________________ (श प्रत्येऽष्णुछ सिद्धः डोई निमित्तं पाभीने वैराग्य पामी भोटेकनार हात.: उडु कोरे नोंधः स्त्री प्रत्येप्जुद्ध न होय. बुद्धपोधित सिहास बील्लथी गुरुधी) जोध पामी भोले नार , तः स्पाभी पोरे (ज) खेड सिद्ध : मेड, समये मेऽनुप भोटो नार हाता: पीर प्रलपमेरे (च) मने सिहोड सभये मने साथै भोले नार हा.त: पलोय (खेड साथे पर मोक्षे गया) मा तेमना 8 पुनो सने लरतयउपना 8 पुष = 100 नुप. ॐ सिद्ध लगपंताने शरीश्नी मपगाहुना नथी, परंतु तेस्रोनो खात्मा पधारेभां पधारे 333धनुष्याउ धनुष्य सने उरमांगपासने सोछामां मोछा न्य हाय प्रमाणानामपटाराभांतीयऽरो होय छे, मनेसामान्य डेवणीलगपंतो पधन्य उरसंगुलना महाशमा सिद्ध होय छे. सिद्धशिया यसान योन्न प्रभाएा छ। मायाशंग सूतमा सिह परमात्माना 31 गुएर खा प्रमाएो इहला छे: तेसोही नधी , स्पनीहगोण नयी, यस्त(निडोएडार) नथी, यतुरस्त्रायोप्पाडार) नधी, परिमंऽण पापृसुना साडारे) नथी, राता (लालानी पीणा नधी, घोणा नथी, हाणा नथी, वीसा नथी, सुगंधपाणानिधी, दुधपाणानयी , डडया नथी, तीजा नथी, उघायला तुरा) नथी, जाटा नथी, मधुर नथी, ईश (मरणयडा)नधी, संघाणा नथी, मारे नधी, हखडा नथी, शीत नधी , Gष्णा नथी, स्निाधायीडाशवाणा) नथी, म (प्तुजा) नधी, हेहधारी नथी, हियापाणा नयी , स्त्रीश्प नथी, पुरघरप नथी, सने नपुंसह नथी. ~~: णप-पियार ग्रंथ - समाप्त :पासनीपः पू. शनयश भ. साहेजेसा लजाए। श्रापडो द्वारा ऽरापेल होपाथी, ल्ली सुधारीने पांयया नम्र विनंती.