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२०५
हेवो संबंधी भाषां योग्य :
(i) पर्तमानना ५४ र्घन्द्रो सम्यदृष्टि खने खेडावतारी छे. (२) अनुत्तर विमानमां हेवी ज्ञेडांत 'सम्यग्रदृष्टि' ४ होय छे. (3) हेवो न३र पड्ये भूण शरीरथी जीं शरीर जनाये छे, नेने 'उत्तरपैठिय' शरीर उहेपाय छे.
(४) जधां हेवो 'खविरति' होय छे, तेथी व्रत- प्रत्याख्यान डरी शडता न (4) हेवं मरीने दूरीथी हेव थता नथी, पए पथ्ये खेड लव मनुष्य डे निर्यय गतिनो ऽर्था पछी हेक थर्पु होय तो थर्ध शडे छे. (९) हेवो हेवलोडमाथी य्यवीने मनुष्य, तिर्यय, पृथ्वी, पाएगी खने पनस्पति - जे पांय स्थानमा उत्पन्न थर्ध शडे छे, परंतु जीभ हेवलोऽथी उपरना हेक्सोडना हेवो पृथ्वी, पानी खते वनस्पति खे प्रग स्थानमा उत्पन्न थतां नथी.
(१) नपमा हेपलोडथी सर्धने सर्वार्थसिद्ध विमान सुधीनां हेपो य्यपीने नियमा मनुष्य में थाय छे, पएा निर्यय थता नथी जने मनुष्य मरीने ते हेपसोडमां र्ध राडे छे.
(८) हेयोगां मुख्यत्वे 'सोल उषाय' खते संज्ञामां 'परिग्रह संज्ञा' पधारे होय छे.
(c) सम्यग्दृष्टि हेपोने मति, श्रुत जने अवधिज्ञान खेम उ ज्ञान होय छे क्यारे, मिथ्यादृष्टि हेयोने मतिखज्ञान, श्रुतखज्ञान जने पिलंगज्ञान रोम उ खज्ञान होय छे.
(१०) युगलिङ मनुष्य जने युगलिङ निर्यय अवश्य हेवगतिमां ४ भय छे (११) तिर्यय भुवो पधारेमां पधारे साठ हेपलोड सुधी वर्ध राडे छे. (१२) नैनदर्शनना अप्रमताहि साधु सर्वार्थसिद्ध विमानना हेव तरीडे उत्पन्न धर्ध राडे छे रखने तथाइपना श्रापङ जारमा हेपलोड सुधी कर्ध शडे छे.
(१३) सम्यग्रदृष्टि मनुष्य जने तिर्ययो मरीने पैमानिक हेव थाय छे, नेनुं खायुष्य सम्यङ्त्वना सहलावमां जंघायुं होय. (१४) चारित्र तीघां पिना ← ग्रैवेयड डे 4 अनुत्तर विमानमां कर्ध शडातुं नर्थ (१८) १२ हेवलोड सुधीना हेवो, तीर्थंकरना उस्याएाड सांहि प्रसंगोमां मृत्युसोऽमां खाये छे. ( ग्रैवेयङ रजने 4 अनुत्तर विमाननां हेवो 'खहमेन्द्र' होवाथी, पोतानुं स्थान छोडी नीरो आपतां नथी..