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सर्प गुफा
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की गई है। इसके चार फणों पर अपरिष्कृत नक्कासी दर्शनीय है। इस भयानक आकृति वाले सर्प का मुँह खुला हुआ (चित्र) है। इसका फर्श पीछे से उठा हुआ है।
गुंफा मुँह पर बहुत संकरा बरामदा है। इस में पहुंचना संभव नहीं है। इस में दो अभिलेख है। (क) चुलकंमस कोठाजेया च (चि) अर्थात् चुलकम (उपकर्म सचिव) का
अभेद्य आवासीय प्रकोष्ठ। (ख) कम्मस हल खिगाय च पसादो अर्थात् कम्म और हलक्षिण का प्रकोष्ठ है।
इन आलेखों से सिद्ध है कि चूलकर्म अर्थात्-उपकर्म सचिव के इस अभेद्य आवासीय कोठी का निर्माण कर्म और हलक्षिरा (खानिया) ने कराकर उसे उपहार में दे दिया था। इस गुंफा में घिसट (रैंग) कर प्रवेश किया जा सकता है। उसकी दाहिनी ओर दो-तीन और गुफायें विद्यमान हैं जो उल्लेखनीय नही हैं।
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