Book Title: Tantra Adhikar
Author(s): Prarthanasagar
Publisher: Prarthanasagar Foundation

View full book text
Previous | Next

Page 71
________________ मंन्त्र, यन्त्र और तन्त्र (106) मोह न होय (1) मैनसिल कपूर को केले के रस में घिसकर स्नान करें तो मोह नहीं होय । (2) सिन्दूर, वच, असगन्ध पान के रस में घिसकर स्नान करें और तिलक लगाने से मोह न होय । ( 3 ) सफेद घुंघची का रस, ब्रह्मदंणी के साथ घिसकर शरीर में लेप करने से मोह नहीं होता है। तन्त्र अधिकार (4) सफेद दूब के रस में हरिताल को घिसकर तिलक लगाने से मोह नहीं होता । ( 107 ) वशीकरण सम्बन्धी तंत्र - प्रयोग — मंत्र –ऊ नमो भगवते उड्डामरेभवराय मोहय मोहय मिली मिली ठः ठः स्वाहा । विधि शुभ मूहुर्त में उत्तर की ओर मुंह करके सूर्योदय के समय मूंगे की माला से जाप आरम्भ करें। 30 हजार जाप होने से यह मंत्र सिद्ध हो जाता है। फिर किसी भी तंत्र का प्रयोग करने से पहले उक्त वस्तु को सात बार अभिमंत्रित कर प्रयोग करें तो निश्चय ही वशीकरण होगा। मुनि प्रार्थना सागर .( 1 ) वशीकरण तिलक - शुभ मुहूर्त में बिल्व पत्र तथा बिजौरा को बकरी के दूध में घिसकर पूर्वोक्त मंत्र से अभिमंत्रित कर तिलक करें तो सामने वाला तुरंत वश हो । (2) ग्वारपाठा के मूल में भांग का बीज पीसकर पूर्वोक्त मंत्र से अभिमंत्रित कर तिलक करें तो उत्तम वशीकरण हो । (3) अपामार्ग की जड़ को कपिला गाय के दूध में या बकरी के दूध में पीसकर पूर्वोक्त मंत्र से अभिमंत्रित कर अपने मस्तक पर तिलक लगाने से देखने वाले लोग वशीभूत होते हैं। (5) सर्व वशीकरण लेप से अभिमंत्रित कर अपने हैं । ( 4 ) सर्व वशीकरण गोली सरसों तथा देवदाल (भार बेर) को पीसकर गोली बनाए। उसे पूर्वोक्त मंत्र से अभिमंत्रित कर अपने मुंह में रखकर जिससे वार्तालाप किया जाय, वही वश में हो जाता है। - - श्वेत दूब को कपिला गाय के दूध में पीसकर पूर्वोक्त मंत्र शरीर पर लेप करने से देखने वाले सब लोग वश में होते ( 6 ) सर्वजन वशीकरण धूप मेंढासिंगी. बच, राल, खस, चन्दन और छोटी इलायची इन सबको समभाग लेकर कूट पीसकर छान लें तथा वशीकरण मंत्र से अभिमंत्रित 493

Loading...

Page Navigation
1 ... 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96