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No.
Date
393
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Livy
(v)
१
જવાબઃ
पर्याप्ता तिर्यय पंयेन्द्रिय
જવાબઃ
જળચર
ચતુષ્પદ ઉપરિસર્પ
ભુજપરિસંર્પ
ખેંચર
गर्लन હજાર યોજન
छा
હજાર યોજન ગાઉ પૃથકત્વ
ધનુષ્ય પૃથક્ક્ત્વ
संमूर्च्छिम
सवए। समुद्रमां = 400 योग्नना अजोहधि समुद्रमां = 900 योग्नना स्वयंलूरभए। समुद्रमां १००० योग्नना
હુજાર યોજન ગાઉ પૃથકત્વ
=
યોજન પૃથક્ સ્વ
पृथक्त्व सेंटले शुं ? पृथड़त्व खेटले रॅ
थी
योग्न पृथत्व . धनुष्य पृथत्व खेटले
ગાઉ પૃથક્ત્વ એટલે २ गाउ थी ८ गाउ खेटले २ योग्न थी 6 योभन २ धनुष्य थी ८ धनुष्य
3
गर्लभ यतुष्यहनी उत्कृष्ट अवगाहना ५ गाउ खने संमूर्च्छिम यतुष्यहनी उत्कृष्ट अपगाहुना गाउ पृथड़त्व उही छे, तो शुं गर्ल डरतां संमूर्च्छिमनी अवगाहना पधु हो राडे ? गर्लभ डरतां संमूर्च्छिमनी सवगाहना सत्य (खोछी) न होय छे. माटे गाउ पृथक्त्व उह्युं छे जने तेमां पा छ गाउँथी वधु न समतां, ५ गाउँथी अस्य ४ समयु.
ना;
ધનુષ્ય પૃથક્વ
ધનુષ્ય પૃથક્ત્વ
माछता होय छे.
१ उत्कृष्ट जवगाहुना (छ गाउ) पाजा यतुष्यह हाथी पगेरे उत्तरकुरुक्षेत्र रखने हेपदुरु क्षेत्रमां होय छे.
उत्कृष्ट पाहुनावाजा उरपरिसर्प (सर्प वगैरे) रखने लुम्परिसर्प (गिरोली) वगेरे) खदी द्वीपनी बहार होय छे.