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भेरथी 1 अरडाय नहीं + से तो खायएगे वियारी गयां. परंतु, सूडायेला वस्त्रो घेरी उपरथी लेती बजते पए। पस्त्रीने जेयीनेंभरडो मारीने सेवाय नहीं खा डाजभ भे न राम्रो, तो भेरथी अटडां-पूर्व हरे हरेक वस्त्र होरी परथी लेती वजते, हरेड वजते, खसंज्य- असंज्य वायुडायनां भुवोनी विराधनानो दंड खायला खात्माने तथा खायां समग्र परिवारने माथे या लागे छे. तेथी, सूअर्ध गयेसां टुथडां, डां-पूर्व जेंथीने लेवाने जहले, खामगां जने हाथोनो उपयोग डरीने, खेड हाथथी हजवारायी वस्त्र पाणषु खनेः सभि जीभ हाथे सर्ध सेयुं खारीते उरपाथी, असंख्य पायुडायनां भुवोनी विराधनाथी जयी शडाय. झपशेने? "खाने सरस मभनो इर्स्ट डलास पवन खाये छे, खाने हुवा जापानी मन खाये छे? - वगेरे वगेरे पाय प्रयोगो वाली द्वारा उच्चाराय नहीं, अथवा मनथी पए। वियाराय नहीं. खात्म भगृति यूडीने भे जाएं जोलवां गयां डे विचारयां गयां के मनथी गभाडयां गया, तो सुसवारा पवनने सीधे घती, खसंख्य पायुडाय भवोनी हिंसानो हंड (अनुमोहना द्वारा) खायएगां खत्माने लागी भय छे. सुसवाटो पवन बहुतो होय; त्यारे राम थयाने जहले, थती असंख्य पायुडायनां भुपोनी हिंसा प्रत्ये, हृध्यमां ऽरुणांनां लावो खने लागलीनां लायो लापवानां
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उनाणामां, जास ठंडा पवननी हुवा जावा माटे, सांन्ना समये, कुहु योपाटीनां हरिया किनारे इरषा कषाथी पड़ा, जिनकपुरी खसंख्य वायुअयनां भवोनी विराधनांनो दंड, खामगां खात्माने बागी भय: समलावे, जारो - गरमी सहन दुरपाथी, र्म निर्भरा थाय खने जीभ जावु, special ठंडी पवन जावा माटे मे sea-shore भप, तो खात्माने दुर्मबंधथी लारे थयुं पडशे. शुं डरपुं छे ? शांतिथी विचारभे.
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खाने घएगां सोडो, ट्रेन, बस, पाहुन द्वारा मुसाइरी वजते, जारी पासे1- window seat साटेनो खाग्रह राजतां होय छे. खानां द्वारां असंख्य पाउडायनां भयोनी विराधनानो दंड लागे छे, खने भवहिंसाने पुष्टता ज्याय छे. उपाश्रय, हेरासर वगेरे धर्मस्थानप्रेमां प्रतिकमा - व्याख्यानाहिमां जैसवा माटे, हवानी खवर-वर
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