Book Title: Tantra Adhikar
Author(s): Prarthanasagar
Publisher: Prarthanasagar Foundation

View full book text
Previous | Next

Page 57
________________ तन्त्र अधिकार मंन्त्र, यन्त्र और तन्त्र मुनि प्रार्थना सागर पड़ेंगे। बाद में केवल तगर के तेल का अंजन करने से पुनः मनुष्य के समान दृष्टि प्राप्त होती है। (3) भूत-प्रेत दिखे - आंकोल का तेल दीपक में भरकर घर में जलाने से भूत-प्रेत दिखाई देते हैं। अथवा मीठे तेल में गंधक डालकर दीपक जलाने से घर में भूतप्रेत दिखाई देते हैं । ( 96 ) भूत भगाने का टोटका (1) भूत आदि 99 प्रतिशत किसी के शरीर में आते जाते नहीं अगर किसी के शरीर में आते हैं तो पानी का छींटा आँखों पर देने से वह हिलता ही नहीं। अगर वह आँखें फेरे तो नहीं है अन्यथा भूत - प्रेम बाधा है। ऐसा जानना है कि यह एक स्त्री के दिमाग के खराबी (हिस्टेरिया) का प्रकार है । (2) भूत उतरे-चन्दन, खस, मांलकांगनी, तगर, लाल चन्दन और कूठ को पीसकर शरीर में लेप करें तो भूत उतर जाता है । (3) भूत बाधा-काली सरसों और काली मिर्च को पीसकर अंजन करने से भूत बाधा नष्ट होती है अथवा काशीफल के फूलों के रस में हल्दी को पीसकर पत्थर की खरल में खूब घोटकर अंजन बनाकर आंख में आंजे तो भूतादि की बाधा अवश्य ही दूर हो जाती है। ( 5 ) ( 4 ) भूत ज्वर-अपामार्ग की जड़ को रोगी की भुजा में बांधने से भूत ज्वर नाश होता है। भूत भगाने का टोटका - शनिवार के दिन दोपहर को सवा दो किलो बाजरे का दलिया तैयार करें। उसमें थोड़ा सा गुड़ मिलादें । मिट्टी की एक हांडी में दलिया को डाल लें। सूर्यास्त के समय उस हांडी को अस्वस्थ व्यक्ति के पूरे शरीर पर बाएं से दाएं सात बार घुमाकर चौराहे पर रख आएं। जाते और आते वक्त न तो पीछे मुड़कर देखें और न ही किसी से बातचीत करें तथा इस दौरान घर का भी कोई व्यक्ति सामने नहीं आना चहिए। यह बहुत ही शक्तिशाली उतारा है और इसका शुभ या अशुभ प्रभाव भी शीघ्र ही पड़ता है। ( 6 ) भूत उतारने के गंडे- रविवार को पवित्र होकर तुलसी के आठ पत्ते, आठ काली मिर्च और सहदेई की जड़ लाकर काले कपड़े की छोटी पोटली में बांधकर गंडा तैयार करें। इसे गले में पहनाने से हर तरह की भूत बाधा दूर हो जाती है अथवा सफेद सूत और काले धतूरे का गंडा बनाकर जिसकी दाई बांह में बांध दिया जाए तो वह भूत प्रेत की बाधा से मुक्त हो जायेगा । यह प्रयोग रविवार के दिन करना चहिए । (7) भूत उतारने का तेल- ॐ नमो काली कपाल देहि देहि स्वाहा । इस मंत्र को १०८ बार जप कर सरसों का तेल अभिमंत्रित कर लें फिर इस अभिमंत्रित तेल को बाधाग्रस्त प्राणी के शरीर पर मालिश करने से भूतप्रेत तत्काल ही आक्रान्त प्राणी को 479

Loading...

Page Navigation
1 ... 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96