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प्रम्मा भी भेगवया भाटे मेढुंतान होयं मेऽसी जिया होय, तोशुंग्याले ? नवाला मोद भेगदपा भाटे, खेऽखं धार्भिऽ ज्ञान होय तो पानथालेमने खेती
धार्मि छियानोर्नु सेवन होय तो भएनयाले. परंतु, धार्मिष्ठ ज्ञान+ धार्मिऽ डियाने सेवन लुपनमा प्यवस्थित यात्रुहोय तोरसशति+परमगति मोहानी प्राप्ति याय. हात.:डयो सांधणो सथपा सेङलो बंगडो हंगलने पार नहीं उतरी शहे . परंतु, जने मे लेगांयर्थ नय,तो ढंगलने पार उतरी शडे से र रीते, मात्र धार्मिऽ ज्ञान मधपा भाप्त धार्मिड लियाथी भोदु नभणे. परंतु, जंने लेगां थवाधीश सशति सने परमगतिमोक्षणभणे छे , भेटले है यार गतिश्प संसार गलने पार उतरी शहाय छे.
ज्ञान क्रियाभ्यां मोक्षः ।
प्रश्न : धार्मिङ जिया सने धार्मिड ज्ञानमांधी पधु महत्व शेर्नुशाभाटे? हवाला धार्मि किया उरताय धार्मिड ज्ञान- महुत्य पषुछ, कारएपडे,
ज्ञान साधेनी मल्प धर्म मियामा पाखात्माने विशेष इण सपाये छे, ब्यारे, ज्ञान विनानी घी मधी धर्म मियाखा पखाल्माने इस्त
सामान्य श्ण अपापे छे. हात. मरने सगी महेनत मारी रपा छतांय .A. साहिना सभा
लागनी उभाएगी पए मांडभाड याय छे. न्यारे, वीनुषा, जुनीयर, डडर, c.A. पगेरे तो भरनी सपेदारमे समा ४ लागनी महेनतज्रया छतांय भकूर उरतां तो सगी हुमाएगी हरी से छे. कारण, मजूर पासे महेनत या स्परप पैसा उभाषपानी झियाधी होया छतांयव्यापहारिक ज्ञान तेनी पासे नी. संसारना क्षेत्रे मा डायही छे तो धर्भलेने पहुए मार डायो खागु पडे छे. तमाशं संसारभां पएा धंधाडीय संपूर्ण ज्ञान, समता, सापडत,होशियारी भेगव्यां षा न तमे तमारां पुनने तमारा धंधानी पेटी सोंपा छो. परंतु, धंधा ज्ञान भेगप्यां पगर तमे तमारी छाननी पेढी पूनने नसोंपो. जेन रीते, समता-ज्ञान भेगवीने धर्मनी डियाखोभांगडापवायी, खापएने विशेष वाल थाय छे. डाराडे, ज्ञानसाथेनी थती सल्प धर्ममारपिना, पण खनेड गए वधी नवं होयायी , मारमाने धर्म निरा उप विरोध इण भगे छे.
KOKUYO W-NB290U