અશુચિ વોરે હોવાથી અસંખ્ય સંમૂર્છાિમની પરંપરાનો --- | સંત્સવ છે. (પ) : આનાકાનું પાણી કે ધોયેલ વક્ષ્યાદિનું પાણી, ગટરમાં ન જવા દેવું. ખુલ્લાં સ્થાનમાં સૂકાઈ જાય તે રીતે ઉપયોગ રાખવો. કૂવા , નદી, તળાવ વગેરેનાં કિનારે બેસીને કપડાં ન ધોવા, અનાન ન કરવું. (3) નાન, પાણી, એ પાણી, પગ વગેરે ધોયેલ પાણી, ચોકનાં ઐક - સ્થાને પડ્યું ન રહે, તેનો ઉપયોગ રાખવો. જો બે ઘડીમાં બધું સૂકાઈ ના જાય , તો સંપૂમિ મનુષ્યોની ઉત્પત્તિનો સંભવ છે. ઘણી વાર , પત્થરનાં - નાનાં-નાનાં ખsiખાંચામાં પાણી રહી જાય છે. તો તે ન રહી જાય તેની કાળજી લેવી જોઈએ. . ( ઘડા વગેરેમાંથી પાણી પીધાં બાદ, અંડા ગ્લાસને ઘST વગેરેમાં ફરી ન નાંખવો. કારણ કે, તેમ થતા ઘડાનું બધું જ પાણી એંઠું થઈ જાય, . અને બે ઘડી બાદ અસંખ્ય સંમૂરિષ્ઠમ મનુષ્યોની ઉત્પત્તિનો સંભવ રહે - પાણી પીધાં બાદ ગ્લાસને વસ્નાદિથી ૯હૂંછી લેવો જોઈએ. (2) મેનું વસ્ત્ર કે પસીન વગેરે અનુચિ જે પાણીમાં પડી જાય, તે KOKUYO W-N82800 Page #353 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. Date (389) पाएगीनो जे घडीमां निडाल डरी हेवी भेखे. (E) रस्तामां दोणायेल पाएशीयां याल नहीं. अरए। डे, तेथी पाएगीनां लपोनी हिंसा तो थाय ४, पहा साधे, पाएगीमां यगनो भेल उतरवाथी, तेमां जे घडी जाह, खसंज्य संमूर्च्छिम मनुष्योनी उत्पत्ति खने विराधनानी परंपरा श३ थर्ध भय.' क्भ्यां जाह, लोवन- पाली खेंडा भूडयां नहीं. डारला डे, जे घडी जाह, तेमां संमूर्च्छिम मनुष्यो उत्पन्न थाय छे. माटे, न्भ्यां आ, थानी आहि घोर्धने पीधां जाह, थानी आहि वासगो जे घडी पहुंलां सूडार्ध भय तेम डखं उचित छे. डेटलांङ समय श्रापडो, थाली जाहि इमालथी लूंछीने डोरी ङरी नांजता होय छे. (92) भगती वखते सेंहवाडो नमीन उपर न पडे तेनी डाभ राजवी. भे तजियताहिनां डाराएगे, लोग्न सेंडु भूयुं पडे, तो तुरंत इतराहिनी खनुया डरीने, संमूर्च्छिम मनुष्यनी विराधनामांथी जयपुं उचित छे. पणी, नभ्यां जाह, खेंडा थाजी कोरे अर्ध डुंडमां राजेल पाएगीमां नांखीने न धोपां. घणे स्थळे जेपी प्रथा भेषां भजे छे डे, हुँडमां पाएगी राजेस होय खने तेमां ४ मनारा थाजी वगेरे धोर्ध नांखे. नाम डरवाथी, डुंडना पाएगीमां जसंज्य संमूर्च्छिम मनुष्यनी हिंसानी परंपरा उली थाय छे. हॉटल - सारी वगेरे उपर डोर्घ पए। लोग्न न लेपुं. अरगडे, त्यां संमूर्च्छिम मनुष्योनी विराधना धगी होय छे. स्थंडिल (संडास) जहार जुल्लामा ४ क्याय तो सारं. पर्तमानमां, याताण पापानां संडासोथी हिंसङता पधी छे. मनुष्यनी विष्टा, पाताल दूवामां खेडडी थाय छे रखने संडासमां गयाँ जाह, खेड डोल भेटलं पाएगी पहुए संहर नांजदुं पडे छे. खंहर तडको कोरे न मजवाथी रखने पाएगी पए। साथै होवाथी, विष्टा सूडाती नथी. जे घडी बाह, जनेड वर्षो सुधी, असंख्य संमूर्च्छिम मनुष्योनां तन्म-मरागनी परंपरा थाले छे. वजी तेयां, खनेड प्रडारनां त्रस भवो पहा उत्पन्न थर्ध भय छे. माटे वर्तमानानां संडासो खेटले भुवहिंसांनी ईडटरी छे. संडासनं पाय घयुं भोटुं छे, पायली३ खात्मासोखे, जा पायथी डोर्घया हिसाजे जयपुं भेजे, राज्य खेटलो प्रयत्न डखो ४ भेजे. (90) (92) (93) Page #354 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. 3४८) ................... Date ( साभूतरडी पोरेमा कछुने पेशाम न दृश्यो. ज्या पेशाण ले घडीमा सूदाई जय तेषां स्थाननो उपयोग डरपो तयित छे. (या पित्तडे उल्टी द्याय, त्यारे तेने घूण 3 राज साथे मरीजर मिश्र डरी वाधी, संभूर्छिम मनुष्योनी विराधनाथी नयी शहाय. (प) गणामां ऽ थयो होया मने पारे-पारे जीऽणतो होय, तो यां-त्यां धुंडj नहीं मेऽ नानी डूडीमा राज रानी, तेभांड डाढयो मने पछी सगी द्याशाते टुझ्ने राजमा भिन डरी हेवो. (णा घणी प्यन्तिखोने पानपराग, तमा, भापो डे पान जापानी टेष होय छे. मापी प्यस्तिमाने झलतांन्यासतां रस्तामा पियहारी मारपानी पए टेप होय छे. नेते पियहारी थंड)नीये डी साहि मापे,तो भरी जयासनेले घडीभां मे न सूझाय, तो संम्भि मनुष्योनी पिराधिनाथायः माटे, पानपरागाह भावानुंडे पियठारी भारपानुं छोडी हेयुं ईमे. (1) मोही, पर्चगेरे शरीरथी यां पडे तो, जे घडीमा स्वाईन्यां पण नईमे. ते भाटेरामाहिनामिन डरी हेपां. (ख)- घए घरोमां, सामुषाणां पाएगीमां, रात्रे पडां पलाणी पाय छे. त्यारजाह, जीलं हिपसे सपारे ते दुपडा धोपाय छे. परंतु, ते लयित नथी. डारए, पाणीमा पलाण्यां जा, पाएगी मेj थऋतुं होपाधी, ४८मिनीट सुधी ते पाणी ने स्थिर रानी भूठाय, तो ते पाएगीनां मसण्य संमूर्छिम पंयेन्द्रिय मनुष्यनां अयोनी उत्पत्ति थर्ड पाय छे. घर ८-४८ मिनीटे, उत्पन्न थयेला मा पोनी संज्यामां सतत गुहार वायी, सपार सुधीभांग तो तेभा घी मोटी संख्यामा सं िभ - लपोनी उत्पत्ति + पिराधिना थर्छ जय छे. तेथी, राने उपां पलाणाय नहीं. हिवसे पए, हुपडां पयाण्यां बाई, ८ मिनीट पसार थाय ते पहेला, ऊपड़ां घोपार्नु ार्य शरऽरी नंजाय, तो तुप पिराधिनाथी भयो शडायचे. () 0हा पासो धोयामां नंगाया जाए, तो घडीमां नधोपाय, तो तेोठा पासोमा पछु ससंज्य संमूर्छिम अपोनी उत्पत्तिथर्ष जय छे. केम-ठेम समय पसार यतो नय, तेमन्तेभ संधिम योनी उत्पत्तिनी संज्यामा पएपधारो थतो भय छे. तेधी, सेंडा वासगो, पपुसभय पयां न रहे, तेपी डाण मापडोमे लेवी नेमे KOKUYo W-N82800 Page #355 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. /2XC Date . . (1) भेला- परसेषांपागा अथपा वसाहमां लीनां थयेला भेषां पस्तो महसती पनते, दूनां पहेरेला पस्नो, को गामा योणीने राप्ती भूदाय मने व्यवस्थित नस्टापाय, तो ते भेलां- परसेपापाणां- लीनां यस्तोमा ४८ मिनीट जाट, मसज्य संमूर्छिम मनुष्य अपोनी उित्पत्ति धर्छ नय छे. तेथी, मेला जलती पेणाक्षे, याभां ड्यो पाणीने ठिी हेवाने जसे, प्यपस्थित रीते सूडापाय, तेवी डाणा लेपी. ते यस्तो सडायां ना तरतर होरी उपरथी मयांडेथी पाडायनांमसंज्यापपोनीमा लिनलइरी पिराधिनाथी पएषयी शायमा नियमन परसेयांषाणां भेलांगथयेलान भोलं,मालाहि भाटे पालागु पडे छे.. - (रागत स्नान भाटेपपरायेलाटुयामा अयपानभ्यां पाहायडूंछया भाटे पपरायेस गई नेपडीन खथपा परसेपोछपा भाटेयपशयल हाथ-इभाला, पपरायां जाने से प्रामा यो पाणीने राजी हवाय तो ८ मिनीट जा, तेमापार संमृमि मनुध्योनी उत्पत्ति शरथ लय छे. तेथी. इभालाहिनो उिपयोगांजा, नहीधीघोवार्य लय तथा सूडापाई जय तेपी जासडागासेवी. हाथ श्भालाहि नो शनपाने महले जे पातलो रजाय, तो यपरायांजा, डपथी घोपाठ लय भने अडपधी सूहाईपएरालयः तेथी, संभूठिमषोनी तथा पाडायना जुवोनी पिराधिनायी मयी शहाय. ( आ भ्यां जाE, भवा भाटे यपरायेसथाणी प्यवस्थित धोने पीपालयतयां धोपावेल थाणी भाषधी प्यवस्थित छीने डोरी नडरी हेपाथ, तो मसंज्य संभूमि मनुष्यना जुवोनी पिराधिनाधी बयी शाय छे. सेंही थाणीमां मापालाण लगेल होपाथी, नोनपोवाय, न तूंछाय, तोट मिनीट जा, तेमांमसंज्यसंमूर्छिम पोनीउत्पत्ति मने विराधना थाय. पणी, थाणी घोऊने पीपाधी सायंनिसनो लालपा मणे छे. ( पापी पीधा मा, ते पाणीवाणो मेंहो सास ने मरोजर न खूछाय तो मिनीट जा, तेमा मसंज्य संमूर्छिभ मनुष्यो , उत्पन्न घलय छे. तेथी, मा विराधनाथी जयवां भाट, पाए। પીધાં બાદ , ગ્લાસને વ્યવસ્થિત લૂછીને રૂમાલથી કોરું કરીને , भालने सूऽवी हेयु Page #356 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. (340 340 Date : : (रपणा, शध्य मने तो, घर सिपाय पीपार्नु पाणी यामरपार्नु राणपुं. डारणा संमूर्थिम पो संधी छीपी समठ , मोटो लागनां टोडो मासे न होपाथी, मेंहा सासने लूंध्या पिना, पारंपार घडामा नजाय | છે. તેથી, એઠા ગ્લાસને લીધે, ઘSાનું સંપૂર્ણ પાણી સંમૂરિઈમ જુવોવાળું थापाथी, तेषां पाणीने सऽपा मात्रयी पए। मसंप्य संमूर्छिम पंन्द्रियः मनुष्य अपोनी पिराधना थाय छे. हुपे, मायुं पाएी ने खडाय पए नहीं, तो पछी पीपाय छ रीते? (राम। स्नातन , उपडां धोयेडं, हाथ धोयेट् परोपाषाणुं भेडं पाही, जायमानानपाने बोले राज्य जने तो, मुटदी भीनमा नांजपुं.