Book Title: Tantra Adhikar
Author(s): Prarthanasagar
Publisher: Prarthanasagar Foundation

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Page 62
________________ तन्त्र अधिकार मंन्त्र,यन्त्र और तन्त्र मुनि प्रार्थना सागर __ हो उससे पाटे से चिपक जाएगा। हाथ में जो रह गया है उसके स्पर्श कराने पर पाटे पर बैठा व्यक्ति छूट जाएगा। (26) शिवजी पर चढ़ाये जाने वाले वृक्षज पदार्थों के बारे में वर्णित है कि शिवजी पर १०० आँकड़े के पुष्प चढ़ाये जाने के बराबर एक कनेर का पुष्प चढ़ाना होता है, १००० कनेर के पुष्प बराबर एक द्रोध पुष्प चढ़ाना होता है, १०० द्रोध पुष्प बराबर १ अपामार्ग पुष्प होता है और १००अपामार्ग पुष्प बराबर १ कुशा चढाना होता है । इसी प्रकार १०० कुशा बराबर १ धतूरा और १००० धूतूरे चढ़ाने के बराबर एक शमी का पुष्प चढ़ाना होता है। शिव पूजन में इनमें से जो भी उपयुक्त लगे उसका उपयोग किया जा सकता है। (27) कार्य अनिच्छा- यदि कार्येच्छा न हो तो गुरुवार को केले की जड़ आमंत्रित कर लाएं व पीले कपड़े में बांधकर गुरु मंत्र “ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः" का जाप करें कार्य इच्छा जागृत होगी। (28) कलंक- सफेद रुमाल में थोड़े से कोयले रखकर निर्जन स्थान पर रख आएं, घर आकर हाथ व पांव धोएं नवबार णमोकार मंत्र पढ़ लें। (29) किसी चोरी का पता लगाने के लिये- भरणी नक्षत्र में देशी पान का पत्ता लेकर विधिवत संवारकर उसमें सुपारी कत्था, चूना इत्यादि डालकर खाने योग्य बना लें। जिस घर में दो चार दिन पहले चोरी हुई हो, उस स्थान पर रख दें। भरणी नक्षत्र के प्रभाव से चोरी हुई वस्तु का पता या वापस मिलने का योग बन जाता है। (100) नक्षत्र अधिकार (1) अश्विनी नक्षत्र में अर्द्ध रात्रि को नग्न होकर अपमार्ग की जड़ लावें फिर कण्ठ में धारण करें तो राज सभा वश होय, अधिकारियों की कृपा बनी रहें। (2) भरणी नक्षत्र में संखा होली की जड़ लावें ताबीज में डालकर पहनने से परस्त्री वश में होय। (3) आर्द्रा नक्षत्र में अर्क की जड़ लाएं, ताबीज में डालकर पास रखें तो झूठी बात सच होय। (4) पुनर्वसु नक्षत्र में मेहंदी की जड़ को लेकर पास रखें तो अपने शरीर में अच्छी सुगंध होती है। (5) पुष्य नक्षत्र में नगर बेल की जड़ लेकर पास में रखें तो, दुष्ट वाक्य से कभी भय नहीं होता है। 484

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