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(Syाडोई शाइलालु सभार्या पार सामांने यामां न शंधवाः
लीडानाडा नसुधारयां, ला सुधारतीयमतेपासून या राजो. शाह समारती पणते, पातथीतरपी, टी.पी.यु मन्य प्रवृत्ति उश्यी नहीं. शाह पशेजर ध्यानथी युनो ध्यग नीडजे तो तेने नानां पासणामां से डरी, यापूर्वऽ , सलामत स्थगे ही पी. ध्यणपागां झेतरां पए, यतनाथी सलामत स्थगे छोऽपां. लीनी पाडीमाध्यमोहन नाप्नपी. परंतु खेहमाहोरी पाठीमांईयणोने लेगी श्यी: लेगीथयेवः ईयगोने, घरनी खारीमाथी ईडीन यायः परंतुनीये उतरीने, प्ठयां लडडोनहोय तथा यांग सोडोनी सयररूपरं न थती होय, तेयां हुवाणां निर्जन स्थानमां कईने, डाणपूर्वऽ , छोडी मापपुं.
(शा. शाड समाश्यानुं द्वार्थ नोडशेने लरोसे न छोऽपुं. मेथीनी लामा
मूल भूभाण्डेसारी रंगनी र्छयो, लगलग, होय छे. यारणीभां याणवाघी, तेनी वयाएपथळ शांप्पनी ड्याशवाणांसोगे शाह सभारपुं नहीं माले पर्तभानभां,शियागाभां भगनारी मेथीनी लाजुभा नानी-नानी अपांतनी उत्पत्ति तथा पिराधना पुष्टग प्रभाएामां पधी गयेव होपाथी, मेराध्य. जने तो, अयमभाटे, भेथीनी लाजुनो पपराश, छोडी न हेयो गोमे.
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जांडने प्रशनर साइ हुरीने त्यस्ता मामांरानो तेने लेष लागतां, तेमां पाटा, घशीयार छीएपी-सीएसई ध्यगोपाय छे. तेथी, पूर्ण डागनु रानपी...........
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साम पर भरयांमा,ते यनी पुष्टण नुयांत थपानी संलापना छे. तेथी, मूजन्यापूर्व, भरयांने जरामर धीखेयां तेममने पाहां भीडाथी मोर्थ हेवाधी, सालभरयां सुरक्षित रहे छे. त्यारबाट, तेमांनुपांतोनी उत्पत्ति, प्राय: हुरीने रहेती नथी.....
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रार्थ, मरयां, धाएतुएं तथा अन्य भसाटाभां, तेनां न बानी जीएी-श्री यांतो थवानी एरी संलापना छे. तेथी, जराजर