________________
ढाई हाथ लम्बाकार में विभिन्न प्रकार के उपासक मनुष्यों के कतारबद्ध अनुक्रम से चित्र उत्कीर्णित कियेगये हैं । बाईं ओर से प्रथम दृश्य में हाथ जोड़े हुए स्त्री पुरूष का एक जोड़ा है। एक जोड़ा वहीं पर एक पेड के नीचे खड़ा है। स्त्री के बायें हाथ के बगल में एक बौना स्थित है और दाहिने हाथ में एक पेटी है। दूसरे दृश्य में एक पुरुष और हाथ जोडे हुए महिलाओं का चित्रित किया गया है। दाहिनी ओर दूसरे दृश्य में एक पुरुष और दो महिलाओं को हाथ जोड़े हुए तथा एक बेंच पर बैठा हुआ दिखाया गाया है। दाहिनी ओर स्थित महिला एक थाली लिए हुए है। बाईं ओर दूसरी महिला कलस लिए हुए है। तीसरे उपखण्ड दृश्य में अलंकृत खम्भों पर आधारित मंडप के नीचे एक स्त्री का नाचते हुए और चार साथियों को मृदंग, नगाड़े, बांसुरी और वीणा जैसे वाद्यों का बजा कर मनो विनोद करते हुए दिखलाया गया है । चोथे दृश्य में एक महिला को हाथ में थाली लिए आगे-आगे जाते हुए और हाथ जोडे हुए तेज गति से उसका पीछा करते हुए पुरुष और थाली तथा घड़ा ले जाते हुए एक दूसरी महिला प्रदर्शित की गई है। अंतिम दृश्य में एक बालक है। बारमदा की दीवाल के सीमावर्ती खम्भों पर दोनों ओर एक-एक चौकीदार खडे हुए हैं। उनके शिर खंडित हैं।
बारमदा सहित प्रकोष्ठ के खम्भों का चौखुंटा निचला भाग उठा हुआ है । बरामदा को खम्भों की कतार सहारा दिये हुए हैं। खम्भों के तल भाग में उत्कीर्णित जानवरों के चिन्ह अवशिष्ठ दिखलाई पडते हैं । खम्भों के उपरी भाग पर जानवर उत्कीर्णित हैं। प्रत्येक खम्भे के मध्य भाग में जानवर हैं। बाईं ओर बैल । दाहिनी ओर शेर उत्कीर्णित किये गये हैं। सामने की ओर पृष्ठ भाग से पृष्ठ भाग मिलायें हुए दो शेर बैठे हुए और एक दूसरे की ओर मुँह किये पैरों पर खडे हुए दो शेर उत्कीर्णित किये गये हैं। बगल के घनाकार (कूट) स्तम्भों के मध्य भाग में तीन जानवार उत्कीर्णित किये गये हैं। उन में से बाईं ओर घोड़े और दाहनी ओर हाथी हैं । अवशिष्ठ कारबेल्ट के तोरण के ऊपरी भाग पर घंटी के आकार के कमल उभरे हुए हैं। बरामदा के दोनों ओर सँकरा स्थान अर्थात् आला या ताक विद्यमान हैं। जमीन पर आधारित कूटस्तम्भों को आधार, केन्द्रीय आखिरी, वर्गकार और माध्यमिक इन पांच भागों में विभाजित किया गया है।
Jain Education International
६७
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org