Book Title: Tirthankar Charitra
Author(s): Jayanandvijay
Publisher: Ramchandra Prakashan Samiti

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Page 353
________________ M० चित्रा ६/ मेष सर्प १ | नमिनाथजी २१ । नेमिनाथजी २२ पार्श्वनाथजी २३ । महावीर स्वामी२४ | आसो सुदि १५ कार्तिक वदि १२ चैत्र वदि ४ आषाढ सुदि ६ प्राणत देवलोक | अपराजित प्राणत | प्राणत | मथुरा सौरीपुर बनारस क्षत्रीकुंड ५ श्रावण वदि ८ श्रावण सुदि ५ पोष वदि १० | चैत्र सुदि १३ विजय | समुद्र विजय अश्वसेन सिद्धार्थ ७ वप्रा | शिवादेवी वामादेवी | त्रिशलादेवी | अश्विनी विशाखा | उत्तरा फाल्गुनी कन्या तुला . कन्या १० | कमल शंख. केशरीसिंह ११ | १५ धनुष . दस धनुष हाथ ७ हाथ .. १२ | १० हजार वर्ष १ हजार वर्ष १ सौ वर्ष ७२ वर्ष १३ | पीला वर्ण श्याम वर्णानीला वर्ण पीला वर्ण १४ | राजा | राजकुमार राजकुमारः। राजकुमार १५ | विवाहित अविवाहित विवाहित । विवाहित १६ | एक हजार १ हजार के साथ ३ सौ के साथ | अकेले १७ | मथुरा | सौरीपुर बनारस क्षत्रीकुंड १८ | दो उपवास | दो उपवास दो उपवास दो उपवास क्षीर क्षीर २० दिनकुमार वरदिन्न . धन्य बहुल ब्राह्मण दो दिन | दो दिन दो दिन दो दिन २२ आषाढ वदि ६ श्रावण सुदि६ पोष वदि ११ मागसर वदि क्षीर क्षीर १० २३ ६ महीने चौपन दिन चौरासी दिन बारह बरस ६|| मा. ऋजुबालुका २४ | मथुरा | गिरनार बनारस नदी २५ | दो उपवास तीन उपवास तीन उपवास | दो उपवास : तीर्थंकरों के संबंध की जानने योग्य जरूरी बातें : 340 :

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