धी, मसंप्य संमूर्णिम मनुष्योनी पिराधिनाथी जयी शाय. घरमा पोतुं रवा भाटे पपरायेल भेलां पहनने , यो वाणीने मेठो न जाय. परंतु, प्यपस्थित मुस्लीमीन पर नीयोपीने पछी सूपी पाय. मेवी डापानु-भगृति रानपायी संमूर्थिभ योनी पिराधिनाथी नयी शडाय छे. एर पायेखां नमने सीधे-सीधां इंडी नपाय. परंतु, ते नप्तने लेगां डरीने, यूना मथपा रामसाये लेणपी हेवाय. मेथी, नजमा रहेल भेलने सीधे संझिम पंयेन्द्रियानुयोनी उत्पत्ति सने विशपिना नाथाय. शरीरसाथै नजोडायेस होय, त्यां सुधी नजनां मेलमांसंमूर्छिम मनुष्योनी उत्पत्ति न थायला परंतु, मेड पजत शरीरथी पूर्ण थया जा , मेरले नाम पायां जा, ४८ मिनीटमां तेनां मेटने राण मधवा यूना साथ न लेणवाय, तो तेभां मसंप्य संमूर्छिम पिंयेन्द्रिय मनुष्योनी उत्पत्ति-पिराधनाशरथी लय छे. यनो-राज गरम होपाधी, नाजनां भेलमा नुवोत्पत्तिनी संलापना रहेती नथी. (ख) जोरनां हणियां, जमुनां हणियां, सीताइणनां जीर, प्लम माहिनां जी , रीनी छाल, रीनी गोटली, लिंगरना जी , शेरडीना छोतरां पोरने मोंढामाथी यूसीने में बहार इंडी हेपाय तो मनुष्यनी ताण साथै लणेस होवाथी , ते मियां-छाल-जीतहिमां नसंध्य संछिभ पंयेन्द्रिय मनुष्योनी उत्पत्ति श घई नय छे. , ते उपरांतमा डीडी साहि प्रस जुवानी विराधना पा घर्छ शर्ड छ. तेथी, खा विरापनाथी जयपां भाट, गिया-मीठ-छाल- गोरली कोरे મોઢામાંથી કાઢયાં બાદ , પાણીમાં ધોઈને , તે પાણી વાપરી જવું. KOKUYO W-N82800 Page #357 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. Date 342 ત્યારબાદ, ते हरेड इजियां खाहिने उपडांथी व्यवस्थित लूंछीने यूरेपूरां डोरां डरीने डोर्घ छांयडावाला स्थानमां व्यपस्थित राजी खापवा, मेथी अर्धना पग नीये डे गाडीना टायर नीये न खापी भय ते रीते. (30) सामायिङनी भेड - पुभनी भेड पायर्यां जाह, घडी बाजीने तरत ४ भूडी न हेवाय. परंतु, परसेवाथी लीनां थयेस ते पस्त्रोने सूडापीने यछी ४ घडी दुराय.. खायुं भे न राय, खने लीनी परसेवापाणी भेंड खंडेलीने मे राजी हेवाय, तो ४८ मिनीट ते परसेवांवानां पस्प्रोमा असंख्य संमूर्च्छिम मनुष्य भयोनी उत्यत्ति शर धर्ध भय छे. खने भ्यां सुधी ते पस्त्रो न सूजय त्यां सुधी तेमां संमूर्च्छिम भुवोनी उत्पत्तिनो सतत पधारो थया राजे छे. जाह, (39) पारंवार Wash-basin अथयां जाथश्ममां भेलां हाथ-पगने घोपानं मे थाय, तो ४८ मिनीट जाए, अगर मे भेलुं पाणी न सूडाय, तो तेमां असंख्य संमूर्च्छिम भषोनी उत्पत्ति धर्ध भय छे. (32) मेलां परसेवावाणां, लीनां जूट - भोभं तथा उनाणामां सूर्धने उध्या जाह, परसेवाथी लीनां थयेलां तड़ियां-गाही याहर खाहि भे ४८ मिनीटमां न सूडाय, तो तेमां या असंख्य संमूर्च्छिम पंयेन्द्रिय मनुष्य भवानी उत्पत्ति थाय छे. तेथी परसेवाथी अथवा परसाहमां लीनां थवाथी, लीनां धयेल जूटने डोरां उपडांथी लूंछीने सूडपी हेवा. तेभर तडिया खाहिने पएा तडडे सूडवी हेषाधी, संमूर्च्छिम भुवोनी विराधनाथी जयी राजाय छे.... लग्न संसारमां पति-पत्नी द्वारा थनार, खेड पजतनी संलोगनी प्रक्रियामां, बेलाज थी नव लाज भेटला संमूर्च्छिम मनुष्य भवानी उत्पत्ति तथा विराधना थाय छे. तेथी, भे शड्य जने तो, श्रावडोखे लग्न प्रसंगोमा न्युं ४ नहीं. उहाथ धुं न पड़े, तो डरनार भेडीनी प्रशंसा तो लूलथी पाए। न दुखी रखने मनथी गमाडवी पए। नहीं, डारएग डे, लग्न भवनमा भेडायां जाह, ते भेडसा (डपल) द्वारा, जनेडवार धनार संमूर्च्छिम भुषोनी विराधनानो दंड, प्रशंसा डरनारने या लागे छे. खेड वजतनी प्रक्रियामां ने रसाज थी C. साज संमूर्च्छिम पंचेन्द्रिय भुवोनी विराधना धती होय, तो संपूर्ण लग्न भुवनभा तो खा भुवोनी हुए विराधना डेंटली थाय ते (33) Page #358 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 342 (34) No. 2 (38) समय शडाय छे. ते उपरांतमां, लग्न भुवनमां भेडायां जाह धनार षट्डाय भुवनी विराधनानो दंड पत्र प्रशंसा डरनारने लागे छे. तैयार toilet - नाथइमनो उपयोग दुरवाथी अथवा स्नाननुं भेलुं पाएगी गटरमा नवायी, असंख्य संमूर्च्छिम भवोनी विराधनामां श्रापडो भेडाय छे. खा विराधनाथी पूरेपूरां खरडं डहाय श्रापड़ो मारे राज्य न बने. परंतु, पालीनो चपराशा घटाडवाथी, खा संमूर्च्छिम भवोनी विराधनाने घटाइपुं, तो अपश्य राज्य छे. ते उपरांत, खा विराधना प्रत्येनो इंज-पश्चाताप व्यक्त डरवा इये तथा खा विराधना साधेनो बाह्य + खांतरिङ connection तोडवा स्वइये, तेनां प्रतीक ३ये हरेड वाजते, स्नान- मात्र खाहि डयाँ जाह, प्रा चार 'वोसिरर्ध, वोसिर, पोसिरर्ध' शब्दो जोलवा. मेथी, थयेल विराधनानो दंड → खोछो लागे. खेटले ४, पौषधमां पए, मात्र परवती येणाखे, श्रावो खा ? शब्दोनो प्रयोग डरे छे... Date मृत्यु जाह, मडहामां पए। जे घडी जाह असंख्य संमूर्च्छिम मनुष्यो पेहा धर्ध भय छे. माटे, घएषां पायली३ आत्माखो मृतÈहनो भल्ही निडास दुरावतां होय छे, राजने खडयानुं पला राजे छे. इंडमा, खायला (मानवनां) शरीरमांथी छूटी पडती होर्धयल प्रहारनी अशुयिमां (शरीरमां तमाम अशुयि ४ छे - शरीर खेटले अशुचिनो पिंड) जे घडी जाह, संमूर्च्छिम मनुष्यो येहा थवानो संलव छे. माटे, खा विराधना न लागे तेनी पापली३ खात्माखोसे श्रीपरपूर्व अज लेवी भेर्धजे. खूजन (2) मनुष्योनां ज्ञेयं वस्त्राने घोडा भारीने (3) राज्य जने तो SOUR खा उपरांत, गर्लभ संज्ञी पंचेन्द्रिय मनुष्योनी विराधनानो दंड न लागे ते मारे नीये प्रभाएो! डाजम लेवी : (2) छायां- पत्रिका पगेरेमां होरायेतां मनुष्योनां यित्रो - छोटाखो लूलथी पग झटी न भय तेनी डाजभं श्रावडोसे अपश्य राजवी. यितरायेतां होय तेवां वस्त्रो पहुंरयां नहीं, तेवां घोपाय या नहीं खने नीयोपाय पए। नहीं. छायां- magazine खाहिमां समायार पांयवानुं अथवा टी.पी. उपर News भेवानुं राजपुं, डारा डे, छायामां - टी.वी. KOKUYO W-NB280U Page #359 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (343) News मां मातंडयाही माना, लंशयारी नेता, इमाम माहिता भरवानां समायार पांयपाधी-सालणपाथी, लेखापही राधणे, तो पंयेन्द्रिय मनुष्यनी हिंसानो होष मनुमोहनानां माध्यमे, छापंपांयनार- टी.पी. ओनारने लागी लय छे. डोभी रमनाए पमते, हिंसोमे लेगा भणीने लेात्ममुड मुसलमानोने भारी नांज्याहीय अथवा अपते-पतांजाणी नांज्या होय-मेवां समायार भगवाधी ले सापाए राष्लन्थनेगमथवा पाएगीथी ते प्रसंगनी प्रशंसाऽरीसे तो मापदाने पंयेन्द्रिय मनुष्यनी हिंसानो घोषाखालीलय छे. खेड मा प्रापडो डीडीयोरे नानामांन्नानां पोनी हिंसाधी जयपानो प्रयत्न उरतां होय सने जीजा पंयेन्द्रिय मनुष्योगी हिंसाना सभायार मणवाथी, राजथतां सथवा प्रशंसा डरता, संज्ञी पंयेन्द्रिय मनुध्योनी हिँसानो पोताने माथे पर्छये, यांनी होशियारी छ? Abortion - गलपात: शुढळंतु (Sperm) सने रल (ovum)j मिलना से गर्लधारा' - नपा जुवननी-बाणनी शउखात छे. तेनापछी पर मा यिसेतो, पिङसीत हृया धमहारां भारतुंथर्छजय छेसने जे महिने, पू पिठसीत प्यतिभा रहेली अधीन पस्तुनो शिशुमा नेपा भणे छे. पांयमा महिने तो तेनां मुडांसने टातीनी योङसपो मजरा पडे. छ. सात महिने तो ते १3" थी 20" नो सांजो धाय छे. Silent scream' नाभनी गर्लपात परनी सालारतभा | bannear छ, तेभां स्पष्ट जतापे छेडे, न्यारे गर्लपात थायछे, त्यारे बाण दुर्धरीते जयषा मांगे छ, प्रतिद्वार रे छे. मने छेत्से, मसहाय बने त्यारे सेड मुंगी थीस (Silent scream) पाडे छे. गर्लपात हरवानी पद्धतिमा पए अतिशयर छे:ta) Suction method : न्यूसनणी गर्लाशयनां मुगभांधी जय राय छे. ते भेटली परहस्त शन्तिशाणी होय जाणानां शरीर पिलायन हुरीने तरत न लोही, डेशमंऽ सने दुर्यानोनां टूडांखोनो से बध्यो अनी जय . ते ध्यो पछी खेड शीशीमा लेगो राय. bo curette method : यीपीयाची जाणने यीने डे द्योलीने बहार डाटी सेवामा रमाये छे. धीवार, भायाने ही नांजवानां पहुए सा छे. Page #360 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 34४ - No. © Ceasarian method : गर्भाशयं उपर डाय भूडीने, आजउने उंडी सेवाय छे. जाजड भरे से पहुंलां डलाडो सुधी तेनुं हृदय धजतुं होय छे......! Date (d) गर्भाशयमांधी, मोटी सोय वडे, प्रवाही जहार जेंसी, भीडानुं पाणी सुंदर हाजत डराय छे. तेनांथी, थोडो समय तरइडीयां भारी जाणS मृत्यु पामे छे. J प्रोस्टाग्लान्डीन नामनी हवा गर्भाशयने संडोये, छे. मेनां सीधे जाना गर्भाशयनी जहार घडलाय छ े. खाने सीधे, भवतुं के भरेलुं जाणड समये जहार जापी भय छे. - तेथी, Abortion - गर्लयात पोते डयुं नहीं, जीभनुं डराव नहीं जने डोर्ध डरतुं होय तो तेने सारं मानयुं नहीं. गर्लपात दुरापपाथी, गर्लमां रहेल, पंचेन्द्रिय मनुष्यनी हिंसानो होष लागे छे. पाथीने संल्प उरभे हे भुवनभां दुहि पए, नरङ्गतिमां 7. डारएालूत जने सेयुं, खा पाप थुं नथी परंतु अज्ञानवश भे गीतार्थ सेवा કદાચ खा, पाय धर्म गयुं होय तो डोर्घ महापुरुष गुरु लगवंत पासे अर्ध जा पायनुं प्रायश्चित साया हिलथी डरी लेभे खने धर्ध गयेला खा पापनी निंध- गहू खात्मसाक्षीखे वारंवार हरभे, तो जांघेला र्मो निर्जण थशे रखने खायुष्यनो जंध न पड्यो होय तो नरद्वाहि दुर्गतिथी जयी भवाशे. पशु-पंजीखो पए। पोतानां जय्यांने प्यार ङरे छे. द्रुतरी य पोतानां जय्यांने व्हाल ४ उरे छे. पए। सांलव्धुं छे डे, प्यारेड होर्धऽ चार खत्यंत लूजनी पीडाथी व्याडुज थाय छे, त्यारे दुतरी पोलानां ताभ कन्म खायेलां जय्याने जावा प्रयत्न करे छे. पडा, खाम्नी नारी तो वगर झरने मात्र योतानी मोग्मभ माटे जाजडनुं जून डरावे छे. खावी नारी दूतरी डरतां पधु नीय न उहेपाय ? मनुष्यतो विभाग समाप्त (THE END) KOKUYO W-N9280U Page #361 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (AhE) ** No. Date पना प ले E | ઈન્દ્રિય પ્રમાણે :' - 2 એકેન્દ્રિયના = ૨૨ (પૃથ્વીકાયfઅપકાય તેઉકાય +વાઉકાય વનસ્પતિકાયો विश्लेन्द्रियना : दु बेन्द्रिय +तेन्द्रिय व्यरिन्द्रिया પંચદ્રિયના = ૫૩૫ (નારક + દેવ+મનુષ્ય + તિર્યંચ પંચેન્દ્રિય) પ૬૩ ભેદ T] ગતિ પ્રમાણે : ન૨૬ ગતિ = ૧૪ (૭ નરકની પર્યાપ્ત + અપર્યાપ્ત) દેવ ગતિ : ૧૯૮ : (જ પ્રકારના ૯૯ દેવના પર્યાપ્તા અપર્યાપ્તા)મનુષ્ય ગતિ = 303 (101 હૈમના . ગર્ભજ #અપ.