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समवसरण में बैठकर प्रभु ने देशना दी; परंतु वहां कोई विरति परिणामवाला न हुआ। यानी किसीने भी व्रत अंगीकार नहीं किया। देशना निष्फल गयी। तीर्थंकरों की देशना कभी निष्फल नहीं जाती परंतु महावीर स्वामी की यह पहली देशना निष्फल गयी। शास्त्रकारों ने इसे एक 1 आश्चर्य माना है। महावीर स्वामी पर तीन कारणों से उपसर्ग किये गये। 2
1. शास्त्रों में ऐसे दस आश्चर्य माने गये हैं। वे इस प्रकार हैं।
2. तीर्थंकर केवली को पीड़ा - एक बार विहार करते हुए वीर प्रभु श्रावस्ती नगरी में समोसरे। उसी समय गोशालक भी वहां आया। वह कहता था 'मैं जिन हूं।' महावीर स्वामी को गौतम गणधर ने पूछा 'क्या यह जिन है?' महावीर ने कहा 'नहीं। वह मंख का पुत्र है। मेरे पास छ: बरस तक मेरे शिष्य की तरह रहकर बहुश्रुत हुआ है।' गोशालक को यह बात मालूम हुई। इससे नाराज होकर उसने महावीर पर तेजोलेश्या छोड़ी। इससे महावीर को छ: महीने तक कष्ट उठाना पड़ा। तीर्थंकरों को केवली होने के बाद कभी कोई कष्ट नहीं उठाना पड़ता; परंतु महावीर को उठाना पड़ा यह एक आश्चर्य हुआ। २. गर्भ. हरण - पहले किन्हीं जिनेश्वर का गर्भ संक्रमण नहीं हुआ; परंतु महावीर का हुआ। यह दूसरा आश्चर्य है । ३. स्त्री तीर्थंकर - तीर्थंकर हमेशा पुरुष ही होते हैं; परंतु मल्लिनाथजी स्त्री तीर्थंकर हुए। यह तीसरा आश्चर्य है। ४. निष्फल देशना - तीर्थंकरों का उपदेश कभी निष्फल नहीं जाता। मगर महावीर स्वामी का गया। यह चौथा आश्चर्य है। ५. दो वासुदेवों का मिलना - एक बार नारद पांडवों की पत्नी द्रौपदी के पास मिलने चले गये। नारद का द्रौपदी ने सम्मान नहीं किया। इससे नाराज होकर धातकी खंड के अपरकंका के राजा पद्मोत्तर को द्रौपदी के रूप का वर्णन सुनाया। पद्मोत्तर देव की सहायता से सोती हुई द्रौपदीं को उठा ले गया। कृष्ण को यह बात मालूम हुई। वे पांडवों सहित गये और पद्मोत्तर को हराकर द्रौपदी को ले आये। लौटते समय उन्होंने शंखनाद किया। वहां कपिल वासुदेव था। उसने भी समुद्र किनारे आकर शंखनाद किया। इस तरह दो वासुदेव एक स्थान पर एकत्र हुए। यह पांचवां आश्चर्य है। ६. सूर्य और चंद्र का आना श्रावस्ती नगरी में सूरज और चांद अपने मूल विमान सहित महावीर के दर्शन करने आये थे। यह छट्ठा आश्चर्य है। ७. युगलियों का इस क्षेत्र में आना कौशांबी का राजा वीरक नाम के जुलाहे की वनमाला नाम की सुंदर स्त्री को उठा ले गया। जुलाहा दुःख और क्रोध से पागल सा
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: श्री तीर्थंकर चरित्र : 251 :