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साम : पहला कोष्ठक
बापन्न गच्छामि हसन्न जल्पे, ४ गतं न शोचामि कृतं न मग्ये । माभ्यां तृतीयो न भवामि राजन् ! के कारणं भाग ! भवा भे भूखंः ।।
-~मोजप्रबन्ध ) मैं खाता हुया चलता नहीं, (२) कोलसे समय हंसता नहीं, (2) गई बात को सोचता नहीं, (४) किए उपकार को स्मरता पी . (५) दो यक्तियों की बात के बीच में जाता नहीं, फिर
है. राजा भोज ! मैं मूर्ख कैसे हुआ ? मूर्ख बनने के तो ये हो पांच कारण हैं । वास्तविकता को समझकर राजा प्रसन्न हुआ।