ગર્ભજ + સંમૃટ્ઝિમ) તિર્યંચ ગતિ = ૪૮ (એન્દ્રિયના ૨૨ + વિદલેન્દ્રિયની ૬+ તિર્યરપંચે. પ૬૩ ભેદ : ' ' ', - ત્રસ | - પ્રત્યેક | ' મનુષ્ય દેવો | વનસ્પતિકાય ? મુક્ત (૧૫ ભેદ) ચઉરિન્દ્રિય કલ્પાંપન્ન કલ્પાતીત ચર ખેચર સૂક્ષ્મ સાધારણ પંચેન્દ્રિય બાદર સૂક્ષ્મ બાદર | વિક્લનિયર ગર્ભજ સંમૂર્થિક ' તિર્યંચો ઇન્દ્રિય વાયુકાય બાદર જીવોના મુખ્ય ભેદોનો કોઠો બેઇન્દ્રિય જીવો સ્થલચર તેકાય ચતુષ્પદ - ઉરપરિસર્પ ભુજપરિસર્પ રત્નપ્રભા શર્કરામભા વાલુકાપ્રભા પંકપ્રભા ધુમપ્રભા તમ:પ્રભા તમસ્તમ:પ્રભા | ૨ વૈમાનિક સંચ્છિમ ૫ જયોતિષી ગર્ભજ સંમૂ૭િમ ગભેજ સંમૂચ્છિમ ૧૫કર્મભૂમિજ ૩૦ અકર્મભૂમિજ પ૬ અંતર્લીપજ ૧૫ કર્મભૂમિ ૩૦ અકર્મભૂમિ ૫૬ અંતર્લીપજ | ૮ અંતર ગર્ભજ સંમૂછિમ ૧૦ ભવનપતિ બાદર સૂક્ષ્મ બાદર સૂક્ષ્મ બાદર સૂક્ષ્મ સંસારી અકાય lolulc સ્થાવર નારક જલચર પૃથ્વીકાય ગર્ભજ સંમૂછિમ Page #362 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (34) ઉપકે જીવોના પ૬૩ ભેદ સંબંધી પાંચ ટ્રાર । ५५ प्रथम हार : शरीरं-मवगाहना हार शरीर सवगाहना = नवोनां शरीरनुं प्रभाएमाप: यार्ड सही शरीरने मनुलक्षीने तेनी याई हेवानी छ, मेटले शरीर संबंधी डेटसी स्पष्टता रीमे:शरीर' से लुपने हिया श्वानुं साधन छे. डाया, ऽसेपर, तनु,यय, उपयघ, संघात, हेह मेजयां तेनां पर्याय शल्होछे. संसारी जुपो सनंता छे, परंतु तेमना शरीरो मसंज्यात छे. तेना ही-ही- खपेक्षामेमनेड प्रडारो पाडी शहाय छ, पए, रैन शास्ाडारोगे डार्य-धारानी समानताने मनुषहीने तेना प प्रहार पाडेला छे: मोहारि ,रामियामाहार,लक्स, पाडा. शाखौद्यारिड शरीर : शरीर उधार-उत्कृष्ट पुद्दालोतुं जनेयु होय,ते 'मोहारि शरीर' उपाय. सथपा के शरीर मन्य शरीरोनी सपेक्षा उय्य स्पश्पपाणुं होय ते मोहारिड हेपाय. अथवा केनुं छेदन,लेन, ग्रहए, हन पोरे थर्छ शडे ते 'सौधारि' हेयाय. (रण पैहिय शरीर :रे शरीर विपिप पिहियाने पामे,जेटले डे, नानाभांथी भौटुं, मोटामांधी नानू, नडामाथी. पात', पातणाभांधी नई, रोमांधी मनेऽ , सनेडमाथी - सेम विविध प्रहारतुं मनी शडे ते वैहिय शरीर'. मासाहारा शरीर : सहम मर्थना संहनो निपारहा श्यामाटे,यतुश पूर्वधारी मुनि, डेपणी लगपंत पासे नवा भाटे, विशुद्ध पुड्गलोर्नु जनावेj ने खव्याघाती शरीर धारए। उरे, ते माहार शरीर' हेवाय. (तेरस शरीर: शरीर तेस्थी जनेषु होय मेरले ३ ते भय होय, ते तैस शरीर' हेवाय. (प) हार्म। शरीर आत्मप्रदेश साये मेऽत्ता पामेलो जेवो ऽनो समूह, ते 'हार्भा शरीर' हेयाय. सौहारिक ऽरतां पैझिय, पैहिय उरतां माहारऽ , माहारऽ डरतां । तेस, सने तैस हरतां डाएर शरीर पधारे सूक्ष्म होय छे. मनुष्य, पशु-पक्षी, पनस्पति योरेनां शरीरो मोहारिक होय छे. व नार सने हेयोने स्वलापी वैठिय शरीर होय छे. XOKUYO W-NB2300 Page #363 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ................... No. Date 349 ', १ खाहारङ शरीर, उपर भएगाप्यां' मुंग्ज, डोर्ध डारा प्रसंगे यतुर्हश पूर्वघर मुनिखो द्वारा धारण डराय छे. तैक्स शरीर हरेद्र संसारी भुवने होय छे खने ते खौहारिङ डे पैडियनी अंदर रहेसुं होय छे. भुवने होय छे रखने ते खात्मा १ अर्मला शरीर पाए हरेद्र संसारी साथे खोतप्रोत थयेलुं होय. . छे.. १ डोर्धपत्र भुव, मरए। पामे त्यारे तेनुं जौहारिङ के वैडिय शरीर पड़ी भय छे , पए। तैक्स रखने डार्मए। - से जे शरीरो तो तेनी साथै नरहे छे. क्यारे संसारी भुव दुर्मोनो नाश झरी मुक्तिने यामे त्यारे खेडेय शरीर तेनी साधे न रहे. इंडत 'खात्मा' ४ मुक्तिमा भय. खपगाहुना (यार्ध) 9 12. धन्य उत्कृष्ट (खोछामां खोछी) (पधारेगां पधारे) १ अंयार्धनं श्रेष्टङ नीचे प्रमाएो छे ८ ४५ = १ संगुल २. पेंत च.१ हाथ २००० धनुष्य = १ 47 • १२ अंगुल ४. हाथ = ४ गाउ पेंत = १ १. धनुष्य = 9.211881. सघणां भपोनी ४धन्य अवगाहुना संगुलना असंख्यातमा लाग केटली होय छे. (नोंध : हेवो जने नारडोनी ४धन्य1- संभुलना संख्यातमा लागनी खपगाहुना उत्पत्तिना प्रथम समयनी जपेक्षाने समभवी.) सघनां खपर्याप्त भयोनी उत्कृष्ट खवगाहुना पए। संगुसना खसंख्यातमा लाग भेटेली होय छे. सघनां पर्याप्त भुवोनी उत्कृष्ट जयगाहुना खलग-अलग होय छे. Page #364 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 34८, १ पर्याप्त भवोनी उत्कृष्ट खपाहुना खेडेन्द्रिय' (૧) પૃથ્વીકાય (૨) અપકાય (3) ते डाय (४) पाडाय (૫) વનસ્પતિકાય "विकलेन्द्रिय" - प्रत्येड़ (१) जेहादिय (२) तहद्रिय (3) यरिन्द्रिय 10 No. 1 Date 4:13 પંચેન્દ્રિય (ख) नारंड (2) हेव (3) मनुष्य (४) तिर्यय गर्लभ संमूर्च्छिम સાધારણ 114 316 खेडेन्द्रिय भषोनी उत्कृष्ट अवगाहना क खेडेन्द्रिय भवानां डुल ११ पर्याप्त लेहमांधी, प्रत्येक वनस्पतिडाय सिपायनां जयां भवानी उत्कृष्ट जवगाहुना संगुलना जसंख्यातमां लाग भेटली होय. खलजत, सामां पएा तरतमता खेटले नाना-मोटा पशुं होय छे. ते बीये प्रमाएो छे: (a) सहुधी नानुं शरीर सूक्ष्म साधारण वनस्पतिडायनुं होय. तेनाथी असंख्यातगएएं मोटु शरीर सूक्ष्म पाउडायनं होय. (6) (c) तेनाथी असंख्यातगं मोटु शरीर सूक्ष्म तेउडायनुं होय. (d) तेनाथी असंख्यातगाएं मोटु शरीर सूक्ष्म अपडायनुं होय. (९) तेनाथी असंख्यातगए। भोटु शरीर सूक्ष्म पृथ्वीजयनुं होय. (4) तेनाथी असंख्यातगां मोटु शरीर जाहर पाउडायनुं होय. (9)!! (6) तेनाथी असंख्याताएँ भोटु शरीर जाहर ते अयनुं होय. तेनाथी असंख्यातगएँ मोटु शरीर जाहर जपड़ायनुं होय. (i) तेनाथी असंख्यातगए मोरं शरीर जाहर पृथ्वीजयनुं होय. तेनाथी असंज्यातगां मोटु शरीर जाहर साधारण वनस्पतिडायनुं આમ છતાં તે અંગુલના અસંખ્યાતમાં ભાગથી અધિક होतुं नथी. १ प्रत्येक वनस्पतियनुं उत्कृष्ट शरीर खेड हुभर योकनथी 55 अधिक होय छे. खा प्रभाग - भाप, डेंटलांड दही खेड યોજનની હુંજાર अंडाईवाणा होय छे नेमा कमजो थाय छे, तेने खाश्रयीन ह्युं छे. હોય KOKUYO W-NB2BOU Page #365 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 54) तिमा रखेड हार योष्ठनासो पाएीनो लाग-तेरवी हुमणनीनाण होय छे सने पाएगीनी सपाटी उपर रहेj हुमण तेथी अधिः होय छेन तेथी खेड हुभर योल्नथी र्छऽ सधि सेवी तेनी - याई-नवगाहना हेली छे. सढी द्वीपनी जहार डेटलीड सतास्रो पए। सापड प्रमाणापाणी थाय छे. म सापही पर्तमान दुनिया, रे न शास्त्रोछे पहुंपेक्षा मध्यमोऽनी पय्ये खाषेला मुद्दीपनो खेड महु नानो लागछ,तेमां पा प्रत्येऽ पनस्पतिहाय संबंधी उरलोड सायर्यन विद्यास नेपा मगे छे, तेनी मही नोंप उश्वी उयित गएरो: ta) United States all California yical d2 utgilai gusi सेवां पैसो भणी साप्यां छेडे व्हेनो घेरापो मृणमां पर छूट खो मने पर झूटनी जंयाऽखे झूट रेटलो छ. डलोईना हरियाई जागभांर झूट यो, पर पहोणो सने हर वर्षे 40000 झूस मापतो गुवाजनो छोऽ छे custralia मयुडेलिप्टसनांपृक्षो प०० झूट याथाय छे. तात्पर्य से डे, स्थान-संयोगो सनुसार, छोड, लता, पेस, पृक्षो पोरे धां मोटा धाया छे. पेटले सही में प्रत्येऽ पिनस्पतिडायj उत्कृष्ट प्रभाए। बतायपामां मायुं , तेनाधी हरापहा नपाई पामपा पुंनी.का सूक्ष्म शरीर गमे तेटलां लेगांरवामां सापे, तो पए खापो ने शातां नधी, श्यारे बार शरीरो समूह प्रभाएमां लेगां थाय त्यारे मापए कई शङीसे छीथे. जैन शास्त्रोमा एप्प्युं छे , भे मात्र सीमा साभणानी size रेला पृथ्वीडायनां नपा सरसपना आए। टसी डायाउरे तो मेऽ सानोलन-प्रभाए। ठंमुट्ठीपभा सभायनहीं. तेमन, खघडायनां मेड लिंमा रहेला जयो नेडलूतर रेषडी छाया डरे तो ते पएा नंनद्वीपमा समाय नहीं. गि विष्लेन्द्रिय पोनी उत्कृष्ट अवगाहना : (a) पर्याप्ता बान्द्रय नवी : १२ याकन ' (२पकार) (b) पर्याप्ता तन्द्रिय न्वा : 3206 (डानम४२१ ५३) (c) પર્યાપ્તા ચઉરિન્દ્રિય જીવો : ૧ યીજન (ભમરા વીરે) Page #366 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. 24 Date . . पिछलेन्द्रियनी ना त्कृिष्ट मपंगाहुना प्राय:सढी द्वीपनी | महार थतां नुयोनी समरवी. महीं 'प्रायःशष्ट खेटला भाटे हेलो छ डारए : अंतर्मुहूर्तना मायुष्यवाणा उत्पन्न यतांन्द्र पर योन शरीरयाणा थी, पृथ्वीमा तेवडो भोटो पर योननो) जाडो पडपाधी पामा ग्यवतीनां सैन्यने पा गरछाप डरी हेनारा, मासालि' नतिना सपने शास्त्रमा उरपरिसर्प भने मतांतरे जेन्द्रिय ऽह्यां छे, तेवां खासालिङ सर्प सढीद्वीपमा संलपे छे. भाटे, “प्रायः सढीठ्ठीपनी बहार म घुछे.. रए पंयेन्द्रियानुयोनी उत्कृष्ट अवगाहना: ના૨૬ જાવોની ઉત્કૃષ્ટ અવગાહના : (૧ ધનુષ્ય = ૯૬ અંગુલા) कृष्ट धन्य पहेली नऊ । धनुध्या संगुला 3 हाच लीनर - पागधनुष्य पर संगुला धनु. ६ संगुल त्रीन नर - उप-धनुष्य १पाधन. १२ जंगल योधी नरसा धनुष्य उपमनु पांयमी नरम : १२५ पनुष्य दुर॥ धनु छडी नरऽ : २५० धनुष्य परम धनुः सातमी नरऊ - प धनुष्य पनु मा उत्कृष्ट सपगाहना, मूण वैक्षिय शरीरनी सपेक्षाही छे. उत्तर वैठिय शरीरनी अपेक्षा, सेनाथी भूणथी) ऽजम सपगाहुना नापी. नगाठ काप्या प्रमाणे, धन्य सवगाहना संगुसनो संसष्यातमो लाग प्रमाणे उत्पत्तिना प्रथम समये भावी. परंतु, उत्पन्न थयां जा, धन्य अवगाहना : पहेली नरमा उहाथ मने जीन-सातमी नरामा भूण वैहिय शरीर उरतां सऽधी मापी. उत्तर पैझिय शरीर : द्वारा प्रसंगे देवता, नारडी, तथा सब्धिधारी मनुष्य- तिर्यय पोताना शरीरथी गुईं जी शरीर जनापे ते उत्तर पैसिय शरीर दुहेवाय. KOKUYO W-N82300 Page #367 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १० (351) No. (341 Date हेपतामोनी उत्कृष्ट नपणाहना : सबगाहना हेयोनी नति (१) १. हाथ लपनपति, परभाधार्मि:,.. प्यंतर, पापाध्यंतर, तिर्यग्ला न्योतिषी यंद्र, सूर्य, ग्रह नसुत्र, तार) -पहेला सौधर्म सने पीलाशान) हेपलोड त्रा पट्या हिटिनधी (२) ५ हाथ जीन (सननुहुभार) खने योथारमाहेन्द्र)हेवलोड नए सागरियाडिटिलघी - 3) प हाथ : पायमा लालमोड)सने छालांत)हेपलोड । । तेर सागरिया तिलिपीड नवलोडास्ता (छ). ४ हाथ : सातमा महाशु) मने मामा (सहार) हेपलोड (प) 3 हाथ : ममामाएत), हसना (प्राहाता, मगिधारमा मारए), जारभा (खय्युत) दि) र हाथ : नप वेयड छ । हाथ : पांय सनुत्तर विमान उपर लापेली सपगाहनामुणवैहिय शरीरनी सपेक्षामे छे. उत्तर पैहिय शरीरनी सपशाहना खेड ताजायोन होय. नव पेयऽ सने पर मनुत्तरनां हेपो शहित होपां छतां पहा उत्तर वैष्टिय शरीराजनापता नथीम हेपोनी धन्य नवगाहना संशुलना मसंज्यातमा लागरेटली उत्पत्तिता प्रथम समये नएावी. पर्याप्ता गर्ल मनुष्योनी उत्कृष्ट सपगाहना: पर्याप्ता कार्ल मनुष्योनी उत्कृष्ट नवगाहना , क्षेत्र प्रभाग भने सारा प्रभागी मलग-अलग होय छे. मनुष्य - 5भनि-उ० मर्मलुभिः पा संतरद्वीप Page #368 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. Date () ૫૬ અંતરીપનાં મનુષ્યોની ઉત્કૃષ્ટ અવગાહના 200 ધનુષ્ય હોય છે. !" , . (6) 30 અકર્મભૂમિનાં મનુષ્યોની અવગાહના :( 4) ૫ દેવકુ અને ૫ ઉત્તરકુર = 3 ગાઉ | (i) ૫ હરિવર્ષ અને ૫ ૨મ્યક્ = ૨ ગાઉ . (ii) ૫ હિમવત અને ૫ હિરણ્યવંત = ૧ ગાઉ (૯) ૧પ કર્મભૂમિના મનુષ્યની અવગાહુના : (1) ૫ મહાવિદેહુ ફત્રમાં = ૫૦૦ ધનુષ્ય (1) ૫ ભરત અને પઐરાવત ક્ષેત્રમાં આ૨ી પ્રમાણે હોય ! | અવસર્પિણી ' ઉત્સર્પિણી પહૅલો આહ - ૩ઃ ગાઉ પહેલો આરો = ૨ હાથ બીજ' આરી = ૨! - ગાઉ ' '' બીજો આરો = ૭ હાથ ત્રીજો ' ' ખારો : ૧! ગાઉ ' ! : ઝીન્ને આર્ટી = ૫૦૦ ધનુષ્ય ચોથો આરો = ૫૦૦ ધનુષ્ય ચોથો આરો = ૧ ગાઉં. પોચમો આરો ='' 9 હાથ છે પાંચમો ખાર = ૨ ગાઉ છઠ્ઠો આરો' = - ૨ હાથ '' છઠ્ઠો આરો = '3 ડાઉ - દેવકુ૨ - ઉત્ત૨૬માં અવસર્પિણીના પહેલાં આારા જેવાં ભાવો , હરવ્રઉં – રમ્ય માં અવસર્પિણીના બીજં આ૨૫ જેવાં ભાવો , હિંમવંત = હિરણયવંતમાં અવસર્પિણીના બીજાં આરા જેવાં ભાવો, મહાવિદેહ ક્ષેત્રોમાં અવસર્પિણીનાં ચોથા આરા જેવાં ભાવો , અંતરદ્રીપમાં અવસર્પિણીનાં બીજાં આરાનાં છેડા જેવાં ભાવ, '' ': : : : !' ', '} ! ! પ્રવર્તે છે . () પર્યાપ્તી તિર્યંચ પંચેન્દ્રિય જાવોની ઉત્કૃષ્ટ અવગાહના | | ' ' 'પર્યા. તિર્યંચ પંચેન્દ્રિય જીવો , (i) જળચર સ્થળચર (s,ખેચર (ચતુષ્પદ (i) ઉપસર્પ ભુજપરિસર્ષ ઉપર જણાવેલ ૫ ભેદના - ગર્ભજ અને સંમુરિજીમ = ૧૦ ભેદ . KOKUYO W-N92804 Page #369 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. Date 393 Lii Liiix Livy (v) १ જવાબઃ पर्याप्ता तिर्यय पंयेन्द्रिय જવાબઃ જળચર ચતુષ્પદ ઉપરિસર્પ ભુજપરિસંર્પ ખેંચર गर्लन હજાર યોજન छा હજાર યોજન ગાઉ પૃથકત્વ ધનુષ્ય પૃથક્ક્ત્વ संमूर्च्छिम सवए। समुद्रमां = 400 योग्नना अजोहधि समुद्रमां = 900 योग्नना स्वयंलूरभए। समुद्रमां १००० योग्नना હુજાર યોજન ગાઉ પૃથકત્વ = યોજન પૃથક્ સ્વ पृथक्त्व सेंटले शुं ? पृथड़त्व खेटले रॅ थी योग्न पृथत्व . धनुष्य पृथत्व खेटले ગાઉ પૃથક્ત્વ એટલે २ गाउ थी ८ गाउ खेटले २ योग्न थी 6 योभन २ धनुष्य थी ८ धनुष्य 3 गर्लभ यतुष्यहनी उत्कृष्ट अवगाहना ५ गाउ खने संमूर्च्छिम यतुष्यहनी उत्कृष्ट अपगाहुना गाउ पृथड़त्व उही छे, तो शुं गर्ल डरतां संमूर्च्छिमनी अवगाहना पधु हो राडे ? गर्लभ डरतां संमूर्च्छिमनी सवगाहना सत्य (खोछी) न होय छे. माटे गाउ पृथक्त्व उह्युं छे जने तेमां पा छ गाउँथी वधु न समतां, ५ गाउँथी अस्य ४ समयु. ना; ધનુષ્ય પૃથક્વ ધનુષ્ય પૃથક્ત્વ माछता होय छे. १ उत्कृष्ट जवगाहुना (छ गाउ) पाजा यतुष्यह हाथी पगेरे उत्तरकुरुक्षेत्र रखने हेपदुरु क्षेत्रमां होय छे. उत्कृष्ट पाहुनावाजा उरपरिसर्प (सर्प वगैरे) रखने लुम्परिसर्प (गिरोली) वगेरे) खदी द्वीपनी बहार होय छे. Page #370 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. (3५४ Date का जीढुंहार : मआयुष्या हर | आयुष्य मंगे विरोध माहिती: (1) जुप परलपन सायुष्य माना लपभा से पार बांधे छे. (रायो, नारडो, युगलिङ, मनुष्यो, युगलिऽ तिर्ययो पोतानां खायुष्यना छ महिना माडी रहे त्यारे परलपर्नु सायुष्य जांधे छे.पायपी, पासुध्य, प्रतिवासुदेव, नारपोरे सनपपर्तनायुष्य वाणांपो, पोतानां मायुष्यनारा लागे = जे लाश पसार चये मने जीने लाग बाडी रहे त्यारे परलपर्नु सायुष्य बांधे छे. हात: CE000 पर्नु मायुष्य होय, तो ए००० वर्ष पसार थये सने 33000 वर्ष जाडीरहे त्यारे परलपर्नु मायुष्य बांधे. (गते सिपायनां सघणां तुपो, पोतानांमायुष्यनोत्रीको लागनाडी रहे त्यारे, मथवा नवमो लाग जाडी रहे त्यारे, मधपा मोला। लाही रहे त्यारे सेम विचारतां-पियारतां छपरे मृत्युने संत र्त बाडी रहे त्यारे परलपर्नुमायुष्य जांधे छे.. मामा मामा हात: १०८ वर्षतुं डोर्नुि मायुष्य होय, तो ते उदु वर्ष माडी | रहे त्यारे परलपर्नुमायुष्य बांधेले त्यारे नजांधे,तो पर पर्ष | जाही हे त्यारे जांधने त्यारे पए न बांधे, तो ४ पर्ष नाडी रहे त्यारे जांधे..... मेम पियारतां-वियारतां छप? मृत्युने संतर्भुहूर्त जाडी होय त्यारे परलपर्नु मायुष्य जांधी, शेष संतर्मुहूर्त जुपी पछी मृत्यु पामे छे. (पाखायुष्य धर्म जांधवानो समय अंतर्मुहर्तनो छे. असायुष्य जे प्रहारनां छ:) द्रष्य मायुष्य ) द्वापा सायुष्य. मायुष्य उर्भना पुद्दासोनो नध्यो ते द्रष्य मायुष्य' हेपाय, मने ते द्रव्य खायुष्य मश: थोडं थोडुं लोगपतां सां समय सुपी थाले ते समय मर्याने पहाण मायुष्य' हेवाय. हरेड गुप'द्रप्यमायुष्य' तो पूरेपूर लोगवे न्ट छ, पए'डाण मायुष्य पूरे लोगवे पहा जरा मने न पा लोगपे. तेथी । डाण खायुध्यना ले प्रहार थाय : | (a) निश्पभ - नडाल मायुष्य परं लोग | (b) सोपहम - डाण आयुष्य पुरेपर न लोगये. KOKUYO W-N62800 Page #371 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( 3૬૫) Date | £{. ત.: એક લાંબુ દોરડું હોય, તે દોરડું એક છેડેથી ક્રમશઃ | બળતાં-ભળતાં , એક કલાકે પૂરેપૂરું બળે તેમ હોય , પરંતુ, તેં જદોરડાનું ગુંચળુ બનાવીને અગ્નિમાં નાખી દેવામાં આવે તો પૉચ જ મિનિટમાં બળી જાય . એ બંને રીતે દોરડું તો પૂરેપૂરું | ( પ્રવ્ય આયુષ્ય, બળે જ પરંતુ તેનો કાળ અલગ-અલગ નિરૂપક્રમ= ૧ કલાક) સોપક્રમ = ૫ મિનીટ) (કાળ આયુષ્ય) | હોય છે. . . . . . . . . . ! El.Jત એક ભાઈનું આયુષ્ય એટલે આયુષ્ય કર્મના દલિતો 166 વર્ષ ચાલે તેટલાં હતાં પરંતુ ૪૦ વર્ષની ઉંમરે દરિયામાં પડીને આપઘાત કરવાથી બાકીના ૬0 વર્ષના કર્મcલકો અંતર્મુહર્તમાં એક સાથે જ ખલાસ થઈ ગયાં અને મૃત્યુ થયું. (૮) આયુષ્યની ક્ષય સાત પ્રકારે થાય!! છે ?' '..! 10) પ્રબળ અથવસાયથી ? કોઈ સ્ત્રી અથવા પુરુષને અત્યંત કામાસક્તિ હોય અને પ્રિયપાત્રનો વિયોગ થાય , તો શીઘ આયુષ્યનો ક્ષય થાય છે અને મૃત્યુ નીપજે છે. : : ) નિમિત્તથી : શાસ્ત્રાદિકનો આધાત થાય, વિષપાન કર્યું હોય , કે દંડ ચાબુકનો સખત પ્રહાર થાય તો શીઘ આયુષ્યનો લય ન થાય અને મ૨ણ નીપજે છે. . " : - ૯) આહાથી ? અતિ આ૫ આવ્હાર કરતાં શરીર કૃ1 થતાં, અતિ - સ્કિા©ધ આહાર કરવાથી રોગાદ થતાં , અને અતિ ભારે , ઘણો, હતકર આહુર કરવાથી પણ આયુષ્યનો શીધ્ર ક્ષય થાય છે અને મરણ 1નીપજે છે. 5. 1 : - વૈધનાથી ૫-૧લ વીરે. ભયંકર વ્યાધિની વૈદનાથી પણ શીઘ | આયુષ્યનો ક્ષય થાય છે અને મ૨ણ નીપજે છે. 