Book Title: Tirthankar Charitra
Author(s): Jayanandvijay
Publisher: Ramchandra Prakashan Samiti

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Page 342
________________ २ ३ वृष श्री ऋषभदेवजी १ श्री अजितनाथजी २ श्री संभवनाथजी ३ | श्रीअभिनंदनजी ४ | अषाढ़ वदि ४ - वैशाख सुदि १३ फाल्गुन सुदि ८ | वैशाख सुदि ४ सर्वार्थ सिद्धि | विजय विमान । | ऊपर के ग्रैवेयक जयंत विमान ४ | विनिता नगरी | अयोध्या | श्रावस्ती अयोध्या ५ | चैत्र वदि ८ | महा सुदि ८ महासुदि १४ माघ सुदि २ ६ नाभिकुलकर | जितशत्रु |जितारी संवर राजा ७ मरुदेवी | विजया सेना सिद्धार्था | उत्तराषाढा रोहिणी मृगशिर पुनर्वसु धन मिथुन मिथुन १० | वृषभ (बैल) | हस्ति (हाथी) अश्व (घोड़ा) बंदर | ५००धनुष | ४५०धनुष | ४ सौ धनुष ३५० धनुष १२ | ८४ लाख पूर्व |७२ लाखं पूर्व ६० लाख पूर्व | ५० लाख पूर्व १३ | स्वर्णसा |र्वणसा. र्वणसा र्वणसा राजा राजा | राजा राजा १५ | विवाहित विवाहित विवाहित विवाहित ४००० के साथ १ हजार के साथ १ हजार के साथा १ हजारकेसाथ विनीता नगरी अयोध्या : | श्रावस्ती अयोध्या दो उपवास |२ उपवास २ उपवास २ उपवास गन्ने का रस परमान्न (क्षीर) परमान्न (क्षीर) | क्षीर श्रेयांसराजा | ब्रह्मदत्त सुरेन्द्रदत्त इन्द्रदत्त २१ | एक वर्ष बाद . २ दिन बाद दो दिनके बाद | २ दिन २२ | चैत्र वदि ८ महा वदि १० मगसर सुदि १५ | माघ सुदि १२ | १ हजार वर्ष १२वर्ष १४ वर्ष १८ वर्ष २४ | पुरिमताल अयोध्या श्रावस्ती अयोध्या २५ | तीन उपवास | २ उपवास २ उपवास २ उपवास २६ वटवृक्ष सालवृक्ष प्रियालवृक्ष प्रियंगुवृक्ष (सप्तवर्ण) | (शाल) (प्रियाल) २७ फाल्गुन वदि ११ पोष वदि ११ कार्तिक वदि ५ | पोष वदि १४ : श्री तीर्थंकर चरित्र : 329 :

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