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तन्त्र अधिकार
मंन्त्र,यन्त्र और तन्त्र
मुनि प्रार्थना सागर
पीसकर स्त्री के मस्तक पर और पुरुष के पाँव के नीचे डालने से वह वशीभूत होते
२. तगर, कूठ, हरताल और केसर को समभाग में मिलाकर तथा अनामिका अंगुली के
रक्त में पीसकर जो पुरुष मस्तक पर तिलक लगाये तो उसे देखने वाले वशीभूत होते हैं। स्त्री जिन दिनों रजस्वला हो उन दिनों पांच अखण्डित लौंग लेकर उन्हें अपनी भग में भिगोवें, फिर उन लौंगों को पीसकर जिस पुरुष के मस्तक पर डाले वह उसके वश में रहे। शनिवार को सुनसान जगह कौए के पंख को धूप-दीप करके चूरा बनायें फिर जिसे वश में करना हो उसके नहाने के पानी में डाल दें। अपामार्ग की जड़ को उखाड़कर तीन अंगुल माप की एक कीलाकृति बनाएं फिर उसे 'ॐ मदन कामदेवाय फट् स्वाहा' मंत्र से सात बार अभिमंत्रित करके जिसके भी घर पर फेंका जाए तो वह प्रयोगकर्ता के वशीभूत हो जाता है। सर्व प्रथम १०८ बार जपकर इस मंत्र को सिद्धकर लेना चाहिए। अपामार्ग की जड़ को घिसकर या
पीसकर उसका ललाट पर तिलक धारण करने से भी वशीकरण सिद्धि होती है। ७. कौए की बीट और मोर के पंखों को सुखा कर पीस लें फिर समय मिलते
ही पति के सिर पर डाल देने से पति वश में होता है। ८. अनार का पंचांग पीसकर सफेद सरसों मिलाकर योनि पर लेप करें तो दुर्भागा
(कुरुप) स्त्री भी अपने पति को अपना दास बना लेती है। ९. गोरोचन व योनि का रक्त केले के रस में मिलाकर तिलक लगाने से स्त्री अपने
पति को वश में कर सकती है। १०. पान के पत्ते को सात दिन तक बकरी के दूध में भिगोने के बाद उसे धूप में
सुखा लें और उसे ताबीज बनाकर अपने हाथ में बांध लें तो आपका पति आपके वश में होगा।
(109) स्त्री-वशीकरण सम्बन्धी प्रयोग
मंत्र . ॐ पूरं क्षोभय भगवती गम्भीरा ब्लू स्वाहा। विधि - शुभ मूहुर्त में 20 हजार जाप से पहले मंत्र सिद्ध कर लें। (1) स्त्री वशीकरण तिलक-1. रविवार के दिन काले धतूर का पंचांग लाकर पीस लें। फिर उसके साथ कपूर, कुंकुम तथा गोरोचन मिलाकर घोटे तथा उक्त मंत्र से
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