6 પરાઘાતથી અન્ય તરફુથી થયેલા આઘાતથી અથવા ઊંડા - ખાડા ખીણ વગેરેમાં પડવાથી તે પર્વત પરથી ઝંપાપાત કરવાથી - શીર્ઘ આયુષ્યનો ક્ષય થાય છે અને મ૨ણ નીપજે છે. ધિ સ્પર્શથી : ચામડીને તાલપુટ વિષનો સ્પર્શ થાય, અગ્નિનો , સ્પર્શ થાય કે ભયંકર સપકિ ઝેરી વસ્તુનો સ્પર્શ થાય કે વિષકન્યાનો સ્પર્શ થાય તો શીધ્ર આયુષ્યનો ક્ષય થાય છે અને મ૨ણ નીપજે છે. Page #372 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 3५९ (20) No = 9 खाए। प्राएाथी : शासनं रंधन थवाथी, डोर्घ गणे शंसो घाले तो श्वासनं रंधन थाय छे. अथवा गणा डे नाडमां कोर्ध प्रडारनी खाजीली ओली थाय तो पश्वासनं रंधन थाय छे. वजी रोगाहि डारगोने पाए। श्वासनं रंधन थाय छे खने तेथी शीघ्र आयुष्यनो नीयने छे. नेने खाने लोड-व्यवहारमां क्षय थाय छे रखने मरा हार्ट-सेटेड (heart attack) नां नामथी खोजजाये छे. उपर नगावेल डागोने 'उपक्रम' उपाय छे. खावां उपभो लागवांछतां यहा के, खायुष्यमां लेशमात्र घटाडो न थायते "सनपर्वत, आयुष्य 'निश्पक्रम' खायुष्य इहेपाय खने खावां उपभो लागवाथी ने खायुष्यमां घराडो थाय - कल्ही लोगवा भय ते 'खपर्वतन' खायुष्य 'सोपक्रम' सायुष्य हेवाय. (G) सनपर्वतन खायुष्य गाढ़ निडायित अंध पडे अंधायेल होय छे, तेथी गमे तेवा संभेगोमां-भरगांत उष्टरोमां पए। खायुष्य घटतुं नथी. क्यारे खपर्पतन् जायुष्य, तथाविध अध्यवसायना डारगे जयर्वतन् यामे घटी भय, ते रीते ? जंघायल होय छे... हात: : प्रलु वीर, जनव्यपर्तन् खायुष्यवाणा हुता. तेथी पराजय झेंड्यं तो पाए निर्वाएरा (मृत्यु) न पाम्या . डाजय खापएगा ठेवा संपपर्तन् जायुष्यवाणाना माथा पर झेंडयामां जाये तो तत्झण मृत्यु धर्ध भय. अहाय जीभ प० वर्ष भुववानुं नाडी होय तो पाएगा। नत्झण मृत्यु धर्ध भय, ते पजते अंतर्मुहूर्तमां 'खायुष्यतां जधां पु‌गलों, सेड साधे लोगवा भय। संगमे माथा भ्यारे तेयुं જ हेव, नारङ, युगलिङ मनुष्य, युगलिङ निर्यय, तिथंडर, सरमहेही (खा लपे, मोक्षे ४नार), यवर्ती, पासुहेव, अहेव, प्रतिवासुदेव, नारभ कोरे खनयवर्तन् खायुष्यवाणा होय छे. ते सिवायनां भवोमां डेटलाए जनपपर्तन् खायुष्यवाणां पा होय रमने डेलांड खपवर्तन खायुष्यवानां पग होय. जन्यवर्तन् खायुष्यवाणां भुवो पूरेपूरुं खायुष्यं (डान खायुष्य) लोग वे रखने अपवर्तन खायुष्यवाणां भवोने उपक्रम लागे छे सने पूरेपुरुं खायुष्य (डाण खायुष्य) लोगपी शडतां नथी. Date KOKUYO W-N6280U Page #373 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. 399 Date शि डाणन माप ससंप्य समय : मेड नापलिका रपा खापलिका : झुटलालप पा सुटलालप = पश्वासोश्वासाप्राएर) 9. प्राए = १ स्तोड : 3 स्तोड प सप । 33 बय : पशुहर्त १ मुहूर्त ४८ मीनिट = र घडी 30 मुहर्तन - पहिवस-रात रडमा पथ हिपसा . १ पक्ष र पक्षुर = १ मास र मास = १ . जरतु उ तु = १ खयन र नयन = प वरस ८४ दाम परस : पूर्वांग८४ दान पूर्वांग: प पूर्व = 90प० समन् वर्ष १ पढ्योपम : प योना डा, पोरन सांजा, पयोहन पहोगा पर्तगाहार पाने सात हिपसनी उमरना युगलिना (मेड पाणना संगुलना मसण्यातमा लाग प्रभारी ससंध्य टुडा डरीने)पाणना. जसज्य टुडंडाथी जीयोणीय लरीमे. मे ड्यामा वाण मेपा डांसीडांसीने. ला होय तेनी परथी यष्ठपतीनी सेना, हमरो-सानो सैनिडो थालता प्रसार थनिय तो पहा नाडो न पडे. पेखा जातामांधी र सो परसे नेऊ पाणनो ट्राडो डाढतां मानो यो नाटी यतांठे समय लागे लेने पस्योपम' हेवाय. १ होऽ पट्योपभरोड पस्योपम : पकोडाहोडी पट्योपम १० जोडाकोडी पस्योयम - १ सागरोपम १० कोडाकोडी सागरोपम = 1 उत्सर्पिणी = प अपसर्पिणी र छोडाकोडी सागरोपम = उत्सर्पिणी + १ सयप्तर्पिणी = डापाया सनता णय = : 1 यूगल परावर्त. Page #374 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. Date । सायुध्यना धन्य, मध्यम भने उत्कृष्ट प्रेम प्रा प्रहारो छे. बघन्य खोछामा सोधु, उत्कृष्ट : पधारेमा पधारे मने मध्यम खेटले नधन्यमने उत्कृष्टनी पय्येनं. सर्वं सौहारिऽ शरीरनं धन्य मायुष्य संतर्मुहुर्त प्रमाए। होय छे. १ सर्वे मपर्याप्ता जपोन उत्कृष्ट नायुष्य जंतर्मुहूर्त प्रभाए होय छे. सर्व सूक्ष्म जपोर्नु स्थापर रखेडेन्द्रिय) उत्कृष्ट नायुष्य संतर्मुहूर्त प्रभाए। होय छे. सर्प मार अयो (स्थापर मेन्द्रिया सने पर्याप्ता नुयो । विश्लेन्द्रिय सने पंग्रेन्द्रिय नुपो) जुख.आयुष्य ससान्सलग होय छे. ते नीये प्रमाएो भीमे: सडेन्द्रिय पोj उत्कृष्ट सायुष्य : सूक्ष्म खेडेन्द्रिय सने सपर्याप्ता सेडेन्द्रिय सने हर साधारण पनस्पतिशायर्नु धन्य मने उत्कृष्ट मायुष्य खंतर्मुहूर्तर्नु होय. लाघर - पर्याप्ता खेडेन्द्रियर्नु उत्कृष्ट मायुष्य: पृथ्वीडाय- 2000 वर्ष वाडाय = 3000 वर्ष सपडाय = 9००० पर्घ प्रत्येङ पनस्पतिडाय: 40,000 पर्ष. तेउडाय : उखहोरात जार- पर्याप्ता पृथ्वीडायनुं उत्कृष्ट खायुध्यः संपाजी पृथ्वीडाय. = १००० वर्ष शुद्ध पृथ्वीडाय . - पर००० वर्ष चालुहाश्य पृथ्वीडाय = : 47000 पर्ष महासिल पृथ्वीडाय = 45000 पर्घ डाऽराइप पृथ्वीडाय = १८००० पर्ध अतिहिन पृथ्वीडाय : २००० पर्ष शव्य गिरिशष्ट उपर घए। दूनां डाणनं रायएनं झाड विधभानछे. प्रयाग पास लोयरानो पा १०० वर्ष कूनो गाय छे. केरुसलेममा खोलीप्या झाडो पर्षो पुराए मणी सापेछ- प००० वर्ष पुराएगां होघाना पुरापा मण्यां छे. सेटले जार प्रत्येऽ पनस्पतिजयापर्याप्तानी उत्कृष्ट खायुष्य मर्यादा ૧૦ooo-વર્ષની હોય તેમાં કોઈ શંકા રÚતી નથી. KOKUYO W-NB280U Page #375 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Date - ITI- વિકસેન્દ્રિય જીવોનું ઉત્કૃષ્ટ આયુષ્ય सर्वे अपर्याप्ता पिडलेन्द्रियर्नु उत्कृष्ट सायुष्य संतर्मुहर्तन होय. सर्प पिडलेन्द्रिय जुयो मपर्याप्ता + पर्याप्ता)नुं धन्य आयुष्य અંતર્મુહૂર્તનું હોય છે. ૧ પથતા વિકલેન્દ્રિય ઉત્કૃષ્ટ આયુષ્ય : બેઈન્દ્રિય = ૧ર વર્ષ તૈઈન્દ્રિય = ૪૯ દિqસ ચઉરિજિય = ૬ માસ IMી પંચેન્દ્રિય જીવોનું ઉત્કૃષ્ટ આયુષ્ય :(નાક જીવો"- ક્રિયા શારી) : " . " | નરક | જિધન્ય આયુષ્ય | ઉત્કૃષ્ટ અાયુષ્ય – ૨નપ્રભા. - ૧૦ હજા૨ વર્ષ ૧ સાગરોપમ પર્કરપ્રભા -૧ સાગરોપમાં ૩ સાગરોપમ . | ગીરું - વાલુકાપ્રભ / - ૩ સાગરોપમ : ૭ સાગરોપમ * ચોથી:- પંકપ્રભા... " ( ૭ સાગરૌપમ / ૧૦ સાગરોપમ પાંચમી - ધૂમપ્રભા : પ. ૧૦ સાગરોપમ . | '' ૧૦ સાગરોપમ * છઠ્ઠી - તમે: પ્રભા | ૧૦ સાગરોપમ | ૨૨ સાગરોપમ સાતમી - તમસ્તક પ્રભા ૨૨ સાગરોપમ | 33 સાગરોપમ T ૧૦ હજાર વર્ષ . દૈવતી (ક્રિય શરીર) : .' ' ' ' દેવ ! ! જઘન્ય આયુષ્ય , ઉત્કૃષ્ટ આયુષ્ય | | ભવનપતિ વગેરે ' | ૧૦ હજાર વર્ષ સાધિક: ૧૦ સાગરોપમ ૨| વ્યંતર, વગેરે ૧ પલ્યોપમ 3] જ્યોતિષી - ચંદ્ર જ પલ્યોપમ' ! ]૧પલ્યોપમ + ૧ લાખ વર્ષ સૂર્ય જે પલ્યોપમ * ૧ પલ્યોપમ + ૧હજાર વર્ષ ૫૪ પલ્યોપમ ' ૧ પલ્યોપમ , નક્ષત્ર | V૪ પલ્લપિમ / ૧૫૨૨ પલ્યોપમ તારા | પલ્યોપમ ૧૪ પલ્યોપમ પહેલું સોંધર્મ દેવલોક ૧ પલ્યોપમ 1 ૨ સાગરોપમ પી બીજું ઈશાન દેવલોક સાધિક 1 પલ્યોપમ સાધિક ૨ સાગરોપમ ગીનું સનસ્કુમાર દેવલોક ૨ સાગરોપમ ૭ સાગરખમ || ચોથું માહેન્દ્ર વલોક | સાધિક ૨ સાગરોપમ સાધ૬ સાગરોપમ Page #376 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 390 2 G 20 સહસ્ત્રાર નવમો ણત દેવલોક દસમો પ્રણત દેવલોક ૧૩ ૧૪ અગિયારમી આપણ દેવલોક બાકી અચ્યુત દેવલોક નવા ત્રૈવેયક – ભદ્દે ।' : ' ૧૧ ૧૨ ||૩ ૧૩ ૧૮ ૧૯ 7 વ પાંચમાં બ્રહ્મલોક દેવલોક છઠ્ઠી લાંતક દેવલોક સાતમી મહા૪ દેવલોક દેવલોક આઠમાં નોંધ : ! 11 ; સુભદ્ સુજાએ સુમાણસૈ પ્રિય સો સુસણે આમોહે સુડિબ જશીધરે વિમાન અનુત્તર પહેલાં ૪ સર્વાર્થસિ - ૯ લોકાંતિક: દૈવો અનુત્તર ૩. કિલ્કિષીક દૈવી ઃ ત્રણ પલીયા ત્રણ સાગરિયા તેર સરિયા ધન્ય આયુષ્ય સાગરોપમ ૧૦ સાગરોપમ ': ' વિમાન સાગરોપમ સાગરોપમ સાગરોપમ ૧૯ સાગરોપમ ૨૦ આ સાગરીપમ ૧૪ 19 - ૧૮ રા સાગરોપમ ૨૨. સાગરોપમ ૨૩ સાગરોપમ સાગરોપમ સાગરોપમ : :૨૪ .૨૫ ૬ 1:29 ૨૮ ૨૯ 30 ૩૧ 33 * સાગરોપમ સાગરોપમ સાગરોપમ સાગરોપમ સાગરોપમ સાગરોપમ સાગરોપમ સાગરોપમ અપેક્ષાએ આ રીતે સર્વ નારક જીવૌની અપેક્ષાએ ક તારક જીવોનું અને દેવોનું ૧૦ હજાર વર્ષ અને ઉત્કૃષ્ટ આયુષ્ય : No. DC ઉત્કૃષ્ટ આયુષ્ય ૧૦ સાગરોપમ ૧૪ સાગરીપમ સાગરોપમ 49 ૧૮ સાગરીપમ ૧૯ સાગરીપમ Date ૨૦ સાગરોપમ ૨૧ સાગરોપમ ૨૨ સાગરોપમ 23 સાગરોપમ સાગરોપમ સાગરોપમ સાગશેપમ સાગરોપમ ૨ સાંગરોપમ 128 } ૨૫ ૨૬ 29. ૨૯ સાગરોપમ 30 સાગરોપમ ૩૧ સાગરોપમ સાગરોપમ સાગરીપમ સાગરોપમ 33 33 3 પલ્યોપમ ૩ સાગરોપમ ૧૩ સાગરોપમ અને સર્વ દેવતાઓની જધન્ય આયુષ્ય 33 સાગરોપમ જાણવું. FAKIYO -EZETU Page #377 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Date - () મનુષ્ય : | સર્વે સંમુશ્કેિમ મનુષ્યોની જધન્ય અને ઉત્કૃષ્ટ સ્થિતિ [આયુષ્ટ) અંતર્મુહૂર્તનું હોય ... | સર્વે અપર્યાપ્તા મનુષ્યોનું જઘન્ય અને ઉત્કૃષ્ટ આયુષ્ય અંતર્મુહૂર્તનું હોય. બાકીનાં મનુષ્યોનું જઘન્ય - ઉત્કૃષ્ટ આયુષ્ય નીચે પ્રમાણે સમજવું મનુણ્ય ક્ષેત્ર . | જઘન્ય આયુષ્ય | ઉત્કૃષ્ટ આયુષ્ય : 30 અકર્મભૂમિ - / 1. : *, * ૧ - | * * • ૫ દેવ૬૨ ૩ પલ્યોપમથી કંઈક ન્યુના ૩ પલ્યોપમ • ૫ ઉત્તરકુ૨ 1 13 પલ્યોપમથી કંઈક ન્યૂન 3 પલ્યોપમ • ૫ હરિવર્ષ ૨ પલ્યોપમથી ઠંઈક ન્યૂન ૨ પલ્યોપમ • પ ૨મ્યક્ષેત્ર | ૨ પલ્યોપમથી કંઈક ન્યૂન ૨ પલ્યોપમ • પ હિમવંત | ૧ પલ્યોપમથી કંઈક ન્યૂન ૧ પલ્યોપમ • ૫ હિરણયવંત ૧ પલ્યોપમથી કંઈક ન્યૂન ૧ પલ્યોપમ પ૬ અંતરીપ | પલ્યોપમના અસંખ્યાતનું પલ્યોપમનો મા ભાગથી કંઈક ન્યૂન | અસંખ્યાતમો