Book Title: Tirthankar Charitra
Author(s): Jayanandvijay
Publisher: Ramchandra Prakashan Samiti

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Page 349
________________ विमलनाथजी १३ | अनंतनाथजी १४ धर्मनाथजी १५ | शांतिनाथजी १६ १६ | क्षीरक्षीरक्षीर क्षीर जयराजा विजय राजा धनसिंह सुमित्र | दो दिन दो दिन दो दिन २ दिन । | महासुदि ४ वैशाख वदि १४ महासुदि १३ जेठ वदि १४ २३ | २ मास |३ वर्ष २ वर्ष एक वर्ष २४ | कंपिलपुरी अयोध्या रत्नपुरी | गजपुर | दो उपवास दो उपवास दो उपवास | दो उपवास २६ | जंबू वृक्ष | अशोक वृक्ष दधिपर्ण वृक्ष । | नंदी वृक्ष (अश्वत्थ) २७ | पोष सुदि६ वैशाख वदि १४ पोष सुदि १५ । पोष सुदि ६ २८ ५७ ५० ४३ . २६ / ६८ हजार ६६ हजार ६४ हजार ६२ हजार, ३० | १ लाख ८ सौ ६२ हजार ६२ हजार ४ सौ| ६१ हजार ६ सौ ३१ ६ हजार ८ हजार ६ हजार ३२ सौ २४ सौ ३३ | ४८ सौ |४३ सौ ३ हजार ३४ | ५५ सौ ५ हजार ४५ ३५ | ५५ सौ ५ हजार ४ हजार |१हजार सौ सौ ३७ / २ लाख ८ ह. २ लाख ६ ह. २ लाख ४ ह. | १ लाख ६० ह. ३८ | ४ लाख २४ ह. ४ लाख १४ ह. ४ लाख १३ ह. ३ लाख ६३ ह. ३६ | षण्मुख | पाताल किन्नर गरुड ४० | विदिता | अंकुशा कंदर्पा निर्वाणी | मंदर जस अरिष्ट चक्रयुध ४२ धरा पद्मा आर्यशिवा सुची (श्रुति) ४३ | समेतशिखर समेतशिखर समेतशिखर . समेतशिखर ४४ | आषाढ वदि ७ | चैत्र सुदि ५ . जेठ सुदि ५ जेठ वदि १३ ३६ सौ २- सौ * ३६ सौ * ४३ सौ * ३६ / ११ सौ : तीर्थंकरों के संबंध की जानने योग्य जरूरी बातें : 336 :

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