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full speed थी तमारी गाडी होडी कती होय त्यारे, भे मनथी गमाडीखे ड़े जोलीखे हे 'रस्तो बहु सरस छे', तो खा रस्ताखो जनावती बेणाखे डोलसा विगेरे सयित्त पृथ्वीजयनी मोटां पाये ध्येस विराधनामां, खापो सरजे-सरजां लागीहार जनी नईखे ( अनुमोहनाने सीधे ). खेटले, ने पाय, पोते डरेल नथी अथवा दुखानां पाएग नथी, छतांय अनुमोहना श्वा द्वारा, पाय न डरवा छतांय तेनो हंड योतानां माथे सर्धने, डगलेने पगले, दुर्मग्रंथाहि पायाना ग्रंथांना खल्यासनां माध्यमे न्यागाहिनी सूक्ष्म समभाग नेहो भेजवी नथी, सेवा खज्ञानीने तो ऽशुं जोसवानी हे विद्यारपानी छूट नथी. खज्ञानीखे तो मौन रहेयुं, खेन वधारे ४३री छे, खायुं प्रमुखे उहेल छे. खाया खज्ञानीने तो रसोई खाहि गृहुअर्थोमा अथवा धंधाहि अयमां अथवा लग्न भवनमा पए। भेडावानो खधिद्वार नथी. खज्ञानी पासे सूक्ष्म विवेक बुद्धि न होपाथी, योपीसे उलाइ पोतानां मन द्वारा न विचारवानुं वियारपाथी, पयन द्वारा न जोलवानुं जोलपाथी खने पोतानी डाया द्वारा न डरवानुं डीधे राजवाची, सतत नवा-नवां डर्मबंध यालु न रहेशे . खेटले ४ धुं छे डे, 'विएए जाघां लोगव्यां, झेगर दुर्म बंधाय.'
मनधी
(ট) संजय पृथ्वी डायनी विराधनाथी जनेस नवा मानने, गाडवा तां रजथवा पालीथी प्रशंसा ९रपा ग्लां, थयेल तमाम भयोनी विराधनानो होष, अनुमोहनानां माध्यमधी जायगने लागे छे. (थ्यां तैयार थयेल पोतानां नवा (building, बंगलो, mall खाहि) माननां बांधाम संबंधी प्रश्न अथवा खलिप्राय भे तमारा मित्र तरथी पृछाय तो डां तो मौन रहेतुं रखने डां तो राजी हेयुं, अंतो लघुतापूर्वक स्पीडारी लेवं डे भारा नवां खजुधने खायां शुं जजर पडे, अथवा डही हेयुं डे, 'खा भारां विषयनी वात न होवाथी भने शुं जजर पडे.' खथवा डडेवाय डे 'मारां डरतांय तुं वधु होशियार खारीते, जोलवायां अजभु-भगृति राजपायी, असंख्य भुवोनी विराधनाना नुडसानथी पए। जयी न्याय खने पूछनारने खोटुं पए, for cust.
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असंज्य पृथ्वीजयनी हिंसा द्वारा जनेस सोना-यांहीना हागीनां तथा पासगोने मनथी गभाडाय नहीं, पाणीथी प्रशंसा पाएन राय