ભાગ (8). ૧૫ કર્મભૂમિ ૫ મહાવિદેહ ક્ષેત્ર અંતર્મુહર્ત | પુર્વ ફ્રીડ વર્ષ આરી | જઘન્ય અવસર્પિણી] ઉત્સર્પિણી • ૫ ભરત અને ૫ એરાવત ક્ષેત્રમાં આરા પ્રમાણે આયુષ્ય બદલાય પહેલો जीले ત્રીજો ચોથો પાંચમો છઠ્ઠો ) 3 પલ્યોપમ | ૨૦ વર્ષ ૨ પલ્યોપમ | 30 વર્ષ ૧ પલ્યોપમ / ૧ ક્રોડ પૂર્વ ૧ કોડ પૂર્વ | ૧ પલ્યોપમ ૧૩૦ વર્ષ | ૨ પલ્યોપમ ૨૦ વર્ષ | 3 પલ્યોપમાં Page #378 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. Dale (d). તિર્યંચ પચેન્દ્રિયઃ સર્વે અપર્યાપ્તા તિર્યંચ પંચેન્દ્રિયનું જઘન્ય અને ઉત્કૃષ્ટ આયુષ્ય અંતર્મુહૂર્તનું હોય. , | સર્વે પર્યાપ્તા બૈજ અને સંસ્કૃરિચ્છમનું જઘન્ય આયુષ્ય અંતર્મુહુર્તનું હોય સર્વે પર્યાપ્તા ગર્ભજ અને સંમુરિટ્ઝમનું ઉત્કૃષ્ટ આયુષ્ય નીચે પ્રમાણે છે: : પર્યાપ્તા છે| ગર્ભજ - સંમૂર્ણિમા જળચ૨૨ ક્રિીડ પૂર્વ વર્ષ ક્રોડ પુર્વ વર્ષ ચતુષ્પદ 3 પલ્યોપમ ૮૪ હજા૨ વર્ષ 'ઉપેરિસ'' ' ' દ્વડ પૂર્વ વર્ષ પ3 હજાર વર્ષ ભુજપરિસર્પ ક્રૂડ પૂર્વ વર્ષ ૪૨ હજાર વર્ષ પલ્યોપમનો અસંખ્યાતમાં ( ૭૨ હજાર વર્ષ ખેય યુગાલિક તિર્યંચનું આયુષ્ય : ગર્ભેજ ચતુષ્પદ અને ગર્લજ ખેચરનું જે આયુષ્ય કહ્યું છે. - તેના અસંખ્ય વર્ષ થાય . એ અસંખ્ય વર્ષનું ઉત્કૃષ્ટ આયુષ્ય યુલિક તિર્યચનું સમજવું અને જઘન્ય આયુષ્ય તેનાં કરતાં કાંઈક ઓછું સમજવું. - - * મનુષ્યનાં આયુષ્ય જૈટલું આયુષ્ય હાથી, સિંદુ વગેરેનું હોય. એનાથી ચોથા ભાવો ઘોડા વીરેનું હોય , બકરા- ઘેટાં-શિયાળ વગેરેનું આઠમે ભાટો હોય , ગાય-ભેંસ હરણા-ઊંટ- ગધેડા ઘીરે પાંચમે ભાગે અને छतरा पोरेनुं शमा लागे होय छे. रमा प्रभाए, तिर्यंयोना आयुष्य પ્રાયઃ સર્વે આરાઓમાં સરખા હોય છે. ' , જેન હિનૌપદેશમાં વર્તમાનકાળે પ્રાણીઓનું વધારેમાં વધારે કેટલું આયુષ્ય હોય, તેની યાદી નીચે પ્રમાણે છે : નામ અાયુષ્ય (વર્ષ) નામ | આયુષ્ય વDT ૧૦૦૦ મુવ૨ કાચબો હાથી ૧૨૦ ઘોડો સિંહ ૧૦૦ ગાય ૨૫ ૨૫ વાધ ૬૪ બળદ KOKUYO W-N82800 Page #379 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( 383) ૨૫ ૧૬ નામ' આયુષ્ય (વર્ષ) | નામ આયુષ્ય વર્ષ) ભેંસ ' બકરી ઊંટ ૨૫ '' : ૧૪ હરણ ૨૪ ' સસલું - ૧૪ - 1:1 13 ગેંડો ૨૦ બિલાડી | ૧૨. કૂતરો | ૧૬ પંચમકાળ તથા ભરતક્ષેત્રને આશ્રયીને. પક્ષીઓનું આયુષ્ય નીચે પ્રમાણ હોય છે : ગધડ - ' શિયાળ | આયુષ્ય (વર્ષ) નામ | આયુષ્ય વર્ષ) '૬૦ નામ હંસ કાગડી 'ગીધ સારસ ચ | મરધો 100 90% ૧ed : બગલો ઘુવડ ચીબરી : ' અને | ૫૦ પ0 સમડી વાગોળ બપૈયા 'પોપટ' | ૬૦ ૧૨ સાપ : ૨૦ વર્ષ ' ગરોળી - ૧.' ધJ" ' ' ' ', . કાકીડ (કાચંડો) – ૧ વર્ષ होय. नोधः युगलि तिथंय इति यतुष्पा बने मेयर જળચર, ઉરપરિસર્પ અને ભુજપરિસર્ષ જીવો યુગલિક તરીકે ન હોય . Page #380 -------------------------------------------------------------------------- ________________ • 398 ? I • . ‘સ્વ’ એટલે પોતાની ‘કાય એટલે 'छाया' स्वायस्थिति પીતાની જ કાયામાં પુનઃ પુનઃ સ્થિતિ કરવી. એટલે, એક જ જાતિની કાયમાં વારંવાર ઉત્પન્ન થવા અને મરણ પામવા વડે પસાર થતો કાળ, 'ते' स्वडायस्थिति' उद्देवाय . દૈવ અને નારકી, પોતાની કાયામાં તરત ફરી જન્મતા નથી . એટલે, हेप मरीने हेपगति न यामे खने नार४ मरीने नरज्गति न यामे. એટલે દેવ અને નારકોને સ્વકાયસ્થિતિ હોતી નથી. तेवी ४ रीते, युगलिङ (मनुष्य के तिर्थंय ) भरीने, हेवगतिमां જ જાય છે. તેથી, તેની પણ સ્વકાયસ્થિતિ હોતી નથી. અને મનુષ્યોમાં જ સ્વકાયસ્થિતિ હોય છે, તે નીચે તેથી, તિર્યંચો પ્રમાણે જાણવી એકેન્દ્રિય જીવો ઃ સૂક્ષ્મ પૃથ્વીકાય : સૂક્ષ્મ અપકાય . • · श्री द्वार - स्वडायस्थिति द्वार • = -- અસંખ્ય ઉત્સર્પિણી- અવસર્પિણી (અસંખ્ય કાળચક્ર) અસંખ્ય ઉત્સર્પિણી- અવર્સાપણી (અસંખ્ય કાળચક્ર) તેઉકાય : - અસંખ્ય ઉત્સર્પિણી - અવસર્પિણી (અસંખ્ય કાળચક્ર) વાઉકાય અસંખ્ય ઉત્સર્પિણી- અવસર્પિણી (અસંખ્ય કાળયક્ર કોડાકોડી સાગરોપમ (3|| કાળચક્ર) સૂક્ષ્મ સૂક્ષ્મ : બાદર પૃથ્વીકાય ૩૦ બાદર અપકાય ૭૦ ડીંડાક્રીડી સાગરોપમ (3ાા કાળચક્ર) બાદર તેઉકાય 90 ક્રીડાદોડી ક્રીડાકોડી બાદર :- ૭૦ } વાઉકાય પ્રત્યેક વનસ્પતિકાય :- ૩૦ ક્રીડાક્રોડી : - - No. સૂક્ષ્મ સાધારણ વનસ્પતિકાય અસઁવ્યવહારિક જીવી Date અનાદિ-સાંત (૩।। કાળચક્ર) સાગરોપમ સાગરોપમ (૩) કાળચક) સાગરોપમ (3।। કાળચક્ર) સાંવ્યવહારિક જીવો ↓ સાદિ- સાંત અનાદિ અનંત અસંખ્યાતા કાળચક્ર અનંતા કાળચક્ર +(અઢીપુદ્ગલપરાવર્ત) સાંવ્યવહારિક બાદ૨ સાધારણ વનસ્પતિકાય :- ૭૦ ક્રોડાક્રોડી સાગરોપમ KOKUYO W-N8280U Page #381 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. (394) Date - है न्यो सनाटि डाणधी सूक्ष्म निगोहमा पडेला छ सने डोऽपत्र समये, तथापि सामग्रीनां मला तेमांथी बहार नीडणी प्यपहार राशिमां सेटले सूक्ष्म-जाश-पृथ्वीडायाहियो पिविध प्यषहारमा खाप्यां नथी, तेमने 'मसाप्यवहारिष्ठ नपो हेपामा माये छे. तेजप्रहारना होय छेः (सामनाहि खनंत स्थितियाणा : डद्यापि व्यपहार राशिमा साप्या नी मने ज्यारेय पहा यापपाना नथी. (२) मनाहि-सात स्थितिपाणा के हुनसुधीर ध्यपहार राशिमां माप्या नथी पए लयिष्यमा निश्चित वापपाना छे. के पो सूक्ष्म निगोहमांथी तथापिषसामग्रीना योगेकपृथ्वीडायाहि सूक्ष्म-जाधरना प्यपहारमाड पमता पा खावेसां होय, ते 'सांप्यपहारिक' अयो हेपायपछी उर्भयोगे लले तेस्रो पाछा सूक्ष्मानिगोहां भायां होया ते साहिलसांत स्थितिपाणा हेपाय. मसाप्यपहारिक जपोनी स्पडायस्थिति खनंता डाणयक छ मने सांप्यपहारिक पोनी स्वहायस्थिति मसंध्याता द्वाणया छे. [T] विठलेन्द्रिय न्नयो : उत्कृष्ट स्पडायस्थिति बन्ट्रिय वा :- संध्याला वर्ष . तन्द्रिय गुवो :- संन्यात वर्ष । यशिन्द्रिय न्वा :- संन्यात वर्ष पंथेन्द्रिाय जपो : ना सनः हेवोने स्पडायस्थिति होतीनधी. तिर्थया पंयेन्द्रिय सने मनुष्यनी स्वडायस्थिति ? ८ लव होय छे. मेरले डे, तेस्रो सतत् पघुमा-पधु सात लप सुधी संख्याता पर्धना खायुष्यपाणा तरी सन्म सने सामो लप जीगतिमा डरे. ने मामो लप ते १ गतिमांडरे तो ते सपश्य युगलि (मनुष्य तिर्यय) तरी3 - 3रे सने युगलिछो भरीने नियमा हेपसोडे न्द्र लय. पणी तिर्थयमां माहमा लप गर्ल यतुष्पा , डे गर्लर मेयरनो न समन्यो डाराडे माडीना तिर्यंय युालिऽ नहोय. डोपिए। तिथंय पंथेन्द्रिय मेड अतिना टलप मथवा पु-गुहा नतिना तिर्ययपंथेन्द्रिय तरी पए -ट लपक डरे. -- Page #382 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ઉ૭૬) No. Date ચોથું દ્વાર પ્રાંણ દ્વાજ - જ્ઞાન, દર્શન , ચારિત્ર આદિ જવાનાં લક્ષણો છે. અર્થાત એજીવને જ હોય અને જીવ સિવાય કોઈને પણ ન હોય • આ લક્ષણોને 'लापप्राणा' हेवामां माये छे. मोहना नवीने सिद्वोने) मा लापमा પરિપૂર્ણ રીતે પ્રગટ થયેલાં હોય છે, જયારે સંસારી જીવોને ઓછા-વત્તા અંરી પ્રાટ થયેલાં હોય છે. ભાવ પ્રાણનો અનંતમાં ભાગ તો દરેક સંસારી જવને ખુલ્લો હોય જ છે. શરીધારી, જીવોમાં વળતાન પામેલા આત્માઓને (ડેવળી, તીર્થક૨) ભાવપ્રણનો પરિપૂર્ણ રીતે પ્રગટ થયેલાં હોય છે. , - સંસારી જવીને, ભાવપ્રાણી ઉપરાંત ટૂથપ્રાણ પણ હોય છે.નથી, તેમને પ્રાણી’ પણ કહેવામાં આવે છે... ! ! ! ! ! ! - વૃધ્યપ્રાણ હોવાને કારણો સંસારી જીવ્રને “ટ્રવ્ય જીવ પણ કહેવાય જ્યારે મોતનાં અમાઓને ભાવ પ્રાણા જ હોવાથી “ભાવ જવ’ કહેવાય छ. तेमने द्रष्यप्राए होतां नधी... द्रव्यप्राए। दता शरीरधारी अपोने (સંસારી હોય છે , અરારીરી (સિá) જીવોને હોતાં નથી. ૯ દ્રવ્યપ્રાણાનાં દસ પ્રકાર : ૫ ઈન્દ્રિય + 3 બળ + ધ્યાસોશ્વાસ + આયુષ્ય = 10 ગ્રવ્યપ્રાણ ૫ ઈન્દ્રિય : શ્રીનેન્દ્રિય, ચક્ષુરિન્દ્રિય, બ્રાઝિય, રસનેન્દ્રિય, સ્પર્શેન્દ્રિય 3 બળ : મનોબળ , વચનબળ , ફાયબળ હજ પ્રાણ એટલે સંસારી જીવોનું જીવન... Gોઈ વ્યક્તિ જુવે છે કે નહીં ते उपर नएपेक्ष द्रष्यप्राएगोनां साधारे नएगी शहाय छे. खा |દ્રવ્યપ્રસ્થા જ્યારે મારા પામે છે ત્યારે જીવ મૃત્યુ પામ્યાં તેમ વ્યવહારમાં કહેવાય. પરંતુ કીકતમાં, આત્માનાં લક્ષણરૂપ ભાવપ્રાણ તો જીવની સાથે જ રહેતાં હોવાથી (ક્યારેય અસ્મિાનો लापप्राोधी वियोग धतो न होवाधी) नुप हापि मृत्यु पाभतो નથી. મૃત્યુ એટલે આત્મા-શરીરનો ડ્રવ્યપ્રાણોથી વિયોગ , ભાવપ્રાણો તો સૂક્ષ્મ નિગોદથી કરીને મોક્ષ સુધી આત્માની સાથે જ હોય છે. એટલે ભાવનુ કદાપિ મૃત્યુ પામતો નથી, | ફક્ત દ્રવ્યજીવ મૃત્યુ પામે છે. KOKUYO W-N82800 Page #383 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 353) : હયા જાને કેટલાં પ્રાણા હીંયા? : (પર્યાપ્તા જીવોને) - ( એકેન્દ્રિય જીવને જ પ્રાણા હોય! સ્પર્શેન્દ્રિય, લાયબળ , : : શ્વાસોશ્વાસ , આયુષ્ય (૨બેઈન્દ્રિય જીવનૈ: ૬ પ્રાણ હોય ? સ્પર્શેન્દ્રિય , રસનેન્દ્રિય , 3. :- '' . .