________________
台 शालभंजिका
द्वारपालिका
लिए हुए है। वे नमन कर रहे हैं। दोनों दरवाजों के दोनों ओर उड़ते हुए गन्धर्व पूजा की
सामग्री और कमल के फूल लिए हुए उत्कीर्णित किये गये हैं। जो ऐसे प्रतीत होते हैं जैसे वे चैत्य-वृक्ष की पूजा करने के लिए आये हैं ।
चैत्य वृक्ष पूजा का दृश्य
उक्त चित्राकंन से सिद्ध होता है कि खारवेल के समय में चैत्य-वृक्षों की भी पूजा करने का रिवाज (प्रथा) था। इस गुफा के कमरे बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हैं । बरामदा की छत वर्तमान कालीन घनाकार स्तम्भों पर आधारित है।
य
Jain Education International
८१
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org