Book Title: Tantra Adhikar
Author(s): Prarthanasagar
Publisher: Prarthanasagar Foundation

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Page 39
________________ तन्त्र अधिकार मंन्त्र,यन्त्र और तन्त्र मुनि प्रार्थना सागर हे प्रभु मेरा कमाया गया धन मुझे वापस मिल जाए, ऐसा तीन बार बोलकर वापस लौंट आए, पीछे मुड़कर न देखें। कमजोर दिलवाले यह प्रयोग न करें। लाभ अव य होगा। (6)धन वृद्धि हेतु- श्रीफल को लाल वस्त्र में रखकर कामिया सिंदूर, देशी कपूर, लौंग चढ़ाकर, धूप-दीप देकर, सवा रुपया अर्पित करके लक्ष्मी मंत्र की सात माला जपकर धन स्थान अथवा दुकान में रखने से धन की बहुत वृद्धि होती है। यदि उसी श्रीफल को अन्न भण्डार के स्थान पर रखा जाए तो वहां पर भी अन्न का अभाव नहीं होता और न ही किसी प्रकार की हानि होती है। और यदि मिट्टी के घड़े को लाल रंग से रंग कर उसके मुख पर मोली बांधकर उसमें जटायुक्त नारियल रखकर बहते हुए पानी में प्रवाहित कर दें तो सुखसमृद्धि बढ़ती है। अथवा-शनिवार को अभिजीत मुहूर्त में अपनी लम्बाई से ५ गुना मौली लेकर नारियल पर लपेटकर नदी में प्रवाहित करें! (7)धन वृद्धि- दीपावली को प्रातः एक नारियल पत्थर से बांधकर नदी, तालाब में डुबोए व प्रार्थना करें कि मैं शाम को आपको लक्ष्मी के साथ लेने आऊंगा। सूर्यास्त के बाद निकालकर लक्ष्मी पूजा के समय पूजा करके भण्डार गृह में रखे तथा कलिकुण्ड पारसनाथ की पूजा करें नियम से धन वृद्धि होगी। (8)आर्थिक सम्पन्नता - दीपावली की पूजन से पहले एक नारियल व खीर लेकर अपने पूरे घर में घूमें ऊपर से चलना आरंभ कर नीचे होते हुए मुख्य द्वार पर आकर नारियल को फोड़ दे व खीर को वही छोड़ दें। तथा शान्तिमंत्र का जाप करें। बुधवार को हिजड़े को पैसे दें व उससे कोई सिक्का लेकर पीले वस्त्र में बांधकर अपने पास रखें। (9)दीवाली के दिन श्वेत कपड़े में थोड़े से चावल, रोली, लाल पुष्प, पाँच लोंग, पाँच रुपये का सिक्का बांधकर तिजोरी में रखें। (10)व्यापार में लाभ- उद्योग कारखाने मे लाभ न हो रहा हो तो शुभ मुहूर्त में पीली मिट्टी डलवाइए तथा नैऋत्य कोण को ऊंचा कर दें। (11)अचानक चलता व्यापार बंद हो तो- शनिवार को कार्बन पेपर लेकर उसमें आग लगाकर व्यवसाय स्थल के बाहर फेंक दें। एवं लाभ हेतु दुकान या फैक्ट्री में प्रवेश द्वार के ऊपर दोनों ओर अर्थात् एक अन्दर व एक बाहर गणपति की मूर्ति अथवा श्रीयंत्र लगाएं लाभ होगा। यदि अत्यधिक परेशानी हो तो प्रत्येक शनिवार काले कुत्ते को कड़वे तेल से चुपड़कर रोटी खिलायें। यदि आर्थिक परेशानियों से जूझ रहे हो तो मंदिर में केले के दो पौधे (नर-मादा) लगा दें तथा व्यापार वृद्धि मंत्र की जाप व्यापार वृद्धि मंगल कलश या श्रीमहायंत्र के सामने करें। ( 12 )व्यापार में निरन्तर प्रगति हेतु- बुधवार को ७ पीली रंग की कौड़ी २१ इलायची, थोड़े से साबुत मूंग, ताँबे का छेद युक्त पैसा लेकर, णमोकार या गायत्री मंत्र १०८ जपते 461

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