- વચનબળ , કાયબળ , શ્વાસોશ્વાસ ,. અાયુષ્ય. 0 તેઈન્દ્રિય જીવને 9 પ્રાણ હોય: સ્પર્શેન્દ્રિય, રસનેન્દ્રિય, ' ' , ' 31 : બ્રોન્દ્રિય, વચનબળ કયબળ શ્વાસોશ્વાસ , આયુષ્ય ) ઉરિન્દ્રિય જીવને ૮ પ્રાણ હોય કે સ્પર્શેન્દ્રિય, રસનેન્દ્રિય, ” | ' ઘણોન્દ્રિય, ચક્ષુરિન્દ્રિય, વચનબળ , કાયદળ, શ્વાસોશ્વાસ, આયુષ્ય (પ) અસંજ્ઞી પંચેન્દ્રિય જાપને ૯ પ્રાણા હોય છે. સ્પર્શેન્દ્રિય, રસનેન્દ્રિય, ઘાટોન્દ્રિય, ચરિઝિય, પ્રોસેન્દ્રિય; વચનબળ, કાચબળ , શ્વાસોશ્વાસ 1 - અને આયુષ્ય (૬) સંડી પંચેન્દ્રિય જવને ૧૦. પ્રાણ હોય : સ્પાય, રસેન્દ્રિય , ' ધ્રાહીનિદ્રય, ચક્ષુરિટ્રિય, બ્રોતેંદ્રિય , મનબળ , વચનબળ , કાયદળ , શ્વાસોશ્વાસ અને આયુષ્ય. પર્યાપ્તિ પ્રાણનું કારણ પતિ છે. પર્યાપ્ત “કારણ છે અને પ્રાણી ‘ાર્ય છે. પર્યાપ્ત વડે પ્રાણ ચાલે છે . પર્યાપ્ત ૬ છે : આાર, શરીર, ઈન્દ્રિય, શ્વાસોશ્વાસ, ભાષા, મન, . કઈ પર્યાપ્ત પડે. કથા પ્રાણ ચાલેછે હરિ પર્યાપ્તિ વડે આયુષ્ય પ્રાણ ચાલે છે શરીરપ્રર્યાપ્તિ વડે ડાયબળ પ્રાણ ચાલે છે ઈન્દ્રિય પર્યાપ્તિ વંદે પ ઈન્દ્રિય પ્રાણ ચાલે છે શ્વાસોશ્વાસ પર્યંતિ વડે '', શ્વાસોશ્વાસ પ્રાણ ચાલે પ) ભાષા પર્યાપ્તિ વડે વચનબળ પ્રાણ ચાલે છ મન પર્યાદિત વડે | મનબળ પ્રાણ ચાલે. હમ અપર્યાપ્તા જીવો માત્ર ત્રણ જ પર્યાપ્ત આP, શરીર, ઈન્દ્રિય) પૂર્ણ કરતાં હોવાથી, તેમને શ્વાસોશ્વાસ, વચનબળ , માબળ - આ ત્રણ પ્રાણા તો હોય જ નહીં. * Page #384 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. 394) Date छग या नुपने डेटखां प्राहा होयाः सपर्याप्ता नुवोने) - अपर्याप्ता मेडेन्द्रियने : प्राहा होय : कार मायुष्य, डायमण, स्पर्शेन्द्रिय. यासपर्याप्ता बेन्द्रियने ४. घाणा होय: मायुष्य, डायना, स्पर्शेन्द्रिय, रसनेन्द्रिय यासपर्याप्ता तेन्द्रियने प प्राएाहोय : आयुष्य, डायमण, स्पर्शेन्द्रिय, रसनेन्द्रिय, ध्रायोन्द्रिय. पासपर्याप्ता यरिट्रियने दम प्राशाहोय : !! ! IS सायुष्यायलया, स्पर्शेन्द्रियारसनेन्द्रिय, प्रायोन्ट्रिय,यारिन्द्रिय (मार जपर्याप्तामापयेन्द्रियने !म्राएा होय ! | आयुष्य, डायजण, स्पर्शेन्द्रियारसनेन्द्रिय, प्राणोन्द्रिय, यमुरिन्द्रिय सपने :::. .. !: :., श्रोतन्द्रिय. मा पर्याप्तामपाप्ता नुपणा15 ने नपने जेटली पर्याप्तिमी पूर्ण ऽखानी होय, तेटली पूर्ण उरे तोते "पर्याप्त' हेपाय मनेने लुप स्पयोग्य पर्याप्ति पूर्ण न डरे तोते पर्याप्ती हेवायः . . नेन्द्रिय:- ४.पर्याप्ति, विडटोन्द्रियन्प पर्याप्ति , पंयेन्द्रिय- पर्याप्तिास होय छे. को पर एपल पर्याप्ति पूर्ण हुरे तो पर्याप्त' उपाय यने पर्याप्ति पूर्ण न हुरे तो अपर्याप्त' दुईपाय.. नधिः । पर्याप्ता असती पंयेन्द्रिय = पर्याप्ता संभूरिझम तिर्यय पंयेन्द्रिय पर्याप्तासंती पंयेन्द्रिय = हेव, नारा, गर्ल तिथंय पंयेन्द्रिय, पर्याप्ता) , गर्लक मनुष्य (पर्याप्ता). સંમૂઠ્ઠિમ મનુષ્યો અપર્યાપ્તા હોવાથી તેમને ૩ પ્રાણ હોય છે, Page #385 -------------------------------------------------------------------------- ________________ या पायमुंद्वार : योनिद्वार योनि: अपने उत्पन्न थपार्नु स्थान मा खात्मा पर्वलपना शरीरनो नारा थया पछी, नपुं शरीर धारण डरवाना स्थाने, शरीर श्यना भाटे, हुए। उरेलां मुगलोने , तप्त लोढानो गोमो पालीने ने रीतेग्रहए। रीछे, ते रीते डार्भा शरीरनी साथे लेगपीछे, ते स्थानने योनि' हेपाय छे. योनिन भुम्य प्रडारी छ सयित्त योनिमान्नुपप्रटेशपाणी योनिनेसयित्तायोनि हेपाय. माता हारत्तम गायना शरीरमा भियगेरे उत्पन्न थाथ छे, तो गायतुं शरीर थैतन्यापरिणामवाणुहोवाधी, दृभिभाटे ते - सयित योनि थाय शशयित योनि : नुपप्रटेशथी रहित योनिने अयित्तयोनि छपाया हात्त: सूहा वाडामां डीडा उत्पन्ना धाय छे, तो ते सूई वायैतन्य परिणामधी रहित होवाथी, छीडा भाटेते सथित्त योनि थायरा सयित्तायित्त योनि : सयित्तसने सथित्तनां भिप्रायाणी योनिने सथित्तायित्त योनि उहेवाय. हा.त.: गर्ल मनुष्य सने गर्लन्डा तिर्यंयोनीयोनिमा शुका सने शोहितना पुद्दामो होय छे. तेमा पुहगलो मात्मसात् शयेला छे सेरखेडे मात्मप्रशो साथे संमंधा, ते सचित्तहोय मने लाठीनां सचित्त होयाछेमा ला शीत योनि : के योनिनो स्पर्श शीत मेटले रे डो होय,ते शीत योनि हेपाय छे. (पा उठा योनिले योनिनो स्पर्श उष्टा सेटले डे तीनो होय, ते उष्णयोनि हेपाय छे. ड) शीतोष्ठा योनि : के योनिनो स्पर्श मति शीत : अति उष्ण न होय, ते शीतोष्णा योनि हेवाय छे. ॐ संपृत योनि : ने योनि ठंडायेली होय, ते संपृत योनि रहेपाय हात. हेपलोऽनी हिव्य शय्या डे भ्यां वो उत्पन्नधाय छे, ते पस्माध्थिी टंडायेली ठोय छे. Page #386 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 3८0 3 No. 1 Date (८) विवृत योनि : के योनि उघाडी होय, ते विवृत योनि उहेवाय. घ.त, : ग्वाशय - ते भुवाने उत्पन्न थवानुं स्थान छे खने उधाडु होवाथी स्पष्टपलो भेर्ध शडाय छे. (c) संवृत-विवृत योनि : के योनि डेटलेड अंशे ठंडायेली जने डेटलेड जंशे उघाडी होय, ते संवृत-विवृत योनि उहेवाय. धत: गर्ल मनुष्य सने गर्लभ तिर्ययनी योनिनो संहरनो लाग ठंडायेलो होय रखने जहारनो लाग हेजाती होय. इंज खेडेन्द्रिय, बेर्धन्द्रिय, तेर्धन्द्रिय, रिन्द्रिय, संमूर्च्छिम तिर्यय पंचेन्द्रिय रखने संमूर्च्छिम मनुष्योनी योनि सयित्त, खयित्त खने सयित्तायित्त - खे प्रलोय प्रहारनी होय. छे.. गर्लभ तिर्यय पंथेन्द्रिय खते गर्लन मनुष्योगी योनि सयित्तायित्त खने संवृत-विवृत खेटले डे मिश्र ४ होय नार रखने हेपोनी योनि खयित्त ४ होय छे.. छे! १ हेवो, गर्लभ निर्यय पंयेन्द्रिय जने गर्लन मनुष्योनी योनि शितोषण होय छे. परंतु १ नार5 भवोनी योनि शीत: अथवा उष्ठा होय छे, शीतोष्ठा होती नथी. (a) रत्नग्रला, शर्डरायला रखने खेटले पहेली प्र वालुायला नरडमां ने नैरयिडोना उपयात (उत्पन्न थवाना) क्षेत्रो छे, ते जयां शीत परिणामे परिएात छे. खेथी, त्यां उत्पन्न धनार नारडीनां भवोने उष्ठा बेहनानो अनुलव थाय है. (b) पंड प्रला (योथी) खने धूमप्रला (पांयमी) नरडमां, डेटलांड उपयात क्षेत्रो शीत छे खने डेटलांड उपयात क्षेत्री उष्ठा छे. तेथी त्यां, अनुक्रमे, उषा जने शीत बेहनानो अनुलव थाय छे. (c) तमः प्रला (छड़ी) जने तमस्तमः प्रला (सातभी) नरम जां न उपयात क्षेत्रो उष्ठा योनिवाजा छे, खेटले त्यां उत्पन्न थनार नारकनां भवोने लयंडर शीतपेहनानो अनुलव थाय छे. मानव स्त्रीनी योनिना 3 प्रकार छे : 4 (१) डूर्मोन्नत : डायजानी पीडनी नेम अंथी होय (2) वंशीपत्र : पांसना जे संयुक्त पत्र ठेवा खाडारनी होय (3) शंजावर्त : शंजना नेवा खापर्तवाणी होय. KOKUYO W-N8280U Page #387 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ઉt૧). અરિહંત, ચક્રવર્તી, વાસુદેવ તથા બળદેવી માતાની યોનિ કૂર્મેનાત હોય છે . , - બાધીની સર્વ સ્ત્રીઓની યોનિ વરી પણ હોય છે. ચક્રવત જે સ્ત્રી રસ્તા પરણો છે, તેની યોનિ શંખાવર્ત હોય છે. આ યોનિથી સંતાન ઉત્પન્ન થતું નથી, કારણ કે અનંત કાનને લીધે તેમાનો ગર્ભ નાશ પામે છે. | જુવોને ઉત્પન્ન થવાનાં સ્થાનો અસંખ્ય છે, પરંતુ જેનાં સ્પર, ગંધ, રસ વ_સમાન હોય, તેવાં બધાં સ્થાનોની એક યોનિ રાણીએ, તો, એવી યોનિઓની સંખ્યા ૮૪ લાખ થાય છે , તે નીચે પ્રમાણે છે : ' , ' , . પૃથ્વીકાય ! . . . : : !. લાખ ) અપાય છે ! . . . . . 9 : લાખ તૈઉજાય ! ' , . ": 1:9 લાખ વાઉકાય " } } } } :... ' ! 9 લાખ પ્રત્યેક વનસ્પતિકય : ૧૦ લાખ સાધારણ વનસ્પતિકાય ? : "૧૪ લાખ બેઈન્દ્રિય : ૨૨ લોખ : 3 તૈઈન્દ્રિયો ; 'F', ૨:: લાગ ': ', ઉરાજય : ૨ લાખ - દેવતા છે. . . : : ૪ લાખ . "કે, નારકી }}* ! ! ! '' : લાખ તિર્યંચ, પંચેન્દ્રિય ' . ' : ૪ લાખ મનુષ્ય ' ' ' : ૧૪ લાખ કુલ યોનિ : ૮૪ લાખ Page #388 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. Date નની જીવના ભેદો ઉપર પાંચ દ્વારોનો કોઠો સંસારી જીવો શરીરની ઉંચાઈ ) આયુષ્ય સ્વાય સ્થિતિ યોનિઓ | સ્થાવર (૧) બાદર- અંગુલનો અસંખ્યા- ૨૨૦૦૦] અસંખ્ય ઉત્સર્પિણી | સ્પર્શેન્દ્રિય, આયુષ્ય પૃથ્વીકાયતમો ભાગ ૧ | વર્ષ અવસર્પિણી | શ્વાસોશ્વાસ, કાયબળ ૭ લાખ સૂક્ષ્મ- અંગુલનો અસંખ્યા-1 અંતર્મુહૂર્ત અસંખ્ય ઉત્સર્પિણી | સ્પર્શેન્દ્રિય, આયુષ્ય પૃથ્વીકાય,તમો ભાગ અવસર્પિણી શ્વાસોશ્વાસ, કાયબળ (૩) બાંદર- અંગુલનો અસંખ્યા- 9000 | અસંખ્ય ઉત્સર્પિણી | સ્પર્શેન્દ્રિય, આયુષ્ય અખાય તમો ભાગ | વર્ષ | અવસર્પિણી | શ્વાસોશ્વાસ, કાયબળ [૭ લાખ સૂક્ષ્મ- ] અંગુલનો અસંખ્યા- અંતર્મુહૂર્ત | | અસંખ્ય ઉત્સર્પિણી | સ્પર્શેન્દ્રિય, આયુષ્ય અકાય તિમો ભાગ અવસર્પિણી શ્વાસોશ્વાસ, કાયબળ અંગુલનો અસંખ્યા-ત્રણ અસંખ્ય ઉત્સર્પિણી | સ્પર્શેન્દ્રિય, આયુષ્ય તેઉકાય તમો ભાગ 1 અહોરાત્ર | અવસર્પિણી શ્વાસોશ્વાસ, કાયબળ ૭િ લાખ સૂક્ષ્મ- | અંગુલનો અસંખ્યા- અંતર્મુહૂર્ત | અસંખ્ય ઉત્સર્પિણી | સ્પર્શેન્દ્રિય, આયુષ્ય તેઉકાય તિમો ભાગ અવરાપિણી શ્વાસોશ્વાસ, કાયબળ (પ) બાદર (9) બાદર- અંગુલનો અસંખ્યા- ૩000 | અસંખ્ય ઉત્સર્પિણી સ્પર્શેન્દ્રિય, આયુષ્ય - વાઉકાય તમો ભાગ 1 વર્ષ | અવસર્પિણી શ્વાસોશ્વાસ, કાયબળ | ૭ લાખ (૮) સૂક્ષ્મ- | અંગુલનો અસંખ્યા- અંતર્મુહૂર્તી