Book Title: Udisa me Jain Dharm
Author(s): Lalchand Jain
Publisher: Joravarmal Sampatlal Bakliwal

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Page 77
________________ उदयगिरि की गुम्फाओं का शिल्प-सौन्दर्य वर्तमान उड़ीसा में स्थित उदयगिरि की गुफायें मध्यप्रदेश की उदयगिरि की गुफाओं से मिन्न हैं । खुर्दा जिला में स्थित उदयगिरि उड़ीसा की राजधानी भुवनेश्वर शहर से लगभग ५ किलोमीटर दूर उत्तर की और स्थित है। उदयगिरि को कुमारी पर्वत के नाम से भी जानाजाता है। यह लगभग ११० फीट उँची है। ई.पू. दूसरी शताब्दी में हुए सम्राट खारवेल के शासन काल में इन गुफाओं का निर्माण जैन श्रमणों के लिए किया गया था। उक्त पहाडी पर विद्यमान गुफाओं में से अधिकांश गुफाओं का निर्माण स्वयं सम्राट खारवेल ने कराया था। उदयगिरि की गुफाओं की संख्या के संबंध में विभिन्न मत हैं। जॉन मार्शल ने इनकी संख्या ३५ सूचित की है। जब कि मनमोहन गांगुली ने यहाँ २६ गुफाओं के होने का उल्लेख किया है। इस समय यहाँ १८ गुफायें विद्यमान हैं। इससे प्रतीत होता है कि प्रकृति और मनुष्यों की क्रूरता के कारण कतिपय गुफायें नष्ट हो गई हैं। यहाँ धातव्य है कि उडीसा भाषा में गुफा को गुम्फा कहा जाता है। निम्नलिखित गुफाओं को देखा जा सकता है। १. रानी गुम्फा २. बाजा गुम्फा, ३. छोटा हाथी गुम्फा, ४. अलकापुरी गुम्फा, ५. जयविजय गुम्फा, ६. पणस गुम्फा, ७. ठाकुराणी गुम्फा, ८. पातालपुरी गुम्फा, ९. मंचपुरी गुम्फा, १०. गणेश गुम्फा, ११. जग्बेश्वर गुम्फा, १२. व्याघ्र गुम्फा, १३. सर्प गुम्फा, १४. हाथी गुम्फा, १५. धानघर गुम्फा, १६. हरिदास गुम्फा, १७. जगन्नाथ गुम्फा, १८. रसोई गुम्फा। इन गुफाओं के नाम स्थानीय निवासियों ने बाद में दिये हैं। १. रानी गुम्फा : उदयगिरि कुमारी पर्वत पर निर्मित यह पहली गुम्फा है। इसको रानी-नूर गुम्फा के नाम से भी जाना जाता है। सम्भवतः यह वही गुफा है। जिसका उल्लेख हाथी गुम्फा शिलालेख में किया गया है। उक्त शिलालेख की १५वीं पंक्ति में कहा गया है कि इस रानी गुम्फा का निर्माण सिंहपथ रानी की इच्छानुसार हुआ था। इसके ६४ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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