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खंडगिरिकाचोटी पर स्थित जैन मंदिर :
खंडगिरि पहाड़ी की सर्वोच्च चोटी पर पांच आधुनिक जैन मंदिर बने हुए है। यहाँ पहुँचने के लिये चार रास्ते हैं। पहला आनन्द गुंफा से जाया जा सकता है। दूसरा खण्डगिरि गुंफा नं.५ के दाहनी ओर से ऊँची चट्टानों की सीढ़ियों से चढ़ कर पहुँचा जा सकता है। तीसरा बारहभुजी गुंफा की दुष्कर चढ़ाई से सीढ़ियों से चढ़कर और चौथा श्याम कुण्ड की ओर से चढ़ कर उक्त चोटी पर पंहुचा जा सकता है। उक्त पांच मंन्दिर निम्नांकित हैं।
१. आदिनाथ मंदिर २. शीतल मंदिर ३. पार्श्वनाथ मंदिर ४. पार्श्वनाथ मंदिर
५. पंचमूर्ति मंदिर आदिनाथ मंदिर :
इस मंदिर का निर्माण लगभग २०० वर्ष पूर्व १८ वीं शताब्दी में कटक निवासी तथा दिगाम्बर जैन धर्म आम्नाय के अनुयायी श्री मंजु चौधरी और उन के भतीजे दादु भवानी चौधरी व्यापारी ने कराया था। जैन मंदिर के सामान्य नियमानुसार यह वड़े भव्य सुन्दर स्थान पर निर्मित किया गया है। खंडगिरि की चोटी पर बने पांच मंदिरों में यह सब से बड़ा और प्रमुख मंदिर है। यह २७ बर्ग फीट लम्बा-चौडा क्षेत्र वाला और २५ फीट ऊँचा है। मंदिर के सामने ५० वर्ग फीट लम्बी-चौडी सुन्दर छत है। छत के मंदिर के उत्तर में इस मुख्य मंदिर के अगल- बगल में छोटे-छोटे मंदिर हैं। सम्पूर्ण मंदिर सफेद संगमरमर का बना है।
त्र-षभदेव मंदिर में तीन वेदिकाएँ हैं। (क) तीर्थंकर आदिनाथ वेदी, (ख) भ.महावीर वेदी, (ग) भ.कलिंग जिन वेदी ।
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