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तन्त्र अधिकार
मंन्त्र,यन्त्र और तन्त्र
मुनि प्रार्थना सागर
। तंत्र प्रकरण
हींग
पेट रोग
(1) रोग निवारक टोटके शरीर के किसी भी भाग में रोग होने पर नीचे दिये जा रहे टोटके करने से अवश्य ही लाभ होता है। इसकी विधि यह है कि जिस रोग से सम्बंधित वस्त्र में टोटके सामग्री बताई जा रही हैं उसको रविवार के दिन धारण कर मंगलवार को उतारकर किसी चौराहे पर फेंक देना चाहिए ध्यान रहे कि टोटका सामग्री को, संबंधित रोग के रंग वाले वस्त्र में पोटली बनाकर बांह, गले या कमर में धारण करना चाहिए। रोग
वस्त्र
टोटका सामग्री मुख रोग
श्वेत
जीरा शिरा रोग
पीला
धनिया हाथों के रोग
बैगनी हृदय रोग
नीला
काली मिर्च
हल्का नीला तुलसी पौधे की जड़ कटि (कमर) रोग
हरा
छोटी इलायची के दाने मूत्राशय रोग
पीला
हल्दी(खड़ी अवस्था में बांधे) जंघा सम्बंधी रोग
लाल
लाल मिर्ची गुप्त रोग
नारंगी
नागकेशर पैर का रोग
श्वेत
नागफनी की जड़ घुटने या नख रोग
कत्थाई
एरंड के बीज श्वास, रक्त, स्नायविक विकार काला,
स्याहजीरा (काला जीरा)
(2) असाध्य बीमारी दूर करने हेतु (1) असाध्य रोग :-अगर आपके परिवार में असाध्य रोगी है, तो एक देशी अखण्डित पान, गुलाब का फूल, कुछ बताशे पान में रखकर, मूलमंत्र पढ़ते हुए रोगी पर से ३१ बार उतार कर बिना किसी के टोके चौराहे पर रख दें, इससे रोगी को सुधार होगा। (2) असाध्य रोग :-क्षयरोग, कैंसर आदि कोई भी असाध्य रोग हो तो जौ को गौमूत्र में धोकर लाल कपड़े में बांधकर रोगी के पास रखें व “ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं क्लौं - क्लौं अर्ह नमः' मंत्र का त्रिकाल जाप करें। धीरे-धीरे सभी रोग समाप्त हो जाएंगे। (3) असाध्य बीमारी भी करमाले की फली पास रखने से ठीक हो जाती है।
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