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-नोट्रेबुलेरिया पोरे मा जतनी पनस्पति छे. रताणुनां पांडां पिरो
पए। साधु हेपाय छे. सेरानां छोऽयी सडधो ध्य ये भाजीने वडापपामां माये, तो थोडीपारभां तो पोतानां पांsiनां डांटते तर
या उरीने, तेने पोतानां पंचमां सपडापे छे. () माझिानां भडागास्कर रापुर्मा, मेऊ पृक्ष'मनुष्यलक्षी' तरीडे मोगजाय छे.
ते साथी इस झूट युं होय छे बने तेनां पर दुपारपाहानां माद्वारनां सांजांजपा होय छेनी धारोमां, तीए ईरोनी हार मायेसी होय छियणी; मा पृक्षने डेरलांडः तंतुस्रो होय छे. पानां बरतां होय छे.
ने डोमिनुध्यालेने मडडे, तो ते..तरत यीणाई नयाछे सने बीनं
तंतूम्रो पा तेना तरङ्ग घिसारो दुरी, तेनां शरीरे लाडो मई से छे. पछी, अनामनुध्य,घडतर घडेवायछे बने तेनां रासुसी. पांडांसो पाडांपणपा
पागे छे. व्यारेते तहन नष्णु सापी, पहोंये छे त्यारे तेनां तीछा उंटडो, पेला मनुष्यमांशरीर पर लोंडापा लागे छे. सने तेभाथी रहत--- घटे छे, ते घड सने पांडांसी से छेमने तेने थोडी चारभां, | निपलनायी. हे छे. पटारे सेमिनुष्यनां रहत-मांस पूरा यूसाई नय, त्यारे पांडांम्रो इरी या थपा लागे छे, तंतुो छूटां पडे मने वृक्ष पार्छ मूण हालतमा मापी भय छे. त्यांना गली सोडो, डोपिए मनुध्यने प्राणपथनी शिक्षा रपी होय, त्यारे तेने मा पृसुनी मासे. टाये छे.सने तेनां थड तरह घडेली हे छे. मेटले, उपर दुखं तेम, तेनां वननो डिए संभमा माये छेडेटलाउ विटेशी. प्रवाप्तीसोये, या दृश्य साक्षात
नेयंछे सने तेनी छनीमो पर्तमानपत्रोमां प्रहर हरेसी.छ... (१) निद्रा सने भनिशुपंत प्राएगीमोमां, निद्रा भने कागृति' सेजे
प्रडारनी सवस्यानो नेपामा सापे छे. मायुं हुं पनस्पतिभा छ? तेनी उत्तर हुहारमा सांपडे छे. पुंसाड, खाजसी पोरे वृक्षोनां पान सभा पानते , जीवांरहे छे मने समुह पाजते, पूरे जीलेला होय. खाने, निद्रा तया नगृतिनो लाप समश्यो. पणी, सूर्यविटासी मण, राने नीडाई लय छे भने खिसे जीले छे. तथा यंद्रपिठासी मग?
ने सामान्य रीते, कुमुए डे. पोयाए हेवामां मा.छे, ते हिपसे लिड़ाई जय छे सने रात्रे जीले छे. मेने पग, निद्रा खने भगृतिनो लाप સમજવો. અંબાડી વગેરે પુષ્પોમાં પણ આમ જ બને છે. વૈજ્ઞાનિકોએ नेवी नोंध उरी छेडे, मद्रासनां सनंतपुर हिलानुं, जरीनुं वृक्ष,
KOKUYO
W-N62800