અસંખ્ય ઉત્સર્પિણી | સ્પર્શેન્દ્રિય, આયુષ્ય, વાઉકાય! તમો ભાગ | અવસર્પિણી | શ્વાસોશ્વાસ, કાયબળ (૯) બાદર- | અંગુલનો અસંખ્યા- અંતર્મુહૂતી અનંત ઉત્સર્પિણી | સ્પર્શેન્દ્રિય, આયુષ્ય સાધારણ તમો ભાગ | અવસર્પિણી શ્વાસોશ્વાસ, કાયબળ વનસ્પતિકાય (૧૦) સૂક્ષ્મ- 1 અંગુલનો અસંખ્યા- અંતર્મુહૂતી અનંત ઉત્સર્પિણી | સ્પર્શેન્દ્રિય, આયુષ્ય : સાધારણ તમો ભાગ અવસર્પિણી શ્વાસોશ્વાસ, કાયબળ વનસ્પતિકાય (૧૧) પ્રત્યેક- | ૧000 યોજનથી | ૧૦000 અસંખ્ય ઉત્સર્પિણી | સ્પર્શેન્દ્રિય, આયુષ્ય' બાદર | અધિક અવસર્પિણી શ્વાસોશ્વાસ, કાચબળ ૧૦ લાખ વનસ્પતિકાય ૧પ ત્રસવિલેન્દ્રિય વચનબળ, રસના (૧૨) બેઈન્દ્રિય, સંખ્યાત વર્ષ ઇન્દ્રિય વધારે ૬ | ૨ લાખ (૧૩) તેઈન્દ્રિય | ત્રણ ગાઉ. ૪૯ દિવસ સંખ્યાત દિવસ | ઘ્રાણેન્દ્રિય વધારે ૭ | ૨ લાખ (૧૪) ચલરિન્દ્રિય ૧ યોજન છ માસ સંખ્યાત માસ ચક્ષુરિન્દ્રિય વધારે ૮] ૨ લાખ પંચેન્દ્રિયો- ૭ ધનુષ | સાગરોપમ નથી કુલ ૧૦, શ્રોત્રેન્દ્રિય નારકો | ૬ અંગુલ (૧૫) ૧લી ના મનોબળ સહિત સાતેય નારકો (૧૬) ૨જીના ૧૫ા ધનુષ ૩િ સાગરોપમ નથી કુલ ૧૦, શ્રોત્રેન્દ્રિય | નારકોની નારકો ૧૨ અંગુલ મનોબળ સહિત. 1(૧૭) ૩ જીના [ ૩૧ ધનુષ ૭ સાગરોપમ નથી કુલ ૧૦, શ્રોત્રેન્દ્રિય | નારકો મનોબળ સહિત મળીને (૧૮) ૪થીના 1 ૬૨મા ધનુષ |૧૦ સાગરોપમ નથી કુલ ૧૦, શ્રોત્રેન્દ્રિય | ૪ લાખ નારકો મનોબળ સહિત KOKUYO W-N82800 Page #389 -------------------------------------------------------------------------- ________________ "No ( 32 3. Dale - યોનિઓ) સંસારી જીવો શરીરની ઉંચાઈ આયુષ્ય કાય સ્થિતિ પ્રાણ (૧૯) ધમીના | ૧૨૫ ધનુષ ૧૭ સાગરોપમ નથી કુલ ૧૦, શ્રોત્રેન્દ્રિય નારકો | મનોબળ સહિત સાતેય (૨૦) ૬ઠ્ઠીના ૨૫૦ ધનુષ ર૦ સાગરોપમ નથી કુલ ૧૦, શ્રોત્રેન્દ્રિય [ • નારકો : મનોબળ સહિત નારકોની (૨૧) ૭મી ના | ૫૦ ધનુષ ઉ૩ સાગરોપમ નથી કુલ ૧૦, શ્રોત્રેન્દ્રિય મળીને નારકો મનોબળ સહિત ૪ લાખ તિર્યંચો ગર્ભ કુલ ૧૦, શ્રોત્રેન્દ્રિય (૨૨) જલચર I ! ૧૦% યોજનાકોડ પૂર્વ વર્ષ, ૭-૮ ભવ મનોબળ સહિત સર્વ ગર્ભજ સ્થલચર્ચ કુલ ૧૦, શ્રોત્રેન્દ્રિય (૨૩) ચતુષ્પદ છ ગાઉ ત્રણ પલ્યોપમ ૭ - ૮ ભવ મનોબળ સહિત તિર્યંચ (૨૪) ઉર પરિસર્પ | ૧૦Ø0 યોજન દોડ પૂર્વ વર્ષ -૮ ભવ |કુલ ૧૦, શ્રોત્રેન્દ્રિય પંચેન્દ્રિયો મનોબળ સહિતની [(૨૫) ભુજપરિ- - ગાઉ પૃથક્વ કોડ પૂર્વ વર્ષ | ૭-૮ ભવ ||કુલ ૧૦, શ્રોત્રેન્દ્રિય મળીને મનોબળ સહિત ધનુષ પૃથત્વ પલ્યોપમનો |૭-૮ ભવ કુલ ૧૦, શ્રોત્રેન્દ્રિય |૪ લાખ ખેચર અસંખ્યાતમો ભાગ મનોબળ સહિત સમજવી સર્ષ (૨) ગર્ભજ - | સર્વ તિયચ પંચેન્દ્રિયો સંમૂછિમ | ૧૦00 યોજન| કોડ પૂર્વ વર્ષ | ૮ ભવ મન વિના ૯ પ્રાણ (૨૭) જલચર'. ' સમૂ. થલચર ગાઉ પૃથફત્વ | ૮૪000 વર્ષ ૭-૮ ભવ મન વિના ૯ પ્રાણ | (૨૮) ચતુષ્પદ - (૨) ઉરપરિસર્પા યોજન પૃથફત્વ | પસ00 વર્ષ) ૭-૮ ભવ મન વિના ૯ પ્રાણ (૩૦) ભુજંપરિસર્પ | ધનુષ પૃથકત્વ | ૪૨000 વર્ષ -૮ ભવ મન વિના ૯ પ્રાણ (૩૧) સંમૂર્ણિમ ધનુષ પૃથફત્વ | ૭૨૦૦૦ વર્ષ ૭-૮ ભવ મન વિના ૯ પ્રાણ ખેચર મળીને ૪ લાખ સમજવી 'સર્વ (૩૨) ગર્ભજ મનુષ્ય | ત્રણ ગાઉ | ત્રણ પલ્યોપમ ૭-૮ ભવ |૧૦ પ્રાણ (૩૩) સંમૂચ્છિમ અંગુલનો અસં- અંતર્મુહૂર્ત | ૭ ભવ મન વિના ૯ પ્રાણ મનુષ્યોની * મનુષ્ય ખ્યાતમો ભાગ ૧૪ લાખ દેવો ભવનપતિ ૭ હાથ ૧ સાગરોપમ નથી ૧૦ પ્રાણ : સર્વ (૩૪) અસુરકુમાર થી અધિક દેવોની દેવો ભવનપતિ ૭ હાથ કંઈક ઓછા ૨ નથી. ૧૦ પ્રાણ ૩૫ થી ૪૩ પલ્યોપમ 1 મળીને બાકીના ૯ ૪૪ થી ૫૧ વ્યંતરો ૭ હાથ ૧ પલ્યોપમ ૧૦ પ્રાણ જ્યોતિષ્કો - ૭ હાથ ૧ પલ્યોપમ ૧૦ પ્રાણ (૫૨) ચંદ્ર અને ૧ લાખ વર્ષ | ૪ લાખ 1(૫૩) સૂર્ય ૭ હાથ ૧ પલ્યોપમ ૧૦ પ્રાણ ૧ હજર વર્ષ (૫૪) ગ્રહ ૭ હાથ ૧ પલ્યોપમ નથી. ૧૦ પ્રાણ (૫૫) નક્ષત્ર ૭ હાથ અર્ધ પલ્યોપમ નથી. ૧૦ પ્રાણ (૫૬) તારા ૭ હાથ | પલ્યોપમ ૧૦ પ્રાણ વૈમાનિક દેવો સમજવી (૫૭ કલ્પોપપન્ન (૧) સૌધર્મ | ૭ હાથ બે સાગરોપમ | નથી, ૧૦ પ્રાણ નથી . નથી. નથી. | નથી, Page #390 -------------------------------------------------------------------------- ________________ No. (3८४ Date 1 યોનિઓ CT સર્વ દેવોની મળીને 1ણામ નથી. ૪ લાખ નથી. સમજવી ' સંસારી જીવો શરીરની ઉંચાઈ આયુષ્ય : સ્વકીય સ્થિતિ પ્રાણ * (૨) ઈશાન | ૭ હાથ [૨ સાગરોપમ | નથી. ૧૦ પ્રાણ થી અધિક ૩) સનકુમાર ૬ હાથ ' |૭ સાગરોપમ નથી. ૧૦ પ્રાણ (૪) મહેન્દ્ર | ૬ હાથ ૭ સાગરોપમ | નથી. ૧૦ પ્રાણ થી અધિક (૫) બ્રહ્મલોક | ૫ હાથ ૧૦ સાગરોપમાં નથી. ૧૦ પ્રાણ (૬) લાંતક | ૫ હાથ ! ૧૪ સાગરોપમ નથી. ૧૦ પ્રાણ (૭) મહાશુક્ર | ૪ હાથ ૧૭. સાગરોપમ નથી. ૧૦ ગ્રામ (૮) સહસાર | ૪ હાથ | ૧૮ સાગરોપમ નથી. ૧૦ પ્રાણ (૯) આનત | ૩ હાથ ૧૯ સાગરોપમ નથી. ૧૦ પ્રાણ (૧૦) પ્રાણત | ૩ હાથ ૨૦ સાગરોપમાં ૧૦ પ્રાણ (૧૧) આરણ | ૩ હાથ ૨૧ સાગરોપમ નથી. ૧૦ પ્રાણ (૧૨) અમૃત |.૩ હાથ ૨૨ સાગરોપમ ૧૦ પ્રાણ (૫૮) કલ્યાતીત યક - (૧) સુદર્શન | ૨ હાથ ૨૩ સાગરોપમ નથી. | ૧૦ પ્રાણ (૨) સુપ્રતિબદ્ધ | ૨' હાથ | ૨૪ સાગરોપમ નથી. , . ૧૦ પ્રાણ (3) મનોરમ 1. ૨ હાથ | ૨૫ સાગરોપમ ] નથી. ૧૦ પ્રાણ, (૪) સર્વતોભદ્ર | ૨ હાથ | ૨૬ સાગરોપમ ! નથી. ૧૦ પ્રાણ (૫) સુવિશાળ | ૨ હાથ | ૨૭ સાગરોપમ ] નથી. ૧૦ પ્રાણ (હ) સુમનસ - ૨ હાથ ! ૨૮ સાગરોપમ ૧૦ પ્રાણ (૭) સૌમનસ્ય ! ૨ હાથ ૨૯ સાગરોપમ | નથી. ૧૦ પ્રાણ (૮) પ્રિયંકર | ૨ હાથ | ૩૦ સાગરોપમ નથી. ૧૦ પ્રાણ (૯) નંદીકર | ૩૧ સાગરોપમે | નથી. ૧૦ પ્રાણ અનુત્તર વૈમાનિક (૩૧ થી ૩૩) (૧) વિજય ! ૧ હાથ | સાગરોપમ નથી. ૧૦ પ્રાણ (૨) વિજયંત | ૧ હાથ નથી. ૧૦ પ્રાણ (૩) જયંત ૧ હાથ નથી, ૧૦ પ્રાણ (૪) અપરાજિત ૧ હાથ નથી. 10 પ્રાણ (૫) સર્વાર્થસિદ્ધ ૧ હાથ ૩૩ સાગરોપમાં નથી. ૧૦ પ્રાણ સિદ્ધ જીવોને | નથી | નથી સાદિ અનંત ] નથી - સર્વ નથી. તે દેવોની મળીને ૪ લાખ સમજવી KOKUYO W-N6280U Page #391 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ઉ૫) સિદ્વ – મુક્ત જીવી (જીવનો બીજો પ્રકાર) - Date : .13 '' '' 11. જીવ :: » 1સંસારી...! | મુક્ત . : - : (૫૬૩ ભેદ): : : : (૧૫ ભેદ) + ' . ', ; , નિશ્ચયનયથી, (તત્વદૃષ્ટિએસિંદૂ મુક્ત જીવોનાં કોઈ ભેદ નથી. પરંતુ, વ્યવહારનયથી તમામ સિની પૂર્વભવની - છેલ્લી સંસારી અવસ્થાની અપેક્ષા , આ પંદર ભેદ નીચે મુજબ છે : - (0 જિના સિદ્ગુ તીર્થંકર થઈને મોક્ષે જનાર, - દા.ત. : મહાસ્વીર સ્વામી વગેરે તીર્થંકર (8) અજિતન સિહુ : તીર્થંકર સિવાયના મો જનાર - દા.ત. : ગણધર, કેવળી વગેરે () તીર્થ સિ૩ ? તીર્થ સ્થપાયા પછી મો જનાર - દ,ત• : કાણાધર , જબુસ્વામી વગેરે છે અતીર્થ સિદ્દ : તીર્થ સ્થપાયા પહેલાં મોક્ષે જનાર , - દા.ત.: મરુદેવા માતા વગેરે (૫) થસ્થલિંગ સિડ્યું ? ગ્રહસ્થષમાં કેવળજ્ઞાન થયું અને પછી દીક્ષા . . દાત. :: ભરત ચક્રવર્તી (૬) સ્વલિંગ સિફ કે સાધુવેષ અંગીકાર કરી જે સાધુઓ મોક્ષે જાય તે. - દા.ત: અઈમુત્તા મુનિ (8 અન્યલિંગ સિલૂન સાધુવેષ વિના જે મોકો જાય તે- તાપસ વગેરે દા.ત: વલ્કલચીરી, તાપસ વગેરે ! . (2) સ્ત્રીલિંગ સિદ્ધ સ્ત્રીલિંને મોક્ષે જનાર , દાત્ત ચંદનબાળા, મૃગાવતી, મરૂદેવા , મલ્લિનાથ ઈ પુરૂષલિંગ સિટ્ટઃ પુરૂષલિંગ મોક્ષે જનાર દા. ત. ગોતમ ગણધર, અઈમુત્તા મુનિ વીરે (૧૦) નપુંસકલિંગ સિટ્ટ : નપુંસકલિંગે મોક્ષે જનાર | દા.ત :- ગાંટોય મુનિ(૧) સ્વયંબુઢ સિદ્ધ : પોતાની મેળે, બાહ્ય નિમિત્ત વિના , બોધ પામીને મોણે જનાર . દા.ત.: તીર્થકરો , કપિલ વગરે -- KOKUYO W-NB2804 Page #392 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (श प्रत्येऽष्णुछ सिद्धः डोई निमित्तं पाभीने वैराग्य पामी भोटेकनार हात.: उडु कोरे नोंधः स्त्री प्रत्येप्जुद्ध न होय. बुद्धपोधित सिहास बील्लथी गुरुधी) जोध पामी भोले नार , तः स्पाभी पोरे (ज) खेड सिद्ध : मेड, समये मेऽनुप भोटो नार हाता: पीर प्रलपमेरे (च) मने सिहोड सभये मने साथै भोले नार हा.त: पलोय (खेड साथे पर मोक्षे गया) मा तेमना 8 पुनो सने लरतयउपना 8 पुष = 100 नुप. ॐ सिद्ध लगपंताने शरीश्नी मपगाहुना नथी, परंतु तेस्रोनो खात्मा पधारेभां पधारे 333धनुष्याउ धनुष्य सने उरमांगपासने सोछामां मोछा न्य हाय प्रमाणानामपटाराभांतीयऽरो होय छे, मनेसामान्य डेवणीलगपंतो पधन्य उरसंगुलना महाशमा सिद्ध होय छे. सिद्धशिया यसान योन्न प्रभाएा छ। मायाशंग सूतमा सिह परमात्माना 31 गुएर खा प्रमाएो इहला छे: तेसोही नधी , स्पनीहगोण नयी, यस्त(निडोएडार) नथी, यतुरस्त्रायोप्पाडार) नधी, परिमंऽण पापृसुना साडारे) नथी, राता (लालानी पीणा नधी, घोणा नथी, हाणा नथी, वीसा नथी, सुगंधपाणानिधी, दुधपाणानयी , डडया नथी, तीजा नथी, उघायला तुरा) नथी, जाटा नथी, मधुर नथी, ईश (मरणयडा)नधी, संघाणा नथी, मारे नधी, हखडा नथी, शीत नधी , Gष्णा नथी, स्निाधायीडाशवाणा) नथी, म (प्तुजा) नधी, हेहधारी नथी, हियापाणा नयी , स्त्रीश्प नथी, पुरघरप नथी, सने नपुंसह नथी. ~~: णप-पियार ग्रंथ - समाप्त :पासनीपः पू. शनयश भ. साहेजेसा लजाए। श्रापडो द्वारा ऽरापेल होपाथी, ल्ली सुधारीने पांयया नम्र विनंती.