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८. बारहभुजी गुम्फा : सामान्यावस्था में स्थित इस गुम्फा में पीछे की ओर एक बृहद् कमरा है।
इस कमरे के सामने एक खम्भे का बरामदा है। कमरे का फर्श एक तकिया की तरह है। इसकी छत उन्नतोदर है, लेकिन कमरे का संपूर्ण फर्श खुद गया है। इसके स्थान पर आधुनिक भवननिर्माण सामग्री से कार्य किया गया है। दरवाजे सहित सामने की दीवाल, खुली मध्यवर्ती दीवालें
और बरामदा का फर्श भी जान-बूझ कर नष्ट करदिया गया है। बरामदा की बाँई दीवाल में कप अलमारी है। यह गुम्फा आयताकार और प्रशस्त है।
इस गुम्फा के बरामदे की दीवाल के
दोनों ओर बारह हाथों वाली दाहिनी ओर शासन देवी रोहिणी
अजितनाथ तीर्थकर की शासन देवी रोहिणी और बाँई ओर
आदिनाथ की शासन देवी चक्रेश्वरि विद्यमान होने के कारण ही उक्त गुम्फा बारहभुजी गुम्फा के नाम से प्रसिद्ध है। उक्त दोनों मूर्तियाँ श्याम पाषाण से निर्मित हैं।
जैन धर्म के २४ तीर्थंकरों की काले पत्थर की प्रतिमायें पीछे की बगल वाली दीवाल में २५ स्थानों पर उत्कीर्णित हैं। तीर्थकर पार्श्वनाथ की मूर्ति दो बार संस्थापित की गई है। बॉई दीवालपर पांच पीछे की दीवालपर १८ और दाहिनी दीवाल पर २ मूर्तियाँ विद्यमान हैं । २५ मूर्तियाँ योगासन में
Saina
शासन देवी चक्रेश्वरी
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