Book Title: Udisa me Jain Dharm
Author(s): Lalchand Jain
Publisher: Joravarmal Sampatlal Bakliwal

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Page 156
________________ लेखक का परिचय नाम : प्रो. डॉ. लालचान्द जैन जन्म : ३ मई १९४४ जन्मस्थान कवरहटी,पन्ना (म.प.) माता-पिता स्व. बाबूलाल जैन, स्व. मलीदाबाई जैन, बडकुल पत्नी डा. (श्रीमती) जिनमती जैन, अध्ययन श्री स्याद्वाद महाविद्यालय वाराणासी बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणासी एम.ए. (दर्शनशास्त्र-प्राकृत जैनलोजी-संस्कृत) पी-एच.डी., शास्त्राचार्य (जैन दर्शन) आचार्य (जैन दर्शन) कृतियाँ (मौलिक) : १. जैन दर्शन में आत्म-विचार : (तुलनात्मक एवं समीक्षात्मक अध्ययन) २. अद्वैतवाद, ३. भारतीय दर्शन में सर्वज्ञता ४. तीर्थंकर त्र-षभदेव का कर्तृत्त्व एवं व्यक्तित्व ५. प्राकृत साहित्य में अनेकान्तवाद ६. जैन दर्शन में प्रमाण स्वरूप विमर्स ७. सम्राट चक्रवर्ती खारवेल और उनका शिलालेख ८. उड़ीसा में जैनधर्म संपादित एवं अनुवादित : ९ लीलावई कहा १० कंसवहो ११ नयचक्र १२ तत्त्वसार प्राकृत १३ गद्य-पद्य वंध भाग-२ १४ गद्य पद्य बंद्य भाग-३ १५ गद्य पद्य बंद्य भाग- ३ (हिन्दी अनुवाद) १६ जैनवाङ्मय में चम्पापुरी, शोध पूर्ण निबन्ध : १५० १४३ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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